Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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थोव-दगपासायय
६४६
थोव [स्त क] ओ० २८,१७१. जी० ११४३; दत [बंधण] [दन्तबन्धन] ओ० १०६,१२६
२०६८ से ७३,६५,६६,१३४ से १३८,१४१ दंतमाल [दन्तमाल] जी० ३,५८२ से १४६; ३।५६७.९४१,१०३७,११३८; दंतवेदणा [दन्तवेदना] जी० ३।६२८ ४.१६ से २३,२५: ५।१५ से २०,२५ से २७, दंतुक्खलिय दन्तोलूखलिक] ओ० ६४ ३१ से ३६,५२,५६,६०; ६.१२, ७।२०,२२, वंस दिश] ओ० ८६,११७. ०७६६. जी० २३ ; ८1५, ६५ से ७,१४,१७,२०,२७ से २६, ३१६२४,६३१२३ ३५,३७,५५,६१,६२,६६,७४,८७,६४,१००, सण [दर्शन] ओ० १५.१६ से २१,४६,५१ से १०८,११२,१२०,१३०,१४०,१४७,१५५, ५४,६४,१४३,१५३,१६५,१६६,१८३,१८४. १५८,१६६,१६६,१८१,१८४,१६६,२०८,
रा० ८,५०,७०,१३३,२६२,६८६,६८७.६८६, २२०,२३१,२५० से २५३,२५५,२६६,२८६ ७१३,७३८,७६८,७७१,८१४. जी० १११४, से २६३
१६,१०१,११६,१२८,१३३,१३६, ३।३०३, थोवतरक [स्तोकनरक ] जी० ३११०१,११४
४५७,११२२ थोवतरग [स्तोकत रक] जी० ३।६६,११३ दसणविणय [ दर्शनविनय ] ओ० ४०
सणसंपण्ण [दर्शनसम्पन्न ] औ० २५. रा० ६८६
संसणोवलंभ [दर्शनोपलम्भ] रा० ७६८ वओभास [दकावभास] जी० ३।७३५,७४०,७४१,
दक्ख [दक्ष ओ० ६३. रा० १२,७५८,७५६, दंड [दण्ड | ओ० १२,६४,१७४. स० १०,१२,१८,
७६५,७६६,७७०. जी० ३।११८ २२,५१,६५,१५६,१६०,२५६,२७६,२६२,
दक्षिण [दक्षिण ] जी० ३१५६०,५६६,६३६,६७३, ६६४,६७५,७५५,७६०,७६१,७६७,७६८,
७४०,७४१ ७७६,७७७. जी० ३।११७,२६०,३३२,३३३,
दक्षिणकूलग [दक्षिणकूलग] ओ० ६४ ४१७,४४५,४५७,५६२,५८६
दक्षिणपच्चत्यिम [दक्षिणाश्चात्य ] जी० ३१६५७ वंडणायक दण्डनायक ! ओ०१८
दक्षिणपुरत्यिम [दक्षिणपीरस्त्य] जी० ३।६८६ दंडणायग [दण्डनायक] रा० ७५४,७५६,७६२,
दक्खिणिल्ल [दाक्षिणात्य ] जी० ३।४८६ ७६४ दंडणीइ [ दण्डनीति | रा० ७६७
वग [दक ] रा० १२. जी० ३१७४१ दंडनायग [ दण्डनायक] ओ० ६३
वगएक्कारसम [ दकैकादश ] ओ० ६३
दगकलसग [दककलशक] रा० १२ दंडपाणि दण्डपाणि रा० ६६४ वंडय | दण्डक] रा० ७५५
दगकुंभग [दककुम्भक] रा० १२
दगतइय (दकतृतीय ] औ० ६३ दंडलक्षण [दण्डलक्षण] ओ० १४६. रा० ८०६ दंडसंपुच्छणी दि० दण्डसंपुच्छणी, दण्डसम्पुसनी]
दगथालग दकस्थालक] रा० १२
दगधारा [दकधारा रा० २६३ से २६६,३००, रा० १२ दंडि | दण्डिन् । ओ० ६४
३०५,३१२.३५१,३५५,५६४. जी० ३।४५७
से ४६२,४६५,४७०,४७७,५१७,५२०,५४७, दंत । दन्त | ओ० १६.२५,४७,६४. रा०२५४, ७६०,७६१. जी० ३१४१५,५९६
दगपासायग [दकप्रासादक ] रा. १८०. जी० दंत [दान्त ] ओ० १६४
३।२६२ दंत [पाग] [दन्तपात्र] ओ० १०५,१२८ दगपासायय [दकप्रासादक ] रा० १८१
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