Book Title: Agam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Raipaseniyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 280
________________ उम्बिद्ध-ऊसास ५८७ उविध [ उद्विद्ध] ओ० १ उसिय [ उत्सृत] रा० १३२. जी० ३।२०२ उन्वेग उद्वेग] जी० ३।६२८ उसोर [उशीर] रा० ३०. जी० ३१२८३ उब्वेष [उद्वेध ] जी० ३१७३६,७६४,६००,६०१, उसु [दषु] रा० ७५६. जी० ३१६३१ ६१०,६११ उस्सण [दे०] बाहुल्यत: ओ० ८७. जी० ३१९६४ उन्वेह [उद्वेष रा० २२७,२३१,२३३,२३६,२४७, उत्सप्पिणी [ उत्सर्पिणी] जी० १.१३६,१४०; २६२. जी. ३,३८६,३६३ ३६५,४०१,४२५, २८८,१२० ; ३।६०,१६५,८४१,१०८५, ५८, ६३२,६३६,६४२,६५३,६६१,६७२.६७६, ६,२३,२६६।२३,४०,६७,२५७ ६८३,६८६,७२३,७२६,७८८,७६४,७६५, उस्सप्पिय | उत्सपित जी० ३१५८६ ८३६,८८२,६१८ उस्सविय [उच्छित] रा० ७५० से ७५३ उसड्ड [उत्सृत] रा० १८० उस्सास [उच्छ्वास] ओ० १५४,१६५,१६६. स० उसड्डय उत्सृतक] रा० १८१ ७७२,८१६. जी० ३३१२८ उसस्त उत्सत] ओ०२,५५. रा० ३२,२८१,२६१, उस्सासत्त उच्छ्वासत्व जी० ३।१०६९ २९४,२६६,३००,३०५,३१२,३५५. जी० उस्सिय [उच्छित ] जी० ३RE ३१३७२,४४७,४५६,४६१,४६२,४६५,४७०, उस्सुय उत्सुक] ओ० ५१ ४७७,५१६,५२० उस्सेष [उत्सेध] जी० ३१६७६,७८६,७६५,८९६ उसभ [ऋषभ, वृषभ] ओ० १३,१६,५१. रा० १७° उस्तेह [उत्सेध ] ओ० १३,८२. रा० ६,१२,१३०, १८,२०,३२,३७,१२६,१४१,१६२. जी० २२५.२५४,२७६. जी० ३१३००,३८४,४१५, २२७७,२८८,३००३११,३१८,३७२,५६३, ४४२,७८६,७६४ ५६५ से ५६७ उसभकंठ [ऋषभकष्ठ रा० १५५,२५८. जी. ऊण [ऊन ] रा० १८८. जी० २०५७,६१,७३, ३.५, ३१३२८ ३४,३६,४१,४३,४४,५६७, ४१६:५७,२८; उसभकंठग ऋषभकण्ठक जी०३.४१६ ७३,५,६,१०,१२,१५,१७,६२ से ४,४०,५१, उसभज्मय [ऋषभध्वज | १० १६२. जी० ३।३३५ १७१,२३४,२३६,२३८,२४३,२६६,२७१, उसभनाराय [ऋषभनाराच] जी० ११११६ २७३,२७६,२८१ उसभमंडलपविभत्ति | ऋपभमण्डलप्रविभक्ति | रा० ऊणग [ऊनक] जी० २३०,३१,५८ से ६०,१३६; ३१२१८,६२६ उसमा [ऋषभा] रा० २२५. जी० ३६३८४,८६६ ऊणय [ऊनक ! ओ० ३३. जी० २१३२ से ३४ उसिण [ उष्ण] जा० श५, २२२,११२ से ११५, कणिया ऊनिका] ओ० १६५१६ ११६ करु [ऊरु ओ० १६. रा० १२,२५४,७५८,७५६. उसिणभूत [उष्णीभूत] जी० ३।११६ जी० ३३११८,४१५,५६६ से ५१८ उसिणभूय [उप्णीभूत ] जी० ३।११६ ऊरुजाल ] ऊरुजाल | जी० ३३५६३ उसिणवेदणा [ उष्णवेदना] जी० ३।११२,११४, । ऊसड | उत्सृत | जी० ३१२६२ ऊसविय [उच्छित ] मो०६७ उसिनवेदणिज्ज [ उष्णवेदनीय] जी ३.११८ ऊसास [उच्छ्वास ] ओ० ११७. रा० ७६६. उसिमोदय उष्णोदक] जी० ११६५ ३११२७१३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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