Book Title: Harivanshpuran
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 999
________________ का श्रीचन्द्रा (भौ) मेरुके वायव्यमें स्थित वापी ५।३४४ श्रीदत्ता (व्य) श्रीभूति-सत्य घोषकी स्त्री २७।२२ श्रीदत्ता (व्य) श्रीधर्म विद्याधर राजाकी स्त्री २७१११७ श्रीदाम (व्य) श्रीधर्म और श्रीदत्ताका पुत्र २७१११६ श्रीधर (व्य) भगवान ऋषभदेव को पूर्वभव ९।५९ श्रीधर (व्य) सहस्रार स्वर्गका एक देव २७।६८ श्रीधर (व्य) एक मुनि ६०1८७ श्रीधर (व्य) जयन्त नगरका राजा ६०१११७ श्रीधर (व्य) एक चारद्धिसे युक्त मुनि ६०।१७ । श्रीधर (व्य) एक मुनि ६०१९ श्रीधरा (व्य) अतिबल और सुलक्षणाकी पुत्री रामदत्ता का जीव २७१७८ श्रीधर्म(व्य)चारण मुनि ६००२१ श्रीधर्म (व्य) एक विद्याधर राजा २७।११६ श्रीधर्मा (व्य) उज्जयिनीका राजा २०१३ श्रीध्वज (व्य) बलदेवका पुत्र ४८।६७ श्रीध्वज (व्य) एक राजा ५०११२४ श्रीनिकेतन (भौ) वि. उ. नगरी २२६८९ श्रीनिलया (भौ) मेरुके वायव्यमें __स्थित एक वापी ५।३४४ श्रीपाल (व्य) सुलोचनाके द्वारा वणित श्रीपाल नामका चक्रवर्ती श२ श्रीपुर (भौ) वि. उ. नगरी २२।९४ १२१ Jain Education International शब्दानुक्रमणिका श्रीप्रभ (व्य) पुष्करवर द्वीपका रक्षक देव ५।६४० श्रीप्रम (भौ) सहस्रार स्वर्गका एक विमान २७।६८ श्रीभूति (व्य) सिंहपुरका एक ब्राह्मण, दूसरा नाम सत्य घोष २७।२२ श्रीभूति (व्य) आगामी चक्रवर्ती ६०१५६५ श्रीमती (व्य) राजा सिद्धार्थकी स्त्री (भगवान् महावीरकी दादी) २०१३ श्रीमती (व्य) जयन्त नगरके राजा श्रीधरको रानी ६०१११७ श्रीमती (व्य) राजा श्रेयान्सका पूर्वभव ९:१८३ श्रीमती (व्य) साकेत नगरके राजा अतिबलकी स्त्री २७१६३ श्रीमती (व्य) रुक्मिणीकी माता ६०१३९ श्रीमती (व्य) पद्मनाभकी स्त्री ६०।१२१ श्रीमती (व्य) अशोककी पत्नी ६०६९ श्रीमती = उज्जयिनीके राजा श्रीधर्माकी स्त्री २०१३ श्रीमती (व्य) नागपुरके राजा श्रीचन्द्रकी स्त्री ३४।४३ श्रीमती (व्य)राजा सूर्यकी स्त्री, कुन्थुनाथकी माता ४५।२० श्रीमहिता (भौ) मेरुके वायव्यमें स्थित एक वापी ५:३४४ श्रीमान् (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२१३३ श्रेयान् (व्य) हस्तिनापुरके राजा सोमप्रभका छोटा भाई ९.१५८ ९६१ श्रेयान् (व्य) हस्तिनापुरके राजा सोमप्रभका भाई ४५७ श्रीवर (व्य) पुष्करवर द्वीपका रक्षक देव ५।६४० श्रीवर्द्धमान (वि) अनन्त चतुष्टय रूप लक्ष्मीसे वृद्धिको प्राप्त १२ श्रीवृक्ष (भौ) रुचकगिरिकी पश्चिम दिशाका कूट ५७०२ श्रीवृक्ष (व्य) कुण्डलगिरिके मार्ग कूटका निवासी देव ५।६९३ श्रीवसु (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।२६ श्रीवत (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।२९ श्रीश्रेयस् (व्य) लक्ष्मीसे युक्त ग्यारहवें तीर्थकर १।१३ श्रीषेण (व्य) आगामी चक्रवर्ती ६०१५६४ श्रुतदेवी (व्य) प्रतिमाओंके पास विद्यमान एक देवी ५।३६३ श्रुतविधि-व्रतविशेष ३४।९७ श्रुतसागर (व्य) एक मुनि २७।९९ श्रुति = वैणस्वरका एक भेद १९।१४७ श्रेणिक (व्य) मगध देशके राजा अपर नाम बिम्बमार११७६ श्रेणिबद्ध (भी) रत्नप्रभा आदि पृथिवियों के पटलोंमें पंक्तिबद्ध विल ४।१०३ [ष] षड (भौ) पंकप्रभा पृथिवी के षष्ठ प्रस्तारका इन्द्रक विल ४।१३४ षडषड (भौ) पंकप्रभा पृथिवीके For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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