Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 06
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha
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दशमं परिशिष्टम् ।
१३५
प्रम्थनाम विभाग-पत्राकादिकम् । ग्रन्थनाम
विभाग-पत्राक्षादिकम् योनिप्राभूत २-४०१३-७५३ व्यवहारसूत्र
१-२,७८७६-१६४४ राजप्रश्भीय
१-६ टि०६ व्यवहाराध्ययन
१-२४५,४-१९७८ रामायण
- ५-१३८५ व्याख्याप्रज्ञाति
३-७६८४-१०७६ ववहार
२-२५९
शब्दानुशासन (मलयगिरीयम्) वसुदेवचरित
१-१७८ ३-७२२ वारस्यायन
१-२११
शत्रपरिज्ञाध्ययन (भाचाराने) ४-९३४ वासवदत्ता
३-७२२.टि. ४
परजीवनिका (दशवैकालिके) ३-८०२ विपाकटीका
१-४५ टि०६ सबाट (द्वितीयं ज्ञाताध्ययनम्) १-६२ विशाखिल
१-२११ सम्म(न्म)ति ३-८१६:५-१४३९, विशेषचूर्णि २-३६७,३९८ टि० ४,
१४४१,१५१० १९९,४५८,५०२ टि. १,५५७)
सिद्धप्राभृतवृत्ति
१-४५ टि.६ ३-८१९,८३३४-९८३,१०७४,
सिद्धान्तविचार
१-४५ टि.६ १०९०,१०९२,११४४,१२३२; सुश्रुत
२-५४९ ५-१४६९ विशेषणवती
सूत्रकृता
१-४४ टि. ५,६-१६२९ १-४५ टि०६ विशेषावश्यक १-४५ टि० ६२-४०१
सूत्रकृताङ्गटीका
६-१६३० टि.१ विशेषावश्यकटीका
सूत्रकृदङ्ग १-१७टि०५
१-९७ टि. २ वृद्धभाष्य
२-६१० सूर्यप्रज्ञप्ति
२-४०१ वृद्धविवरण ४-१२९२ स्थानाज
१-५१ टि०१३-६१९ वृद्धसम्प्रदाय १-४५ टि.६२-४८८ खोपज्ञपञ्चवस्तुकटीका
२-४८५ ३-८३८:४-१२०६:५-१४६८ | हैमानेकार्थसाह
१-२११र०४
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