Book Title: Harivanshpuran
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 989
________________ शब्दानुक्रमणिका ९५१ वसुकीर्ति (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४२।२५ वसुकीर्ति (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४२।२५ वसुगिरि (व्य) हिमगिरिका पुत्र १५५९ वसुगिरि (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२।३३ वसुदेव (व्य) गिरितट नगर में रहनेवाला एक ब्राह्मण २३१२९ वसुदेव (व्य) श्रीकृष्णके पिता ११७९ वसुदेव (व्य) भगवान् ऋषभ देवका गणधर १२१५८ वसुदेव (व्य) अन्धकवृष्णि और सुभद्राका पुत्र १८।१४ 'वसुदेवविचेष्टित -- कृष्णके पिता की विविध चेष्टाएँ १७१ वसुधर्म (व्य) एक राजा ५०११३१ वसुधर्मा (व्य) कृष्णका पुत्र ૪૮૭૦ वसुधारा = रत्नधारा ८।३८ वसुधारा = रत्नोंकी धारा ५९।५ वसुध्वज (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२।३४ वसुध्वज (व्य) जरत्कुमारका पुत्र ६६०२ वसुन्धर (व्य) भगवान् ऋषभ देवका गणधर १२।५.८ वसुन्धर (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।२६ वसुन्धरपुर (भौ) एक नगर ४५७० वसुन्धरा (व्य ) रुचिकगिरिके चन्द्रकूटपर रहनेवाली देवी ५७१० वसुमती (व्य) राजा अभिचन्द्र की स्त्री १७१३७ वसुमान् (व्य) स्तिमितसागरका पुत्र ४८।४६ वसुमित्र (व्य) भगवान् ऋषभ देवका गणधर १२॥६१ वसुरथ (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।२७ वसुवृष्टि = रत्नवृष्टि २०१९ वसु (व्य) राजा अभिवन्द्र और रानी वसुमतीका पुत्र १७॥३७ वसु (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।२६ वसु (व्य) राजा वसु ११७८ वसुसेन ( व्य) ऋषभदेवका गणधर १२१६१ वसुसेन (व्य) राजा वासवका पुत्र ६०७७ वस्तु (पा) श्रुतज्ञानका भेद १०।१३ वस्तु ( पा) धतका एक भेद २।१०० वस्तुसमास पा) श्रुतज्ञानका भेद १०।१३ वस्त्राङ्ग = एक कल्पवृक्ष ७८० वस्वौक (भौ) वि. उ. नगरी २२।८७ वंशा (भी) शर्कराप्रभाका रूढ़ि नाम ४।४६ वंशालय - दिति देवीके द्वारा प्रदत्त विद्यानिकाय २२१६० वंशालय (भो) वि. उ. नगरी २२।९२ वंशालय = विद्याधरोंकी एक जाति २६।२१ वाग्वलि (व्य ) पिप्पलादका शिष्य २१।१४७ वाचाट वकवादी ४३।१२ वाटवान (भौ) देशका नाम ११।६६ वाडवान (भी) देशविशेष ३१६ वाणमुक्त (भी) देशका नाम १११६९ वादी-स्वरप्रयोगका एक प्रकार १९।१५४ वामदेव (व्य) समुद्रविजयके भाई अक्षोभ्यका पुत्र ४८।४५ वामदेव (व्य) सितका पुत्र ४५।४५ वायव्य = विद्यास्त्र २५१४८ वायु (व्य) जयन्तगिरिका राजा एक विद्याधर ४७।४३ वायुकुमार = भवनवासी देवोंका एक भेद ३।२२ वायुभूति (व्य) वैदिक विद्वान २०६८ वायुमति (व्य) भगवान् महा वीरका तृतीय गणधर ३१४१ वायुभूति (व्य) सोमदेव और अग्निलाका पुत्र ४३।१०० वायुवेग (व्य) वसुदेवकी गन्धर्व सेना स्त्रीसे उत्पन्न पुत्र ४८।५५ वायुवेग (व्य) वसुदेव और वेग __ वतीका पुत्र ४८।६० वायुशर्मा (व्य) भगवान् ऋषभ देवका गणधर १२१५७ वाराणसी (भौ) बनारस ३३।५८ वाराणसी (भो) बनारस १८।११८ वाराहग्रीव (व्य) अमितगति विद्याधरका पुत्र २१११२१ वारिषेण (व्य) राजा श्रेणिकका एक पुत्र २।१३९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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