Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
गोयमदीव-घण
६६६, ६७२ से ६७६,६८२ से ६८७,८६, ६६६ से १००८, १०१०, १०११,१०१५, १०१७,१०२० से १०२३,१०२५ से १०२७, १०३७ से १०४२, १०४४, १०५७, १०५८, १०६३,१०६५, १०६७, १०६६, १०७१, १०७३ से १०७५, १०७७ से १०८१,१०८३, १०८५ से १०८७,१०८६ से १०६३, १०६५, १०६८, १०६६, ११०१,११०५, ११०६ से ११२४,११२८ से ११३१,११३४ से ११३८ ४१३, ५ से ११,१६,१७,१६,२२,२३,२५; ५५,८,१०,१२ से १७,१६ से २४,२८ से ३०, ३४, ३५, ३७ से ३६, ४१ से ५०, ५२ से ५६, ५८ से ६०, ६८, ७१२, ६, २०; ६२, ४, १० से १४,१६, २३ से २६,३१,३३,३६,४१ से ४७,४६, ५२, ५५,५७,५८,६४,६८,७७,७८, ८६,६०,६६,६७, १०२, १०३, ११४,११५, १२२, १३२, १४२, १६० से १६३,१७१, १८६ से १६१, १३, १९५,१६८ से २०७, २१० से २१२,२१४ से २१, २२२ से २२५, २२७ से २३०, २३३ से २३८,२४० से २४४, २४६, २४६ से २५३,२५५, २५७ से २६३,२६५, २६८ से २७३,२७५ से २५२,२८४ से
२६३
nterata [गौतमद्वीप ] जी० ३।७५४,७५५, ७६०,
७६१
गोर [ गोचरा ] रा० ७१६ गोर [गौर] ओ० ८२
गोलवट्ट [ गोलवृत्त ] रा० २४०, २७६,३५१. जी०
३।४०२.४४२, ५१६,१०२५
गोलियालिछ | गोलिकालिञ्छ | जी० ३।११८ गोaasa [ गोत्रतिक ] ओ० ६३
गोसीस | गोशीर्ष ] ओ० २,५५,६३. रा० ३२, २७६,२८१२८५,२६१,२६३ से २६६,३००, ३०५,३१२,३५१,३५५,५६४. जी० ३:३७२, ४४५,४४७,४५१,४५७, ४६२, ४६५, ४७०, ४७७,
Jain Education International
५१६,५२०,५४७,५५४
गोहा [ गोधा ] जी० १ ११२ गोही [ गोधी ] जी० २६
[घ]
६१५
घ [घ] रा० ६५
घओद [ घृतोद ] जी० ३।२८६ ओवय [ घृतोदक ] जी० ११६५ घओयग | वृतोदक ] रा० १७४ घंटय [ घण्टाक ] जी० ३१२८५
घंटा [ घण्टा ] ओ० २,१२,५७,६४. रा० १३.१५,
_२३,३२,१३५,१७३,२५८, ६८० जी० ३.२६१,३०५,३७२, ४१६
घंटाजाल [ घण्टाजाल ] रा० १३२, १९१. जो० ३२६५,३०२
घंटापास [ घण्टापा ] रा० १३५. जी० ३१३०५ घटावलि [ घण्टावलि ] रा० १७,१८,२० घंटिया [ घण्टिका ] रा० १७,१८. जी० ३।५६३ घंस [घर्ष ] जी० ३ | ६२३ after [घर्षितक ] ओ० ९० कारविर्भात [धकारप्रविभक्ति ] रा० १५ घट्ट [ घट्ट् ] घट्टइ. रा० ७७१ - घट्टति जी० ३३७२६
घट्टत [ घट्टयत् ] रा० ७७१
घट्टणया [ घट्टन ] ओ० १०३, १२६ घट्टिज्जत ] वट्टघमान ] रा० ७७ घट्टिय | घट्टित ] रा० १७३. जी० ३१२५५ घट्ट [ धृष्ट] ओ० १२,१६४. रा० २१,२३,३२, ३४.३६,१२४, १४५, १५७. जी० ३।२६१. २६६,२६६
घडग [ घटक ] जी० ३।५८७
घडत [ घटत्व ] जी० ३३२२,२७,७८४,७८७ घण [ धन ] ओ० १, ४, ५, ८, १३, १६,४७,६८. रा० ७,१२,११४,१३३,१७०,२८१,७०३.७५५, ७५८,७५६, ७७२. जी० ३६७,८०, ११८, २७३, २७४,३००, ३०३, ३५०, ४४७, ५६३,
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470