________________
९५८
शङ्कुक
= अदिति देवीके द्वारा दत्त विद्याओंका एक निकाय २२।५८
शङ्ख (व्य) कृष्णका पुत्र४८।७१ शङ्ख (व्य ) बन्धुमतीका पुत्र ३३।१४१
शङ्ख (पा) चक्रवर्तीकी एक निधि ११।११० शङ्ख (व्य ) नभसेनका पुत्र १७।३५
शङ्खनाम ( भी ) वि. द. नगरी २२।९६
शङ्खवर द्वीप ( भो) बारहवां द्वीप ५।६१८ शङ्ख, महाशङ्ख (भी) लवणसमुद्र में पश्चिम दिशाके वडवामुख पातालकी दोनों ओर स्थित दो पर्वत ५/४६२
शङ्खवर सागर ( भी ) बारहवीं
सागर ५।६१८
शङ्खा ( भो) पूर्वविदेहका एक देश ५।२४९ शतज्वलकूट (भौ) विद्युत्प्रभ -
पर्वतका एक कूट ५।२२२ शतद्रुत (व्य जरासन्धका पुत्र ५२।३५
शतधनु (व्य) देवगर्भका पुत्र
१८२० शतधनु (व्य) बलदेवका पुत्र
४८ ६८ शतधनु ( व्य ) एक राजा ५०।१२६ शतानीक (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२।३८
शतानीक (व्य) विनमिका पुत्र २२।१०५
शतपति (व्य ) निहतशत्रुका पुत्र १८।२१
Jain Education International
हरिवंशपुराणे
शतपर्वा: = एक विद्या २२।६७ शतमख = इन्द्र १६।१८ शतमुख (व्य) धरणका पुत्र ४८/५०
शतार ( भौ) ग्यारहवाँ स्वर्ग
६।३७
शतारक ( भी ) सहस्रार स्वर्गका इन्द्रक ६१५०
शत्रुघ्न (व्य) देवकीका पुत्र
३३।१७०
शत्रुदमन (व्य) भगवान् ऋषभ देवका गणधर १२/५५ शत्रुन्जय (व्य ) विनमिका पुत्र
२२।१०४
शत्रुन्जय (व्य ) एक राजा ५०।१३१
शत्रुन्जय गिरि ( भौ) पालीनाथ
के समीपवर्ती पर्वत ६५।१८ शत्रुजय (व्य ) एक राजा
३१।९४
शत्रुन्जय (भौ) वि. उ. नगरी २२८६
शत्रुदमन (व्य ) एक राजा ५०।१२४
शत्रुसेन (व्य ) जरत्कुमारकी सन्ततिका एक पुत्र ६६ ५ शन्तनु (व्य) कुरुवंशका एक
राजा ४५।३१
शन्तनु (व्य) बलदेवका पुत्र ४८।६७
शन्तनु (व्य ) एक राजा
५०।१२५
शब्द (पा) एक नय ५८ ४१ शब्दानुपात (पा) देशव्रतका
अतिचार ५८।१७८ शर (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।२९
शरद्वीप (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५।३०
For Private & Personal Use Only
शरधि = तरकश ८|११ शरासन (व्य ) ४५।४६
शरीरजा = पुत्री ३५।३० शर्कराप्रमा ( भी ) नरकों को
सरवरका पुत्र
दूसरी पृथिवी ४।४३ शम् = सुख १५ शम्ब (व्य) कैटभका जीव, जो कृष्णकी जाम्बवती स्त्रीसे उत्पन्न हुआ ४३।२१८ शम्ब (व्य) एक राजा ५०।८१ शम्भव (व्य) तृतीय तीर्थंकर ११५
शम्भु (व्य ) तृतीय तीर्थंकर
१५ शम्याताल = तालगत गान्धर्व
का एक प्रकार १९।१५० शल्य (व्य ) एक राजा ५०।७९ शतवलि (व्य) एक विद्याधर
६०११८
शशरोमन् (व्य) दुर्योधनका एक
मित्र ४५।४१
शतह्रद (भौ) वि. द. नगरी २२।९५
शशाङ्क (व्य) अभिचन्द्रका पुत्र ४८।५२
शशाङ्काङ्क (व्य) कुरुवंशका एक राजा ४५/१९
शशिप्रम (व्य ) जरासन्धका पुत्र ५२।३९
शशिप्रभ (भो) वि. उ. नगरी
२२।९१
शशिप्रभ (व्य ) वसुदेव और सोमदत्त की पुत्रीका पुत्र
४८६०
शशी (व्य) रवितेजस्का पुत्र
१३।९
शशी (व्य) अभिचन्द्रका पुत्र ४८।५२
www.jainelibrary.org