Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 452
________________ सालि-सिंगार ७५६ सालि शालि] ओ०१. रा० १५०. जी० ३।६२१, साहरण [संहरण] जी० २१११६,१२४ साहरणसरीर [साधारणशरीर] जी० ११६८,७३ सालिपि? [शालिपिष्ट] रा० २६. जी० ३।२८२ साहरिज्जमाण [संह्रियमाण] रा० ३०,८०४. सालिसय [सदृशक] रा० २४५. जी० ३४०७ जी० ३१२८३ सावएज्ज [स्वापतेय] रा० ६६५. जी० ३१६०० साहरिज्जमाणधरय [संह्रियमाणचरक] ओ० ३४ सावज्ज सावद्य] ओ०४०,१३७,१३८ साहरित्ता [संहृत्य ] जी० ३।४५७ सावज्जजोग [सावद्ययोग] ओ० १६१,१६३ साहसिय [साहसिक] ओ० १४८,१४६. रा० सावतेज्ज [स्वापतेय] ओ० २३ ८०६,८१० सावत्थी [श्रावस्ती ] रा० ६७५,६७७ से ६८० साहस्सित [साहनिक] जी० ३१८४२ ६८३,६८५ से ६८६,६६२,७००,७०६, साहस्सिय साहसिक] रा०५६. जी. ३१८४२, ८४५ साहस्सी [साहस्री ओ० १६. रा० ७,४१ से ४४, सावय [स्वापद ओ० ४६. जी ३।६२० ४८,५६ से ५८.२३५,२३६,२८०,२८२,२८६, सावय [श्रावक] जी० ३१७६५,८४१ २६१,५६८,६५७.६५८,६६० से ६६२,६६४. सावाणुग्गहसमत्थ [शापानुग्रहसमर्थ ] ओ० २४ जी० ३:२३६,२४६,२५५,३३६,३४१ से साविया श्राविका जी० ३.७६५,८४१ सार्वेत [श्रावयत् ] मो० ६४ ३४५,३५०,३६७,३६८,४४६,४४८,४५५, ४५७,५५७,५५८,५६०,५६२,५६३,६३५, सास श्वास ] जी० ३।६२८ ६३७,६५७ से ६५९,६८०,७००,७२१,७३३, सासंत शासत् ] ओ० ६४ ७३८,७६० से ७६३,६०२,६०३,१०२५, सासत [शाश्वत] जी० ३१५७,५८,८७,७०२, १०३८,१०४१,१०४४,१०४६,१०४६ से १०५२ सासय [शाश्वत) ओ० १८३,१८४,१६५।१६,२१. साहस्सीय साहसिक] रा० ६७१ रा० १३३,१६८ से २००. जी० ३१५६, साहा [शाखा] ओ० ५,८. रा० २२८. १२७१२,२७० से २७२,३०३,३५०,७२१, ___ जी० ३।२७४,३८७,६७२ ७२४,७२६,७६०,१०८१ साहित्ता [कथयित्वा ] रा०६ सासा स्वाशा,शास्या] ओ० ४६ साहियासाधिका ओ०१६१७ सिाह [कथय,शास्]- साहिति. रा० ११ साहिय [सहित] जी० ३।६२५ --साहेति. रा० २८१. जी० ३।४४७ साहिय साधित] रा० ७६५ -साहेह. रा०६ साहु [साधु] ओ० ४६,१६१,१६३ सिाह [साथ् ]-साहेइ रा० ७६५--साहेज्जासि. सिंग शृङ्ग रा० ७१,७७ रा० ७६५. साहेमि. रा०७६५ सिंगबेर [शृङ्गबेर] जी० १९७३ साहटु संहृत्य ) ओ०२१ सिंगमेद [शृङ्गभेद] ओ० १३ साहण [स+हन् ]---साहणेज्जा .जी० ३३११८ सिंगमाल [शृङ्गमाल] जी० ३१५८२ साहम्मि यययावच्च [सार्मिकवैयावृत्य ] ओ० ४१ । सिंगवाय [शृङ्गवादक] रा०७१ साहय [संहत] ओ० १६. जी० ३।५६६,५६७ सिंगार [शृङ्गार ओ०१५. रा०७०,७८,१३३, साहर [सं+ ह!-- साहरति जी० ३१४५७ ६७३,८०६,८१०. जी०३१३०३,५६७,११२२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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