Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 06
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

Previous | Next

Page 325
________________ १०२ पञ्चमं परिशिष्टम् । गाथा गाथा रीढासंपत्ती वि हु रीयादसोहि रतिं रुक्खासणेण भग्गो रुद्ध वोच्छिन्ने वा रूवं आभरणविही विभागः गाथाङ्क: ३ २१६२ ३ ३०४८ २२६७ ४८३८ २४५१ २५५७ ६२६४ २ २१०२ wwcom विभाग: गाथाङ्क: ६ ६१०८ १०४१ ४ ४५७२ ८६१ २ ८७७ २ १६६२ २४३१ ३८९६ रूवंगं दट्टणं रूवं वनो सुकुमारया रूवे जहोवलद्धी रूवे होउवलद्धी टि०३ ४ ४८१२ रोहेड अट्ट मासे ५ ६०४० ६ ६२३६ २ ११३८ ३ २३६९ लक्खणभो खलु सिद्धी लक्खणहीणो उवही लग्गे व अणहियासम्मि लजं बंभं च तित्थं च लत्तगपहे य खलुए ه ५ ५ ५९६१ ५६४४ टि०२ ५६४४ ५६४४ ५९७४ ६२४३ ५१७ ५१५ १ १ लहुगाई वावारिते लहुगा तीसु परित्ते लहुगादी छग्गुरुगा लहुगा य दोसु दोसु य लहुगा य निरालंबे लहुगा लहुगो पणगं लहु गुरु चउण्ह मासो लहुगो लहुगा गुरुगा लहुतो लहुगा गुरुगा लहुया य दोसु गुरुओ लहुसो लहुसतराओ लहुसो लहुसतरागो लंदो उ होइ कालो लाउय असइ सिणेहो लाउय दारुय मट्टिय लाउयपमाणदंडे लाभमएण व मत्तो लित्ते छाणिय छारो लिस्थारियाणि जाणि उ लिंगट्ट भिक्ख सीए लिंगत्थमाइयाणं लिंगस्थस्स उ वजो लिंगत्थेसु अकप्पं लिंग विहारेऽवडिओ लिंगेण निग्गतो जो लिंगेण लिंगिणीए लुक्खमरसुण्हम निकामलुद्धस्सऽभंतरतो लूया कोलिगजालग लेवकडे कायध्वं लेवकडे वोस? लेवडमलेवर्ड वा लेवाड विगइ गोरस लोइयवेइयसामाइएसु लोउत्तरं च मेरं लोएण वारितो वा लोए वि अ परिवादो लोए वेदे समए लोगच्छेरयभूतं लत्तगपहे य खुलए लत्तगपहे य खुलुए م २ १९१७ م टि.२ १ ६२७ م ه लण अमपाए लण अन्न वत्थे लडूण णवे इतरे लद्रूण माणुसत्तं लद्धे तीरियकज्जा लहुओ उ उवेहाए ه १ ६१४ ४२७० ४ ३७४० ४६४० ३ २६९९ ५७३४ ५ ४९५५ ५ ५८४४ ६ ६११२ ६१२० ४ ४५१६ ५ ५००० ३ २१५४ २ १८९३ २ १७८७ २ १७१९ م लहुओ उ होति मासो लहुओ गुरुओ मासो लहुओ य लहुसगम्मि लहुओ लहुगा गुरुगा लहुओ लहुगा दुपुडा लहुओ लहुया गुरुगा लहुगा अणुग्गहम्मि २ १६४८ २ १७१७ १ ३८५ م ه ३८५२ ه २०४२ ४ ३३५८ ५ ५०७० ४ :४१३१ ५ ५४२७ ४ ४५४७ ३ ३२६८ लहुगा अणुग्गहम्मी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424