________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatrth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandit
व्याख्याप्रज्ञप्तिः
Co
५ शतके
देसणं सव्वण दिस पुमति ८ सत्वेग देसहि देसं फसवि फुसद, एवं परमाहाकु जहा
-
दा होय अने सप्रदेश होय. जेम संख्येय प्रदेशवालो स्कंध को तेम असंख्येय प्रदेशवाळो स्कंध अने अनंत प्रदेशवाळो स्कंध | पण जाणी लेवोः ॥ ११४ ॥
परमाणुपोग्गले गं भंते ! परमाणुपोग्गलं फुसमाणे किं देसेणं देसं फुसइ १ देसेणं देसे फुसइ २ उद्देशः७ देसेणं सव्वं फुसइ ३ देसेहिं देस फुसति ४ देसेहिं देसे फुसइ ५ देसेहिं सव्व फुसइ ६ सब्वेणं देसं फुस-४॥३८९॥ ति ७ सव्वेणे देसे फुमति ८ सब्वेणं सव्वं फुसइ ९१, गोयमा ! णो देसेणं देसं फुसह णो देसेणं देसे फुसति णो देसेणं सब्वं फुसइ णो देसेहिं देस फुसति नो देसेहिं देसे फुसइ नो देसेहिं सब्वं फुसति णो सब्वेणं देसं फुसह णो सब्वेणं देसे फुसति, सव्वेणं सव्वं फुसह, एवं परमाणुग्गले दुपदेसियं फुसमाणे सत्तमणवमेहिं फुसति.परमाणुपोग्गले तिपएसिय फुसमाणे णिप्पच्छिमएहिं तिहिं फु०,जहा परमाणुपोग्गले तिपएसियं फुसाबिओ एवं फुसावेयव्वो जाव अणंतपएसिओ॥
[प्र०] हे भगवन् ! परमाणुपुद्गलने स्पर्श करतो परमाणु पुद्गल, शुं एक भागवडे एक भागनो स्पर्श करे १, एक भागवडे घणा भागोनो स्पर्श करे २, एक भागवडे सर्वनो स्पर्श करे ३, घणा भागोद्वारा एक देशने स्पर्श ४, घणा देशोद्वारा घणा देशोने स्पर्श ५, घणा देशोद्वारा सर्वने स्पर्श ६, सर्ववडे एक भागने स्पर्श ७, सर्ववडे घणा भागोने स्पर्श ८, के सर्ववडे सर्वने म्पर्श ९? [उ०] हे गौतम ! १ एक देशथी एक देशने न स्पर्श, २ एक देशथी घणा देशोने न स्पर्श, ३ एक देशथी सर्वने न स्पर्श, ४ घणा देशोथी एकने न स्पर्श, ५ घणा देशोथी घणा देशोने न स्पर्श, ६ घणा देशोथी सर्वने न स्पर्श, ७ सर्वथी एक देशने ने
For Private and Personal Use Only