Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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तियाह-तिसालग
६४५
तियाह {यहजी ३८६,११८,११६ तिल [तिल जी० ११७२; ३१६२१ तिरिक्ख { तिर्यच् ! जी० ११५१,१२३, २२५,६४, तिलकरयण [तिलकरत्न] जी० ३।३०७ १२२, ६३१
तिलग | तिलक] जी० ३१५६३,६३१ तिरिक्खजोणि तिर्यग्योनि ] मो०७४.१,३ जी०
तिलगरयण तिलकरल] रा० १३०,१३७.
जी० ३३०० २१२,३,६,१०,२१ से २४,४६,६८,६६,
तिलपप्पडिया [तिलपर्पटिका] जी० ११७२१३ ७२,१४२,१४५.१४६,१४६,१५१
तिलय [तिलक] ओ० ६ से ११. रा० ६६,७०, तिरिक्खजोणिणी [ तिर्यग्यो निकी } ओ० ७१.
जी० ११७२; ३१३८८ से १०,५८३,७७५।२ जी० ६.१,४,६,१२, ६२०६,२१२,२१८.२२२
तिलागणि तिलाग्नि जी० ३१११० तिरिक्खजोणिय लियंग्योनिक अं०७१,७३,
तिवइ त्रिपदी] रा०२८१ १५१, जा० ११२१.१८,२५५६:२१.६१,६७, तिवति | त्रिपदी| जी० ३।४४७ १८,१०१ से १०३,११६,११७,११६,१२५,
तिवलि ( त्रिवलि ] ओ० १५. रा० ६७२. २१७५,७६,८२,८३,८८,६६,६६,१०१ से १०५,
जी० ३३५६७ १०७ से १११,११३,११,१२२,१८,१२६,
. तिवासपरियाय [त्रिवर्षपर्याय ] ओ० २३ १३८,१३६,१३८,१४२,१४५.१४६,१४६,१५१; ३११,१२१,१३० से १४७,१५५, १५६,१६१ से तिविष त्रिविध] जी० २११०४,१०६,१५१ः
३१३८,१४८,१४६,१५३,१६४,२१५,८३६; १६३,१६६,११३२,११३४.११३७,११३८ ६१३,८,१० से १२; ७.१,५,६,१०,१५,१६,२०
५५७; ६११२ से २३; १५६,२०६,२११,२१७,२२०,२२१, तिविह [विविध] ओ० ३३,३७,६६,७०,७६. २२५,२२६,२३१,२३२,२३५,२३६,२४३, से रा० ७६. जी० ११०,१२,७५,९६,११७, २४५,२५०,२५१,२५३,२५५,२६७,२७०,
११६,१२६,१३३,१३६; २१ से ३,८,११, २७१,२७६,२८०,२८६,२८७,२८६,२६३
७५ से ७७,६६,१५१, ३३७,७८,१३७, तिरिक्खजोणियत्त [ तिर्यग्योनिकल्व ] ओ० ७३.
१६१:१०७१, ६२३,३२,६७,६९,७५,८८, जो० ३:११३४
६५.१०१,१०६,१६४,२०२ तिरिय तर्यच आ० ४४,४६. रा० १०,१२,५६, तिब्व [तीन] ओ० ४,४६,६६. रा० १७०,७०३,
१२६,१३२.२७ ६. जी० ११४५,७६८७,६६, ०६५. जी० ३१११०,२७३,६०८,६११ १०१,१३६; ३.१२६१२,२५७,३०२,३५१, तिब्वच्छायतीव्रच्छाय] ओ० ४. रा० १७०,७० ४४५,६३८,३०१,७१०,७९६,७४७,७६१,७६४, जी. ३१२७३ ७६८,७६६,८१४,८३८११२,६४०,६४४,१००६, लियोभास तीवावभास] ओ० ४. रा० १७०, ११११, ६।१५८
७०३. जी० ३३२७३ तिरियक्खेवण तिर्यक्क्षेपण ] ओ० १८०
तिसत्तक्खुत्तो [त्रिसप्तकृत्वस् ] ओ० १७०. तिरियलोय (तिर्यग्लोक ] जी० ३:२५६
जी० ३८६ तिरियवाय तिर्यमःत ] जी० ११८१
तिसर | त्रिसर] ओ० ५२,६३. रा० ६८७ से ६८६ तिरोड [किरीट ओ० ५१
तिसरय त्रिमरक] ओ०१०८,१३१ तिरुव त्रिरूप | जी० २।१५१
तिसालग त्रिशालक] जी० ३५९४
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