________________
९७०
सुराष्ट्र ( भो ) सौराष्ट्र देशकाठियावाड़ ४४।२६ सुराष्ट्र ( भी )
देशका नाम
११।७२
सुराष्ट्र ( भी ) सौराष्ट्र देश
६०।७१
सुरेन्द्रदत्त (व्य) चारुदत्त के पिताका मित्र २१।७८ सुरेन्द्रदत्त (व्य ) एक सेठ
१८९८
सुरेन्द्रवर्धन (व्य) एक विद्याधर
४५।१२६ सुरेश्वर-इन्द्र २।२६
सलक्षणा (व्य) धरणीतिलकके अतिबलकी स्त्री
राजा २७/७८
सुलस (भी) निषध पर्वतसे उत्तरकी ओर नदीके मध्य में स्थित एक हद ५११९६ सुलसा (व्य) वाराणसी के सोम
शर्मा ब्राह्मणकी एक पुत्री श्री २२।१३२
सुलसा (व्य ) धारण युग्मके राजा अयोधन और दितिकी पुत्री २३०४८ सुलोचना (व्य) सुलोचना नाम
की कन्या और अच्छे नेत्रोंवाली स्त्री १।३३ सुलोचना (व्य) वाराणसीके
राजा अकम्पन की पुत्री. जो जयकुमारको विवाही गयी १२१८
सुवक्त्र (व्य) विद्युन्मुखका पुत्र १३।२४
सुवसु (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।२६
सुवज्र (व्य) वज्रका पुत्र १३।२२ सुवत्सा ( भी ) पूर्वविदेहका एक देश ५।२४७
Jain Education International
हरिवंशपुराणे
सुवप्रा (भी) पश्चिम विदेहका एक देश ५/२५१ सुवर्णकूट ( भौ) शिखरिकुलाचलका सातवाँ कूट५।१०६ सवर्णकला ( भी ) एक महानदी
५।१२४
सुवर्णद्वीप (भौ) एक द्वीप जहाँ चारुदत्त व्यापारके लिए गया २१।१०१
सुवर्णप्रम (भौ) सौमनसवनका एक भवन ५।३१९ सुवर्णभवन (भी) सौमनसवनका एक भवन ५।३१९ सुवर्ण रिक्षा = स्वर्णनिर्मित छोटी छोटी घण्टियों की २।३५ सुवर्णवती (भौ) वरुण पर्वतके समीप पंचनद समागमकी एक नदी २७|१४ सुवर्णवर (भौ ) अन्तिम सोलह
माला
द्वीपों में आठवां द्वीप ५।६२४ सुवसु (व्य) राजा वसुका पुत्र १७५९
सुविधि (व्य) भगवान् ऋषभदेवका पूर्वभव ५।५९ सुविशाल (व्य ) ऋषभदेवका गणधर १२।६७ सुविशाल ( भी ) मध्यम ग्रैवेयक
का तृतीय इन्द्रक ६।५२ सुवीर (व्य) यदुवंशी राजा नर
पतिका पुत्र १८८ सुवीर (व्य) जरासन्धका पुत्र
५२।३२
सुवीर्य (व्य) अतिवीर्यका पुत्र १३।१०
सुव्रत (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।११ सुव्रत (व्य ) मुनिसुव्रतनाथका पुत्र १७।१
For Private & Personal Use Only
सुव्रत (व्य) आगामी तीर्थंकर ६०।५५९ सुव्रत (व्य ) ४६।५१
एक मुनि
सुव्रता (व्य ) अर्हद्दास राजाकी स्त्री २७।११२
सुवजा (व्य ) एक आर्यिका ३३।१६४
सुव्रता (व्य ) एक आर्यिका ४९।१४
सुशान्ति (व्य ) कुरुवंशका एक राजा ४५।३०
सुषड्जा = षड्जस्वरसे सम्बद्ध जाति १९।१७४ सुषमा (पा) अवसर्पिणीका दूसरा काल ७।५८ सुषमादुःषमा (पा) अवसर्पिणीका चौथा काल ७१५८ सुषसादुःषमा (पा) अवसर्पिणीका तीसरा काल ७१५८ सुषमासुषमा (पा) अवसर्पिणीका पहला काल ७१५८
सुषिर
छिद्रसहित वादित्र
बाँसुरी आदि १९/१४२ सुषेण (व्य ) महारोनका पुत्र
४८४१
=
सुसीमा (व्य) अजाखुरीके राजा
राष्ट्रवर्धन की पुत्री ४४।२७ सुसीमा (भौ) विदेहकी एक
नगरी ५।२५९ सुस्थित (व्य) लवणसमुद्रका स्वामी देवविशेष ५४१३९ सुस्थित (व्य ) लवणसमुद्रका देव ५६३७ सुहिताः = तृप्त १९।२० सूर्य (व्य) राजा शालका पुत्र १७।३२
सूर्य ( भी ) वि. द. नगरी
२२।९५
www.jainelibrary.org