Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 06
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha
________________
पञ्चमं परिशिष्टम् ।
३७
गाथा
विभागः गाथाङ्कः
विभाग: गाथाङ्क:
गाथा अहिगो जोग निजोगो
به
३२९१ २४०६
سر به
अहवा निग्गंथीओ अहवा पढमे सुत्तम्मि अहवा पंचण्हं संजईण अहवा पालयतीति अहवा पिंडो भणिओ अहवा बायरबोंदी अहवा बालादीयं अहवा भय-सोगजुया भहवा भिक्खुस्सेयं
سع
سع
२०३७
२६८७ ४ ३९४९
६२५७ २४०५ २४७६ ५९४२
टि.१
१९४ ४ ३९२३ ४ ३७५५ ४ ४०७२ २ १९४४ ४ ४४३३
३०३३
२३६.० १ २८८
م
س
ع
م
مه
مه
به
س
२ १६६८ १ ५११ ४ ३८५३ ५ ४९७१ ३ २०३२
४५३९ २७९३ ९४१ २०४० ४०५५ १२५२
ه
ه
ه
अहिगो जोगो निजोगो अहिच्छसे जंति न ते उदूरं अहिणा विसूहका वा अहियस्स इमे दोसा अहिरण्णग स्थ भगवं अहिराया तिस्थयरो अहि विचुगविसकंडग अहिसावयपचस्थिसु अहीणक्खरं अणहियमअंगाऽणंगपविलु अंगारखडुपडियं अंगुठ्ठपएसिणिमज्झिमाअंगुलिकोसे पणगं अंचु गतिपूयणम्मिय अंजणखंजणकद्दमलित्ते अंजलिमलिकयाओ अंतद्धाणा असई अंतरिम व मज्झम्मि व अंतर पडिवसभेवा अंतरपल्लीगहितं अंतरमणंतरे वा अंतरितो तमसे वा अंतं न होइ देयं अंतिमकोडाकोडीए अंतो अलब्भमाणे अंतो भावणमाई अंतो घरस्सेव जतं करेती अंतोजले वि एवं अंतोनियंसणी पुण अंतो नूण न कप्पड़ अंतो बहि कच्छउडियादि अंतो बहि चतुगुरुगा
ه
ه
م
ه
महवा महापदाणिं अहवा मुच्छित मत्ते महवा रागसहगतो अहवा लिंगविहाराओ अहवा लोइयतेणं अहवा वि अगीयस्थो अहवा वि असिढम्मी अहवा विकतो णेणं अहवा वि गुरुसमीवं अहवा वि चकवाले अहवा वि दुग्ग विसमे अहवा वि मालकारस्स अहवा वि विभूसाए अहवा वि सउवधीओ अहवा वि सो भणेजा अहवा समणाऽसंजयअहवा सन्यो एसो अहवा संजमजीविय महाऽऽगतो सो उ सयम्मि देसे अहिकरणं पुन्वुत्तं अहिकारो वारणम्मि अहिगरण गिहत्थेहिं अहिगरणमंतराए अहिगरण मारणाऽणीअहिगरणम्मि कयम्मि अहिगरणं काऊण व अहिगरणं तेहि समं अहिगरणं मा होहिति भहिगारो असंसते
م
४ ३७६६
४८१६ २०२० ५३१२ ११७३ ४४९० ४०२०
६१८७ ३६५१
४९० ४२३६ २००४
ه
به
له
६
६३१२
४ ४८२८
کی
५ ५५६९ ३ २३८७ १ ५५२ ६ ६२७९
४ ४०८७ ४ ३५०५ ४ ३५७२
७८९ टि.४
३ ५ ५
२६३८ ५५५२ ५८६६
अंतोबहिसंजोअण अंतो बहिं च गुरुगा अंतो बहिं न लब्भ
२ १८९५ २ १८९७
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424