Book Title: Harivanshpuran
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 996
________________ ९५८ शङ्कुक = अदिति देवीके द्वारा दत्त विद्याओंका एक निकाय २२।५८ शङ्ख (व्य) कृष्णका पुत्र४८।७१ शङ्ख (व्य ) बन्धुमतीका पुत्र ३३।१४१ शङ्ख (पा) चक्रवर्तीकी एक निधि ११।११० शङ्ख (व्य ) नभसेनका पुत्र १७।३५ शङ्खनाम ( भी ) वि. द. नगरी २२।९६ शङ्खवर द्वीप ( भो) बारहवां द्वीप ५।६१८ शङ्ख, महाशङ्ख (भी) लवणसमुद्र में पश्चिम दिशाके वडवामुख पातालकी दोनों ओर स्थित दो पर्वत ५/४६२ शङ्खवर सागर ( भी ) बारहवीं सागर ५।६१८ शङ्खा ( भो) पूर्वविदेहका एक देश ५।२४९ शतज्वलकूट (भौ) विद्युत्प्रभ - पर्वतका एक कूट ५।२२२ शतद्रुत (व्य जरासन्धका पुत्र ५२।३५ शतधनु (व्य) देवगर्भका पुत्र १८२० शतधनु (व्य) बलदेवका पुत्र ४८ ६८ शतधनु ( व्य ) एक राजा ५०।१२६ शतानीक (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२।३८ शतानीक (व्य) विनमिका पुत्र २२।१०५ शतपति (व्य ) निहतशत्रुका पुत्र १८।२१ Jain Education International हरिवंशपुराणे शतपर्वा: = एक विद्या २२।६७ शतमख = इन्द्र १६।१८ शतमुख (व्य) धरणका पुत्र ४८/५० शतार ( भौ) ग्यारहवाँ स्वर्ग ६।३७ शतारक ( भी ) सहस्रार स्वर्गका इन्द्रक ६१५० शत्रुघ्न (व्य) देवकीका पुत्र ३३।१७० शत्रुदमन (व्य) भगवान् ऋषभ देवका गणधर १२/५५ शत्रुन्जय (व्य ) विनमिका पुत्र २२।१०४ शत्रुन्जय (व्य ) एक राजा ५०।१३१ शत्रुन्जय गिरि ( भौ) पालीनाथ के समीपवर्ती पर्वत ६५।१८ शत्रुजय (व्य ) एक राजा ३१।९४ शत्रुन्जय (भौ) वि. उ. नगरी २२८६ शत्रुदमन (व्य ) एक राजा ५०।१२४ शत्रुसेन (व्य ) जरत्कुमारकी सन्ततिका एक पुत्र ६६ ५ शन्तनु (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।३१ शन्तनु (व्य) बलदेवका पुत्र ४८।६७ शन्तनु (व्य ) एक राजा ५०।१२५ शब्द (पा) एक नय ५८ ४१ शब्दानुपात (पा) देशव्रतका अतिचार ५८।१७८ शर (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।२९ शरद्वीप (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।३० For Private & Personal Use Only शरधि = तरकश ८|११ शरासन (व्य ) ४५।४६ शरीरजा = पुत्री ३५।३० शर्कराप्रमा ( भी ) नरकों को सरवरका पुत्र दूसरी पृथिवी ४।४३ शम् = सुख १५ शम्ब (व्य) कैटभका जीव, जो कृष्णकी जाम्बवती स्त्रीसे उत्पन्न हुआ ४३।२१८ शम्ब (व्य) एक राजा ५०।८१ शम्भव (व्य) तृतीय तीर्थंकर ११५ शम्भु (व्य ) तृतीय तीर्थंकर १५ शम्याताल = तालगत गान्धर्व का एक प्रकार १९।१५० शल्य (व्य ) एक राजा ५०।७९ शतवलि (व्य) एक विद्याधर ६०११८ शशरोमन् (व्य) दुर्योधनका एक मित्र ४५।४१ शतह्रद (भौ) वि. द. नगरी २२।९५ शशाङ्क (व्य) अभिचन्द्रका पुत्र ४८।५२ शशाङ्काङ्क (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५/१९ शशिप्रम (व्य ) जरासन्धका पुत्र ५२।३९ शशिप्रभ (भो) वि. उ. नगरी २२।९१ शशिप्रभ (व्य ) वसुदेव और सोमदत्त की पुत्रीका पुत्र ४८६० शशी (व्य) रवितेजस्का पुत्र १३।९ शशी (व्य) अभिचन्द्रका पुत्र ४८।५२ www.jainelibrary.org

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