Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 07
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
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• परिशिष्ट-७ .
२६५१ દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ
પૃષ્ઠ | દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ (२१) अनुयोगद्वारसूत्रवृत्ति (हारिभद्री)........ ९५९, (३९) अभिधानरत्नमाला ...... ३४३, ३७७, ६११, ९७८, १००४, १४०४, १४३३,
११५६, २०६६, २१९५ १४६९, १६१६, १६२९ (४०) अभिधानाद्येकाक्षरीनाममाला .. २३९,२२३५ (२२) अनेकान्तजयपताका ....७९, ४६९, १०९७, (४१) अभिधावृत्तिमातृका ................ १९८८
११७९, १७२५, १७६०, १७८२, १७८६, | (४२) अमरकोश ....... १२४, १५८, २३४, २५३, १८०७, १८३९, १९७१, २०५९
३६२, ४८०, ८०३, ९५८, ११५६, (२३) अनेकान्तजयपताकावृत्ति .... ८७३, १७५६, ११७०, १७१०, २०५४, २१५४, २१८७
१७८६,१८०१, १९६६ (४३) अमृतबिन्दूपनिषद् .................. १०७७ (२४) अनेकान्तवादप्रवेश ......... १७५६, १७८२, | (४४) अम्बाकींवृत्ति (वाक्यपदीय उपवृत्ति).. १५३६
१८०१,१९७१ | (४५) अर्हद्गीता ....... २६४, ७१०, ७३४, ९४७, (२५) अनेकान्तव्यवस्था .......१६५, २०९, ४१०,
१०३३, १०७७, १६१३, १८६५, ४२४, ५२१, ६८९, ६९७, ९८७, १०१८,
१९२२, २२९३, २२९९, २३०५, १०३४, १३१७, १५८१, १७२४, १९२५
२३२९, २३४३, २३७१ (२६) अनेकार्थनाममाला ............ ८४२,११५६ (४६) अवच्छेदकनिरुक्तिदीधिति .......... ११४१ (२७) अनेकार्थनिघण्टु............... ८५९,२२५८ (४७) अष्टकप्रकरण ......... ३११, ३८४, ११३१, (२८) अनेकार्थसङ्ग्रहकोश ............. २२, ९८, १३९८, २१४५, २२५७, २३४८, २४१२, ३०३, ६२८, ६३३, ६६१, ६७८, ७४०,
२४३१, २४५७, २४७१, २४७५, २५४४ ___७९७, ८६५, ९२६, १०३७, १०४१, | (४८) अष्टशतीभाष्य (आप्तमीमांसाभाष्य) .... ६०९, ११५६, १८५९, १८७७, २०७७, २२००
८१८, १०२१, १०३०, ११४२, १९४५ (२९) अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशिका ........ ३४६, (४९) अष्टसहस्री (आप्तमीमांसाव्याख्या) ...... ४७७, ३५०, ८४६, १११३
७१५, ९६१, ११२३, ११३६, (३०) अन्ययोगव्यवच्छेदद्वात्रिंशिकावृत्ति ..... ६६८
११४२, ११४९, ११६९, ११९८, (३१) अपापाबृहत्कल्प (दीपोत्सवकल्प)...... ८९८
१२०७, १२६५, २१७१, २२३० (३२) अभयकुमारचरित्र ........... १६४२,२००४ | (५०) अष्टसहस्रीतात्पर्यविवरण ....... २५७, ३३६, (३३) अभिधर्मकोशभाष्य ................ ११७४
४२५, ५३१, ५५५, ५७५, ५७७, (३४) अभिधर्मकोशभाष्यव्याख्या(स्फुटार्था) ११७४
___७१७, ७४९, १११८, ११४२, (३५) अभिधर्मदीप....................... १६८२
१३३९, १३७४, १७२६ (३६) अभिधर्मदीपवत्ति (विभाषाप्रभा).......१६८२ | (५१) अष्टाध्यायीसूत्र ....................... ७३८ (३७) अभिधानचिन्तामणि नाममाला . ४६, ४८०, | (५२) आकाशभैरवकल्प ................... २३९
__१०९६, ११५९, २०२२ (५३) आगमसार ....... ६७०, ७१३, ७७७, ९२९, (३८) अभिधानचिन्तामणि शेषनाममाला .... ३३५ १०९३, १४०९, १६३१, २१००, २२१७
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