Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 380
________________ पियतराय-पुंज पितराय [प्रियतरक ] रा० २५ से ३१,४५. जी० ३२७८ से २८४,६०१ पियदसण | प्रियदर्शन] रा० ६७२,६७३,८०१. जी० १५०८ पियय [ प्रियक] ओ० ६, १० पियर | पितृ ] रा० ८०२,८०३,५०५,८०८,८१० पियरक्खिया [ पितृरक्षिता ] ओ० ६२ पियाल | प्रियाल | जी० ३३३८८,५८३ पिरली [ पिरलो ] जी० ३।५८८ पिपरिया | पिपरिया | रा० ७१,७७ परिपरियावाय [परिपिरियावादक ] १० ७१ fra [ इव] ओ० २७. ₹१० १७. जी० ३१४५१ पिवासा | पिपासा ] ओ० ४६,११७. रा० ७६६. जी० ३११०६, १२७,१२८,५६२,१११४ पिवासिय [पिपासित ] रा० ७६०,७६१,७७४. जो० ३१११८,११६ पिसाय | पिशाच ] ओ० ४६. जी० ३११७, २५२, २५३ पिसायकुमार | पिशाच कुमार ] जी० ३१२५३ पिसायकुमार राय [पिशाचकुमारराज | जी० ३२५२ से २५६ fuereकुमारिद [ पिशाचकुमारेन्द्र ] जी० ३।२५३ से २५६ पिडग [ पिठरक ] जी० ३७८ / पिहा [पि + धा । - पिहावेमि. रा० ७५४. -- विहेइ. रा० ७५५. -- पिज्जा. रा० ७७२ विहाण | विधान ] रा० २६०. जी० ३।३०१ पिहाणथ | विधानक ] रा० ७५४,७५६ पिर्णामजिया [दे० पिहूणमज्जा | रा० २६ fuge | पृथुल ] ओ० १६. जी० ३।५९६,५६७ पीइगम [ प्रीतिगम] ओ० ५१ पोइदाण [ प्रीतिदान ] ओ० २१,५४,१४७. रा० ७१४,७७६,८०८ पण [ प्रीतिमनस् ] ओ० २०,२१,५३,५४,५६, ६२,६३,७८,८०,८१. रा० ८,१०,१२ से १४, १६ से १८,४७, ६०, ६२, ६३, ७२, ७४, २७७, Jain Education International ६८७ २७६,२८१, ६०, ६५५, ६८१,६८३, ६६०, ६६५, ७००, ७०७,७१०, ७१३, ७१४,७१६, ७१८,७२५,७२६,७७४, ७७८. जी० ३३४४३, ४४५, ४४७,५५५ पीठ [ पीठ | ओ० २७,१२०, १६२ ० ६६८, ७०४,७०६,७११,७१३, ७५२, ७७६,७८६ पोढम्माह | पीठग्राह ] ओ० ६४ पोढमद्द | पीढमर्द ] ओ० १८. रा० ७५४,७५६, ७६२, ७६४ पोण [ पीन ] ओ० १६. रा० १३३. जी० ३ ३०३, ५६६,५६७ पीण [ पीनय् ] -पी ंति. जी० ३०४४७. - पीर्णेति श० २८१ पीणणिज्ज [ प्रीणणीय] ओ० ६३ पोत [ पीत ] जी० ३।५६५ पीतपाणि [ पीतपाणि] २० ६६४ पीय [ पीत ] रा० ६६४. जी० ३।५६२ पीraणवीर [पोतकणवीर ] रा० २८० जी० ३।२८ पीयपाणि [ पीतपाणि] जी० ३१५६२ पीयबंधुजीव [ पीतबन्धुजीव ] रा०२८. जी० ३।२८१ पीयासोय [ पीताशोक ] रा० २८. जी० ३१२८१ पीलियम [ पीडितक ] ओ० १० पीलु [ पीलु ] जी० ११७१ पीवर | पीवर ] ओ० १६. T० ६९, ७०. जी० २५९६,५६७ पीह [ स्पृह ] - पीहति. ओ० २० - पीहेड़. रा० ७१३. पीति. रा० ७१३ पुंछणी [ पुणी] रा० १३०,११०. जी० ३।२६४ ३०० पुंज [ पुञ्ज ] ओ० २,५५ २० १२,३२,३८,१६०, २२२,२५६,२८१,२६१,२६३ से २६६,३००, ३०५, ३१२,३५५. जी० ३।३१२,३३३,३५२, ३०१, ४१७, ४४७, ४५७ से ४६२, ४६५, ४७०, ४७७,५१६,५२०,५५४,५८०, ५६०,५६१,८६४ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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