Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 398
________________ मंथ-मज्झ मंय | मन्थ] ओ० १७४ मंद | मन्द ] रा०.७६, १७३, ७५८, ७५६. जी० ३।२८५,६०१,८६६ मंदगति | मगति ] जी० शहद मंदर [मन्दर ०१४२७.२० १२४, २७६, ६७१.६७,८१३. मी० ३.१७१६ से २२१,२२०,३००, ४४५, ४६६.५६८, ५६६. ५७०६६८,७०१,७३६,७४०, ७४२.७८५ ७५०,७५४,७६२,७६५, ७६६.२७५,६३७, १००१.१०३६ मंदरगिरि मद ग०ि १७३०१२८१ मंदलेस || जी० श०३१२६ मंदलेस्स | मंदलेषय | जी० ३१८४५ मंदाय [मन्द | ९० ४०,११५, ११२, १७३,२०१. जी० ३२६५२५५, ४८७ मंदावलेस्स | मागले ०६४५ मंस (मांस | ०६२/६३ २०७०३ मंसल मांगल] ओ० १६. जी० ३।५६६, ४६७ मंसह [मासतुख ] ओ० ६३ सुश्म०१.०१० २३०४५५५२६ मकरंडक एकक | जी० ३।२७७ i गतियागुम्म [२०] जी० ३२५६० मगर [क] ० १३,४६. रा० १७,१८,२०, ३२.३७.१२६.० १६.११८३२८८, ३००, ३११,३७२, ५९६,५६७ मगड २१० २४ मगरासण | मकरासन रा० १८११८२. ज० ३।२६३ मरिया | मकरिका | स० ७५. जी० ३१५६३ मगुंद | मुकुन्द ] जी० ३१५८६ मग [ मार्ग | ० ४६,६५,७२ मरगणा ० ११७, ११९, १५६ j मग्गतो [ पृष्ठतस् ] अं० ० ५५ मदमानंदय] ० १२,२१,५४,०८, २६२. जी० ३।४५७ मघमत [ प्रसरत् ] ओ० २,५५. २० ६, १२,३२, Jain Education International १३२,२३६,२०१,२९२. जी० २३०२,३७२, ३६८, ४४७ ७०५ मघव ( मघवन् ] जी० ३।१०६८ मघा | मधा | जी० ३३४ म] [मृत्यु] ओ०४६ [ मत्स्य ] ओ० १२,४६,६४ ० २१,४६, १७४,२६१. जी० ११०० ३०० ११८, ११६.२५६,२०६,५६७.२६५, २६६,६६८,९६९ भडक [क] बी० ३२७७ मच्छंग [ मत्स्याण्डक] १०८४ मच्छंडा विभत्ति [ मत्स्याण्डकप्रविभक्ति ] रा० ६४ मन्डामय रंडाजारामारापविभत्ति [मस्याण्डकमकराण्डको रकम र भक्ति ० १४ मच्छंडिया | मत्स्यण्डिका । ०३६०१,८६६ मच्छंडी | मत्स्यण्टी] जी० ३।५९२ मच्छ [मत्स्व ० १६६ i मच्छित मक्षिकापत्र ] ओ० १६२ मच्छी]] [[मत्स्वी] जी० २२४ मज्ज | मद्य ] ओ० १२,६३. जी० ३१५६६ / भज्ज | मस्ज् ] - मवेज्जा. रा० ७७६ मज्जण [ मज्जन ] ओ० ६३ मज्जधर मगृह ओ० ६३ भजणधरगम रा० १८२.१८३. जी० ३१९६४ मज्जनधाई | गज्जनधात्री २००४ मज्जार [मार] जी०३२८४ मज्जिय | मज्जित ] ज०६३ मज्झ | मध्य ] ओ० १५,१६,६३,६८. रा० १२५, १२७,२४०,२४५,२०२,६७२,७६६. जी० ११४६, ३१५२,५७,८०,२६१,३५२, ५१६,६३२,६६१,६६१.७२३.७२६,७३६,८३९ ८८२ [ मध्यमध्य आं० २०,५२,६७ से ७०. ० १०,१२,५६,२७८.६०३,६०५,६८७, ६१२,७००,७०६,७०८,७१०,७१६,७२६. जी० २४४५५५७ मम For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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