Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01  Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 11
________________ ૫૧ પર ૫૩ ५४ पप ૫૬ ५७ पट ६० ૬૧ पहला सामान्य३प से तिर्थ मनुष्य और हेव पुरुषों के अल्पमत्वा नि३पा १२ पु३षवे डी जन्धस्थिति प्रा नि३पा ૬૩ नार-तिर्यय और मनुष्ययोनि तीन प्रकार नपुंसका निपा ६६ ६७ ६८ ૬૯ ६४ नपुंसों स्थितिभाना नि३पा नपुंसों अंतराला नि३पा ७० त्रविधा नाभ दूसरी प्रतिपत्ति त्रिविध प्रतिपत्ति में संसार समापन्न वा नि३पा स्त्रियों के लवस्थितिमान प्रथन देवस्त्रियों से लवस्थितिभान डा नि३पा स्त्रियों के स्त्रीपने से अवस्थानाला नि३पा स्त्रियो अन्तराल डानि३पा सामान्यत: तिर्यग मनुष्य और देवस्त्रियों अस्पजहुत्व डा नि३पा स्त्री प्रर्भा स्थितिमान का नि३पा ७१ तिर्यग मनुष्य और देव पुरुषों के लेटों का नि३पा पुरषों के लेटों का निप पुरुषों के अन्तराला नि३पा ७२ ना तिर्थ मनुष्य नपुंसको अत्यहुत्वा निपा કે नपुंसों वे जन्धस्थिति प्रा नि३पा सामान्य प्रकार से पांय अत्यहुत्वा नि३पा विशेष प्रकार से तिर्यगाहि विषय छठ्ठे अत्यहुत्वा नि३पा विशेष प्रो लेडर सातवें वं आठवें अत्यहुत्व निपा विशेषत: तिर्थ मनुष्य स्त्री पुरुष नपुंस तथा हेवस्त्री पु३ष जेवं नार नपुंस विषय संमिश्र नववें अत्यहुत्व निपा स्त्रीपुरुष वं नपुंसो स्थितिमान प्रा नि३पा अनुभशा समाप्त જીવાભિગમસૂત્ર ૧૧૧ ૧૧૫ १२० ૧૨૩ ૧૩૧ ૧૩૪ १३८ १४० ૧૪૧ १४८ ૧૫૨ ૧૬૦ ૧૬૦ ૧૬૩ ૧૬૯ १७२ १७८ १७८ १८२ १८३ १८७ ૧૯૨

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