Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 06
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha
________________
८०
पञ्चमं परिशिष्टम् ।
गाया
विभागः गाथाङ्क:
-SSM
६ ६०६१
२६७५ ५ ५२१३ ४ ४२४९ ५ ५४९३
५
४०९० ५४५६ ३८४९ ३८४३
CSC
३ ३२११ ३ २२३० ४ ४१८३
विभागः गाथाङ्कः । गाथा दियरातो अण्ण गिण्हति ५ ५८६० दुग्घासे खीरवती दियरातो लहुगुरुगा
५ ५८५६ दुचरिमसुत्ते वुर्त
८७८] दुजणवज्जा साला दिवसओ सपक्खे लहुगा । ५९८० दुढे मूढे वुग्गाहिए दिवसट्ठिया वि रति
३ २९३१ दुण्ह जओ एगस्सा दिवसं पिता ण कप्पड़
५ ५९७८ दुण्हऽटाए दुण्ह वि दिवसेण पोरिसीए
६ ६२५१ दुण्ह वि तेसिं गहणं दिवसे दिवसे गहणं
५ ६०२१ दुण्डं अणाणुपुव्वी दिवसे दिवसे व दुलमे ४ ३८१९ दुनि तिहस्थायामा दिब्वेसु उत्तमो लामो
३ २८३४ दुन्नि वि विसीयमाणे दिग्वेहिं छंदिमोह
६ ६०६२ दुपुढादि अखल्ला दिस अवरदक्षिणा दक्खि. २ १५०६ दुप्पडिलेहियदूसे
५ ५५०५ दुष्पडिलेहियमादिसु दिसिपवणगामसूरिय
१४५६ दुप्पभिड पिया पुत्ता दिसिमूढो पुष्वाऽवर
५ ५२१६ दुप्पभिई उ अगम्मा दितगपडिच्छगाणं
२ १६५१ दुबलपुच्छेगयरे दिति पणीयाहारं
१७५० दुब्भूइमाईसु उ कारणेसुं दीणकलुणेहि जायति
६१४३ दुरतिवमं खु विधियं दीवा असो दीवो
२ २११२
दुरहियविजो पञ्चंत. दीसति य पाडिरूवं
६ ६१५४ दुरुहंत ओरुभंते दीहाइमाईसु उ विजबंध
५६८१ दुल्लभदव्वं व सिया दीहाइयणे गमणं
५९९० दुल्लभदब्वे देसे दीहे ओसहभावित
५९८७ दुल्लभवत्थे व सिया दीहे ओसहरचितं
५९८७ दुविक्रप्पं पजाए
टि०२ दुविधो उ परिचाओ दुओणयं भहाजायं
४४७० दुविधो य होह दुट्टो दुक्खं च मुंजंति सति द्वितेसु
दुवियडबुद्धिमलणं दुक्खं ठिओ व निजइ ।
दुविहकरणोवधाया दुक्खं ति भुंजंति सति द्वितेसु
दुविह चउठिवह छविह
टि.१ दुविह निमित्ते लोभे दुक्खं विसुयावेळ
२०७४
दुविहपमाणतिरेगे दुक्खेहि भत्थिताणं
दुविहम्मि भेरवम्मि दुक्खेहिं भच्छियाणं
६४०६ दुविहं च फरुसवयणं
टि.१ दुविहं च भावकम्म दुगमादीसामण्णे
४३११ दुविहं च भावकसिणं दुगसत्तगकिइकम्मस्स
दुविहं च होइ वत्थं दुगुणो चतुग्गुणो वा
३९८१ दुविहं तु दवकसिणं दुग्गट्ठिए वीरअहिटिए वा
दुविहं पि वेयणं ते दुग्गूढाणं छन्नंग.
३ २५९६ दुविहाए विचउगुरू
३
२६४४
Sap
६२५३ ४ ४१६९ ५ ४८८५ ५ ५२०० ५ ४९४६ ४ ५३९६ १ ५८.
wccccmm
३ २३६६ ३ ३१३५ ६ ६०९९
४८९८ ४ ३८८६ ३ २७९४ ४ ३८८१ २ १६२९ ३ ३१४४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424