Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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उच्छायणया उण्ण यासण
उच्छायणया [ उच्छादना ] रा० ६७१ उच्छु ! इक्षु ] ओ० १. जी० ३८७८, ६६१ √ उच्छुभ [ उत् + क्षिप् [ -- उच्छु भइ, रा० ७८५ उच्छूढ [ उत्क्षिप्त ] ओ १६. जी० ३।५६६ उच्छूढसरीर | उत्क्षिप्तशरीर ] ओ० ८२. रा० ६६६ उट्ठिय [ उत्थित ] ओ० २२. रा० ७७७,७७८, उज्जम [ उद्यम | ओ० ४६
√ उट्ठा [ उत् + ष्ठा ] -- उट्ठे इ. ओ० ७८. रा०६९५ - उट्ठेति. ओ० ८१.- उट्ठेति. रा० ६० उट्ठा [ उत्था] ओ० ७८.८०.८१, ८३. रा० ६०,६२, ६१५,७००,७१८,७८०
७८८
उज्जल | उज्वल ] ओ० ५,८,१६,५७. रा० ३२, ६६,७०,२४६,७६५. जी० ३।११०,१११, ११७,२७४,३७२,४१०,५८६ से ५६१,५६६ उज्जाण [ उद्यान ] ओ० १,३७. ० १२,६५४, ६५५,६७०,७०६,७११,७१३, ७१६, ७१६, ७२६. जी० ३।५५४
उज्जाणपालग [ उद्यान पालक ] २१० ७०७,७१३, ७१४ उज्जाण पालय [ उद्यानपालक ] रा० ७०६ उज्जाणभूमि | उद्यानभूमि [ रा० ७३२,७३७,७४७ उज्जालि [ उज्वालित ] जी० ३१५८६
उज्जु [ऋजु ] ओ० १६,४७. जी० ३।५६६,५६७ उज्जुमइ [ ऋजुमति ] ओ० २४. रा० ७४४ उज्जय [ ऋजुक] ओ० १६. जी० ३३५६६, ५६७ उज्जुसेढी [ ऋजुश्रेणी] भो० १८२ उज्जोइय [ उद्योतित ] जी० ३०५६८ उज्जोएमाण [ उद्योतयत् ] जी० ३।३०३ उज्जोय [ उद्योत ] ओ० १२. रा० २१, २३, २४, ३२, ३४, ३६, १२४, १४५, १५७,२२८, २५७. जी० ३।२६१, २६६, २६६, २७७, ३८७, ५८६, ५६०, ६७२
उज्जोव [ उद् + द्युत ] – उज्जवेइ. रा० ७७२, जी० ३,३२७ - उज्जोवेति रा० १५४. जी०
३।३२७ - उज्जोवेति. रा० १५४ जी० ३।७४१ उज्जोविय [ उद्योतित ] ओ० ५१,६३,६५ उज्जीवेमाण [ उद्योतयत् ] ओ० ४७,७२. रा० ७०, १३३. जी० ३।११२१,११२२
उट्ट [ उष्ट्र ] ओ०१०१,१२४. जी० ३२६१८ उट्टियासमण [ उष्ट्रिकाश्रमण ] ओ० १५८ उट्टी [ उष्ट्री ] जी० ३।६१६
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उशा [ उत्थाय ] ओ० ७८. ० ६० [ [ उटज ] तापगृह जी० ३७८ √ उड़ [ दे० ] – उडु इज्जइ. रा० ७८५ [उपति] ओ० १६
उडुति [ उडुपति ] जी० ३।५६६
उड्ड [ उर्ध्व ] ओ० ११९.१८२, १६२. रा० १२४, १२७ से १२६,१३७,१८६, १८६, २०४ से २१२, २२२,२२७,२३१,२३६,२४७,२५१, २५३, ७५३. जी० १२४५; ३.२५७,२६१ से २६३, ३००, ३०७, ३५२ से ३५५,३५६.३६४,३६८ से ३७४,३७६, ३८१, ३८६, ३१३,४०१, ४१२, ४१४,५६६,६३२,६३४, ६४६, ६४७, ६६१, ६६३,६७२ से ६७५,६७६,६८६,७०६,७१३, ७३६,७३७,७५६,८३८११२,८३६, ८४२, ८४५, ८८२,८८४,८८५,८८७, ८८८,८६४,८८, ६००,६०७,९११, ११८, १०३८, १०६७,१०६६, १०७०, ११११
उहंजण [उर्ध्वजानु ] ओ० ४५,८२ उठवाय [ऊर्ध्ववात] जी० १८१ उड़ढीमुह [ उद्धी' मुख ] जी० ३१८४२ उष्णइय [ उन्नतिक] ओ० ६ जी० ३।२७५, २६६, ६३६,८५७,८६३
उष्णत [ उन्नत ] रा० २४५
√ उष्णम [ उत् + नम् ] - उष्णमंति. रा० ७५ उष्णमत्ता [ अन्नम्य ] रा० ७५ उणय [ उन्नत ] ओ० १,१६. जी० ३३४०७,५६६,
५६७
उष्णयासण [ उन्नतासन] रा० १८१,१८३. जी० ३१२६३
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