Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 06
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

Previous | Next

Page 375
________________ १५२ द्वादशं परिशिष्टम् । ३८ गिरयः भट्ठावय इंदपद अम्बुय उजयन्त उजित अष्टापद गजानपद इन्द्रपद ३७ तीर्थस्थानानि ज्ञातखण्ड पादीणवाह णायसंड पायीणवाह धर्मचक्र प्रभास धर्मचक्रभूमिका प्राचीनवाह पभास सिद्धशिला ३९ समुद्राः सयंभूरमण अर्बुद रखोच्चय रयणुच्चय सम्मेत हिमवत् हिमवंत मेरु ४० नद्यः महिरावण एरवई ऐरावती कोशिका कोसिआ गङ्गा गोदावरी गौयावरी जउणा बन्नासा सरऊ सरयू सरस्वती सरस्सती सिन्धु मही यमुना ४१ तडाग-सरांसि ४२ उद्यानानि ४३ आपणा: ४४ उत्सवाः इसितलाग कामियसर रेवय कुत्तिय आवाह तडागमह इसीतलाग भूततडाग सभूमिभाग कुत्रिकापण इन्द्रमह थूभमह ऋषितडाग भूयतलाग सुभूमिभाग इंदमह नदीमह पर्वतमह विवाह शक्रमह ४५ प्रतिमाः जीवन्तस्वामि. प्रतिमा ४६ नाणकानि (सिक्ककाः) काकिणी केवडिय गम्म केतर णेलअ नेलक केवडिक दीनार - साभरक ४७ यन्त्राणि आवर्तनपीठिका कोल्हुक चचुइयारक वर्तनपीठिका चक्र ४८ मेर्यः अशिवोपशमनी कौमुदिकी असिवोवसमणी दुग्भुतिया कोमुइया दुभूतिका सङ्ग्रामिकी संगामिया ४९ शिल्पानि तन्तुवाय तुण्णाक ५० प्रकरणानि गिरिजन्न गिरियज्ञ ५१ भाषा: अर्धमागधी ५२ लिपयः पुष्करसारी ५३ विषाणि सहसाणुवादि सहस्रानुपातिन् Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424