Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 284
________________ औणय-ओहस्सर मोणय [ अवनत ] मो० ७० areer [ अवस्तृक ] ओ० ६३,६५ ओवन [ओदन] जी० ३५६२ / ओधार [ अव + धारय् ] -- ओधारेंति. रा० ७१३ / ओभास [ अव + भास् ] — ओभाइ. जी० ३१३२७ - ओभासेइ. रा० ७७२ -- ओभासेति. रा० १५४. जी० ३।३२७ -- ओभासेति. रा० १५४. जी० ३।७४१ ओभासमान [ अवभासमान ] जी० ३।२५६ ओभिज्जमाण [ उद्भिद्यमान ] रा० ३० ओमत्त [ अवमत्व [ रा० ७६२,७६३ / ओमुय [ अव + मुच् ] - ओमुयइ. ओ० २१. रा० ७१४ ओमुत्ता [ अवमुच्य ] ओ० २ ओमोदरिया [ अवमोदरिका ] ओ० ३३ ओमोरिया [raमोरिका ] ओ० ३१ ओयंसि [ ओजस्विन् ] ओ० २५. रा० ६८६ ओविय [ दे० ] ओ० १६,४७. रा० ३७,२४५. जी० ३।३११,४०७, ५६६ ओराल [ दे० उदार ] ओ० ८२. रा० ३०,१३२, १३५,१७३, २३६, ६८६. जी० ११७५,८३, १३६, ३१२६५, २८३, २८५,३०२,३०५, ७२६,७८५, ७८६८४१ ओरालिय [ औदारिक ] ओ० १८२. जी० १११५, ५६,६४,७४,७६,८२,८५,१०१,११६,१२८, १३० ओरालियमोसासरीर | औदारि मिश्र कशरीर ] ओ० १७६ ओरालियसरीर | औदारिकशरीर ] ओ० १७६ ओरालियसरि [ औदारिकश रोरित् ] जी० ६ १७०,१७१,१७६, १८१ ओरोह [ अवरोध ] ओ० १ ओलंबियग [ अवलम्बितक ] ओ० ६० ओलित [ दे० उपलिप्त ] ओ० ५२. रा० ६८७ से ६८६ Jain Education International ओवइय [ दे० ] जी० १८८ ओaff [ ओपनिधिक, औपतिहितिक ] ओ० ३४ ओम् [ औपम्य ] ओ० १६५/१७. जी० ३।१२७१५ / ओवय [ अब + पत्] - ओवयंति रा० २८१. जी० ३१४४७ ५६६ ओवयमाण [ अवपतत् ] रा० ५६ ओवहिय [ औपधिक ] ओ० १६१, १६३ ओवासंतर [ अवकाशान्तर ] जी० ३ १३,१६,२१, २६,२७,३०,३२,६५,६७, १७६, १७८, १८०, १८२,१०६२ से १०६४ ओविय [ दे० ] परिकर्मित ओ० ६३. रा० १७, १८,६६,७० जी० ३।५६३ / ओवील [ अव + पोड् ] - ओवीलेति. जी० ३१७६५ ओस [ दे० अवश्याय ] जी० १२६५ ओसच्णकारण [ अवसन्नकारण] जी० ११५०,६५, १३६ ओसण्णग [ अवसन्नक] ओ० २० ओसण्णदोस [ उत्सन्नदोष ] ओ० ४३ ओसप्पिणी [ अवसर्पिणी ] जी० १११३६,१४०; २१२० ३६०,१६५, ८४१, १०८५ ५८, ६,२३, २६, ६ २३,४०,६७,२५७ / ओसर [ अप + सृ] - ओसरति, रा० २६२. जी० ३।४५७ ओसरिता [अपसृत्य | रा० २६२. जी० ३०४५७ ओसह [ ओषध ] ओ० १२०,१६२. रा० ६६८, ७५२,७८६ ओसहि ओषधि | रा० १५२, २७६,२८०. जी० ११६६; ३।३२५,४४५,४४६,४४८ ओसारिय [ अवसारित ] ओ० ५७ महबल [ ओघवल ] ओ० ७१. रा० ६१ ओह | उपहत, अवहूत ] ओ० १४. रा० ६७१, ७६५ ओहस्सर [ओधस्वर] रा० १३५. जी० ३३३०५, ५६८ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470