Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 06
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

Previous | Next

Page 311
________________ पञ्चमं परिशिष्टम् । ८८ विभाग: गाथाङ्क: سر ४ ४८२२ ه ه ५९१९ ३ २४७५ ३ २५१८ ३ २५३७ ४ ३६१० ३ २५२० ३ २४२० २ ११०९ ४ ३५२८ २ १८६९ २ १४१८ ३ २२५९ गाथा विभाग: गाथाङ्क: । गाथा पडिसेहगस्स लहुगा ५ ५३६७ पढमाए पोरिसीए पडिसेहण णिच्छुभणं पढमाए बितियाए पडिसेहणा खरंटण २ ८९६ पढमासइ अमणुण्णे. पडिसेहम्मि उ छर्क २ ८१४ पढमासति वाघाए पडिसेहिअवञ्चंते ४६६२ पढमिलुगततियाणं पडिसेहेण व लद्धो ४ ४६२२ पढमिलुगम्मि ठाणे पडिसेहो उ भकारो पडिसेहो जम्मि पदे ३ २१७९ पडिहाररूवी! भण रायरूविं ५ ५०४७ पडिहारिए पवेसो ४ ३७७३ पढमिल्लुगम्मि तवरिह पडुपनऽणागते वा ५ ५८५२ पढमिल्लुगसंघयणा पढमगभंगे वजो पढमिल्लुगस्स असती पढमचउत्थवयाणं ३ २४२६ पढमे गिलाणकारण पढमचउत्था पिंडो ४ ३६३५ पढमेत्थ पडहछेदं पढमचरिमाड सिसिरे १ ५२१ पढमे बितिए ततिए पढमतइयमुक्काणं २७७४ पढमे भंगे गहणं पढमदिणे सग्गामे ४६६७ पढमे भंगे चरिम पढमदिणे समणुण्णा २ १५५७ पढमे वा बीये वा पढमदिवसम्मि कम्म २ १४०५ पढमे सोयइ वेगे पढमबिइएसु पडिवज २ १६३७ पढमो एस्थ उ सुद्धो पढमबिइयाउरस्सा ३ २८७५ पढमो जावजीवं पढमबियाए तम्हा ४ ४३८१ पढिए य कहिय अहिगय पढमबिइयातुरो वा ३ २१८१ पढमबितिए दिया वी ५ ५८५१ पढिते य कहिय अहिगय पढमबितिएसु चरिमं ४९८३ पढिय सुय गुणिय धारिय पढमबितिएसु णवमं ५०६१ पढिय सुय गुणियमगुणिय पढमबितिततियपंचम ४६९८ पढमम्मि य चउलहुगा ४६१७ पढमम्मि य चउलहुया पणगं खलु पडिवाए पदमम्मि समोसरणे ४२३७ पणगं च भिषणमासो ४२७८ पणगं च भिन्नमासो पढमस्स तइयठाणे २५१९ पढमस्स होइ मूलं ५७१० पणगं लहुओ लहुया पढमं तु भंडसाला ४ ३४४८ पणगं लहुगो लहुगा पढम राइ ठविते २ १८९६ पणगाइ असंपाइम पढमं विगिचणट्ठा ६ ६१२१ पणगाइ मासपत्तो पढमा उवस्सयम्मी २ १३३५ पणतो पागतियाणं पढमाए गिण्हितूणं ५ ५२८३, पण दस पनरस वीसा पढमाए नस्थि पढमा २ १५२३ पणपनगरस हाणी १८३३ ५३२ ४१६ .. or marrrm mr.09.2mrrurr ४७० .. ५३० .. .. १३७ . ४ ५ ४४४४ ५८४३ c ४ ३४६३ ३ २४०९ २ १०७९ ४२१५ ३ २४०८ २ १५२८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424