Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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गंडीपम-गज्ज
गंडीपय [गण्डीपद] जी० १११०३ मंडोवहाणय [गण्डोपधानक] रा० २४५ गंडोवहाणिया [गन्डोपधानिका] जी० ३६४०७।। गंता [गला] ओ० १८२ जी० ३१७८८ गतूंग [गत्वा] मो०.१६५ गंय [ग्रन्थ ] रा० २६२. जी० ३।४५७ पंथिम ग्रिन्थिम] ओ० १०६,१३२. रा०२५५.
जी० ३४५१,५६१ गंष [गन्ध] ओ० २,१५,४७,५१,५५,६३,६७,७२.
६२,१४७,१६१,१६३,१६६,१७०. रा०६. १२,१३,३०,३२,४५,१३२,१५६,१५७,१७२, १६६,२३६,२५८,२७६ से २८१,२६१,२६२, ३५१,५६४,६५७,६७२,६८५,७१०,७१४, ७५१,७५३,७७१,७७४,७६४,८०२,८०८. जी० ११५,३६,५०,५८,७३,७८,८१:३३२२, ५८,८४,८७,६५,१२७,२७१,२८३,३०२,३०६, ३२६,३७२,३६८,४१६,४४५ से ४४७,४५१, ४५७,५१६,५४७,५७८,५६६,५६२,५१८,६०१, ६०२,६४५,६४८,६५६,७७५,८६०,८६६, ८७२,८७८,६३७,९७२,९८२,१०७८,१०८१
१०६७,१११७,१११८,११२४ गंपओ [गन्धतस् ] जौ० ११३७,५० गंधकासाइ [गन्धकाषायिन् ] ओ० ६३. रा० २८५.
जी० ३१४५१ गंधंग [गन्धाङ्ग] जी० ३.१७० गंधजत्ति गिन्धयुक्ति] ओ० १४६ गंपतो गन्धतस् ] जी० ३१२२ गंधद्धाणि [गन्धघ्राणि] ओ०७,८,१०. जी.
३।२७६ . गंधमंत [गन्धवत् जी० ११३३, ३६, ३।५६२ गंधमावण [गन्धमादन] जी० ३।६६८ गंधमायण [गन्धमादन] जी० ३१५७७ गंधवट्टि [गन्धवति ] ओ० २,५५,६२. रा०६,
१२,३२,१३२,२३६,२८१ जी० ३।३०२,
३७२, ४४७ गंधरुव [गन्धर्व] ओ० ४६,१२०,१४८.१४६.
१६२. रा० १४१,१७३,१६२,६८५,६१८, ७५२,७७१,७८६. जी० २११७; ३१२६६,
२८५,३१८,५८८ गंपव्वकंठ [गन्धर्वकण्ठ] रा० १५५,२५८ जी०
३१३२८ गंधव्वकंठग [गन्धर्वकष्ठक] जी० ३६४१६ गंषन्वघरग गन्धर्वगृहक ] रा० १८२,१८३ जी.
३१२६४ गंधव्यणट्ट [गन्धर्वनृत्य ] रा० ८०६,८१० गंषश्वनगर [गन्धर्वनगर] जी० ३।६२८ गंधवाणिय [गन्धर्वानीक] रा०४७.५६ गंधहस्थि [गन्ध हस्तिन | ओ०१४.१६२११४
रा०८,२६२,६७१. जी० ३१४५७ गंधावति (गन्धापातिन् | जी. ३१७६५ गंधावाति [गन्धापातिन् । रा० २७६. जी. ३४४५ गंधिय [गन्धिक] ओ०२,५५. रा०६,१२,२२,३२,
१३२,२३६,२८१,२८५. जी० ३३०२:३७२,
४४७,४५१ गंधीय [गन्धिक) जी० ३।२६० गंभीर गम्भीर] ओ० १,५,८,१६,२७,४६,४६,
७१. रा०१३,१४,६१,१७४,२४५,८१३. जी० ३१८३,११८,११६,२७४,२८६,४०७,
५६६,५६७ गकारपविभत्ति [गकारप्रविभक्ति । रा० ६५ गगण [गगन] ओ० २७,६४. रा० ५०,५२.५६
१३७,२३१,२४७,५१३. जी० ३३३०७,३६३ गच्छ [गम् ---गच्छ. रा०६८०.-गच्छइ.
रा० १५-गच्छंति. ओ० १७१. जी० १५४. --- गच्छति. रा० १३. जी० ३.४४०--गच्छह रा०६-गच्छामि. रा० १९.-गच्छामो.' ओ० ५२. रा०६८७.—गच्छाहि. रा० ६६६.
- गच्छिहिति. ओ० १४० गच्छंत [गच्छत् ] ओ०४० गच्छित्तए [गन्तुम् ] ओ० १०० गज्ज [गद्य ] रा० १७३. जी० ३१२८५ गिज्ज [गर्ज]- गज्जति. रा० २८१.
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