Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 07
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh

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Page 354
________________ પૃષ્ઠ २६६८ • परिशिष्ट-७ . દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ | પૃષ્ઠ | દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ (५५१) मुण्डकोपनिषद् ................... २३४५ (५६८) योगप्रदीप.... ५२६, ५२९,१६८४, १८८८, (५५२) मुनिसुव्रतस्वामिचरित ............. २०८० १९७४, २३७८, २३७९, २३९०, २३९१ (५५३) मेदिनीकोश ...........१५३, १९१, २१९, (५६९) योगबिन्दु ........ ११, १५५, ३३४, ४३९, ६६६, १८५१, १८६०, १८७३, २०६३ ८१९, १३९५, १८२९, १८३०, १८३१, (५५४) मैत्रायण्युपनिषद् .. १५,३३१,५३४, १५३५, १९४२, २०८२, २२६८, २२७३, २४०१, २३७२, २३४४ २४०२, २४०३, २४०४, २४०६, २४०७, (५५५) मोक्षप्राभृत ....८६४,१८६४,१९०६,२४०५ २४१२, २४१६, २४१७, २४२१,२४२२, (५५६) मोक्षरत्ना (भाषारहस्यउपवृत्ति) १०८८,१७३० २४२४, २४२९, २४३२, २४३३, २४३५, (५५७) मोक्षोपदेशपञ्चाशक(मुनिचन्द्रसूरिकृत) २७९ २४३८, २४४२,२४४३, २४५७, २४६३, (५५८) यजुर्वेदोव्वटभाष्य ................ १६३४ २४६५, २४७२, २४७९, २४८५, २५०६, (५५९) यतिजीतकल्पवृत्ति ................ १०३२ २५१०, २५१६, २५१७, २५३४, (५६०) यतिधर्मविंशिका ................. . २४७२ २५३८, २५४२, २५४४, २५६०४, याज्ञवल्क्यस्मृतिव्याख्या देखिए मिताक्षरा २५६९, २५७९ (५६१) याज्ञवल्क्योपनिषत्कारिका .......... ८६६ (५७०) योगबिन्दुवृत्ति ....... ८४०,१८३२,२४०७, (५६२) यात्रास्तव ..........................४५८ २४३४,२४७० युक्तिदीपिका देखिए साङ्ख्यकारिकावृत्ति | (५७१) योगवार्त्तिक ................. ३०१,१९५० (५६३) युक्तिप्रकाश ............... ११२०,१५४१ (५७२) योगवाशिष्ठ ............... २२९३,२३८४ (५६४) युक्त्य नुशासन ............. १७६५,२२२९ | (५७३) योगविंशिका .............. २४६०,२४७१ (५६५) योगदीपिका (षोडशकवृत्ति) ... २६,१०८०, (५७४) योगविंशिकावृत्ति ................. २४०३ २२२५,२३६४,२३८०,२३८३ | (५७५) योगशतक ........ ६५२, २२५७, २२६९, (५६६) योगदृष्टिसमुच्चय .......७६, ४४७, ११६५, २२८५, २४५३, २४५७, २४७१, १६४२, १८३१, २१७४, २२५७, २२५८, २४८६, २५६६, २५६७, २५६९ २२६०, २३३४, २३६५, २३७९, २४०४, | (५७६) योगशतकवृत्ति ....... ८४०,२२६६,२५६६ २४०७, २४१०, २४१२, २४१३, २४१६, | (५७७) योगशास्त्र ........ २२६२, २३०२, २३७९, २४२०, २४२१, २४२४, २४३५, २४३६, २३८०, २४०५, २४०६, २४०८, २४४२, २४४३, २४५५, २४५७, २४६०, २४११, २४५७, २४६३, २४६६, २४६१, २४६५, २४६६, २४६९, २४७१, २४६९, २५२७, २५२९, २५३२, २४७३, २४८७, २५३८, २५६४, २५३६, २५३७, २५४०, २५६६ २५७९,२५८० | (५७८) योगशास्त्रस्वोपज्ञवृत्ति ...... ९३४, १५५९, (५६७) योगदृष्टिसमुच्चयवृत्ति ........ ५२, २२६०, १५७५, १५७९, १५९४, १५९६, २३३४, २४३१, २४३२, २४५०, १५९७, १५९८, १६१०, १८१३ २४७०, २४८४ (५७९) योगशिखोपनिषद् .

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