Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 07
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
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......७२८
२८००
• परिशिष्ट-१४ . दृष्टांत ....................... ......... पृष्ठ | दृष्टांत ..................
.................... पृष्ठ विष (हालाहल) ..... ११७७,२३२८-२३३०,२४३६ | शलभ ............... .......... २२४९ विषकण्टक
......... १०६४ | शल्य ...... ............. १६४१,२४१० विषभोज्य................................. १९५४ शश ................. .......... २१०१ विषमोदक
............... २४४५ शशविषाण (शशशृङ्ग) .....१३४,१३५,१५१,१६४, विषयाभिलाष ............................. २५७२
२९४-२९५,३०५,३२१-३२२,३२७, वीर (महावीर)
.७२०
३३५-३३७,३४४,३५१,१२२०,१२३६, वीरण...........
..................... ९२,७२९ १३०४,१४४०,१७१६,१७२३-१७२४,१८०२ वीरनिर्वाण ............... ७२०-७२२,७५०,७५२ | शशि-सूर्यआदि विमान ............... ६८८,१४८५ वृक्ष ................................ १७८४,१८९१ | शाकिनी .................................. २४४५ वृक्षमूल ........
शाखा .....
.................... १७८४ वृश्चिक.......
२४६० शाटक.......
.................. वेतालध्वनि ................ २४४५ शाबलेय ..
...................... १३६ वेमा
शालिबीज .... ......................३०८ वैश्य........ ........... ८३७ | शिखरिणी
......... २२३३ व्रण......
................ १६४१ शिखिनाश ......................... १२२७-१२२८ व्रीहि ............ ८९८ | शिखी
.......... १२२७ व्रीहिपाक ...................... ७३७-७४८,१५०७ | | शिरोवेदना ..................................८९८ शंख......... ......४६९,११५४ | शिला....
............. १५५२ शकट..................................... २२१४ | शिलापुत्रक ................................. ८३७ शक्र ............... १९५८ | शिल्पी .
.....२९६ शची............................... १०७४-१०७५ | शिवक... ११६,१११४,१२३९,१७८२,१७८७,१९७७ शठ........ ......... २५३३ | शिवराजर्षि.
२४०७ शबर........
| शुक्ति ..................................... २४४४ शबल.. .................... १३६ | शूकर ........
शूकर ..................................... २१०१ शबलमणि ................................ २०८४ | शूली ..................
२३२३ शब्द .... .................... १३५९,१७०४ | शृंग..................
......४३७ शर (मुंजतृण)............................. १८५९ | शृगाल .................................... २१०१ शरावगंध........३८०,१७१५,१७२३-१७२८,१७३० | श्यामाक बीज .......
........ २००८ शरीर (देह) .......... २७९,८५७,८६२,८६३,९३०, श्राद्ध (श्रावक)........................... २६-२७
१०७३,१४०४,१८१४,१८१९,१८५२, | | श्वान ................. ...... १३३१,२१४३,२४९३ २०२४,२०२८-२०३०,२१६८,२४०८ | श्वपाक.
................. २१४३
............................... २४ |
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