Book Title: Agam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 06
Author(s): Bhadrabahuswami, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha
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९४
पञ्चम परिशिष्टम् ।
विभाग: गाथाङ्क:
विभागः गाथाङ्कः
३ ३१९१
५ ५१५२
गाथा पुचि ता सक्खेत्ते पुचि दब्वोलोयण पुब्बि दुञ्चिण्णाणं पुब्धि पि वीरसुणिया पुचि मलिया उस्सारपुचि वसहा दुविहे पुचि बुग्गाहिया केई पुवुद्दिष्टुं तस्सा पुव्वुद्दिढे तस्सा
गाथा पेहिय पमजिया णं पेहिंति उड्डाह पवंच तेणा पेहुणतंदुल पञ्चय पोग्गल असुभसमुदयो पोग्गल मोयग फरुसग पोग्गल लड्डग फरुसग
७१७
४७४४ ५ ५२२४ ५ ५४१२
४ ३४९१ ४ ४६३० ६ ६२५६ ५ ५०१७ ५ ५०१७
टि०५ ५ ५२२३ ४ ३८२७ ४ ४५७१ २ ८८४
पोतविवत्ती आवण्णपोस्थग जिण दिह्रतो पोत्थगपञ्चयपढियं पोरिसिनासण परिताव
५ ५४१४
६२२३
४७१० २ १०६९ ३ ३२०६ ५ ५६६८
४६१३
पुन्वुहिटो य विही पुव्वुप्पन्न गिलाणे पुब्बोगहिए खेत्ते पुग्वोदितं दोसगणं च तं तू पुंजा उ जहिं देसे पुंजे वा पासे वा पुंजो य होति चट्टो पूएंति पूइयं इस्थियाउ पूयलसिगा उस्सए पूयलियलग्ग अगणी पूयाईणि वि मग्गह पूयाभत्ते चेतिए पूरंतिया महाणो पूरंती छत्तंतिय पूरिति समोसरणं पूर्वलियलग्ग अगणी
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४४४५ ४१०३
४
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२ १९६०
फडुगपइए पंते फडुगपइपेसविया
३ २१३५ फरुसम्म चंडरुहो
६ ६१०२ फलएणेको गाहाय
टि.८ फलगिको गाहाहिं फल्लो अचित्तो भह आविओ वा ५ ५९६८ फासुग गोयरभूमी
४८७० फासुग जोणिपरित्ते
३ २९१०
३ ३११५ फासुगमफासुगेण व
२ १९०६ फासुगमफासुगे वा
२ १८९२
५ ६०२४ फिडियऽनोनागारण
४ ४३७७ फिडियं धपणटुं वा
४ ३३७४ फुडरुक्खे अचियत्तं
२ १२६० फेडित वीही तेहिं
२ १४०४ फेडिय मुद्दा तेणं
४ ३३४६
م
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१८०७ ४८०
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टि.१
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३
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पूलियसत्तुओदणपूवलियं खायंतो पूवो उ उल्लखजं पेच्छह उ अणायारं पेच्छह गरहियवासा पेच्छामि ताव छिदं
سم
سم
سم
४८०३ २६२४ ३४७६ २०७० २३१६ २२३७ टि०४ २७९१ ४५३७ ५०४३ ३४३६
२
१०७६
बत्तीसाईजा एक्क बलसमुदयेण महया बलि धम्मकहा किड्डा
سم
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पेसवियम्मि अदेंते पेसविया पच्चंतं पेसेइ उवज्झायं पेह पमजण वासग अग्गी पेहाऽपेहादोसा
४ ४६१९ २ १२१३ ४ ४२७१
बलिपविसणसमकालं बहि अंतऽसण्णिसपिणसु बहिया उ असंसट्टे
४
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