Book Title: Dravya Gun Paryayno Ras Dravyanuyog Paramarsh Part 07
Author(s): Yashovijay
Publisher: Shreyaskar Andheri Gujarati Jain Sangh
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२६६६
• परिशिष्ट-७ • દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ પૃષ્ઠ | દ્રવ્યાનુયોગપરામર્શકર્ણિકાગત સંદર્ભગ્રંથ
पृष्ठ बृहन्नयचक्रवृत्ति देखिए
८४३, ८४८, ८५६, ८६१, ८७५, ८९४, द्रव्यस्वभावप्रकाशवृत्ति
९१३, १०३१, १०४१, १०७८, १०८५, (४९३) बोधपञ्चदशिका .................... १५९ १२२९, १२४०, १२५१, १२७५, १३१०, (४९४) बोधिचर्यावतारपञ्जिका .......... १७६४
१३१२, १३१३,१३२६, १३२७, १३२८, ब्रह्म प्रकरण देखिए ब्रह्मसिद्धान्तसमुच्चय १३६२, १३६८, १४०५, १४२३, १४२४, (४९५) ब्रह्मबिन्दूपनिषद् ............. १६६,२३७२ १४२५,१४३४, १४३९, १४४२, १४४५, (४९६) ब्रह्मविद्याभरण ......... १९५१
१४५८, १४७२, १४७४, १४७६, १४७९, (४९७) ब्रह्मसिद्धान्तसमुच्चय (ब्रह्मप्रकरण)..... ५२, १४९५, १५०२, १५०३, १५०४, १५११,
७४, ८०९, ९५७, २४११, २४६१, १५१८, १५२४, १५३१, १५४१, १५७९,
२४६५, २५३८, २५७७, २५७९ १५८४, १५८५, १५८७, १५८८, १५९९, (४९८) ब्रह्मसिद्धि ........................ १८०९ १६०८, १६२७, १६३४, १६३५, १६३७, (४९९) ब्रह्मसूत्र ..... २६१, १७७८, १९६५, २३४६ १६९५, १६९८, १७०३, १७०५, १७३३, (५००) ब्रह्मसूत्रभास्करभाष्य .............. १८११ १७३८, २००६, २०५९, २०६०, २१३१, (५०१) ब्रह्मसूत्रशाङ्करभाष्य .......... २३२, २६१, २१३५, २१३६, २१५४, २१६०, २२१२, ३९१, ४७७, १११०, ११३८, १७६५,
२२२२, २२२९, २२३८, २४६२, २५४१ १७७८, १८१०, १८१५, १८६८,१९६५ (५१०) भगवतीसूत्रचूर्णि....................८४३ (५०२) ब्रह्मसूत्रशाङ्करभाष्यवृत्ति (रत्नप्रभा) .. १८५९ | (५११) भगवतीसूत्रव्याख्या (व्याख्याप्रज्ञप्तिव्याख्या) ब्रह्मसूत्रशाङ्करभाष्यभामतीवृत्ति देखिए
....... ५४, ६०, ६८, ११३, १८८, २३६, भामती
४३२, ५२८, ६७९, ८३९, ८४३, ८४९, (५०३) ब्रह्मसूत्रश्रीकण्ठभाष्य ............... २६१ १०४२, १२३३, १२५८, १२५९, १२६१, (५०४) ब्रह्मसूत्रश्रीभाष्य .................. ११४८ १२७६, १३०८, १३११, १३३१, १३५०, (५०५) ब्रह्मानन्द.. ................ १८१०
१३६०, १३६८, १४०४, १४२४, १४३४, (५०६) भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णक............... २२७७ १४७९, १५०३, १५२१, १५८७, १५९९, (५०७) भगवती आराधना .....६३८, ६९८, ७०४, १६००, १६१६, १६२०, १६३२, १६३६,
___७१०, ७६७, १४४३, २२८५, २३४४ १६३७, १६५४, १७०३, १७२१, १७३४, (५०८) भगवतीआराधनावृत्ति ............. १४७१ १८६५, २००६, २०४९, २०५९, २०६०, (५०९) भगवतीसूत्र (व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र) ... १७, १८, २२२८, २२३८, २३६३
१९, ६०, ७८, १०५, (५१२) भगवद्गीता ... १५०, १६६, ८६६, १५३५, १०७, १४८, १९२, १९३, १९४, १९५,
१७६०, २१४३, २३४५ १९७, १९९, २००, २०१, २०७, ४६६, (५१३) भर्तृहरिसुभाषितसङ्ग्रह .............. ९३२ ४७२, ४७६, ६४०, ६७९, ६९५, ७४२, (५१४) भादृचिन्तामणि........११०, १११, ४५०, ७४३, ७४९, ७७१, ८२५, ८३९, ८४२,
१८५९, १९१८, १९१९
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