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अनेकान्त/२४
रानी रूपमती पुरातत्व संग्रहालय सारंगपुर
की जैन प्रतिमाएं
नरेश कुमार पाठक सारगपुर मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले का तहसील मुख्यालय है, यह आगरा-वम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमाक तीन पर अवस्थित है जो इन्दौर १२० कि०मी० की दूरी पर अवस्थित है । यहा पर प्राचीन टीले, रूपमती-बाजवहादुर का मकबरा,गोल गुम्बट, लाल गुम्वद, जैन खा की भट्टी. पीर मासूम की दरगाह, जामा मस्जिद, किला दरवाजा, लाल हजार या, अठारह खम्बा, छनिहारी, पनिहारी, कपिलेश्वर मदिर, जैन मंदिर आदि प्राचीन एव प्रदर्शनीय स्थल है । सारगपुर शहर मे आगरा-बम्बई मुख्य मार्ग पर पुराने बस स्टैण्ड पर रानी रूपमती पुरातत्व संग्रहालय है । इस संग्रहालय में अभिलेख सिक्कं. धातु की प्रतिमा, आभूषण, औजार, उर्दू में लिखा तावीज, चीनी मिट्टी के वर्तन के टुकडे, मृदभाण्डो के टुकड़े, स्फटिक व काच कं टुकड़े, मिट्टी एवं पत्थर के सांचे, हड्डी के तीर, हाथी दांत के तोरक चक्र, बटन, शंख के टुकडे, कांच की चूड़िया, मिट्टी के गुग्येि, पत्थर की गोलियां, रंगीन पत्थर के मनके, काच कं मनके, ईट आदि है । मृण मूर्तियों में पुरुष मस्तक स्त्री मस्तक, हाथी मस्तक व सूड, बकरा का सिर, ऊट का सिर, कुत्ते का सिर, घोडे का सिर आदि उल्लेखनीय मूर्तिया है । पाषाण प्रतिमाओ मे शैव, शाक्त, वैष्णव, व्यन्तर, विविध, जैन एव वौद्ध प्रतिमाओं का संग्रह है । शैव प्रतिमाओं मे त्रिमूर्ति शिव, भैरव, उमा-महेश्वर, वैजनाथ शिव, गणेश व नदी प्रतिमा, शाक्त प्रतिमाओं मे लक्ष्मी, गौरी, वैष्णवी एवं सप्त मातृकाए, वैष्णव प्रतिमाओं में विश्वरूप. कृष्ण अवतार, गम अवतार, विष्णु एव ब्रह्मा की प्रतिमाएं है । व्यन्नर मूर्तियों में सूर्य, नवगृहपट, कवर एव वायु की प्रतिमाएँ, विविध मूर्तियो मे नृत्य, दृश्य, वासुरी वादक, प्रेमीयुगल, सुर सुन्दरी, विद्याधर. योद्धा, कीचक नारी एव पुम्प प्रतिमा जेन प्रतिमाओ मे तीर्थकर. तीर्थकर गिर, वी, अम्विका एव सर्वेतोभद्रिका प्रतिमा वीद्र प्रतिमाओं में बौद्धमन्च अवलोकितेश्वर एव बुन्द्र मग्नक है । इस संग्रहालय में पन्द्रह जन प्रतिमाएं सर्गक्षत सभी मारगार प्राप्त हुई है। जिनका विवरण निम्नानुसार .
नोथंकर संग्रहालय में लापन विहीन नीर्थकर की प्रतिमा सुक्षित है । जिनमें तीन पद्मासन मुद्रा में हैं । पद्मासन मुद्रा में अकित प्रथम दमवी शती ईम्बी की 3१४२५४८