Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 07
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
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• परिशिष्ट-७ .
२६६७ દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ પૃષ્ઠ | દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ
પૃષ્ઠ भानुमती देखिए न्यायालोकवृत्ति । (५३४) महानिशीथसूत्र ........६२२, ६३२, ६७२, (५१५) भामती (ब्रह्मसूत्रशाङ्करभाष्यवृत्ति) ..... २६६,
८६४, ९३३, १२२१, २०२७, २०६८, ४६७, ९१५
२२७५, २२७८, २२८२, २२९७, २३१३, (५१६) भामहालङ्कार ..................... १७५४
२३१४, २३२३, २३२४, २३२७, २३२९, (५१७) भावकुलक ...................... २४४४
२४२७, २४७१, २४८१, २४९०, २४९१, (५१८) भावत्रिभङ्गी
.....६८९
२५१८, २५३३, २५३४, २५६३ (५१९) भावप्रकाश (भावमिश्रकृत) ... ३८, १०५१, | (५३५) महापुराण ..
महापुराण ........................ १४७०
१६३६ (५३६) महाप्रत्याख्यानप्रकीर्णक ..... ६३५, ९१३, (५२०) भावप्रकाशन (शारदातनयकृत) ...... ५६९,
१०७८, २१८५, २३४३ ५८४, ८३८, १७९३, १९८६, | (५३७) महाभारत ......... २३०३, २३४५, २३७२
१९९२, १९९३ | (५३८) महावीरगीता ..................... २५६० (५२१) भावप्राभृत ........ ९१३, १०७८, १६३८, (५३९) महोपनिषद्................. ३८१, २३९१
१९०६, १९३५, २००३, २०७६, २३८७ | (५४०) माण्डूक्योपनिषत्कारिका ...... १६२,३४० (५२२) भावसङ्ग्रह ............... १४३३,१४६९ (५४१) माण्डूक्योपनिषत्कारिकावृत्ति (मिताक्षरा) भावगणेशवृत्ति देखिए।
......१६२ पातञ्जलयोगसूत्रवृत्ति | (५४२) मानमेयोदय
.....११० भाषारहस्यउपवृत्ति देखिए मोक्षरत्ना (५४३) मार्गपरिशुद्धिवृत्ति ................. १०७३ (५२३) भाषारहस्यप्रकरण ......... १०८८,१७२६ | (५४४) मालविकाग्निमित्र ................... ८३६ (५२४) भाषारहस्यस्वोपज्ञवृत्ति ............ १७२७ | (५४५) मितभाषिणी (सप्तपदार्थीवृत्ति) १०६९,१६८१ (५२५) भास्वती (पातंजलयोगसूत्रभाष्यवृत्ति) .. ९१५ (५४६) मिताक्षरा (याज्ञवल्क्यस्मृतिवृत्ति) ..... १९५१ (५२६) भेदधिक्कार ................ १७९५,१८९१ | मिताक्षरावृत्ति देखिए (५२७) भेदधिक्कारसत्क्रियावृत्ति ........... १८९०
माण्डूक्योपनिषत्कारिकावृत्ति (५२८) मङ्खकोश............ ४४९, ८४९, ११५७, (५४७) मीमांसापरिभाषा ................. १९४९
२०४८, २१८५, २२२० | (५४८) मीमांसालोकवार्त्तिकविवरण (न्यायरत्नाकर) मञ्जूषा देखिए मुक्तावलीमञ्जूषावृत्ति
___......१५१, २६५,८२६ (५२९) मणिप्रभा (योगसूत्रवृत्ति) .............१९५० मीमांसाशाबरभाष्यवृत्ति देखिए बृहती (५३०) मध्यमकशास्त्र .................... ११९५ (५४९) मीमांसाश्लोकवार्तिक ....... १४६, १५१, (५३१) मनुस्मृति ........................... ८३७ २६५, ३९१, ४३८, ४७१, ८३८, ११३८, मनोरथनन्दिवृत्ति देखिए प्रमाणवार्त्तिकवृत्ति
___ १६८२, १८०२, १९४८, १९६७ (५३२) मरणविभक्तिप्रकीर्णक ..... ९१३, १०७८, मुक्तावली देखिए न्यायसिद्धान्तमुक्तावली
२२८५, २२९२, २३४३,२४७१ मुक्तावलीकोश देखिए विश्वलोचनकोश (५३३) मरणसमाधिप्रकीर्णक ...... २२८५, २३४३ (५५०) मुक्तावलीमञ्जूषावृत्ति............. १६६३
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