Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 270
________________ इंदाभिसेय-इन्भ इंदाभिसेय [इन्द्राभिषेक रा० २७८ से २८१ इडि [ऋद्धि] मो० ४७,६५,६७,७२,८६ से १५, जी० ३.४४४,४४८,४४६ ११४,११७,१५५,१५७ से १६०.१६२,१६७. इंदिय [इन्द्रिय ] ओ०६३. जी० १११४,२२,८६, रा० १३,१५ से १७,५५,५६,५८,२८०,२६१, ८८,६०,९६,१०१,११६,१२८,१३६, ३१५६२, ६५७,७७२,८०३,८०५. जी० ३।४४६,४४८, ४५७,५५७,६०६ इंदियपज्जत्ति [इन्द्रियपर्याप्ति ] रा० २७४,७९७. इण [एतत् ] जी० ३।५ जी० ॥२६; ३१४४० इणं [इदम्] ओ० ७२ इंदियपडिसंलोणया [इन्द्रियप्रतिसंलीनता] ओ० इति [इति रा० ८. जी० ३११८ इतिहास [इतिहास] ओ०६७ इंदु [इन्दु] रा० २५५. जी० ३१४१६ इत्तरिय [इत्वरिक ] ओ० ३२ इक्कमिक्क [एकक] जी. ३११२७ इत्ति [इति] जी० ११३६ इक्खाग [इक्ष्वाकु] रा० ६८८ इत्तो [इतस् ] ओ०१६५।१७. ० २५. इक्खगपरिसा [इक्ष्वाकुपरिषद् ] १० ६१ जी० ३।२७८ इक्खुवाड [इक्षुवाट] रा० ७८१,७८४,७८६, इस्थ [अत्र) जी० ३१२४४ ७८७ इत्थंठिय [इत्थंस्थित] ओ०७२ इगयालीस [एकचत्वारिंशत् ] जी० १७१८ इरिय [स्त्री] जी० २११०५ इच्छ [इष]--इच्छइ रा० ७५१- इच्छसि इथिकहा [स्त्रीकथा] ओ०१०४,१२७ रा० ७६५-इच्छसी जी० ३१८३८२६ इत्थिया [स्त्री] ओ० ६२. जी० २१११,१५ से १६, -इच्छामि रा०६३--इच्छेज्ज रा० ७५१ ३७,६७ से ७२,७४,१४४,१४६ से १४८,१५१; - इच्छेज्जा रा० ७५१ ३.८८ इच्छा [इच्छा] ओ० ४६ इथिलक्खण [स्त्रीलक्षण] ओ० १४६. रा० ८०६ इच्छापरिमाण [इच्छापरिमाण] ओ०७७ इथिवेद [स्त्रीवेद जी० १६१३६; २१७३,७४; इच्छिय [इष्ट] मो० २३,६६. रा० ६६५ ।१२६ इच्छियपरिच्छिय [इष्टप्रतीप्ट ] ओ० ६६. इत्थिवेदग [स्त्रीवेदक] जी० ६।१३० रा०६६५ इत्यिवेय [स्त्रीवेद] जी० ११२५,१३३ इट्ठावाय [इस्टकापाक] जी० ३।११८ इथिवेयग [स्त्रीवेदक] जी० ६।१२१ इट्ट [इष्ट] ओ० १५,६८,११७. रा० ६७२,६८५, ५. इत्थिवेयय [स्त्रीवेदक] जी० ६।१२२ ७१०,७५० से ७५३,७७४,७६६. इत्थी स्त्रिी ] ओ० ३७. जी० २।१ से ३,६,१०, जी० ११३५, ३.१०६०,१०९६,११२४ १४,२० से ३०,३२ से ३६,३६ से ४६,५४, इद्रुतर [इष्टतर] जी० ३।१०७८, १०७६ ५६ से ६६,७०,७६,७८,८०,८३,८५.८६,९४, इट्टतराय [इष्टतरक] २२० २५ से ३१,४५. १०५,१४१ से १५१, ३३१४८,१४६,१६४ इत्थीलिंगसिद्ध [स्त्रीलिङ्गसिद्ध] जी०११८ जी० ३१२७८ से २८४,६०१,६०२,८६०,८६६, ८७२,८७८,६५६,६६१ इदाणि [इदानीम् ] जी० ३१८४३ इम्भ | इभ्य] ओ० २३,५२,६३. रा०६८७ से इड्डरग [दे०] रा० ७७२ ६९६,६६५,७०४,७५४,७५६,७६२,७६४. इड्र य (दे०] रा० ७७२ जी. ३६०६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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