Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 07
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
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२६५६
• परिशिष्ट-७ . દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ
પૃષ્ઠ | દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ (१८७) चन्द्रालोक .
.....७२४
६८१, १२९७, १२९८, १४९२, (१८८) चरकसंहिता ...... ३६, ११०, १२१, ९३४,
१५१७, १५२७, १५४५, १५७८, १५३९, १९५१
- १५७९, १५८९, १६२९ (१८९) चरकसंहितावृत्ति .................... ११० | (२०९) जैनतत्त्वप्रदीप .................... १०३० (१९०) चाणक्यनीतिशतक ........... ८१, २३४७ | (२१०) जैनतत्त्वसार ........................ ९९९ (१९१) चाणक्यसूत्र .................... २३१९ (२११) जैनतत्त्वादर्श ............... ३९८,१७८६ (१९२) चारित्रप्राभृत ..................... २२२९ | (२१२) जैनतर्कभाषा ... ५२४,७९८,१९४३,२१२६ (१९३) चैत्यवन्दनमहाभाष्य ................ ८३९ | (२१३) जैनतर्कसङ्ग्रह.................... १९४३ (१९४) छान्दोग्योपनिषद् ................. १०७७ | (२१४) जैनविशेषतर्क ..... ३९९, ११३७, १६५९, (१९५) जम्बूचरित ..... १७१,९३४,१०३२,१२०३
१७२०, १९३७, १९४३ (१९६) जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति .......... १०६,१९२,१९५ (२१५) जैनविश्वविद्यालय (वेबसाईट) . २३,१०९१ (१९७) जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रवृत्ति ..... ११४, १६१५ (२१६) जैनस्याद्वादमुक्तावली ........ ४७७, ९५९,
१०३२, १०३६, ११३७, ११४२, १२०७, (१९८) जयधवला (कषायप्राभृतवृत्ति)........ ४७६, १३९०, १६५९, १७१३, १७८२, १८०१, ५४३, ५५१, ६०७, ६२८, ६६७,
१९४१, १९४३, १९६४, ७१७, ७८८, ७९५, ७९९, ८०६, ९१३, | (२१७) जैनेन्द्रव्याकरणसूत्र.................. ३९२ ९४३, ९७७, १०१५, १०२०, १०३३, | (२१८) जैमिनिसूत्र ....................... २३४६
___ १६३८, १७५०, १७७७, १७८६ (२१९) जैमिनीसूत्रशाबरभाष्य .............. ८३६ (१९९) जयलता (स्याद्वादरहस्यवृत्ति) ......... २५४, | (२२०) ज्ञाताधर्मकथासूत्र ........... १०५, २४२३
३१०, ३९७, ४८०, ८४६, १११२, | (२२१) ज्ञानमञ्जरी (ज्ञानसारवृत्ति) ........... ८२२, ११४१, १३५२, १३६०, १५४०, १६६८,
१०७५, १०९५, १७३७, १७८४, १८१५, १८१८
१६४४, १८७० (२००) जयानन्दकेवलिचरित्र ............... ३५६ | (२२२) ज्ञानसार..... ४७, १०७४, १०९७, १८५४, (२०१) जल्पकल्पलता ....... १५२,१०८४,१८०१
१८७०, १८७५, १८९९, १९२९, १९३०, (२०२) जाबालदर्शनोपनिषद् . .............. ३८१ १९३३, १९५७, २०१८, २०१९, २०३३, (२०३) जाबालयोग...................... २३४५
२१४३, २१८२, २१९६, २१९७, २२०६, (२०४) जीतकल्पसूत्रबृहद्भाष्य ........... २४९५ २२१८, २२३४, २२४२, २२५८, २२६२, (२०५) जीवसमास .................. ९३६,१५५५ २२६९, २२८५, २३८१, २३८५, २४३४, (२०६) जीवसमास-मलधारवृत्ति ........... ६८०,
२४४२, २४६०, २४८३, २४९३, २५२८, ९७२, १६१४
२५३५, २५३७, २५५१, २५७४, २५९३ (२०७) जीवाजीवाभिगमवृत्ति ..... १४०६,१४७० | (२२३) ज्ञानसारस्वोपज्ञस्तबक ..... २०२०,२०३८ (२०८) जीवाजीवाभिगमसूत्र ..१९२, १९५, ४२१, | (२२४) ज्ञानसिद्धि ..... .................... ११९५
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