Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 07
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
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• परिशिष्ट-७ •
२६७३ દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ પૃષ્ઠ | દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ
પૃષ્ઠ (७०२) संस्तारकप्रकीर्णक. ............... २३४३ | (७१६) समाधिशतक................ ८८८,२४०५ (७०३) सङ्ग्रहशतक . ८३३, ९३४, १६९४, १७११ | (७१७) सम्बन्धवार्त्तिक ................... २२८६
सप्ततिका देखिए षष्ठकर्मग्रन्थ । (७१८) सम्बोधप्रकरण ....... ४२८,२३२३,२४२८ (७०४) सप्तपदार्थी ........ १५७, १०६९, ११११, | (७१९) सम्बोधसप्ततिका ......... २२४०, २३४४, १५१३, १७९७
२४३९, २५०६ (७०५) सप्तपदार्थीमितभाषिणीवृत्ति १०६९,१६८१ | (७२०) सम्मतितर्क.......१४, १८, १९, ७१, ७९, (७०६) सप्तभङ्गीतरङ्गिणी....... ३९२, ४७७, ९३९,
१७६, १८१, १९१, १९२, २०१, २०२, २०८७, २११९, २१४०, २१६७, २२३६
२०३, २०७, ३४३, ४०९, ४२०, ४२३, (७०७) सप्तभङ्गी-नयप्रदीपप्रकरण.......... ६८९,
४३६, ४६५, ५०५, ५०८, ५०९, ५१६, ६९७, ७०२, ७०३, २२१४
५२८, ६१०, ६९७, ९३९, ९४३, ९४६, (७०८) सप्तभङ्गीमीमांसा.................... ४७७
९६४, ९७८, ९८३, १०१३, १०६४, (७०९) समयमातृका .......................७८८
१०६५, १०७७, १०८९, ११३५, १२६१, (७१०) समयसार (कुन्दकुन्दस्वामिकृत) ...... ८९७,
१२७४, १२७५, १३०३, १३०६, १३०९, ९१३, ९३०,१०३०, १०३२,
१३१६, १३२१, १३२६, १३३७, १३४७, १०७०, १०७८, १०९०, १३६९, १६३८,
१३५१, १३५४, १३८९, १७२५, १७६६, १६४०, १६९९, १८५२, १८६९, १८९७,
१७८१, १८०१, १९०५, २००५, २०३६, १९००, १९०३, १९०७, १९१६, १९२२,
२०३८, २०३९, २१२३, २१२४, २१४८, १९३०, २००८, २००९, २०११, २०२०,
२१६२, २२११, २२९३, २५१६ २०२१, २०२४, २०४४, २०५१, २०५२,
| (७२१) सम्मतितर्कवृत्ति (वादमहार्णव) .....१५, ५९, २०७२, २०९५, २३०९, २३३१, २५२३ |
६८,७१, ९०, १४५, १७५, १९२, (७११) समयसार (देवानन्दसूरिकृत)..........१०५७ समयसारवृत्ति देखिए आत्मख्याति
२०१, २०२, २०३, २८८, ३३२, ३४०, (७१२) समरादित्यकथा (समराइच्चकहा) .... ६४२,
३४३, ३९०, ४०९, ४२०, ४२७, ४३६, १५५७, १८७२, १९३५, २१७५,
४६४, ४७६, ५०९, ५१६, ५५५, ५५८, २२६४, २३७२, २४१८,
६०२, ६१०, ६२८, ९५८, ९८८, १०००, २४२८, २४७२, २४७९
१०३०, १०७७, १११६, ११८७, ११९६, (७१३) समवायाङ्गसूत्र............... १०५,१६९४
१२६२, १२९०, १३००, १३०४, १३०९, (७१४) समवायाङ्गसूत्रवृत्ति .............६१, ६८,
१३१६, १३२२, १३३७, १३४७, १३५९, १०३, १०५, ११३, ९३८,
१३६७, १३९०, १४१५, १४२५, १४४३, १००१, २०८७, २३७०
१४५२, १४६०, १४६८,१४९८, १६०७, (७१५) समाधितन्त्र .... ८६२, ८६४, ८८८, ९३०,
१६५८, १७६४, १७८१, १८८४, १८८९, २०६९, २३८२, २३८८ |
१८९४, १९०४, १९४२, १९५२,
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