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શ્રી આવશયક સુત્રમ ભાગ
૨૯
१ अपाटी २ भाद्रपदी २५ महापुणिमा ५ ( महापूर्णिमा ) ३ आश्विनी ४ कार्तिकी ५ चैत्री
३०
उवस्सयस्सअं तो ओरालियशरीरे स्थानक के अंदर पंचेन्द्रियका ( उपाश्रयस्यान्तरौदारिकशरीरम् ) कलेवर पडा हो
३४
श्रावण वदि १, आश्विन वदि १ महापचिक ५ ( महामतिषदः) कार्तिक वदि १, मार्गशीर्ष
दि १, बैशाख वदि १ (५ महा पूर्णिमा के दूसरे रोज)
संझा (संध्या) ४
प्रभात १ दुपहर २ सांझ ३ अर्धरात्रि ४
जिस स्थानक में जब तक पड़ा रहे
膠水
सब जगह
सब जगह
सब जगह
॥ इति अस्वाध्याययन्त्रम् ॥
८ पढर
८ पहर
१ मुहूर्त (आधा मुहसे पहले का।
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आधा मुहून पीछे का)
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34
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दशवैकालिकादि न पढे
तोषणी टीका