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अनुक्रमणिका ।
पृष्टांक
बिषय रात्रिजागणादि दिन में सोने का परिणाम निद्रा का निषेध कुसमय निद्रा का परिणाम अति निद्रा की चिकित्सा निद्रा नाशका परिणाम अर्द्ध निद्रा का विधान मंद निद्रा वालोका कर्तव्य ब्रह्मचर्य का वर्णन काम सेवा का समय अन्यथा स्त्री गमन नियमानुसार स्त्री गमन रतोद में कर्तव्य वैद्य को शरीर का स्वामित्व
अष्टमोऽध्यायः । मिताहार का विधान गुरु लघु द्रव्यों की मात्रा होनाति मात्रा का फल अति मात्रा का फल अलसक का लक्षण विशूचिका का लक्षण विशूचिका में उपद्रव अलसक दंडालसक आम बिष का लक्षण अलसक में चिकित्सा प्रपल विसूचिका में उपाय अजीर्ण वाले का उपाय औषध का समय औषध का भेद औषध की यथा योग्यता अन्य रोगों में चिकित्साक्रम अजीर्ण की व्याधियां त्रिविध अजीर्ण की चिकित्सा बिलविका रोग की उत्पत्ति रसशेषा जीर्ण के लक्षण
दृष्टांक / बिषय
| अजीर्ण के सामान्य लक्षण अजीर्ण के अन्य हेतु आमवर्द्धक अन्य द्रव्य भोजन का क्रम त्याज्य भोजन किलाटादि का निषेध सेवन योग्य द्रव्य भोजन के आदि मध्यांत में कर्तव्य भोजन का प्रमाण । भोजन के पश्चात् अनुपान अनुपान का संक्षिप्तवर्णन अनुपान का कर्म अनुपान के अयोग्य रोग पानके अयोग्य रोगी | भोजन का समय
नवमोऽध्यायः । द्रव्य की प्रधानता द्रव्य की अनेक रसत्य रसों में गुर्बादि गुण पार्थिवद्रव्य के गुण जलीय द्रव्य के गुण अग्नेयद्रव्य पवनात्मक द्रव्य अकाशात्मक द्रव्य द्रव्यों का अंधो र्ध्वगमित्व बार्य की प्रवलता चरका चार्य का मत गुर्वादिकोकोवीर्य का प्रतिपादन रसादि में अवयित्व | अन्य आचार्यों का मत
सयुक्ति कारण उभयवर्यि के लाभ विपाक का लक्षण रसों का विपाक
भिन्नभिन्नविपाकों के कर्म ४६ रसादि में उक्तर्षता ,प्रभाव का लक्षण
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