Book Title: Harivanshpuran
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 991
________________ विजय (व्य ) पहला बलभद्र ६०।२९० विजय (व्य ) भगवान् ऋषभदेवका गणधर १२।६० विजया (पा) समवसरण के सप्त पर्णको वापिका ५७/३३ विजया (व्य ) रुचिकगिरिके रत्नकूटपर रहनेवाली देवी ५/७२५ विजया ( भौ) विदेहकी एक नगरी ५।२६३ विजया (व्य) अपराजितकी स्त्री ६०।१०५ विजया ( व्य ) रुचिकगिरिके वैडूर्य कूटपर रहनेवाली दिक्कुमारी देवी ५/७०५ विजया ( भी ) नन्दीश्वर द्वीपके दक्षिण दिशासम्बन्धी अंजनगिरिकी पूर्व दिशामें स्थित वापिका ५।६६० विजया (व्य ) सहदेवकी स्त्री ४७११८ विजयखेट ( भी ) एक नगर १९/५३ विजय गुप्त (व्य) भगवान् ऋषभदेवका गणधर १२।६० विजयपर्वत (व्य ) भरत चक्र वर्तीका हाथी ११।२५ विजयपुर ( भौ) संख्येय द्वीपोंके बाद दूसरे जम्बूद्वीपके रक्षक विजयदेवका निवासनगर ५/३९७ विजय मित्र (व्य) भगवान् वृषभदेवका गणधर १२।६० विजयपुर ( भो ) जम्बूद्वीप ऐरावतक्षेत्रका एक नगर ६०१४८ विजयश्री (व्य) भगवान् वृषभदेवका गणधर १२।६१ १२० Jain Education International शब्दानुक्रमणिका विजयश्रुति (व्य ) ऋषभदेवको गणधर १२।६६ विजयसेना (व्य) एक कन्या जो वसुदेवकी स्त्री हुई ११८० विजयसेना (व्य ) सुग्रोव गन्धर्वा चार्यकी पुत्री. १९५५ विजयसेना (व्य ) अमितगति विद्याधरकी स्त्री २१।१२० विजयाङ्गण (पा) समवसरणकी एक भूमि ५७।२४ विजयावत् ( भी ) हरिक्षेत्रके मध्य में स्थित एक गोलाकार पर्वत ५।१६१ विजयावान् (भी) पश्चिम विदेहका वक्षारगिरि ५।२३० विजयापुरी (भी) विबेहकी एक नगरी ५।२६१ विजयार्द्ध (भो) विद्याधरोंका निवासभूत एक पर्वत, जो कि भरत, ऐरावत और प्रत्येक विदेहक्षेत्र में होता है । कुल १७० विजयार्ध पर्वत विजयार्ध कुमार (भी) विजयार्ध - का पाँचवाँ कूट ५१२७ विजयार्धकुमार कूट ( भी ) ऐरावतके विजयार्धका पाँचवाँ कूट ५।१११ विजयार्द्ध कुमार (व्य) विजयार्ध |५|२० गिरिका वासी देव ११।१९ विडौजस् = इन्द्र ११।१३५ वितता ( भी ) एक नदी ११।७९ वितस्ति (पा) दो पादोंकी एक वितस्ति ७।४५ विदग्ध = चतुर २०।१८ विदर्भ (भी) एक देश आधुनिक नाम बरार १७।२३ विदारणक्रिया (पा) एक क्रिया ५८ ७६ For Private & Personal Use Only ९५३ विदुर ( व्य ) राजा धृतराष्ट्र तथा अम्बा नामक स्त्रीसे उत्पन्न पुत्र ४५।३४ विदूरथ (व्य ) वसुदेव और रोहिणीका पुत्र ४८।६४ विदूरथ (व्य ) एक राजा ५०१८१ विदेह ( भो ) देशविशेष ११।७५ विदेहकूट ( भो ) निषधाचलका आठवाँ कूट ५१८९ विदेह (भौ) जम्बूद्वीपके निषध और नील कुलाचलके मध्यमें स्थित चौथा क्षेत्र ५।१३ विपाकजा निर्जरा (पा) निर्जराका भेद ५८।२९४ विरुद्ध राज्यतिक्रम (पा) अचौयांव्रतका अतिचार५८।१७१ वीचि = तरंग १।४४ वीतभय (व्य) बलभद्र ( रत्न मालाका जीव ) २७।११२ वीतभय ( भी ) सिन्धु देशका एक नगर ४४ | ३३ तमी (व्य) अविध्वंसका पुत्र १३।११ वीतशोका ( भौ) विदेहकी एक नगरी २७।५ वीर (भौ) वि.उ. नगरी २२८८ वीर ( व्य ) अन्तिम तीर्थंकर महावीर २१४७ वीरक (व्य) कौशाम्बीवासी एक पुरुष – वनमालाका पति १४।६१ वीरमगुरु (व्य ) एक जैनमुनि ३३।५९ वीर ( व्य ) वसुदेवका पुत्र ५०१११५ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 989 990 991 992 993 994 995 996 997 998 999 1000 1001 1002 1003 1004 1005 1006 1007 1008 1009 1010 1011 1012 1013 1014 1015 1016 1017