Book Title: Harivanshpuran
Author(s): Jinsenacharya, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 978
________________ ९४० हरिवंशपुराणे मरीचिकुमार (व्य) भगवान् ऋषभदेवका पोता ९।१२५ मरुत् = देव ९।११४ मरुदेव (व्य) वसुदेव और सोमश्रीका पुत्र ४८1५४ मरुदेव (व्य) बारहवाँ कुलकर ७१६४ मरुदेवी (व्य) नाभिराज कुल करकी स्त्री ८६ मरुन्मार्ग = आकाश १२।४५ मरुभूति (व्य) चारुदत्तका मित्र २१११३ मलद (भौ) देशका नाम१११६९ मलय (भौ) एक देश ३३।१५७ मलय (व्य) अचलका पुत्र ४८।४९ मलय (व्य) कालयवनका हाथी ५२।२९ मलयाद्रि (भी) दक्षिणदिशाका एक पर्वत जिसपर चन्दन होता है ५४।७४ मल्ल (भौ) देशका नाम ११।६८ मल्लि (व्य) मुनिसुव्रत नामका प्रथथ गणधर ६०१३४८ मल्लि (स्य) मल्लिनाथ नामक उन्नीसवें तीर्थकर १२० मसारगल्व (भौ) रत्नप्रभाके खरभागका पाँचवाँ भेद ४।५३ मस्तक (भौ)देशका नाम १११६८ महाकक्ष (भौ).वि. द. नगरी २२।१७ महाकच्छ (व्य) ऋषभदेवका गणधर १२१६८ महाकच्छा (भौ) पश्चिम विदेहका एक देश ५।२४५ महाकल्प (पा) अंगबाह्यश्रुतका एक भेद २।१०४ महाकाङ्क्ष (भी) प्रथम पृथिवी सम्बन्धी प्रथम प्रस्तारके सीमन्तक इन्द्रकी पश्चिम दिशामें स्थित महानरक ४१५१ महाकाल ( व्य) उज्जयिनीका एक वन ३३।१०२ महाकाल (भौ)सातवीं पृथिवीके अप्रतिष्ठान इन्द्रककी पश्चिम दिशामें स्थित महानरक ४।१५८ महाकाल (पा) चक्रवर्तीको निधि १११११० महाकाल (व्य) मधुपिंगल मुनि मरकर महाकाल देव हुआ २३११२६ महाकाल (व्य) कालोदधिका रक्षक देव ५।६३८ महाकाल (व्य) छठा नारद 'महाकाली एक विद्या २२॥६६ महागन्ध (व्य) इक्षुवर समुद्रका रक्षक देव ५।६४४ महागिरि (व्य) हरिका पुत्र १५।५९ महागौरी = एक विद्या २२१६२ महाचन्द्र (व्य) आगामी बल भद्र ६०५६८ महाजय (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२।३८ महाज्वाल (भी) वि. उ. नगरी २२।९० महादुःख (भौ)तीसरी पृथिवीके प्रथम प्रस्तारसम्बन्धी तप्त नामक इन्द्रकको पश्चिम दिशामें स्थित महानरक ४।१५४ महादेवी = पट्टराज्ञी १।११५ महाद्युति (व्य) यादव ५०।१२१ महाधि= भारी मानसिक दुःख ५५।१९ महाधनु (व्य) बलदेवका पुत्र ४८।६८ महानन्द (व्य) एक राजा महातमःप्रभा (भौ) नरकोंकी सातवीं भूमि ४।४५ महानाग (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२।३८ महानाद (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२।३४ महानिच्छ (भौ)दूसरी पृथिवीके प्रथम प्रस्तारसम्बन्धी तरक इन्द्र क विलकी पूर्वदिशामें स्थित महानरक ४।१५३ महानिरोध (भौ) चौथी पृथिवी के प्रथम प्रस्तारसम्बन्धी आर इन्द्रककी उत्तरदिशामें स्थित महानरक ४।१५५ महानील (भौ) छठी पृथिवीके प्रथम प्रस्तारसम्बन्धी हिम इन्द्रकको पश्चिम दिशामें स्थित महानरक ४।१५७ महानुभाव (व्य) ऋषभदेवका गणधर १२।६९ महानेमि (व्य) यादव५०।१२० महानेमि (व्य) एक यदुवंशी राजा ५०1८३ महानेमि (व्य) समुद्रविजयका पुत्र ४८।४३ महानेमिकुमार ( व्य) कृष्णके पक्षका योद्धा ५२।१४ महापङ्का (भी) छठी पृथिवीके प्रथम प्रस्तारसम्बन्धी हिम इन्द्रककी उत्तर दिशामें स्थित महानरक ४१५७ महापद्म (व्य) नवम चक्रवर्ती ६०।२८७ महापद्म (व्य) जरासन्धका पुत्र ५२०३८ महापन (व्य ) कुण्डलगिरिके Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 976 977 978 979 980 981 982 983 984 985 986 987 988 989 990 991 992 993 994 995 996 997 998 999 1000 1001 1002 1003 1004 1005 1006 1007 1008 1009 1010 1011 1012 1013 1014 1015 1016 1017