________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
विषय.
उत्तरवस्तिकी रीति
स्त्रियों को बस्तिदेने का काल स्त्रियों को वस्ति देनेकी रीति
बस्तिके गुण
अथ नस्यविधिअध्याय ऊर्ध्वजत्रुविकार में नस्यविधि
नस्यका कारण
विरेचनका उपयोग
बृंहणका उपयोग
शमनका उपयोग
विरेचनस्यकी विधि
ranisetani विध
ध्माननस्य
नस्यको अयोग्य
बस्तिका महत्त्व
चिकित्सा में बस्तिको आधिक्य ८७ अथविंशोऽध्यायः २०
नस्यका काल
नस्यको योग्य
नस्यदेनेकी रीति....
नस्यका फल
रूक्षमस्तक होने का लक्षण .... सुविरिक्त होने से मस्तकशुद्धि
प्रतिमर्शनस्यका प्रयोग
प्रतिमर्श नस्य के गुण
नर में योग्य अयोग्य
धूममें योग्यायोग्य....
.....
प्रतिमर्शनस्यकी प्रशंसा
स्नेहको श्रेष्ठ मर्शप्रतिमर्शविचार
....
www.kobatirth.org
अनुक्रमणिका । विषय,
पृष्ठ:
१८७
१८८
:1
१८९
१९०
31
१९०
""
"1
17
१९१
17
27
23
१९२
""
77
१९३
#5
77
"
17
१९४
""
१९५
77
19
"
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अच्छपान व विकार ये दोस्नेह
अणुतै नस्यकी विधि सबनस्योंका संक्षेपसे फल ३९ अथैकविंशोऽध्यायः २१
अथ धूमपानविध्यध्यायः कफादिविकारनके नहींहोनेको धूम
धूमपानकाल
धूमपानकी रीति......
कोमलधूमके पदार्थ
पान
....
धूमके तीन भेद
रक्तपित्तादिकों में धूमपान निषेध भतिधूमपान में शीतविधि
शमनधूमके पदार्थ
तीक्ष्णधूमके पदार्थ
वर्तीका प्रमाण
धूमपानके गुण २२
....
....
For Private and Personal Use Only
****
स्निग्धगंडूषका लक्षण शमनगंडूषका लक्षण शोधनका लक्षण
....
....
अथ गंडूषादिविधिअध्याय कुलाचार भेद तिनके गुण
पण का लक्षण
गंडूषमें स्नेहादिकोंकी सेवा दंतहर्षादिकों में तिलकल्क सेवा
गंडूष में तैलादिक हितकारी विषादि उपद्रवों में घृतहितकारी
मधुगंडूष गुण
( २९ )
****
""
....
अथद्वाविंशोऽध्यायः २२
****
....
....
....
....
****
....
....
पृष्ठ :
१९६
"7
">
१९७
17
156
"
17
53
१९८
15
37
१९९
77
37
२००
२००
27
17
77
37
77
15
17
२०१
27
27
27