Book Title: Agam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वाचनाचार्य श्री रामचंद्र गणिवरगुरुभ्यो नमः Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भूमिका | श्रीमद्गगोत्रस्य पृथुयशसो धीरदासामिघस्य पुत्रोमहनीय की सिंधुघसिनामधेयमासीत् " तत्सूनुगुंणवा [ वदान्यच श्रीप्रताप सिहोभयत्, तस्यचभायाश्चतस्रआसन्,, सासुचयाकनीयसीसत्ती, तस्या कनीयानूसुतो छ एम्फीतिधामिकाग्रणीधीमान् दातागुणग्रामणी रायबहादुरसिसुप्रसिद्बोधन पतिसिहोवरीवति, सचलोकोपक स्पेशुभस्य नागमसग्रहस्य सुललितानि पठघरात पुस्तका समुद्रयिस्वा तावरसुचस्यलेषु तावन्त्यैषपुस्तकागा रापि प्रारचितवान् येन सस्साघव घ्यायका प्रमायासेन पठन पाठन च कुर्वन्तु, जिनशासनं वसुधायां छि विष्ठ, विज्ञानद्विरस्त्वितीच्छ्या, तस्य जैनागमस ट्यस्य चतुर्विधिभारासारम्यश्रयस्त्रिंशभागपर्यन्तेः दर्शमि भांगे संयुती दापयन्ताभिधयागम सुखष्ठितः सीसकाक्षरे: संशोध्य संमुद्रित व्यस्यमागामे, सन्दुलवयाती २४ देविदुस्तव २५ गणिनि २६ चउसण २७ संघार २८ आउर पञ्चकाण २९ मतपरिज्ञान बिज्ज ३१ महापचरकाण ३२ मरणमित्तिसज्ञका " Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ouTOne मम . मिरियमरामरण यदित्ताजिणधरमदायीरं । पुत्यपहन्लगमिण सदुथवेथालिगनाम ॥१॥ सपावसायाममाउसमाधिनजति सकलिणघाम्गसिए जंधायसेसयहोड २० जतिथमिचेदियसे अति पाइमनमम्सास गनसिवसहजीव थाहारविहिंचष्कामि ॥३.दोलिथहोरप्तिसए सपुलेसतसतेरिव गर्ने fasी यक्षमहारत्तमिसय ॥ एउथहोरप्ता नियमाजीवस्सगनवासमि होणाहियाउहप्सो उपधाययसे पजापान ५० पठसास्सातिनिउसण मुनापपलधीसाय गनगउपसइजी नियमाहाणाहियाधष्ठो॥६॥ निम्नपायी पठसयपतिसपसारसाय दसचेयसहस्साइ दीक्षिसयाएपन्लवीसाय ॥ ७॥ उस्सासनिास्सासाष्ठ । नाममालिसालापा जोषस्सगलयासे नियमाहीणाहियाइतो ॥८॥शाउसोइत्याएनालिहिता सिरादुर्ग। पुष्पनालियागार तसपहिठाजोणी शाहामहासंठियाकोसा ॥९॥ तस्सयहिठायूथस्स मंजरीवारिसात्तर्मस्रस्म रिफालेपाटणा सोषिक्षयपापिमायति ॥१०॥ कोसायराजोणि संधपतासुक्कामोसियाजदया सहायाजीयुशार जो गगनविद्यालिपिरिमारसायमुहत्ता उपरियिष्ठसगच्छाईसाह जीवाणपरिसंसा उस्कापुनातचठकोस पपपलापपरेण जोणी एमिलायएमदितियाण एणसप्तरीयपरत शाएणपुमंसयेयोउ १३ ० पाससयाउधमेश्चपरेगा। जाहोइपुष्कोडी नसठेशमिलाया सवाग्थवीमनागोर या उत्तुकारायइत्यादरम्पुहन्लंघमारसमुजया पिया। Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सखसयमुजप्तं धारसवासाउगमस्स १५॥ दाहिणफुल्सीपुरीसत्सहाड वामायइत्यिजाए। उन्नयंतरेजपुसेति रिएकह। घरिसाइ १६॥ इम्मोखलुजीवो शम्मापियोसयोगे माउउयंपैउसुक्ततदुनयससठकलुसकिधिसतप्पढमयाए १७॥ शाहारथाहारिप्तागम्नप्ताए वहामइ सप्ताहकलहहोइ सत्ताहहोइथचुयं थचुया जायए ऐसीऐसीउविघणमवे १८॥ सोपढममासेकरि मृणपलंजायद बीएमासेपेसीसजायएघणातइप मासेमाउएकोहलजण ॥ १९ ॥ चउत्यमासे | माऊए गाइपाणह पचमेमासपपिफियाउपाणिपायसिरचेवनिवतेह ॥ २०॥ बठेमासपिप्तासोणिय उवयि पइ सप्तमेमासेसप्तसिरात्मपाई पधपेसीसयाइ नवघमणीउनवनउयधरोमयसयसहस्साइनिवन्लेछ ॥ २१॥ विणकेसमसुणसहकेसमसुणा शठाउरोमपूर्वकोमिउनिवन्लइ थठमेमासेधिप्तीकप्पोषइ ॥ २२ ॥ जीधस्सणं नंत । गनगयस्ससमाणस्स शत्यिउच्चारइया पासवणेइया खेलेठवा सिघाणेइवा यतेहवा पतेहवा सुक्कडया सोणिएछया नोहणसमठे सेकेणठण जत ! एव पुच्च जीघस्सण गनगयस्ससमाणस्स नत्यिउच्चारेहवा जाव सो पिएइया गोयमा ! जीवेण गम्नगएसमाणे ज थाहारमाहारे त विणाइ सोइदिशनाए चरिकदिशनाय घा पिदिशन्नाए जिसिविथन्लाए फासिदिशनाए थठिमजकेसमसुरोमहप्ताय से पएण थठेणं ॥ गोयमा ! एवं पुच्चइ जीवस्सण गनगयस्ससमामस्स मत्यिउच्चारेइवा जावसोणिएइया ते गनगएसमाणेपजामुद्देण कायलियं Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पाहार बाहरिए गोपमा ! नोषणठं समठे सफेणठण ते! एवं पुच्चइ जीवेंण गनगएसमाणे नोपजमुहेर्ण कातिय खार छाहारिमा गापमा । जीषण गनगएसमाणे सहन्थाहारेइ सम्परिणामेइ सधकससह सहनी एस छारपछाहर निस्कपपरिणामइ थनि०कससइ थन्निनीससह शाहवशाहारेइ थाइचपरिणा माम खासमास माऊरजीवरसहरणी पाजीवरसहरणीमाउलीयपरियठा पन्तजीवफका तम्हा सासार समहापरिणामह शववियण पुन्लजोधपक्षियक्षा माउजीयफुठा तम्हाविणाइ तम्हाउविचिणाई स एपूर्ण गापमा । एवमा जीषण गनगएसमार्ण नोपमुझेण कायलिय थाहारं याहारितए जीवेणं गनगए समापाठमाहारथाहापगो० जसेमायामाणाविहाठरसधिगइसतिप्तफावकसायविछमझराइवद्याईयाहारेख सदसण यमाहा सस्सफठघिठसरसाउप्पउनासोदमानयइ नानीरसहरणीए आणणीपसमाइ तानिएफ एपठामानीएसी गलगंधर्यवाईय इथयतीस्ठय एनीपगसोवियतइ जावजाउविकसना माउथयार पराठा ? गोपमा उमाउगा पखष्ठा तंजहा मंससोणिए मबुलुगे फइर्ण नपिउथंगा पलसानो ___ पE पापिउधंगा प तंजड़ा शहियष्ठिमिंजा कसमंसुरोमनहा जीवणं जता गनसँगऍसमापनरऐसे | उशिकागोसमयत्यगई उजियस्येगई नी, उपजिजा सकेणठणनते । एवं खुशह जीवे Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गस्नगएसमा नरएस शत्येगईए उपयजिम्मा शस्येगहए नोउपजिज्का ? गोयमा ! जेण जीवे गनगएसमाज सनीय पंचिदिए सहाहि पज्जतीहिं पजाप्तए वीरियलसीए विनगनाणलछीए वेठधिशलछीए विउधिलछि पप्ले पराणीशागइ सच्चानिसम्मएएसेनियुएइ निबुहिताधिउछिसमुग्घाएण समोहणइ समोहणितावाउरंगिर्णि सिलसमाहत्त समाहिताएराणीए सिक्षिसगामसगामा सेणजीवेश्चत्यकामए रेजकामए जोगकामए रश्चखि ए रजकखिए नोगकंखिए कामकखिए थपपिवासिय रजपियासिए नोगपियासिए कामपिवासिए थपिया सिए तच्चिततमाणे तलेसे तदनवसिए जन्लिछम्नवसाणेप्तयाहावउप्ते तदप्पियकरणे तनावणानाधिएएय सिवण शतरसिकालकरिज्जा नेरइएसवयजिज्का से एएण एव पुच्चइ गोयमा। जीवेण गनगएसमाणे नर एस शव्यगइए उवधजिका शस्यगईए नो उपज्किा जीवेण नसे ! गनगएसमाणे दवलोएस उवयजिज्का गोयमा ! था त्यगइए उयधमिका शत्येगईए नोउपस्तिका सेकगठेण नसे! एव पुच्चा शत्येगहए उपयजिज्का थत्येग इए नोउपविका गोयमा ! जेण जीवेगनगएसमाणेसनी पपिदिए सहाहिपज्जत्तीहि पज्जतए विउझिए लहीए पीरियलझीए उहिनाणलझीए नहायस्ससमणस्सवा माहणस्सवा थप्तिए एगमविद्यारिय घमियसुषय पं मुछानिसम्मत उसेनवद तिवसवेगसजायसह तिषधम्माणुरायरत्ते सेण जीवे धम्मकामए पुष्तकामए सम्गकामए Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ थाहार थाहारिष्टर गोयमा ! नोइणष्ठे समष्ठे संकेजण नंते ! एवं बुद्द जीवेंण गम्नगएसमाणे नोपलमुहेणं कालिय खाहार थाहारिए गोयमा । जीवेण गनगएसमाणे साहारे सङ्घपरिणामेद्द सहऊससह सहनी ! ससह यनिस्कणष्पाहारे ष्यनिस्कणपरिणामं ष्यनि०ऊससह ष्यनि० नीस शाहाद्वारे याचपरिणा मेष्ठ ष्वादृशुऊससह वाइञ्चनीससह माऊरजीवरसहरणी पुनजी घरसहरणी माउजीयपश्चिपञ्चा पुन्नजीवकुमा तम्हा याद्वारे सम्हापरिणाम ष्यवराविष्यण पुन्नजीयपनिबद्धा माउजीयफुमा तम्हाविणाइ तम्हा उविधिणाई स एए छठे गोपमा एष च जीवेण गनगएसमाणे नोपशमुद्देण कायलियं ध्याहारं व्याहारिशए जीवेण गनगए समाणे किमाहारं ष्याहारे गो० । जसे मायामाणा विहारस विगइ उप्तिप्तकमुष्य कसायंविलमऊराइदवादं ष्याहारेक देणं उद्यमाहारे तस्सफल बिटसरसाउप्पसनालोदमानयद्द नानीरसहरणीए जणणीपसमा नाजिएप दिपानानीएचीच गानयंष्ट्याईय इष्यतीय एनीपगनोषिष्ट जवजाउनि कणं ते! माउयंगा पसष्ठा ? गोयमा ! सरमाउगा पखप्ता तंजा मंससोणिए मबुलुगे कइर्ण व पिपलचा गो यमः ! उपरांगा पसष्ठ तंजहा पठिष्यठिमिंशा केसमंसुरोमनहा जीवेण नते - गन्नगएसमान एस. उवज्जिका गोयमा ! यत्येगउवज्ज्यिा घत्युईए जो यजिज्मा सकेाश, जते । एवं वुइ जीवेणं } Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गम्नगएसमाणेनरएस थत्येगईए उपजिज्या शत्येगहए नोउमिका ? गोयमा ! जेणं जीवे गनगएसमाज | सक्षीय पंचिदिए सवाहि पज्जतीष्टिं पअतए वीरियलछीए विनगनाणलहीए वेधिशलछीए विउधिलाई पप्ले पराणीष्यागइ सच्चानिसम्मएएसेनियुएइ निबुहिताविउधिसमुग्धाएण समाहणइ समोहणितावाउरंगिर्णि सिन्लसमाहत्त सनाहिताएराणीए सिझिसंगामसगामह सेणजीवेश्चत्यकामए रेज्जकामए नोगकामए रथकस्त्रि ए रजकखिए नोगकखिए कामफखिए थपिघासिय रजपिशासिए नोगपियासिए कामपिवासिए थपिया सिए तच्चिप्ततमाणे तसे तदनयसिए नलिवनवसाणतयाहावउप्ते तदप्पियफरणे तनावणानायिएएयं सिवण शतरसिकालकरिजा नेरइसुषयज्जिा से एएण एष युच्चइ गोयमा। जीवेण गनगएसमाणे नरइएस थत्येगहए उवधजिम्का शस्यगईए नो उधमिका जीवेण नसे । गनगएसमाणे दवलोएस उपयजिज्जा गोयमा ! था त्यगईए उपयजिका श्यत्येगहए नोउपवजिजा सेकणठेण नते! एव च शत्येगष्ठए शरथेग इए नोउप्रयहिका गोयमा ! जेण जीवेगनगएसमाणेसनी पचिदिए सहाहिपज्जतीहि पतए विउझिए लहीए धीरियलझीए उहिनाणलछीए नहाय्यस्ससमणस्सया माणस्सवा थप्तिए एगमविश्वारिय धमियसुघय णं मुमानिसम्मत सेनय तिवसवेगसजायसह तिषधम्माणुरायरत्ते सेणं जी घम्मकामए पुस्तकामए सागकामए स Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मुस्फकामए धमाफस्निए पुष्तफस्सिए सम्गकखिए मुस्तकखिए धमपिवासिए पुसपियासिए सम्पपियासिए मुस्क पिवासिय तश्चित्तेतम्मणे नाले से सदनपसिए सप्तिबम्नवसाणे तदप्पयफरणेतापाहावउन्लेतम्नावणानावए एव सेप थतरसिकालकरिजा देवलोगएस उयवसिमका से एएण थठेप गोयमा ! एष युच्च शत्येगहए उयवलिका जीयेण नस । गनगएसामाणे उताणएवा पासिल्लएषा थाखाएषा थपिजथा षिष्ठिज्जया निसोइया तुय हिल्या यासहरूवा सह या माऊए मुयमाणीए मुयजागरमापीए जागरह मुहियाए सुहिउनवठ दुहियाए टुस्किउत्नवाह इता ? गोयमा। जीण गनगएसमाणे उन्लाणएवा जाय दुरिकथाएदुस्किाउनषद विरजायंपि दुस्केइ सम्मसारकतउजमणी सबाहईतुपठहरम थप्पचगनाथ थणुसुयष्ठमुमचीए जागरमाणीए जागरणष्ठा सहियाए होइप मुहिमुहिए दुस्किउहोइ २ उच्चारेणसवणेखेठसिघाणउपिसेनस्यि थवहीमिजनहाकेसमसुरोमेसुप रिणामो ३ एष घुदिमहगन गलसषसइदुनिउजीयो परमतमसघयारे थमिझत्तरिएपएमाम थाउसोतउनये मेमासेतीएवापकुमन्नेवाचणागएयायउर्ममायाथपपरपयायइत ५ इत्यिवाइरियाण परिसापुरीसजवाण न पुगंवानपुसगळवण, प्रियवाधिषण थप्पसकामधन्य इस्यितस्थजायइ थप्पेशउर्सयजनकपरिसीसवेजोयई। rines AMALथपस्वणकासमयसि सीसेपवापापहिया Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शागच्छइसमागच्छद सिरियमागच्छइ तिरमागच्छह विणिघायमायनइ फेइपुणपावकारीयारससवच्छराई उहीस। थत्यइगनवासे अमुहप्पनवेश्चमुइयमि जायमाणस्स जदुरफमरणमाणस्सवापुणो तेणदुखेणसमूटोजाई सरइनश्च प्पणोषिससर रसतोसोजोणीमुहाउनिप्पिाह माउएअप्पषोयिययेयणमउलजणेमाणे गम्नघरथमिजीयो कुन्नीपाक मिनरयसकसे धुत्येश्यामनमर्देशमुहप्पनवेशमुइयमि पप्तस्सयसिन्नस्सयसुक्कस्सय सोणियस्सविश्रमस्ने मुन्नसपुरीस स्सय जायजयश्चकिमिउच्चस दाणिसोयकरणकरिसयहोइ तस्सजीयस्स सक्काहिरागराउजस्सु पस्तीसरीरस्सए शारिसेसरीरेकलमलनरिएय मिल्नसनानिययविगणिज तासायमयकेरिसप्तस्सचाउ सो एव जायसजतुस्सकमेण दसदिसान एव माहिति तजहा याला १ किका २ मदा ३ यलाय १ एन्नाय ५ हायणि ६ एवचा ७ पसारा ८ मुनमुही ९ सायणीय १० दसमायफालदसा १ जायमिन्सस्सजतुस्सजासापडमिशादसा नतस्ययुजिउनोएजइ सेत्यिघरे धुधो ३ बीयाएकिहुयानामजनरोदसमरिसउ किहारमणनावण दुलहगमइनरलव २ तइयाएमदया| नामजनरोदसमसिह मदस्समोहनाघेण इत्यानागेहमुस्यि चउधी उघलानाम जनरोदसमम्मिन समत्योबलदारिसे | उजउसोननिरबहाया ५ पंचमीहदसपत्ताशाणपुलाह जोनरो समस्योश्चत्यचिंते उकुायचानिगच्छद६ वहीम हायणीनामजनरादसमस्सिन विरसाईश्रकामेसुइदिएसुपहायब ७ सप्तमीथपथाउज नरोदसमस्सिन निच्छुन Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इथिक्षण खेलस्वासइथस्क्रणेवणो ८ सकुशवलीधम्मोसपप्तोशर्मिदस नारीवश्चणिठोयजरापयरिणामिउ ९ नयमीमुम्मुरीनामजनारादसमस्सि अराघरेविणस्सतेजीयोधसइश्यकामत १० होणनिसमारोषीणोविवरीउविधि त दुग्छलोदुखिउसयइसपसोदसमीदस " दसगस्सउचस्कुचोवीसइपरिसाडविडा जोगयप्तीसगसाघवन्ना असत्मवालमेघ १२ धिन्नाणपन्लासयथरकुडायद सहिप्तहछयापलं नोगायसप्तरिश्वसीधविन्नाण १३ नउपनमी । इसरीरयाससएजीविश्वयह फित्तिउत्यसुहोनागी होनागोयफिप्ति १ जीयाससयजीवाइसहीनोगेय नुज ' सम्मा विसेविउसेधम्मीयमिणदेसिन १५किपुणसयञ्चवाए जोनरोनिच्दुखि सयरसेणकायको धम्मोयजिण देसि १६ नदमाणेघरेघवलम्मवरमेलहप्तरंनाव क्षणदमाशोपियरे मासेपायतरनवे १७ नविजाइकुठंवाविविजा | वाविसिमुस्किया सारेइनरवनारियासषपुसहिषष्ठ १८ पुन्लेइिंहायमाणेहिपुरीसगारोयिहाय मुसहिषहमाणे ? पुरसगारोविवहह १९ पुत्ताइखलुथाउसाकिलाइफरणिज्जाइं पीइफराइंपन्तफराई जमफगई कितिफराई नोयखल्लु थाउसोएवं धिष्ठपएसविखलुपजयेसमया थापलियास्त्रमाथाणा पाणूघोवालवामी दिवसायहोरतारकर मासारिकथयणा समच्छराजगायाससयावाससहस्सा पाससयसहस्सा दासाकोकोहावासकोकाकोशी जत्यण या म्याइसी अगाइगुणक घरमपाई पछाणाझं पोसहोपवासाई पाम्यजिस्सामा एठविस्सामोबरिस्ता तो Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ किमत्यष्याप्तसो नो एष चिंतेपवनबद्द छंतराष्ट्र बलेखलुष्यथं जीविए इमेयवेशयपित्ति सिंर्भिय निवा या त्रिविद्वारोगाथका फुसतिजी विश्व घ्यासी यस्खलुष्याउ सापुविमणुयाश्रयमया रोगय काय वासस्य स ह स्सजी त्रिणी तजहा जयधम्मिश्रा हिताश्रा चक्की वा बलदेवाषा वासुदयावा घरणाविाहए प्लेगमणुयायणाश्र्यरे सीमारक्षा जोगाप्तमा नागुलस्कन्धरा सुजायसश्च गमुदर गारतुप्पलप उमकरण कामलगुल्तिला नगरगरमग रसागर 'चक्क]रकलरकण क्रियतला सुपडयियकुम्म चारुचलणा गुपछि बुजाय एवं रगुलीच्या उन्नयतपुत्तयनिद्व नया सठिष्णमिलिहगूढगुप्फाएली कुरुविदायत्तव हाणुपुजिया सामुगनिमग्गरमूढजाणूग यदसण सुजास निलोफूत्र राणमप्तल्लभमयिसालनीइ सृजायवरतुरयगुनद मोझाइन्नह यत्र निलया मुष्णरप्तरी इरेगवय कफी साही सायद सवप्पणनिधारपत्रक णग सरि सबरबष्ट्रवलियमला गगामत्रघ्नपयाहिणान्ततरं गन्नगुरवि किरणयोद्दिय उक्कोसाययमउपग मोरविश्वमनाना उज्जयस मसहियमुजायस किसिणनिया जलरुहमुकु मालमउ यरमणियारामराठ ऊसविहग सुजायपीकुत्यी ऊनायरायश्विमनाना सगयपासा सनयपासा सु दरपाखा सुजायपासामि माइयपी रहथपासा करदुषण गरुयनिम्मल सृजाय निश्वयदेहधारी पसत्यय |न्नी सकलक गधरा कणगसिलाय लुयल एसस्य समतलउयविविच्छिन्नपिफलवत्या सिरिवस्यकियवस्था पुख Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रफहदिरजपा नुपगीसरविउठनोग छायाणफलिह ठत्यूठदीहयात अगसनिनपीण रइथपीवरपउद्दसठिय उपधिपधिरसुबह ससिलिठपुचसधी रप्ततलोवविद्यम उयमसलरस्कणपसत्य शत्यिहाजालपाणी पीवरवडीयस जायफोमल घरगुलीशासयसनिलिण सुहरु रनिछनको पदपाणिलहारपाणिलेहा सगपाणिलेहा चहापाणितेहा सत्यिपाणिलहा ससिरपिसवघका सतिदपाणिलेता घरमहिसवराहसी हसदूल उसलनागयरविउलयमउदकधा घउरंगलमयेमो गर्क युबरसरिअसगीया शवष्ठियमुविसप्तमम् मसलमष्ठियपसत्य सदूलषिउलहाणुया नुथषिय सिलप्पधा लधियफल सनिनाधरुचा पारससिसगलयिमल निम्मलसपागोखीर फददगरयमुमालिया घयलदत्त । | सेठी एखादात जयबहनिछतधोयप्ततवणिकर उप्पलसालजीहा सारसनघघणियमजरगंनोरफुवनिग्यी सदुदुविस ! | रा गरुलाययउजतगमासाथ दारिशपुरीयययणा कोकासिघषयलपारियपतलत्या श्वनामिश्शवाघाईलफि वधिकरराइसुसंठिय छसगयष्याययसूजायन्नुमया थप्तीणपमाणजप्तसषणा सुसवणापीणमसलदेसमोगा थरुद्ध । गायसमग सुमिहर्षदवसठिशनिकाला उमुषहपपुिलसोमवयणा बन्लागारुप्तमगदेसा घणनिवियसुझलकणु +लपकागारमिरयमपिक्षियम्गसिरा जपयजनिछतधोयतप्तसषणिक केसप्तकेसनूमीसामान्यतिविथात्या। मिथमिठविसमसुझाम उम्झणप्रसत्यसुगधिसुवरजुयमोयगनिंगवीला मालपाहदत्तमराणजिहारपमिविपकुची Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - - । पछाहिणायलसक्षसिरया लस्कणयंजणगुणोषवेया मामुम्माणपमाणपकि पुलसुजायसवंगसुदरंगा ससिसोमगा रकतपियदसणा समावसिगारधारया पाप्ताहया दरिमणिका शनिवा पक्रिया बतणमणयाउहस्सरा मेहस्सरा हसस्सरा कोचस्सरा नदिस्सरा नदिघोसा सीहस्सरा सीहस्सघोसा मंजस्सरामजघोसा सुस्सरासुस्सर । घीसा श्वणलोमघाउवेगा कफग्रहणीयोयपरिणामासउणी पोसपिठसगेरुपरिणया पउमप्पलसुगधीनीसाससुर लिययणत्यवानिरायकाउन्लमए सत्यश्चाइ सेसनिरुमतण अल्लमलफलकसेयरय दोसषआियसरीरा निरुषलेवा हो या उज्जोयाउजोषियगमगा परिसहनारय सघयणा समचउरस सठाणसठिया बघणुसहरसाइउठउच्चप्सेण पन प्ता तण मणुयादोत्यप्पल पिककरदुगसया पलता समणाउसो तेण मणुयापगइनष्ठया एगइयिणीया पगइड सप्तापगइनहया पगइविणीया पगहउयसत्तापगइयणु कोहमणेमायलोना मिउमयसपन्ना थलीणानदवा व प्पित्या श्वसनिहिसघया शयाा सिमसि किसियाणीजाधिवाजया विकमसरनिवासिणो इत्यियकामका मेणो गेहागारुस्ककयनिलया पवि पुष्फफला हारातेण मणुयागया पन्नत्ता शासीयसमणाउसो पुछिमणुयाण बघिसघमणे तमहा यजरिसहनारायणघयणे रिसहनारायसथयणे नारायसघयणे श्वनारायणसधयणे कीलियासघयणे बेघसघयणे सपइखलु थाउसोमणुयाण बेबसघयणे यहइ वासीयवाउसो पुधिमणुयाण - Page #15 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 7 ' बषि ठाणे तजा समचउरसे १ निग्गोहममले २ सादि ३ बुक १ धामणे ५ मे ६ सपहसलुयाउसीमणु या फेसठाणे षट्ट सघयणसठाणच उस छाउयचमणुयाण खणुसमय परिहायड़ उसपिषिकालदो से १ को मायलोभाउ सन्नषत्यमणुयाण धूमसुलघूप्रमाणावेणणु माणसति २ विसमातुलाविसमाणियज्ञणव एसुमाणानि पिसमरोमकुलाइ तणउग्रिसमा बासाइ ३ विसमेसुपवासेसुकृति शुभाराष्ट्र सद्विबलान उसहिदुवाले पापरिहाराण ४ एष परिहायमाणेलोपष दुश्चकालपरकमि जेधम्प्रियामणूसासूजी वियजीषियवसि५ । पाउसोसेजानाम एके पुरीसेकाए कययलिकस्मे कयोउपमगलपापविवेसिरसिताए कसा कई व्यापिठ मणिण सुमघवस्यपरिहिए दोकिणगाय सरीरे सरससुरगिघगो श्रीसचदणाणुठितगते हमाला पन्नगविशेषणा कपिपहारहार तिसरयाच पठयमाणकमुिलयकपसी हे पिपागविलगुसिगल लिय गयखलियकश्यानरण नाणा मणिकण गरयणकणगत्तु द्विप्रयनियनुए व्यष्यिषेरिस कुमलुकोषिसाप्राण सउ दिसमर टायप रुययत पात्ययपत्र यमाणमुक्रयामन्त्रिरिको मुद्दिस पिरालमुखीए याणामणिक पपपत्तविन्नाम्मा प्रिया जियादा तर संपुरिस थम्मापिपुर शोषयमिसिमितिविरचयसि धाषिषी खलए कियुकणाप कियावन्नसिए --- 1 Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पुन्नायासस्यति तपिष्ठा तस्सनोयजयजयः कम्दावासराय जीष तोत्री से जगाइ जीवट वीसजगाई जीवतोय साइ जीवन दोणसचाइ जीवतोबउऊ सयाजीयड़ बउऊसयाइजी अस्तो घोरसमासपाइ जीवइ वारस मानसपाइ जीवता उबोस एससया जीव घउबीस पस्कसया जीर्थसोबतीस राष्ट्रदिश्य महस्साष्ट्रजीवई बी सराङदिसहस्सा जीवता दस सिया इमुस सयसहस्सा जीयइ दसा मीखाइ मुऊसमय सहस्साइजीघतोच वारिऊसास कोसिए सत्तयकानि षढयाली सबसय सहस्सा हवऊमाली सघऊसासह सहजीवष्ठ षप्तारियऊसास कासिए जाववप्नाली ऊमा ससहरुमाइ जीवतो सितलपानुज कह माउसोष्षत श्री सतदुल बाहेनुजष्ट गो० दुलाए स्वकिया बलिया बहियाण खाहरमुसलपाहयाण घषगयतुसकृनियाण खाण पनिमाण फलगमरियाण किक्क चियाणान्तेरस बलियाण पणसत्रियणपत्यए मागहए कल्लपत्ये १ मायपत्ये २ व उस ठि साहस्मीउ मागहउएत्यात्रिमाहरिस एकत्र लेणबती सकलापुरिसस्सच्छाहारी ठावीसपियाए उबीसपफगस्स सोया गणणा पठाउ पसदापस सहााष्ठ चप्तारिसङ याकुलचप्ता रिलयपिठो यता रित्यागा जहन एकुन साद यणमलिमेकुने छाढगस्य उक्कोस प्रकुने छठे पाठगसयागवाले एए वाष्पमाणण छठतेश्री सतकुल बाजु चेप्रगगिनिदिठा तनारियकोसिया सठिषे वयहमतिकोनीउ, यसा Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इंचतंदुप्लसयसहस्साणिहवसि प्तमस्काय तंएयथठतेवीसतलवाहेनुजतो थठबठेमुम्गकुन्ननुजइ बप्तीसाठयणपस । सहस्साानुजप्ताबप्पासागसयाडनियंसईदोमसिण्ण परिशहाणवावरिपणयरसपफसाफगसया इनियसेइ ए वामतथा उसोवाससया उवस्सचगणितुलिछमविहाने हलवाणस्यायणफिएयगणियप्पमाग्म दुविहनणियमहरि साहि जस्सत्यितस्सगणिजई जस्सनस्थि तस्सकिगणियह वपहारगणिदिछ सुजामनित्यधगयमुणेयच्च जहएयंन । पिएययिसनागणणामुणेयदा १ काटायरमनिरुछो शविनुज्जो तं तुजाणसमयतु समयायश्वससिज्जाहवतिठस्सा सनिस्सासे २ महस्सथणवगलस निरुषकिष्ठस्सजतुणो पगेटसासनिसकेए सपाणुप्तिपद्य ३ सप्तपानुणिसोघोष सप्त घोवाणिसंलो ठयाणसप्तहप्तरी एएसमुजप्ते पियाहिए १ एगामगम्मेण ते । मुहत्तस्सके वड्यामसासा वियपाहिया गोयमा ! विन्नि सहस्ससप्तयसयाईते पठारिचभमासा एसमुठो नणि सोहि थणतनाणी हि ५ दोनालियामुनासो सठिपुणनालियाथठोरतो पन्चरसश्यहोरष्ठोपरेकाए रेफादुवेमासो ६ वाहिमपुष्पगास छोहमहनाछियाउफायदा सीसेतलमित्यिवपिदप्पमाणपुणोषास्य७ उसाउदपुत्यवाला विवासजायाएगोतिहाणीए, असवलियानपनापनाठियात्यिहुँ ८ वहयाठपुजवाला दुवासजायापगयफरेणए दीवालीउधनगानोयना लिमानिसहवासुषणमास पवारिसुवाहियाघणामई बजरंगठप्पमाणनायनालियाठिहर सदगस्त ।। Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नालियशानवंति दोशाळयाउपरिमाण उदगपन्नाणियचजारिसयतपुणोबुचं ११ दर्गखलुनायकाय यसपह परिपूय मेहादगएसलसार इयवागिरिनईए १२ वारसमासास प्रत्यारोउयस्काय पेठचवीसतिनोवयसहि सया पतिरादिशाणघ १३ एगधयसहस्सतेरसधेषयनयेसहस्साइ एगचसयसमय हवंतिरादिभमासा ११ तितीसस यसहस्सा पचा 'मउहलसहस्हइ सत्तयसयाश्चणणाहवति मासेणउसासा१५ चप्तारियकोफीउसतेययजतिसयसह स्साइ आफयालीससहस्सा पतारिसयायवरिसेण १६ चत्तारियकोफिस यास तयकाफिउजतिशवरायन्याल सयसवन्नालिस सहस्सा १७ वाससयाउस्सेउस्साइतियामुणेयछा पित्यहचाउस्सखयशोहानिसभिव्दमाणस्स १८ राइदिएणतीसतमकतालवसयाउमामेणहायतियममा छयणश्यहहाथियाणति १९ तिखिसहस्सेमगलेत्यच्च स. यउम्पराहरइश्शाउ हमतगिम्हसुयदासामुयहोडनायझ२० वाससयपरमाउछतोपन्नासहरहनिहाए तोवीसहाय इवालप्तहनाय २१ सीउहण्यगमणेर हापिया सानययसोगाय नारबिहायएगोहव तीतासाहएत्यढे २२ ए वपचासीइनका पनरसमेयजीवति जेजतिवाससहनयमु लहापाससयजीवी २३ एयनिस्सा रमाणुसत्तणेजीधिए शहियातनफरहाधरणधम्म पत्योपस्थाणुप्तपिहाइ २४ तुहमिसयमोहजीणेहिं घरधम्मप्तिव्यमगास्स थप्ताणयनया णाइ इजायाफम्मनूमीए २५ नइवेगसमयबलजीविय जोवणंचकुसुमसम मुस्लंघजमनियष्ठ तिलियितुरमाणनुया Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इंचतंदुरासयसहस्साणिहवसि प्तमस्काय तएवछठते वीसतउलवाहेनुजतो छठनमुम्गकुन्ननुजह बप्तीसाठयणपस सहस्साानुजसीबप्पासागसयाइनियमईदोमसिण्ण परिवहणवावरियणघरसपासागसया इनियसेइ ए वामेतथाउसोवाससया उपस्सन्दगणिशतुलिशमविहाने हलवाणस्यायणपिएकगणियप्पमाण दुषिहनियमहरि । साहि जस्सत्यितस्सगणिज्जई जस्सनत्यि तस्सकिगणिया वयक्षारगणिदिठ सुजामनित्यपगयमुणेयच्च जहएयन पिएमबिसमागणणामणेयहा १ कालोयरमनिछो अधिन्नो तं तुजाणसमयतु समयायशसखिजाहपसि स्सा सनिस्सासे २ हहस्सचणवगलस निरुषकिठस्स तुणो पगेउसासनिसकेए सपामुष्तिषवद ३ सप्तपानुणिसोधोये सत्त घोवाणिसेठवे व्याणसप्तइतरी एएसमुफते पियाहिए १ एगामगम्मेण नते ! मुहत्तस्सके घइयाभसासा | वियणीाहिया गोयमा । तिन्नि सहस्ससप्तयसयाइते धष्ठारिचभमासा एसमुझातो नणित सोहि थणतनाणी हि ५ दोनालियामुजतो सठिपुणनालियापहोरत्तो पन्चरसथहोरप्तोपरेकाए रेकाषेमासो ६ दाहिमपुष्पगारा डोहमहनालियाउफाया तीसेसमित्यिहपिदप्यमाणपुणोपाय बनवपुत्यवाला विवासजायायुगोतिहाणी यसठियाउकायनायईनालियात्यिहुँ ८ पहवाठपुबवाला दुवासलायापगयकरणग-दोवालाउछलगानोपवना छियानिक वाहवासुषणमासा सवारिसुपहियाघणामूई उगलप्पमा नायनालिया बिहारगर Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णसिरमधागयाणं लाउरसहरणी उत्तिषुप्ति जाणंसिनिरुषधाप्तण घरकुसीयवाणजीहायलनवइ जाणसिउदै घाण घरकुसोयघाण जीहायलउपहम्मा थाउसोइममिसरीरए सठंसिरासयं नाजिप्पत्नयाण शहोगामिणीण पाघतलमुधगयणे जाणसिनिरुषधारण अघायल शवाइ नाणचेय सेउवघाएण सीसावयणा शवसीसवेयणामेत्य यनले शत्यागि धियंति थाउसो इम मिसरीररा सठसिरासयं नानिप्पनवाण तिरियगामिणाण हत्यप्तलमु दगयाण जाणसिनिरुयाघारण यायलहवह ताणघेवास उयधापण पासययणा पुठाधयणा फुझिवेयणा कुत्यि मलेनषा छाउसोडमस्स जतुस्ससठसिरासय नानिपत्नवाण छाहागामिणीण गुदपषिष्ठाण जाणसिनिरुवधाएर्णमु तपुरीमधवउम्मपत्रप्तड ताणचेव उयघाएण मुप्तपरीसबाउनिरोहेण शरिसानखुजसि पंडुरोगोजयह थाउसोइ मस्सअतस्सपणवीससिरान सपधारीणीउणवीसंसिराउ पिप्तघारिणीउदससिराउमुक्कघारिणीउ सत्तसिरासयाईप रिसम्मनी मुणाह इत्यियाएविमूगाइ पिंगस्सशाउसो उमस्सजतुस्सरुहिरस्सशाठयप्रसाए थठाढयमबुलुगस्स पा त्यामुप्तस्सश्चाढयं पुरिसस्सपत्यापिष्तस्स फुलयोसिनस्सफुलवोसक्कास्स छकुलपोजजाहेदुठनबह संताहेशइप्पमा जनवह पंचकोमपुरीसो त्यकोठाइत्थियानषसाएपुरिस हक्कारससोयाइत्यिया पचपेसीसयाइ पुरीसस्सतीमूणा ई इत्यियाए वीमूणाइपगस्स यानंतरसेकुणमंजोपरीयसेउ बाहिरकुजात धसईछुणसयायज्जणणीगंबियामा Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ई २६ एयस्युलरामरणपरिखिघड घम्गराषमयस्यूह नयणपिस्यहएप्तसंमूढामोहजालेण २७ थाठसोसोनपिडम सरीरदूष्ठ पियकसमणुणमणाममणनिराम घिजयसामियसमययजमय शुणमयत्नाकरफगसमाण रयणकराउवि श्रममा गावियवालपथिय सुमपरिशुतिलफाथियमुसगाविय माम उपन माणसीयं मामखुहा माणपियासा मा पथारा माणसाला माणठमा मागमसगा माणवायपिनियसिनियसनियाय विविहारागायकाफसतिष्ठिकह पियाइछाशनिय यशुमासय घउ वसायविप्पणामघम्मपत्यायप्रविष्यसविपचय इपयस्सघिया थाउ सो पम्पु पाठारसपिठफरझगसंधीउ यारसपामुलिकरमत्यप्प सुलिएकाविहचियाकुत्यी वऊरंगुलीया गीशाचउपलिया जिप्नादुपलिपाणित्यिणि धउकयालसी रयप्तीसभा सलंगुलियाजीहाशह पलियययए पवीसपता फालियंदोशसापंचधामा पन्नसा तजहा यामे गसेदाहिणणामय सत्यगजेसषामेपा सेसहपरिणामे तत्यणजे म तणयप्तसेणपामयणेपरिणम दोणमापघवामा पन्तमा सजष्ठावामेणसेदोहिपोणसेय-तत्यजेसवारोव्या सिह परिणामेतत्यण जसे दाहिणेपासेहपरिणामे छाउसोष्टमेसरीरएसठिस ससिपस रसँसो तिलिष्यहि सिमसयाई नझारुयसयाई सनसिरासयाह पचायसीसपाटनमणी नानधमिकवर्सयसहस्सेडारिणीकर समग सोसमसुमायकाउसोमायक्रोनी उथाउसोइममिसारपसंसिरॉसयतालियनवापउहगामि णी Trn Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ण परिणदती फुल्लनीलुप्पलयर्णध ५ फितिथमित्तोपन्लेश्चमिननयमिवञ्चसघाए रागोजानकायछोपिरागमूसरार] मि ६ किमिलसयस किलेशसासयमसारे सेयमलपुलामीनियसरीरे ७ दतमलकणघहसिघाणमलेयलामल: यकाले एयारीसयीनत्येगबणिऊमिकोरागो ८ कोसळणपणविकिरिणविष्ठसणवयण मरणधम्ममिटेहमिचाही लासा कुहियाणकठनणमि ९ कोफागसुणन्नगेस्वमिमिकुलननेयवाहिननेय टेहनिमवुनतेसुसागनत मिकोरागो १० श्चमडमिनमुप्तकुणिमकालेवर कुझिपरिपसति शागतुयसहवियनवनिमसासयजाण ११ पित्यसिमुहंस तिलयसविसेस रापण्णशहरेण सफारकसयियारसरलत्यजावणत्याए १२ पिनसियाहिरमठनपिप्तसीउस्मरंकलि मलस्स मोहेणनययतोसीसघमीकिभियपियखि १३ सीमघातीनिगोलजनिकृहमादुगुप्सीजय तचेवरागरसोमूढोध मुस्यिन्नपियसि ११ पृष्टयमीसकवाल पूड़यनास चपृडयदेहम पृष्ठशत्यिविबिदुपूरशचम्मेण उपिणछ १५ शज णगुणसुयिया गपट्टणगुणहिंसफुमाल पुष्फम्मीसियकसजणइयालस्सतंराग १६ जसीसपुर उतिशप्पुप्फाइनणति मद पिलाणा पुप्फाइविथता सीसस्सयपूरय सुण १७ मेउपसायरसियाखेलसिघाणएयबनण्य शहसीसारउ ननिफ्णसरीरमिसाहीणा १८ सोकिरपुष्पठिपरामञ्चकुनीप्पुपाजयिकाल कम्पठिष्णगधविलित्यापाठमणो छ । । इमुस्यियगिही १९ जमेमरम्गरामोठयपाउणगढमुतलि दतमलचिक्कणगंसीसगळीकजियंपियसि २० दतमुसले । Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णसयसरीरंपृश्यमसससकाउछेण परिसठषिपंसोहइ थक्कायणगधमलेण इमचेययसरीरसीसघाळीमेयमममसठिय सबलग सीणीश्यालुरुयवम्मा कोसनासियसिघाणोयधीम लालयशमणुणगसीस घमीननियंगउतनयणकाणोठ गामालयंशवालुपाखिल विकणविलियदंतमलमहलबी नत्यदरिसणिज्जयनवाशालगयगुलाचे गुठगनहसधि सघायसधियमण परसिष्टगार नालखघत्यिराश्चणेगारुयधमणिसधि यईपागाउदरफयाल करकनिफुक खस्कगफलियनरत थठिधमणिससामसतय सबउसमतापपरिसयतच रोमफोहिंसयशसईसनायउ परमदुगधि फोलिपश्चतपिप्त जरहिययगोफसाफुफसपिलिहोदर गुरफुणिमनयनिदुधियिधिषिधि पतहिययदुरहिपिप्तर्सि भमुनो सहाययणसघठसहायण सचउटुरप्तगुनोरुजाणुजघा पायसघियशसइकुणिमगधि एप चिंतिजमाण चीनत्य रिसणिक आधुवंधनिययश्वसासय समणपणपिसणधर्म पत्यायपुरावयस्सवइयधनि उसुजाणइएवथड मिण परि ससक्षमणुयाणदोह एसयरमस्यउसग्यायो सहमिसोणियमितूतजण णिकुत्यिमनमितपेशमिन्नर सनव माठिठसप्तो , लोणीमुहनिप्पिमितघणविरेणयहिठाठ पगष्यमितमइत कहवेहोघोहाउसकोशमहाशाख | इसमुप्पमयानिगाया यवेणयंवदारण सप्ठयमोहपसप्ठयारमतितात्येवश्चमवारमि:मफिहवाश्याकफोरीकइस | सेहिथपरिवेषिध्वन्निसाइप्रमहपिलजधपतिसफामूहिणन शातितवरायोकलमेलसनिमियों Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गधाकयरोवेशप्पणोगयो ३६ शत्यिमलोकलमलो खेलोसिघाणउछउथ अमुइमुनमुरीसोएसोनेशप्पागो ३७ जाउषिशपमा इत्यियाचणेगे हिंकश्वरसहस्सेहि विचिठपासपकि यहि कामरागमोहदि वनियान ताउविपरिसाउ तजहा-एगइविसमा पियवयणघालरी उफावयापमगिरिसमीउ शयराहसहस्सघरिणीउपत्नयो सोगस्सविणासोबलस्स साणापुरीसाणनासोलज्जाए सकराअधिणयस्स निलउनिथकीण खणीधहरस्स सरीरसो गस्सनेउमजायाण शासउरागस्स निष्ठ उदुरियाण माइएसमोहोस्खलणनाणस्स चालणसीलस्सविएयाधम्मस्स शुरीमातर्म दूसणशायार पमाण थारामोफम्मरयस्स फलिहामुस्कमम्गस्स नषणदरिद्वस्स शविष्याइधाउ था | सोविसोविकुयिया मप्तगविषमयएरयमा बधीविषदुष्ठहिश्याउतेणत्यसक्योतिषशप्पगासहिछाया मा | याफार उपिया रसबधणपउप्तान शायरियंसविधपिश्यनाभ्यसकाना फुफयाविवशताढहणसीला नगामगौ विषयमवठियविता शंतोदुषणो विचविचलस्सनाया मत्यावियदुपरियप्तणसीलाउ वानगेषिषचलचित्तान मधूयिषनिधि सेसानकलाविषनिरणुकपा वरुणोषियपासहत्याउमलि लमिपनिनगामिणाउ किवणोवियताण । हत्या नरउविधउनासणिज्जा सरोइधदुस्साला दुष्ठमौविषदुहमा यालोइयमुजप्तहियया थधकारमिवदु । प्पषमा विसवलीविप्रचणल्लियणिज्जा दुगहोइवयायीश्रणवगाव वणनताविबईस्सरोचप्पससणिज्ञान Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि काय पर्याप्ता पर्याप्त मे कौन किस्से थोफा ४० यह सकाय पृथिवीकाय काय तेजस्काय वा काय वनस्पतिका और प्रसकाय पर्या० पर्याप्त कौन किस्से थोफा इत्यादि | १५१ यह सूक्ष्म पृथिवाकाय प् सेञ वायु धनस्पति और निगाद इन में कौन किस्से घोडा ६० मम पर्याप्त पृथिवी छ तेज वायु वनस्पति और निगाद कौन किस्से पाडा यकृत इत्यादि | सूक्ष्म पर्याप्त पृथिवीकायष्यादि का प्रश्न (तिसरा द्वार पूर्ण ) चोपा द्वार कहे है ॥ सूदन पर्याप्ता पर्याप्त में फोन किस्से थीफा काय पर्या पर्याको किस्से २१६३ १५३. पत्राक १५१ 110 १५१ १५२ १५२ विषय और प्रश्नादि एव पूकाय प्रश्न निर्णय सूक्ष्म तेजस्काय प्रश्न निर्णय एव षायु वनस्पति निगोद प्रश्न निर्णय यह वादरायपू तेज वायु वनस्पति प्र स्येक शरीर धादर घनस्पति वादर निगोद छौर चादर कायिको में कीन किस्से घोडा ० यावर पृथिवीकाय च्यादि पर्याप्त प्रश्न निर्णय वावर पृथिवीका श्यादि पर्याप्त प्रश्न निर्णय वादर पृथिवीकाय व्यादि प० प० प्रश्न सूक्ष्म पृथिवीकाय स्यादि यावत् घादर पृथिबी काय यदि फोन किस्से थोडा इत्या घोघा द्वार पूर्ण ) पत्राक १५३ १५३ १५३ १५४ १५४ १५५ १५७ Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ fare और प्रनादि ॥ पचम द्वार आरम्भ ॥ योगी मनोयागीषाग्योगी काययोगी चौर योगी इनमे कौम किस्से थाना घणा इ० (पथम द्वार पूर्ण ) ॥ बघा द्वार है है ॥ पत्राक ॥ सातमा द्वार हैं है ॥ यह जीव सलेश्य क्रुघ्नलेशी नीललेशी कापोत मी तेजोपनलेशी शुक्कलेशो और अलंशी इनमें कौन किस्से थोडा और घणा इत्यादि (सातमा द्वार हुआ) १६७ जी सवेद स्त्रीषेद पुरुषवेद नपुंसक वेद और अयं । दक इनमें कौन किस्से थोळा घणा इत्यादि प्रश्न १६७ (द्वार पूर्ण हुमा ) १६८ विषय और मनूनादि ॥ आठया द्वार कहते है ॥ यह जीव सम्यग्दृष्टी मिध्यादृष्टी सम्यमिध्यादृष्टी इनमे कौन किस्से थाष्ठा घणा इत्यादि १६९ (नया द्वार हुम्पा ) ॥ दशम द्वार कहें है ॥ एष ष्यज्ञान प्रश्न निर्णय एव ज्ञान ५ व्यज्ञान ४ प्रश्न समुदाय से 1 य जीव आभिनियोधिज्ञानी श्रुतज्ञानी धिज्ञानी ममपर्ययज्ञानी केवलज्ञानी इनमें कौन किस थोडा इत्यादि । १६९ १७० १७० (१० द्वारका) ॥ ११ द्वार कहें है ॥ यह जीव चक्षुदर्शनी ष्यचक्षुवर्शनी छत्रधिदर्शनी पत्राक Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रवनादि विपय और प्रश्नादि पत्राक फवलदर्शनी इनमें कौन फिस्से घोडा घणा है | १७० | इत्यादि | १७१ (११ द्वार पूर्ण जया) (१४ वा द्वार पूर्ण कथा) ॥ १२ द्वार कहै है॥ ॥ १५ वा द्वार कहै है ॥ जीय सयत श्वसयत सयतास यत नो सयस नो जीय नासक अन्नासक मैं फोन फिस्से घोगा | १७१ असयत नो सयतासयत इनमे कौन फिस्से घो| (१५ धा द्वार कहा) का इत्यादि १७०n 98 वां वार करते (१२ या द्वार कथा) जीय परित परिष्ठ नो परित्त नो थपरित में ___॥१३ या द्वार कहै है। फोन फिस्से थोमा घणा| १७१ | यह जीय साफारोपयोगी शनाफारोपयोगी में | कौन किस्से घोफा घणा इत्यादि प्रश्न | १७१। (१६ द्वार कथा) १७ द्वार कहते हैं। (१३ या द्वार पूर्ण कथा) 198षांद्वार कहते । कोनाकस धान पण जीव शाहारक अनाहोरेक में कौन किसी १७द्वार ऊधा) Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रश्नादि विषय और प्रश्नादि पत्राक ॥१८ द्वार कहते हैं। काय जीवास्ति काय पगलास्तिकाय प्रशासमय मे यह सदन याठर नासून नोग्रादरो मे कौन थोझा १७२ कौन किस्से द्रय्यार्थता से थीमा घणा इत्यादि १७३ (१८ द्वार अशा) । एव प्रदशार्थतास भी प्रश्न निर्णय १७३ ॥१९ या कहै है। | धर्मास्तिकाय आदि द्रव्या प्रदेशार्थ से प्रश्न यह जीव सज्ञी शसज्ञी ना सज्ञी नो असज्ञी मे (२१ द्वार हुआ) कौन किस्से थोफा इत्यादि १७३ ॥२२ वा द्वार कहै है ॥ (१९द्वार जया) |जीव चरम अचरम मैं कौन किस्से थोडा घणा __॥२० द्वार कहै हैं॥ इत्यादि १७७ | जीव भवसिद्धिक शुभवसिफिक नो भवसिद्धिक (२२ वा द्वार हुथा) नो अभयसिझिको मैं कौन क्रिस धोका इ० १७३ ___॥२३ वा द्वार है है ॥ (२० द्वार जापा) | यह जीय पुद्गल अहासमय सर्वव्य सर्वप्रदेश ॥ २१ वा द्वार कहे हैं। | सर्प पर्याय मे कौन किस्ने धोडा इत्यादि नि० | १७८ | यह धर्मास्तिकाय थधर्मास्तिकाय आकाशास्ति (२३ द्वार पूर्ण हुआ) Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक पत्राक विषय और प्रशनादि विषय और प्रश्नादि फेवलवर्शनी इनमें कौन फिस्से घोरा धणा है | १७० । इत्यादि १७१ (११ द्वार पूर्ण जाथा) (१४ वा द्वार पूर्ण कथा) ।१२ द्वार कहे है। ॥१५ वा द्वार कहै है ॥ जीय संयत यसयत सयतासयत नो सपत नो | जीय नासफ अनासक मैं कौन फिस्से थोका | १७१ संयत नो संयवासयत इनमे कौन फिस्से थो (१५ घा द्वार कहा) का इत्यादि | १७० ॥ १६ वा द्वार कहते हैं। E TER या द्वार जाथा) | जीव परिष्ठ थपरित नो परित्त नो परिक्ष में | १३ वा द्वार फहै है ॥ कौन किस्से थोझा घणा| ११ पहलीय साकारोपयोगी शनाफारोपयोगी में| (१६ द्वार कथा) कौन किस्से घोफा घणा इत्यादि प्रश्न | १७१ पणा इत्यादि प्रश्न | १७१ | - १७ घा द्वार कहते हैं। या द्वार पूर्ण कथा) जीपियाँतत्यपुतिनो पर्याप्तता पर्याप्तम जाव चाहारक नाहरिक मैं कौन किस्सायो कौन किस्से पोछे घणे हैं भनेर (१७ द्वार जथा) १७२ Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय और प्रश्नादि पत्राक विषय और प्रश्नादि पत्राक ॥ चीथा पद थारम्भ ॥ | पर्या० थपर्या० सक्ष्म पधिषीकाय की स्थिति । २१२ नारकी को कितने काल की स्थिति चपकाय स्थिति प्रश्न २१३ पर्याप्त तथा पर्याप्त नारकी की कितनी स्थिति २०५ पर्या० पर्या० थपकाय की स्थिति २१३ रत्नप्रभादि सात नरक के पर्याप्त शुपयात नार यादर शप्काय तथा पर्या० चपर्या० वादर थ की की स्थिति का प्रश्न| २०६ पूकाय की स्थिति २१४ देवता की किसने काल की स्थिति २०८ एव वायुफाय वनस्पतिकाय पर्या० थपर्या० की पर्याप्त अपर्याप्त देयता की कितनी स्थिति २०९ सदन यादर श्यादि की स्थिति का प्रश्न । २१४ एव भयनवासी शादि देवता देवी पर्याप्त अप द्वीन्द्रिय तथा पर्या० अपर्या० की स्थिति २१५ र्याप्त का की स्थिति का निर्णय २०९ , एष त्रीन्द्रिय चतुरिन्द्रिय पर्या० शपर्या० स्थिति २१६ पथिवीकाप की कितने काल की स्थिति २१२ पर्चन्द्रिय तिर्यञ्च यानिफ की स्थिति २१६ एवं पर्याप्त थपर्याप्त पृथिवीकाय की स्थिति का एव पर्या० थपर्या० पञ्चेन्द्रिय तिर्यच की स्थिति २१७ प्रश्न| २१२ समूझिम पवेद्रिय तिर्यच की तथा पर्या० थप । सूक्ष्म पृधिषीकाय की स्थिति का प्रश्न | २१२ र्या० समृझिम पचेद्रिय तिर्यच की स्थिति २१७ Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि विषय और प्रश्नादि २० वा द्वार कडे है ॥ अनन्तप्रदेशी स्कन्ध इनमें द्रष्यार्थ प्रदेशार्थं क्षेत्रानुपात से उठाक घ्यादि मे जीवो की सख्या १७८ द्रव्यार्थ प्रदेशाथ से कौन किस्से धीमा हत्यादि १९३ एक प्रदेशाखगाढ सख्यात असख्यात प्रदेशाव गाढ पुल में द्रयार्थ प्रदेशाथ द्रव्यार्थ प्रदेशा से कौन किस्से थोळा घणा १९६ एक समयस्थितिक संख्यात व्यसख्यात समय स्थिसिक पुल में द्रव्यार्थ प्रदेशार्थ द्रव्यार्थ प्र देशार्थं स तथैव १९७ १९८ (२० या द्वार हुआ) • २५ वा कहते हैं ॥ कर्म के बधक बंधक पर्याप्त प र्याप्त सुप्त जागर समोहित यस मोहित साता थे। | वक सातावेदक इद्रियोपयोगयुक्त नोइद्रियो पयोगयुक्त साकारोपयोगयुक्त अनाकारोपयोग युक्त में कौन किस्से थोमा घणा इत्यादि (२५ या द्वार कहा ) २६ वां द्वार की है क्षेत्रनिपात से पूल का ठोक्य में अपादि परमाण पत्र संख्यातप्रदेशी सख्यातमंद पत्राक १९१ एव एकगुण काले का प्रश्न सर्व २६ द्वार पूर्ण कथा ) गुल्फ महत्व महा दो पद-पूर्ण ऊद्या ॥ पत्राक Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ rr २४१ विपय और प्रश्नादि पत्राफ विपय और प्रज्ञनादि पत्राक एव ईशान देव देवी प० रुप० शादि की स्थिति | २२७ असुरकुमार के अनन्त पयाय कहे |२१२ सनत्कुमार दवी देय प० अप० आदि स्थिति | २२८ एव जैस नारकी तथा असुरकमार के अनन्त ब्रह्मदय देवी से लेके अच्युत देवलोक के देव पर्याय कहे तेस नागकुमार यायत् स्ननितकताथो की स्थिति सविशेप २२९ मार को कहना २४१ नव ग्रेयेयक विमान देव प० अप० स्थिति | २३२ पृथिवीकाय के अनन्ता पर्याय कहे विजय वैजयन्त जयन्त अपराजित देव प० अकाय के अनन्ता पर्याय कहे २४४ अप० स्थिति | २३५ तेजस्काय के अनन्त पर्याय २४५ सार्यसिह देव प० अप० वायुकाय के अनन्त पर्याय (चौथा स्थिति पद पूर्ण हुआ) यनस्पतिकाय के अनन्त पर्याय वैरिद्री के अनन्त पर्याय २४६ ॥ पाचमा पद थारम्म n तरिद्री पौरिद्रो तथा पञ्चेन्द्रिय तिर्यञ्च के कितने मे पर्यय है, जीव अजीवके पर्यय | २३५ अनन्ता पर्याय २४७ नारकी के अनन्ता पर्याय कहे २३७ / मनुष्य के अनन्सा पर्याय २१७ २४५ Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक विपय और प्रश्नादि पत्राफ गनप्युत्क्रान्तिक पचेद्रिय तिर्यच तथा पर्या०श्च। एय मनुष्य पत्त थपजत्त समष्छिम गर्नज | __ पर्या० गजव्युत्क्रान्ति पर्चे द्रय की स्थिति | २१७ ___ मनग्य स्थिति विषय | २२२ ।' एव जलचर पर्या० थपर्या० पचेद्रिय तिर्यच यानम्पन्तर देवता देवी पया० पर्या० स्थिसि | २२२ स्थिति २१७ ज्योतिक दवसा ठेवी पर्या० शुपया० स्थिति । | २२३ एव समर्छिम पर्या० पर्या० तथा गनव्युत्क्रा चन्द्रयिमान मे देवता पया० शुपया० स्थिति । २२३ न्तिम पर्या० पर्या० पचेद्रिय जलघर स्थिति सर्यविमान मे ठेवता सपा ठधी प०प० स्थित्ति | २२१ एष सन्नेद स्थलचर पवेद्रिय सिय स्थिति २१८ ग्रहविमान में दक्षता तथा दवी प००प० स्थिति | २२५ उरपरिसर्प स्थलचर पर्या० थपर्या० पचेंद्रिय नक्षत्र विमान दय दयी प० शप० स्थिति २२५ स्थिति तारा विमान देव देवी प० थप० स्थिति २२६ सछिम पर्या० एपर्या० स्याउघर उरपरिसर्प वैमानिक देव देवी प० थप० की स्थिति २२६ पर्वंद्रिय | २२० सौधर्म देयाच्या पर्याय व भजपरि सर्प की स्थिति अरिजीत २९: रिगीत पेश एवं धालीया में एवं सबसद्रियातिर्य स्थिति स्थिति | २२६ । २१७ | २१९ Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - पत्रांक २६९ २६६ २६६ २६६ P विपय और प्रश्नादि पत्राक विषय और प्रधनादि वक्तय्यताधिकार | २५८ | केवलज्ञानी मनुष्य के शनन्ता पर्यत्र कहे जघन्यगुण कालकादि पवेद्रिय तिर्यच पर्यव २५९ शजीव पर्यय कितने भेदे जघन्यादि आभिनियोधिकज्ञानी पचे० तिर्य० शरूपी अजीव पर्यय दशमंदे कहे हैं पर्यय | २५९ रूपी राजीय पर्याय धार नंदे कहे जघन्यावधिज्ञानी पोठिय तिर्यच पर्यय २६० | परमाणु पुद्गल पर्यय वक्तय्यताधिकार उस्कृष्टायधिज्ञानी इसीतरह से कहना २६१ / द्विप्रदशी शादि स्कन्ध पयय वक्तव्यताधिकार शयधिज्ञानी तथा विमगज्ञानी कहना २६१ / एक प्रदेशावगाढ पुद्गल पयव प्रश्न जघन्यावगाही मनुष्य के क्तिने पयायक | २६१ | एक समयस्थितिक पुनल पर्यव प्रश्नोत्तर जघन्यस्थितिक मनुष्य के फितने पर्याय एकगुण फालक पद्दल पर्यव प्रश्न जघन्यगुणकालक मनष्य के पर्याय | जघन्यावगाह द्विप्रदेशी शादि स्कन्ध पर्यव जघन्यानिनियोधिक ज्ञानी मनुष्य के पर्यव २६३ जघन्यस्थितिक परमाणुपुद्गल पर्ययाधिकार जघन्यायधिज्ञानी मनुष्य के पयय कितने है । २६४ जघन्यगुणकाठ आदि परमाणुपुद्गल पर्यवाधिक जैसे अवधिज्ञानी तेस मन पर्यय ज्ञानी |२६१।८ स्पर्श की पत्तथ्यता कहना २६९ २७० २७१ २७२ | २६२ २७५ २७६ Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय योर प्रभूनादि जघन्य उत्कृष्ट अजघन्यानुत्कृष्ट अवगाहना के ! नारी के अनन्ता पर्याय २४८ जघन्य उत्कृष्ट मध्यम स्थिति के नारकी के पत्राक नन्त पयाय कहे | २४९ जघन्य उत्कृष्ट मध्यम गुण कालक नारकी के पर्यय वक्तष्यता २५० अन्य उत्कृष्ट मध्यम प्राभिनियोधिक ज्ञानी नारी की पर्यं वक्तव्यता २५१ एवं श्रवज्ञानी तथा अवधिज्ञानी नारकी के प का ज्ञान भी कहना मुत्य उत्कृष्ट मध्यम चक्षुदर्शनी नास्की के मनन्ता पर्याय 1. मसुदर्शनी अदर्शनों को कहना २५१ २५२ विषय और प्रश्नादि जघन्य उत्कृष्ट मध्यम अवगाहना के असुरकुमार को अनन्ता पर्याय कहे २५२ एष स्तनितकुमार पर्यन्त कहना २५२ जघन्यावगाहना के पृथिवीकाय पर्यवाधिकार २५२ एव उत्कृष्ट मध्यमाघगाष्ठना पृथिवी पत्र | २५३ जघन्य मध्यम उत्कृष्ट स्थितिक पृथिवी पयय २५३ जैसे पहले कड़े से से सर्व आलावा वनस्पतिकाय पर्यन्त सर्व वक्तव्यता कहनी | २५३ जघन्यावगाहनादि द्वीन्द्रिय पर्याय वक्तव्यता २५३ एवं श्रीन्द्रिय चतुरिदिय पर्येव वक्तव्यताधिकार २६३, जघन्यावगाहन पहुचेन्द्रियतिय पुर्येध व 优 कष्यताधिकार २५७ जघन्य व्यादि स्थितिक पर्चेद्रिय तिर्यंच पर्यय | २५८ प पत्राक Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पप्राक यिपय और प्रश्नादि पन्नाक विषय और प्रश्नादि सवार्थसिद्ध विमान दवोपपात विरहकार प्रमाण २९१ यया सान्तर उपजे के निरन्तर २९२ सिहापपात विरहकार प्रमाण २९१ सौधर्म आदि देवलोक यावत् सिह सान्तर उप रत्नप्रभा आदि पविधी के नारकीमा च्यवनकाल | जे के निरन्तर, एय उद्वर्त्तनाभी सिद्धो को बोड विरहाधिकार ण्य मिठा का छाहक पननर पि कर कहनी २९३ मान तक च्यवन काल विरहाधिकार २९१ (३ द्वार हुआ पूर्ण) (२ द्वार इप्पा पृण) नारकी एक समय में कितने उपजे, एष ७ नरक नारकी सान्तर उपज के निरन्तर उपजै मनप्य तारमी कहे, अमुरफुमार एक समय में कित सान्तर उपजे क निरन्तर उपज २९१ ने उपजै , एघ स्ननितकुमार पर्यन कहना २९३ देव सान्तर उपज निरन्तर, रत्नप्रभा पादि ७/ पृथिवीकाय यावद्वनस्पतिकाय एक समय मे कि पृथियी के नारकी सान्तर उपजे क निरन्तर , ____तने उपजे २९४ अमर कुमार मान्तर उपजे फनिरन्तर , एय स्त यरिद्रिय एक समय में कितने उपजे, एव त्रींद्रिय नितम्मार पन्त रहा पूयिय यायदान चतुरिट्रिय समृच्छिम पद्रिय तिर्यच , गर्नय्यु | स्पतिमाय द्वौद्रिय यावत्पचद्रिय तियच मनुष्य स्क्रातिक पद्रिय तिर्यच , सम्मूर्छिम मनुष्य Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रश्नादि (पाधमा पद पूर्ण हुआ) ॥ छठा पद भारम्भ ॥ मरफ गति में कितने काल विरह है उपपासका २८६ तिथंच गप्ति मे कितना विरह उपपास में २८६ मनुप्प गति , देवगति, और सिद्धिगति मे उप जने का कितना यिरह २८६ एवं उद्वर्त्तना मी चारों गति में कहना | २८७ रनामा श्रादि सात नरफ पृथियो मे उपपात पिरह फाल| २८७ सुरफुमार आदि यायरस्तनितकुमार पर्यन्त्र - 1 उपपात विरहको विपय और प्रश्नादि पत्राक एव अप् तेज वायु पनस्पतिकाय उपपात पि| रहकाल| २८९ द्वीन्द्रिय उपपात विरहकाल, पोन्द्रिय चतुरि न्द्रिय उपपात घिरह| २८९ सम्मच्छिम पचेंद्रिय तिर्यंच उपपात घिरहकाल २८९ गर्भव्युत्क्रान्तिक पर्चेद्रिय तियच उपपात विर हकाल| २८९ सम्मूच्छिम तथागर्मज मनुष्य उत्पति धिरहाफार २८९ सौधर्म आदि १२ देवलोक दयात्पति विरह यकवनाम डाधिकाri A pecha परहतियाबिजया - - जयन्त जयन्त अपराजित देवलोक देयोप पात विरहकालाधिकार २९१ | CON Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रश्नादि विपय और प्रशनादि पन्नाक सुरकुमार नन्तर निकल के कहा जाय कहा पृथिवीकाय कितना थायु शेषरहे पर 17 आयु उपजे ३१२ बाधै एव यावत् चोरिद्री ३१५ पपिपीकाय धनन्तर निकल के कहा जाय कहा पचेद्रिय तिर्यच कितना थायु शेप रहने से पर उपजे ३१३ जय का शायु याघे ३१५ एव थप "तेज वायु, 'मनुष्य धर्ज,, पनस्पति ग्य मनुष्य यानय्यन्तर जोतिपी वैमानिक जैसे यरिद्री तेरिद्री चौरिद्री जाणना ३१३ नारकी कहा तैसे कहना ३१७ पचेद्रिय तिर्यच योनिक धनन्तर निकल कहा कितने प्रकार थायुमन्ध कहा, ब प्रकार कहा | ३१७ जाय कहा उपजै ३१३ | नारकी के ब प्रकार थाय अन्ध कहा एघ २४| एष जैसे जिनका उपपात कहा तैसे उद्वर्तनानी दफक मे कहना ३१७ कहनी ३१३ | जीव जातिनाम निष्ठप्तायु को कितने याकर्प से फरै ३१७ ___(६ द्वार पूर्ण कथा) नारकी जातिनाम निहप्तायु को कितने शाकर्प से नारकी कितना थायु शेष रहै तय पर नव का करे एव २४ दमक में ३१८ थायु बाधै एव २१ दक' ३१५ | एघ गति स्थिति ययगाहन प्रदेश ननाव नाम Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रश्नादि विपय और प्रश्नादि पत्राक पानव्यन्तर जोतिषी सौधम छादि यायत् श्चनुप्तर। पृथिवीकाय कहा से उपज इत्यादि वक्तव्यता | ३०१ विमान देव एक समय में कितने उपजे| २९४ एव थप् तेज वायु वनस्पत्ति काय नी कहा ३०७ सिष्ठ एक समय में कितने सीके २९५ घेरिद्री तेरिद्री चौरिद्री जैसे तेजो वायु कहे नारकी एफसमय में कितने चव इत्यादि जैसे| तैसे देव धर्ज जानना ३०७ उपपात कहा से धवन सिछो को बोझ के कहना पर्चेद्रिय तियच योनिक कहा से उपने इत्यादि ___ यावत् धनुप्तरोपपात के देव पयत कहा| २९५ निर्णय ३०७ (१छार पूर्ण जमा) मनुष्य कहां से उपजे, ३०८ निरिकी कहा से उपजे , पपा नारफी से उपजे ति पानव्यन्तर देवता कहां से उपजे ३०९ ... बैंच से मनुष्य से देव से उपजे| २९५ एवं धैमानिक देय घक्तध्यताधिकार रखमजी का नारफी कहा से उपजे इस्पादि सात ३०९ धेयक देव, थनुधर विमान देव एक समय में SIRE... नरक के नारकी का अधिकार ३०१ फिर्तन उपजेश माद्वार पूर्ण जश) HTTP नितकुमार पर्यंत ३० नारकी नन्तर निकल के कहा जाय कहा उपजे| ३१२ भरकमार कहा से अस्पादियावंत Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - प्रनाक विषय और प्रश्नादि प्रिय और मानादि पत्रक नारको को १० सज्ञा होती है ३२५ ग्रह सज्ञोपयुक्त है | ३२७ ॥ असुरकुमार को १० सझा होती है एव स्त- | माहारादि१० सज्ञोपयुक्त देयारुपयहुत्व वक्तव्यता ३२८ नितकुमार तक पृषिवीकाय आदि वैमानिक (माठयां पद समाप्त हुआ) पर्यन्त कहा ३२५ नारफी क्या आहार संज्ञोपयुक्त के मयसझोपयुक्त ___n नयां पढ़ कहते हैं। ____ इत्यादि प्रश्न, ३२६ कितने प्रकार योनि कही , तीन प्रकार योनि कठो ३२८ भाहारसज्ञोपयुक्त यावत्परिग्रहसझोपयुक्त नारकी नारकी के क्या सीतयोनि उघनपोनि शीतोनयोनि ३२८ का अल्प बहुत्त्व ३२६ | असुरकुमार के कोन योनि कही एव स्तनिततिर्यंच क्या आहार यावत्परिग्रह सज्ञोपयुक्त कुमार तक ३२८ तिर्यंच आधार मादि सज्ञोपयुक्त का अल्पादि ३२६ | पथिवीकाय के कौन योनि , एव अप घायु वन मनुष्य या आहार स० | स्पति द्वीन्द्रिय त्रीन्द्रिय चतुरिन्द्रिय को योनि आहारादि पक्षोपयुक्त मनुष्याल्पयदुत्व ३२७ कहना ३२९ देयता क्या माहार सज्ञोपयुक्त है के यायत्परि | तेजस्काय के प्रति योनि.नही ३२६ ३२७ Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राका विपय और प्रशनादि पत्राक विपय और प्रश्नादि निहप्तायु भी कहना ३१९ | पृधियीकाय वेमात्रा स ानमाण सास्वास्स्वास जघन्य १।२।३ । उस्कृष्ट आकर्पसे जाति संधै| ३२१ नामनिहप्तायु धादि को करनेवाले जीर्थो मे कौन | जोतिसी फितने फालम एव सौधर्म आदि देव फिस्से घोडा घणा कृत्यादि अधिकार ३१९ कितने काल से उबै ३२१ मुत्क्रान्ति पद छछा पूर्ण हुश्राम धेयक देव यायत्पंचानुप्तर देय फितने कालसे भानप्राण सासोस्स्यास ३२३ ॥ सातवा पद का भारम्म हुमा । । सर्वार्थसिख विमानवासी देव फितने फाल ने स्वान्धात्स्यासादि उधे ३२१ नारकी फितने कालसे मानप्राण स्वासोस्स्वास लेये ३२० (सावया उत्स्वास पद हुआ) अमरकुमार कितने काठसे आनप्राण स्वासोत्स्या + HRआठवा पदकहत ह10, RAHALAR पख नाता नितितकमा HOMसावत्ता APPS " से मानप्राण सासोत्स्वास लव ३५ दश आहार आदि सज्ञा कही Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक पत्राक विषय और प्रश्नादि काय पर्यन्त घेइद्रिय को विकृतयोनि कही, चौ (नवा पद पूर्ण कथा) रिद्री पयन्त, समूच्छिम पचेद्रिय तियथ शोर मनुष्य को विकृतयोनि कही, गर्भव्यत्क्रान्तिक ॥ १० वा पद कहते हैं। पधेद्रिय तिर्यंच और मनुष्य को सवृतषिवृत्त यो रत्नप्रमादि यावत् ईपत्माग्नारा पर्यन्त शाठ पू थियी कही| ३३१ वानभ्यन्तर जोतिषी धैमानिक को जैसे नारकी यह रक्षप्रना प्रथिवी नही चरमा नही घरमा को कहा नही चरमाइ नही थथरमाइ नही चरमान्त प्र यह सपत विवृत्त सप्तविकृतयोनिक अयोनिक देशा नही श्वरमान्तप्रदेशा इत्यादि यावत् नी| जीयो में कौन किस्से घोसा घणा इत्यादि ३३३ चे सासमी पधिधी, सौधर्म शादि यावत् थनुप्तर फर्मोन्लत सुखावर्त बशीपत्र नेद से तीन प्रकार विमान एव ईपत्याम्नारा पूधियी, एवं लोक, की योनि है फालता योनि उत्तम पुरुषोत्पप्ति एवं थलोकनी कहना) ३३५ स्थान, खावत सोरत्न की, शीपत्रा सामा परमाण पुद्गल या घरम थचरम यवक्तव्य घर न्य मनुष्यों को है। ३३१ ।। माइ घरमाइ इत्यादि जगा २६' ३१० Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ या ३३१ विपय और प्रश्नादि पत्राफ विपय और प्रश्नादि पत्राक पर्वंद्रिय तिथंच योनि को कौनसी योनि ।३२९ | पृपिधीकाय को क्या सचित्त योनि थपिप्लयोनि सम्मुर्छिम पवेद्रिय तिर्यघ, गर्मव्युत्क्रान्सिक प मित्रयोनि * चेंद्रिय सियाच योनि यतथ्यताधिकार| ३३० | समूर्छिम पर्चेद्रिय सिर्यच और मनुष्य योनि नि मनुष्य को कितने प्रकार योनि कही धनिष्यन्सर , जोतिपी , और चैमानिफ योनि गर्नव्युत्क्रान्तिक पंचद्रिय तिर्यंच मनुष्य योनि पक्तव्यता ३३० * निर्णय ३३२ जीव शीतयोनि उनयोनि शीतोजयोनि | पानष्यन्तर जोतिपी वैमानिक को जैसे सुर अधमोनियों में कौन किस्से योसा घणा इत्यादि फुमार को कहा ३३२ निर्णय ३३१ यह संचित अचिच मित्रयोनिक थयोनिको में मन थाषित मित्र कौन किस्स पोको घेणा इत्यादि ३३ HALI निकही ३३२ सुरकुमार योनि प्रश्न एव स्तमितकुमार पर्यन्त ३३: । नारकी के सवृतयोनि कही, एवं यावदनस्पति Anics प्रकार योनि LAPRA वतःस्ताव त.नंदसातीन प्रकार या भाषाषिष्ट योदाम योनि Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक विपस और प्रश्नादि पत्राक । म थोर आचरम है| ३५८ मृपा नही ३६२ एवं धर्ण गन्ध रस स्पर्श घरम से कदाचित् चर अह जाय इस्यी पक्षयणी इत्यादि मापा पक्त____मशचरम है | ३५९ ___व्यताधिकार ३६३ (१० चरम पद समाप्त जशा) अह भते मन्दकुमारएवा मन्दकुमारियाषा इत्या दि प्रश्न निर्णय ३६६ ॥११ पद कहते हैं। श्रह भते उहे गोणे खरे घोडए ए एलए इत्या श्वष नन मन्ये अवधारिणीति जापा इत्यादि दि प्रश्न निर्णय ३६६ प्रश्न निर्णय अह भते मणुस्से महिसे आसे इत्यादि प्रश्न नि श्यधारिणी मापा क्या सत्य शसत्य सत्यमृषा र्णयाधिकार ३६७ असत्यमपा ३६१ | प्राह भते कसं कसीय परिमडल इत्यादि प्रश्न नि० ३६९ गायो मृगा पशव पदिण प्रज्ञापनी यह मापा यह भते पुढवीति खीवार इत्यादि प्रश्न निर्ण है मुपा नही| ३६२ याधिकार ३७० | याच स्त्री पुरुप नपुसझवाझ प्रज्ञापनी यह भाषा | भापा किमावि झि प्रयह कि प्रर्यसित है ३७१ Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक पत्राक चिपय और प्रश्नादि विषय और प्रज्ञादि एष २।३।४।५।६।७।८ प्रदेशी स्कन्धो जीव गति चरम से क्या चरम के चरम एव। की धक्तव्यता यावत् सख्यात शसख्यात थनन्त निरन्सर धैमानिक ३५६ प्रर्दशी खध तक कहा ३५० | नारकी गति परम से क्या चरमा के शयरमा एवं परमाणुम्मियत इत्यादि गाथा ६ ३५१ वैमानिक पर्यन्त ३५६ परिमल शादि पाच सस्थानो की वक्तव्यता , नारकी स्थितिचरम से कदाचित् चरम कदाचित् परिमल संस्थान क्या सख्यात सख्यास अन चरम एव यायत् धैमानिक ३५७ न्ति, एवं यावत् शायत कहना, पस्मिाल सं नारकी नयचरम से कदाचित् घरम कदाचित हाण प्रपा सख्यातप्रदेशी शसख्यातप्रदेशी छनन्त अचरम, एव वैमानिक पर्यन्त , नास्की नापो देशी एव याघ्रदायत, परिमाल संठाण क्या | चरम से चरम थचरम जी एवं धमानिक पर्यन्त.. सस्पतिमवशावगाव असख्याप्त प्रदेशाधगार एवं एप एफेंद्रिय कोबो के मानिक पूर्वत कहता ग्रत पन्त, परिमल० शूसस्पात प्रदेशमा नारकीयातमीण चरम से परम के थचरम, एवं - याष द्वैमानिक ३५८ rame शायत प्रयन्त ३५२ । एष याहार घरम, नाप परम से कदाचित् चर । सवाल एपी Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ३८२ विषय और प्रनादि पत्राक विषय और प्रश्नादि पन्नाक ___ भापा द्रव्य की, ३७७ / नारकी जिन द्रव्यो का भाषापणे ग्रह सो स्थित पुछोगाढ अणतर यह उक्ता सग्रह गाथा । के अस्थित ग्रह ६८६ जीव जिन द्रष्यो को भाषापणे ग्रहै सो क्या सा एव एकेन्द्रिय को बोडकर वैमानिक पर्यन्त द तर ग्रह के निरन्तर ३८२ डक कहना अल्पयहुत्व तक| ३८६ जीय जिनको भापा पणे निकाले सो निरन्तर जीव जिन द्रव्यो को भापा पणे ग्रह सो स्थितके | निकले के सान्तर निकले इत्यादि अस्थित ग्रहै एवं पृथक्क से भी दरक कहना जो द्रव्य भापापणे निकले गृहीत के अग्रहीत, वैमानिक पर्यन्त २८७ मिनके अभिन्न निकले। ३८१ | जीव जिनद्रव्यो को सत्यभापापणे ग्रहै हत्यादि इन माषा द्रव्यो का खड भेदादि पाचभेद कहे, । औधिक गमाके ऐसे सर्व कहना फकत घेरिद्री| वह भेदादि निरूपण ३८५ तेरिद्री चौरिद्री छोटदेना ३८८ खसभेद प्रतरभेद चूर्णिकाभेद अनुतटिकाभेद से कितने प्रकार वचन , सोलह भदें एकवचनादि उत्कटिका भद स भिन्न भाषा द्रष्यों मे कौन भेद से| ३८८ फिस्से घोडा घणा इत्यादि २८६ कितने मापाजात , चार कहे , इन चारो को Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक पत्राक ३७६ HANUA विपय और प्रश्नादि विषय और प्रश्नादि मापा कम्य पमयति इस्पादि गाथा २ | ३७१ मारफी अपर्याप्त अमापफ पर्याप्त मापक है कितने प्रकार मापा है, दो प्रकार माषा कहै | ३७२ एष एफेंद्रिय को छोटकर सर्वदउफ प्रश्नोतर कहना ३७६ पर्याप्तिको मासा सस्या मृषा से दो मेद है। ३७२ चार मापा की जाति कही सस्या पर्याप्सिकी मापा फितने प्रकार है १० प्रकारे ३७२ जीप क्या सत्य मापा बोले कि असत्या मापा मुषा, मापा मी दश प्रकारे कही है क्रोधनिधि पोले इत्यादि ९७६ तादि मेद से| ३७३ | नारकी सत्य मी थोले असत्य मी घोले एवं अनु अपर्याप्तिको मापा सत्यामृषा असत्यामुषा मेद रफुमार यायत् स्वनितकुमार पर्यन्त , द्वीन्द्रिय से दो प्रकार है| ३७३ | त्रीन्द्रिय चतुरिन्द्रिय नही सत्य नही असत्य. सत्पांमपा मापा उत्पन्न मिश्रितादि नेव से वश नही सत्यासत्य-असत्यामुपायोपचादयो। Me.. गर्दै ! ३ तिर्यो सत्याभूषा मापा पोल, इन्द त्यामुपायपियों मादक जाय जिन, द्रयों को भाषा पणे ग्रह सो क्या स्थित यो के मस्थित ३७७ जीव मापक है के ममापक हैं इत्यादि | २७४ | एव द्रष्य क्षेत्र काल और भाव बक्तम्यता से Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रनादि पत्राक भागोन, इत्यादि यक्तव्यता ३९५ ३९५ एव कार्मण शरीर भी कहना नारकी को दोनो मोदारिक शरीर है यह भी मुक्त मी है ३६९ एव वैक्रिय भी, प्रहारक शरीर भी कहना ३९७ असुरकुमार शरीर वक्तव्यताधिकार, स्तनितकु - | मार पर्यत | ३९८ पृथिवीकाय को दो श्रदारिक शरीर, क्षेत्रकाल | से निरूपण ३९८ पृथिवीकाय को दो वैक्रिय शरीर, एव शेष श भी कहना, अकाय तेजस्काय भी कहना, वायुको दो मोदारिक शरीर, दो वैक्रिय एव घोष शरीर भी कहना, द्वीन्द्रिय को दो यदा । विषय और प्रश्नादि पत्राक रिक, एव चतुरिन्द्रिय पर्यंत कहा सवं शरीर | ४०० पचेन्द्रिय तिर्यंच भी इसी तरह कहना वैक्रिय में विशेष है | १०१ ४०१ मनुष्य को दो छोदारिक शरीर है, इत्यादि (१२ वा शरीर पद पूर्ण ऊषा ) कितने प्रकार परिणाम, दो नेद जीव परिणाम पोर जीव परिणाम ४०७ जीव परिणाम, गति परिणाम यादि नेद से १० प्रकार है। ४०७ | गति परिणाम वार प्रकार है ४ गति नँद से, हद्रिय परिणाम ५ नंद है, कपायपरिणाम 8 नेद, लझ्या परिणाम ६ नेद | १०८ Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रनादि विपय और प्रश्नादि पत्राक योलता जीव आराधक है के पिराधक है यही तीन शरीर है, घायु को १ शरीर ओ सत्यमासी मुपामापी मादि माषक अमापकजी दारिक चैक्रिय तेजस कामण है, पर्चेद्रिय ति वों मे कौन किस्से घोडा घणा इत्यादि वक्त र्यच को भी चारही शरीर है| ३९१ व्यताधिकार ३०९ | मनुष्य को पाचो शरीर होते हैं, घानव्यन्तर (११ माषा पद पूर्ण हुमा) जोतिपी वैमानिक को जैसे नारफी को कहा ३ शारीर कहना, ३९१ ___॥ १२ वा पद कहते है। औदारिफ शरीर पछौर मुक्त मेद से दो मेव पांच शरीर कहे श्रौदारिफ वैक्रिय आहारफ है, इत्यादि निर्णय ३ए तेजस फार्मण ३९० वैक्रिय मी बछ मुक मेव से दो तरह है, खेत्र नारको फो वैक्रिय सैजस फार्मण यह सीन शरीर है। ३९० एवं मसरकुमार यावत् स्सनितकुमार पर्यन्त कहा ९०|आधारा-मोदी भव नये ३ पिवीकाय को औदारिक तेजस फार्मणाना तकुमार पर्यन्त कहा, १० आधारमा EL भारी वासुको डोर चोरिन्द्री पर्यटन सूर्यको सिही सममन्तगुण सर्व जावों से अनन्त त छाक ट्रम्प Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय और प्रश्नादि पत्राक विपय और प्रश्नादि पत्राक ॥११ पद कहते है॥ धिकार ११७ क्रोधादि चार कपाय कहे एव चैमानिक पर्यन्त एव चैमानिक पर्यन्त जीव से लगाय १८ दफक कहा ११५ कहना कतिप्रतिष्टित क्रोध है एय नरयिक यायद्वैमानि (१४ वा कपाय वा कपाय पद पूर्ण जया) क पर्यन्त ११६ | कितने तरह से क्रोध होता है १ तरह कहा वैमा ॥ १५ या पद कहते हैं । निक पयन्त| ११६ | सठाण याहाल इत्यादि गाया २ अनन्तानुबन्धी आदि १ प्रकार क्रोध कहा नार पाच इन्द्रिय कही की याबद्वैमानिक पयन्त , ण्य मान माया लोन श्रोत्रंद्रिय काठम्युका सस्थान सस्थित है १२० __सेनी चारो दमक कहा ४१७ चक्षु मसूरचन्द्रसस्थानमस्थित है , नासिका शाजोग नियनित शादि चार भदे फ्राध कहा अतिमुक्तक सस्थान सस्थित है , निशा में एव मानादिनी ११७ | सस्थान है , स्पशनद्रिय नानासस्थान मास्थत है। ४२० जीय चार तरह म चाठ कम चिण हत्यादि शु | वाद्रिय याहल्य यावत् स्पज्ञानद्रिय याहत्य ४१९ ४२० Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक ___ विपय और प्रश्नादि पत्राक योगपरिणाम मन थचन काया से तीन नेद, उ पानव्यन्तर गतिपरिणामाधिकार जोतिपी नी पयोगपरिणाम दो भेद है , ज्ञानपरिणाम पाच ऐसेही कहा ११२ नेद है, शज्ञानपरिणाम ३ नद , दर्शनपरिणाम राजीव परिणाम यन्धनपरिणाम आदि नेद से तीन नद, धारिप्रपरिणाम ५ नेद , वेदपरिणाम १० प्रकार कहा| ११३ तीन नेद है इत्यादि वक्तव्यताधिकार १०९ | बन्धन परिणाम दो नेद, दो गापा । ११३ सरकमार गतिपरिणामाधिकार ४१० | गतिपरिणाम दो नेद है, सस्यानपरिणाम पाच पृषिधीकाय परिणाम वक्तव्यताधिकार नेद है , १११ थप वनस्पसिकाय मी ऐसेही कहा, तेजो वायु वर्ण परिणाम पांच नेव है , गन्धपरिणाम दो मे लेश्यापरिणाम जैसे नारफी को कहा , दी। नेव है| १११ |न्द्रियगतिपरिणामाधिकार एव पौरिन्द्रिय प परिणामदा पिदिय तिर्यंच वक्तव्यताधिकार- - RA गीत परिणाम पर्दै १३ पूर्ण) कि पन्त १११रणाम ५ नेव, पर RSatyA मनुष्य पर वक्तध्यताधिकार पारणामाघिकरिMER 1-. c ok 101. Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । एष अप् यावत् । ___ विषय और प्रवनादि पत्राक विषय और प्रश्नादि पत्राक एव मृदुलघुगुण मी अनन्त है, और इनका श्र) अस्पृष्ट रूप दखे, स्पृष्ट गन्ध लेने अस्पृष्ट गन्ध एपबहुत्वादि १२६ | लेवे , इत्यादि रस स्पर्श भी कहना जैसे पहले | अप यावत वनस्पतिकाय विशेष या के ___ कहा तैसे कहना ५२९ घुवद ऐसा है , तेजस्काय शचीकलापसस्थान एव जैसे स्पष्ट तैसे प्रविष्ट, श्रोनेद्रिय का विषय सस्थित है , वायु पताका सस्थान , घनस्पति अगुल के असख्यात भाग मे उत्कृष्ट यारह यो नानासस्थान सस्थित है १२६ - जनसे छिन्न पगल स्पृष्ट शब्द सुणे| ४३० रिद्रिय के दो इद्रिय सर्व अधिकार पूर्ववत् कहा ४२७ / चक्षु इद्रिय का विषय जघन्य थगुल का सख्यात प्रीन्द्रिय के प्राण स्तोक है , चतुरिन्द्रिय के चक्षु नाग उस्कृष्ट सातिरेक योजन सहस छिल स्तोक ४२८ पुद्गल शस्पृष्ट शप्रषिष्ट रूप देखै ४३० पचेद्रिय तिर्यध और मनुष्य के जैसे नारकी कहा १२८ | घ्राणेंद्रिय का जघन्य शगुल सख्यात नाग उ धानष्यन्तर जोतिषो वैमानिक जैसे असुरकु- त्कृष्ट नव योजन से गन्ध ग्रहण करे, एव जि मार कहा झानी कही, स्पशनेद्रिय नी इसीतरह है, ४३१ | स्पृष्ट शब्द सुणे अस्पृष्ट सुणे , स्पृष्ट रूप देखे। शनगार नावितात्मा मारणातिक समुहात से सम Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विपय और प्रानाद विषय और प्रश्नादि पत्रांक गुलासख्यातनाम| १२१ कलंयुकासंस्थान है| १२१ प्रोत्रंद्रिय अगुष्ठ के असख्यात माग पृषु है, पक्षु नारकीकास्पर्शनेन्द्रिय कौन संख्यात इत्यादि नि० १२१ प्राण मी ऐसे १२१ अमरकुमार के कितने इंद्रिय जैसे श्रीदारिक कहा जिहाखामुलपयक,स्पर्शनेन्द्रियशरीरममाणमात्रहै| ४२१ ____ अल्पवाछुत्व २ विशेप १२५ श्रोत्रंद्रिय अनन्तप्रदेय, असख्यात प्रदेशायगाठ एवं स्तनितकुमार पर्यन्त कहना, पृथियोकाय को एवं यायस्पर्श १२१ | १ स्पर्शनेन्द्रिय है और यह मसूरचंद्रसस्थान है , १२५ इन श्रोत्र पशु घाण जिला स्पर्शनेन्द्रिय में - पपिवीफाय का स्पर्शन अंगुल असख्यात भाग अवगाहनार्यवासे प्रदेणार्यतासे अवगाहनप्रदेशा पाहल्यपणे , पृथुपणे शरीरप्रमाण मान कहा पतासे कौन फिस्से घोसा पणा इत्यादि १२१ | और यह अनन्तमदेशिक है, षिवाकाय स्पगेन शोन्द्रिय में अनन्ता फर्कण्गुरुगण कहा, एवं विस्पर्श धोत्रंद्रिय में मनन्ता मूलघुगण असंख्ययप्रदशायेगा चोद्रिय में अनन्ता मूलधगण विकायस्पर्शनेन्द्रिय अवगाहना प्रदे शार्थ से कौन फिस्से अल्पादि १२५ पृथिवीकापरपनन को कितने वर्कशगुरुगुण, माना त्रिीद्रया Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक विपय और प्रश्नादि पत्राक उस्के देश प्रदेश से नही है थाफाशास्तिकाय| | देश प्रदेश से स्पष्ट है, धिमी से स्पृष्ट नही से स्पष्ट नहीं है इस्के देश शोर प्रदेश से स्प फाल से स्पृष्ट एफ थजीय प्रदेश अगुरुलघु थ| र्श किये है , प्रसफाय से कदाचित् स्पष्ट चस्प नम्त गुरुलधुगुणसयुक्त सर्षाकाश स थनन्त है , काल के देश से स्पर्श फिए है| १३७ जागो न ४१० जम्बूद्वीप नही धर्मास्तिकाय स इस्के देश प्रदेश ॥ १५ वा पद से स्पृष्ट एष धर्म और शाकाशास्तिकाय से इद्रिय उपचय इत्यादि थर्थ सग्रह गाथा २ | ११० जी कहा, पषिधी से यापत् वनस्पति से स्प कितने प्रकार इद्रियोपचय कहा , ५ तरह का किये है, प्रस काय से कदाचित् है| १३८ इद्रिय नेद से (एष लयण समुद्र, धातकी सफ थादि जी कहा नारकी को पाचो इद्रिय का उपचय कहा, एवं सो गाथा है १३८ वेमानिक पर्यन्त सर्व दमक मे कहना नेद यही लोफ फिस्से व्याप्त है इत्यादि जैसे थाकाशषि के जिस्को जितनी इद्रिय उतनाही का उपचय ग्गल कहा, थलोक नही धर्म अधर्म शोर था कहना , एष इद्रिय की निर्घर्तनानी पाच तर काशास्ति काय स फिन्तु थाफाशास्तिकाय के ह की कही है , नारकी से धैमानिक पर्यन्त Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रश्नादि विपय और प्रश्नादि पत्राक याहत के जो परम निर्जरा पुल सो सूक्ष्म है। इत्यादि १३४ इत्यादि निर्णय ५३१ | आदर्श (सीसे) को देखता मनुष्य क्या आदर्श बवास्थ मनुष्य उन निर्जरा पुगलों को अन्याय को देख के अपने को देख्ने प्रतिनाग (बाया) नानात्य को जाणे देखे नही, देयता जी कोछ| को देखे इत्यादि निर्णय उम निर्जरा पुठों के अन्यत्व नानात्व को न एष शसि मणी शादि का नीशालावा कहा | १३६ देखे म जाणे ४३२ | खूब गाढा पेठा था कम्बल जितने थाफाश सहन निर्जरा पुदल सर्वलोक को अवगाह के को रोक के रहे फैलाया ऊनी उतने ही था नारका उन पुलों को न जाणे न देखे काश को रोक १३६ व पत्राद्वय तिर्यंच पर्यन्त कहना, मनुष्य उन एवं स्थूणा सून मी कहा, थाकाशपिग्गल काहे निर्जरा पटलाको कोई जाणे देखें कोई नखा से व्याप्त है कितने काय से उपाय पिधी 4 न देख इस्पादि वापिकार ६६६ | काय योपतत्रिसकाय काल से स्पष्ट है ? धर्मा २) वानभ्यन्तरजीतिमी जर मारेको कोक राधमा स्त काय से स्पष्ट है पर इसके देश और प्रदे धतिक सामनेपाको काही वमोनि: दो ने श से नही एवं बधर्मास्तिकाय से स्पृष्ट है पर चकार। माया HONE.A. कायायायउसका स्पर सन्तजा मास्त कायम Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रश्नादि विषय और प्रश्नादि पत्राक उस्के देश प्रदेश से नही है शाफाशास्तिफाय देश प्रदेश से स्पृष्ट है , पृषियी से स्पृष्ट नही/ से स्पष्ट नहीं है इस्के देश और प्रदेश से स्प काल से स्पृष्ट एक थजीव प्रदेश अगुरुलघु थ र्श किये है , प्रसकाय से कदाचित् स्पृष्ट चस्प नन्त थगुरुलघुगुणसयुक्त सर्वाकाश से अनन्त ट है , काल के देश से स्पर्श किए है ४३७ नागो न है। ४४० | जम्बूद्वीप नही धर्मास्तिकाय सं इस्के देश प्रदेश ॥ १५ वा पद का १ उद्देशा पूर्ण ॥ से स्पृष्ट एष शधर्म थौर थाकाशास्तिकाय से | इद्रिय उपचय इत्यादि थर्य संग्रह गाया २ | ११० जी कहा, पूधियो से यापत् वनस्पति से स्प कितने प्रकार इद्रियोपचय कहा , ५ तरह का र्श किये है, प्रस काय से कदाचित् है १३८ इद्रिय नेद से ११० एव लषण समुद्र , घातकी व थादि जी कहा नारकी को पाचो इद्रिय का उपचय कहा, एवं सो गाथा है १३८ वैमानिक पर्यन्त सर्व दफक मे कहना नेद यही लोक किस्से घ्याप्त है इत्यादि जैसे शाकाशधि के जिस्को जितनी इद्रिय उतनाही का उपचय ग्गल कहा, आलोक नही धर्म अधर्म, शोर था कहना , एव इद्रिय की निर्वर्त्तनानी पाच तर फाशास्ति काय से फिन्तु शाकाशास्तिकाय के ह की कही है , नारकी से वैमानिक पर्यन्त Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पन्नाक चिपय और प्रश्नादि पत्राक विषय और प्रश्नादि यहत के जो चरम निर्जरा पुतुल सो सूक्ष्म है। इत्यादि १३४ इत्यादि निर्णय ४३१ | आदर्श (सीसे) को देखता मनुष्य क्या आदर्श उपास्य मनुष्य उन निर्जरा पुद्गलों को धन्यत्व को देख के अपने को देख प्रतिनाग (बाया) नानात्व को जाणे देखे नही, देयता जी को को देखे इत्यादि निर्णय १३५ उन निर्जरा पदलों के अन्यत्व नानास्व को न एष थसि मणी शादि का नी शालाषा कहा | १३६ देखे न जाणे ५३२ | खूब गाढा लपेटा जाया कम्पठ जितने थाकाश याँ सूदन निर्जरा पुगल सर्वलोक को अवगाह के को रोक के रहे फैलाया ऋआनी उतने हो था रहते हैं, नारकी उन पुत्रों को न जाणे म देखे| काश को रोके| १३६ | EN पद्रियतिमैच पर्यन्त कहना, मनुष्य उन | एवं स्थणा सून मी कहा, थाकाशपिग्गल काहे| नजर पडाको कोई जाणे देखें कोई न जा से व्याप्त है कितने फाय से स्पृछ पषितो Eram . न देखे इत्यादि अधिकार १३३ | कोयत्यापति सकार्य का स स्पष्ट है? धर्मा Identition त्यामप्पा जातिवासनाको कोका मो. मास्ति फाय से स्पृष्ट है पर इस्के देश और प्रदे निकालेर मर्नेही मानिकोदो दे शसे नहीं है एवं यधर्मास्तिकाय से स्पष्ट है पर Huma ELEADLINE Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय मोर प्रश्नादि कहना, ग्रह दो है, एवं इदय चौरिदीय में इद्रिय घठाय க் चौरिंदीय को व्यञ्जनावग्रह तीन अर्धाग्रह चार है, शेष जैसे नारकी को कहा से वैमानिक तक ४४५ और भाव भेद से दो तरह की इद्रिय है, द्रष्य माठ दष्ये द्रिय २ कान २ नेत्र २ नाक जीम स्पर्श ८, नारकी को माठी है, एष असुर वैमानिक स्तनितकुमार तक । पृथिवी यावत् काय द्रव्ये १ स्पर्श यावद्वनस्पति पर्यत । द्वी न्द्रिय को द्रव्ये स्पर्श 9 जिह्वा २ दो है, रिट्री को दो नाक जीम और स्पर्श ए ४ हैं । चौरी को द्रष्य दो नेत्र दो नाक जीम ५ स्पर्श ए ६ हैं। शेष को जैसे नारकी को कहा | ४४६ पत्राक विषय और प्रनादि | एकेक नारकी के मनता द्रष्येंद्रिय छातीत है । ध आठ है । पुरस्कृत ८ । १६ । १७ । सख्यात असख्यात और अनत मी होते हैं ४४७ एकेक छासुरकुमार के कितने द्रव्ये द्रिय प्रतीत छानत । बरु ८ । पुरस्कृत ८ । ९ । सख्यात प्रख्यात छानत । एव स्तनितकुमार तक ४४७ वनस्पतिकाय एव पृथिवीकाय काय कहा, को एक स्पर्श द्रष्येद्रिय है तेजो वायु भी ऐसे ही है मेद यह के पुरस्कृत ९ । १० है, एष द्वीन्द्रिय भी मेद यह के यह दो है, श्रीन्द्रिय को चार, धौरिन्द्री को बरु ६ है, पचेन्द्रिय तिर्यच मनुष्य वानव्यन्तर जो तिषी सौधर्म ईसान देव जैसे छासुरकुमार, भेद | • पत्राक Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मनाद पत्राक विषय और प्रश्नादि पत्राक विषय और प्रवनादि जिस्को जितनी इद्रिय है उतने की निवर्तना घगाहना कहनी, पाच प्रकार का अपाय २७ जी फहना , श्रोद्रिय निर्वनना का काल छ वक में यथोचित कहा, ईहा पाच प्रकार की सख्यात समय शन्तर्मुशर्त नी कहा, एष स्प चौवीस दखफ में यथोषित कहना , ११३ र्शन तक, एव नारकी स वैमानिक पर्यन्त नि | अयग्रह व्यजन और अर्थ के मेद से दो प्रकार धर्तना काल कहा , पाच ने इद्रिय लब्धि क | है, घ्यजनावग्रह श्रोत्र घ्राण जिह्वा स्पर्श से ही, एवं२४वंक में जिस्को जितनी हो कहना, चार मेद है, अर्यावग्रह पाच इद्रियों का पाच इंद्रियोपयोग फाल नी पाच प्रकार है नारफी और मन से ब प्रकार होता है उनमें से नार INE से धैमानिक पर्यन्त यथोचित कहना १११ की को २ व्यजन और अर्थ का अपग्रह है। इन थोत्र छादि पाचो इद्रियों के उपयोग ३ एव वैमानिक पर्यंत कहा १११ घेन्य उत्कृष्ठ थजघन्योस्कृष्ट में परस्पर कौन पृथिवीकाय को दो प्रकार अवग्रहः व्यक्जताव - फिरसे योठा घणा इत्यादि ११२ ह स्पर्शनेंद्रियाका एक हा., भोयग्रह भी इंद्रियावगाहनामा प्रकार नारकी मानि ए कस्पशनही का है, एवं वनस्पति पर्यंत त जिस्को जितनी इंद्रिया हो उडी has कहाँ, एवं वीन्द्रिय को, नेद यह के म्पठजनाध म d . Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ थिपय और प्रश्नादि पत्राक विपय और प्रश्नादि पत्राफ अतीतादि| ४५४ घटु नही पुरस्कृत कदाचित् , एघ सर्यापसिङ । देयत्व में भी कहा, १५१ | नारकी के नारकी पने मे कितने द्रव्येद्रिय इत्यादि| ४५१ एफक मनुष्य के नारकीपने मे , यावत्पचेद्रिय (द्वार पूर्ण हुआ) तिर्यच पने मे मनुष्यपन मे, वानभ्यन्तर जो नारकी का कितने माद्रिय, पाच है, एष वे तिप्त यावत् ग्रेवयक देवपन मे, विजयवैजय मानिक पर्यन्त यथोचित कहना, एफेक नार न्तादि देवपने मे, सधार्थसिद्धदेवपने कितने -की के कितने अतीत बटु पुरस्कृत इत्यादि द्रव्येद्रिय अतीत बद पुरस्कृत इत्यादि ४५२ वक्तव्यता| ४५७ वानष्यन्तर जानिपी जैसे नारकी, सौधर्मदवमी एकेक नारकी के नारकीपने मे कितने भाद्रिय जैसे नारकी सौधम दव को पचानुत्तर देवपने अतीत ४५८ में, सर्वासिद्धदेवत्वमे अतीतादि कहा, अनु (१५ पद समाप्त हुआ) प्तरदयको नारकीपन मे अतीतादि १५३ अनुसरदय को सर्वामिद्धदेवत्य मे। सर्वार्थसिद्ध ॥ १६ वा पद कहते है ॥ देव को नारकीपन मे एव मनुष्यवज सर्च मे पनरह प्रकार प्रयोग कहा । Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक पत्राक विषय और प्रश्मादि विषय और प्रसनादि इसनाही के मनुष्य को पुरस्कृत है भी नही कितने द्रव्येद्रिय अतीत , एव नारकी के अमी. सनस्कमार मारेन्ठ ग्रहल लान्तक शुक्र सुरपणे में अतीत यह पुरस्कृत द्रव्येंद्रिय कहे ११९ सहसार आनतमाणत मारण अच्युत ग्रेधेयक एकेफ नारकी को एकेन्द्रिय पने में कितने अतीत देष को जैसे नारकी को , पचानुप्तर देव को घछ पुरस्कृत हैं, द्वीन्दियपने में कितने हैं, अवीत अनन्त पछ८ । १६ । २४ । सख्यात, त्रींदीय पने में कितने है इत्यादि निर्णय, १५० सर्वासियदेव को अतीत अनन्त यछ। एष धौरिन्दिय मी पर पुरस्कृत ६ । १२ । १८ पुरस्कृत, नारकी को द्रष्येन्द्रय अनन्त अवीत सख्याप्त असख्यात अनन्त है, पदीय विय । पह प्रसस्यात पुरस्कृत अनन्त ११८ | चपने में जैसे असुरकुमार पने में कहा , एवं एवं अवेयक देव पर्यंत मनुष्य को पछ कदाचित् मनुष्यपर्ने में मी पर पुरस्कृत छ । १६ । २७। संख्यात असंख्यात मी है, पचानुवर देव को संख्यात असंख्यात अनन्त है, यानव्यन्वर *अतीत अनन्त बह और पुरस्कृत भसैख्य है। जोतिषी चौधमीदियोंगयुकदयपने में प्रतीत पिसिकदेवको मतीत भनन्द पहपुरका अनन्त घर नहीं पुरस्कृत कदाचित् , एकेक - सम्मानिएका भारका नारकी पम नारकी को पचानुप्तर देवपने में प्रतीत नहीं Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय और प्रनादि पत्राक विपय और प्रश्नादि पनाक कहा। पाच प्रकारे गतिप्रपात कहा प्रयोगगति | नारको सर्व समाहार समशरीर समुत्स्वासनिश्वास आदि के भेद स । प्रयोगगति १५ भदे जैसे हैं इत्यादि १८५ प्रयोग कहा तैसे यह भी कहनी। जीयो को नारकी सर्व समफर्म हैं इति वक्तव्यता । नारकी प्रयोगगति पनरह भदे है। नारकी का ११ सर्व समापपत्रक हैं १८६ प्रकार है एव वैमानिक पयन्त ४७१ | नारकी सर्व समपर्णहै इत्यादि जैसे वर्णकहा तैसे जीयो को क्या सत्यमनप्रयोगगति यावत् क्या ___लेश्या, वेदना , समक्रिय है ४८७ फार्मणशरीरकायप्रयोगगति है याद्वैमानिक नारकी सर्व समायु समोपपन्नकहै इत्यादि निर्ण| पयन्त कहा । एवं गति भेद वक्तध्यता| ४७५ __ य थसुरकुमारतक १८८ (१६ वा प्रयोग पद कहा) यसुरकुमार सर्य समर्म इत्यादि एव स्तनित कुमार पर्यन्त कहा ॥ १७ वा पद कहते हैं। पूधियीकाय थाहार वर्ण कर्म थोर लेश्यासे जैसे __नारकी कहा | आहारसमसरीरा यह अर्थ सग्रह गाथा । १८४ | एव चौरिद्रिय , पचेन्द्रिय तिर्यच जैसे नारकी १८९ Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि जीवका पनरह प्रकार उपयोग है। नारकी को ग्यारष्ठ भेदे है। एव असुरकुमार पर्यन्त कहना पृथिवीकाय को तीन उपयोग । एव वनस्पति पत्राक पर्यन्त कहा ४६१ धायुकाय को ५ उपयोग । बेरिन्द्री को चार प्र कार एवं चौरिंद्री पर्यन्त पर्वेद्रियतिर्यच को तेरह प्रकार है| ४६२ লটি मनुष्य को पनरह उपयोग । वानव्यन्तर जीति वैमानिक को जैसे नारकी को कहा । जीव 'क्यों सत्यमनप्रयोगी यावत्क्या कार्मण शरीर कामयोगी इत्यादि मांगे "सत्यतप्रयोग इत्यादि । एवं अं पर्यन्त कहा कडे ४६३ विषय और ममनादि । थिवीकाय क्या मौदारिकशरीरकायप्रयोगीमौदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगी के कार्मणश काय प्रयोग एव वनस्पतिकाय पर्यन्त प्रश्नो तर कहा । वायुको वैक्रियमिश्रशरीरकाय --- प्रयोग है। ४६४ द्वीन्द्रिय क्या प्रदारिकशरीरकायप्रयोगो यायत् या कार्मणशरीरायप्रयोगी है । एव चौरि द्विय पर्यन्त कहा ४६५ पर्चेद्रिय तिर्येच जैसे नारकी भेद यह के योदा रिफशरीरकायप्रयोग योवारिक मिश्रवारी रकाय प्रयोग भी है कायप्रयोग निर्णय त्रियोग ३२ चतु सयोगी १६ सर्व ०० ४६५० ध्यानव्यन्तर जोतिषी वैमानिक जैसे असुरकुमार' पत्राक Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय और प्रनादि पत्राक विषय और मननादि पत्राक (२ उद्गा पूर्ण अशा) एव शनिलाप नीललच्या कापोतलेवया को पाके | नारकी नारकी में उपजै के शुनारकी नारकी मे कापोत तेजालन्या को पाके नेजालेश्या पन्ना उपजे एव वैमानिक पर्यत कहा, नारकी नारकी लेल्या को पाके पदालेच्या शक्ललेश्या को पाके से निकल के शनारकी से , एव वैमानिक पर्यत तपादिपणे परिणम इत्यादि सदृष्टान्त ५२३ जोतिषी वैमानिक मे चयन्ति ऐसा कहना ५१३ / कृघ्नलेश्या कैसी यण से, जीमून शुजन खजन कालशी नारकी कजलंगी नारकी मे उपजै इ| कालादि सदृग है| ५२५ त्यादि निणय यावत् शुकलेशी शुक्ललेशी मे नीललेल्या वर्ण निरूपण, कापात लेश्यादि वर्ण उपजे एव २१ दफक मे यथोचित कहना ५१४ निरुपण ५२६ (३ उद्देशा पूर्ण जाथा) एव शास्वाद निमपण ब लेश्या का | परिणाम गध इत्यादि गाथा ५२१ तीन लेश्या दुरनिगन्ध और तीन सुरनि गन्ध ब लेश्या कही ५२२ है, एव शुधागुष्ठ, एव प्रशस्ता प्रशम्न, सक्ति | कृघतलच्या नीललेश्या को पाके तद्वर्ण तद्रूप तद्ग प्टासक्लिष्ट, ठौर स्पर्श, सुगनि दगातगामा न्धादि पणे परिणमे ५२२, कही है । कृतलंध्या ३।९।२७१८१।१२।। Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय और प्रश्नादि पत्राक फर्क क्रियामे है | ४९२ मनुष्य सर्व समाहार है इत्यादि जैसे नारकी नंद क्रिपा से तीन भेद है ४९३ | ४९४ घानष्यन्सर जैसे सुरकुमार एव जोतिपी वैमानिक जी नेद यह के वेदना से विविध है ४९५ जैसे योषिक गमा कहा तेसे सलेश्य का गमा कहना वैमानिक पर्यन्त पृधिषीष्ठ वनस्पति पर्चेद्रिय तिर्यच मनुष्य जैसे यौधिक गमा कहा नंद मनुष्य को क्रिया में प्रम मठ का ४९७ (१६ किंवनी लेश्या ब ४९६ | विषय मोर प्रश्नावि , भूया, तिर्यच योनिक को न लेन्या, एकेंद्रिय को चार लेया ४९८ पृथिवीकाय को घार छेनूया, ठ्प वनस्पति जी नही है, तेजो वायु द्वीद्रिय श्रीद्रिय चतुरि द्रिय जैसे नारकी, पचेद्रिय तिर्यच को ब, समू र्बिम पचेंद्रिय तिर्येच जैसे नारकी, गर्भज पचें द्रिय तिर्यच को ब एवं लेवूया वक्तष्यताधिकार १९९ गर्भजमनुष्य की ब, देव को छ, देवियों को चार, एवं जयनवासि देव देवी धानव्यन्सर देव देवी वैमानिक देवदेवाधिकारे ५० यह जीव सलेशी कलशी यावत् शुक्कलेगा' में पोमा घणा इत्यादि ष्णुरूप बहुत्व वक्तष्यता उद्देश समाप्ति तक ५०१ पत्राक Ro Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्रांक विपय और प्रश्नादि पत्राक नारकी पर्याप्त नारकी पणे फितने काल तक रहै| एय मन धधनकाय योगी| ५५६ हत्यादि अधिकार ५१९ योगी योगीपणे, सधेदक सवेदकपणे इत्यादि सइद्रिय सइद्रियपणे काल से कबतक होय इत्यादि| ५४९ निर्णय ५५७ एष पर्याप्त चपर्याप्त का चालाया कहा ५५० एष खी पुरुषवेद नपुसकर्वेद प्रश्न, शुधेद प्रश्न, ५५९ सकाय सकायपणे, प्रधिवीकाय धियीकायपणे, सकपाई प्रश्न, ग्य क्रोध माया मान लोन कपायी एव अप्तेजवायु ५५१ शकषायी निर्णय घनस्पतिकाय प्रश्न, प्रसकाय प्रसकायपणे, थ सलेशी का प्रश्न एव ब ले० श्योका आलाया क काय शकायपणे, एव प्रसकाय पर्याप्त थपर्याप्त हना शुलेशी नी ५६१ तक कहा ५५२ सम्यग्दृष्टि सम्यग्दृष्टिपने इत्यादि निर्णय ५६२ सूक्ष्म पृषिषी थप्तेज वायु बनस्पति , एव वा ज्ञानी ज्ञानीपने कालसे कयतक इत्यादि प्रश्नोतर ५६३ दर जी ५५४ | विनग ज्ञानी चक्षुदर्शनी थचक्षुदर्शनी शवधिद चादर निगोद प्रश्न, र्शनी का प्रश्न ५६५ सयोगी सयागीपणे काल से कितने काल हो | सयत असयत संयतासयत प्रश्न Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक पत्राक विपय और प्रनादि विषय और प्रश्नादि ७ परिणामें परिणम ५३१ । छ लेश्या कही , मनुष्य को कितनी लेश्या इकृतलेश्या अनन्तप्रादेशिकी एष यावत् शुक्रले त्यादि निर्णयाधिकार ५१२ । प्या , कृजलेश्या असख्येयप्रदेशायगाठ एय (लेश्या पद १७ वा पूर्ण) यावत् शुकलेश्या , कृपालेश्या की फितनी अ वगाहना एष उक्तलेश्याषगाहना , स्थान प्रस ॥ १८ वा पद कहते हैं । ख्यात ५३५ हेश्यास्यानों का, अल्पयत्व द्रष्यार्थ प्रदेशार्थ जीवगइदिय फाए यह सग्रह गाथा २. ૧૪ द्रष्यार्थप्रदेशार्थ से ५३६ । जीय जीवपर्ने काठसे कयतक रहे, सर्वकाउ ५४५ (चौघा उद्देशा पूर्ण हुमा) | नारफी नारकीपर्ने काल से फितने फालू रहे.. छ लेश्या काही , छनटेश्या नीललेश्या को पाकेएवं तिर्यंच क्षेत्र से फ्राले से कहोतियणी जसे चौथे चो में फहा घेरूर्य मणि दृष्टान्त मनध्य मनप्रणा व देवाइनका प्रश्नोतर ५१६ प्रयन्त करना शसदि पव्यता जारकी अपर्याप्त नारको पणे कालसे कब तक एव याबद्देवी पर्यन्स ५१८ - बाउहश ३. या Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रश्नादि द्वैमानिक भेद मनुष्य अन्तक्रियाकर एव अ सुरकुमार याद्वैमानिक एव२४ दढक, नारकी अन्तक्रिया करे परम्परागत अन्तक्रिया करे ५७५ अनन्तरागत तेज वायु द्वीन्द्रिय प्रीन्द्रिय चतुरिन्द्रिय अन्त क्रिया प्रश्न अनन्तरागत नारकी एकसमय मै जघन्य एक दो तीन उत्कृष्ट दश अन्त किया करै प्रभा पृथिवी का नारकी तथा अन्तरा गत प्रभादि पृथिवी का नारकी अन्तक्रिया एव प्रसरकुमार कुमारी प्रश्न ५७५ अनन्तरागत पृथिकायिक जघन्य एक दो तीन उत्कृष्ट चार एव प्रकायिक भी वनस्पति का यिक छ पचेद्रिय तीयश्च दश तीयठवणी दश पत्राक विषय और प्रश्नादि मनुष्य दश मनुष्याणी यीश धानव्यतर दश व्यतरी पाच जातिपी घीस इत्यादि ५७६ नारी नरक से निकल नरक में उपजै नही ना रकी नरक से निकल असुरकुमार मे उपजे नही यात्रींद्रिय ५७६ नारकी नरक से निकल पञ्चेद्रिय तिर्यठच में उपजे इत्यादि ५७७ नारकी नरक से निकल व्यतर जोतिपी वैमानि क मैं उपजै नही असुरकुमार असुरकुमार से निकल नारकी में उपजे नही असुरकुमार मर के असुरकुमार में उपजै नहीं एव यावत् स्तनितकुमार ५७९ असुरकुमार मरके पृथिवीकाय में उपजै कदाचित्। Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक निर्णय ५६९ विपय और प्रश्नादि पत्राक विषय और प्रश्नादि माकारापयुक्त शुनाकारापयुक्त नी उसीतरह ५६७ / एव नारकी सुरकुमार याय स्तनितकुमार बनस्थ आहारक प्रश्न , केवलि थाहारक तथा पयन्स , पृथिवीकाय मिथ्यादृष्टि हो है, एवं धन अनाहारक काल ५६८ | स्पतिकाय पर्यन्त कहना , द्वीन्द्रिय मिश्रदृष्टि नापफ थनापक प्रश्न, काय परित्त अपरिप्त काल नही है एव चौरिन्द्रिय पर्यन्त कहा , पचेन्द्रिय तियय जोतिपी मनुष्य वानष्यन्तर धैमानिक | पर्याप्त थपर्याप्त नो पर्याप्त नो अपर्याप्त सूक्ष्म तीनों है , सिझ सम्यग्दृष्टि हैं| ५७३ / यादर सज्ञी असझी ५७१ । (१९ वा सम्यक्त पद कहा) सिद्धिक एनसिफिक घरम अचरम फाल निर्णय ५७२ २० वा पद कहते हैं। *. (१८वा पद समाप्त जा) नेय आंतकिरिया यह द्वार गाया--जीव, ehar क्रिया करे एवं नारफी यवमानिक नारकी भारकी में अन्तक्रिया करे नही ५७५ अष्ट नारकी समरकुमार में अन्तक्रिया कर एव याय - TWEATH. KAL Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय और प्रश्नादि पत्राक विषय और प्रश्नादि पत्राक देव मी भेद यह दो पृथिवी से वैमानिक से मे जाय उपजे एह निर्णय ५८८) होय शेप नही होय ५८६ चार प्रकार असज्ञि आयु कहा , असज्ञी जीव मडलीफ सातमी से तेज वायु से नही, सेनापति क्या नैयिकायु करे कि देवायु करे एव मनु आदि भी एव ५८६ प्यायु देवायु जैसे नारकायु , एह नारकी प्रस अश्वरत्न हस्तिरत्न रत्नप्रभा से निकल यावत् सह ज्ञियायु यायत देव असनि आय मे कौन सारदेव हो', चक्ररत्न धर्म दर बत्र मणि असि किस्से थोडा घणा है एघ अपयजत्य ५९० काकिणिरत्न असुरकुमार स इशान तक हो , (२० या अतक्रिया पद पूर्ण) शेष नही , असयत भविकद्रव्य देव अविरा धिससमम विराधित सयमा सयम मे पिराधि ॥२१ वा कहते हैं। त सयमा सयम असझी तापस कादर्पिक घर विहिसठाणपमाण यह द्वार गाथा णपरिग्राजक किरिषषिक तिरश्रीन आजीविक पाच औदारिकादि शरीर कहे ५९१ आभियोगिक सलिगी दर्शनय्यापक्षक यह देव एकेद्रियादि ५ नदम थोदारिक पाच नेदे है ५९२ लाक मे उपजे तो कहा कौन किस देवलोक | पृथिवीकायादि ५ नेदस कें द्रय शोदारक श Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक पत्राक विषय और प्रश्नादि विषय आर प्रनागद विषय और प्रश्नादि व अप् धनम्पति में भी असुरकुमार मरके तेज | असुरकुमारचयके तीर्थंकर पणा पावे नही, एव | यायु द्वौद्रिय प्रीदिय चतरींद्रिय मैं न उपजे यावत् मयू, तेजस्काय तेजस्काय से निकल __ शेप पाच मैं उपजे इत्यादि ५८० सीकर हाय नही धर्मसुने एव यायू मी, व | जैसे पृधिषीफाय कहा सैसे अप् वनस्पति मी नस्पतिकाय अंतक्रिया करै तीर्थकर न हो, फहना , तेजसकाय से निकल तेजसफाय मैं| पधेद्रिय तिर्यठच मनुष्य वानष्यंतर जोतिपी उपजे यावत् स्तनितकुमार ५८१ अवनिया ही करे| ५८५ | जैसे संज तेसे घायु , रीठी घरीद्री से निकल | सौधर्म देय धवके तीर्घकर होय कोई एफ जैसे मारफी में उपजे इत्यादि पन्चेंद्रिय सिर्यच प रत्रप्रभा नारकी एवं मापत्सासिछका देय ५८५ चेंद्री तियंच से निकल नारको मे उपजे इहा तक ५८२ | रत्नप्रमा फा नारकी चक्रवर्त्त होय , शर्कराममा रवप्रभा पृषिधी का नारकी निकल सीकर होम, का न होय एवं यावत्सावमी का ताकी , ति फोड एफ , एष यावत् वालुकाप्रमा पंप्रमा येच मनुष्य मानता भवनपतिध्यंतर जा पपिन्नी का नारको निकल पीकर ने डॉो मानिक सहायक, एवं यलदेय भेद यह के एभूमप्रेमी तमा पावन सप्तमी शिर्करी पृथिवीफा नारकी भी होय , एव वासु Na Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय और प्रश्नादि पत्राक विपय और प्रश्नादि पत्राक सस्था० सम्मच्छिम मे सर्वत्र ऊही है,५९८| बारह याजन इत्याटि , त्रीन्द्रि तीन कोस , मनुष्य मे ६ सस्थान सम्म० मे ऊही है, छो| चौरिद्री चारकोस , पचेद्रिय १००० योजन दारिफ शरीर की कितनी बझी अवगाहना है। __ इत्यादि ६०१ इत्यादि ५९९ | जोयणमहस्मछगा यह सग्रहणि गाथा २ मनु पृधियीकाय एकद्रिय श्रौदारिक धारीरावगाहना ___ष्यौदारिक शरीरायगाहनाधिकार ६०२ उत्कृष्ट जघन्य अगुल असख्यात भाग एव अ वैक्रिय शरीर द्वि नंद व्यक्त व्यताधिकार पर्याप्त पर्याप्त , एवं सूक्ष्म पर्याप्ता पर्याप्त, या वैक्रिय शरीर सस्थान वक्तव्यताधिकार दर पयोमा पर्याप्त मी, एव अप्काय भी ६०० नारकी श्रादि दहक मे वैफ्रियशरीर सस्थान ६०८ सजस्काय वायुकाय भी ऐसे ही कही, वनस्पति वैतिर शरीरायगाहना वक्तध्यताधिकार में जघन्य अगल प्रसख्यात भाग उत्कृष्ट सा आहारक शरीर वक्तव्यताधिकार तिरेक हजार योजन व पर्या० अगुल अस आहारकशरीर संस्थान यक्तव्यताधिकार ख्यात भाग , पर्याप्त पूर्व कहा तैसे है ६०० तैजसशरीर वक्तव्यता ६२० द्वीन्द्रिय जघन्य अगुल असख्यात भाग उत्कृष्ट | तेजमवारीर सस्थान निर्णय २५ दडक में ६२१ Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक पत्राक विपय और प्रभूनादि विषय और प्रशनादि रीर पाच प्रकार है। ५९२ | काय मसूरच सस्थान सस्थित , एव सूक्ष्म प पृषिधीकाय एफेंद्रिय औदारिफ शरीर सूक्ष्म था थिवीका पादर कानी कहा। ५९६ | दर नेदसे दो नेद, सूदन तथा धादरनी पर्याप्त अपकाय स्तिषुकविदु सस्थान , सूक्ष्न वादरपर्या थपर्याप्त नेदसे प्रत्येक दो दो नेदह। ५९२ प्ता पर्या० नी, सेज सूचीकलाप सस्थित एवं एव वनस्पतिकाय एकेद्रिय औदारिफनी कहा | ५९३ सूक्ष्मयादर पर्या० पर्या० नी , घायु पताका द्विप्रिपतुरिद्रिय औदारिफशरीर पर्या० छपर्या० । सस्थान सस्थित है, एव सूक्ष्मादि नाह , धन नेवसे द्विषिष कहाई ५९३ स्पति नानासंस्थान संस्थित है, एष सूक्ष्मादि पचेद्रिय थीदारिक शरीर तिर्यंच मनुष्यसे दो, नोई, दींद्रियोदारिफ शरीर जासस्थान है। नेद है, सिर्यच औदारिक तीन दह एष जल एवं तेरिंद्री परिद्री जी, पर्चेद्रिय तिर्यंघको स्थत नवरादि नेदनिर्णय ५९३ छ सस्थान है. पूर्या पर्याय कोली पर मनुष्य पचेंद्रियौदारिफ शरीर दो नेव, इत्यादि ५९५ [पर्यो० थापा सम्मम्चिमा पचे भतिर्यचन्ह यौदारिफ शरीर नानासंस्थान संस्थित एक app गनज पर्चेद्रिय तिर्यच नाना है, | ठिय का थीदारिक नानासस्थान पि एवं तिच के ९ पलावे है , जलचर में ६ Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कार ६०२ विपय और प्रनादि पत्राक विषय और प्रश्नादि पत्राक ___ सस्था० सम्मछिम मे सपत्र कही है, ५९८ | धारह याजन इत्याटि , श्रीन्द्रि तीन कोस , मनुष्य मे ६ सस्थान सम्मू० मे ऊही है, छौ धौरिद्री चारकोस , पचेद्रिय १००० योजन दारिक शरीर की कितनी की प्रवगाहना है इत्यादि इत्यादि ५९९ जोयणमहस्मछगा यह सग्रहणि गाथा २ मनु पचित्रीकाय एकद्रिय श्रौदारिक शारीरावगाहना प्यौदारिक शरीरावगाहनाधिकार उत्कृष्ट जघन्य अगुल असख्यात भाग एव अ वैक्रिय शरीर द्वि लेद व्यक्तव्यताधिकार पर्याप्त पर्याप्त , एव सूक्ष्म पर्याप्ता पर्याप्त, या वैफिय शरीर सस्थान धक्तश्यताधिकार दर पर्याप्ता पर्याप्त मी, एय अप्काय भी ६०० नारकी ग्रादि दरक में क्रियशरीर सस्थान तजस्काय वायुकाय भी ऐसे ही कही, बनस्पति वैक्रिय शरीरावगाहना वक्तव्यताधिकार मे जघन्य अगल प्रसख्यात भाग उत्कृष्ट सा आहारक शरीर यक्तव्यताधिकार तिरेक हजार योजन एव पर्या० अगुल अस आहारकशरीर सस्थान घक्तध्यताधिकार ख्यात भाग, तेजसशरीर यक्तव्यता द्वीन्द्रिय जघन्य अगुल असख्यात भाग उत्कृष्ट तेजमशरीर सस्थान निर्णय २५ तटक मे Murururur Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय पीर प्रश्नादि पिपय और प्रशनादि पत्राक रीर पाच प्रकार है। ५९२ | काय मसूरपद सस्यान सस्थित , एवं सूक्ष्म प/ पृथिवीकाय एफेंद्रिय औदारिक शरीर सूदन या " घिधीका यादर काली कहा| ५९६ दर नेदसे दो नेद, सूक्ष्म सपा बादरजी पर्याप्त अपकाय स्तियुकवितु सस्यान, सूटन पादरपर्या थपर्याप्त नेदसे प्रत्येक दो दो नेदह, ५९२ | प्ता पर्या० नी, तेज सूचीकलाप सस्थित एष एष वनस्पतिकाय एकेद्रिय श्रीदारिफन्नी कहा ५९३ । सूदनयादर पर्या० पर्या० जी , घायु पताका द्वित्रिचतुरिद्रिय औदारिकशारीर पर्या० पर्या० सस्थान सस्थित है, एव सूक्ष्मादि नाह , धन नेदसे द्विषिष कहाई ५९३ । स्पति नानासस्थान संस्थितहे , एय सूचनादि पर्धेद्रिय छौदारिक शरीर तिर्यंच मनुष्यसे दो । नी, दींद्रियौदारिफ शरीर ऊन्सस्थान है। नेद है, तिर्यंच औदारिक तीन नेदह एव जछ । एवं तेरिंद्री चरिद्री जी, पर्चेद्रिय विर्यको स्याउ स्वचरादि नेदनिर्णय ५९३ / मनुष्य पचेद्रियोदारिक शरीर दो भेद बुस्यादि. ५९५ | पर्यो थुपा समछिी पतिय जाहे, छ संस्थान है पर्याप थपर्याय फोजी पक्ष । थौदारिफ शरीर नानासंस्थान सस्थित है एकोपा गर्ने पर्चेद्रिय तिर्यंच नाना है, द्रिय धारक नानासस्थानापिया एवं तिर्यंच के ९ एलावे हैं, जलचर में शात Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विपय और प्रश्नादि विषय और प्रश्नादि पत्राक सस्था० सम्मछिम मे मर्वत्र जामही है,५९८बारह याजन इत्याटि , श्रीन्द्रि तीन कोस , मनुष्य मे ६ सस्थान सम्मू० मे ऊही है, शौ) | चौरिद्री चारकोस , पचेद्रिय १००० योजन दारिक शरीर की कितनी की अवगाहना है। इत्यादि ६०१ इत्यादि ५९९ जोयणमहस्मछगा यह सग्रहणि गाथा २ मनु पधियीकाय एकेद्रिय शौदारिक शरीरावगाहना| यौटारिक शरीरावगाहनाधिकार ६०२ उत्कृष्ट जघन्य अगल असख्यात भाग एव अ वेनिय शरीर द्रिनंद व्यक्त व्यताधिकार पर्याप्त पयाप्त , एवं सुदन पर्याप्ता पर्याप्त , वा क्रिय शरीर सस्थान वक्तव्यताधिकार दर पर्याप्ता पर्याप्त मी. एव अपृकाय भी ६०० नारकी आदि दहक मे वक्रियशरीर सस्थान तजस्काय धायकाय भी एमे ही कही, वनस्पति चक्रिय शरीराघगाहना वक्तव्यताधिकार में जघन्य अगल असख्यात भाग उत्कृष्ट सा आहारक शरीर वक्तव्यताधिकार तिरेक हजार योजन च्य पर्या० अगुल अस आहारकशरीर सस्थान वक्तव्यताधिकार ख्यात भाग , पर्याप्त पूर्व कहा तैसे है| ६०० | तेजसशरीर यक्तव्यता द्वीन्द्रिय जघन्य अगुल असख्यात भाग उत्कृष्ट तेजमशारीर सस्थान निर्णय: rrrrrror ००० Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक पत्राक विपय और प्रमादि विपय और प्रश्नादि मारणासिक समुद्घाप्त समबहत जीय के तेजम पचिणे , जिस्को यौदारिफशरीर तिस्को वैझिय शरीर की फिसनी अवगाहना औधिक सूत्र, जिस्को वैक्रिय तिस्को औदारिक शरीर इत्या एवं एफेंद्रिय द्वीन्द्रियादि समयहत के तेजस दि वक्तव्यता ६२९ की अवगाहना काही | ६२३ | यह औदारिक धैक्रिय आहारक तेजस फार्मण । एवं मरणसमुदधात समवहत नारकी क तेजस शरीरों में द्रव्याप से प्रदेशाधम द्रव्यार्य प्रदेशाध की, पद्रिय तिर्यध मनुष्य असुरकुमारादि से फोन फिस्से थोता घणा है इत्यादि निर्णय ६३० समपन्त तेजसायगाहमाधिकार ६२१ | यह औदारिक वैक्रिय माहारक तेजस फार्मण कामेण शरीर पांच प्रकार एफेंद्रियादि भेद स , शरीरों में जघन्यावगाहना उत्कृष्ठायगाहना म न तेजस शरीर समान धक्तय्यता सर्व कहना ध्यमावगाहना में कोन फिस्से अस्पयवाव १३३ .. अनुत्तरोपपातिकवेष पर्यंत ६२७, (२१ वा पद कहा) . सौदास्कि शरीर पल कितनी दिशि से विणे त्यादि निक क्रिम पुलादि मो कक्षा १२८LETरया कहते हैं । कतनी क्रिया काही कामिकी प्रकायावत्कामफरार . Rani Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय और प्रशनादि पत्राक पत्राक विषय और प्रश्नादि कही, कायिकी २ नदें, अधिकरणकी २ नंदें, होय एव यायद्वैमानिक पर्यन्त कहना, एष ना प्रावेषिकी ३ दे, पारितापनिको ३ लेदे एवं रकी शादि के बघ का निर्णय ६३८ क्रिया निरूपणाधिकार, ६३४ जीय ज्ञानावरणी कम याधता जथा कति क्रिय जीव सक्रिय है के अक्रिय है इत्यादि छौधिक ' ७३५ है एकवचन अऊषचने वैमानिक तक| ६३९ जीय प्राणातिपात क्रिया करै, काहे स क्रै, एवं | एव श्याठ कर्म के एकवचन यावचन से १६ दमक नारकी शादि दफको मे नी कहा धैमानिक पर्यत, ६३६ कहना एव मृषावाद शवप्तादान मैथुन परिग्रह सूत्रनी जीव को जीवों से कितनी क्रिया, कदाचित् ३।। १।५। और कदाचित् श्यक्रिय, जीव को ना एय क्रोध मान माया लोन प्रेम द्वेष कलह शभ्या रकियो से कितनी पूर्ववत्, स्तनितकुमार से ख्यान पैसून्य परनिदा शरसिरति मायामृषा पृधियी से आप तेज वायु वनस्पति द्विनि प्यतु मिप्यादर्शनशल्य नी सर्व नारकी शादि वैमा रिद्रिय पद्रिय मनुष्य से जैसे जीवो से, धान निक पर्यन्त मे जैसे पर्व कहा कहना व्यन्तर जोतिषी वैमानिफ से जैसे नारकी से जीव प्राणातिपात स सप्तविघ अष्टविध बधक एकेक जोय पद में चार २ दमक | ६४१ ६४० Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय मौर प्रश्नादि कायिक स्पाठि पाच क्रिया कही, नारकी को पाचो क्रिया है, एव वैमानिक पर्यन्त, जिस जीव का कायिकी क्रिया है उस्को अधिकरण की है जिस्का अधिकरण की तिस्को कायिकी पत्राक जिम समय मे जीव का कविको क्रिया है उस समय मे अधिकरण की जिस समय यधिकरण की तिस समय कायिकी एष पांचो क्रिया के सूत्र कहे जिस देश में जीव को कायिकी तिस देश में ष्वषि | करण की जिसमे धिकरण की तिस्मे कायिकी इत्यादि, प्रदेश में भी एवं कहा, किं "मायोजिक कहीं विषय और प्रज्ञनादि | जीव जिस समय कायिकी आधिकरणको प्रा पिकी क्रिया म स्प्ष्टष्ठ उस समय प्राणातिपात सभी स्पृष्ट, इत्यादि पूर्ववत् १ वचन बहुय धन से कहना ६४८ , है इत्यादि ६४५ | पात्र क्रिया कही, घ्यार मिकी पारिग्रही माया प्रत्यया अप्रत्याख्यान मिथ्यादर्शनप्रत्यया प्रारम्भिक यदि किस्को है, प्रमप्त सयत फो, सयत्तासयत अप्रमत्तसंयत अप्रत्याख्यानी मिध्यावृष्ठी को क्रम से है ६४९ नारकी को पाच क्रिया यावदुमानिक पर्यन्त, जिस्को माराम्सका विस्कापरिग्रहिका ६४६ 134 पत्राक स्यादि निर्णय ६५० Fo you Br को प्राणातिपात विरमण, काहे से जीय Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि प्राणातिपात विरमण करे इत्यादि अधिकार ६५३ प्रतिपादन ६५२ प्राणातिपातविरत जीव कितनी कर्म प्रकृति वाषै इत्यादि २७ मग निरूपण एव प्राणातिपातविरत जी क २७ भागे एव मृषादविरत यावत् मायामृषाविरत जीव मनुष्य को कहा, मिथ्यादर्शनात्ययिरत का निरूपण, २७ मागे कई एवं क्रिया निर्णय पाचो क्रियाओ का अस्पबहुत्व निरूपण ( २२ क्रिया पद समाप्त ) पत्राक ॥ ३२ वा पद कहते हैं ॥ कतिपगढी कहि यधह इत्यादि द्वार गाथा ६५६ ६५९ ६६० fare और प्रश्नादि पत्राक ६६० ज्ञानावरणी आदि कर्मप्रकृति कही नारकी की कितनी कर्मप्रकृति एव यावद्वैमानि | क, कैसे जी पाठ कर्मप्रकृति वा एव मानिक पर्यन्त ६६१ ज्ञानावरणी कर्म जी कैसे याचे इत्यादि १६ ढक अधिकार ६६२ जीव ज्ञानावरणी कर्म वेदे, नारकी ज्ञानावरणी कर्म वेदे एव वैमानिक पर्यन्त व शप कर्म प्रकृति दडक भी कहना ६६३ ज्ञानावरणी कर्म जीयने याधा स्पृष्ट स्पृष्ट सच्या चिणा यावत् गति को पाक स्थिति को पाक पुलपरिणाम को पार्क कितने प्रकार छा नुभाग कहा इत्यादि ६६५ Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक पत्रांक विषय और प्रश्नादि एष सातवेदनी का अनुमाग कहा, असातका मी प.ही का १६८ मोहनीका अनुमाग १ तरह, मायुका १ एव सर्प फर्मका ६६९ (उद्देशा पूरा कथा) पीठ कर्म प्रकृति कही, ज्ञानावरणीप नेद, वर्ण _नावरणी निद्रा५ वर्णन १ एव नव , वेदनी १६ प्रकार साता ८ वरे साता ८ तरह, मोहनी । दो मेंदें वर्शनमोहनी सीन चारित्रमोहनी दो * दें, कपाय घेदनी १६ । ६७५ जो पायवदनी | प्रकार, थायु १, नाम १३/ N E . Lava * विपय और प्रश्नादि चगापाग ३, शरीरवधन ५, शरीरसथात ५, नाम बनेदे सस्यान नाम ६, वर्ण ५, गथ २, ग्स ५, स्पर्श ८, गुरुलघु १, उपधात १, पराघात १, थानुपक्षी १, उत्स्वास १, शेष सर्व , , एक है यावतीर्थकर है, विहायोगसि २ , गोत्र २ ने उच्च ८, नीचे, यन्त्र राय ५ ७७ ज्ञानावरणी शादिलकर्मस्थिति निरूपणाधिकार ६८२ एफेंद्रिय जीव ज्ञानावरणी को क्या यांध एवं एक ग्वाधारदार कुष्य पद्रियाज्ञामावरणाकामा वा त्यादि १९ मा निरूपण ७०० Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक विषय और प्रश्नादि पत्राका ज्ञानावरणी कर्म का जघन्य स्थिति बन्धक कौन, (२३ वा पद पूर्ण जाथा) मोहनीय का जघन्यस्थिति बन्धक कोन, आय ___ का जघन्य स्थिति बन्धक कौन इत्यादि| ७०४ __॥२४ वा पद कहते हैं। उस्कृष्टस्थितिक ज्ञानायरणी कर्म क्या नारकी आधे थष्ट कमे प्रकृति कही, नारकी को यायद्वैमानिक फि तियथ इत्यादि, कैसा नारकी उत्कृष्ट स्थि । को, जीव ज्ञानायरणी (शादि) कर्म बाधता तिक ज्ञानाधरणी कर्म याधै इत्यादि निरूपण ७०५ | ऊया कितनी कर्म प्रकृति बाधे इत्यादि निर्णय ७०८ एवं शायु को बोझ सातो कर्म के शाळावे कहना, (२१ वा पद पूर्ण जथा) उत्कृष्टस्थितिक शायुकर्म क्या नारकी बाधै । ॥ २५ कहते हैं। स्यादि कैसा तिर्यच उस्कृष्टस्थितिक शायु कर्म | शाठ कर्म प्रकृति कही, झानावरणी म वाघतो वांधे ७०६ । जीव कितनी प्रकृति वेदै, एव नारकी यावद्ध फेसा मनुष्य तथा मानुषी उत्कृष्टस्थितिफ थायु! मानिफ , एव पृथत सेनी, यायत् अतराय याधै ७०७ तक कहना, जीव वेदनी कर्म याधता कितनी| Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ७१८ विषय और प्रश्नादि पनाक विपय और प्रचनादि पत्राक फर्म प्रकृति बेदै , एष एकत्व पृथक्क से थाठों कर्मो के थाहाये समाप्ति पर्यन्त ७१७ कर्म घेदे यावद्वैमानिक ७१२ (२७ वा पद कहा पूर्ण) (२५ था पद पूर्ण कहा) सच्चिनाहारठी यह द्वार मापा २, २६ कहते हैं। नारकी सचिप्ताहार के शुचिताहार मियाहार थाठ फर्म कदे नारकी छो याषद्वैमानिफ को, एष सुरकुमार याद्वैमानिक, नारफी थाहार जीव ज्ञानापरणी फर्म वेदता फितनी फर्म प्र फाया है, फित्तने काउसे थाहार की इच्छा He कृति बाधे, इत्यादि निर्णय ७१३ छोय इत्यादि ७१९ (२६ वा पद कहा पूर्ण) नारफी क्या थाहार फर इत्यादि निरुपणाधिकार ७२० असुरकुमार थाहार फा अधी है, एव जैसे नार श्राठ फर्म प्रकृति फही, नारकी को यायद्वैमानिक को जीय ज्ञानावरणीकुर्म वेदता फिस्नी को सिधाका माहौर को अधी, निरसर या प्रकृति वेद एवा सर्व एकत्व-पपत्त से कहता हारच्छा होती है, यो माहारे है जैसे मारकी कल Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और मरनादि fare और प्रश्नादि को कहा तै इहा मी कहना सर्व वनस्पति | है प्रक्षेपाहारी नही एक एकेद्रिय भी ७३४ काय पयन्त एवमेय | ७२६ | सर्व देव भी पूर्ववत् वैमानिक पयन्त, द्वीन्द्रिय | द्वीन्द्रिय आहारार्थी है, एव पूर्ववत् सर्व कहना से मनुष्य तक दीनु है, नारकी ओजाहारी है। यावत् प्रपयत् पर्यन्त ७२८ मनभी नही, एव स्य देव यावद्वैमानिक एव त्रिचतुरिन्द्रियाहारार्थ, आहार कालादि नि दीनू है इत्यादि निरूपणाधिकार ७३५ रूपणाधिकार ७२९ (१ उद्देशा पूर्ण ऊमा ) मनुष्य आहारादि निर्णयाधिकार यावत् सर्वाध सिद्ध देव तक कहा ७३० नारकी क्या एकेद्रियशरीर पाहारे के यावत्पचे द्वियशरीर आहारे, एव स्तनितकुमारपयन्त पृथिवीकाय प्रश्न, द्वीन्द्रिय एव यायच्चतुरि न्द्रिय इत्यादि जिसके जितनी इंद्रियशरीर उस्का उतनही का आहार, नारकी लोमाहार पत्राक आहार भविय सती यह गाथा, जीव आहारक मी है अनाहारक भी है ७३६ एष नारकी यात्रत् असुरकुमार यायवैमानिक सिद्ध अनाहारी है, एवं बजवचन से भी आ लाया कहना ७३७ |भवसिद्धिक प्राहारक अनाहारक भी है, एव वैमा निक पयन्त एव भवसिद्धिक नोभवसिद्धिक Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रश्नादि पत्राक विपय और प्रश्नादि नो अमवसिझिक आहार अनाहार निर्णय ७३८ | दो प्रकार उपयोग कहा, J७५० (द्वार १) | साकारोपयोग थाठ नेद, शनाकारोपयोग धार' सही जीव हारफ अनाहारक भी है एष चैमा ने ७५१ , निझ पपन्त एफेंद्रिय विकलेद्रिय न पूछना नारको को कितने प्रकार उपयोग, साकारोपयोग ' एव प्रसन्नी मी कहना स्तनितकुमार तक ७३९ | ६, थनाकारोपयोग तीन प्रकार एव स्तमित वं मनुष्य मी, सिझ मनाहारक, सलेशी जीय कुमार पर्यन्त कहना ७५२ फा प्रश्न एकत्वपृषक से ७१० | पृथिवीकाय उपयोग प्रश्न यायनस्पतिकाय, दी। सम्पराष्ट्र जीव आहारक प्रश्न, द्वित्रिचतुरिन्द्रिय न्द्रिय प्रश्न, ७५३ छ मगा ७१२ | पर्चेद्रिय विर्यच जैसे नारको, मनुष्य जैसे शोषिक मयत भाहोरकानादारक निर्णय, एकत्व पृषक से सकपायी प्रश्न ७११/- वामद समाप्त जथा) Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय और प्रश्नादि पत्राक विषय और प्रश्नादि पत्राक कितने प्रकार पश्यता कही२, साकार पश्यत्ता प्ररूपणाधिकार ७५८ ६ प्रकार, शनाकार पश्यता तीन प्रकार है। केयली इस रत्नप्रनापृथिवी को थाकार हेतु उ एव जीव को कहना ७५ पमा दृष्टान्त वर्ण सस्थान प्रमाण से जिससमय नारकी को २ पश्यता, साकार पश्यन्ता १ छाना| जाणे उससमय देख इत्यादि प्रश्न ७६० कार २ एव स्तनितकुमार पर्यन्त ७५७ | (३० पद समाप्त जथा) प्रथिवीकाय को १ साकारपश्यप्ता एष वनस्प ति पर्यन्त ७५७ ॥३१ कहते हैं। द्वीन्द्रिय को १ साकार पश्यता सो २ तरहकी है | जीय सज्ञी शसज्ञी के नो सज्ञी नो सज्ञी इत्यादि एव त्रीन्द्रिय नी चक्षुरिन्द्रिय को २ साकार प्रश्न निर्णय ७६२ पश्यता जैसे द्वीन्द्रिय को शनाकारपश्यत्ता | पूधिधी काय प्रश्न, एव याषच्चतुरिन्द्री मनुष्य जैसे १ कही , मनुष्य को जैसे जीयो को शेष जैसे | जीव, पद्रिय तिर्यच वानप्यन्तर जैसे नारकी _ नारकी यावद्वैमानिक ७५८) जोतिषी वैमानिक सज्ञी, ७६३ जीव साकारपश्यी है के श्वनाकार इत्यादि (३१ वा पद कहा) Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय भोर प्रश्नादि पत्राक विपय और प्रश्नादि पत्रांक ॥३२ कहते हैं। । उत्कृष्ट चार जाणे, शकरा का जघन्य तीन जीप सयत के यसयत के सयतासयत, एव ना उस्कृष्ट साई, घाटका नारकी जघन्य वेदरकी प्रथा, यायञ्चतुरिन्द्रिय, पर्चेद्रिय सिर्यच उत्कृष्ट तीन, पकमना नारी जघन्य दो उस्कृष्ट मनुष्य प्रश्न एवं सिकसफ ७६१ पढाइ, धमप्रना नारकी जघन्य छेद उ० दो ७६८ (३२ वा पद कहा) तमा का नारकी क्रोश जघन्य उस्कृष्ट मेट, नीचे सातमी का जघन्य थर्द क्रोश उत्कृष्ठ क्रोश। । ३३ कहते हैं। असुरफुमार जघन्य २५ योजन उत्कृष्ट थरू नेद विपय सठाणे यह गाथा ख्यात द्वीपसमुद्र, नाग जघन्य २५ उत्कृष्टयही, दो प्रकार चयघि कही नथप्रत्यय क्षायोपशामि एव स्खनितकमार पर्यन्त , पंचेंद्रिय तिर्यचज नेद से , देव नारकी को नघनत्यय, मनुष्य चन्या थंगुल संख्यात ना उसस्यात तिर्य को छायोपशामिक द्वीपसमुदा मनुष्य थोडशसख्यातनाग जघन्य नारकी उत्कष्ट शसंख्यात शलोक मे लोक प्रमाण खक, पनि रकी छटाई: जघन्य। घानष्पन्तर जैसे नाग, जोतिपीजघन्य उत्कृष्ट नारी जघन्य घरकोशाचा पाला जाण्ग उत्ष्ट छसख्यात शर रिका Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रनादि , पत्राक सख्यात द्वीप ७६९ सौधर्म देव जघन्य अगुल प्रसख्यातभाग उ०नीचे रत्नप्रभा का नीचे का चरमान्त तिरछा असख्य द्वीपसमुद्र, ऊपर अपना विमान । एव इशानदत्रभी, सनत्कुमार भी ऐसे नीचे शर्करा का नीचला चरमान्त एव माहेन्द्रदेव मी, ब्रह्म लान्तकदेव सिर्फ नीच तीसरी का नीचेका घरमान्त, महाशुक्र सहखार चौथीके नीच का चरमान्त, ध्यानतप्राणत मारण म च्युत देव नीच पाचमी घूमप्रभा के नीचे का श्रमान्त, नीचे मध्यम मैत्रेयकदेव नीचे बही के नीचे का चरमान्त, उपरिमयैवेयक देव ज० अगुल असख्यात भाग उ० सातमी के पत्रीक प विषय और प्रनादि नीच का चरमान्त, तिरछा असख्य द्वीपसमुद्र, ऊपर स्वविमान ७७० मनुप्तरोपपातिक क्षेत्र सभिनलोक नाही आगे, नारी का प्रत्रधि क्षुरप्राकार, असुरकुमार या वत् स्तनितकुमार का पल्यक के आकार, चेद्रिय तिर्यच का नानाकार है, मनुष्य का भी एव, यानव्यन्तर का पटहाकार, अतिपी का कालकार । सौधर्म देव का ऊर्द्धमृगाकार एव प्रच्युतदेव पर्यन्त है, मैत्रयक का पुष्प चगेरीसमान, अनुत्तरदय का जबकी नाली के आकार ७७१ नारकी यावत् स्तनितकुमार ययधि के भीतर ) है के बाहिर, भीतर है, पवेद्रियतियच घा Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक पत्राक विपय और प्रश्नादि विपय और प्रश्नादि हिर, मनुष्य दोन है , व्यन्तर जोतिपी वैमा प्रणतरागयाहार इह गाथा २ निक जैसे नारकी, नारकी देशावधि है, एघ नारकी अणतराहार है इत्यादि यक्तव्यता याव स्तनितकुमार पर्यन्त , पचेद्रिय तियच मी एव, त २१ दहक मे ७७१ मनुष्य दान । ध्यन्तर जातिपी वैमानिक जैसे नारफी का माहार ग्रामोगनिवर्तित है क अनारकी । नारफी का अयधि आनुगामिक अ नामोगनिर्यत्तित हस्यादि वक्तव्यता ७७५ प्रतिपाप्ती अवस्थित है। एवं स्तनितकुमार नारकी जिन पुनलों का आहारपणे ले उनको पर्यन्त । ७७२ जाणे देखें इत्यादि निर्णय ७७६ पद्रिय तिर्यंच का मानुगामी मी यापत् अत्र नारकी को असख्यास अध्यवसान , प्रशस्त मी स्थित मी है , एष मनुष्य भी , वानव्यन्तर अमस्त मी वैमानिक कोमीह ७७७ बोसिपी वैमानिक जैस नारकी ७७३ | नारकी सम्पकामिगमी मिथ्यात्वाभिगमी सम्य- .. (३३ वा पद पूर्ण हुभा) | अमिथ्यात्वामिगमी मी हे, एवमीनिक पर्यत एकेद्रिय विफलंद्रियामध्यात्वाभिगमी ही ॥ ३१ या पेवर कहते देवता सदेवकि सपरिवार है इत्यादि । मग + CAR Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक प्रश्न निर्णय | ७७८ भवनपति व्यन्तर जोतिषी सौधर्म ईशान के देख सदेवीक सपरिचार, सनत्कुमार स अच्युत तक अदेशीक सपरिवार हैं, मैत्रेयकानुप्तर देव य देवीक अपरिचार हैं । ७७९ परिचारणा पाच प्रकार है कायादि भेदसे उस्म भवनपति आदि ज्ञानान्त कल्प में कायपरि चारणा है, शनत्कुमार माहेद्र मे स्पर्शपरिचा रणा है ब्रह्मातक मे रूपपरिचारणा है, शुक्र सहस्वार मे शब्दपरिचारणा है, अच्युतान्त ४ मे मनपरिचारणा है, ग्रैवेयकानुत्तर में परिचारणा नही है । ७८० वामन समुत्पन्न होने का अधिकार ७८० पत्राक विषय और प्रश्नादि यह कायपरिचारक यावत् मनपरिचारक दो | मे कौन किस्से प्रत्पयत्व है ७८४ (३४ वा पद पूर्ण ऊना ) ७८६ , ॥ ३५ वा कहते हैं ॥ सीयामसारीर यह सग्रह गाथा शीत उघ्न मिश्र एव तीन प्रकार वेदना कही नारकी को कौन वेदना ७८७ द्रव्य क्षेत्र काल मात्र से चारप्रकार वेदना, नार की कौन वेदना वेदै एव वैमानिक पर्यन्त शारीर मानमी शारीरी मानसी शारीरमानसी भेदसे तीनप्रकार वेदना, नारकी कौन वेदना वेदे एव यावद्वैमानिक पर्यन्त ७८८ 4 Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्राक विषय और प्रश्नादि মাছ विषय और प्रश्नादि | एफन्द्रिय द्वीन्द्रिय शारीरी वेदना वेदे शोर नही, पंच मनुष्य व्यन्तर जैसे नारको कहा ७९, साता छसाता सातासात एम तीन प्रकार घेद ज्योसिपी का प्रश्न, नाह, नारकी को कौन वदना है एय सब जीव (३५ या पद कहा) याबद्वैमानिक पर्यन्स ७८९ दुख सुख मिश्र ण्य तीन प्रकार येन्ना है, नारकी ॥३६ कहते हैं। को कौन वदना यावद्वैमानिक पयन्त| ७९० वेदन कपाय मरणे मुह गाथा सग्री , फितने थभ्युपगमिकी छोपक्रमिकी पय २ प्रकार वदना ___ समठात कहै| ७९३ नारको से चौरिन्द्री तक शोपक्रमिकी है, | वेदना समुहात शसख्य त सामयिफ शान्तर्मु 1-तिग्रंच मनुष्य में दो, प्यन्तर जाप्तिपी वैमानिक र्तिक , एच थाहारक तझ , केशलिसमुहास 1. को जैसे नारकी को फही से कहा ७९० शाठ सामयिफत, चारको को पार समस्त... अनिद्रा थनिदा नेव न दो घेदना , नारकी को कौन । असुरशुमार को पारसमति यतनिता वना प्रत्याद्वितिर्णय, एवः स्वनितकमा मारतक, पाययाकार को तीन नमु०, एय पूर्वन्तः प्रविधीकार्य प्रश्न एवं चौरिन्द्री, ति चौरिद्री पर्यत, यायुकाय को घार समु० ७९. Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विपय और प्रश्नादि पत्राक विषय और प्रश्नादि पत्राक पद्रिय तिर्यच यावत् वैमानिक को पाच समु० है, एत्र वैमानिक नट वनस्प तकार मनुष्य में ८०० मनुष्य का सात, एकेक नारकी को कितने स एक नारकीका नारकी पणे फितन वढना स० मु० शुतीत शनत पुरस्कृत इत्यादि ७९६ शुतीन इत्यादि ८०१ एव शसुरकमार को नी वैमानिक पयत, एव एव शुनरकमार से वैमानिक पयन्त, एक शस चौवीस दकक कहा, ऐकेक नारकी को कितने रकमार को नारकीपणे स्तिने वटनासम० सम० शतीत इत्यादि वैमानिक पर्यत ७९७ शतीत इत्यादि, एकक मुरकुमार को असुर एकेक नारकों को कितने केवलिसमु० थतीत कुमार पणे कितने वेदना स० श्तीत एवं वे इत्यादि ७९८ मानिक ८०२ एष वैमानिक या उन्मनुष्य पयन्त , नारकी को एय वैमानिक पर्यत २४ चौहान वाक होय, ना कितने वेदना समु० शुतीत इत्यादि, एवं वे रकी के नारकीपणे कितन कपायसम्०रातीत मानिक तक, एक तेजस नी एव पाच २४ द इत्यादि एव एकेक नारकी के शु सुरकुनार पणे कक नारकीका क्तिने थाहारक सम० शतीत| ७१९ कितना छातीत एव स्तनितकुनार तक ८०४ एष वैमानिक तक विशेष वनस्पतिकाय मनुष्य मे | मारणातिक समु० स्वस्थान मे एकाप्नरिका से जहा Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नावि यह सुरकुमार वेदन कपाय मरण वैक्रिय तैज स सम० निर्णय ८१४ पृथिवीकायादि निरूपण द्वीन्द्रिय यावत्पचेद्रिय वेदनादि यावत् समवहता में कौन किस्से ' घोठा घणा इत्यादि ष्यधिकार ८१६ मनुष्य वेदनादि यावत्केवलिसमु० समषहता समयहतो में कौन किस्से ८१७ कपायसमु० चारप्रकार क्रोधादि के चार मेदसे, नारकी को ४ कपाय समु० एव यायमा निक्क एकेक नारको को कितने क्रोधसमु० एवं यात्र अतीतः इत्यादि । एकत्व पृथक से एवं लोमंसर यह नारकी वेदत्ता कषाय मरण वैकियक एकक नारकी के नारकीपमे कितने विषय और प्रश्नाति तक वैमानिक को वैमानिकपणे मे, एव २४ । २४ दशक, वैक्रिय जैसे कषाय, तैजस जैसे पत्राक मारणातिक ८०७ एकेक नारकी के नारकीपने कितने महारक तीत इत्यादि ८०6 एकेक नारकी के नारकीपर्णे कितने कंवलि स० tata इत्यादि वैमानिक पर्यन्त मनुष्य में नेद है, एष तेजससमु० पर्यन्त कहा यह वेदनादि समु० यावत्केवलि समु० समयहत महत बीयों में कौन किस्से पोछा षणा इत्यादि अधिकार | ८१२ ८०९ समन्व हस्पतियों पत्राक Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक क्रोधम० अतीत इत्यादि अधिकार | ८१९ यह क्रोधसमु० यायम्लोभसमु० समवहता समग्रहत मे कौन किस्से ८२३ कितने छानस्थिक समु० ६ कहे बेदना याव दाहारक ८२५ नारकी को ४ बास्थिक, असुर को ५, एके द्रिय को तीन । वायुको चार । तियत्र पधे - द्रिय को पाच । मनुष्य को ६ वेदनt समग्रहत जीव जिन पुद्गलोको छोडै उनस कितना क्षेत्र पूर्ण, कितना स्ष्टष्ट इत्यादि नि रूपणाधिकार ८२७ के लि० समवत अनगार भावितात्मा जो चरम निर्जरापुद्गल सो सूक्ष्म है, सर्वलोक को विषय और प्रश्नादि पत्राक फरस के रहें इत्यादि अर्थनिरूपण | ८३५ छक्तस्थ मनुष्य उन निर्जरा पुनलो के वर्ण गन्धा | दि आणे नही ८३६ काहे से कंबली समु० की करे ४ क्म क्षीण न होने से करे ८३७ कोई केयली समुद्घात करे नहीं भी करे, उहा २ गाथा है, ८४० को ८२६ | प्रावर्जन कितने समय मे होता है, केबलिसमु० कितने समय मे होता है ८ मे इत्यादि ८४१ तथा समु० गत जीव मनायागादि तीन योगमे से कौनसा योग करे ८१२ तथा समु० गत जीव सीके यूके मुक्त होय इत्यादि ८४३ मुनिर्वर्त्तित जीव कौनसा योग करे ८४४ Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक विपय और प्रसनादि पत्राक | याग निराध समय निढपणाधिकार ८४५ -शोलशिकालनिरूपणाधिकार -चार कमप्रकृप्ति युगपत् खपाय औदारिक सैजस - फार्मण त्यजे जुधणि पाके अस्पृशद्गप्ति हो के मुक्त होय सिछ होय ८१७ | अशरीर जीवधन इत्यादि सिटु पक्षणनिइपण ८१७ | निच्छिमास दुस्का सिदत्व निरूपण लक्षण गापा ८१८ (समुदधात पद ३६ पूर्ण कहा) ' चतुर्प उपाग प्रज्ञापना सूत्रानुक्रमणिका । 1EC Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .000100000030aaaaaaaaaa घवगयजरमरणमए सिछेअभिवदिऊणतिविहेण । पदामिजिणयरिद तेलोकगुरुमहाधीर ॥१॥ सुयरयणनिहाणजिण वरेणमधियजणणिवडकरेण । उपदसियाभगषया पत्नयणासवभावाण ॥२॥ धायगवरवसान तेवीसइमेणधीरपुरिसेण । दुधरधरेणमुणिणा पुलमुयसमिछयुठीण ॥ ३ ॥ सुयसागरायिए जण जेणसुयरयणमुप्तमदिम । सीसगणस्सभगवन तस्सणमोशनसामस्स ॥ ४॥ यज्जयणमिणचित्त सुय रयणदिठिवायणीसद । जहवणियभगवया शहमवितहयगडस्सामि ॥५॥ पणत्रणा १ ठाणाइ २, पत्र तव ३ ठिई १ विसेसाय ५। वक्कती ६ उस्सास ,७ सखा ८ जोणीय ९ चरिमाइ१०॥१॥ भासा ११ सरीर १२ परिणा, म १३ कसाय ११ इदिय १५ प्पनगेय १६ । लसा १७ कायहिइया १८, सम्मत्ते १९ थतकिरियाय २० ॥२॥ गाहणसहाणा २१, किरिया २२ कम्मेय २३ कम्मस्स । बधए २४ कम्मयेयए २५, यस्सयघए २६ वेयधेयए २७॥३॥ थाहारे २८ उपळगे २९, पासणया ३० सणि ३१ सजमे ३२ चेय। वही ३३ पवियारण ३४ INDISTRIGraTOSTOEFLHEADRDAR व्यपगतबरामरवनयान सिडामनिवम्वत्रिविम । वन्देशिनवरेन्द्र लाक्पगरुमागरम ॥१॥धुतरवनिपानविन वरेणनव्यजनमितिबारे प। उपदाबतानगवता प्रचापनामवप्रावानाम् ॥ २॥ वाचमवरवको योविवातितमेनचीरपुरुषे । दुपरपरेखमुमिना पक्षमतसमवृषद्विमा ३॥ मृतसागरादामयिस्वा येनमतरवम तमदत्त । शिष्यगणायनगवते तस्मैममचायापामाप ॥४॥अध्ययममिदन्धिा अतरवदृष्टिवादनिस्पन्द । यचा, वरित जगवता पमपितपाययिष्यामि ॥५. प्रधापनात्यानानिवपत्तथास्यतिविग्नपथ । यस्ठातिवायूस समायोनियचरमारि॥६॥ प्रापासरारपरिणामः कवायन्तियेप्रयोमय । मेश्यासायस्थितिर्वा सम्पसमपातवियाचैव अगामास्थान जियाकर्मापसमयः । पम्पो वेद पवारव ८५ वेदवेदवचाबार थोपयोगीय दसम् । सध्याचसयमवा वषियमविचारणा वदपाय समुहात पट्वि । Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक विपय और प्रश्नादि पत्राक योग निरोध समय निरूपणाधिकार ८४५ शैलेशिकालनिरपणाधिकार चार फमप्रकृति युगपत् खपाय औदारिक सैजस फार्मण त्यजे जुणि पाके अस्पृशद्गति हो के मुक्त होय सिछ होय ८१७ अशारीर जीवधन इत्यादि सिद्ध पक्षणनिरूपण ८१७, निष्किासनुस्का सिदत्व निरूपण लक्षण गापा ८१८, (समुदधात पद ३६ पूर्ण कहा) चतुर्थ उपाग प्रज्ञापना सूत्रानुक्रमणिका । Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MEROINODDOB000na.samAGRA परिणया नीलवमपरिणया लोहियवसपरिणया हालिहवम रिणया सुक्तिकालयमपरिणया।जे गघपरिणया ते दुविहा परसता, तजहा-सुम्निगधपरिणया दुनिगधपरिणया। जेरसपरिणया ते पचविहा परसता तजहा तितरसपरिणया ककुयरसपरिणया कसायरसपरिणया पिलरसपरिणया मकररसपरिणया । जेफासपरि णया ते वठविहा परसप्ता, तजहा-कस्काफासपरिणया मउयफासपरिणया गरुयफासपरिणया लयफा सपरिणया सीयफासपरिणया उसिणफासपरिणया णिछफासपरिणया लुरकफासपरिणया। जेसठाणपरि णया ते पचविहा पणता, तजहा-परिमालसहागपरिणया वहसहाणपरिणया तससठाणपरिणया चउर ससठाणपरिणया शायतसठाणपरिणया॥जे बस कालवरमपरिणया ते गधने मुनिगधपरिणयाधि दुम्नि गधपरिणयायि, रस तित्तरसपरिणतायि कायरनपरिणतावि कमायरसपरितावि थपिलरसपरिणता गि मजररसपरिणतावि, फास कस्कफासपरिणतावि मउयफासपरिणतावि गरुयफासपरिणतावि लज TERRORRBANDIGAROOGoanusaaMIRCISHAD सापा-सुराजगन्धपारयता दरमिगधपारणता । य रसपरियता स्त पचावा मा स्तरापा-तक्तरसपारबता पटुबरसपरिवत्ता चपापरमपरिषता पारसपरिवता मधुररसपरिषता । य स्पर्शपरिखता सो ऽविधा समासाद्यचा-बयस्पपरिणता मदुस्पा परिणता मुरु स्पशपरिपता सपुषस्पशापरिषता शीतपक्षपरिचता वानस्पद्यपारखता मिग्घस्पा परिता रुपमपरिसता । ये सस्थानपारणता ते पपविधा प्रचप्तास्तद्यण परिमपदसमस्थामपरियता एतसम्धानपरिचता व्यत्रसत्यामपारणता वारसमस्यामपरिवता पायतसत्यामपरिवता । य वयता वासषण परियता सो पम्पत सुरमिगन्धपरिषता पि दुरनिगन्धपारयता पपि रसत तिरसपरिणता प्रपि कटा रसपरिषता अपि पायरसपरिवा पिसाप्तरसपरिषता अपि मधुररसपारपता पपि, स्पद्यतः सकलस्पर्शपरिणवा मृदुसस्पपरिणता Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 60MiDastram. वे, यणा ३५ यततोसमुग्घाए ३६ ॥१॥से किंत पावणा? परमपणा दुयिहा पणत्ता, तजहा-जीवपणय णाय राजीवपमवणाय । सफित शुजीयपसघणा २ दुधिहा परमप्ता, तजहा-अधिशजीव परायणा शकवि राजीय परमायणाय । सेकित शमविशजीवपरमायणा ? शमविश्वजीवघमावणा दसविहा पणता तजहाधम्मत्यिकाए धम्मस्थिकायस्सदेसे धम्मस्थिकायस्सपएसा, अधम्मत्यिकाए शधम्मत्यिकायस्मदेस धम्मत्यि कायस्सपएसा छागासत्यिकाए यागासस्थिकायस्सदेसे शागासस्थिकायस्सप्पदेसा शक्षासमए १० सेत्तश्चमावि यजीवपणवणा सकित सविधजीवपसत्रणा सषिशजीवपणषणा चउचिहा पसता तजहा-खधा खघदे सा खधप्पएसा परमाणुपोग्गला । तेसमास पयिहा पगमता, सजहा-धमपरिणया गधपरिणया रस पारंणया फासपारणया सहाणपारणया। अवसपारणया न ममास पचाधहा पात्ता,जहा-फायण DAEZamaaEEREY पत्तमिवम्याम् । प प्रचापमा पाल्पात् विधाप्रसापनामता १०० तपाजीबापना पजीवाचापमा पारुतिविपा पळीमा पमा गिविधा प्रचप्ता । माया प्यतोवनापना गप्पणीचमचापना पतिविपा परप्यमीवमधापना. पराप्यजीवमधापना पति पा मचता । उपपा बोस्तिकाया बालिकापस्य वा बालिकायम प्रक्ष अपमोतिबायो मास्तिकामा गोमातापित। प्रया, पाचवारिबाप पाबाधातिवायस्प बेध बागमतिमाम मा पासमा मापसाचीपना काम शोषमापन इत्युचीवमधापना गया मा य देशी देशी परमा पन्नलाः । ते तमामतः पञ्चविधाः प्राप्ता तापमापरिया परितिरिपरि ताः पापरिषता संस्थानपरिवताः । ये बर्बपरिसता त नमामतः पबिधा प्रता सपना बसिरपरिषवा नौसयपरिषता सोषितपरिषता हासिवर्षपरिणवा मुझपपरिषता । ये पायपरिषता चे विचार मता Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिणतावि कनुयरसपरिणताबि कसायरसपरिणताबि पिलरस परिणताषि मकररसपरिणताषि, फास करकफफामपरिणतावि मउयफासपरिणयाथि गरुयफासपरिणताषि कयफासपरिणतावि सीतफासपरिण ताषि उसिणफासपरिणतावि गिफासपरिणतात्रि सुरकफासपरिणतावि, संष्ठाणच परिमलसष्ठाणपरिण साथि हसठाणपरिणतायि तससठाणपरिणतात्रि चउरससठाणपरिणताषि छायतसष्ठाण परिणतावि । जवणन हालिया परिणता ते गधन सुनिगधपरिणता यि दुनिगधपरिणतावि, रसच तिप्तरसपरिणता वियरसपरिणताषि कसायरसपरिणयाषि बिलरसपरिणतावि मऊररसपरिणतात्रि, फास कस्क फासपरि० मउयफासपरि० गरुयफासपरि० उजयफासपरि० सीयफासपरि० उसिणफासपरि० णिफास परि० कफासपरिणताषि, सठाणच परिमलसठाणपरि० बहसठाणपरि० तससष्ठाणपरि० चउरसस ठाणपरि० श्रायतसद्वाणपरिणतावि । जेवण सुल्लि या परिणता ते गधचं सुनिगध परिणतावि दुनिगध परिता अपि पिस्पर्शपरिवता अपि रूपस्पपरिचता प्राप पारवता अपि रतस्थितरसपारवता छाप कटुबरसपरियता यपि कपायरसपरिवता बाप असरसपरिषता अपि मधुररखपरिवतर अपि स्पद्यत पक्षापरिचता अपि सुदुहरुपशपरिचता अपि गुरुकरपल परिचता अपि लपकस्पश परियता अपि शीतरपद्मपरिणता यापे सस्थानतः परिमण्डलस त्यान परिणता अपि वृत्तसस्थानपरिवता अपि सत्यामपरिणता अपि चतुरखास स्थानपरिणता अपि प्रायत सत्यामपरिणता अपि । ये वर्षाव लवणपरिचता के मन्यतः सुरन्धि परिता अपि दुरभिगम्यपरिता अपि रतस्तिरस्परिकता बटुबरसपरिवता कपायरसपरिवता धनरसपरिवता मधुररस्परिकता अपि । स्पश्चत करपचपरिचता अपि सुदुरपचपरिणता अपि गुरुचरपद्मपरिणता अपि लघुकरपशपरिषता अपि शीतस्पशुपरिवता अपि उष्म Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यफासपरिणताधि सीसफासपरिणताधि उसिणफासपरिणसावि णिझफासपरिणताविलुस्कफासपरिणतावि सठाण परिमलसठाणपरिणसावि वहसठाणपरिणतायि सससहाणपरिणतायि चउरससठाणपरिणताधि चायतसठाणपरिणताधि । जेयरमन नीलषमपरिणता ते गप सुम्निगघपरिणतावि दुनिगधपरिणताधि, रस तित्तरसपरिणयावि कायरसपरिणसावि कसायरसपरिणतापि अपिलरसपरिणतायि मकररसपरिण तावि, फास कस्कफासपरिणतावि मउयफासपरिमताधि गरुयफासपरिणताधि वायफासपरिणतावि सीसफासपरिणतापि उसिणफासपरिणताधि णिकफासपरिणताधि सुरक्रफासपरिणतावि,सठाणपरिमल सम्मणपरिणाषि वहसम्पपरिणतायि सससष्ठाणपरिणताधि चउरससहाणपरिणताघि थायवसापरि पसाधि। जे वा लोहियवमपरिणता से आप सुनियधपरिणतावि दुनियधपरिणतावि, रख क्तिरस EHICKEBRUMERICA पिपष्ट्रियता अपि मापुसमाचारिकता प्रतिप्रीपरिषणा पपि प्रासंगिता पपि पिण्डपपपिता पिर परिवाता पि, त्यामत परिसरामसखानपारेशाता प्रति पतसंस्थानपतिपता पपि असमयतातिमा प्रति चासत्यादिपवान पिपायर्वनपरिङ्गता अपि । मे पायो लोषितवर्षपरिपता ने पाणिन्पपरिया पि परमिगत्यपारेपारसत लिम परिसंवा पिक्टुबरमपरिषता पिकापायरसपारमा अपि पापरपरिषदमपररसपरिषता पपि, स्पर्णतः वरपर्शपरि बता मिसानपपिडिमा अपिणापारिवापि संवरपपरिषता अपि सोतस्पशपरिचता अपि उमस्पस परिवता अपि हि परपसार पत्तिस्पापरिषता अपि जानता परिमबदतखानपरिषता पपि पत्तपत्यानपरिकता अपि मनसस्वानपरिषता प्रति जारसमसामरिकता प्रपिकायतलामपरिणम कमि । परमे नाशिब परिवा र भिमसरिखमा अपि पुरनिय . Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ROROBassoon.00 चउरससठाणपरिणतायि शायतसठाण परिणताधि। जे गधन दुनिगधपरिणता ते वस्मन कालवस्मपरि० नीलयम परिणताति लोहितषमपरिणताधि हालिदियणपरिणतायि सुक्लियमापरिणतावि, रस सिप्तरस परिणताधि कायरसपरिणतावि कसायरसपरिणतावि श्चबिलरसपरिणतावि मऊररसपरिणतावि, फास कस्कफासपरिणतावि मउयफासपरिणताधि गरुयफासपरिणताधि लऊयफासपरिणताधि सीतफासपरि० उसिणफासपरिणतावि णिझफासपरिणतावि लुरकफासपरिणतावि , सठाण परिमालसठाणपरिणतावि वहसठाण परिणतायि तससठाण परिणताधि चउरससहाणपरिणतावि शायतसहाणपरिणतावि । जेरसन तितरमपरिणता ते याच कालवणपरिणताधि नीलवमा परिणतावि लोहियवस्मपरिणतायि हालिहवरम परिणतावि मुक्कालवणपरिणतावि, गधन सुम्निगधपरिणतावि दुम्लिगधपरिणतावि, फास फरकफासप IMENROOPDICIRCLELCEREDEONEZIREME PDATE अपि पायतसस्थामपरिणता पपि । ये गन्मतो दुरनिगन्धपरिणता स्ने वर्षसः शनवर परिणता अपि मासवणपरिणता प्रपि मोहितवपरिणता पपि हरियसपरिणता पाप शुरुवापरिणता पाप रसप्तसितक्तरसपरिणता अपि कटुबरसपरिणता अपि पायरसपरिणता पपि पसरस परियता अपि मधुररसपरिणता पपि स्पात कास्पद्य परिणता पपि मृटुस्पझपरिणता पपि गुसबस्पशपरियता पपि सपुकस्पशपरियता +पि गीतस्पपरिचता अपि उनस्पझपरियता पपि विग्यस्पर्धा परिचता पपि समस्पशपरिणता अपि, सत्यानत परिमपहससस्थानपरिषता अपि इत्तसत्पानपरिखता अपि असमस्यामपरिणता अपि चतरससस्थामपरिणता अपि पायतसस्थानपरिणता अपि । प रसतस्तिचरसपरि। पतास्त व्यत पनवपरिणता पपि नीसवर्षपरिबता अपि साचितवयपारवता प्रपिचारिद्रवपपरिणता प्रपि वर्षपरिणता थपि, गन्य सुरमियम्पपरिया अपि दुरनिगग्धपारवा अपि पव शवपापरिक्षा अपि सदस्पर्धपरिणवा अपि गुसकरपपरिया अपि Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिणतावि, रस तिसरसपरि० कनुपरसपरि० कसायरसपरि० अम्बिलरसपरि० माररसपरिणतावि, फासत कस्काफासपरिणतावि मउयफासपरिणयावि गरुयफासपरिणयावि लऊयफासपरिणताधि सीयफा सपरिणतावि उसिणफामपरिणताधि णिछफासपरिणताधि लुस्कफासपरिणताधि, सहाण परिमालसठाण परिणताधि बहसठाणपरिणताविसससठाण परिणताथि चउरससठाणपरिणताथि शायतसठाण परिणताधि। जे गध सुम्निगघपरिणप्ता वमन कालवमपरिणतावि नीलयम परिणतावि लोहितयमपरिणताधि हालि वषम परिणयाधि सुक्तिलयसपरिणतायि, रससित्सरसपरिणतायि कायरसपरिणताधि कसायरसपरिणता विशयिलरसपरिणतायि माररसपरिणतावि, फासत कस्काफासपरिणताधि मउयफासपरिणतावि गरुय फासपरिणतायि लयफासपरिणतावि सीतफासपरिणताधि उसिण फासपरिणतापि णिशफासपरिणताधि सुरक्रफासपरिणतावि, सहाण परिमाउसष्ठापपरिणतावि वहसष्ठाणपरिणतायि वससठाणपरिणतावि अपपरिया अपि विपापघंपरिषता पपि सम्पपरिपता पपि संख्यामा परिमाराससंख्यामपरिहवा पपि खानपरिण प्रवामपरिखता पपि तुरखतत्यानपरिषता अपि पापतत्यानपरिषता अपि । पपक मुरलिपपरिया पार पवापिसोडवपरिखता अपि सोविबपरिता प्रपिशारिरबपरिणवा अपियरपाराविपि रसततिरसपरिसता अपि घरमपरिपक्षा, पपिपापरखपरिषता अपि-अपरमपरितमिपरसपिरिति पाप पता बनस्पधपरिपता चपि दुत्पत्रपरि संतापापासुपरपोपरिणता पिसपुषापापरितीपि पातपरिषता अपि तप्पपपरिखता चपि सिन्धरपपरिषता पिका स्पपरिमायापनि परिमबदसलामपरिषदा पिचरजानपरिषवा पिलाजानपरिचापि चतुरखमाबपरिषता . Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यमपरि० सुक्किालश्रमपरिणतावि, गध सुम्निगधपरिणताधि दुनिगघपरिणतावि, फास करफळफास परि० मउयफासपरि० गरुयफासपरि० लजयफासप, सीसफासपरि० उसिणफासपरि० णिझफासपरि० लुस्कफासपरिणताधि, सहाण परिमालसष्ठाणप। यहसष्ठाणपरि० तससठाणप० चउरससष्ठाणप० चायतसष्ठाणपरिणतायि । जे सर लथिलरसपरिणता ते यमन कालवमपरि० नीलवणपरि० लोहितष परि० हालिद्वयणपरि० सुविलयसपरिणताधि, गधन सुनिगधपरिणतावि दुनिगघपरिणतावि, फासन कस्कफासपरि० मउयफासपरि० गरुयफासपरि० लऊयफास परि० सीयफासपरि० उसिणफासपरि० णिझफासपरि० लुस्कफासपरिणताधि । सठाण परिमालसहाणपरि० बहसठाणपरि० तससष्ठाणपरि० घउरससठाणपरि० शायतसठाणपरिणतावि। जे रस मऊरपरिणता ते वसा कालयसपरि० नीलवम० वर्षपरिचता अपि शासवबपरिसता अपि , गन्धत सुरनियधपरिषता पपि दुरनिगायपरिषता अपि स्पर्गत वस्पर्शपरिणता अपि सूदु कम्पपरिणता अपि गुरुवारपझपरिणता पाप सापक्षपारस्ता अपि शीतस्पद्यपारणता अपि समस्पझपरिवता पपि शिवस्पपरिणताच - पिचरपत्रपरिवता पपि सस्थानत परिमसलसंस्थानपरिवता धाप यासस्थामपारपता पि यस सस्थानपरिचता अपि चतुरस्रसस्थान परिसता अपि पायतमत्यामपरिणता पाप । ये रसतीसरसपरिणता वपत कानक्यपरिषता पाप मौलवयपरिषता पपि लोधितवणपरि पता अपिशारिद्रवपरिखता चपि झवपरिचता पपि, गन्यत' राजगमपारवता पपि दुरजिगन्मपरिणता अपि पडत फकधरपशप रिखता पाप सस्पपरिणता पाप गुरुवारपर्धपरिणता पाप लपवरपक्षपरिवता पाप जीतस्पोपरिणता पाप सरपपरिषता पपि खि -परपपरिया अपि परपी परिसता पपि, सस्थामा परिमहसमस्यामपरिता अपि पक्षसस्थामपरिणता अपि अनावस्थानपरिपता Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रिणतावि मउयफासपरिणतावि गरुयफासपरिणतावि सायफासपरिणतावि सीतफासपरिणतावि उसिण फासपरिणताबि पिझफासरिणताधि लुकफासपरिणसावि, सठाण परिमालसठाणपरिणताधि वहसष्ठा णपरिणताधि तससठाणपरिणताधि चउरससठाणपरिणतावि थायससठाणपरिणतावि। जेरस फयरस परिणता ते वसन कालबमपरिणतावि नीलवमपरिणताधि लोहितवमापरिणतावि हालिवयसपरिणतावि सुरिजालवणपरिणतावि, गध सुम्निगषपरिणताधि दुनिगघपरिणतावि, फास कस्कफासप० मउयफा सपरि० गरुवफासपरि० लायफासपरि० सीयफासपरि० उसिणफासपरि० णिशफासप० स्क्रफासपरिण वावि, सठाण परिमालसष्ठाणपरि० बहसष्ठाणपरि० तससठाणपरि० घउरससठाणप० यायतसठाणप रिणतापि । जे रस फसायरसपरिणता ते घमा कालयसपरि० नीलवणपरि० ठोहितषणपरि० हालि . समस्पर्धापरिषता अपि जीतापपरिया चपि उमरयापरिषता पपि निम्बरपर्धपरिवता अपि चस्पर्धपरिचता पपि हमामा परि मळाखानपरिषता पपि पसखानपरिक्षा अपि अवयवामपरिषता अपि पतरसध्यामपरिग्वा पपिचायतसयानपरिषवा पि। पे रसदुपरसपरिवार व समवपरिबता अपि नीसबर्षपरिपता अपिमोचितपरिषता अपिशारिद्वपरियता पर्षिा गाईपरिचवा अपि नपता सरमिनम्पपरिचना अपि धुरधिगन्धपरिषता प्रपिप प परिया अफ्भूिउपमपरिषता पिरणों पापपरिषवा पिसाबमयपरिवता अपि चीतापपरिषता परिपूर्णपरिबवा सिखापरपारिकती पिरापारबती पनि परिमगतिमाना तीलरिक्ता पाप अनमत्यानपरिबता पि चतुरनसंस्थानपरिषता बपि भापत पिप रमता वापरसपरिवानग्यतापपरिषता पिभीसपरिचता बपि सोहितारपरिषता अपि पारि ADM. - Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ aaaaaaaam00racracaoqaaATAP फासपरिणतावि, सहाण परिमालसठाणपरि० वसंहाणपरि० तससठाणपरि० चउरससठाणपरि० शायतसष्ठाणपरिणतायि। जे फासन म उयफासपरि० ते घणन कालयसपरि० नीलयमापरि० लोहितवम परि० हालिद्दवपरि० मुक्किाल परम परिणतावि, गधन मुनिगधपरि० दुनिगधपरिणतावि , रस तित्त रसपरि० कायरसपरि. कसायरसपरि० शघिलरसपरि० मऊररस परिणतावि, फास गरुयफासपरि० लऊयफासपरि० सातफासपरि० उसिणफासपरि० णिहफासपरि० लरकफासपरिणतायि , सष्ठाण परि मालसहाणपरि० बहसहाणपरि० तससठाण परि० घउरससष्ठाण० शायतसठाणपरिणतावि। जे फास गरुयफासपरिणता ते वसन कालमणपरि० नीलया परि० लोहितयण परि० हालिद्दवणपरि० मुक्तिलय परिणतावि, गवन सुप्निगधपरि० दुनिगघपरिणतायि , रम तित्तरसपरि० कायरसपरि० कसायरस JBERAIBRAIN RATHEDPMISHARMA पता पाप सरससस्थानपरिकता पाप पायतसत्पामपरिपता पाप । य स्पमती सदुस्पशा परिणतासो वपत फमवयपरिणता अपि मासवर्ष पारयता पपि साहितयसपारखता अपि हारिद्रयसपरियता अपि झवपरिता पाप गमता सरीनगन्धपरिणता अपि दुरनिगन्धपरिणता भाप रसात तिसरमपरिणता प्रपि पटुबरसपारखता पनि कपायरसरियता अपि पम्नरसपरिणता पपि मपररसपरिणता पपि, स्पद्यत मकस्पशा परिणता पपि लघसस्पशापरिसता अपि जीतपय परियता पपि समस्पपरिणता पि निम्पस्पशपरिणता पपि रुपस्पशपरिण ता अपि संस्थानत परिमयालस स्थान परियता पाप वृत्तसस्यानपारणता पापि समस्यामपरिपता पपि चतुरसमस्यामपरिवता पपि पाय तसस्थामपारयता अपि । ये स्पशतो गुरुहस्पझपरिणतासोबत फवयपरियता अपि भीलवणपरिषता पाप सोधितवणपरिषता पिता रिद्रव परिपता अपि महापरिसता प्रपि, गलत हरनिगरपपरिपता प्रपि दुरनिगम्पपरिपता पि, रसवसिचरसपरिणता अपि दु Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लोहितवण्यपरि० ष्हालिष्ट्इवसपरि० लिपरिणताषि, गघd सुनिगद्यपरिणताथि दुनिगंधपरिणता षि, फास कस्कफासपरि० मउयफासपरि० गरुयफासपरि० लकयफासपरि० सीतफासपरि० उसिण फासपरि० फिफासपरि० लुस्कफासपरिणताषि, सष्ठाणच परिमलसठाणपरि० बहसठाणपरि० संसस ठाणपरि० चउरससष्ठाणपरि० श्यायतसष्ठाणपरिणतायि ॥ जे फास कस्कफासपरि० ते वम्मन कालव परि० नीलवणपरि० लोहितवापरि हालिषण परि० सुल्लिष परिणतावि, गघ सुलिगधपरि० ..दुनिगघपरिणतायि, रस विष्ठरसपरि० कपरसपरि० कसायरसपरि० विलरसपरि० मकररसपरिण तावि, फास गरुयफासपरि० लक्कयफासपरि० सीतफासपरि उसिणफासपरि० णिफासपरि० सुरक चितुवालपरिणता अपि श्रापतत्वानपरिवता चप । य रसवो मधुररसपरिवता स् वतः कासवरियता अपि नीलवर्णपरिय प्रियोजितवर्णपरिणता अपि हारिद्रवपरिणता अपि शुक्लवरपरिवता यपि, पन्यतः सुरभिगन्धपरिक्षण अपि दुरभिमन्यपरिणता प्रपि पपरिया अपि दुरपर्शपदिता अपि मुदक्पचपरिणता अपि लघुकरपर्शपरिता अपि श्रीरमोपरिकता प्राप परिता अपि चिरपर्शपरिणता अपि स्पर्धपरिचता अपि संखाना परिसंस्थानपरिवृता पारवा अपि चतुरखखानपरिवता अपि श्रापतसंस्थानपरिणता अपि स्पर्धा मरणमपारतात व त पिंपरी विवरण मिि विपरित अपि नम्पत हरभिनन्यपरिचता अपि दुर परिषत पिरेसने विश्रमपरिवती प्राप कटुवरमपरिकता अपि बनामरणपरिचता अपि प्रकरणपरिचता चॉप मधुररयपरिव वस्पर्शपरिचयामि मानस परिमलखान परिवा] अपि इमामपरिचर अपि व्यत्ययंस्यामपरि दुवोण Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Gana-0000mut लवणापरि० लोहितवणपरि० हालिचवणपरि० सुक्किलवसपरिणातावि, गघ सुम्निगघपरि० दुम्निगंधप रिणताधि, रस तिप्तरसपरि० कायरसपरि० कसायरस परि० थपिलरसपरि० मऊररसपरिणताधि, फास फरकफासपरि० मउयफासपरि० गरुयफासपरि० लजयफासपरि० णिशफासपरि० लरकफासप रिणतावि, सहाण परिमालसठाणपरि० यसठाणपरि० तससठाणपरि० चउरससष्ठाणपरि० थायत सहाणपरिणतावि । जेफास उसिणफासपरि० ते वणन कालवणापरि० नीलवणपरि० लोहियवणप० हालिद्दवपरि० सक्किलवणपरिणतावि, गध सुप्निगधपरि० दुनिगधारणतावि, रसन तित्तरसपरि० ककुयरसपरि० कसायरसपरि० थपिलरसपरि० मकररसपरिणतायि , फासळ कस्कफासपरि० मउयफा पपि यस्रसस्थामपरिणता अपि चतरप्रसस्थानपरिचता अपि पायतसस्थामपरिणता प्रपि। ये पता शीतस्पर्शपरियवासे वर्गव कप्तवर्ण परिवता अपि भीलवपरियता अपि सोरितवयपरिबता पिशारिद्रवपपरिणता पपि वपपरियता अपि गम्यतः सरभिगम्यपरिपता| अपि दुरनिगम्पपरियता अपि रसत तिक्तरसपरिवता अपि बटुवरसपरिपता अपि वपापरसपरिसता पपि अन्नरसपरिणता अपि मधुरर सपारयता अपि स्पझप्त पस्पशापरियता अपि सदस्पर्कपरिषता पि गुहबरपझपरिणवा अपि लघुषापर्यपरियता पपि विपरपश पारवता अपि सक्षस्पद्यापरिषता प्रपि सस्थानत परिमरहमासस्थामपरिणता पिवत्तसत्वानपरिषता चपि यससस्थानपरिक्सा अपि च तरसमस्यामपरिषता अपि पापतसस्थामपरिवता अपि । यस्पात सपशपरिणताते व शासवर्वपरिता अपि मीसवर्षपरिपता अपि मोहितवपपरिणता अपि हारिद्रवयपरिणता अपि पुनवर्षपरिणता पाप गम्यत पुरभिगम्पपरिणता अपि दुरमिगग्धपरिणता प्र Sपि रसतः विचरसपरिसता अपि पटुबरसपरिपता अपि वपापरसपरिवता अपि पतरसपरिषता अपि मधुररसपरिणता प्रपि, पर्यत Sirr NOTAM Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ORDE ¿ परि० बिलरसपरि० मऊररसपरिणतावि, फास कस्कफासपरिणतायि मउयफासपरिणतायि सीय फासपरिणतावि उसिणफासपरि० णिफासपरि० लुस्कफासपरिणताषि, सठाणच परिमलसठाणपरि० यहसष्ठापरि० सससठाणपरि० चउरससठाणप० पायससष्ठाणपरिणताषि । जे फासह उऊयफास परि णता ते वसनं कालबा परि० नीलवणपरि० लोहितवापरि० हालिष्ट्या सुल्लिवपरिणतावि, गधd सुनिगधपरि० दुनिगघपरिणतायि, रस तिप्तरसपरि० कयरसपरि० कसायरसपरि० विलर सपरि० समररसपरिणताषि, फासत करकफासपरि० मउयफासपरि० सीतफासपरि० उसिणफासपरि० पिफासपरि० लुस्कफासपरिणतावि, सष्ठाणचे परिमलसठाणपरि० वहसष्ठाणपरि० तससठाणपरि० घठरससष्ठाणपरि० ध्यायतसष्ठाणपरिणताषि । जे फास सीतफासपरिणता से यस कालवसपरि० नी चरपरिचता अपि पापरसपरिपता अपि अवरस्परिकता अपि मधुररसपरिचता अपि रपथः सद्यस्पर्शपरिचता प्रपि सुदुरपर्शपरि हापि स्पचपरिणता अपि उपस्पचेपरिचता अपि खिग्धस्पचपरिता अपि स्पपरिचता अपि संख्यानतः परिमळल्यान परिवता अपि तख्यामपरिकता अपि व्यस्तस्यानपरिषता अपि चतुरखत्यात परियता पिता भूमि मे उप पुस्पपरिचताले धर्षतः कप्प्रबर्षपरिचता अपि नीलवर्णपरिषता अपि सोडियम परितापपदेषुपारमताडयपि पिपासुरभिवन्त्रपरिषायपि दुराप्रमन्धपरि सतास तर सपरिवार द्वा पिरिचता अपि काबामरसपरि मिति पितः परिवता अपि वदुपपरिचता अपि शीतपरितापि रिश्वापि विग्रप परिवता अपि परिचता अपि संखानवः परिमरहसनपरिषता अपि वृत्तसंस्थानपरिचता Wate पता उप्जरप ---- Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दुम्निगघपरिणतापि, रस तिप्तरसपरि० कम्यरसपरि० कसायरसपरि० बिलरसपरि० मजररसपरिण ताधि, फास कस्काफासपरि० मउयफासपरि० गरुयफासपरि० लजयफासपरि० सीतफासपरि० उसिण फासपरिणतापि, सठाणन परिमालसठाणपरि० बहसठाणपरि० तससठाणपरि० चउरससठाणपरिक शायतसठाण प० । जे सठाण परिमालसठाणपरिणता ते वण कालवणपरि० नीलवनपरि० लोहित वणपरि० हालिद्दवमपरि० सुक्किलपणपरिणतायि, गध सुनिगधपरिणतावि दुम्निगधपरिणतायि , र स तिप्तरसपरि० कायरसपरि० कसायरसपरि० थपिलरमपरि० मऊररसपरिणताबि, फासळ कस्का फासपरि० मउयफासपरि० गुरुयफासपरि० लजायफासपरि० सीतफास परि० उसिणफासपरि० णिहफास परि० लरकफासपरिणतावि । जसष्ठाण वहसठाणपरि० ते वमन फालयसपरि० नीलयणपरि० लोहि ----- - . इपरपद्यपरिषतास्ते पत वापरिचता अपि मीसबसपरिणता प्रपि लोहितवपरिषता पपिशारितवर्षपरिखता पपि शुक्रवपरिणता अपि पन्त सुरजिगन्धपरिपता थपि दुरभिगन्धपरिचता पपि रसत तितरसपरिप्ता पपि कटुबरमपरिणता पपि पपायरसपरिखता अपि नरसपारकता अपि मपुररसपरिणता प्रपि, स्पमत बनस्पक्षपरिचता पपि मृदुस्पक्षपरिखता पपि गुसबस्पशपरिणता चपि सस स्पर्श परिवता अपि बीतस्पद्यपरिवत्ता पपि सरपक्षपरिणता अपि सस्थानत पारमपाससत्यामपरियता पपि पत्तसत्यामपरिणता अपि असमस्यामपरिषता अपि चतुरस्रसस्थानपरिषता अपि पायतसस्थामपरिकता प्रपि। ये सस्थामत परिमबाससंस्थामपरिणतारो वपत रुपन सपरिचता पपि मालवयपरिषता पपि लोहितवर्षपरिणता पाप हारिद्रवयपरिणता अपि पारसता पपि, गन्यव सरनिमन्धपरि या अपि दुरनिगम्पपरिचवा अपि। रसत विचरमपरिणवा पिक्टुबरसपरिसता अपि वपायरसपरिणवा अपि पतरसपरिणवा प्रपि म . . . . Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सपरि० गरुयफासपरि० लयफासपरि० णिछफासपरि० लुस्कफासपरिणतावि, सहाण परिमलसंठाण परि० घट्टसठाणपरि० तससठाणपरि० चउरससठाणपरि० शायतसष्ठाणपरिणतायि । जे फासन णिक फासपरिणया ते पसन कालथापरि० नीलवणपरि० लोहितवमपरि० हालिनुषणपरि० सुक्किालवणप रिणतावि, गपळ सुम्निगधपरि० दुम्लिगधपरिणसावि , रस तित्तरसपरि० कायरसपरि० फसायरसप० शयितरसपार० मजररसपरिणतावि, फास करकफासपरि० मउयफासपरि० गरुयफासपरि० लञ्चय फासपरि० सीयफास परि० उसिणफासपरिणतावि, सहाण परिमाउसहाणपरि० यहसठाणपरि० तस सहाणपरि० चउरससठाण परियायतसठाणपरिणताधि । जे फास लरकफासपरिणता ते वयान काट घणपरि० नोलयसपरि० लोहितवमपरि० हालियमप० सुशिलघणपरिणतावि, गध सुस्निगधप० पपरिया अपि पारपधपरिचता पपि पुरुषापपरिषता अपि सपुष्पर्धपरिषता अपि सिम्पपपरिणता अपि परि पण अपि नामतः परिमासखानपरिषता अपि पतसंख्यामपरिकता पपि यससंधानपरिपूता अपि अतरसत्यापरिपुि धापातपरिषता प्रपि। पेपमापनपरिशता बाबपरिषता पि.मीशवर्षपरिचालतिरपारखता चाप पपरिया पार परिता अपि पyan sty भारि निगपरिषता अपि। रसता तितरसपरिणता अघि बरपत्रिकामापापरविसापानरमपरिगतामपि मधुररसपारवता अपि पर्यतः पापापरिषता पि पारपत्र रिपती भाप नापमपरिस्ता अपि सपुबरपपरियता अपि वरपपरिणता अपि गणपधपरिचता पि लामतः परिमगावला अपरिचता अपि वारंजानपरिषवा पपि प्रतवमानपरिषता अपि तुरखरखानपरिषता अपि चापलापरिषमा अपि । वेपतो Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . दुम्निगधपरिणतावि, रस तिप्तरसपरि० कम्यरसपरि० कसायरसपरि० थपिलरसपरि० मञ्जररसपरिण तावि, फास करकफासपरि० मउयफासपरि० गरुयफासपरि० लजायफासपरि० सीतफासपरि० उसिण फासपरिणताधि, सहाण परिमालसठाणपरि० वहसठाणपरि० तससठाणपरि० घउरससठाणपरि० शायतसष्ठाणप० । जे सठाण परिमालसहाणपरिणता ते वयच कालवणपरि० नीलयापरि० लोहित यसपरि० हालिवयसपरि० मुक्किालवमपरिणतायि, गध सुम्निगधपरिणतावि दुम्निगधपरिणतावि, र स तिप्तरसपरि० कायरसपरि० कसायरस परि० थपिलरमपरि० मऊररसपरिणताधि, फास कस्का फासपरि० मउयफासपरि० गुरुयफासपरि० लऊयफासपरि० सीतफासपरि० उसिणफासपरि० णिहफास परि० लुस्कफासपरिणताधि । जेसठाण वहसठाणपरि० ते वरमा कालयमपरि० नीलयपरि० लोहि LuilogROMADIDASI उपस्पशापरिवतास्ते वयत समवपपरिवता अपि मोमवर्षपरिणता अपि लोहितवपरिषता अपिशारिद्ववर्षपरिणता अपि सपरिसा अपि पन्धत सुरनिगन्धपरिणता अपि तुरभिगन्धपरिखता अपि रसत तित्तरसपरिचता पाप कटुबरसपरिणता अपि कपापरसपरिषता अपि पसरसपरियता अपि मधुररसपारखता अपि इपात कशरपझंपरिणता अपि सदुस्पझपरिकता अपि गुसहस्पझपरिणता अपि सब स्पर्धा परिबता पपि शीतस्पझपरिखता पपि उमरपझपरिवता पपि सस्थामत पारमपाससत्यामपरिणता अपि पत्तसत्यामपरिणता अपि यससस्थानपरिषता अपि चतुरस्रसस्थानपरिषता अपि पायतमस्थानपरिषता अपि । ये सस्थामत परिमबाससंस्थामपरियतासो वणत फज वयपरिखता पपि मौलवबपरिवता अपि सोहितवर्षपरिवता अपि पारितवपपरिणता पाप बसण्यपरियता पपि, गन्यतः परनिमयपरि 'पा अपि दुरधिपत्यपरिषवा पाप रमत्तः वित्तरसपरिणवा पिक्टबरसपारखवा पिपापरसपरिणवा अपि पसरसपरिणवा पपि म Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तवणपरि० हालियणप० सनिलवणपरिणतायि , गध सुम्निगंधप० दुनिगधपरिणतायि , रस ति प्तरसपरि० कयरसपरि० कसायरसपरि० थपिलरसपरि० महाररसपरिणतावि, फास कस्काफासप० मउयफासपरि० गुरुयफासपरि० ठऊयफासपरि० सीतफासपरि० उसिणफासपरि० णिहफासपरि० लुस्क फासपरिणतावि । जेसठाण तससठाणपरि० ते यण कालवमापरि० नीलयमपरि० लोहितवपरि० हालियापरि० सुविषणपरिणतावि, गध सुम्निगघपरिणतावि दुनिगधपरिणतायि , रस वित्तर सपरि० फायरसपरि० कसायरसपरि० थपिलरसपरि० मकररसपरिणतावि, फास करकफासपरि० पररमपरिवता पपि स्पर्शता परपपरिषता पपि परम्पपरिषता अपि गुरुवारपर्वपरिता अपि सपुष्पग्रंपरिषता अपि चीटरपर्ष परिषता पि उपपपपरिया पाप सिम्परपपरिचता पपिपरपापरिषदा पपिापे संसानतो वसंग्रामपरिवाने पवनवणे परिणवा नातवपरिषता सोहितवपरिषता हाखिवर्षपरिणवा मुखापरिषता पपि, मनमा पुरमियपरिवता दुनिष्पपरिणता 1 अपि रससिवपरिता अपिबदुबरसपरिषता अपिबवायरसपरिणता प्रपिपसरतपरिणवा पति मधुररसपरिजना प्रपिसाब परपपरिषता बपि पारपर्धपरिषता अपि माप परिषता अपि सप परिमापि जापाता कि एनपरिक्षा पपि शिपम्पर्कपरिणवा पिपपरिशता पिताना तमलोपारिवानवतामियपरिषता बपि मीसबर्षपारखता अपि सोषितपरिणाम परिवरिपपिपिपरिश्ता पि, पाता हरप्रिमरपरिषता अपि दुरभिवन्धपरिवता पपि, समिपरसपारवा पाप बटुबरपरिषता पियापरसपरिवत्ता पपि बहरमपरिषता अपि मधुररसपरिस्तापि स्पर्यत पाल्प परिषदा चपि पाल्पपरिसमा बपि पुरुषपरिणवा पिपुलापर्धपारच्या पिपरिया पिणापा परिणवापि Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Ta. Don.punmannernmnner मउयफासपरि० गुरुयफासपरि० लजायफासपरि० सीतफासपरि० उसिणफासपरि० णिहफासपरि० ल स्कफामपरिणतायि । जे सहागन चउरससहाणपरिणाता ते वसन कालयमा परि० नीलपणपरि० लोहि यत्रण परि० हालिहायणपरि० सुक्किलयम परिणतावि, गधन सुनिगधपरि० इनिग परिणतायि, रसन तितरसप० कापरसप० कमायरसपरि० शयिलरमपरि० मऊररसपरिणताधि, फासन क्रकफासपरि० मउयफासपरि० गुरुयफासपरि० लायफासपरि० सीतफामपरि० उसिणफामपरि० णिहफामपरि० लु स्क फासपार० । जे सहाण शायतस ठाणपरिणता ते यमन कालवण परि० नीलवरण परि० लाहिनषणप० हालिहवरमपरि० सुक्किलवणपरिणतावि, गधन सुनिवपरिणगाव दुनाथप रगताप, रम तिप्तरस परि० कचरसपरि० कसायरसपरि० थपिलरसपरि० मजररसपरिणतावि, फासन करकफासपरि० BOOROCODeceeDo000000ccpoocopccas विपापपारखता पित्तपापारवता भाप । पे सस्थामतपतरस्र मस्यामपारबतास्त पत फाप्लसरिता अपि मोलपारपता अपि लापिलवसरियता पिसारतवपपरिकता अपि प्रज्ञापपरिणता पाप गन्धत सुराजगन्धपारयता पाप दुनिमावरियता पि रसतारसपरिसता पपिक्टुबरसपारयता पाप कपायरसपारयता पाप नरमपरिणता पि मधररसपरियता अपि स्पधत कपझ | स्पा परिपता अपि मृगस्पझपरिवना पाप गपठापारसमा पाप लघुझस्पपरिणता पिशोतस्पस परिवता पाप हमस्पशपरिणता प्राप सिम्यरूप परिवता चापपापारयता पपि । य सस्थ मत पायतसत्यानपरिणताते वसत रुप्मपरियता पापभीलवयपरियता प्राप माहितवपपारबता अधिकारद्वापारयता पाप पारखता अपि गन्धत सरनिगन्धपारयता अपि दुरागसपरिणमा अषि रससितारसपरिकता पपि कटुगरसपारमा अपि पापरसपरिणता प्रपि अनरसपरिखता अपि मधुररसपारणवा अपि, स्पशवः पशस्पा Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तषमपरि० हालियसप० सक्किालवणपरिणतावि, गधन सुम्निगंधप० दुनिगधपरिणतावि, रस ति तरसपरि० कयरसपरि० कसायरसपरि० अपिलरसपरि० मऊररसपरिणतावि, फास कस्काफासप० मउयफासपरि० गुरुयफासपरि० लजयफासपरि० सीतफासपरि० उसिणफासपरि० णिहफासपरि० लुक फासपरिणताधि । जेसष्ठाण तससठाणपरि० ते यम कालवमपरि० नीलयमपरि० लोहितवणापरिक हालिदषणपरि० मुक्तिकालयमपरिणतावि, गध सुम्निगघपरिणताधि दुम्लिगघपरिणतायि , रस तित्तर सपरि० कायरसपरि० कसायरसपरि० थपिलरसपरि० मऊररसपरिणतावि, फास करक्राफासपरि० न HTI पररसपरिषता पि पपईत सबरपर्धपरिणता पपि पापपरिषता अपि गुमधापपरिया पपि सपुबरपायपरिषता पपिशीटरपर्य परिणता पि वपरपर्यपरिवठा अपि विम्बरपपरिषता पपिपपपरिषता पपिाये संस्खामतो पचच्यानपरिवा प नवणे परिवता मीसवर्षपरिषता बोषितवर्षपरिषता हासिवरपरिषता मुनवर्षपरिषदा प्रपि, ममता हरमिनप्परिणता दुराधिनम्पपरिखता पपि, रस्तविपरिषता अपि दुबरसपरिषता अपि पापरसपरिषता अपि पपरसपरिता प्रपि मधुररसपरिणता प्रापि शेत पापपरिया अपि पारपर्धपरिषता अपि पुरापापरिपता पिसापपरिणवा पिstaरपरिवार पारी अर्पिम्पिापापरिपा पपि कम्पपरिया पपिरखाजवतानपरितनवपरिता अपि मीसबरपरिषता अतिविपरिता पिशारिरितापित भी बामविपरिवाधापमापरिकता पपिमन्यता हरमियपरिषता अपि पुरभिनयपरिखता पपि, खलिहरपारा पिपरपरिषता पिवायरसपरिणवापि पारसपरिता अपि मधुरराषपरिपता चपि रुपवा बभरप अपरिगवा पिल्पपरिया पि गुरमपरिषता पिएपपरिया पिपपरिया अपि पर परिता बपि Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ JoPost गिहिलिगमिछा १३ एगसिछा ११ शुणेगमिछा १५ । सेत्त शुणतरसिशससारसमायणजीवपणवणा । से त परपरमिहशुसमारसमाप्रसजीवपणयणा? परपरासिशुममारसमायणजीयपसावणा शुणगनिहा प० तजहा-पढमममयसिहा इसमयसिछा तिसमयसिहा चउसयमसिहा जाय सखाममयसिझा शसखंडा समयसिहा शुणतसमय सिछा, सत्त परपरसिहशुससारममावसजीवपणवणा। संत शससारसमायणजी घपणवणा । स कित समारममावसजीयपणयाणा समारममायण जीवपणवणा पचविहा पणत्ता, तजहा गिदियससारममायणजीउपरावणा घडदियससारसमायणजीवपणवणा तेडदियसमारसमावरमजीवपरमय णा चउरिदियसमारममावणजीवपरमवणा पचिढियसमारसमायरमजीवपणवणा। स कित एगिदियससार समायणजीपणवणा , एगढियससारसमायणजीवपणषणा पमयिहा पणना, तनहा-पुढविकाठया mm. - | धमस्तिकामा १५ । सैषा अनारमिहामसारममापनीकापमा । पच कतिविषा परपरामदाससारसमापका सीधापमा । परपर मिससारममापसजीव प्रतापना प्रमविपा प्रघमा । तपा पम्पमसमपमिला हिममपसिना सिमपसिना त समयसिता यावत् सत्यपसमपासना पसम्ये यसमपसिद्धा बनतसमयाममा सैपा परपरमिः समारममापमजी प्रचापमा । सपा समारसमापनीमचा पना। पप अतिविषा समारममापस alaपापना ।। समारसमापनीवाचापमा पचावा BIPा तपा-एपोन्द्रपसारमापकीय पमा कान्तिपमसारममापत्र जीवापना पीन्त्रिपसमारसमापीचापमा चतारान्त यसमारसमापनी प्रचापमा पम्मान्द्रपससार समापनत्रीप्रथापना । पप बातावपा मन्त्रिपसंसारममापसीवप्रचापमा । मन्त्रिपसमारसमापखजीवापना पयिधा मता। तय पा-पपिवावापिका, भवापिक्षा', जावापियाः वायुवापिका वनस्पतियायिकाः । पप विविपाः पपिवीमापिहा ।। पप्पोबापिका - Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मउयफासप० गुरुयफासपरि० लऊयफासप० सीतफासप० उसिणफासप० णिछफासप० सुस्कफासपरि णतावि ॥ सत्त रविश्वजीवपरमपणा ॥ सप्स राजीवपमयणा ॥ से फित जीयपसषणा? जीयपमषणा दुविहा पसप्ता, तजहा-ससारसमावसजीवपमायणाय यस सारसमाश्रमजीवपणषणाय । से किस शससारसमा पणजीवपणवणा ? शससारममायणाजीवपणावणा दुविधा पत्ता, तजहा-श्वणतरसिशससारसमाय जीवपण प्रणा परपरसिशससारसमावण जीवपणषणा। से कित शुष्पतरसियससारसमावसजीवपम घणा ? छण तरसिशससारसमायमाजीवपणषणा पसरसविहा परसप्ता, तजहा-तित्यसिझा १ शतित्य सिझा २ तित्यगरसिझा ३ अतित्यगरसिझा १ सययुझसिझा ५ पत्तेययुशसिझा ६ पुष्योहियसिझा ७ इत्यालिगसिझा ८ पुरिसांठगसिझा ९ नपुसकलिगसिक्षा १० सलिगसिझा ११ घणलिगसिझा १२ vectobercroec R.COM परिषता अपि पशुपस्प परिचता धपि गसमस्पक्षपरिवठा अपि सरपपरिणता प्रपिछीतस्पर्कपरिणता पपि सप्तापपरिबता अपि विपस्पायपरिष पिपपारखता अपिसंवा रुप्यतोव प्रधापना .पा अधोब मधापमा पप विविधामपापना महापमा filayा प्रमा । तपा-संसारसमापवलीवापना. पसारतमापनोबममापुमा । अपातविया अलमारसमापन : Marपमा ।। संसारसमापनीबप्रचापना हिविषा प्राप्ता । अनन्तसमाचारसमापिनी पर परसिद्वासंसारसमापी आप निमिपानरसिहावसारममा नरामदारमारनमाजबापना परमविधा प्राप्ता ।। यो तालीपसिदारानी तोरीमा पामि ५ प्रत्येवानिशा दुरबोषिततिला . नाशिनिद्वार पुरुषासाना रमपुरवारिविक्षा १० मामि १ बन्यत्तिकरिता १२ परिशिक्षिा ५ एसिविणार १४ . in Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ EUROS गिहिलिगसिद्धा १३ एगसिठा १४ ध्ष्णेगसिद्धा १५ । सेन्त ष्ण तर सिससारसमायाजीवपरमवणा । से त परपरमिश्वससारममात्राजीवपणा ? परपर सिह समारसमात्राजीवपाषणा गुणगबिहा प० तजहा- पढमसमयसिद्धा दुसमयसिद्धा तिसमयसिद्धा व उस यमसिहा आय सखंसमय सिद्धा ष्य सखं जा समयसिद्धा प्रणतसमय सिद्धा, सत्त पर परसिससारसमाधाजीव परायणा । सेठ प्रससारसमाश्राजी पण | संकित ससारसमावसजीवपणा समारममात्र राजीव पावणा पचविडा पणत्ता, तजहा एगिदिय ससारसमामजी परमत्रणा घेइदियस सारसमावाजीव पणषणा तेहदियस सारसमायाजीवपण णा चउरिटियससारसमावसजीवपणा पचिदियससारसमायणजी पावणा । से कित एगिदिवस सार समाजग्मजीनपरसत्रणा ? एगिदियस सारसमायाजीवपत्रणा पवयिहा पत्ता, तजष्ठा - पुढविकाइया । परंपर कलिङ्ग सिक्षा १५ सेवा ऽनन्तर सिद्दाससारसमापनामा । अथ कनिविधा परपर सिद्धा ससारसमापन्न जीवमचापमा सिससारसमा प्रज्ञापना अमकविया प्रचता । तद्यथा प्रथमसमयसिद्धा सिमपसिद्ध समपसिदा चतु समयसा यावत् सक्यसमयसिमा यस स्पेय समयसिद्धा अनन्तसम्पाद्दा सेपा पर परसि ससारसमापयमापना । संपा ससारसमापन जीवप्रा पना । अथ कतिविधा ससारसमापन बीवाना । ससारसमा पापना पचावधा महता तद्यथा- एकोन्द्र यससारसमापनजीव मामा यससारसमापजीवमचापमा बन्द यस सारसमापचापमा चतुलियस सारसमा पत्रप्रापमा पन्द्रपसार समापनजीचापना । अथ कालविद्या एकेन्द्र ससारसमापत्रबोधप्रद्यापमा । एकेन्द्रियस सरसमा पत्र जीवमचापना पाविधा मचद्य पापृथिवीवापिका अप्पादिका तेजः शायिका वायुश्चायिकाः, वनस्पतिवापिताः । अथ कतिविधा । पृथिवीका पिता । पृथ्वोकायिका Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ थाउकाहया तेउकाएया धाउकाडया धणस्सहकाया। से फितं पुढधिकाहया पुढविकाइया दृषिहा प०, तजहा-सुऊमपुतधिकाइया पाढरपुधिकाइया । से फित सुक्रमपुरविकाइया सुजमपुढधिकाइया दुविहा पत्ता, तजहा-पजत्तसुजमपुनधिकाइयाय छपज्जत सृजमपुढषिकाइयाय, सेतसुऊमपुतधिकाइया। से कित यादरपुढधिकाइया यादरपटषिकाहया दुयिहा परसप्ता, तजहा-सरहयादरपुढधिकाइयाय खरयादर पुढधिकाइयाय। से कित सराह यादरपुढधिकाहया२ सप्तविहा पसप्ता, तजहा-किरहमत्तिया नीलमप्तिया लोहियमसिया हालिहमतिया सुक्किालमप्तिया पफमप्तिया पणगमतिया । सप्त सराहयादर पढयिकाहया। से कित स्वरयादरपढयिकाइया ? खरयाठरपुढविमाया थणेगविहा पहप्ता , तजहा-पुतषीयसकारावा छुपायउवलेसिलायलोणूस । यतयत उयसीस सप्पसुषणेपवइरेय ॥ १॥ हरियालेहिगुलुए मणोसिलासा शिविधा तपपा अमेपपिवीवापिसाः बाबरपमितीचापिया । पप विविधा सूक्षापपिनायिका पुत्मपयितीयिका विविध प्रताः । तपा-पर्याप्त समपचिवोवापिका अपर्याप्तसूक्ष्मपिवीमाया । देवालपषियोवापिधाराविधि-वादर पषिोडापिसा बादरासीमापिथा द्विविधा प्रतापपा-घरपवादस्पभिनीवामिबारबारमावर पिंधकीपिकामय पत्तावरपापिणा ।। पावरyिafter Nationा मनातली भालपत्तिका साहितपतियाँ . हरिपजिवामपत्तियार पारीनुमकिन पाताना मलबदरपाकीनायिका कतिविचारसरबाररपपिवापिका। भरमार रविवादियानिधाता तिचा-पपिरावानवाः सपमा बिता सबबम्पम् । परतापपुतीमरूप्यानि प्रतीक्षामिारिवासिये मनापसारमनप्रवासम् । पत्रपटसानामा बारपभिवाचावनी ॥२. मोपण -- Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गजणपघाले । शम्नपालनवालय धादरकाएमणिविहाणा ॥२॥ गोमेजण्यरुयए यफालिहेयलोष्ठियस्केय। मरगयमसारगल्ले नयमोयगहदनीलेय ॥ ३ ॥ चटणगरुय हसे पुरल एसोगधिएययोघछ । घदप्पत्नवेरुलिए ज लकसूरकतेय ॥ १॥ जयायो यत हप्पगारा ते समासन दुरिहा पमत्ता , तजहा-पजाप्तगाय शपजप्त गाय, तत्यण जेते शुपआप्तगा तेण सपत्ता सत्यण जतं पाप्तगा एनसि वणादेमण गधादसेण रसादे संण फासादेसेण सहस्सग्गसाविहाणाह सखिजाइ जीगि प्पमुहसयसहस्साइ पञप्तगणिस्साए शपआप्तगाय कमति , जत्य एगो तस्य णियमा शुसखेडा। सेत्त खरयादरपढधिकाइया । संत्तयादग्पुटनिकादया ॥ सप्तप विकाइया ॥ से क्ति शाउमाइया , शाउकाडया दुबिहा पणता, तजहा-सुजमशाउकाहयाय घादर छाउकाडयाय । से क्ति सुज्जमशाउकाइया ? सुजमशाउकाहया दुयिहा पणप्ता , तजहा-पाप्तसुजाल PRIMDOEACCIDEOSearBasaOHARD" उचका स्पष्टिबलारिताहति मरकतमसारगल्ली पुसमाचन्द्रमालो चन्दनगौरवासा पुलकसोपविण्याव्ये चन्द्रमन्नत पों मसान्त सपनामाव:४५ य चाम्ये या प्रकारात समासतस्तथा BHा । तद्यथा-पर्याप्तका पपपातकाय तर पे रस्ते ऽपर्यातकाले आसप्राप्ता । ये पते पर्याप्त का गत दोन गवादोन रमादेशान स्पादन मनापको विधामाति सस्पेपानि । यामिप्रमुसामि शतसर पवाय पर्यानिम्रपा पर्यावा कामात यता मिपमा बसस्पेया ।तपत सरवादरपायावापिका ।त पते यावरणपिकवापि का । पत पापमोवापिका ॥ अपातविपा। पापिका ।। प्तापिमा दिविधा यता तपा-समाप्चापिका पादराफापिक्षा। पपातपिपा सूत्मा पायबा ।मत्मामायिक्षा पद्वविधा प्रचना चा-पर्याप्त समापवापिका चपर्याप्तमत्मापकापियाः । एत सूमापवापिसाप बातावपा बादराप्तायिकाः।। पादरापापा अमेविषा। मचता । तपा-प्रवश्याय , शिम महिला परको . Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शाकावयाय शपज्जनसफमछाउकाष्ठयाया सेप्त सुजमशाउकाडया॥से कित याटरष्टाउकाडया बाटर शाउमाप्ठया शुणगविता पममा, तजहा साहिमए महिया करए हरतणए सुशोदए सीतोदए उसिणोदए नारोदए स्वहोदए यिलोदए लवणोदए थारुणोदए खीरोदए स्खोदोदए रसोद जेयावसतहप्पगारा सेसमा सन दयिष्ठा पणता, तजहा पक्षप्तगा शपजप्तगाय, शत्यण जेत शु पाप्तगा तेण शसपना, सत्यण जेते पजता एएसिणधणादेसेप गधादेसेण रसादसेण फासादेसेण सहस्सग्गसोविहाणाइ सखजाड आणिप्पम् इसयसष्ठस्साह पज्जप्तगणिस्साए छपाप्तगा पक्कमति , सत्य एगो तत्यनियमा शसस्वेज्जा । सेत यावर थाठमाझ्या । सेप्त छाउकाइया ॥ से कित्त तेउफाहया ? तेउफाहया दुविहा पणत्ता, तजहा सुजामतेउ फाइयाय पादरसेउफाइयाय, से किस सुजामतेउछाइया सुजमतेउफाइया दुविहा पमष्ठा, तजहा पजत र पुनीवर जावोषम् समोरच बारोपणम् पयोषम् पन्नोपय सोपवं वातपोवनीरोवर्ष पोदोवर. रतोपर बापा प्रबाराले समासतो गिविधा सता तपा-पर्णतया पपोतवायये पवे पपोसवा समासा । ये पत्रे रसायम स्पर्धापन सातापी विधानानि सम्पामि। पीमियमसानि बसालापीतिनिर्मा Lilataपुरमामा परेवा नियमा wear : e अपरोप्लामिका पति वा पानी पीतवपासका बासिया infबिEAM -लाnिtitaगापिकातीतच रमतामापिथानामतेगापिका। जसिया मस्तिषी-धर्माप्तिापातामाता सलमायापिचापच पतिविधा बाररतेबवापिचा।। बादरतबाबावियाच HTA 1 पपा-गरबासो सुनुचित पचान मालिक लिपुत् नि, fratan, पंचवमुचिता, पूर्व - EXKAHA Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . पता-nam--- गाय अपजप्तगाय । सेत्त सुजमसेउकाइया । से किंत घाटरतेउकाइया २ आणेगधिहा पणना, तजहा हुगाल जाला मुमुरे शुच्ची शुलाए सुहागणी उक्का विज शसणी णिग्याए सपरिसममुठिा सूरकतमणिणि स्मिए, अयायण तहप्पगारा त समासन दुविष्ठा पणत्ता, तजहा पानगाय पत्तगाय , तत्यण जते छपाप्तगा तण शुसपना, तस्यण जेते पाप्तगा एसि वरमादेसण गधादसेण रसाएमण फासादेनण सह स्सग्गनोविहाणाह सखिझाइ जाणिप्पमहसयसहस्साह पानगणिस्साए शपाप्तगा यक्कमति, जत्य एगो तत्य णियमा शुसखझा॥ सत्त यादरत उकाम्या । सप्त ते उकाइया॥स किन बाउकाइयायाउकाठया ढवि हा पणना, तजहा सुजमघाउकाइयाय यादरयाउकाइयाय, से फ्ति सूऊमयाउकाइया? सुकमवा उकाडया दुविहा परमना, तजहा पाप्तगसुजमघाउकाइयाय शुपजातगसुजमनाउकाइयाय । सप्त सुजमवाउका इया । स क्ति यादरवाउकाइया ? यादरवा० शगगरिहा पणता, तजहा पाइणवाए पढीयाए दाहि 300ovOODCOD000000000000000.00ca बासमखिममता से वाप्यन्य तथा प्रकारात समासता द्विवपा प्राप्ता । तद्यपा-पयाफा पपया काच । तत्र य पत अपयामास्ते पस प्रामा । ता ये पयाप्तबास्ते वादथम गवादचान रसादेन स्पदेशन सरस्रायमो विधामानि मम्मपानि । यामि प्रमसासि झतमासायि पर्याप्त प्रतिप्रपा अपपातका कामसि । यकतानयमा असम्यया । तास चादरजवापिका । तपते तबापिका ॥ पप कतिषिषा वापकापिबावापुसायका विद्या प्रयता । तापा सूत्मत्राबायका बादरवाशायशाप । पच वातविषा सुत्मवायवाया । मामवायवापिका द्विविधाः प्रचप्ता । तद्यथा पर्याप्रमत्मवापुढायिका अपर्याप्तमत्मवायुवापिकाय । तपते ममायबापि । पथकात विधा यावरणापुकायिका । वादरवायुवापिका धमकावपा प्रचता । तद्यथा-प्राचीमवायु , मतीचीमवायु , दक्षिणवायु उदीचीनवापु , छ Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णधाए उदीणयाए उहुधाए शहोयाए तिरियपाए विदिसीशए वाउज्जामेया उक्लठिया वायमालिया उ क्वालियायाए मालियावाए गुजावाए ऊफाषाए सयदृयाए घणवाए तणुयाए सध्याए, जेयावन्ने तहप्पगा रा ते समास ढविहा परमता, तजहा पजत्तगाय शपज्जप्तगाय , तत्यण जते शपआप्तगा तण यसप प्ता, तस्यण जेत पजप्तगा एएसिण घसादसेण गधादेसण रसादसेण फासादेसेण सहस्सग्गसोधिहाणाइ सखिजाइ जाणिप्पमुहसयसहस्साइ पजाप्तगणिस्साए शपऊत्तगा धक्कमति, अत्य एगो तस्य नियमा शस स्केजा सेत्त यादरवाउकाइया॥ सेप्त वाउकाइया॥ से कित यापस्सहकाया वपस्सइकाइया दुविहा प०, सजहा सक्रमयणस्सडकाइयाय यादरवणस्सहकाइयाय , से कित सुजमवणस्सहकाइया२ दुषिहा पमप्ता, १० पञ्चत्तमजमयणस्सइकाइयाय थपज्जतसहुमवणस्सइकाइयाय । सेत्त सुनामयणस्सइकाइया । स कितं TeacomoROGRecocope वायु पोवाया सियनवायु विशिवायु, वातोनामः, वातोपहिया, बासमती' उत्पशिबावातो, मच्छसिखावातो गुल्जावा तो सम्पाबातो संगठिबातोपनवासानुबातः मुखवात पे वाये ज्या महारासो सवै हिदिपा मावापा-पर्याप्तवा' अपोतका Bाताय पते पपपोतवाले प्राप्ताः । प पते पर्याप्तबासो दिशेन गापादेन रसायन पापोवन पालापथो विनाशाकि संसार तानि । पोनिप्रमुखानि गतसातादि पर्याप्तबनिःबया अपयोमा नामतिपय सानिपमा पर पारिति रिवायत पियों तरते वायुवापिया पर पतिविधा सम्पतिवामपनरपतिपिपराधिया नमवनस्पतियायिका बापरबान स्वविवामिण पतिविमिवानापत्तिापि नातिवायिका बिना प्राप्ताः । तपा--पर्याप्सनूरमबनस्पतियायिका मोहनविनस्पवित्राविका व मदमस्पतिवापिसाप विविधा बादरबमपविवादिका बारबमपरिणापिका दिविधा। Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यादरवणस्सइकाइया २ दुविहा परसप्ता, तजहा पत्तेयसरीरवादरघणस्सहकाइयाय साहारणसरीरयादरव णस्मइकाइयाय, से कित पप्ते यसरीरयादरयणस्सइकाइया २ दुयालसविहा पणता, तजहा रुकागुच्छा गुम्मा लतायवल्लीयपगाचेव । तणयलयहरियनसहि जलरुहकुहणायबोधबा ॥ १॥ से क्ति रुरका२ दु यिहा पणना, तजहा एगठियाय यजयीयगाय , से कित एगठिया२शणगविहा पमना, तजहा नियं घजयुकोस यमालश्शकोखपेलुसेलूया । सलामोयहमारलुय बउल पलासे करजेय ॥ १॥ पत्तजीयश्चरिठे विनेल पहरिमण्यनल्लाए । उपेनरियाखीरिणि योधछेधायडपियाले ॥२॥ पईयनिवकरए सराहातहसीसवायशस णेय । पुणागनागरुक सिरियणीतहशुसागेय ॥३॥जेयायले तहप्पगारा एएसिण मूलाविशसखिज्जजीवि या कदावि स्वधायि तयावि सालाषि पयालाधि, पप्तापत्तेयजीविया, पुष्फा शणेगजीवा, फला एगठिया॥ DaduIODowPOOR-CAPRI प्रसमा । तद्यथा प्रत्येकशरीरवादरवनस्पतिकायिका सापारमशरोरपादरवनस्पतिवापिसा । यतिविधा प्रत्यक्षारीरवादरवनस्पति वापिका ।। प्रत्यारोरवावरवनस्पतिवापिसा हादविधा प्रचता । तद्यथा वृक्षा गुण्या गरमामता अमर पवगाव ॥ तृण्वसपरितो पपिजलमाराव बोरव्या पथ कतिविधा दवावका विविधा मचता । तया एकास्थिबा परवीचबाय। पप कतिविधा: A बास्थिका ।। एकास्थिका पविधा प्रथमा । तपा निम्माम्यजम्याशम्य शालाहोटपाबाया ॥ शवबमोचकमालवयास पसा 5 बरबन्नेदात् ॥१० पुत्रजीवकारिठा विनीतकारीतामाता ॥ सम्वेजरिवाहारणी पोहोपातबीप्रियाली प्रतिपनिम्बफरमाः मत सपाधिमपाशमनासपुभागमामयपी श्रीपवीरतपास यांप चाम्य तथाप्रकारा यतेपा मलानि असम्पपजीवकामि । प्रना अपि - सन्या अपि त्वचोपि शाखा अपि प्रवासा अपि पारि प्रत्येकानीववामि । पुप्यास्यमेशीवहामि । पलाम्पवाविहामि । रुको पछास्थिकाः। Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 8 ••• try उदाए उयाए होयाए तिरियबाए विदिसीमाए घाउकामेवा उकलिया षायमनलिया उ कलियाघाए महलियाषाए गुजाबाए ऊकाषाएं सट्टयाए घणवाए तनुत्राए सुबाए, जेयाषन्ते तटुप्पमा रा ते समास दुबिहा पखप्ता, तजड़ा पज्जत्तगाय छपज्जतगाय, तत्यण जेते पज्यप्तगा तेण श्वसप ता, तत्यण जेत पज्यप्तगा एएसिण वपादसंण गधादेसण रसादंसेण फासादेसेण सहस्सग्गसोबिहागाइ सखिया जाणिप्पमुहुस यसहस्सा पज्जप्तगणिस्साए पत्तगा वक्कमति, अत्य एगो तत्य नियमा स ॥ सेत्त यादवा उकाइया ॥ सेप्त घाउकाइया ॥ से कित वपस्सनुकानुया वणरुसहकाइया दुबिहा प०, तअहा सुकमवणस्सङकाङयाय बादरवणस्सकायाय, सेकित सुमषणस्स इकाइयार दुबिहा पक्षता, त० पयन्स सुमत्रणस्सइकाइयाय पज्यष्ठमुहुमषणस्सइकाइयाय । सेत्त सुकमवणस्सष्ट्रकाइया । सं कित वायु धोवायुः विवायु विहिब्वायु वातोमासे, बालिकार बातमवछली उत्बलिकावाटो, मरठलिबादावो । गुन्जावा महायातो दष्विासो पनबाततनुवात वावः मे धान्ये तथा प्रकारा सर्वे द्विविधाः माता-प्रयकापोवा व । तत्र द्यः पृष्ठे अपर्याप्तवास्ते अस प्राप्ताः । तत्र प पते पर्यासका बदन एसा विसरायचो विधान निसिंक्या शानि ।। चौरप्रमुखानि इतसहस्त्राणि पर्यातानि या अपत्यानि कृषि नियमो पर्यस्वपोनि तैरत वाररवायुकाधिर्वाः । भक्तिधामुकाविहार अप अतिविषा प्रतिवा दूरपतिकायाः दिवि । माद्या सूक्ष्मवनस्पतिकापिका बादरवन स्पतिवायिकार,६,चयं,बेतिविष भूमिवनस्पतिकारियों बनवपतिकाबिया द्विविधाः प्रचता । द्यथा पर्याप्तथून वनस्पतिकामिकाः पर्याप्त रविकामिका तर सूक्ष्मवनस्पतिका विचार पद पतिविषा बादरवणस्पतिवाचिका ? बाद ममयपलिका विद्या द्विविधा T Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ का ॥ ३ ॥ सणपाणकासमहग घग्घामगसामसिधारेय । करमवशहरूसग करीरएरावणमहत्ये ।।४॥ आउलतमालपिरिली गयमारिणिकम्पकारियानेही । जायडकेयइतहग जपाउलाढासिश्चकाल्वे ॥५॥ जेया घणे तहप्पगारा सेत्त गच्छा ॥ से कित गुम्मा२ शुणगविहा परमत्ता, तमहा सेरियारणोमालिय कोरिटय वत्युजीवगमणोजा । पीइयपाणकणहर कुजयतहसिधारय ॥१॥ जाईमोग्गरतहज़ हियायतहमलियायवायु ती । यत्युलकच्छलसेवा गठिमगदतियाचय ॥२॥ चपगजाइणयणी इयायकुदतहामहाजाई । एवमणगागारा हवतिगुम्मामुणयहा ॥३॥ सप्त गुम्मा ॥ से कित लया लयान शणगविहान पसनान, तजहा-पउमल यानागलया शासागचपयलयानघतलता। यणलतवासतिलता शटमुनयटसामलता ॥ १ ॥ जेयायमेत हप्पगारा सत्त लयान ॥ से क्ति बल्ली २ चणगविहान पमनान, तजहा-पृसफलीकालिगी तुयीतपुसीय gawarious ढाडसाम्पाः रबीररावणमास्या ॥४॥ बाउसमापिरमीमन मारणायकारिबानियही पावसकतविना गवळपालाप्ययावास. ॥५॥ ये वाय तथा प्रकारासो गुणा । पप बाताव गममा ।। गस्मा अप्यने विधा प्रचप्ता । तपः सरिमनामानवमासका कारण्टब्याधुजीवषममो मा प्रीतिवरमावरी करवारमामगुरही ॥१॥वातीमगरयच्या मालाचतावासका । तुम्छालगुस्मी शेवालगायठमगदानाबमा प. चम्प जातीमारना मुचकुन्दस्तधामहाकाय ॥ ममेकावारा नवनिगममारकाचा ॥३॥ तयत गममा पप काला सता ल तापवावमा प्रमाला पटनसतानागसता पोषचम्पवासताय नमता । वमनासकालतम्त मातमन्द उयामलना ॥१॥ याच न्या सायाबारास्ता सताः । अथवासा वय वक्षपोमबविपा मचन्तालया-पुंसवनीवालिड़ी तम्बोषपसोसलवाली। पापातकीपटासी पण्याासकावासीच॥१गलवाचदुखी कमावाबारियलचीसुनमा । कुपवाचवालीस्या पापावलोचदेवदावी ॥२॥पास्पोटापा Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ---------------- सेन्त गठिया ॥ सेति वक्त्रीयगार णेगविहा प० त० पियसेदुक्का मागमाउलिग त्रिल्ले य छामलगफ सदालिम ष्यासोत्येउयरवशेय ॥ १ ॥ णग्गोद्वणटिरुस्के पिप्परिसयरी पिलरकरुस्केय । काउबरि गुरि बोधादेवदालीय ॥ २ ॥ तिलएल उएच्छतो हसिरीसे सप्तवादहिवसे । लोधवदणण णीमेक यय ॥३॥ जेयात्रो तप्यगारा एएसिण मूलावि ष्पसखिजीविया, कढाथि स्वधावि तयापि सालाधि पत्रालाधि, पता पतेयजीविया, पुप्फायाणगजीविया, फला बऊश्रीया, सेत्त यऊनीयगा ॥ संत रुस्का ॥ सेकित गुच्छा २ वर्णगधिहा पखप्ता, तजहा - बाइगिल्लि पुण्यतहकष्क्रीयजासुमया । रुपी छा पीली सतहमा उलिगाम ॥ १ ॥ कुत्युरिपिप्पलिया छतसी बिल्लीयकायमाईय । चुखपोलाकद लि चाउच्चाषत्युलबद ।। २ ।। पत्तउरसी पउरए इवइतह्जवास एयबोध । णिम्गुठिष्वक्कतू वरि श्याढईचे घतल [] [बविविधा वबीचका ? अयोगका अनेकविधाः मता । तद्यथा प्रविविदुककपित्या चाम्याटकमा निकुविज्वाय धामलप्रपन हामि युत्योदुम्बरवताच १० पिप्पलीतावरीमा बाम्बरिकुरी बोदवा ०१० विशवातावर सो सोधवचन्दमानीकुरवाद ३० तारापूजीकानि कैदी कामपाम्यपि बहुाजाम का 1 पिधायाश्रपि मवाला अपि पाव प्रिप्यनवविधा तथा वृत्तावसभावा यह मुरिजममम् ★ माहिती तुलसाघावित्रीरायः ०१ ॥ कुस्तुमरिपिप्पलियाः प्रतीमायामादि चूकेटप लोकविया पाठाचा बदरव पशोरपुराः प्रविश्रामवायच्च निर्बुडापारिका बाटकिलो ३ बर्ष पानवानमदवा ग्रामविश्ववारासा Ma Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ --- रो हियसिनुपधेयस्वीरजुसे || १ || एरफेकुरुविदे करकल्सुंठे तहा बिजगूय । मकरतणबुरयसिप्पिय बोध सुकलितणय || २ || जेयात्रस्से तहप्पगारा सेष्ठ तथा ॥ से फित बलयार गविहा पखप्ता, तजहा-ताले तमालतक्कलि, तयालीसालिसारकल्लाणे । सरलेजायतिकंयह, कदलितह पउमरुरकेय ॥ १ ॥ नुमरुस्कहिं गुरुके, लवगरुक होइयोधन् । पूयफली खरी, बोधज्ञानालिएरीय ॥ २ ॥ जेयावसे तहष्पगारा सेत्त वलया । स कित हरिया ? हरिया ष्षणेगविहा पणप्ता, तजहा- ओोरुहवोदाणो, हरितगतहतदुलेखा गतणेय । वत्युलपोरगमज्जा, रपोइवल्लीय पालक्का ॥ १ ॥ दगपिप्पलीयदी सोस्यिय साएत त्रममुक्की । मूल सरिसवल, साएयजियतएव ॥ २ ॥ तुलसी कराह नराले फणड्एश्एयनूयणए । घोरगदमण गमरुयग सतपुष्फिढीवरेपतहा ॥ ३ ॥ जेपात्रो तहष्पगारा सेत्त हरिया । से कित संसद्दीच ? चसहीन बिहान पता, तजहा - सालीषीही गाऊम जयकलमसूरतिष्ठमुग्गा । मासणिष्कायकुलत्य यलिसि दसतीणएलिघा ॥ १ ॥ न्यसीकुसुनकोय कगूरालगयरह कोहूसा । सणसरिसमूलवीया जेयायसे तहप्प तिवोदय पूपफलखजूर योदव्यीनारिकेलय ॥ २ ॥ येषाम्पे तथाप्रकारात वलया : पय कतिविधा हरितका हरितका अप्पनक विधाता ध्यारूढोवोडा हरिततदुलोबलमतानेकः वत्युरूपौरगमज्जार पर लीचपालकिया कपपलिका दर्जा स्वस्तिकाचा कचैवमवका ॥ ९ ॥ मूलबसरसवास्थिल शाम जयन्तकदेव || तुलसोहमा सो अर्जुन मेदेन चोरदमनकसचच शतपुष्पी दीवचतथा ॥ पचाम्पे तथाप्रकारात हारताः अथ वाला औषधय । चौपचयो उनकविधा प्रचप्ताः । शालोहीगोधूमा यववसम मसूर तिलमुद्ध ० मास त्यासीद्यतीवालि १० अपसकुसुमकोद्रव करालमासाद्रथाः । गुणसरिसवमूलबीजा। यचान्ये वपामचाराखाची " Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - एलवालकी । घोसाप्तईपठोला पचगुलियायणालीय ॥१॥ कगूलयाफदुइया कक्कोमहकारियलई सुनगा। फुपयायधागलीपा धावल्लीतहदेवदालीय ॥२॥शप्फोछाश्चाइमन्तय नागलयाकएहसूरयल्लीय सघहसुमिण सायिय जासुमणकुविदघल्लीया ॥३॥ मुष्टियवधायली धीरविराष्लीजियतिगोपाळी । पाणीसामावल्ली गुजा यवीययत्याणी ॥ १॥ ससषिदुगोप्तफुसिया गिरिफरमाइमालुयायचजणई । वहफुलयकोगलिमा गलीयतह थक्कापोटीया ॥५॥ जेयायसे ताप्पगारा सेस यल्ली। स फित्त पन्गा २ शणगविहा पमत्ता, तजहा मुस्कयाहस्कुवाकये वीरुणातहडकपमासेय । सुठेसरेयवेत्ते तिमिरेससपोरगणले ॥१॥ घसेवेलकणए फका यसेययषयसेय । उदएकुएषिमए कावेलूयकल्लाणे ।।२।। जेयाष सहप्पगारा सेठ पश्चगा । से कित तणा? समायणगयिहा पणता , तजहा-सझियगतियहोष्ठिय वनकुसेपछएयपोकाला। घणयसाठए तिमु नामसळपावमयोपेतुमनसोपिक बातमनाविणीचा मुशिवाम्बानी वीरवियतीव्रपालीमीपाली पारी पामाजी मुचावलोचनात्याची शेषवतीचाहिनोवा पुरीनिरिधिमासुबालानी। विपुष्यवागविमोगरी ववधाम्यापोरीया. या पाण्याचा प्रचारासापा । पच पर्वमा पर्यगा धनेवविधा मधलाखयपा-पायवाट्रिया tariwar सरेपवेडा तिमिराठवपोरगपाखाप । बसोवा बा बाममी पालिवयापा । २ पेशाय । लापा।२० पत्र पामा पर्वमा मानिस पाEिramiNew मा पराविन्दा बरकराठोत्तपाविप्रारमपुरवा राय मेरावीचमामिधाम्मानियमा प्रबाराविवामि मितिविपासासमा पवविधा प्राप्ताः। पावासतमासासी पत्लासिवनारिवापारपसारवानिकी माप .पूषोगिकीसवमय Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रो हियसिसुययेयवीरनुसे ॥ १ ॥ एरफेकुरुविदे करकस्सुठेतहाधिनगूय । मजरतणबुरयसिप्पिय बोध सुकलिप्तणय ॥२॥जेयायो तहप्पगारा सेत तणा॥ से कित वलया२ शणगविहा परमप्ता, तजहा-ताले तमालतकलि, तेयालीसालिसारफलाणे । सरले जायतिकेयह , कदलितहपउमरुरकेय ॥ १ ॥ नुयरुरकाहिं गुरुरके, लवगरुस्केयहोहोघई । पूयफलीखारी , योधवानालिएरीय ॥ २॥ जेयावरी तहप्पगारा सेत्त पलया । से कित हरिया ? हरिया शणगविहा पसता, तजहा-शोरुहवादाणो, हरितगतहतदुलेका गतणेय । अत्युलपोरगमा, रपोइयालीयपालक्का ॥ १ ॥ दगपिप्पलीयदछी सोस्यियसाएतहेवममुक्की । मूलगसरिसवशथिल, साएयजियतएचेव ॥२॥ तुलसीकराह नराले फणण्शाएयतयणए । घोरगदमण गमरुयग सतपुफिटीवरेयतहा ॥ ३ ॥ जेयायो तहप्पगारा सेत्त हरिया। से कित सही ? सहीन शणगविहा परमप्तान, तजहा-सालीवाहीगोजम जयकलमसूरतिलमग्गा। मासणिप्फायकुलत्य थलिांस दसतीणएलिघा ॥१॥ आयसीकुसुनकोद्वब कगरालगनरहकोहसा । सणसरिसमलयीया जेयायो तहप्प BHABDewaaDaroen000000000000oaeke MT तिबोध ॥ पूगपतसर बोहव्योनारिशेप्सब २० येषाम्पे तपाप्रकारातों बलपा. पप गतिविधा परितका । रितक्षा पप्यनक्ष विषा । तापा पण्याहोवोरा परिततानुसोवलपताने वायुमपोरगमजार पोरनीषपालभिवादयपीपतिवादी वस्तिवाशा पसावमयी १-ममबसरसवाम्बिस शाखचत्रपक्ष तुमसोमोरासो अनुमानर्चमेदेन । चोरटबममबसपशवपुप्पीन्दीवरतया ॥ मचाम्ये तपाबारा परतावाता चौपषय । औपचयो ऽमकविधा प्रघप्ता । शासोतीहीगोपमा यवसममसूरतिलमुद्रा । मास निप्याकुलत्या बससीवसतीपास प सीकुतुम्मनोवगरानमासबोदवसात मुससरिसबममधीला पचाग्य वपामधारावाची Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एउचालुफी । थोसाप्तईपझोला पधगलिथायणालीय ॥ १॥ फगलयाफदछया फलोफडफारियाबई सनगा। फुपयायवागठीपा पायालासाहदेवदालीय ॥२॥ शप्पोशाशममप मागलयाफराहमूरगतीय सहसमिण साथिय जासुमणफुयिदयालीया ॥३n मुहियथावाली वीरयिरालीजियतिगोथाठी । पानीमामायानी गुजा पालीपथल्याणी॥१॥ ससविद्गामफुसिया गिरिफाइमालपायथागई । वफलपफागरिमा गठीपतष्ठ थोंदीया ॥५॥ जेयायो तहप्पगारा सेत्त याबीन। म फित पढगा २ थपगविहा पणना, सहा हरपाठस्फुयाये धीरुणातहटकायमासय । सुठेसरययत्ते मिमिरसतपोरगणले ॥१॥ यसर्यसूफणए फका सेययवयसेय । उदएफुफएधिमए कमाघेलयफालाण ॥२॥ जेपायो तहप्पगारा संप्त पधगा से फित - वणाश्वमा शणगयिहा पणता , तजहा-सक्रियगतियहोष्ठिय दस्सफुसपधएयपोकालाथणयसाठए सामानकमतरवायी । पंपएमनसोपिच प्रातमुममा कुपिन्दगी1080 पुद्धिवावाणी वीरविणतीजीपापापा सोमाग सानी वयाची परतीचाहिनीचा पुरमीगिरिवपिमासुमाग्रीमिपुमागविमीपरी चरामा समलियारा पाने पर्वा पर्वगा पनेविप माला-मुपाशुपादियाsimilar पारिवानिवपौरनपाताच ... पंधीवेसूप बालपinis t पामार पवनी यात्रालिनिसामानिमालपाटातमविरारहोसमापिरला पप्प तात्पचिपतिनगरपिारिवामितमा धाराषितानि न NिIRAILamaru MAILI मिषा पासमासवडली बत्तालिपारिताबारपसारसपानीwww.मरोगियोगमा PHO Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ DDDDHema-meml साहारणसरीरयादरयणस्सङकाइया? २ लणेगविष्ठा पणता, तजहा-शवए पणए सेवाले लोहिणी निन्ज त्थिनगा शस्सकरणी सिहकणी सिउठातप्तीमुसढीय ॥ १ ॥ रुरुकुण्हरियाजारु, बीरथिरालीतहेवकिहीया हलिहासिगवरेय, श्वालुग्गमूलएड यकबूय कणकतमपोगलइतहेव मसिगी विरुहा सप्पसुगधा लि वरुहा चेय यायरुहा पाढामिययालु की मजररसा चेव रायबल्ली य पउमा य माठरी दति पमिकिहाति यावरा मासपणी मुम्गपछि जीवियरिमिके य रेणया चेव कानली वीरकानली तया नगीणहाईयाकिमिरा सिनमुत्याणगलइपेलुगाइय किराह पउल य हहरतण्या व लोयाणी कराहकदेवजे सूरणक तहेय खास्क एए शणतजीवा जेयावणे तहाविहा॥ तणमूलकदमलो वसीमूलितियावर । सखेज मसखिया वोध छायणतजीयाय ॥१॥ सिघाफगस्सुगुच्छो शणेगजीवोउ होति णायहा। पता पत्तयजिया दोणियजीवाट फले | तपपा चनय पनव सेवास सोही बी सिमका भय सिरका सरिद ततो मुसरढो ॥१० तरुवनकुन्दरिविसवीरषिरातीत पापाता। हारिदम्वेर पासममीकम्यु रुपन्दमपुपाखेव ॥२. मपङ्गीविरुठी सबसुमतिविनता । पश्मसावाताती मधुररसाधराज मता । ३ पनागापारिदात्यो पीविधातिवापरामासपी । मलपोमावरसिमा रघुकावासाकोलीचीरकाकोली ४५ घाफमराशिमापा गु. मापसयामशासपीमायतकदी तपारतमोपाची ५० रुमकदमदो मरणपाद सखुस । पते पनन्त जीवा ये धाप्यम्प तथा प्रताः ॥ ६॥ वबमसबम्नम्मा वसीमसास्तपाचपरे । सम्येया समस्येया घोटुमावतपापरे १० नाटकासगशीव्य मेवजीवीनतिवियि । पा प्रत्यवाचीवा बौद्योजीवोपतविशेषो. पस्यमूलस्पप्रम्मस्य समोभासदश्यत । पानीवासम्मसे पेवाप्यायेतपाविघा १॥ पस्य बन्दस्य प्रमस्य समो प्रस्न दृश्यते । आमन्त श्रीवात म्मले पवाप्याये वपाविधा ॥२॥ यस्य न्यास समास्य समो मस्त दृषपते । अनन्त खोवा Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गारा सेत्त सही । से फित अलरुदा २ थपेगविहा पणता, तजहा-उदए थपए पप्पए सेशले फउ हठे कसेम्या कच्छन्नाणी उप्पले पउमे क्मदे णलिणे सुना सोगधित पोफरीए महापोहरीए उयपत्ते सह स्सवसे फलहारे काकणदे परषिदे तामरस निस निसमुणाले पोस्कर पोस्फलच्छिलए जंपायणे तहप्प गारा सेत्त जलरुहा । से कित कुहणा ? थणेगविहा पणता , तजहा-शाए फाए फुहणे फुणके दलिया थफाए सम्झाए बप्लोए वसीणहिया फरए १ जेपाषसे तहप्पगारा सम्म फटणा । णाणाधित ठाणा रुस्काषएगजीषियापप्ता। खधोधिगजीया सासरलनालिपरी १३ जमगलसरिसयाण सिलेस मिस्सापट्टियावहा । पप्तेयसरीराण तष्ठष्ठोतिसरीरसधाया ॥२॥ जहयातिउपप्पठिया यजाहितिडेहि सहवासती । पत्यसरीराण तहहोसिसरोरसधाया ॥३॥सेच पोयसरीरयादरयणसइकाहया से कित PROCESeconoce पपका पप गतिविना बहाबमा पमपविण चला। वद्यपा-उदयपन वापसम्युरे सारण उत्पाहपशकुमुदामिनसिनसुमनसोयमिपुरारीपापत्र सातपाद्वारपीपलवार दिनामिनास-प्रहातमा माए । पेचा वधावाराने बसमा पथ विविपासारामसेविमा मातालवीयान मातिवा. पासप्रन, साकीवरातिाियितीपदागिरीमामाविषयबामा रा एकवीराणातीपिजीबोसनपुरावारिसलामीमाचारमापासचमवावाबरी का सिरिस्पाArarilyHAलतानीबारीot meaरीराचाmauranबरोर बादरबनस्पतिकारिबारविविधामाचारपत्रबाररमपक्षिाधिकारावाधारबाररवादरममावविविवाnि . Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हीरोनगेपदीसई । परिप्तजी बेउसे खधे जेयावखेतहा विहा ॥ ३ ॥ जस्सतया एजग्गाए ही रोजगेपदीसई । परि सजीवातयासाउ जेया तहाविद्दा ॥ ४ ॥ जस्ससालस्सजग्गस्स हीरोजगेपदी सई । परित्ताजी उसे साले जेयायन्तेतहाविद्वा ॥ ५ ॥ जस्सपवालस्सनग्गस्स ही रोजगेपदीसह । परितजीवेपयालउ जेयायन्नेहा बिहा ६ ॥ जस्सपप्तस्सनग्गस्स हीरोजगेपटी सई । परिष्तजीवे उसे पते जेयाघोतहा विद्वा ॥ ७ ॥ जस्स पुप्फस्स नग्ग स्स हीरोजगेपदीसह । परितजी उसे पुष्फे जेयावन्नेत हा बिहा ॥ ८ ॥ जस्सफलस्सनम्गस्स ही राजगे पदीस ई। परिजीवेफलेसउ जेयावतहाविहा ॥ ९ ॥ जस्सवीयस्सजग्गस्स हीरानगे पढ़ी सई । परिष्तजीवउसे बीए जंयात्रनेताविहा ॥ १० ॥ अस्समूलस्सकठा बल्ली हलतरीन । छणतजीवा उसाबल्ली जायाव स्य हीरो नङ्गस्तु दृश्यत ॥ प्रत्यक श्रीवास्तन्मूले ये वाप्यन्ये तथाविधाः ॥ १ ॥ यस्य स्कन्दस्य प्रम्मस्य हीरो भङ्गस्तु दृश्यते । प्रत्येकजीवा स्तरबन्दे ये वाप्यन्ये तथाविधा ॥ २ ॥ यस्य स्वन्यस्य जनस्य हीरो नतु दृश्यते ॥ प्रत्येक जीवास्त स्कन्ध यवाप्यस्य तथाविधा ॥ ३ ॥ यस्य स्वचस्तु लाया होरा भङ्गस्तु दृश्यत । मत्यवमावास्तु त्वचि यवाप्यन्ये तथाविधा ॥ ७ ॥ यस्य शालस्य मम्मस्य होरा प्रस्तु दृश्यते । प्रत्येकजोवाल याले येाप्यस्य तथाविधा ॥ ५ ॥ यत्प्रवासस्य प्रम्नस्य हीरो प्रङ्गस्तु दृश्यते • प्रत्यक जीवाला स्पु ये वाप्यन्ये तथाविधा ॥ ६ ॥ पस्य पत्रस्य म म्नस्य हीरो प्रस्तु दृश्यत । प्रत्यक्ष जीवा स्तत्पत्र ये वाप्यस्य तथाविधा ॥ ७ ॥ यस्य पुष्यस्य नमस्य होरा नङ्गस्तु दृश्यत । प्रत्यकजीवा ला |प्य प वाप्यस्य तथाविचा ॥ ८ ॥ यत्पालस्य तु मम्मस्य हीरो नङ्गस्तु दृश्यत मध्ये जीवास्तु पल य वाप्यम्य तथाविधाः ॥ यस्य चीजस्य न नस्य हीरो मत दृश्यत । प्रत्येकली वास्तवीक ये वाप्यन्ये तथाविधा ॥ १० ॥ यस्य कन्दस्य काष्ठज्यान्तस्त्वव बहुला भवेत् । मन्तवस्त चिया वाप्यप्पा स्वधाविधा ॥१॥ यस्य स्वन्परूप काष्ठेभ्यो वस्त्वम् धनुसा प्रवेत् ॥ अनन्त श्रीवास्वत्वाच ये वाप्यस्य तथाविधा ॥२॥ यस्य चा acaas------------ Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ : S जणिया २जस्समूलस्सन्नम्गस्स समोनगोयटीसए। शुणतजीधे उसेमूले जेयारणेतहाविहार जस्सर्फनस्स जम्गस्स समोलगायतीसष्ठ । शुमतजीवे उसेफदे याषन्लेतहायिहा ॥२॥ जस्सनघस्सनग्गस्स समोनगीय टीसई । शपसजीव उसखधे जेयायवातहाविहा॥३॥ अस्सतयाएनग्गा समोजगायदोमट । वणतजाया यासाउ जयायक्षातहायिहा ॥१॥ अस्ससालस्सनग्गस्स समानगोपटीसई शणतजीव उसे साल जेयायन्ने हाविद्या ॥५॥ जस्सपवालस्सनग्गस्स समानगोपदीसह । श्शुणतजीयेपयालेसे जेयाश्नातहाविष्ठा ६॥ अस्सपष्ठस्सन्नम्गस्स समोलगोपदीसई। शणतजीव उसेपत्त जयायन्लतहाविष्ठा ॥७॥ जस्सपुण्फस्सनग्गस्स समोनगोपटीसई । घणतजीयउस पप्फे जेयायन्नतहाधिहा ॥८॥ अस्सफउस्सनग्गस्स समोनगोपदीसई । शणसजीवफलेसे उ जे यावलतहायिहा ॥ ९० जस्सयीयस्सन्नग्गस्स समोनोपदीसई । थणतजीयउमधी० जेयायक्षेतहाविहा॥१०॥ जस्समूलस्सन्नग्गस्स हीरोजगोपदीसह । परिधीवउसेमले जेयावतहाविहार जस्सकदस्सनग्गस्स हीरोजगोपदीसई । परिष्वजीउसेकवे जेयायन्लेवहायिहा ॥२॥ जस्सखंघस्सनग्गस्नु Hamarthai LET सम्मस यवाप्यम्प तपाविधापम शाबा प्रपनासमोपडीशियामाहा गएपपेपोदिपी नुनमापा समो शव परी . पेप्यापे पाविपा.१० परमवासन मास सामानवोपरी : म वाप्यम्ये पापिपासा पनि समाजमा जमिनमा पम्प पुष्पमा । मल समो वापत तीन तरपुष्य वापये तपावित्री पत्नपान मा प्रकारात वाविधाः यम बोनसमा बमो प्रापत बनवमीका साथ ये बाप्पम्य परिस मस मग Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हीरोनंगेपदीसई । परिप्तजीवेउसखधे जेयावणेतहाविहा॥३॥ जस्सतयाएजग्गाए हीरोनगेपदीसई। परि । प्तजीवातयासाउ जेयावसातहाविहा ॥ १ ॥ जस्ससालस्सन्नग्गस्स हीरोनगेपदीसई। परित्तजी वे उसेसाले जेयायलेतहाविहा ॥ ५॥ जस्सपवालस्सन्नग्गस्स हीरोजगेपदीसई। परिप्तजीवेपवालउ जेयायलेतहायिहा ६॥ जस्सपप्तस्सनग्गस्स हीरोनगेपदीसई। परिप्तजीउसे पते जेयायतहाविहा॥७॥ अस्सपुष्फस्सनग्ग स्स हीरोनगेपदीसह । परितजीवे उसे पुष्फे जेयावलेतहाविहा ॥८॥ जस्सफलस्सनग्गस्स हीरानगेपदीस ई। परितजीवफलेसेउ जेयायवेतहायिहा ॥ ९ ॥ जस्सीयस्सजग्गस्स हीरानगेपदीसई। परिप्तजीव उसे वीए जयावलेतहायिहा ॥ १०॥ जस्समूलस्सकठा बलीयहलतरीनवे । शणतजीघाउसानली जायाव स्प हीरो प्रस्तुदश्यत । प्रत्ययजीवाससम्मसे ये वाप्याये तथाविधाः १॥ यस्य स्वन्दस्य नमस्प पीरो भहमत दश्यते ॥ प्रत्यवतीवा स्तत्वन्दे ये वाप्यस्य तथाविपा ॥२॥ यस्य सन्यस्य नास्य रो मस्त दृश्पते । प्रत्येकजीवास्त स्वम्प पवाप्यम्प तथाविधाः ॥३॥ यस्य स्वचस्तन म्मापा होरा भङ्गत दरपत ॥ प्रत्यवत्रावास त्वपि ये वाप्यन्ये तपाविधा ॥an यस्य शासस्य मग्मस्य रास्त वृधयते । प्रत्येशीवास्त शाने पेवाप्यम्य तथाविधा ॥५॥ यत्प्रवासस्य प्रग्नस्य हीरो प्रत दृश्यते प्रत्यक जीवनमा स्यु पंचाप्याये तथाविधा ॥६॥ यस्य पत्रस्य म गमस्प हीरो प्रस्तु वापत मत्पनीवालपत्र येवाप्यम्प तपाविधा ॥७॥ पस्य पुप्पस्य नमस्य होरा प्रास्त दृश्यत । प्रत्यक्षाचीवा ताप प्य याप्यम्य तथाविधा ॥८॥ यत्पातस्य तु मम्मस्य हीरो प्रहमा दायत . त्यजीवनस्त पत यवाप्यम्प तथाविपाःun यस्य चीजस्य न ग्मस्प हीरो प्रस्तपत प्रत्येकनीबासबीच ये वाप्यन्ये तपाविपा १०० यस्य कम्दस्य बाप्ठेश्यान्तरस्वबयामा भवत चमतवीवास्त स्वचि पावाप्यम्या पाविघा १॥ यस्य स्वाम्पस काठेभ्यो तस्त्वावासा वेत् ॥ पमन्यजीवाचाच येवाप्यम्य वयाविघा ॥२॥ यस्य शा। Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मासहाविष्ठा ॥१॥ जस्सकदस्सका बाबीयलतरीनधे। शणतजीवाउसानली जायायणातहायिहा २० । अस्सस्खघस्सफठा बलीवहलतरीनवे । शणतजीवाउसानली जायायमातहाविहा ॥ ३ ॥ जस्ससाठाइक छा बलीयहलतरीन शणतजीवाउसानही जायायणासहाविहा ॥ १॥ जरसमलस्मफठा वहीतणु यरीनवे । परित्तजीवाउसानली जायाधमातहाविहा॥१॥ जस्सफदस्सफठा वलीतणुयरीनवे । परित्त जीधाउसाबाबी जायाषणातहाविहा ॥ २॥ जस्मखधस्सफठा वलीतणुयरीजये। परियजीयाउसावली जायायणातहाविहा ॥ ३ ॥ जस्ससालाहफठान बलीतणुयरीनये। परिप्तजीघाउसानली जायाधणावहावि हा ॥ १ ॥ घलागनामाणस्स गठीचुणघणोनवे । पुठचीसरिसएणनेदेण थप्पतजीययियाणाहि ॥१॥ गूढसिरागपत्त सच्छीरजघहोइनिच्छीरं । जपियपणठसघिंथणतजीयपियाणाणि ॥२॥ पुष्पाजव्यायठया मम्म बाहेप्प स्मीतु पत्ता प्रवेत् । मन्तजीवावपि पावाप्यम्या पाविपापम मूलमायो पावन जनवरीमा समेत जीवास्त्वचितु पावाप्यन्या सापाविषाः ॥ १॥ परम पावस पाठेभ्यो तर अनुतरीमा प्रमाणित पाशाि परम रमपम चाहेभ्यो तस्त्वतनुतरी मता ॥ मत्पनीमाशु त्वपि पावाप्रपा समावि मेस्पभोस यी नापीकर वा प्रत्येकीचा स्वधि पावाप्पम्या पाविप Bानेव्यमानस परिहारामती नीयात् भूशिरा पा सोर पानिधी या dirtant fati एयरत लिनताला TITION मा पारस्य ४ पधान्य बदरपतवमिनीवनिक्षत्रीबी रोचीबोरिवारपसापानसर्मबन्दीपुजबषिबीमो पवेत्येक फाबविता Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ P t 3 ६ @ a ठिबास गालिया । सखिमसखेा योधात जीवाय ॥ ३ ॥ जेकेउना लिया श्रद्धा पुष्फासखेतजी बिस । णिऊराष्ट्रणतजीना जया गनहाविडा ॥ ८ ॥ पउन सक्रिय कल्ली य । एते पणतजीबा एगाजीयोजिम ॥ ५ ॥ पल्ल्हड की एपरिप्तजीया जेनात्रनेत हारिहा ॥ ६ ॥ पउमुप्पललगण सजग गरा। रवि कुण सतत महस्वपलाण ॥ ७ ॥ घिटनाष्हिरपत्ता यकसिया तिराना पत्रकार मजा ॥ ८ ॥ व गुनल स्कुबानिय समामड स्कूटक्कर | करन्तु जिगु नागपगाणच ॥ ९ ॥ मन्यन्महो तिजीवस्म । पत्तयपत्ताई परफ मज ॥ १० ॥ एक फलकालिंग तुयतउलुक | घोसाल्य पाल तियचति ॥ ११ ॥ ननकीवरून । पत्तपत्राइ सकसरमक्सर मिजा १२ ॥ सप्फा"सज्काए उछेहाला मुटु दुहाउनयणानं ॥ १३ ॥ जोगिन यी जीवा येचाप्यन्ये तथाप्रकारा स् ॥ ६ ॥ पालना नगन्धिकम् । वन्दोनदामा पत्राचाम ॥9॥ करने ॥ ॥ वरमिनामतु कर्मग्यमा । करकर पिटा कविया चकशीशान ।। श्राह्मपत्रात १२ ॥ पुष्पफलकम् स्म ।। ११ ।। पपलाच पापातकपटाल ति मित्रा ॥ १२ ॥ सप्फाग्रसक्का जीवस्य प्रत्यष्ठपण सदसर फसर नकु छ । यवनीया करता च ॥ १३ ॥ वाथपानभूत कामात चान्या वा । पापचमूसजीव सापिश्रिया ९४ ससा सतु मानना । सववद्दमाम प्रत्येक सजीवा डाला स्वानपथगामिस्य 500000000030300303.c Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जीयोवक्कमहसोवश्खोया । जोषिशमूलेजीयो मोविजपत्तेपढमयाए ॥११॥ सहोधिफिसलनखल उग्गम माणोक्षणतननणि । सोचेषवियहतो होडपरिप्लोशणतोया ॥ १५॥ समययक्षताण समयनसिसरीरणि छप्ती । समयशाणग्गहण समय उस्सासनीसासो ॥ १६॥ एकस्सउजगण यन्त्रणसाहारणापतष । जय याणगहण समास-तपिएगस्स ॥ १७॥ साहारणमाहारा साहारणमाणपाणगणच । साहारणजीयाण सा झारणलस्कणएय ॥ १८॥ जहश्चयगोलोधतो जानतप्ततथणिजसकासा । महानगणिपरिण णियजीय ताजाण ॥१९॥ एगस्सदोण्हतिराहय सखजाणवपासिउसका । दीसतिमरीराइणिठयजीवाणणताण २० लोगागासपएस णिन्यजीवठवहिएकोक । एवमषिमाणा उपतिष्ठायाधणता ॥२१॥ोगागासपदसे परित्तजीवठयितुएचक्क । एवमपिडामाणा हयतिठोगाथसखस्या ॥ २२॥ पवेयापज्जत्ता पयरस्सयसस नागमिता । लोगाथसखायपज्जत्तयाणसाहारणमणता ॥२३॥ एएहिंसरीरेहि पञ्चकतेपपियाजीया AAREE समयमुलानामा समबतेपाथरीरनिति । समयमायापान पायोपाससियासी १९ परपसारा मालपारमा नांचा पानागार समासतदपिषम सापारमाहार मापापामाविमा सूर्य मापारी पापापतिमात्मा सामोपोतोमावो बासमतपनीयसहामा । पर्वामितपरिणतया मानानिधि विगिता परस्पी पारामा भरपामानवोपना वामपणापिन् नमामानिमोदनानाशाहीवादी मंगादत्रीवस्यापतकम् । पवनुमोपमामा प्रतिसोबाचमन्ता पnिton मसविस्थापन महीपातमीपमान प्रवासायचिस्याता,२२ ॥ पर्याप्तप्रत्येकी प्रारस्यासमागमि anमयोकाबपोता सापारवाना पनियाभरीरो प्रस्मस्वरूपियानोवामुल्लापाचापामा पशुपमतपान्ति २४॥ (स्या Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 色 तं० सुकमाश्वाणागिज्या वस्कुप्फासनइति ॥ २४ ॥ जेयावणे तहष्पगारा ते समासनं दुखिहा परणता, पाप्तगा य उपयप्तगाय, तत्यण जे त पागा तेण सपता, तत्यण जेत पातगा तसिण यन्ना देमण गधाद सेण रसाद सेण फासादमण सहस्वग्गसो विहाणाइ सखेड्याइ जोगिप्यमुहसय सहस्साइ पत तगणिस्साए पन्नगा वक्कमति, जत्य एगी तस्य सिय सखिया सिय सविता सियणता एएसिण हमार्नु गाहानुं शृणुगतष्ठान तजहा-कदायक्दमूलाय रुरकमलाइयानरे । गुच्छाय गुम्मबल्लीय बेलुयाणितणा णिय ॥ १ ॥ पउमुप्पलसिघान हढयसवाल किराहरपणए । श्रवण्यकच्छनाणी कदुक्कुणबीसमे ॥ २ ॥ तल्लिनालय पप्तपुष्पफलेस्य । मूलग्गमज्कषी एसु जोगीम्स्सइकेत्रिया ॥ ३ ॥ सप्त साहारणसरीर घादरयणस्सटकाइया । सन्तयादरयणस्सइकाइया | सत्त एगिदिया ॥ से क्ति बेइडिया ? बेइदिया ग विह्ना पणप्ता, तजह्ा–पुलाकि मिया कुच्छि किमिया गनृयलगा गालामा णउरा सोमगलगा बसीमुहा सू पपिषाम्ये तथाप्रकारास्त समास्ताद्विविधा प्रचतास्तद्यथा पर्यातकापर्यातकाच तत्र पत्रपर्याप्तास्ते सम्प्राप्ता तत्र ये पर्याप्तका स्तेपा दामन्यादरमादेशन स्पशादेशेन सहस्त्राग्रथो विधानाम (मेग ) सख्ययामि यानिप्रमुखशतसहस्त्राबि पर्याप्तमिश्रा अपर्याप्तवा कमरते कस्तत्र स्यात्सस्येमा स्पादसरूपमा स्पादनमा । यतेपानिमा गाथा अनगन्तव्या तयचा- कन्दन्दमूलामि वृक्षमूलानिचाप रागावलाच वेकानिवानिच ॥ १ ॥ पटनात्पलशृङ्गाटका सवालकामना। अवनफाकवनायि कम्दुकका नविशतिक | ॥ २ ॥ स्वकपिवालपु पत्रपुष्पफलपुच । मूलाग्र मध्यवीजपु यानि कस्यापितापिच ॥ ३ ॥ एका साधारणधरोरयादर वनस्पतिकायिका यादवनस्पतिकायिका । समाप्तानि एकेन्द्रियाणि । अथ के ते इन्द्रिया हो प्रिया अनेकविषाः प्रचतास्तद्यथा पूर्ति कपिला कुक्षिपि Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . ईमहा गोजलोया जलोया जाला उया सम्बा मख गगा घुवा बला खंधा घरामा सोनिया मोनिया काट्या घासा एगठबना दुहनधना णदिवाणमा सयका माइयादा मिाप्प मपमा चदणा समइलिस्का , जयायले सहप्पगारा सई ते समुच्छिमा नपमगा न समामन पिता प० त०-पजनगाय शुपजनगाय एमिण एयमादियाप घेइदियाण पजत्त पन्नाण सन्जाइमरकामी जाणिप्पमहसयसहस्सा जपतीति मस्काय । संत्त घटियससारसमावसजीवपरम वगा ॥ म किन नहदियससारममायाजीयपमधामा २? गगचिहा परसप्ता, तजहा-उभइया रोहिणिया कुथ पिपीलिया उमगा उहिया उकलिगा उप्पाया उप्पा तण हारा कठहारा पन्तद्वारा मालुया तमायटिया पन्नायटिया पप्पयठिया फसविठिया घीयायठिया तपुर __णमिजिया तउसिमिजिया कप्यासठिमिजिया हिलिग जिल्लिया फिगिरा किगिरिफा पाचया उताण सु ... . बागपणा नोसोमा तसा अममा बीमणाः सूचीमुपा पावोm antmसपा शेरा TRI पुमाखमा TE Ei fad मौप्ति सापवासाः बोपयुत्ता रिपोपपता न ण्यु मोतिका समानाम, पशिष पारा सत समूचिमा नपुंगवासा समासता द्विविधा HDHI I तपा-पमा पीपा पपपमा मिर्गताप महत समातिबोटीना पोनिप्रमुपातिमातापि. विपापातमा मिस पासव सापा, मुसमापनापनादि Hindचा पाति परिणमा सन् विपालमा पर बालिता पवत्ता उत्पादनारिकाधाममा पाचारा वषयी पुरवी पुप्पो पानयटी वा गरगमम जिवा बसमजिवापासमन्त्री विधा मानिग भिमारपा बिंगरियाबाया साबुनमा मोबासका नुषिटारसति : PLEH पिशीलवा ar Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ .oupsappuram नगा सोवत्थिया सुयबेटा इदकाहया इंगोण्या तरतुधगा फोत्यलया हगा जया हालाहला पिसुया सत वाइया गोम्ही हत्यिसोझा यात्री त० सशे ते समूच्छिमनपुसगा त समास दुधिहा पणना, तजहापजात्तगाय शपजात्तगाय । एएसिण एषमाइयाण तहदियाण पाप्तापजनाण शुष्ठजा कुल काफिजाणि प्पमुहस यसहस्सा हवतीति मरकाय । सत्त तइदियससा० । से कित च उरिटियससारसमा यजीवपरमात्र णा २? चणेगविहा परमन्ना तजहा-शधिय पाप्तिय मेच्छिच, मगसिरकोक तहा पयग य । ढकग कु कुछ कुक्कुह , नदावतेय सिगिरिफे। किराह पत्ता नीलपन्ना लाहियपत्ता हारिपन्ना सृक्किल पन्ना मिनपरका वाचत्रपरका हजलिया जलचारिया गनीरा णीगिया ततया शत्यिरोझा शत्यिवहा सारगा ने उग दाग नमरा नरिली जरुला तोम्ना विच्या पत्रविच्चया छाणविच्या जलविच्चया पिग्गा क "गा गाम का जवारस तहप्पगारा सह ते समुच्छिमा नपुनगा त समासन दुविहा पणप्ता, तजहा-पानगाय शप HDSIDEOS000000mama-RDOREAT m HOMo moCOM का र गोपा तुरुतुम्यमा कुल त्यागा पका हाताला का सत्रापा कोयला पाहायला ये वाप्यम्य धास्त समाछ मा मपुमकामा त समासता हिविषा प्राप्ता । तद्यथा पोमबापयामहाच । गतपाममादिकामा जाम्पिापा पर्यामापर्णवाम मट भातसकाटपोनिप्रमुसयतमात्रापि माता रत्यापातम् । तपतीन्द्र य पाया ॥ पच वातावरावतारम्ति पसारसमापनजाबापमा । चतारामयससारममापaalanापना समविघा मा । तपा प्राधकसिकमा मशीद स्तचापताच ॥ मस्याकक्षक मद्यपरिकाप.पता मालपहा मातिपक्षा भारपा पुसायला विधिपझा पनलिका जलधारवा गोरा नियतासम्वोतिरामा पारवेषाः सारा मतादाता वमरा नामयों बलमहा वाहा पाषा पवाया। मामपपषिक्षा बसविता Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ज्जत्तगाय । एएसिण एयमाठयाण चउरिदियाण पजप्तापज्जत्ताण नघजाइकलकोकि जाणिप्पमुहसयसह स्साइ नयतीति मस्काय । सेप्त चउरिदियससारसमायणजीयपमायणा । से कित पचिदियमसारसमावण जीवपणषणा ? पचिदियससारसमावसजीयपरमवणा चउविहा परमत्ता, तनहा-नेरठयपचिदियससारस मावरमजीवपणषणा तिरिरकजोणियपचिदियससारसमावणजीयपमपणा मामस्सपचिदियससारसमावण जीवपणवणा देवपचिदियससारसमाषणजीयपणवणा । से कित नेरठया २ ? सप्तविहा पणता, तजहा रयणप्पना पुनधीनेरठया सकारप्पनापुढविनेरहया वालुयप्पनापुढविणेरड्या धूमप्पनापुढविणेरहया तम प्पन्नापुढविणेरडया तमतमप्पन्नापुढविणेरडया। ते समास दुषिहा पणप्ता, सजहा-पजागा वापस गाय । सेप्त परइया । से फित पचिदियतिरिस्क जोणिया २१ सिविहा पणता, तंजहा-जलयरपचिदि मिपलासाः समाः मोमपीता। ये वाप्यन्ये तपामगाराले समधिमा मपुंसवास्ते घमासको विविपा मा पाया पपांसवाय प्रवे पामेवमादीनां चारित्रिपामार्ग पर्याप्तापर्याप्ताना नवसप सबोविणवाखावि मदिति दिवास्याम्पर भरिद्रियाकी पापनाः । पर विविधाः पोन्धिपधारतमापक्षीवाचापमा पोन्द्रियसपारसमापवलोपाधापनायतथिमा मसाज रपिकपमानिनपसंचारसमाफ्यावीवाधापना तिपोनिवपोन्द्रियसंसारसमापण अ तिपक्षमरिसमार्पक प्रविपिना AIपसंचारसमाफ्लॉपमा बादमिरविकरणे जमिनमाता -रखाना पषिकी मेरपिता पर मुना पापमानरामायणप्रतापविना नरपिकामप्रतापषिवीतरपिबा समाप्रपा पपिवीमरपिका तमतमा प्रमा पथिवी पिकाते समा दीवविधा प्राप्ताः वा पोहा पोप्लायव नरपिचाप बसिविधा। पीग्रिपतिपप्पोनिबार। पोलियविषयमोनिया IMSH मन्ना पvिi n Me-OPERA Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ JOIDIO.AMMMinra-nam यतिरिरक जोणिया घलयरपचिदियतिरिरक जोणिया सहयरपचिटियतिरिस्कजोणिया। से कित जलयरप चिदियतिरिरकोणिया २१ पचविता पन्लन्ना, तजहा मच्छा कच्छहा गाहा नगरा सुसुमारा । सेकि त मच्छा २ शण गधिहा पणना, तजहा सराहमच्छा खवलमच्छा जुगमच्छा विकिमियमच्छा हलिहमच्छा मग्गरिमच्छा रोहियमच्छा हलीसागरा गागरा वा यगरा तिमा तिमिगिला णका तदुलमच्छा क गिकामच्छा सालिसच्छियामच्छा लनणमच्छा पागा पागाहपागा । जेयावने तहप्पगारा । सेत्त मच्छा । से कित कच्छन्ना २ दुबिहा पणता , तजहा शठकच्छन्ना य मसकच्छना य । सेत्त कच्छना । स कित गाहा २ १ पचविहा परसता , तजहा दंलोवढगा मुद्दया पुलगा सीमागारा । सेत्त गाहा ॥ से क्ति मगरा २१ दुविहा पणता, तजहा-सोळमगरा मच्छमगराय । सत्त मगरा । से कित सुसुमारा २ - - - -- विविधा प्रचना तद्यथा पलपरपम्मेन्द्रियतियायोनिका स्वलपरपम्पष्ट्रियलियापानिमा सघरपन्चम्द्रियत्तियकयानिका । भय पतिविधा जनपरपम्पन्द्रियतिपकपाानमा । चलचरपन्थन्द्रियत्तियापानिका पम्पविधा प्रचमा । तपा-मत्स्या सपा पाहा मखराः शिशुमा रा । पपातविघा मत्स्या ।। मास्या पनवविधा प्रा तपा-समास्या मालमत्स्या युपमत्स्या चिनामत्स्यापारिद्रमत्स्य मह रमत्स्प साइतमत्स्या हनीमत्स्या सागरमत्स्या। गगरमत्स्पा धान्मत्स्पा वठगरमस्स्या तिमिमस्या तिमिलिमत्स्पा मकमत्सया तरतु नमस्या बनकमत्स्पा शालिमत्स्पा माचिबमत्स्या सम्मनमत्स्पा पप्तासमत्स्या पताकपताकमत्स्या ये वाप्यायेतचाप्रवारास्त मत्स्या । जय तिषिचा कप किण्ठपा द्विविधा प्रचताः । तापा-चन्धिकपा मासाचपाच । तपते कष्यपा। पप सतिविपाः प्राहा। या। पथविधा प्रचप्ता दिनुपा पदगा मतुला पुममा सीमाहारा तरते ग्राहाः । अथ कतिविपा मकरामपरशा विविधाः प्रप्ताः RESORoomaoiceOROOOOOOOOOOORDAR Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एगागारा प०, सेझ सुसुमारा । जेयाधन्ने तहप्यगारा ते समासच दुबिहा पखता, तजहा- संमुच्छिमा य नक्कतियाय तत्यण ज ते सम्मुच्छिमा ते सङ्घे नपुसका, सत्यण अ से गलतिया ते तिषिहा प०, तजहा इत्यी पुरिसा नपुसगा । एतसिण एवमाझ्याण अलयरपचिदियति रिस्क ओणियाण पस्चतापात्ताण सरसजाष्ठकुलको फिजाणी प्यमुहमय सहस्सा जघतीति मस्काय । संत्त जलयरपचिदिय० । से किंत पछ यरपश्चिदियति रिस्क आणिया २ ? दुबिहा पक्षप्ता, तजष्ठा चउप्पयश्यल परपचिदियतिरिस्कजोणिया परि सप्पधलयरपचिदियति रिस्कजोगिया य । संकित चउप्पलयर पश्चिदियतिरिकजोणिया २ १ घा पता, सजड़ा एगखुरा दुखुरा गठीपया समप्फया । सेकित एगखुरा २१ खणेगविष्ठा पणष्ठा, सं० ष्षस्सा वस्सतरा घाऊगा गहना गोरस्करा कदलगा सिरिकदलगा यावत्ता । जेयावलं तप्यगारा । सेत रहासकरा बत्ममवराय । तपते मकराः । अथ बतिबिधा सिंधुधारा १ सिंधुमारा पकाकारा प्रतापते शिंशुमारा । में ब धाप्रकारास्ते सुमासो द्विविचाः प्रचता । समानत्वादिका । पत्र पर हसूमा मात्र जे व्युत्वान्विवायें त्रिविचाः प्रचताः । क्रिय पुरुषाः नपुंसक । पवावृधानामेवमादीनपपात पार मोदच्चत्रातिनुसधोतिपीनिप्रमुख शतसहखापि भवन्तीति चाय विरमन्द्रियतिका विविध 1 पुणे विविशिषा: ि प्रेम 1 नद्या वस पर [पवियोनिसुविधा: म बुरा । दविचाःबचतरा Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ acra एमबुरा । सेकित दुखुरा २० ष्णेगविष्ठा पखप्ता, तजहा- उष्ठा गोगा गवया रोज्का समया महिसा घरा वराहा या एलगा रुरु सरन चमर कुरंग गोकसभाई सेप्त दुखुरा । सेकित गंधीपया २ १ घणे गत्रिहा पणत्ता, तजहा हत्यी हत्योयणा मकुणहस्थी स्वम्गा गळा । जयाव तहप्पगारा। सेत्त गंकीपया । से किन मणप्फया २णगविहा पणत्रा, तजहा सीहा वग्वा दीविया शुच्छा तरच्छा परस्परा सिया ला सुणगा कोलवणगा ( ग्रथा ५०० ) कोकतिया समगा चित्तगा बिललगा । जेयावणे तटुप्पगारा । संत्त सणष्फया । तममासन दुबिठा पाप्ता तजहा समुच्छिमाय गनत्र तियाय । तत्यण जे ते समुच्छि मा तं सच णपुमगा, तस्यण जे ते गत्रकृतिया ते तिथिहा पणता, तजहा इत्यी परिसा नपुगा । एएसिण एवमादियाण घलयरपचिदियतिरिक्क जोणियाण पयप्तापज्जताण दसजाइ कुलको फिजोणिप्पमुह पोटका पहना गौरसरा कन्दलका सोबन्दलकार प्रावर्ताय । ये वाप्यन्ये तथाप्रकार | तरते एबसुरा । अथ कतिविधाः द्विखुराः । द्विसु अनेकविध प्रथमा । तद्यथा उन गांवा गवया रोहा शशका महिप अम्बरा वराहा चला एलका सरव शरमायमरा फुरकुर गोठ हिवाला दिखुरा । अथ कतिविधा नयडीपा ? गण्डीपदा अप्यमेकविधा मचाता हस्ती वह महनहस्ती पहूः परहा। यत्राप्यन्ये तथा प्रकार उत्ता गरीपदा कतिविधानपदा ? समखपदा धमेकविधा प्रचता तद्यथा सिहा व्याघ्रा द्वीपिनी चारच परशर याला विराला ग्राम कोला कळतय साका चित्रकाः विठालाः येचाप्यन्ये तथा प्रकारास्सर्वे समसाः । ते समासतो दुविधा प्राद्यासमामा गाविस ये समूहमा सर्वे मसकर तत्र यते नमस्कान्तिबाले त्रिविया म प्राद्यचाविक पुरुष नपुसका । एतेषामेवमादीना वरपरपतिष्योनिका पर्यासापर्यासामा दक्षजातिकुलकीटियोनिप्रमु Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सयसहस्सा हयतीति मस्काय । सेस च उप्पयपलयरपधिठियतिरिस्कजोणिया । से फित परिसप्पथलयर पचिदियतिरिस्कजोणिया २? दुविहा परसप्ता, तजहा उरपरिसप्पघलयरपाचदियतिरिस्कजोणिया जय परिसप्पयलयरपचिदियतिरिस्कजोणिया य । से कित उरपरिसप्पथलयरपचिदियतिरिस्कजोणिया २१ उछिहा पम्मत्ता, तजहा यही अयगरा शासालिया महोरगा । से कित यही २ दुविहा परमत्ता, तजहा दहीकरा य मउलिणो य । से किप्त दक्षीकरा २ , शणगविहा पणत्ता, तजहा थासीविसा दिठीविसा उग्गयिसा नोगविसा तयाविसा लालायिसा उस्सासयिसा गिस्सासविसा फराहसप्पा सेठसप्पा फग्दरा वस्न पुप्फा कोलाहा मेलिमिदा ससिटा जेयायण तहप्पगारा । संत्त दद्दीकरा।से कित मउठिणो२१ थर्णग बिहा परसप्ता, तअहा दिक्षागा गाणसा कसाहीया धउठा चिप्पणिणो माठिणो थही थाहसिठागा वाय buo. ना. समतसहतावि भवनात पास्पातमुचायतुप्यदस्यसबरपतिपतिपपोनिका । पप विविपा परिसपंरव्यासपरपोतियतियोगिगा। पारसपत्त्यसवरपमणिपतिपोनिका विविधा मचता । तपा-वर परिसरबतपरपसपिदिपमोनिका पुश्परिसरात परपमोनियतिपच्यानबाप । अपतिविपाठरा परिसपरत्यसपरपोन्धिपविषयोमिनाएपरिसपालमनोन्द्रियतिपयोति बाबर्षियाः प्राप्ताः । तपमा पापा पबगरा थानातिमा सोरमा पतिवार साधनातातिया दारा प मुभिनय । अप पतिविधा का नाचिर Satiauो विपादनावमा नपरिषा भोगविषाः त्वचाविषा। मिासा मिचारिपापिस खसोबादुम्बरा दमपुप्या बोलादा मेसिमद समिन्दा पाप्याम पामबारा बिप विविधा मुसिना । मुहिमो अवविधा मचता । वयमा दिया। मानबहानीमा गुना चित्रासिमामा Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मागा । जेयावरणे तहप्पगारा। सेस यउलिया। सेत्त थही । से कित श्रयगरा २१ एगागारा पणता, सेत्त अयगरा । से कित शासालिया ? कहिण नते ! थासालिया समुच्छति ? गोयमा । चतोमणुस्सखे से यहाडओस दीयेसु णिश्चाएण पसरससु कम्मनूमीसु वाघात पच पचसु महाविदेहेसु चक्कबहीखधाया रेसु वासुदेवखधावारेसु यलदेवखधायारेसु मालियखधावारेसु महामफलियस्वधावारेसु गामनिवेसेसु नगर निधेसेसु निगमनिवेसेसु खेमनिवेसेस कछनिवेसेसु मायनिवेसेसु दोणमुहनिवसेस पहणनिवेसेस याग रनिवसेस शासमनिवेसेसु सवाहनिवेसेसु रामहाणिनिवेसेसु एएसिण चेय विणासेसु । एत्यण यासाठिया समुच्छति । जहण शुगुलस्स शसखिजाइलागमित्तीए गाहणाए, उक्कोसेण वारसजोयणाइ। वहाणुरु व च ण विरकनवाहलेण नमिदालिताण समुछेति । थसनी मिच्छदिष्ठी शनाणी छतोमुझसघाउया B लिन पाय परिणगाला वायवाया । यचाप्यन्ये तयाप्रकारा । तपते मुकसिम । उता पाय । पथ कतिविधा प्रखगरा! मारा एबाबारा प्राप्ता तपत अजगरा । आप कल्यासासिंगा कर दात पाहासिगा समूईन्ति । गौतम । बसमध्ये मनुष्यपस्याइवतीय। पुढीपपु निमापात पनदास पमन्नामा पुनध पन्ध महाविदेशेषु चयक्तिस्त्रावारपु वासुदवाययावारपु यमदेवस्ववारे मावठति । बस्वमाधारयु महामायामिवस्कन्धावारेषु प्रामामवेशप नगरनिषा निगमनिवेझ सेटनिवेशपु वषटनिवापु मरम्यनिधेषु द्रोडमुसमि जशपु पत्तननिवेश पावरमिवेशेप पाममनिवशेष सवानिवपु राजधानीनिवेशेष एतपामेव विनाश । ग्तेपु पाझाविना समदनि । परपनान्यस्या सस्पेषनागमाया अवमानपा । पतोहायशपालमानि तपानसुपच विभवाम्या (विक्षारस्युलस्वाध्या) प्रमि दयित्वा समुतियते । असतिमिप्यादृष्टि प्रधामी चाल चौमुरेव पास करोति । एते चासालियाः । यतिविघा महोरया । मोरया अनेक Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ न करे । सेन यासालिया। मे फिन महोरगा २ ? छणेगविहा पहना , तशहा थत्यंगठया गलपातप्निया घि वियच्कृिधि चिपच्छिमहत्तं पिरपर्यो पिरपणीपहप्तिपा पिछपि फुच्छ या वि धण पिघणपहमिया यि गाउयं पि गाउयपहनिया यि जोपण पिजीयणपतष्ठिया यि आपणमय पि जायणमय पहनिया वि जोपणसहस्स पि न परले जाता जठे विपरति पउँ विपरति ते जन्यि ह धानिगासु दीयसमुहस हयति जेयायले तप्पगारा सत्त महोरगा । स समास दुपिहा १०, ते-मम्मुच्छिमाय गनप्रक्वानिया य। नस्यण जेते समुच्छिमा ते सो णपुमगा, तत्यण जेते गजपतिया देणे तिमिहा प०, त०-हत्यी पुरिसा नपुसगा, एएसिण एयमायाणं या उरपरिसप्पार्ण दसजा कुल्फोफी जाणिप्यमासयसहस्सा हयती ति मरकाय। सेप्त उपपरिसप्यासे फित नुयपरिसप्पा २पणेग विधा प्रचामा । तपा-मात्यको बेचन प्रगुतमपि अनुसम्मपि विततिमपि बितिपय मपि विपि पाविपतिपि फायपपड पनरपि पनु पण पतिमपि गपूतिपम योवनमपि पोहलपमा पोवानि मोजमा सोमनवालात त्पमाता बसविपर ितमेश बाझे दीपपवेषु प्रति पापा बाम एवं शोरणामाता भवता विंच' धा-समूर्णिमा मनमुत्तानिया विमान में अमावास्या तपा पुगवा मपुरसि । एवेषामेवमादीमा मापसीपरितविरातिलोमिनहातवासावि प्रनीति मोलात मारपरिण' पा । पतिको भुवपरिमपो र मुत्रपरिषा अनेकविधा PRAI | तपा-माना परत मारहा। बारा भरोसा बिमिरा भूमो मनमा पासा साधारविरापिता बारा तुमारिवारिमामय बचानचारामारी विविधता Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विहा पसता, तजहा-णउला सेहा सरफा सल्ला सरठा सारा खारा घरोहला पिस्सनरा मसा मगुसा पष्ठ लाया स्यीरविरालिया जाहा धउप्पाहुया जे यावो तहप्पगारा। ते समास दुषिहा प०, त०-समुच्छि मा य गलयकतियाय, तत्यण जते समुच्छिमा ते सो नपुसगा, सत्यण जेते गम्मायक्वतिय तेण तिविहा पणता, तजहा-इस्यो पुरिसा नपुसगा, एएसिण एवमाइयाण पाप्ता २ ण नुयपरिसप्पाण नवजाइकुल काफिजोणिप्पमुहसयसहस्साह हवतीति मस्काय । सत्त नुयपरिसप्पथलयरपचेटियतिरिस्कजोणिया । सेत्त परिसप्पथलयरपचितियतिरिस्कजोणिया । स कित खहयरपचिदियतिरिरकजाणिया २ धउयिहा परमत्ता, तजहा-धम्मपरको लोमपरकी समुग्गपरकी वियतपस्की । सं कित चम्मपरकी २ शणगविहा प०, त. वग्गुली जलाया शमिला नारळपरकी जीवजीया समुहयायसा करमप्तिया परिकवेराली जेयायम तहप्पगा रा ॥ सप्त धम्मपरकी ॥ से कित लोमपरकी २ शणगविहा प० , त० ढका कका कुरला धायसा चक्का - - -- -- - माइमाव गर्नेव्युस्कासिवाच । पे समूचिमास सर्वे मपुमका । तप ये गमस्काम्तिबास्ते विविधा प्रचता । तया डिप पुडपा नपस का । एतेषामचमातीमा पोतापर्याप्ताना नपारमवा मजातिकुलकाटियानिप्रमुखहशतसहस्राति भवन्तीति चास्यात । सत्ता नपरिस पलपरम्पन्द्रिपातयक पोनिया । एता पारसपत्स्वलचरपम्पन्द्रियतिययामिका । यतिविघा सचरपोन्द्रियात्यक्योमिकास चरपन्द्रियतियोमिका चविधा प्रताः । तथा पमपी लामपसी समुद्रापली विततपक्षी। अच अतिविपाथमपास चमपटिया नेबावपा प्र ताचा बक्सा खसीबा परिक्षा मारहपछी जीवनीया समवायमा सतिया पधिविरासीयवाप्पम्ये तामहारा। तपत पमपति अप बतिविषा सामपतिर । लोमपापबोमविधा प्रचता तवया या वा कुरता वापसा चका सा M . HDDOGooDICIOSonas0OOOODas-0.4 Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ चेष काल करेइ । सेन्त छासालिया । से किस महोरगा २ १ ष्णेगविहा पखत्ता, तंजठा छत्येगइया गुल पिगुपुष्यिा षि वियच्छिषि वियच्छिहतं पि रयण पि रयणी हतिया पि कुच्छपि कुच्छ पुत्तिया विणु पिघणुपुहलिया वि गाउयं पि गाउयपुहप्तिया वि जोयणं पि जोयणपुडलिया वि जोयणस्यपि आयणस्यपुहुतिया वि ओयणसहस्स पि तण घले आता जले विचरति घठे विचरति ते णत्थि हुइ बाहिरएस दी समुद्देसु हषति जेपाघने तहप्पगारा सत्त महोरगा । तं समासच दुबिहा प०, त० - सम्मुच्छिमाय गम्मतिया य । तत्यण जेते समुच्छिमा ते स णपुसगा, तव्यण जेते गन्नषछविया वेण तिथिका प०, स० - इयी पुरिसा नपुसगा, एएसिण एवमाहयाण वाता २ ण उरपरिसप्पार्ण दसजा इकुखकोकी श्रीणिप्पमुष्वसयसहस्सा हाती ति मस्काय । सेप्त उरपरिसप्पा । से कितं यपरिसप्पा २ ग खमपि पृपमपि विवचिमपि वितकिमयत नपि परविमर विषमता द्या- सत्येन कुचितं मनुरपि चनु पथकं बब्बूतिमपि व्यूति योजनमपि पोजनपथ बोबन योज खाता बच्चे विचरति तत बाल प्रति मे बाप्यन्ये तथामकारा । समयको हिसाव 'मा- समाज का नि पुरुष मि Co gaminiai tatmqatamnounceli armasiest विषादि प्रयन्तीति भयात्पातंराव बेहा करता था। परंठा। चाराः चराः परोवलाः | वचामा में बना हिचि विपी परि । तद्यथा पुराना पहला इजा धीरविरामिला। चाहा। भयादिवा में वा Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ DSDEDuppa-000--muswagat जामुकुलकोहि तनपशुहतेरसाइय। दसटमयहोतिणयगा तहयारसचंधयोधचा ॥१॥ सेत्त खटयरपचिदिय तिरिरक जाणिया ॥ सप्त पचिढियतिरिरक जाणिया॥ मप्त निरिरक जागिया॥ म क्ति मणुस्मा २ दुविहा प०, त० समच्कुिममाणम्सा य गप्नयकतियमणस्मा य । स वित समाच्छममणुस्सा , कहिण नन । समृच्छिम मणस्मा ममच्छति गोयमा। शुता मणस्सस्वत्त पयागमा जायणसयसहस्नसु शुढ डोस दीयममुद्देसु परमरमसु कम्मन्मीस तासाए शुक्मानमासु उप्पन्ना शतरदोषासु गानकातियमन्माण चव उच्चारसु या पामरणसु या खलसु वा सिघाणासु धा वत्तसुवा पिनास वा पासवा सुक्का सुगा सुक्पाग्गलपरिसासु वा विगयम्ल परसु या दस्योपरिमस जासु वा नगरनिहम गसु वा सम्छ सु चन सुदास ठाणसु एत्यण समु च्छिममणम्सा समच्छात , शंगलस्स शुसखिजानागामतीए गाहणाए शुमली मिच्छदिछी शुल्लाणी सवाहि पानीहि शुपाप्तगा यतोमुनाउया चव काल करति । स फ़ित गप्नववतियमणुस्सा २ बन पाया ॥१॥तपत गरपम्द्रि पतिपयामिका । तपत पचान्द्र यातयापानिशा ॥तपत तियामिक्षा पप पतिविधा मम HA प्या । ममप्या पप्पनबिधा प्रमता । तपा-समूखिममनुप्या गमध्यकालकमनुष्या । अथ कातविधा समाखममनुप्या । कस्मिक्ष पद । समारममन प्या समुद्रन्सि । गीतमा मनप्यक्ष पत्रचत्वारिशत्तम यातनगतमासप सापहीपप बापममुद्रप पपदम बमनमिपुत पाकम नमिपु पट्पपादशनारदीपप गानवमासमनुष्यावा चै। उच्चमरेप वा समीप या यमस वा सिधार कप (नासामनपु) arवात प पित्तप पा पपेप वा फेप धा झापपुलपरिमाप वा विगतकमर पा खोपुरुपयोगे वा मगरमिनुममप या सर्षेप वाचिषु स्वाम एतप समाविमममुप्या समूहान्त । पपस प्रसस्पयनाममात्रपा प्रवाहमया असममियादृष्टिरचामी सवोदि पर्याप्तमपपोतमा धन Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गा इसा क्लहसा पायसा रायहसा एका सेमीवगा घलागा पारिष्पत्रा कुचा सारसा मेरा मसूरा मऊ रा सप्तयच्छा गहरा पोहरीया कागा कामियुगा घजुलगा तिप्तिरा घट्टमा लावगा कधीया कषिजला परि घया चिऊगा चासा कुकुका सुगा वरहिणा मदप्पसला कोकिला संरहा घरेल्लगमादी । सन्त लोमपस्की । से कित समुम्गपरकी २ एगागारा प०, तेण नस्थि डह बाहिरएस दीयसमुद्देसु भवति । सेत्त समुम्गपस्की । से फित विततपस्की २ एगागारा प०, तण नरिय इह बाहिरएस दीसमुद्देसु द्ववति । संत विततपस्की । तेस मात्रा प०, स० समुच्छिमा य गनत्रकृतिया य । तत्यण जेते समुच्छिमा तस नपुसगा तत्यण खेते गम्यत्रष्कृतिया तण तिषिष्ठा प० त० त्यी पुरिसा नपुसगा। एएसिण एत्रमाङयाण सहयरपचिदि यतिरिक्कजोणियाण पज्जप्त। पप्राण वारस आइकुलको निजी णिप्पमुहसय सहस्सा हवती तिमस्काय, सप्तठ " हंसाः रामहाः प्रहार सेडोबा बकुलाः पारिश्याः कुन्हा सारसाः मसर मसूराः मपूरा द्वाववत्सा। पहर पोपवरीकाम यागम प-कार विधिरा। वर्तकाः सावकार कपाताः कपिकताः परिवार चटकार पानवाला पावते सोमपञ्चयाः। श्रच कतिविषाः समुङ्गपक्षिक समुद्रपतिका मनमा वामकु धर्व समुद्रपचिप बातिविषाविद्रवपदा पिममुत्रेषु विमान त्रिति महिमास्ते सर्वे मधुमकाः । तत्र यते नमपुरका ला त्रिविधा गया कि पुरुषबाद पतेाममाद परंपपतिर्यक्पनिकानापर्यासाचताना द्वादशजातिकुल कोटिममापि भवन्यादि धात्पादम् बप्तजाति कुलोटयो प्रवन्ति नवार्धत्रपादानि चैव ॥ दमदम च प्रयति नावाचा हा Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कित मिलस्क ? २ घणेगविहा पणता, तजहा सगा जयण चिलाय सबर घर काय मुरुकोह नझग णि मग पक्कल णीय कुलक गोण्हा सोहळा पारस गोधराध दमिल चिलल पुलिद हारीस दोययोक्काण गध हारग वहलिय राजाल रोम पास बउसा मल याय यधुयाय सूयलि कुकुणगमेश पण्हव माला मग्गर शानासिय क्ण योरण राहासीस खसखासिय नेदूर मढ झोधिलग लउस खउस कोकाया थरयागा क्षण रोमग नमरु विलाय वासीय एयमादी । सेत्तमिलरकू से कित शायरिया , शायरिया दुविहा परमत्ता, तजहा इहिपतारिया य शणप्तिपप्तारिया य । से कित इहिपतारिया ? २ बधिहा पसना , तजहाशरहता चक्कवही बलदेवा यासुदेवा घारणा यिजाहरा ॥ सेप्त हड्डिपप्तारिया ॥ से कित शुणिलिपप्तारि या ? २ नवविहा पणता , तजहा खेत्तारिया जानिछारिया कुलारिया कम्मारिया सिप्पारिया नासारिया णाणारिया दसणारिया चरितारिया । से कित खेप्तारिया ? २ वहनदीसतिविहा पणता, तजहा राय बाः पवमा चिसाया शवरा वबरा काया प्रहरसा नवगा तीरमा पझणा' भीपा कुसहा गोयडा सीताः पारसा गोषमन्या घमिसाः पि बगा पुसिन्दा भरोसा द्रोयडामा पत्रकार वाप्तिया खायला रोमा पासा पक्षमा मनवाया बन्धुवाया लससा ससा बया भ रखापामा रोमपाः प्रममा विलापा वासीयाः एवमादप । तरते लेखा । पथ पतिविपा प्रायबा पापबा द्विविधा प्रचता । शनिमस्त बदिममय । पप गतिविधा हिमन्त चातुममः पदविधा प्रचता । तद्यथा पाता चझावा बलदवाः वासुदेवाः चारणा. विद्यापरा वएत निमः। पतिविधा नदिमन्स ।।अमिता नवविधाः प्रसमा तद्यथा धार्या वात्याः कुस्तायो बोर्ष शिल्पायर्या ना पायो मामायो वर्धनार्या चरित्रायो । पप अतिविषा कार्या शायर्या साहपषिचतिविधाः प्रचता तपा रावगमगरपम्पाणामता Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तिषिहा पमप्ता, तनहा-फम्मनूमिगा शकम्मनूमिगा छतरीघगा। से फित शतरदीयया? छतरदीपया थष्ठावीससिविता पसता, तजहा एगोरुया छाहासिया साणिया णगोली १ हयकन्ला गयफना गोफ न्ना सनलिकन्ना २ थायसमुहा मेठमुहा शयमुहा गोमुहा ३ समुना हत्यिमुठा सामुष्ठा यग्घमुहा १ शासकल्ला सीहकना थकन्ना कम पाउरणा ५ उकामुका मेहमुहा विजुमुहा विजादता ६ घणदता उठ दता गढवता सुध्दसा ७ । सेप्त शतरतीयगा । स कित शकम्मनमिगा? २ तीसतिविहा पणता,त. पहि हेमयहि पचहि हेरणयहि पहि हरियासेहि पचहि रम्नगवासेहि पहिं देयफुरुएहि पहि अत्तरकुरुएहि सेत्त थफम्मनूमिगा। से किस कम्मनमगा ? २ पणरसयिहा पणता, तजष्ठा पंचहि नरहहिं पचहि एरवहि पाहि महाविदेहेहि । त समास दुयिहा पणता, तजहा पायरिया य मिटरफू य। से HOMSACCORLDRE पुरावाविवास पूर्वन्ति । पमतिविधा मर्मपुततान्तिसमनुष्या, रामप्रव्युत्कासिवमनुष्या शिविपम मयसमयमा-ममिगा। मैमिना बरणीपवाद । अप सतिपिपा अन्तरद्वीप पीपा पटाविशतिविता HEADपा-पीठापामासिवा देवाला पाहुनासिवा स्पो मजब मोडयो मालवा अपमुवा पीमुक्ता पक्षमा निमुखा सिंहमा सामुदायिापी वालामुवा मपमुडा विन्मुसा विद्युहन्ता पनाता तोप्क्षरता दरमुकाम that कतिविपा मानमिनाधिषि प्रतापपाम्पबाजारातरियमहरिबाने परम्पवाने पदकुरुप पन्चतरह एक वर्मन मितिविपन्मभूमिना ममिमा पनवविधा प्राप्ता तथा पम मितरता परातो पचमहाविदह मसुदा तो विषा प्रबहाः । वयमा भार्यममुपा चमनुपातिविचारगमनुष्याचममनुषा बनविषा DIETAILtd. beddALANAKAMAala Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सेत्त कुलारिया ॥ से कितं कम्मारिया? २ चणेगविही पणता , तजहा-दीस्सिया सुतिया कप्पासिया मुन्नाय या जीया ययालियां कीलालिया नरवाहणिया जेयायो तहप्पगारा। सत्त कम्मारिया ॥ से फित सिप्पारिया १२ वणगविहा परसप्ता, तजहा-तुणागा ततुयाया पहागारा देयका वरुका कठपाउयारा मजपाउयारा बतारा यत्नारा पम्नारा पोत्यारा लैप्पारा चित्तारा सस्वरा दतारा नकारा जिम्नगारा सेल्ला रा कोमिगारा जयावन्ले तहप्पगारा ॥ संत्त सिप्पारिया ॥ से कित नासारिया २ जण शुझमागहाए ना साए नासति , जत्ययिय ण बनीलिवी पवनड बत्नीएण लिवी शहारमावहे लेस्कविष्ठाण पणात, तजहा यनीजयणाणिया दासापरिसा खरुही पुरकरसारिया नोगधया पहराइया छतरकरिया स्कर पुष्ठिया घेणहया निराह या अकलिथी गणियलिबी गलियी शायासलिवी माहेसरी टोमिली पोलिदी ॥१८॥ सेत्त नासारिया ॥ से किस नाणारिया १ २ पचविष्ठा पणना, तजहा-शानिणियोहियनाणारिया सुयना -- WHAIRPORRH या पाप्यन्य तथा प्रकारा । अथ पतिविषा विश्वार्या । तखागा तलवाया: पहकारा दवा वसा काप्नुपानुबाबरा मज्यपाबावरा उपचारा घनाकर प्रभाबरा पोत्यारा लपारा चित्रपरा प्रसारा दसराः गवारा सिमकारा (फटकरा ) सेमारा कोटिका । य वाप्यय तपाप्रकारा । तपत शिम्पायो । पतिवधा प्रापायो । नापाया ये प्रमागधी नापा नापी पप्रेय ब्राह्मणी साप प्रवसते तस्था वामस्या खप्यामप्टावाविष लम्पक्षिा प्रवतते । तद्यथा प्राली यवनानी हामपुरुपाया सही पफरसारिका भोगवती अन्तरिक्षया पचरपठिषा देवकीया निक्षिा लिपि गायतमिपि गभवलिपि पावशालपि मारी दोमिसीसिपि पौसिम्दीनिपि तयत भापायां । आपतविधा घामापा । पानापो पंचविधाः प्रमता । वचपा अभिमियोपचानायर्या प्रतधामा प्रथपिचानायो मन पयत पाता Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गिहमगहचपा थगामहतामलित्तियगा य । कंधणपुरकलिगा घाणारसि धेघ कासीय ॥१॥ साएयफोस । लागय पुरचकुरुसोरियकुसहा य । कपिल पचाला शहिबत्ताजगलाचेय ॥२॥ दारवतीयसुरठा मिहिलयि देहायपच्चकोसवी । नदिपुरसभिवा नहिलपुरमेवमलया य॥३॥ यउरामयच्छवरणा च्छातहमतियाघ इदसणा । सोप्तियमहयादी वीडनयसिधुमोवीरा ॥ १ ॥ मकरायसूरसैणा पायानगीयमासपुरिपहा । सावत्यीयफुलाणा कोफीपरिसथलाढाय ॥ ५॥ सेयरियायियनगरी कयइशचशारियनणिय । एत्यूप्प तिमिमाण चक्कीणरामकण्हाण ॥ ६ ॥ सेत्तखेनारिया ॥ स कित जाइथायरिया ? २ छिता पसप्ता, वजह-शबहायकलिदा विदेहावेदगाप्रय । हरियाणाचेय छएयान जाहच ॥॥ संत जाउयारि याय ॥ से फित कुलारिया? २ बधिहा पमत्ता, तजहा-उग्गा नोगा राणा इस्कागा नाता कोरा। PANA पक्षिप्तिमाय । पाचनपुरपति बाराखसीचेवावी .१० धावतामोसमापुरम सौरिबपशाप । वापिस्पामासा पहावा, साये ॥॥ धारापतीपुरावा मिापसाविदेशवसीधाम्यो मन्दीपुरयाविळत्य प्रतिसपुरमेवमसपा ९पेरायमरसवरमा एमा पपित्तिबापडावा यौनियतीरी वीवनयामितीवीरामपुरषदरसेना पापामामासपुरषो मावलीमति द्विीच जिदान शाम्बिगनपरी यमाईमार्यमांव पसामिपमानमत तापम पति विपास्यापति आपापा पदविश KHANISATISHESAISHमात हातात देशापति पोSAMANRNSANYAKARINAJISISEMENT'वादारतापुमा पठता सम्पमातयः । समते मात्या या पायी पदपा प्रतापाप्रामा राजानः वामा भातारा । तपत बुलायाः । पथ पतिाये Sयिाँ बर्मायो बबिधा मा पपा-दोविया बोसिंथा बारिता मुसिवालिया पाविया बोलाविमा राखि Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ टाणसझनावा सहपमाहि जस्सउयला । समाहिणयविहीहि वित्यास्मतिनायो॥९॥दसणनाणाम रिसे तविणएसद्यसमिठगुतीसु जोकिरियानायमईसो स्खलुकिरियाईनामा ॥ १०॥ शणनिग्गहियकुदिष्ठी सखे पाडसिहोहनायो। विसारनपधयण शणनिग्गदिन्यसेसेसु ॥११॥ जीवत्यिकायकम्मं सुयधम्मखलु परिप्तधम्मच सहहहजिणानिहियं सोधम्मरुइत्तिनायो ॥१२॥ परमत्यसघवोया सुदिठपरमत्यसेवणावा यि। धावनकुदसणवजणाय सम्मप्तसद्दहणा ॥१३॥ निसकियनिक्कखिय णिधितिगिच्छाशमढदिष्ठीय उवयू इपिरीकरण यच्छालपनायणेश्वष्ठ ॥ १४ ॥ सेष्ठ सरागदमणारिया । से कित धीयरागदसणारिया ? २ दु यिहा पणता , तजहा उससतकसायवीयरामदस्मारिया वीणकसायकोलामदसणारियाय । से कित उपसतकसायवीतरागदसणारिया? मसा, तजहा पढमसमयउवसतकसायघीतरागदसणारि चिरितिपातय... समवत्पमिपमहान कुतचामप्रतिपस्य । पयतोदृष्टमेबादशाहानि प्रवीणवादिष्ठिवावयष्यायं सर्वपावा। सवप्रमापंपस्यउपमन्या ॥ सर्वपापमयविधि विस्ताररूचिस्सविषपदद्यामचानचरिश तपोविनपसवसमित्तिमपुच । पपुपोहाव हकि साक्षिपाहचिर्मामा।००पनिहीतष्ठिः सोपचिन्नतिपातव्य ॥अनिसारप्रवचने पनधिगडीतयषपपु.११॥ पोखिकायब म युतपरिवपमेन वपातिविमा ति सपमहभितिव्य ॥१२॥ परमाथसलवोवा सप्टपरमाचवमोवापि व्यापशकुदमवय ना पसम्पाहरखमावतएते सरापवर्धनायो पिप पतिविधा वीतरागसमायो।वोपरागवधनार्या विर्वपा प्रचता । जापा-उपशान्त पापवीतरागदपनापी चायवीवरामदयनायो । पसिमिया स्पधातपायवावरानवना ।। उपवासव्यायवीवरगवर्ष नापो द्विविधामासाव्य-प्रथमसमयोपचापपीतारमणमापो चापसमपोपमा नापीकापशनाप समसम Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णारिया ठहिनाणारिया मणपजयनाणारिया केबलनाणारिया सेत्त नाणारिया ॥ संकित दसणारिया?२ दुषिता परसप्ता, संजहा-सरागदसणारिया य वोयरागदसणा० । से फित सरागदसणारिया य१२ दस विष्ठा पसप्ता, तजडा-निस्सरगुपदेसराई शाणारुसुभयोयरुचेष । थनिगमपित्याररुई फिरियासखेयंघ म्मरुई ॥१॥ नूयत्ये'माइधिगया जीवाजीषायपुणपार्वथ । सहस्समुष्ठयासघस घरोयवेयएसणिस्सग्गो २॥ जाजिणदिष्ठेनाय पउविहेसदहाउसयमेष । एमेवणणहतिय णिसग्गरुहप्तिणावो ॥३॥ एएचेय उन्नावे , उपविठजोपरेणसवाद । बउमस्येणजिणेणव उवएसरुहुत्तिणायचो ॥४॥ ओहे उमयाणतो थणाएरोयएपष वर्षतु । एमेमसाहतिय एसीधाणाईनामा । ५॥ जोसुंभमहिज्जतो सुएणउगाइईउसम्मत्त । थगेणया हिरेण सौसष्टमहप्तिनापही ॥६॥ एगपएणेगाई पदाइजोपसरहाउसम्म । उदाविलयि सोयीयरु तिनायो । सोहोडशनिगमराई सुयमाणजस्सा थव्यसविठ एकारसणाई पइलगादिष्ठियाय 16n मामाहा व समार्य । पत्रपतिविधा दर्जनायोनायो द्विविधा VHP वयपा सरावासार्या जीवरागमापौर्षि पतिमा रानावना , रामनायो प्रविधा avin मा निर्धापरतविमानताका दिनमा बिपिमर्मत...तानाlastisfatayोप किचिनन् मालमा पनि मनातोतिति पतीमा पनि पापररि बसले बीमबागवाया रोषय HERS मानापमान म PARAN पारामावस्त Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ॐ माणेहि जस्सया । सहाणियविङ्गीहिं वित्यास्म इष्तिनायो ॥ ९ ॥ दणनाणक free refuge मङगुती जोकिरियानावसईसो खलुकिरियारुईनामा ॥ १० ॥ णनिग्ग हियकुदिष्ठी तिहोना । विसारतपणे पणनिग्गहितयसेसेसु ॥११॥ जो ष्यत्यिकायकम्म सुयधम्मखलु वरिष्ठधम्मच सद्दजिणानिहिय सोघम्मरुइतिनायो ॥ १२ ॥ परमत्यसथयोया सुदिष्ठपरमत्यखेवणाया त्रि । वान्नकुद सणषणाय सम्मतसद्दहणा ॥१३॥ निसकिय निक्कस्थिय निद्वितिगिष्छाश्वमूढ दिठीय उबबू इथिरीकरण यच्छल्लपजावणेठ ॥ १४ ॥ संष्ठ सरागढ़मणारिया । से कित बीयरागदसणारिया ? २ दु fa पता, राजा उससतकसाम्यवीय रामदारिया खीकसायवोत्तरामद सणारियाय । से कित उक्संतकसायवीतरागदसणारिया ? २ दुवा पासा, तजहा पढमसमयउवसतकसामग्रीतरागदसणार | रितिज्ञातव्य ॥७॥ समवत्यधिनमपि ताननवतियस्य । अघतोदृष्टमेवादद्याङ्गानि प्रकीर्यवादिदृष्टिवादय ॥ ८ ॥ द्रव्याचा सर्वप्रायाः स्वप्रमाणेयस्वटपखब्धा । सर्वेाचनयविधि विस्तारतचिस्सविनय ॥ ॥ दशमद्यामचरित्र तपोविनयसव समितिगुप्तिपुच य कुर्याद्वाव विपणिर्मामा १०० प्रतिकुदृष्टि सपचिप्रतिज्ञातव्यः ॥ प्रनिसारमवचने भिगृहीत ११ ॥ पोस्तिवायच मतपदिश्यमेव । श्रपातिनिमामिति भ्रमरुतव्य ॥१२॥ परमासस्तवोवा दृष्टपरमाद्य सेवनोवापि । व्यापकाकुदर्शनवन ना चम्पा ० १३ ० व सरागदर्शनाय । अथ कतिविया वीतरागदशमायोः ? वीतराग्वचनायो द्विविधा मता । व्यथा-उपशाच पापवीतरागदारीपतरावना कतिविध पशुस्तकपायीवनदर्शनार उपसावोवरापदर्श नाव - प्रथमोपचापवीतम्यदर्शनार्या भ्रमथनपोपशान्तकपत्रीतराशनाः । अथवा समसम . Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ या अफ्ठमसमयउधसतकसायवीतरम्गदसणारिपा, छहरा धरिमसघयउयसत्तकमायधीयरागदसणारिस य अचरिमसमयउघसतकसापवीतरागठसणारिया य । से कित्त खीणकसायधीतरागदसणारिया १२ बिहा पसता, तजहा बउमत्यवीणकसायवीतरागदसणारिया केवलिखीणकसायीसरागदसणारिया य। से फित बउमस्यखीणफसायवीतरागटसणारिया? २ दुयिहा परसप्ता, तजहा सययुठवउमत्यवीणफसाय वीतरागदसणारिया युख्योहियबउमत्यवीणक्सायटीतरागवनणारिया । से कित सययुकब उमत्यत्रीणक सायवीयरागदसणारिया सययुष्ब उमस्यखीण दुषिहा पणता, सजहा पढमसमयसययुष उमत्यवीणक सायीतरस्मदसणारियाय एपढमसमयसययुरुब उमत्यवीगकरायचीवरायदयणारिया, छहया चरिमसमय सयषुधबउमत्यसीयफसायवीतरागवसणा० शचरिमसमयतययुशबउमस्यखीणकसायधीतसगदसणारिया - पोपहातापवीतरामदयनार्या परमबमयोपमासापायीतरामवछतापोपपतिविपापापीमापदनामी । पोवरापदर्भमा विपि प्रा | तमा-बनलीपापीतरामाय पसलीपापीतरणहर्षनाए । प्रपोrahi चीजमायीतरापनापी ।। यत्पपीचपापवीतरामदर्षनापी विविध मा बलपायवाशिनायो। प्रीषियापीतरामानापोतिविधा मुवतत्वारोपात माया मा रामपंवालोर अपितरोपनीयोविपि ममपनयन मसमपादत्राणवाया गदर्शनाचमसमपन्जबाबावधीच्या पसरलतमा विमानायगीतरानरचनायो परमाबुदबखनीयवासीसरामरमार्गात SIMACakharuha मक. Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ म । सेस स्पयुकबऊमत्यालीमकमायीतरागदसणारिया । से कित बुझ्योहियामत्याखी साप्सवात रागढ़सपारिया ? २ दुषिहा प्रसप्ता, वजहा पठमसमयबुख्योठियबउमस्यखोगकुसायमीतरागदसणारि या पढमसमययुष्ठयोहियधमत्यखीणयसायवीतरागठसणारिया , शहया घरिमसमययुष्योहियब उस स्यखीणक सायवीतरागदसणारिया शचरिमसमयबुझ्योहियब उमस्यखीणफसायवीवरागदसणारिया । सेत्त युख्योहियबउमस्यखीणफसायवीतरागढसणारिया । संत्त बउमत्यखीणकसायवीतरागदसणारिया। से कि त केवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया १२ दुविष्ठा पणता, तजहा-सजोगिकंवलिखीणकसायवीतराग दसणारिया शुजोगिकेवलिखीणकसायवीतरागदसणारियाय । से कित सजोगिक लिखी यकसायमीतपय दसणारिया २२ दुषिहा ममता, तजहा प्रदमसमयसजोगिकेशलिस्त्रीशकसायवीतरागदसणारिया थप पावीतरागदशनार्या द्विविधा प्रचता । तनपा प्रथमसमयपूरवोचितवस्थत्तीणकपायवोतरागदक्षमार्या प्रमचमसमयययापितझयस्थ चवपापवीतरागमापाच । पपवा परम समपरयोचितवनस्पतीपायीतरागदशमायां पचरमसमयवहयोचितपस्यीपपायी। तरानरमार्याच। तए वनवहीबपायवीसरायदधनायो । अथ अतिविषा कवलीपपायवातरामदनमा वसतीणपायवीतरा गदर्भमायो द्विविधा प्रदा व्यपा-सपोनिमतीयबपायवीतरागमनार्या अपोगिकेसातीयवायवीतरागदशनायोप । प्रतिविधाः सपोमियवसचीमापातरामानार्थ सपोनिबंधमयोपानीतरामायनायो विविधा मचता । तपा-प्रथमसमपरायोपिकासात्तीपण पापातामामा बमसमपणेनिसचीवमामवीरायमार्या । मनवा समसमयमयोगमाठीपापोवागर्थमार्ग परमसमपतोषिशासीयाराममार्गप्राविमा असोगिकीसत्रीणपण्मवीनामाप । प्रयोगोषीपाय Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हमसमयसजोगिकेयलिसीपकसायवीतरागदसवारियाय। श्या परिमसमयससोगिकेवलिनी नमसायरी सरागदसणारियाय शुचरिमसमयजोगिफेवासिखीणकसायचीसगगवसणारियायासेत्त रजोगिकेवउिसीण कसायवीतरागदसणारिया । से कित वजोगिफेवलिखीपकसायवीतरागदसणारिया ? २ दुविहा पसष्ठा, संजहा पढमसमयथजोगिफेवलिखीणकसायवीतरागदसणारिया चपढमसमयचजोगिफेवसिखीणकसायी सरागदसणारियाय, यावा परिमसमयाजीगियलिखीगफसायधीतरागदसणारिया चरिमसमयथजो गिफेवलिखीणफसायवीसरागदसणारिया य । सप्त जोगिकेवलिखीणफसायवीतरागदसणारिया। से फेवलिसीजफसायवीतरागदसणारिया । सेत्त स्त्रीणकसायचीतरागदसणारिया । सेप्तं चौतरागदसणारिया। सेत दसणारिया । से फित परिप्तारिया१२ दुषिष्ठा पखप्ता, जहा-सरागचरितारिया बीतसराचरिता रिया। सेवित सरागपरिहारिया१२ दुविहा पसता, तखडा-सुजयसंपरामसरागपरिधारिमाय साप SARKाम लिया। प्राप्त उपचा-प्रभमननपायोनिपीतापायालयानमाया मलमपामोनियमसिहोतिरादिक रामा पालनपावोनियमहोपावीतरामा समायावतपते बोक्षिस विषाक्तरामरगावीहवीतरामरामायण पतिविधाकारणारिवामिन-बावरिया बापरपरारमापwिah विषा: सुमागारालारिता रामरामचरिको शितिm - ममममसामरिक सामानव वृषपरापारबपरितापूमालवणको विनिमा पचासम्ममा भिरमाया । PERMINयी री ENसकारा NexHD Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रसपरायसरागचरितारियाय । से फित सुजामसंपरायसरागचरितारिया ? २ दुबिहा पणता, तंजहापढमसमय सृजमसपरायसरागचरितारिया शपठमसमयसुझमस परायसरागचरिनारिया य, शत्या परिम समयसुहमसपरायसरागचरित्तारिया शुचरिमसमयसुजमसपरायसरागचरितारियाय । शहया सुजमसपरा यसरागचा रेनारिया दुरिहा पणता, तजहा सकिलिस्समा गाय विसुज्जमाणाय सेत्त सुजमसपरायसरा गचरिप्लारिया। से कित वायरसपरायसरागचरित्तारिया। हा पणता, तहा पढमसमययायर सपरायसरागचरिप्तारिया शुपढमसमययायरसपरायसरागचरिनारिया य शहवा चरिमसमययायरसपरा यसरागचरित्नारिया शुचरिमसमवायरसपरायसरागचरितारिया य शहवा यायरस परायत्तरागचरितारि या इतिहा पणता , तजहा पाहवाइ य थपहिवाई य सेत बायरसपरायचरित्तारिया संत सरागचरि त्तारिया । स कित वीतरागचरिझारिया १२ दुयिहा पणता त जहा उपसतकमायवीतरागचरितारिया खीगकसायवीतरागचरिनारिया च से कित उनसतकसाययीतरागचरितारिया प०, तजहा -- ममम परायसरामचरित्रापां पिपतिविषावादरमपरापसरामचरिबापोः यादरमपरापसरामचरिवाया द्विविधा प्रचन्ता तथा प्रचमसमय बादरमपरावसर गपरिचाया परचमसमपवादरमपरापमरागवरिप्रायोचपग चरमसमयबदरसपर यमरामपरिवारमसमपचादर मपरायसरामपरिवायाचा पत्रा पदरमपरायसरामपरिचायो विष प्रचता तद्यथा-प्राततिा पनिशातपायातप्ते व दरसपर। पसरागारकायते सरामवारंवार्या । पचतिविषा वीतरागवरिपाया वानरागपरिवापा द्विविधा प्रचना तपा-उपशाम्तक पायalanमचारवयोवीपपायवीतरागधारापर। पप कतिविधा उपशापायातरामचरित्रापाः । उपशावरूपापवीनरागपरिवार्या HoDDOGo00000000000000000000.oar Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पढमसमयउयसतकसायवीतरागचरेिष्ठारिया छपढमसमय उघस तकमा यवीतरागचरिताया य शुद्धया चरिम समयउबसतसा यत्रीतरागचरितारिया चरिमसमय उस तकसायत्री मरागचरितारिया य सेत्त उवसतक सायीतरागवरिष्ठारिया । से कित स्वीकसापत्रीतरागचरित्रारिया २ दुबिहा पाता तनहा उमत्य स्त्री कसायीतरागचरिष्टारिया के लिखी एकसा यश्रीतरागचरितारिया य से कित व उमत्यखीगकसायची तरागवरिष्ठारिया ? २ दुबिहा पत्ता, तजहा सपथुमत्यखी एक मायवीतरागचरितारिया युद्धयो हियबउमत्यस्वीणकसायवीतरागच्चरिताया य से किस सयबुलउमत्यस्वीणकसायश्रीतरागवरिहारिया ? २ दुविद्धा प०, सजहा पढमसमयसयबुद्धखी नकसायवीतरागचरितारिया पढमसमय सययुतउमत्यखी कसायवीतरागधरिया य, हवा परिमसमयसयघुळ उमत्यस्त्री मकसायत्रीतरागचरितारिया खचरिम समयसमबुझन उमत्यस्वीपणकसायवीतरागधरिप्तारिया य । सेन्त राययुद्धल उमत्यखीणकसाय वीतरागचरिता विषमताः। तद्यथा-प्रथमसमयोपान्त वायवीतरागचदिकाय धमयमतमयोपशाच्च वायुवीतराग चरित्राय श्रमवा भ्रातृ॑त्र॒वायवीतरा॒नचरित्रार्यां चत्ररमणमयीपक्षात कपापवीतरागवरित उपन्तपराध विविध राजा श्रीवाडीरामचादिविषा संचात परिषायण गुण कविविया Ady wat वडीय मंत्री त्वरित्रापविचार्ययीत रिद्विविधाः प्रथमः तद्यथा वयंवटन च बलिबिताः समुदबनवीचायतराजचरित्रा प्रथमदन बाद श्री कसम । यथीत रायत्यरिवायद चला चरमसनव किवायची तरामचारित्रार्या मसापचीमा बबीता मदिधार्याः ७ 41 r Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रिया । से फ्ति यहमोहियबउमत्यखीणकसायधीतरागधरितारिया ? २ वृदिहा पणता , तजहा पढम समययुध्योहियब उमत्यवीणकमाययीतरागचरित्तारिया छपठमसमयबछयोहियबउमस्यखीणकसायधीतरा गचरित्तारिया य, शहया परिमसमय युध्योहियब उमत्यखीणकसायवीतरागचरितारिया चरिमसमयघु रुघाहियब उमस्यखी गफमायवीतरागचरित्तारिया य। सेप्त युध्योहियछ उमत्यखीणकसायवीतरागचरित्ता रिया सत्त बउमत्यखीणवसायवीतरागचरित्रारिया। से कित केयलिखीणकमायवीतरागचरितारिया १२ दुधिहा परमत्ता तजहा सजोगिकेवलिखीणकमायवीतरागघरिवारिया शुजोगिकंवलिखी कसायवीतराग a चरित्तारिया य । से कित सजागिपालखीणक्सायवीतरागचरितारिया ? २ दुयिहा पणत्ता , तजहा ROOPOc0 400Dr.DonosacePERH खपपदुमनत्यधीपायटीतरागारवार्या चरमसमयस्त्रयपावनस्पक्षोयबपापीतचारप्रार्याचा तपते पयस्पतीवबपायवीतरागरि पायो । पथ कतिविधा बुबाधितबलत्यतीपायीतरागचरितार्या परयोचितवनस्पतीसपायवीतरागपरित्राया विविधा प्रचता।। तयचा प्रथमसमयबहवोचितवनस्पतीपापोतरागचरित्रार्या पप्रथमसमपपदयाचितवनस्पतीसम्पायवीतरामचरितार्याचाचवा चरमसमपघुट वाचितपस्वीपकपापवीतरामचरितार्थ चरमसमयमायोचितवनस्पतालकप पीतरामचरितार्याचा तपत बनुयाचितवनस्पषीपकपाय वीतरागरिमार्ण । पथ कतिविपाः महीयबपायवातरामचरित्रायो कालपीपापवीतरागवारचार्या विविधा । तापा सपोनिक्षवल कोयम्पायवीतरापपरिचार्या यागिपमहीपापवीतरागपरिवायांचा प्रतिवपा सपोगितलवायम्पायवीतरागचरित्रासयोगि कसमक्षाकपायवीतरामचरित्रार्या द्विविधा प्रथमा । तपा प्रथमसमपयोगिवलचीपपायवीतरागचरियाः प्रथमसमपसयोगिक्षेवमातील पापवीतरागचरिचार्या । अथवा चरमसमपसयोपिकवसीयवायवीतरामपरिवार्या पचरमसमपसपोगिवसहीखबपायधीवरागचरिवायोय ।। Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पदमसमयसजोगिकेयलिखीणफसायधीतरागरितारिया छपतमसमयसजोगिफेयलिसीकसायवीतराग चरित्तारिया य, वहया चरिमसमयमजोगिफेवलिखीणफम ययामरागचरित्तारिया य शुधरिमसमयसजो गिफेयरिवाणठसायधीतरागचरितारिया य। सेत्त सजोगियलिखोणकसा यकीतरागधरितारिया। से कितं शजोगिकेवलिखी गफसायमीतरागचरिसारिया ? २ दुधिहा ण्णमा , तजहा-पटमसमय जागिधष्ठि खीणकसायवीतरागधरितारिया य श पठमसमयचजागिकवलिखी गफसायधीतरागचरिमारिया य, छाया चरिमसमयमोगिकेचलिखीपकसायवीतरागचरित्तारिया य शुचरिमसमय जोगिक लिखीमकसायवीत रागपरिप्तारिया य सेत्त थ जोगिक लिखीमफसाययोतरागचरित्तारिया । सेतं के लिखीगफसायमीतराग धरिष्ठारिया। सेत्त स्वी गकमाययीतरागवरिप्तारिया सप्त वीतरागचरितारिया।थवा चरितारिया पचयि हा पणता, तजवा-सामाउयचरित्तारिया नषष्ठायणीयचरितारिया परिवार विसुधिचरितारिया सुक्षम __ सपरायचरितारिया शहस्कायचरितारिया य । से कितं सामाइयचरिधारिया १२ दुविधा परणया, जहा तप सपोपिदसायीतरागचरितार्थ पिपतिविमा अपोपिलdlewarularमरिसार माणिकतापायारागार भार्ग विविध तपा-प्रथमसर्मपायौगियीसापायीवरामरिसायो पर्मममीयाममापापातरागपरिवाराच पवा परमसमपायोनिशीपमपामवीतरामेचतिमि भूपिणि वापषितगरिमापते ऽपागणीपायी नवरातिसगापाययोतमिवरिलायतित पावनातराणपाराया। तपते रामचरितार्या । पारिवाशप मामासाः तपा-मामायापरिषया बदीपलानीपपरिवाया। परिहाराबवितरितामा पूनवपरामचरिबायो। बनासारिमापद umaAND Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इप्तरियसामाइयचरित्तारिया शायकहियसामाइयचरितारिया य । सेत्त सामाइयचरित्तारिया । से कित बनवतावणीयचरित्तारिया १२ दुधिहा परसप्ता, तजहा-साइयारा बेनबठावणीयचरित्तारिया निरडयारा बनमहायगायचरित्तारिया। सेत्त बनबठायणीयचरित्तारिया। स कित परिहारयिसूछियचरित्तारिया १२ दुपिहा परमत्ता, तनहा-निमस्तमाणपरिहारविसुध्यिचरित्तारिया निविठकाइयपरिहारविसुछियचरित्ता रियाय । सत प.रेहारविसुछिनच रेनारिया । स कित सुजमस परायचरितारिया २ दुयिहा परसता , तजहा साकालस्समाणसमसपरायचारतारिया घिसज्जमाणसुजामसपराउचारत्तारियाय सत्त सुऊमसपग यचरित्तारिया। से कित शहरकायच रिप्तारिया २ विहा परमत्त , तजहा बउमत्य शहस्कायचरित्तारिया कालिशहरकायचरितारियाय सेन शहरकायचरित्तरिया सप्त धारेतारिया सेप्त थणहि पत्तारिया सेत्त पतिविषा सामायाचरित्राथा सामापिहचरित्रार्या विविधा प्राप्ता सपा सरसामयिकपरिवाया पहायतमामायापरिवाया। तमामायापारिवाया । पकातविधाबापस्थानीयचरितार्या पापस्यामापारिवाया graपा ममा तराचा सातिचराम्छापत्या 1 यचारपायर्या मिरतिचारावटापस्थानीय तरिमार्ग । तपत खेटोपस्थानीयचरित्राय । पचतिथि पारधारशिपारमाण , परिवार, माचारधार्याgayा प्रचना तथा नियमानपरिहाररावाचरित्रायाविरवायापरिकारावाहि चरिमायामतपत परिसर विचारापापातयिात्मपरायचारवायो सामसपरापवरिपायर्या दुविधा पचता तपा पनिइयमामममसरायचारापा विमानसूत्मस परापारिवायाय । तपत मूलसपरायचरिमाया । पचतिविधा यथास्यातचरित्रायो । पायरित्रायो हिविषा प्रता सपा-तत्यपाल्यावचरिचार्या फवसाचारवायांवातरते यथास्यावचरिशर्या । एतचारवाया वएते प्रकृतिमातार्या एवं भायो । Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शायरिया सेत्त कम्मतमिगा सेप्त गम्नवलसिया सेप्त मणुस्सा से फित देया २ चउधिहा १०, तजहा नय णवासी प्राणमतरा जोहसिया वेमाणिया से कित नयनवासी जयणयासी दसथिहा पणना , तजहा शसु । रकुमारा नागकुमारा सुषमकुमारा विजकुमारा शग्गिकुमारा दीपकुमारा उदष्टिकुमारा दिसाकुमारा याउ कुमारा यणियकमारा तेसमासथिहा पणत्ता, तजहा-पसप्तगाय शपज्जतगाय सेठ जवणवासी से कित वाणमतरा२ शठविहा प०, तजहा किल्लरा किपरिसा महोरगा गधा जरका रस्कासा नपा पिसा या ते समासयिता परमाता, तजहा पज्जतगाय थपझत्तगाय सत्त वाणमतरा।से कितं जोहसिया २ पविता पमना, तनहा घटासूरागहनस्कसातारा तेसमास दुविहा पणता , तंजहा पजतगाय छप सप्तगाय । से फिस जोहसिया से कित वेमाणियार दुधिहा पणता, तजहा कप्पोवम्गाप्पाईयाय से कित TOS तगत बर्मभूमिमा तपत गमभुमानिया । तपते मनुष्याः । पप पतिविधा रेवा देवायपि FARP वा-मानवासि पातुमान रमन्यातामा गनिका । पप गतिविपा प्रवनवाधिक वनवासिनो बाधित भाषा-परमार मापकमारसुमारा विपत्मारा पनिमारा झापामारा सरभिमारा दिगमा पक्षमा नारामतोषिपप्तिमा पापातपायहरते प्रवनवाधिपतियतामयाराविHिimतषा-बिमरण किंपुरुषाः महीरना: सो पा र gad पिसता तपा--पर्याप्तनाब पर्याप्त पामोतिषियोतिरिका परिका मा तपा बननयमानताराः । तबमारतो तिचा RET चा-पोतमाचापर्वात माजापरते सोविषिषाविधिवाभाषिकामानिमा शिविरमा उपचा चोपमा पातीवाचविधिमा SHETER Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 2. 00 कप्पोयगा२ यारसविहा पसत्ता, तजहा सोहम्मा ईमाणा सणकुमारा माहिदा यत्नलोया लंतया महामुक्तका सहस्सारा शाणया पाणया धारणा शुचना तसमास दुबिहा परमना, सजहा पातगाय शपजतगाय सेत्त कप्पोरगा स कित कप्पाईया २ दुविहा पसता, तजहा गेनिजागाय शुणुप्तरोषवाहयाय स कित गेविजागा २ नयविहा पणत्रा, तजहा हिठिमहिठिमगारेडागा हिठिममज्जिमगधिजागा हिठिमउयरिम गविआगा मतिमहिछिमगेविजागा मज्जिम गेविनगा मज्किम उधरिमगविजागा उपरिमाहिठिमगेविजा गा उयरिममज्जिमगविजागा उयरिम२ गयिजागा तेसमास दुबिहा पसत्ता, तनहा पानगाय थपज्ज तगाय सेत्त गेयिजगा । से कित आणुप्तरोयवाहया२ पचविहा पणता , तजहा विजया वजयता जयता शपराजिया सहसिछा तेसमास दुयिहा पमप्ता, तजहा पआप्तगाय थपजतगाय सेत्त छणुत्तरोयवा 0 0000-- emasoot20000000000000000000 पापगा स्पोपगा हादधविधा प्रचन्ताः । तया सौधर्मा रझामा समस्कुमारा मात्रा प्रललाका सातबा महाका: सासारा मता प्रायता। मारा पच्यना ते समासता द्विविधाः प्रचता तथा पर्णगाथापगायतपतकल्पोपगा । पतिविधा सम्पा सीता पातीता शिवधा Bur तद्यथा यसपका चमत्तरवैमानिका चयतिविघा यया ययावविधा Rur तापा | चापावा पचामध्यमवयक्षा , पपपरितमवेपका मथमाचा वपका । मध्यममध्यमग्रवषक्षा मध्यमापरितमग्रेवा उप रतनापापा सपारतनमप्यमवयका उपरितमोपारतमप्रेक्यका ते समासता द्विविधा प्रसमा पर्यावावापता यासरत ग्रंथपाः ।। विधा पनत्तरसमाना रवैमामा पचविधा प्रता । तद्यथा-विजया वैजयका लयता अपराजिता सवापासना । ते समासतो द्विविधा सा तपा पर्याप्तावापर्याप्त पातर अमु चरवैमानिका । एते पायो । तर वैमानिका । एते दक्षाः । Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 9 पायरिया से कम्मभूमिगा सेल गनक्कृतिया सेप्त मणुस्सा से कित देवा २ उचिठा प० तजहा जय यासी बाणमतरा जोष्टुसिया बेमाणिया से फित जणवासी ? जगणवासी दसविहा पखन्ना, तजहा असु रफुमारा नागकुमारा सुकुमारा विज्जुकुमारा ष्पग्गिकुमारा दीवकुमारा उदष्ठिकुमारा दिखाकुमारा बाउ कुमारा थपियकुमारा तेसमासविदा पात्ता, तजहा- पाप्त गाय पाप्त गाय सेठ जवणवासी से कित वाणमतरा२ ष्ठविहा प०, तजहा किन्नरा किपरिसा महोरगा गधा जस्का रस्कासा नूपा पिसा या से समासदुबिहा पत्ता, सजदा पयत्तगाय पत्तगाय सप्त वाणमतरा । से कित जोएसिया पंचविहारखना, वजा चढासुरागनस्कतातारा तेसमासनं दुषिष्ठा पणप्ता, तजहा पञ्चत्तगाय प उष्ठगाय । से कित जोइसिया से फित बेमाणियार दुबिहा पष्ठा, तजङ्घा कप्पोवम्गाकप्पाईयाय से किस २ तप कमियाः सपते नाशिक । तते मनुष्याः धय कतिविधा देव देवता-मवासिता वाजप मोनिका मनिका । अथ पतिविया प्रथमवासिक प्रमवासियो वि मान्तिकुमारा द्वीपकुमारा 7 मागमा सर्व पिप्रियद्धप्रियते भवनबालिता अपरिमिता बनराः किंपुरुषाः मारना: द्विविधाः पर्याप्तगा कम्पनि विद्यते मानतो हिममाः तथा--पपासना पर्यावाच । तपते बाध्यताः । जघ कलिबि विक्रमादिमानकुमेरि या ज्योतिष ज्योतिषियों पश्यविषा मकताः तद्यथा चन्द्रग्रहाः । त कमावतो विपर्यासनाचा पर्या नाय । एते मौदिविवार । अथ वातविया वैमानिका ? बेमानिया द्विविधामा द्याना करावीवाद । जब कवि १ P Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लोयस्स श्वसखेतइजागे । कठिण जते । बाद पढविकाइयाण पतत्तगाण ठाणा पण्णत्ता ? गोयमा ! जत्येव यावर पुढषिकाइयाण पतत्तगाण ठाणा पम्मत्ता, तत्येष बादरपुत्रिकायाण पाप्तगाण ठाणा पत्ता, उम्रत्राण सङ्घलोए समुग्धारण सलोए सठाणेण लोयस्स सखेामागे । कहिण जते । सुकम पुढषिकाष्ठयाण पतप्तगाण पडतप्तगाणयठाणा पक्षप्ता ? गोयमा । सुकमपुढविकाइया जेपातगा जे पात्तगा ते सच्चे एगविठा विसेसा अनाणप्ता सहलायपरियायन्नगा पणत्ता समगाउसो । कक्षिण जत । बादरष्ट्याउकाठमाण पश्यत्तगाण ठाणा पखन्ता ? गोयमा । सठाणेण सप्तसु घणोदधीसु सप्तसु व दधिवसु होलीए पायालेसु जयणसु नवणपत्यप्रेसु उठलोयकप्पे त्रिमाणेसु विमाणावलिया विमाणपत्यसु तिरियलीए गमेसु तलाए सरंतु नदीसु दहेतु बाथीसु पुस्करिणीसु दीडियासु गुजालि यासु सरेसु सरपतियासु सरसरपतियासु त्रिलपतियामु उक्तरेसु णिक्करेसु चिल्लले पल्ललेसु वप्पिणसु दी समुह अलासएस जलठाणेसु अलभूमियासु एयण यादरा उकाइयाण पतत्तगाण सख्यमनाथ । वास्मम् महत सूक्ष्मपृथिबोला पिकामा पर्याप्तानामपर्याप्रकामा त्यामानि मानि गौतम सूक्ष्म पथिवीकाविकाप पर्याप्ता य are e caftचा अविशपा धनाचाता सवलोकपर्यापत्रमा प्रचताः श्रवायुसम् कस्मिम् नदन्त वादराप्यायिकामा पर्याप्तका मायामा पौतम सस्यानेन सप्तसु घनोदाच समसु पनोदधिवलयेव प्रथिलो पाताल भवनेषु भवनप्रस्तरेषु चलो कह विमानेषु विमामावलिकासु विमानमतर तिला टप तह गए सरबस टीपु प्रदेषु वापीप पुरवी दीर्घिकासु पुछाला स रस्सु सरःसर परचाषु विषपतिषु निम्दरपु विस्वरेषु परचलपु क्षमेषु द्वीप समुद्रपु सर्वेषु चैव बलाचमपु जलयानेषु तपु वादकामिकाना, Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इया सेन्त कप्पाईया सेष्ठ वेमाणिया सेल देथा सेप्त पचिदिया से ससारसमा धरण जी अपन्तत्रणा सेत्त जीव १ ॥ कहिण जते । यावर पुढवि पावणा सेन्त पन्तयणा ॥ पन्नषणाए पठम पय सम्मत ॥ कायाण पाप्तगाण ठाणा पराप्ता ? गोपमा ! सठाणण ष्ठसु पुढवीसु तजहा - रयणप्पनाएं सक्करप्प बालुपप्पजाए पकप्पनाए धूमप्यन्नाए तमप्पनाए समतमप्पनाए यसत्तमाए हसिष्यनाराए पहोलोए पायालेस जवणसु जवणपत्यप्रेसु निरएस निरयायलियासु निरयपत्यसु उहुलोए कप्पेसु विमाणे वि माणायलियासु विमाणपत्यसु तिरियलोए टकेसु कूमेसु सेलसु सिहरीसु पक्कारेसु बिजएसु वस्करेषु वासेसु वासहरपल्चएच या वासु वेडयातु दारेषु तोरणे दीवेस समुदे एत्यण यादरपढी काठमाण फज्लवगाण ठाणा परमष्ठा, उववारण लोयस्स श्वसखे मागे समुग्धारण लोपस्स ष्ट्घुसखे सठाणेर्ण नाते महान इति श्रीमदुपाध्याय रामचन्द्र पनि प्य D · तस्ते पश्चन्द्रियाः । तपते सचारसमापवत्रीवमापनाः । तते मानचन्द्र विरचिते श्रीमानाकथमपदानुवाद ५ कस्मिन् महत्व : शाहरपीचापिनां पर्याप्तानामानि मानि । गौतम । माहात्म 2 यो व्यसृकप्रप्रायां पङ्क्प्रनायां श्रूपप्राय तमाम मरमरकावला नियम-2 विजयेारेव वेधसहर पर्वत पुरा 0 माम नम् प्रथमार सिवानिमावतरेषु तिर्यक्लोटर बूट घेषु प्राग्भारषु तोरणेषु पेषु बद्रेषु मधु बादरपृथिवीकायिकानां पा मेदवाररथिवीवापिखानामपतानां जानामि पर्वाप्तानि । पाशेनापि सर्वलोकेद्रो मोबा Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Chade EGKE 3 INJURI लोयस्स एसखेज्यङनागे । कहिण जते । बादर पदविकाइयाण अपान्तगाण ठाणा पणत्ता ? गोयमा ! तत्येष बादरपुत्रिकायाण पाप्तगाणं ठाणा जत्येr बाट र पढषिकाइयाण पयसगाण ठाणा पत्ता, पत्ता, उववारण सोए समुग्धाएण सहलो सठाणेण लोयस्स सखेाहजागे । कहिण जते । सुकम पुढविकायाण पतप्तगाणपतप्तगाण्यठाणा पणप्ता ? गोयमा । सुकमपुढविकाष्ठया जेपाप्तगा जे युपयत्तगा ते सर्व्वं एगविठा विसेसा अनाणप्ता सङ्घलायपरियावन्नगा पमप्ता समणाउसो । कहिण जस । धाढरष्ट्याउकाढयाण पचत्तगाण ठाणा पाता ? गोयमा सठाणेण सप्तसु घणोदधीतु सप्तसु घ णोदधिलएसु ष्यहोलीए पायालेसु जयणसु जयणपत्यसु उहुलोयकप्पेसु विमाणेसु विमाणावलियासु विमाणपत्यमेसु तिरियलीए गषु तलाएस सरसु नदीसु दहसु बाधीसु पुस्करिणीसु दीह्रियासु गुजालि यासु सरेसु सरपतियासु सरसरपतियासु विलपतियासु उज्करेसु णिज्करेसु चिल्लले पल्ललेसु वप्पिणसु दी वेसु समुद्दसु सव्र्व्वसु चेत्र जलासएस जलठाणेसु अलनू मिश्रासु एत्यण यादरम् | उकाइयाण पतत्तगाण गौतम सूक्ष्म पृथिवीकाविवाय पर्याप्तता य सख्यपप्राग । कास्मन् महन्त सूक्ष्मपृथिवोवा पिकामा पर्याप्तानामपर्याप्तकामा स्यानानि प्रचा अपर्याप्रनाले सर्वे विचार प्रविशया धनाद्याला सवलोकपर्यापत्रमा प्रा श्रखायुसन् कस्मिन् नदप्स यादराप्यायिताना पर्याप्तजा मां स्यानानि प्रतानि । पौतम सस्यानेन सप्तसु घनोदाच समसु पनोऽचिवलयेषु बाघलोक पातालषु प्रयमेषु भवनप्रस्तरेषु लोकेकर विमानेषु विमामालिका विमानप्रतरपु तिर्यक्ा वटग सरस् नी प्रदेषु वापीप पुकरवोषु दीर्घिकासु गुष्काला स रम् सर सर पाचषु विशपति मिम्वरपु विस्वरेषु पश्वलपु धमेषु द्वीपपु समुद्रपु सर्वेषु चैव प्रसाद्ययपु जलस्थानेषु एतषु वादकामकाना Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणा पसप्ता, उयवाए लोयस्स यसखेजाइनागे । कहिण नाते। घायरष्ठाउकाइयाण थपजत्तगाण ठा णा पणता ? गोयमा । अस्यय यादरश्शाउकाइयाण पजप्तगाण ठाणा तत्येघ घादरशाउकाइयाण शप सप्तगाण ठाणा परमप्ता , उपपाएण सहलाए समुग्धाण सहलोए सठाणण लोयस्स सखिमनागे। कहिण सऊमश्चाउफाइयाम पजप्तापज्जताण ठाणा पमना गायमा। सुजमशाउकाइया जेय पजप्तगा ज थपज्जतगा ते सधे एगविहा शुषिससा चनाणता सङ्लोए परियावलगा प०, समणाउसो ! कहिण नसे ! यादरतेउकाइयाण पज्जत्तगाण ठाणा पमत्ता ? गायमा । सठाणण श्तोम मस्सलेले शहाडजोसु दीवसमुद्देस निछाघाए पन्नरससु कम्मतमीसु घाघाय पमुच्च पचसु महाविदेहेसु एत्यण घादरतेवकाहयाण पप्तगाण ठाणा पमप्ता , उपधाएण लोयस्स शसखानागे समुग्धाएण ठोयस समझनागे, सठाणण लोयस्स यसखेजहनागे । कहिण नते ! यादरतेउकाहयाण श्यपज्जधगाण ठाणा पणता ये यमा ! जत्येष यादरतउफाइयाण पम्प्तगाण ठाणा तस्येव यादरतेउकाइयाणं शपज्जप्तगाण ठाणा-प पर्याप्तबामा नामानि मातानिपपातन सोबत परोपमा बस्मिन मवच बावरप्पूजाविणांसपर्य JASपानिमयताविपर पातन सबसोचे समातम सवसाचे सत्यानेन सोपान प्रायसिना नामाप्तीपयोतीपप्तिानी सानानि प्रतानि गौतम मूलापापिया पेच पारमा पे अमौसीमा परी गमती सब पापमा माता बनवायुभम् बस्मिन् पास। बादसापिस मामलीलानि प्राप्तानि भीतम । मखानन मममुपये मातृतीपा पतमा निर्वाचा पापहम भापति मात्य पन्नामावि पतेषुबापरखेचावापियानो पातामा सामागि प्रमानि । पपावेनबोपनाये LIOR Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Dastaramausamasana.om उवधारण लोयस्स दोसु उनुकबासु सिरियालीयतहेसमुग्घाएण सक्षलोए सहाणेण लोयस्स श्वसंखेाइ नागे। कहिण जत । सुजमत उकाइयाण पक्षप्तगाण थपजाप्तगाणय ठाणा परमप्ता १ गोयमा। सुजमतंउ कायाण जे पाप्तगा शपञ्जप्तगा ते सझे एगविहा थयिमसा शनाणना सवलोयपरियायवगा पणप्ता समणाउसा । कहिण नते । थादरयाउकाइयाण पजप्तगाण ठागा पणता गोयमा । सहाणण सप्तसु घगवारसु सत्तसु घणयायवलएस सत्तसु तणुषासु सप्तसु त गुवायवलामु शुहोलोए पायालेसु नयणेस नवनपत्यसु नवणबिहेसु नवगनिस्कुसु निरसु निरयावलियासु निरयपत्यासु निरयबिहेसु निरयनि स्कुसु उम्गेयकप्पेसु विमाणसु घिमाणालियासु बिमाण पत्यम्मु विमाणबिहमु धिमाणनिस्कुसु तिरि यलोसु पइगदाहिणउदीणसझेसु चेव लोगागासबिहसु रागनिरकुसु य एत्यण यादरवाउकाइयाण प जत्तगाण ठागा पणता , उपधाएण लोयस्स शसस्तोसु नागेसु समग्घाएण लोयस्स शसखेडानागेसु । 9 समुहात सोखस्यासस्यपनाग स्थानन मोहत्यासम्पमाग । कस्मिम प्रदान । पादरतेजगायिवानामपर्याप्त काना स्थामानि प्रतानि । गौम तम पायावरतमाायवाना पर्याप्तबामा स्थानानि प्रघमानित बादरतेनबायकामामपयोप्तकामा स्थामामि सतानि । उपपातम मनमोके समातम सवसाय सस्थामेर लोकस्यासम्मेषनागे । अस्मिन् मदन । ममाप्यापिकामा पर्यापापयतामा स्थानामि सप्तानि? गा। समाप्पापिया य च पर्यापता ये चापर्याप्तास सर्व विषा पविपापमापाताः सवलाचे पयापया प्राप्ता अमलायमम् अस्मिन् भरत । पादरतेज बापियामा पर्याप्तबामा स्थामााम प्रसनानि गौतम । स्वस्थानम मममुष्यवेध तायपीपसमय मिव्यापात प परामु कममिष व्यापात प्रवीत्य पणामु माविका पादरवेशफायिकामा पर्याप्तामा स्थानामि प्राप्तानि । पपातम शोषस्यासस्येपना Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सहापेण लोयस्स शसखेजोसु नागेसु । कहिण नते । शपजप्तवादरवाउफाउयाण ठाणा पसत्ता गोय मा । जत्येव धादरखाउकाडयाण पज्जप्तगाण तस्येव पादरया उकाइयाण शपजप्तगाण ठाणा पमप्ता । उववाएण सहछोए समुग्धाएण सहलोए। सहाणेण लोयस्स शसख झसु नागेसु । कहिण नसे । सुखाम घाउफाइयाण पजतापाताण ठाणा पणता ? गोयमा । सुजमवाउकाइयाणं जे पजष्ठापरूताण ते सझे एगविहा विसेसा शनाणत्ता सलोयपरियावलगा पणता समणाउसो । फहिण नंते यादरवण स्सइफाइयाण पक्षप्तगाण ठाणा प०? गोयमा ! सठाणेण सप्तसु घणोदहीसु सप्तसु घणोदहिवलएसुथहो छोए पापाछेसु नषणे सुनवणपत्यास उहलाए कप्पेसु विमाणेसु घिमाणावलियासु विमाणपत्यसु तिरिय लोए अगसु सलागेसु नदीसु यावीसु पुस्करिणीसु दीडियासु गुजालियासु सरेसु सरसरपतियासु सरपं विमासु यिष्ठपतियासु उम्फरंसु निकरेसु चिललेसु पलठेसु वप्पिणंसु दीयेसु समुवेसु ससुर्घष जलास एसु जलठाणेसु एत्यण मादरवणस्सइकाइयाण प्राप्तगाणं ठाणा पता। उत्सवाएणं सोए, समुम्मा वे समुदायेन सौरमासस्येपमापे मलानेन तीवस्मासंपेपमापे । मिन् पा । बाबरतेमापासानिमामातलामाद प्राप्तानियों। पौतम । पर बादरवेवावापिवानों पयोप्यानी खातानिदे शाला पहिलामातीमा प्राप्तानिपपातमनोबल पोचपायो विमानतीन नाबालम्पयनविस्मिन् वरना बल्लतमा बारिवानां पर्याप्तवानाम पुपाला मानानि माविमौतम तयावापियामां के पर्याप्त भपातबार कई एपनिया चरिना बनाaadam पीता वा मना बाषन्। बहिन् । बाबरवापुपाश्मिा सोमनाला मानानि प्रधानापायुषशासपास . Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एण सहलीए सठाणेण लोगस्स शसखेजनागे । कहिण नंते । यादरवणस्सइकाहयाण थपजाप्तगाण ठाणा पमप्ता ? गोयमा । जत्येव बादरवणस्सइकाइयाण पाप्तगाण ठाणा तस्येष बादरवणस्सइकाइ याण शपज्जतगाण ठाणा पसत्ता। उपायएण सछलाए समुग्धाएण सबलोए सठाणेण लोयस्स शसखेजा वातवमपेषु सप्न पमवातपु सप्तम पमवातवलयेषु प्राप्तोष पातासेषु नवनप्रसाद मवमावत' प्रवनिपुटप निरपषु मिरयावसिवासु। मिरपप्रताप निरपबित्रेषु मिरयनिफुटेषु तपसोबास्पषु विमानपु विमानावलिबासु तिमाममताटेषु विमानविद्रप विमाननिपुटेप तियतो सेए प्राचीमाषणोटीचानप संबंपर मोबाबासाप लाबामपुटेपुर एतादृयवादरवापनायिकामा पर्याप्तकानां स्थानामि चिप्तालिप पाप्तम मावस्यासस्पेयषु माग समुद्रातम तावस्यासस्पयपुधाम स्वस्थानेन साकस्यासस्पपेषु मागेप । बास्मन्नु मास । अपर्याप्तवावर वायुगापामा स्थानानि तामि।। गौतम । यो बादरवापुकापियामा पर्याप्तगाना तो पाररवायामिवानामपर्णगामा स्थानानि प्राप्तानि । उपपातेन सवसोगसमुहातम मनमोके । खस्थामा मोबस्या सम्पेयप भागषु । कस्मिनु भदन्त । सूक्ष्मवायुवापिकामा पर्याप्तापयो । साना स्थानानि प्रचतानि । गौतम सूत्मापुवापिका पर्याप्तापर्याप्ताः येणते सर्वे एकदिपा विधेपा प्रमापाताः सवसोबपर्यापam प्रच माः समवायुमम् । अस्मिन प्रान्त बासरवनस्पतियापिकामा पर्याप्त गामा स्थानानि प्रतानि । गौतम स्वस्थामन सप्तसु पनोदपिपु सप्तमपमो सचिवमयेपु पासा पाताल अचमा प्रवमप्रसार उच्चलोकापेषु विमानपु विमानावमिवान विमानसरेष तिपक्सो पल्टेप तवानेष नदीपु प्रदप वापी पपरतीप दीपिकात मुन्माप्तिबासु सरस्नुसरः पच्चिका सर पचनेषु वित्तपत्तिका नत्मरेप निर्मरपु चिस्वासेपु परव से प्पिीपेषु समुद्रपु सर्वेषु चैव बसालपेप बलस्थामा पतष वादरवनस्पतिवापिकामा पर्णमामा स्थानानि प्राप्तालिपपातेनर वसोश, समुहातन सवसोने सस्थानेन सावस्थासम्पेपनाग । अस्मिनु पदय ! पादरवनस्पतिवायिवानामपपोताना सानामि मचतानि । Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इजागे । कठिण जते । सुमयणस्स इकाइयाण पश्यत्तगाण ष्पाप्तगाणय ठाणा प० ? गो० । सुक्षमघण स्सङकाइया जे पचप्तगा ज पा तगा से सङ्घ एगविष्ठा ष्ठाविससा ष्नाणप्ता सङ्घसांय परियात्रागा परमप्ता, समाप्पाउसो कडिण जत। बेड दियाण पात्ता पजप्तगाण ठाणा पराप्ता ? गोयमा ' उहुलोए सदेकडेसनाग, ष्एहोलोप तदेकदेसजागे, सिरियलोए गऊसु तलाएसु नदीसु धात्रीसु पुस्करपीसु दीष्ठियासु गुजालिमासु सरेसु सरपतियासु सरसरपतियासु उज्करसु निक्करसु चिल्ललस पल्लले वप्पिणेसु दीधेसु स मुद्दसु ससुषेय अलास सु अलठाणेसु एस्यर्ण बेठ्ठदियाण पात्तापजप्तगाण ठाणा परमत्ता । उवषाएणं लोगस्स श्वासखेज्यङनोगं, समुग्छ। एण लोयस्स श्वसनागे सष्ठाण लोयस्स सखजागे । कर्णि नवे ! ते दिपाण पयप्तापयत्तगाण ठाणा परमष्ठा ? गोयमा । उदुलोए तदेकदे सजाए पहोलोए तदेक भौतम व दरवरपतिकाविज्ञाना पर्यायानां त्वावानि तव वाटरवनस्पतियायिकानामपर्यानो स्यानानि मानि । उपघातेन सर्वतो व मुद्दाम सबलोचे सत्यानेन लोकस्वादयेयप्राणे । बम महन्त पर्याप्ततामयमानस्यातानि मानि बोट बनस्पति काका पर्याप्ता ये पर्याय सबै एकविचा मम्मन) पनि दे प्रदेशन तियानेषु नदीषु बाद पापकानां खामि महोत उत् निरेषु चिषु लघु पप्पिस डीप बापुरी - मुख्यानिवार वरस्य विरचि तानि । उपवासेन सोबत्यावस्थेपमाने t सस्थान पतेन द्रियाचा पर्याप्तापयोदतानां खानानि ओपनर जाने सजाने लोकमाये । दादां पर्याप्तानामानि मानि DENDENCE DADEN Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - - - टेसन्नागे, तिरियलोए शगसु तलाएसु वाश्री पुरस्करणीसु दीष्ठियासु गुजालियासु सरेसु सरपतियासु सरसरपतियासु विलपतियासु उज्करेसु निम्छरेसु चिललेसु पल्ललेमु वप्पिणेसु दीयेसु समुहेसु ससुचेय जला सएसु जलठाणसु एत्यण तेइ दियाण पजाप्तापजाताण ठाणा परसप्ता, उपधारण लोयस्स शसखजाहलागे समग्याएण लोयस्स शसखिजाउन्नागे सहाणेण लोयस्स शुसखेाहनागे । कहिण जते । चउरिदियाण पजाप्तापजाप्ताण ठाणा पसता गोयमा । उहलोए तठेकदेसनाए, शहालोए तदेकटेसनागे, तिरियलोए छगसु तलासु यावीसु परकरिणीम् दीहियासु गुजालियासु सरेसु सरपतियासु सरसरपतियासु णिक रेसु उज्जरेसु चिल्ललेसु पल्ललेस वप्पिणसु दीपसु समुहमु ससुर्चत्र जलासएसु जलठामेसु एत्यण चउरि दियाण,पत्तापजत्ताण ठाणा पणता । उपधापण लायस्स शसखाइनागे समग्छा एण लोयस्स यस खेजहन्नागे, सहाणण लोयस्स शसखजाइनागे। कहिण नत । पचिदियाण पाप्तापज्जप्ताण ठाणा प० वेषभाग चपालोब सदबदमनाग तियकमायो पवट तठामपु वापीय पुपरीप दीपिकास मुन्नालिबासु सरस्सु सर पत्तिवास सरस्सर पासमासु बिमपत्तिकामु उतमरेप मिभरए चितवमनु परबसेष प्पिोप होपप समुद्रषु सर्वेष व जमाधयेषु जलस्थानप पतषा कीन्द्रिपाणा पर्याप्तापर्याप्तामा स्थानानि प्रचपतानि । रुपयातम सोमस्यासम्पपमाग समातम लोकस्यासम्पयमाग सस्थामेसोहस्यासम्पयनाग । अस्मि भवन । चतुरिन्द्रियामा पर्यापतापर्यापताना त्यामानि प्राप्नामि । गौतम । वष्यलाय तदेववक्षनागे पपोतोकोतवदेशन्नागे तिर्यकमोवे पन्ट' तळागेपुवापाषु पृफरकीपटीपवास गुमापिकास सरस सर पतिवामु सरस्सर पतिकासु निमारपु उस्मारपुरवसेष पश्वासपुर प्पियेषु होपेप समवेषु सर्वेषु चैव वप्ताशयेषु बसस्थानेषु एतपा चतुरिन्द्रिपावा पर्याप्तापपोप्तामा स्थामामि सप्तानि । उपयावन सोपस्या Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इन्नागे । कहिण नते। सामयणस्सहकाठयाण पजतगाण छपात्तगाणय ठाणा प०? गो०। सुजामवण स्सहकाया जे पजनगा जपजाप्तगा ते सह एगघिहा शुविससा शनाणप्ता सछलायपरियारणगा पणप्ता, समाणाउसो । फहिण नत । येह दियाण पत्ता पजप्तगाण ठाणा पणता ? गोयमा । उहलोए तर्दकठेसन्नाग, शहोलोप तदम्देसन्नागे, तिरियलोए शुगासु तलाएसु नदीसु वायीसु पुस्करणीसु दीष्ठियासु गुजालियासु सरेसु सरपतियासु सरसरपतियासु उम्करसु निकरसु चिललस पललेस वप्पिप्पेसु दोधेसु स मुहसु ससुचेय जलासपसु अलठाणेसु एत्य येइदियाण पजत्तापज्जप्तगाण ठाणा पणता। उपधाएणं लागस्स शसखेजडन्नोगे, समुग्छाएण लोयस्स असखात्नागे सठाणेण लोयरस शसखानागे। कहिर्ण नत ! इंदियाण पजतापज्जत्तगाण ठाणा पणता ? गोयमा । उहलोए तदेकदेसनाए थहोलोए उदेक मौतम । परमापत्तिवापिकानां पाताना खानानि तो मारमापतिलापियामामपामा खानानि प्रमानि उपपावेन सर्वसोने न सवसोने सत्यनेन सोडण्यासंबयेपणाचे काम मान्न । पोमवानामपमान लामोलि ममतानिपौवम । मामापापति बाबियाचे पर्याप्तमा पे पपर्याप्तबासे सानिधा परिक्षा नावावर सोपसोपा ममा अ स्मिदिनमा माया पोरापासवानां सामान सनि ! नौगम जानी मानी तो पारघरबीपिानिपरेस्स पर पत्तिय समिर पासवानरनिरंकुणिमा पस्मा पम्पिापुदीपक भार तीय जनतमि एतेषी मीनिणयां पर्याप्तापर्याप्तामा सामानि तानि । पपातम सोमायस्पेयमाने पावन पोपहारस्वमायेखामेणबोलावस्येवमामिण परमनिवारा पर्याप्यापर्याप्तामोसामानि मायामि। पौवन बीच Len Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तमसा पधगयगहचदसूरनस्कप्तजोइसपहा मेदवसापूयरुष्ठिरमंसधिस्कललिताणुलेयणतला थासुईवीसा परम दुम्निगंधा काऊयगणियलाना फरकफासा दुरहियासा थर्सना नरगा यमुना नरएस घेयणा एत्यण नरइयाण पजप्तापजत्ताण ठाणा पणता, उषयाएण लोयस्स शसखेजहन्नागे, समुग्धारण लोलस्स व सखेजाइनागे, सठाणेण लोयरस शसखेजहन्नागे, एत्यण बहवे नेरइया परिवसति काला कालाजासा गं नीरलोमहरिसा नीमा उप्तासणगा परमकराहा बरोण परमप्ता , तण तत्य णिच्च नीया णिच्च तस्या णिच्च तसिया णिच्च उधिग्गा णिश्च परममसुनसयनरगनय पच्चणुम्नयमाणा विहरति । कहिण नते ! रयणप्पन्ना पुढधीनेरडयाण पजाप्ता पजाप्तााण ठाणा प०? कहिण नत । रयणप्पन्नापुढयिनेरइया परिवसति ? गो०! इमीस रयणप्पनाए पुढवीए वसीउतरजीयणसयसहस्सवाहलाए उपिरि एग जोयणसहस्समोगाहिता परमसत्वानसविता मित्यापबारतमसा व्यपमतयामपनपत्रम्पोतिपयना मदवसापयापिरमासबदमसिप्नानुसपमतला पशुमा विना (सामनधिका ) परमदुरग्निमया पोताग्निवर्वाना (सोमपम्पमान यादृशोग्ने समावदामा यपामेव भूताः) मयस्पोः दुर भ्यासा जमुना भरवा पघुमाय मरवदना । एतेप मेरापबामा पर्याप्तापर्णप्ताना सामामि प्राप्तानि । उपपावेन सोषस्य प्रसस्येप भाग समपातम मोबस्पासण्ययप्राग सस्थामा लोपस्यासबपेपमान पतेप बावा मैरपिबा परिवसतिबासापासापासा गन्मीरसोमा पो सतवासमगाः परमप्पा वर्ष प्राप्ताः । तता मित्यनीता मित्यत्रता नित्यं त्रसिता नित्यमहिमा मित्यपरमालमसमर्नरवपये पयमु प्रपमामा विपरति पस्मिन प्रवन्त रवप्रमापिनीमपिता पर्याप्तापर्णपातामा स्थानानि प्राप्तानि । अस्मिन भवन्य रखानापषिधी' | मेरविका परिवसन्ति ।। गौतम । एवमा रवममायां पपिव्यामधीस्पतरशतपोवनमवसनबास्य नोपर्यंत योवनसासमवगाझाघव योज । Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ? गोयमा । उहलोए सदेकडेसन्नागे छहोलोए तदेकदेसन्नागे तिरियलोए अगसु सलाएसु नदीसु उहेसु घाघीसु पुस्फरिणीसु दीहियासु गुजालियासु सरेसु सरपसियासु सरसरपतियासु घिलपतियासु उन्करेसु णिकरसु विललेसु पल्ललेसु वप्पिणसु दीवसु समुहेसु ससुचेष जलासएसु जलठाणसु एत्यण पचिदियाण पातापजताण ठामा पसाप्ता , उपवाए लोयस्स शसखेडाइनागे, समुग्धाएण लायस्स शसखंड नाग, सहाणण लोयस्स शसखेजहनाग । कहिण नन ! नेरहयाण पज्जतापज्जयाण ठाणा पणता ? कारण नत ! नेरह या परिवसति ? गोयमा। सठाणेण सप्तसु पुढधीसु तजहा-रयणप्पनाए सक्करप्पनाए घालुयप्पनाए पकप्पनाए घमप्पनाए तमप्पत्नाए तमतमप्पनाए एयण नेरठयाण चउरासि निरयावास सपहस्साह जयतीति यस्काय, सेण णरगा शतावहा बाहिचठरसा थ खुरप्पसठाणसंठिया निघयार संखोपभाने सापान सोचमासस्पपणाने खानेन सोमासस्पेपनाये । पस्मिधु मदन्ता पम्बेनियारा पर्याप्तापोपताना खानानिमा मानि ।। बीतम वयसोयो पक्षमाने भयोलोषातवेपणागे तियन्तो गीतमा नदीयुगा पीक पहली बार सिमानुपास्तु सरपतिका रारम्पतिमा विसपश्चिमा उस्कार निरम पिसम मापुरतर, सचिव मा संस्थानेए पतवां पोनिपायी पर्याप्तीपपीपट्टीला यमदीपासपातन सोवलापमा बनुपातेन तोता संपाबालिग सोलारमामपानरोपबामा पर्याप्तापर्याप्तामा सामान प्राप्तानि लिनुस । Dowra बारातिम मखनिय सप्त पचिती तराधा-रखममाया प्रचारमनाया बानुबाबा पमना पूर्णप्रमाया समाआप भतप्रधापान एवेषा नरपिवाया चतुरजीविमरवावापामारावीलालाबन् । बरवा चावचितुरमा या Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तमसा घश्रगयगहृचदसूरनरकप्तजो हसपहा मेदवसापूयरुद्विरम सुचिस्कल्ल लिप्ताणुलेवणातला वसईवीसा परम दुस्निगघा काऊयगणिषन्नाना कस्कनफासा दुरहियासा यसुना नरगा यमुना नरएस धेपणाच एत्यर्ण नरहूयाण पतप्तापयत्ताण ठाणा पन्ना, उबधारण लोयस्स सखे जागे, समुग्धाएण ठोलस्स छ सखेनागे, सठाणेण लायस्स श्रसखेडा नागे, एस्यण बहवे नंरइया परिवसति काला कालाजासा ग नीरलोमहरिसा नीमा उत्प्तासणगा परमकरहा योण पसप्ता, तण तत्य णिच्च जीया णिच तस्या णिच तसिया णिच्च उञ्चिग्गा णिश्च परमम सुनसघनरगजय पचणुञ्जयमाणा विहरति । कहिण नते ! रयणप्पना पुढश्रीनेरहयाण पतप्ता पाताण ठाणा प० ? कहिण जन । रयणप्पज्ञापुढषिनेरहया परिवसति ? गो० ! इमी रणप्पा पुढबीए एसीउत्तरजीयणसय सहस्रबाहल्लाए उयिरि एग ओयणसहस्समोगाहिप्ता परमसत्वानस्थिता निस्याम्पवातमसा व्यपयत ग्रह चन्द्रसूर्यनस्योतिपत्रमा मदवसापूपसपिरमासकदमलिप्तानुपमतला अधुना विस्रा (धासन्धिका ) परमदुरनियन्या कपोतानिवर्याना (सोहघम्यमान यादृशोम्मे कमावयवदाना यपामेव भूताः ) कास्पर्शाः दुर प्यासा चमुना नरका अघुनाथ गरब वदना । एतेषु मेरायचाचा पर्याप्तापपतामा स्थानामि महप्तानि । रुपयातेन लोकस्य घसरूपेष भाग समुपालन लोकस्य सख्येयमान सस्यानेन सोबत्यासस्येपप्राय यतेषु बहवो मैरयिका परिवसति वाला बालाघासाः पमीरला मह उत्प्रासमणाः परमता व प्रप्नः । तन तत्र निस्पनता मित्यवस्ता मित्यवसिता नित्यमुद्विग्ना मित्यपरमाशु मलवरय पयमु नूयमाना विहरन्ति । कस्मिक प्रदन्त रममप्रापृथिवी नेरपिकाचा पर्याप्तापर्याप्तामा स्थानानि प्रचप्तानि । कस्मिवु नदन्त रजमनापृथिवी मेरयिकाः परिवसन्ति ? । गौतम । एतस्यां बधायां पृथिव्यामीत्युतरशत पाचनशतसहस्वास्य गोपर्येकं योजनसह स्त्रमवणा साधकं योज Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ? गोयमा । उष्टुलोए तदेकटेसत्तागे शहोलोए तदेकदेसन्नागे सिरियलोए शगसु सलाएसु नदीसु व्हेसु याधीसु पुस्करिणीसु दीहियासु गुजालियासु सरेसु सरपतियासु सरसरपतियासु घिलपसियासु उकरेसु मिकरस विललेसु पल्ललेसु वप्पिणसु दीवसु समुढेसु ससुचेष जलासएसु अलठाणसु एत्यण पचिदियाण पज्जप्तापजताण ठाणा पमप्ता , उपधाएण लोयस्स असखे नागे, समुग्धाएण लायस्स सज्जा नाग, सहापण लोपस्स शसखेजनाग । कहिण नन ! नरहयाण पचवापरुजष्ठाण ठाणा पणष्ठा ? फरिण नत ! नेरह या परिषसति ? गोयमा। सहाणेण सप्तसु पुढघीसु तजा-रयणप्पनाए सक्करप्पन्नाए घालुयप्पनाए पकप्पनाए धूमप्पनाए समप्पनाए तमतमप्पनाए एत्यण नेरठयाण चउरासि निरयावास सयहस्साह नघतीति शस्त्राय, सेण परगा शतोषहा याठिचठरसा यह खुरप्पसष्ठाणसठिया निघयार सम्पमागे समापातेन मोबमासम्पपणाने सत्यानेन लोकशाम्पेपणाने । बसिनु मात्रापलियाको पापनापोपताना लामिक मानि बोषम वयसोचे तदेवापाने पोलीको देवमाणे तिमलोपडपीपरपजापीप, H angtance मिवामु तरतु सापशिवा परामरम्पसिया विसपनिमारक निमार पिसाएँ नर्वेषु । जहालये पसखाने पक्षमा पालापातापप पिताखानामापतानि । तपासावस्यायल्पवमाम बापान सोपस्सा गरसेवमाय वालपपमानापमापात । नरपिचारा पर्याप्तापर्याप्तामा खानानि प्राप्तानि ।।अनि पाना रपिचारितिनिौतनखामप्त पथियो । तराबा-रखम्मा अबरम्भावा बानुमचार्या पत्राची मम्मामा मात्र Fauzावास पतेचा नरपिचा तरणीतिमरवावामामालिनदीलालाब बरवा चमचा बहिचतुरखा ' HSANE Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तमसा वग्रगग्रगहघदसूरनस्कप्तओष्ठसपा मेदवसापूयरुद्विरमसुचिरकल्लष्लिप्ताणुले घणतला सुईषीसा परम दुनिगघा काऊयगणिबन्नाना करकफासा दुरहियासा सुना नरगा यमुना नरएस वेयणानं एत्यणं नरइयाण पाप्तापासाण ठाणा पखन्ना, उबघाएण लोयस्स सखेाङजागे, समुग्वा एण लोलस्स च्य सखेाइनागे, सठामेण लोयस्स एसखेडा जागे, एत्यण बहवे नंरख्या परिवसति काला कालाजासा ग जीरोमहरिसा जीमा उत्प्तासणगा परमकरहा बोण पसप्ता, तण तस्य णिच जीया णिञ्च तत्याणिच तसिया णिच्च उच्चग्गा णिञ्च परममसुनसबनरगजय पञ्चणुञ्जयमाणा विहरति । कहिण जते ! रयणप्पना पुढीनेरहाण पतप्ता पक्षशण ठाणा प० ? कहिण जन । रयणप्पनापुढयिनेरड्या परिषसति ? गो० । इमी रयणप्पा पुढबीए एसी उत्तरजीयणसय सहस्सा हल्लाए उधिरि एग जोयणसहस्समोगाहिष्ठा पुसल्यानसस्विता नित्यान्धकारमा व्यपगतचन्द्र सूत्रपतिना मदवसापूपसपिरमासार्दमसिप्नानुसपनाला पशुप्रा विद्या (चासन्धिका ) परमदुरनिगन्धा कपोताविना ( सोहपम्पमान पावृशोम्ने कमावणस्तद्वदामा ययामेव नूताः ) कास्पर्धाः पुर प्यासा अधुना भरका प्रशुनाश्च नरब वदना । एतेषु मेरायबाचा पर्याप्तापर्याप्तामा खानानि प्रचप्तानि । उपयातेन लोकस्य पश्येय माय समुपालन लोकस्यास्यद्वारा सत्याने लोकस्पासंख्येयप्राय पतेषु बहवो मैरपिथाः परिवस्ति काला कालामासाः गमीरलोमह पोतासनयाः परममा वर्षेन प्रचप्ताः । तन तत्र नित्यश्रोता मित्यस्ता नित्यवसिता नित्यमुहिम्ना मित्यपरमाशुमसबमरकनयं पयमु भूयमाना विहरन्ति । कस्मिवु महन्त स्वप्रमापृथिवीमेर मिकाणां पर्याप्तापर्यापतानां स्यानानि प्रचप्तानि । कस्मिक्षु नदस्य रवमनापूथिवी | मेरयिकाः परिवसन्ति ? | मौतम । एवस्पां रवप्रभायां पृथिव्यामीत्युतराव योजनशतसहस्रबाहुंस्य मोपर्येक योजनसहस्रमवगा झाघयेक योज Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हेठाचेग जोयणसहस्स पजिप्ता मज्जे पाहतारिजोयणसयसहस्से एस्यण रयणप्पन्नापुढपिनेरठयाण तीस निरयावाससयसहस्सा नवतीप्ति मरकाय, तेण नरगा तो वहा पाहि चउरसा शहे खुरुप्पमठाणसठिया निघयारतमसा धगयगहचदसूरनस्कप्तजोडसपहा मेदयसापूहयपालरुहिरमसचिस्कललित्ताणुलेवपतला वसईधीसा परमस्निगघा काऊशगणिवस्माना करफाफासा दुरहियासा सुन्ना परगा शसुना नरगेसु वे दणा एत्यण रयमप्पनापविनेरहयाण पत्ता पज्जत्ताण ठाणा पणता, उपधाएण लोयस्स शसखेज नागे, समुग्धाएण लोयस्स श्वसखाडलागे, सठाणण लोयस्स यसखंजहन्नागे । तस्यण घहये रयणप्प नापुषिनरइया परिवसति। काला कालानासा गनीरलोमहरिसा नीमा उत्तासणगा परमफिराहा धन्लेण पणता, समणा उसो ! तेण णिचनीया निच्च तस्या णिच ससिया णिच हिम्गा निच्च परममसुनसयह ! DA मन पिता मष्पेऽहसप्तति पोचयाने पक्ष रखममापपिवीनरपिाल किरयानातावापि प्रामोत्यास्यामा माचा बाले चरखा - रुपनत्यानरमा नित्याम्पवारतममा पासोतिमा दिसापिस नितिमतानुलपातमा भनुमा विना परमपिता पीला प रयामाचा परवा परब ना परबममणिमिवीनरपिकाया पपोतापपिवानमाप्तापिपातालोषस्थापंरपर्यमान समदुपातेमबोबस्मारस्पेय भाने नतासासादरन्मिायो प्रयापविलीनराि परिषसन्ति । बासा पासापाता। नम्भीरतामार्ग प्रोमा गत्मा समचाः परमाणाबमापनाबमा मुभम् । तेन नित्य पोता लिस्प बानिय सिता नित्यमा नित्य परमामायनरचय पवनपुपमामा विधि । लि पाच नरममाणिनिरपिकाचा पर्याप्तापाप्ताना बानानि प्रानि । तिप्राचारमा Ahp4 Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ BRIDDOSoon.one. o नरगन्जय पञ्चणम्नश्माणा विहरति । कहिण नते ! सक्करप्पन्नापुढयिनेरइयाण पाप्तापजाप्ताण ठाणा पणता ? कहिण नते , सक्करप्पनापुढविणेरडया परियसति ? गोयमा । सक्करप्पन्नापुढथिए यतीसुप्तर जोयणसयसहस्सयाहालाए , उपरि एग जोयणसहस्स उग्गाहित्ता हेठा धेग जोयणसहस्स वझिना मज्के सीसुप्तरजोयणसयसहस्स एत्यण सकरप्पनापुढवीणेरडयाण पणवीस निरयायाससहस्सा हषतीतिमरकायम् तेण नरगा तो यहा बाहि चउरसा शहे खुरप्पसठाणसठिया णिच्चधयारतमसा वधगयगहचठसुरणरक मजोइसपहा मेययसापूयपालरुहिरमसधिस्किललिताणुले गणतला शसइवीसा परमदुनिगधा काऊचगणि वसाना करकफासा दुरहियासा शसुन्ना नरगा यमुना नरंगेसु वयणा एयण सकरप्पन्नापुढविणेरह याण पजाप्ता पऊत्ताण ठाणा पमप्ता। उधाण लायस्स शुसखेजाइनाग समुग्धाएण लोयस्स शसखे सइनागे सहाणण लोयस्स शसखाइनागे । तत्यण यहवे सकरप्पन्नापुढविनरहया परिवसति । काला HEROccaeocococeracocoomstones Da00ameer पपिवमयिका परिवसन्ति । पौतम शबरमप्रापचिव्या दाविमटुत्तरयोजनझतसानवालापामुपरिक्ष याजनसासमवयाशाप एक योजन सात बजयित्वा मध्य विदुत्तरयाजनशतमान एतेषु शबरमप्रापचिवीनरपिचाना पविशन्ति मिरयावासशतमालागि प्रवतीस्यास्पातम । |तम मरवा पत्ता मधिपतरना पप तुरमसस्थामसास्थता मित्यान्मबारतमसा व्यपगतान्द्र सपना न्यातिपमा मदवसापूपपटमसधिर मासम्मतिमामुप्तपमताला घामा विस्ताः परमदुरभिमन्या वाणाग्निबाना बशस्पर्धा दुरण्यासा पक्षमा मरका पशुभा मरकेप वदना | छ। प्तेषु अकरमनपचिका मेरपिवाणा पर्याप्तापर्याप्ताना त्यानाान प्रमामि । उपतन सोपस्यासस्पे पन्नागे समुदाम साबस्यासस्पेपन्नागे | सस्थामन सोचस्पासम्पपमागे । वस्मित वावः शबरमनपचिवीनरपिता पारवसन्ति । वासा बासनासा: मम्मीरसोमहा भीमा पचासमकाः Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ फालानासा गनीरलोमष्ठरिसानीमा उप्तासणगा परमफिरका बसेम पमप्ता। समणाउसो । तणानच नाता निश्च तत्या निन्न तसिया निच्च उधिम्गा निच परमममुन्नसबटु नरगनय पञ्चणम्नबमाणा विहरति । कहिण जत । पालुपप्पन्नापुढवीणरायाण पजत्ता पजताण ठाणा परमप्ता? गोयमा । बालुयप्पन्नापुढवीए थठा वीसुप्तरजोयणसयसहस्सयालाए उवरि एग जोयणसहस्स उग्गासिता हेठा वेगजोयणसहस्स यजिप्ता मज्के बहामुप्तरजोयणसयसहस्से एयण यालयप्पन्नापुतविणरहयाण पसरसनिरयावासयसहस्सालवतीति मस्का यं । तेण नरगा तो यहा याहि घउरसा आहे खुरप्पसठाणसठिया निच्चधयारतमसा घवगयगहदसू रणस्क्रप्पोष्ठसपहा मेयवसापूपपालरुहिरमसचिस्किल्ललिताणठेवणतला वसईवीसा परमदुनिगधा काक थगणिवणाना फरकफासा दुरहियासा असुना नरगा यमुना णरएस वेयणा एत्यण यालुयप्पनापुतवीणे रछ्याण पक्षप्ता पजताण ठाणा पणता। उपवाएण छोयस्स शसखेजाइनागे । समुग्धारण लोयस व परमाणाः वन मसाः अमवायुप्मन् । तेन 'नस्यपीता मिल्यता मिाय सियालिस्पमहिना बिदु परमावानरकम पर पाना विरन्ति । अस्मिय प्रालबाबममपपिपीनरपिकाला पोष्ठापयोमारे समामि मlaitम लिपी पव्यामष्टावि युवरपोबरमतपतपासायामुपरि या योजनेपानापास प्रोवामानाचा मान प्रविधियुत्तरयोबमधर्तमाने एवं का प्रापिटावि पनि दिपायलमा रेषा असता मान्ने चतुरखा पा रवानयति वालियापारमा अमित पावन स्पासम्मोतिषाकामा देवतापूपपटलहपिरमातीमानतामुलपमतमा मुमा मिला परमरणि मनापारगमबवाना बरबरपको दुरप्यासा'मानापरवाचा भरपरना।। एतेमाप्रपाभिवोरपिशाबा पर्याप्तापर्याप्ता Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ -DEODoorporter-aa-PreTONT सखेजाइनागे । मठाणेण लोयस्स छसखेजाइनागे। तस्यण याहवे बालुयप्पानापुढवीणेरडया परिषसति कारण कालगनासा गनीरलोमहरिसा नीमा उप्तासणगा परमक्ण्हिा वणेण प० समणाउमा । तेण निच नीया निच्च तस्या निच्च तसिया निच्च उछिग्गा निच्च परममसुन्नमबद्ध णरगनय पणनावमाणा विहरति । कहिण नत । पकप्पन्नापढविणरडयाण पाप्तापाप्माण ठाणा पणता ? गोयमा । पक्प्पनापुढयी वी सनरजायणसयमहस्सयाडलार उपरि एग जोयणसहस्स उग्गाहिना हेठावेग जोयणमसस्स यत्तिा मळ शुष्ठारसुनर जोयणसयसहस्से एत्यण पकप्पन्नापढविनेरइयाण दम निरयावाससयमहस्सा नवतीति मस्काय । तण णरगा तो यहा याहि चउरसा शहे खुप्पसठाणसठिया निच्च पयारतमसा वधगयगह घटसूरनरफत्तजाइसपहा मेयवमापूयपालरुहिरमसचिरिकल लिप्ताणुलेषणतला शसुईबीसा परमदुनिगधा mameEETAIRAA मा स्थानानि प्रमानि । सपवातन लोबम्यासस्पेयभाग समुहातम खोबस्यासस्येयमागे सस्थानेन मोफस्पासम्पनागे। तस्मिघु धावा पास ममपचिवीनरायका पारवसम्ति । वासा वालाभासा पम्भीरतामापा क्रीमा उच्चासनका परमकामा वर्षेन ममा श्रमणायुप्मम् । म नित्यनीता मस्पास्ता मित्य सिता नित्यमामा मित्य परमाशनसय नरवनय पयमनयमामा विस्मिनवम्त । पमनपथि वामरपिका पोतापोमामा स्थामामि प्रचतानि गौतम । पापनपचिव्या विशत्युत्तरयासमयतात्रयपुमायामपर यक पोजमसात मदयाधापक योजनसान जयित्वा मध्ये पटादशोतरे योजमशतमा पत पमनपषिवीनरयिबाणा शामरयावास मातमाखाविनव त्यास्यातम् । तेन नरक चतता बापतरमा पथः पुरणसस्थानसास्थता नित्यायकारतमसा व्यपगतयाचन्द्रप्पनक्षत्रयोतिषमक्षामा में दवसापयपटसहघिरमासबदमसिमानुसपनवसा घमुमा विवाः परमदुरनिगम्या वापूयामोना कायस्पर्श तुरत्यया पशुमा मरमा पा Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ काऊयगणियाना कस्कफासा दुरहियासा ष्यसुन्ना नरगा सुना नरगे सुधेयणानं एस्यण प्यकप्पना पुढषि णेरड्याण पयप्तापयत्ताण ठाणा पखप्ता । उवबाण लोयस्स ष्ासखेडा जागे, समुग्धाएण लोयस्स ष्यखज्यठप्तागे, सष्ठाणण लोयस्स ष्एसखेत हजागे सत्य यह पकप्पत्नापुढविणरया परिषसति, काला कालाजासा गज्जीरलोमहरिसा जीमा उत्प्तासणगा परमकिरहा घोण पत्ता समप्णाउसो । तण निच्च जीया निच्च तत्या निञ्च तसिया निश्च उहिग्गा निश्च परममसुतस्य नरगज्जय पञ्चणुषमाणा विहरति । कहि अंत । धूमप्पना पुढविनेरष्ठयाण पयप्तापयत्ताण ठाणा पाष्ठा ? गोयमा । धूमप्पनाएपुढषीए ष्ठा रतुत्तरजोयणसयसहस्सबाहल्लाए उधार एग ओयणसहस्स उग्गाडिष्ठा हेठा वेग जोयणसहस्य वजिष्ठा मज्के साठसुप्तरे ओयणस्यसहस्स एयण धूमप्पना पुढवीणेरड याण विधि निरयावासस यसहस्सा हयतीतिमरकार्य aण नरगा तो वहा याहि चउरसा हे सुरुप्पस ठाणसठिया निधयार तमसा वषगयगचद सूरनरक मा नरकपु वहना एतेषु पचप्रमा पृथिवीनेरपिकाचा पर्याप्तापपतानां स्यानाति महानि। उपवासेन सस्मेपनाये सस्यानन लोकस्मात्पपभागे । उत्रनु महद परिवारि स्वासनका परमहमा बचन प्रसरः मम 1 पाना शरीरापीसा गम्म रोम मोमा उ विनिहिता नित्यं परमाशु प्रबद्दनरक साना नानि तानि । गौतम । धूमप्रप्रायां पृथि ए व्यामहामायामुपरि एवं मोजमसहखमुत्वा एक योधनयहवं बजयित्वा मध्ये मोडतरे मोजत पूरा निरपवाद्यतसहस्राचि भवन्तीत्याख्यातम् । तब नरबाट बहिरा अ Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SODOVODOM - EIN DORDADO GOO प्रे तजोष्ठसपहा मेययसापूयपहरु हिरमस विस्कल्ल लिप्ताणुलेषणातला ष्यसुईषीसा परमदुस्निगधा काऊ गणि घाना कस्कफासा दुरहियासा सुना नरगा ष्यसुना नरगेस वेयणानं एत्यण धूमप्पन्नापुढविणेरष्ट्याण पज्यप्तापाप्ताण ठाणा पखन्ता । उबबाएण लोयस्स यस खंडनागे, समुग्धारण लोयस्स एस खेह जागे, सठाणण लोयस्स व सखेामागे तस्यण यहवे घूमप्पनापुढविणरख्या परिवसति काला कालाजासा गत्नीरलीमहरिसा जीमा उप्लासणगा परमकिरहा वषेण पसप्ता समणाउसो । तण णिच जीया निच्च तत्या निञ्च तसिया निञ्च उचिग्गा निश्च परममसुनस बनरगजय पञ्चगुलवमाणा विहरति । कणि जते । तमा पुढविनेरइयाण पतप्तापयत्ताण ठाणा पता ? गोयमा । तमापुढबीए सोलसुत्तरजोयणसय सहस्सयाह ब्लाए उयरि एग जोयणसहस्स उग्गाहिता हेठावेग जाय सहस्स ययिता मज्ऊ चोद सुप्तरे जोयणसहस्स | ता नित्यान्धकारमा व्यपगत ग्रचन्द्र पनत्रज्योतिपना मदवसापूपटल चिरमास कदम लिप्तानुलेपनलला चक्षुद्रा विस्राः परमधुर भिगन्धाः बापूपाविमा शस्पर्धा चमुना मरका प्रशुना नरकेषु वेदनाथ । एतषु धूमप्रनपाचवीनं रथिकारणापपासापर्याप्ताना स्वामान मा न उपवान लाकस्यासस्येपनाने समुहासेन लोकस्यासस्यपनागे सस्थानम [लावस्यासस्येयाने प्रभु यहवा घूमप्रप्रपृथिवीमै रथिका परिव सात | काला बालानामा गनोरलामहप नीमा उत्रासमका परमरुमा वचन प्रता भ्रमवायसम । तेन मित्यनीता नित्यप्रस्ता मित्य प्रतिमित्यमुना नित्यपरमाप्रसघ मरकजय पथनुभूयमाना विरक्ति वामन प्रदत | तमः प्रपृथिवी नेरपिकासा पर्याप्तापर्यातामा स्वानामि प्रचप्तानि । गौतम । तम प्रत्यया पोळशुत्तरयो जमात स्वय लावामपार एक योजनसहखमुद्गृहीत्वाच एक याजन सहस्र वर्षाप त्वा मध्य चतुरशोत्तर पाचसहस्त्रे एतेषु तम प्रपृथिवी ने रायकाणामेकस्मिन्पम्यान तरवावास व सह प्रवतस्यास्यातम् । तेन मरकान् INTEND RE Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एव्यपे तमप्पन्नापुढविणेरडयाण एग पचूणे नरगाथाससयसहस्से प्रवतीति मस्काय , सेण नरगा तो वहा पाहि पतरसा यह खुरप्यसठाणसष्ठिया निच्चधयारतमसा ययगयगहचदसूरनस्कप्तजोहसपटा मेदवसापय पन्छसहिरमसचिरिकललितामुलेयणप्तला शहषीसा परमनिगधा फस्काफासा दुरहियासा चसुना न रगा श्वसना नरगेसु घेयणा एस्यण तमापुढविपरयाण पज्जतापजाप्ताण ठाणा पणता , उपथाएण लोयस्स चसखेजानागे समुग्धारण लोयस्स शसखेजाहन्नागे सठाणेण लोयस्स शसखेजाइनागे, तस्यण यह समप्पन्नापुढीणेरडया परिवसति फाला कालानासा गन्नीरलोमहरिसा नीमा उप्तासणगा परमफिराहा पण परमत्ता सममाउसो । तेण निचनीया निच्च तस्या निच्च तसिया निच उधिग्गा निच्च परममसुनसयड मरगनय पञ्चणम्नयमाणा विहरति । कहिण नत ! तमतमापुढविणेरइयाण पआत्तापरूत्ताण ठाणा प०, ? गायमा। तमतमापुढयोए थत्तरजोयणसयसहस्सयाहलाए उवरि थवषमजोयणसहस्साइ उग्गाहित्चा पत्ता वापतरता पच परसखानखिता नित्यासबारसमक्षा व्यपगत्यामननयोतिपमता मेतवसा मसपदमपिर - मसपमतमा पमुमा विता परमदुरभिमन्या मधल्पयो दुरपया पगारवा पा सरकप नापमापन पायवानरपिचाना पी. सापोमाना त्यामानि तानि उपपा मोबस्संक्येयमाने समावेश होवयानरसेपी अनियमविपोषियमागे तानु बावत म पचिनीमेरपिबा रिसSANSARKAR MUSIVE KASHISHारमामासामीसमबापरेममा वम प्राप्ताः प्रमवापुमा । तेन नि स्पपीता निष्पशनत्यानन्दनित्यमुर्दिमा नित्य परमानुसारवलयं पपनुनयमामा बिरन्ति ।बस्मिनु भरन्त । तमतमा पचिवी नरमिधारा पर्याप्तीपोप्तामा स्वानानि महानि गौतम । बमबमा पपिण्यामठोसरपोवनयवासायामुपरि चिपमायोजन Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ donloa ठाविणोयणसहस्स झिप्ता मज्के तिखिजोयणसहस्सेसु एस्यण तमतमापुढवीणेरडयाण पड़ा सापात्ताण पचदिसि पच अणुसरा महहमहालगा महानिरया परमप्ता, सजड़ा - काले महाकाले रोए म द्वारोरुए अपडठाणे, तण नरगा तो वहा याहि चउरमा हे खुरप्पसष्ठाण सठिया निच्च घयारतमसा वत्रगयगहृचदसूरनस्कत्तजी इसपहा मेयपूयय सारुहिरमस पल विस्कल्ल लिप्ताणुलेषणातला सुइयीसा परम निगधा करकफासा दुरहियासा असुना नरगा श्वसुना नरगंतु वेदनाच एत्यण तमतमापुढविनेरढयाण ठा'णा पन्नप्ता, उघनाएण लोयस्स सखेाइनाए समुग्छ । एण लोयस्स साइनाए सठाणेण लोयस्स ष्यसखाइनाएं तत्यण बहये तमतमापुढयिनेरड्या परिवसति काला कालानासा गभीरलोमहरिसा नीमा उप्तासणया परम किराहा बन्नेष पन्नत्ता समणाउसो' तण निश्च जीया चि तत्या निञ्च उम्रिग्गा निच परमम सुनसमद्ध नगरनय पञ्चणुञ्चत्रमाणा बिहरति ॥ सीतयतीस ष्ष्ठावीसचहोइवीसच । वठारससो सहस्राक् दगृहीत्वाधार पावसहस्रार वजयित्वा मध्ये त्रियाजनसस्त्रषु यतषु समस्तम पृथिवीमैरविषाचा पर्याप्तापर्या साना पादपदानसरा महामहालया महानिरया प्राप्ता तथा काले महाकाल रोरवे महारौरव प्रतिष्ठान तेम नरकान्तवृत्ता व तिरस्रारप्रसस्थानस स्थिता मित्यान्धकारमा व्यपगतचन्द्रसूयत्रन्यातिपत्रमा मदवार रिमांसपल कई मसितामुपगत लाप्राविखा परमदुरभिगन्धा स्पर्धा दुरत्यया चमुद्रा मरका पशुना मरकपु वदनाथ एतपु तमस्तमः पृथिवो मैरपिकायां स्यानानि | प्रमामि । तप साकस्यासरूपेपनाये समुहातेन सोमस्य सस्येयभाग सस्थानन लाकस्यासस्यपनाम तप यहवस्तमस्तम पृथिवीरविका परिवसति काला बालानामा गम्भीरलो महपा नीमा उद्यासनकाः परमहमा वर्षेन प्रथताः भ्रमया युसम् । तेन नित्य मीता मिल्यं प्रस्ता नि Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SERAZLE WEHONCA CE & D तेण नरगा तो घट्टा एस्यण तमप्पजापुढविणेरहयाण एग पचूपे नरगाथा समय सहस्मे हयतीति मरकाय, चाहि चउरसा यहे खुरप्पस ठाणसठिया निञ्चधयारतमसा यत्रगयगहच सूरनस्कप्स जो हसपा मेदयसापूय पफलरुद्विरमसचिस्किल्ललिताणुले यसला अडवीसा परमदुचिगधा करकफासा दुरहियासा यसुना न राजा नरगे या एत्य तमापुढविणेरहयाण पाप्ता पज्यप्ताण ठाणा पक्षप्ता, उपधारण लोयस्व ष्प्रसखेडा:नागे समुग्धारण लोयस्स सखेामागे सहाणेण लोयस्स सखंसह नागे, तव्यण यह तमप्पजापुढार या परिवसति काला काठानासा गजीरामहरिसा जीमा उत्तासणगा परमकिरहा घमण पत्ता समणाउसो । तेण निच्च जीया निश्च तत्या निच्च खसिया निच्च उच्चग्गा निञ्च परममसुनर्स नरगजय पचणुन माणा विहरति । कहिण नत ! तमतमापुढविणेरद्दयाण पत्ता पत्ताणं ठाणा प० ? गायमा ' तमतमा पुढश्री ए ष्ठुत्तरजोयणसयसहस्सा हल्लाए उयरि वयणजीयणसहस्वाड़ उग्गाहिता दमतिमा एता बहिश्चतुरखा अपः सुरसस्यानस्थिता मित्यान्सवारमा व्यपगतमसोवि तिम मंजेतिर पिकाला पेया नपतला प्राविखाः परमदुरधियः परस्याभवना र देव प्तापर्याप्तानां स्वानानि प्रचप्तातिः । पपात माया सूपपमान समान सागपात देवयमान सत्यमिन लोस्यासत्येयमानं तनु ब म प्रनपृथिवीदणी पनि नमोरतम उत्तमकाः परममा बर्खेन प्राप्ताः श्रमखाबुजम् । तेन मि निश्वसिता मित्यमुद्विग्ना नित्यं परमाप्रसव नरकभयं पर्वमुपमाना विश्रन्ति । बलिबु महत । ततः पृथिवी तेरा पर्याप्त पोसामा खानानि मचतानि । गौतम । वनमा पृथिव्यामहोदरपो मन पुखा मामुपरि अभिवाद्योमम Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 0Deadem-0000000000cademaaDat हेठाधि थहनेवणजोयणसहस्स घजिप्ता म तिमिजोयणसहस्सेसु एस्यण तमतमापुढवीणेरडयाण पङ त्तापात्ताण पचदिसि पच शणुप्तरा महाहमहालगा महानिरया पणता, तजहा-काले महाकाले रोरुए म हारोरुए शपइठाणे, तण नरगा तो बहा याहि पउरसा शहे खुरप्पसठाणसठिया निच्च घयारतमसा वधगयगहचदसूरनरकत्तजोइसपहा मेयपूययसारुहिरमसपलथिरकललिताणुलेवणतला शसुईयीसा परमदु निगधा क्स्क फासा दुरहियासा शसुना नरगा शसुन्ना नरगेस वेदना एत्यण तमतमापुढविनेरहयाण ठाणा पन्नप्ता, उयपाएण लोयस्स श्वसखेजाइनाए समग्छ। एण लोयस्स शसखंडाइनाए सठाणेण लोयस्स शसखजाइनाए तस्यण यहये तमतमापुढयिनरडया परिवसति काला कालानासा गनीरलोमहरिसा नीमा उप्तासणया परमकिरहा बलेण पत्नत्ता समणाउसो। तण निचनीया णिच्च तस्या निच्च उचिग्गा निच्च परममसुनसबद नगरनय पच्चणुप्नघमाणा विहरति ॥ शसीतवतीस अठावीसचहाइवीसप । शहारससो anRDEGORODeemaemonomomecommaa साम्रास्य दशहीवाधााप पदावपन्चाहायाबनसानाविवजयित्वा मध्ये त्रियोजनसानप यतप तमाम पचिवमरयिकाबा पर्यासापो ताना पनदशपमानतरा मारामासया महानिरपा ता तद्यथा-कासे महामास रौरवे महारौरव पातिवाम तेम मरवा चलता | नियतरमा प्रधसुरम्सस्थानसस्थिता मित्यायकारतमसा व्यपगताचप्रसयमसन्मातिपमना मदपयवसापिरमासपतबदमसिमानुपमत | ला पशुजा विस्रा परमदुरनिगा सरपक्षां दुरत्या पशुजा मरवा मुना रखपु वदनाय एत' तमस्तम पचिवोमेरपिकाया स्थानामि प्रतानि । तपपातेम साबस्यासस्येपन्नागे समुहातन सोबस्यासस्पेयभाग सत्यानन सोबस्याग्यपनाप तम यावतमाम पषिवीरविक्षा: परिवन्ति कामा शासानामा गम्भीरसोमपानीमा उचासमकाः परमरुप्मा वम प्रताः समवायुप्मम् । तेम मिल्प मीता मित्य रखा मि Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उसग शहप्तरमेवहेष्ठिमया ॥१॥ अछुत्तरचषप्तीस हीसचेयसयसहस्सतु थठारससोलसग चोहससहिय तुबहीए। पछतेवरसहस्सा उधरिमहोषािऊतोन्नणिय । म उतिसुसहस्से सुहोतिनरगातमतमाए।तीसा यपलयीसा पसरसदसवसयसहस्साइ । तिलियपणेग पथयश्चणुत्तरानरगा n n कठिण नत । पचि दियतिरिस्कजोणियाण पप्तापजताण ठाणा प०? गो० । उनुलोए तठेकदेसनाए थहोलोए तदेकदेस नाए तिरियलोएस गस तलाएसु नदीसु दहेसु वाधीसु पुस्करिणीसु दीहियासु गुआलियासु सरेसु स रपत्तियासु सरसरपतियासु यिलपसियासु उज्जरेसु निम्छरेसु चिल्ललेसु पाललेसु वप्पिणसु दीयेसु समुद्देसु स छेसचेष जलासएसु जलठाणेसु एस्यण पचिदियतिरिस्क्रजोणियाण पहातापाताण ठाणा प० । उयया एण डोगरस पसखेजइनागे। समुग्घाएण छोयस्स थसखाइनागे। सठाणेण ठोयस्स असोजाइनागे। - पीता नित्यं परमानुप्रसंपल भरवमर्प पपनुपमाना विपरन्ति । जीविशित् प्रातिविधिवी व पोशमोक्षामेवा बोधिमया १होचर हानिक्षत् पपिंधविवषवसातु भवास पोरया चतुगमदिव उपाधत् । पबिपनापासन मापारे । मोबीन तो मचितम् । मोतीमा प्राचिनरवानमखममा विषपानाचा पुत्रदशवादावारिनिना अपारमा पस्मिन् पाल। मोतिपतिमवपीरियाती यासापोहाल त मा बसी बनाने पोचता येतोच मापारा शापामुम्बालिका र परपक्षियर पर पचास समितिको निर्णय मापनपदीपा समुदायब बसखामेषु पते पचन्द्रिबतिपो निशानां पर्याप्तपिपीता खानानि ममानि, उपबाम सोसियमाने समाजात सोपसावमा रसानेन तोगमावनाये। AMP4D Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ C9E0BaneDo कहिण नते । मस्साण पातापात्ताण ठाणा प० । अतो मणुस्सखित्तं पणयालीसाए जोयणसयसह स्ससु यहाइओसु दीवस मुद्देस पलरससु कम्मतमीसु तीसाए शकम्मनूमीसु बप्पन्लाए शतरदीवेसु एत्यण मणुस्साण पानापजाप्ताण ठणा प० । उववाए लोयस्स शसखेजइनागे समुग्घाएण सछलोए सहाणे ण लोयस्स शसखेजहन्नागे । कहिण नते ! नयणवासीण देवाण पञप्तापाताण ठाणा प०? कहिण जवणयासीदेवा परिवसति गो० । इमीस रयणप्पनाएपुतवीए शसीउप्तरजोयणसयसहस्सयाहलाए उ वरि एग जोयणसहस्स उग्गाहित्ता हेठाचेग जोयणसहस्स यमिता मजे थकृतरिजोयणस यसहस्स ए त्यण नवणघासीदेवाण पत्तापक्षप्ताण सप्तनवणकोझी यावप्तरिच जयणावाससयसहस्सा हवतीति मस्काय, तेण जवणा याहि वहा तो समचउरसा शहे पुरस्करकलियासठाणसठिया उकिमतरविउलग narरायमा कस्मिम् मदन । ममुष्याचा पर्याप्तापर्याप्तामा स्थामामि प्रचप्तानि । आन्तमनुष्य पचचत्वारिबत्तमेष योजनशतमात्रेप मासपेपुवीपसमुद्रप पम्पदशसु बमभूमिषु विपदवमामिषु पदपनाशवन्तरहीपेषु पतषु ममुष्याणां पर्याप्तापर्याप्तामा स्थानामि प्रतानि । उपवान सोवस्थासम्मेय नाग समुहातेन सोबस्यासम्येप्रमाणे सत्यानेन मोबस्यासस्पेयमागे। कस्मिन दम्स । प्रवनवासिमा दवामा पर्याप्तापर्याप्तानां पामानि प्रचामि बस्मिा प्रदन्त । प्रवमवासिनो दवा परिवमप्ति मौतम । यत्तस्यां रखपत्रपषिव्यामशीत्युत्तरयोबमझतसालयसायामुपयक पोषमसालमा हीस्वायतादेव याखममान वयित्वा मध्यऽटसप्तति पोजमझतमानमतेष मवमवासिदेवामा पर्याप्मापर्कप्तामा समनवमकोट्या विसप्ततितव मवासयतमानापि प्रवतीत्याध्यातम् । तन पवनानि पामतो दत्ताभि पन्तः समचतुरस्राविभपः पुपरपिवासस्थामसस्थितानि सस्तीन्ति रावपुप्समम्भौरसातपरिखामि माबाराष्ट्रासापाठतोरसमविवारदशमापानि यग्यमानुपीपरिवारिवानि पायोप्यामि सदामामि वानि Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नीरसासफलिष्ठा पागारष्ट्रालयफयामतोरणपन्दुिवारठेसनागा जतसयग्घिमुसठिपरिवारिया यउज्जा सयाज या सया अजेया सदा गुप्ता यालकोठरइया शायालययणमाला खेमा सिवा झिकरा मरफकोवरस्क्रि या लाउलोऽयमहिया गोसीससरसरतचदनदहरदिल पचगुलितला उपचिपचदणफलसा चदणघासुफपतो रणपमिदुधारदेसन्नागा चासत्तोसत्तघिउलयहयग्धारियमल दामकलायापचवलसरससुरनिमुक्तपुष्फपुंजोयया रफठिया (य१४००) कालागुरुपवरफुनुरक्तातुरुवधूयमघमर्थसगघुछुतानिरामा सुगंधयरगधगघिया गघय हीन्या थच्छरगणसधसकिना विछतुझियसहसपन्नादत्ता सझयणमया शच्छा सयहा उपहा पठा मठा जीरया निम्मला निप्पंफा निकफाच्छाया सप्पन्ना ससिरिया सउज्जोया पासादीया दरिसणिजा थनिक घा पमिसया एव्यण नवमषासीण देवाण पख्नतापज्जताण ठाणा प० । उवधाएण लोगस्स खसखेजह MIC. IN । सदापामि का मुप्तान प्रचत्वारिंभकोप्टरपितानि चटरवारिधरसपमासानिमामि शिवाति बिरामरतातोपरपितानि, सात बोडस (सेठियापोमयादिमिरोपनसमष्टीवर) महितानि भोधीपसरसरतचन्दनद्रदर मासिस तुल्तवीरप्रतिहारमेयमानानि पातचीत्मचविपुलवत्तमामालिप (मम्बिक) मापदामधीमा सामनरातमा पसिन्धोपचारत सितानि लिगकपणापापमपमपापमानमोमानिसमा tirgaनि आत्मपरतभूतानि सप्तरागारपरको नि मिटियामेसम्पादिवामिसबमर्यानिमोनिपाणीरमादि निपानि मिस्टर रामि मिपामि मिचरसभाबानिसमाधिसमरीची शिधापतिमुवारीपामाबनोपामिभिरपामितिस्पाधिपतेपु बमवाशिमा देवामा पोशापोहाना खानानि प्राप्तानि । भगवन गोरसावरपानाचे नाते सोमवारपपणाने जानेन लोकमारपोपमा बानुबाबो मनवागिरेगा परियति । वषा CANCIN Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नागे समुग्धाएण लोयस्स यसखेजाइलागे सठाणेण लोगस्स शसखेजाइनागे तस्यण यहये जवणवासीद षा परिवसति त-शसुरानागसुचना विज्ञाश्चम्गीयदीवउहीय । दिसिपयणथणियणामा सहाएएनवण यासी चूफामणिमउफरयणसणा फणिगरुलपइरपुमकलसकिउप्फेसा सीहमगरमयकशास्सवरवरूमाणनि झुप्तचित्तचिधगता सुरुवा महिडिया महतिया महायसा महायला महाणुनाया महासोस्का हारविराह यवत्या कागतुफियधनियनुया शगदकुफलमठगतलकरमपीठधारी विचिप्तहत्यानरणा विचितमालामउ लिमउठा कल्लाणगपवरवस्य परिहिया कल्लाणगपधरमलाणुलेवणधरा नासुरयोदी पलयषणमालघरा दिशेण यमेण दिशेण गधेण दिशेण फासेण दिक्षण सघणण दिहण सठाणण दिशाए हहीए विछाए जुसीए दिछाए पनाए दिवाए च्छायाए दिवाए थच्चीए दिछण तएण दिवाए लेस्साए दसदिसा उड्जोवमाणा सुरमागसुपर्वा विद्यदग्मिद्वीपोदषयव । विद्यापवमनिवास्या दतमवमवासिनोपा ॥ १हामणिमुकुटरबपना पवागहायचपूर्ण वसमातिमुकुटा । सिहायगजवरमारिप बदमाननियुत्ताचपर। ॥२॥ मुरुपामाधिका मतिया महायशा महायता महामुणावा मायराचारविराजितवयस पटटितम्भितामा पदकुपहनमष्टगबहतमस्पपीठपारियो विचित्रमाप्तामौलिमलाः कस्यागबमवरवक्षपरि हिता स्वास्थवरमात्यामुलेपनपरा प्रासुरबोन्द (घरीर) यो प्रलम्बममाशापरा दिन बईम दिव्यन गम्पेन दिव्यन पनि दिव्येनसनमेम दिव्यम सत्यानन दिव्यया दृष्ट्या दिव्यपा युक्त्या दिव्या प्रमपा दिव्यया शायया दिव्यया शुत्या दिव्यम तेबसा दिव्यया मेश्यया (देशवणमुन्दरत या) दधदिवासूगोतमाना। प्रबासमाना मासा (वाफ्यासकारे) भवनवासिशतसाता सार २ सामामिवसालापा सासरचय विता सादरसोधपासाना सा अपमधिषीचा सार परिपदा साय अधिकारिता मपिचारिपतीमा साव पायरक्षदेवसालाखा मन्ये EDERARM AH Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नीरखातफलिता पागारहालयफयामतोरणपन्दुिवारदेसन्नागा अंतसयग्धिमुसठिपरिवारिया याज्जा सयाज या सया शजेया सदा गुप्ता धन्यालकोठरइया शम्यालययणमाला खेमा सिवा फिझरा मरकंझोवरस्क्रि या लाउलोइयमहिया गोसीससरसरतचदनददरदिलपचगुलितला उवचियचदणकलसा चदणघम्सुकपतो रणपमिदुधारदेसनागा शासत्तोसत्तघिउलयहषग्धारियमल दामफलायापचयन्नसरससुरनिमुक्कपुष्फपुजोयया रकलिया (य११००) कालागुरुपवरकुदुरुक्कतुरुक्षधूयमघमतगधुतानिरामा सुगधयरगधगघिया गघय हीनया थच्छरगणसघसफिना दिछतुझियसहसपन्नदित्ता सधरयणमया अच्छा सराहा ठराहा पहा मठा पीरया निम्मला निप्पफा निकाकाच्छाया सप्पना ससिरिया सउज्जोया पासादीया परिसणिशा थनिक या पहिल्या एत्यण नवणवासीण देवाण पज्जतापअत्तार्ण ठाणा प० । उववाएण डोगस्स थसंखेजह RA माणेयादि सा गुप्तागि साचत्वारिकत्वोठरवितात परत्वारिंशासपमासानिमाविमानि पिण्मुरवारमोरपितालिसा म (विद्यापीमयादिमिरुधेपनसपष्टीकरण) मषितानि नोधीसरसरवानदेवपालतमानि चाtaaमोनिकादिनः Detaiमितिमाषपापानि मामचीत्सतविपुलतमामालिय (मावि मादाम वसापामिपिनसरसतरप्रितपुष्यपुत्रोपचारक ADImagमप्रवरपिपपपम्पमापभाजनलहवानिमाविरगुपयन्पितानि-नन्यतितानि परागपोषोनि एमदिन भूबसन्मादिवान भवरवमयानिचोमि मलानि प्रधान महामिनीरत्रानि निपानि मिचक्तवाचावानि समावि समरा मिसोपोटामि, प्रसाद पानिपचनीयामिभिरपामितिरूपावियते प्रबनवाधिना रेवामा पर्शहापोहाना मानानिहानि । बातेन सोयरसाहसेवनाने समातेकोषमासंबपेवनाने लानेन सोसारस्पेषणाये जान पामो समनवाशिषा परिभावि। क्या Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लमुसतिपरिबारिया उज्जा सदा सया घलया सदा गुप्ता शम्याला कोष्ठगरइया धन्यालकयवन्नमाला खेमा सिवा किंकरामरफोवरस्किया लाउल्लोइयमहिया गोसीससरसरतचंदणदहरदिनपचगुलितला उव घियपदणकलसा चदणधासुफयतोरणपन्दुिवारदेसन्नागा थासप्तोसप्तविउलयहबग्धारियमलदामकलाया पघवासरससुरनिमुक्कपुष्फपुजीययारकलिया कालागुरुपवरकुदुरकातुरुक्कामतघूवमघमघंतगघुछुप्तानिरा मा सुगघषरगधिया गवहिनूया श्रच्छरगणसधसफिणा दिछतुझियसहसपत्नदिया सधयणामया थ च्छा सराहा घठा मठा नीरया निम्मला निप्पका निक्षाका छाया सप्पन्ना ससिरिया सउज्जोया पासाइया दरिसणिज्जा थनिख्या पमिसया एत्यण थसुरकुमाराण देवाण पजाप्तापज्जताण ठाणा पमता । उववा एण लोयस्स शसखिइनागे समुग्धाएण लोगस्स शसखेजाइनागे सठाणेण लोगस्स शसखेजहन्नागे त नि सवीर्याप्तरविपनगमौरसातपसिवानि माबारावासपाटतोरणप्रतिहारवेशशागानि यम्ममतमीमुससनुसुमिपरिणरितानि पायोधनानि सदापामि सदावलपाणि सदामुप्तानि पचत्वारिकोप्टबरचितामि पाटचत्वारिबसपमासानि शिवानि बिरामरवठोपरणितानि साप व्योपय महितानि मोझीषसरचचन्दनवरतपचालितप्लामि उपचितचन्दनबत्तशामि चन्दनपटसुकवतोरणमतिद्वारवक्षप्रागागि पास चोत्मचविपुलवृत्तमापा तिममालदामसापानि पमवसरसमुरनिमुचपुष्यपुष्मोपचारसितानि बासागुमनपरकुन्दमपतुमधुपमपमपाय मामपन्योहमताधिरामावि सुगम्यवरमयपषितानि गतिमूतानि अप्सरोगसंषसबीर्यानि दिव्यधुटिवष्यसम्पादिवामि सर्वरवमया नि पचाणि बलानि घुमानि मष्टामिनीरवासि मिष्यामि निपटसचायानि सप्रनाणि समरीचीनि सोद्योवामि प्रसादनीयानि वघानीयानि पनिपातिप्रतिपाति एतषु परकुमारापा देवामा पर्याप्तापातामा खामानि प्रचतानि । उपपातम लोबस्तासन्येपानागे समहानि तोक Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पन्नासेमाणा तेण सत्य सा २ नगवाससयसहस्साम साण २ सामाणियसाहस्सीण साण २ तायप्तीसाण साण २ लोगवालाण साण २ चग्गमहीसीण साण २ परियाण साण २ शणीयाण साण २ शुणियाहियईणं साप २ शायरस्कदेवसाहस्सीण शोसिच पण नवणवासीण देवाणय देवीणय यावच्च पोरेवञ्च सा मित प्नहित महप्तरगत वाणाईसरसेणाषच्च कारेमाणा पालेमाणा महयाहयनहगीययाइयतसीतउतालतुमि यघणमुइगपप्पयाइयरवेण विद्याइ नोगनोगाइ नुजमाणा विहरति । कहिण नंते ! थसुरफुमाराण दे घाण पहप्तापसात्ताण ठाणा पमता ? कहिण नसे ! शसुरकुमारादेवा परिवसति ? गोयमा । इमीसे रयप्पप्पनाए पुठवीए वसीउतरजोयणसयसहस्सपाहलाए उवरि एग जोयणसहस्स उम्गाहिता हेठावेग जोयणसहस्स पजिया मजे अठहप्तरे जोयपसयसहस्से घाहलाए एत्यण यसरकुमाराण देवाणं थोपछि नयणावाससयसहस्सा नषतीति मस्काय, तेण अषणा बाहिं यहा शंतो चउरसा थहे पुरफरकणियासंहा णसठिया किमतरविउलगनीरस्कायफलिहा पागारहालयफवावीरणपन्चुिवारदेसजागा जैतसयग्घिमुस. मामा मनामिना देवाना देनामाधिपत्य सामित्व पूर्व मातराशामागार सेनापस भारपेमापासपमानाममाहवारीत वातावानुष्टिलवकपकप्तुमारित समाति नीमनोमानि मानिनिस्मिन् वान्ता कसुरमाराचा रेवानी पबीतापमानी गायिन सापायी मारा पानिमीतम एतला रमप्रमापा चियामा परयोजना तहानमातापाम परमोधनासाहीत्या चार पोजना बपिता मध्ये यातिपोवनयतकालसापान एतबारधारा बरेवानां विमानामापासात सीमामासाहेमामाभिA -- - -- -- -- Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Daconominen. सामाणियसाहस्सीण साण २ तावतीसाण साण २ लोगपाखाण साण २ ग्गमहिसोण साण २ परिसाणं साण २ शणियाण साण २ थणियाहियईण साण २ शायररकदेषमाहस्सीण शसि च घळण नवणवा सीण देवाणय देवाणय शाहेयच्च पोरेयच्च सामित्त नहित महप्तरगत्त शाणाईसरसेणावच कारेमाणा पा लेमाणा महयाहयनहगीयघाइयततीतलतालतुझियघणमुइगपप्पधाइयरवेण विद्याइ नोगनोगाइ नुजमा णा विहरति, चमरबलिणो इत्य दुय श्वसुरकुमारिदा शसुरकुमाररायाणो परियसति काला महानीलस रिसा नीलगुलियगयलयसिकुसुमप्पगासा वियसियसयवननिम्मलसीसियरततयनयणा गरुलाययउजुत्तुग नासा उयचियसिलप्पबालबियफलसविहाहराहा परससिसगलयिमलनिम्मलदहिघणसखगोखीरकुदद गरयमुणालिया धयलदतसेढी हुयवहणिदतधोयतप्ततवाणजरततलतालुजीहा यजणघणकसिणरुयगरमणि जानिकेसा यामेयकुलधरा थहचदणाणुलित्तगया ईसीसिलिधपुप्फपगासाइ यसकिठिठाई सुजामाह व jilODDE2000NATHRADU स्वामम दिव्यया श्वप्या दिव्यया युक्तपा दिव्यया प्रप्रया विष्यया बायया दिम बर्षिया एम विष्णेम मेवन पाविद्यासुद्योतमामा मनासी माम तेन ता खेपा २ वनावासतमानायां सामामिद्यसाम्रामा प्रावधाता मोवपालामा भयमभिपी परिपदामधिकारिणा अपिशारि यतीनामापरवमानावामम्पा चयामा देवामा दवीमामाधिपत्य पौरपत्य स्वामित्व मार्तव महत्तरवत्यमाघरसेमापाप वारणमाया| पालपमामा माताजतनत्यगीतवादिचतगीतमतासतरिपपममदपप्रवादितर दिमामि प्रोगनोगामि पुजामा विहरति । चमरपति मौत्रोप्ने घसरक्षमारप्रो पारामारराबानो परिवत बासा महामानशोर्या मीसग दिया गवतावमीपुषमाशा. विवमितत्तपत्रमिमस शीवरचवाचनपना नहायवचनामा उपचितषिशामवासधिम्बसविनाधरोष्ठाः पावरपितविमसनिमसदपिपनसमोशीरन्दो Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स्यण वहये असुरकुमारादेवा परिषसति काला लोहितस्का थियोठा घयलपफदता थसियझेसा यामेया फलघरा थायदणाणुलिप्तगत्ता ईसीसिलिधपुप्फपगासाइ शसफिलठाइ सुकमाइ पत्याइ पयरपरिहिया घय च पढम समानता विडय व एसपप्ता नवे जोधणे वहमाणा सलनगयतुझियधरनसणनिम्मलनिर यमणिरयमममियनुया दसमुहामझियग्गहत्या चूकामणिविचितचिधगता सुरुवा महिद्वतीया महङ्गुष्ठया म मायसा महाला महाणुनागा महासोका हारविराइयवत्या कवयतुझियपनियनुया थगयफुलमहगाठ यलकरमापीठधारी यिचितहस्यानरणा पिचिप्तमालामउलिम उठा फलाणगपघरयत्यपरिहिया फलाणगपवर मलाणुलेयणघरा नासरवोंदी पठयवनमालधरा दिशेण योण दिघेण गघेण दिशेण फासेण दिशेण सघय पण विशेष सठाणेण विछाए होए विद्याए जुईए दिहाए पनाए दिवाए लायाए थचीए विधण एएर्ण निवप उसाए दसदिसा उसोवेमाणा पन्नासेमाणा तेण तव्य साणं २ नयणायाससयसस्साणं साण २ मशन संसामेन सोखस्मान्मेपनाने । ननु मामा असुरखुमारा देखा परिणतिमाता मोर पसंपदा सिवा पाय पसरविता) पुरातपरा चन्दनानुलिप्तपाला पानि पटन्द्रिभूला निसारि प्रारपरिकामा ममम ममविधानवाचार्ममामा पनि वतमादी दलबरनवनिमसमविरसमरिहवनुचा बदामयितायात हिनामिविवामिण मपिसा महाबत महानुजाबरा महावा रविराजिया परपुदितचाम्बिया बा गागिरतमनहातपीठपारिको विविधतापरता विचित्रमालामोसिमकता सापप्रबासपरिहिताः भवानप्रबरना खानोपमपरा प्रापुरमोदक (भापुरचरीरारा) महम्मनबाबा रिपन रिमेय पाच दिवस पिचर रिक - : ALM BACTERIA GEOG Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिसाण सरण २ थणियाण साण २ थणियाधिवईण साणं २ थायरस्कदेवसाहस्सीण थन्नेसि च यत्रण नवणवासीण देषाणय देवीणय थाहेषञ्च पोरेव सामिप्तं नहितं महत्तरगत थाहाईसरसेणावच्च कारे माणे पालेमाणे महयाहयनहगीयवाइयततीतलतुम्यिघणमुगपप्पयाइयरवेण दिहाइ नोगनोगाइ नु जेमाणा विहरति । फहिण नसे! दाहिणिलाण शसुरफुमारदेवाण पजतापात्ताण ठाणा पणता ? कहिणं नते ! दाहिणिलाण शसुरकुमारा देवा परिवसति ? गोयमा! जयुद्द वे२ मदरस्स पश्यस्स दाहिणण इमी सेरयणप्पनाए पुढवीए थसीउप्तरजोयणसयसहस्सबाइलाए उवरि एग जोयणसहस्स उम्गाहिता हेठावेग जोयणसहस्स वसित्ता मो शहरजीयणसयसहस्से एत्यण दाहिणिलाण शसुरकुमाराण देवाण देवी प्णय घोप्तीस नवणावाससयसहस्सा हयतीति मस्काय तेण जवणा बाहि वहा यतो घउरसा सोचेव वमन जाय पझिरुवा एस्यण दाहिणिलाण थमुरकुमारदेवाण पातापाताण ठाणा पणता । तिमुधि लीगस्स सामानिसानाबा सावविंधत्वाना सावर सोबपासामा सायर भयमहिपीथा सा परिषदा साबर अधिकारि साण अधिवारि मवीनामात्मरक्षादेवमानापामध्येपा च मामा मवमवासिना देवाना देवीना व धाधिपत्य पुरपवित्वं शामित्व प्रतत्व माचरकत्वमाधरसेनाप त्याचवारयमामा पासपमामा मावावपत्पनीतवादिचवम्बीतनवासतुष्ठियघनसम्पठमवादिवरवेय दिव्यामि शोगमोगानि मुख्याना विपर लिपस्सिम् पदावषिषविशामुरखुमाराम देवामा स्नानामि मचातानि, कस्मिन् प्रदन्ता वहिदिद्यासुरामाराववाः परिवसन्ति।गी तम । बम्बहीपे मम्बरस्य पर्वतस्य दधिरेनवस्या रखममापा पषिव्यामचीत्युचरयोजनासानासायामुपयेक योजनसानमुपहीस्वायता देव योजनसावं वापिस्वा मध्ये बसवियोवनावसाने एतपु दाखिवास्यानामखुरखुमाराम देवामा देवीनां चतुर्विधनवनावासपवार Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ त्याई पधरपरिहिया वयच पढम समहक्कांता विडयंच शसपष्ठा नवे जोधणे पहमाणा तलगयतुझियप घरलूसणनिम्मलमणिरयणमझियनुया दसमुहामझियग्गहत्या घूझामणिविचित्तचिघगता सुरुवा महिहीया महाया महापसा मछला महाणुनागा महासोरका हारविराइयवस्या करूयतुझियथनियनुया अगदकुछ लमठगतलकामापीठधारी विधिप्तहस्यानरणा विषिष्ठमालामउलिममा कल्लाणगपधरपत्यपरिहिया कला णगपवरमल्लापुठवणा नामरयोंदी पलषयणमालधरा दिवेण धरणेण दिशेण गघेण विष्ण फासेण विछर्ण सठाणेण विवाए इन्हीए दिछाए सुईए दिशाए नासाए विद्याए बायाए दिशाए पहाए विद्याए थचीए दिवेण एएण दिछाए लेसाए दसदिसा उसोषमाणा पनासेमाणा तेणं सत्य साण२ नवणावाससयसहस्सा पं साप२ सामाणियसाहस्सीणं साण २ तावष्ठीसाण साण२ लोगपाठाणं साण२ धग्गमहिसीण साण२ परमवामिलापतागयो पानिमावीततततपनीपरबतसायिा मनामनामधिकारमादिलिपबोध बामेपासपूण सिमबाहीमचीसमपुप्यमबाघानि पहिसानिमाविवाबिरपरि पनि असिना तलमापलिपबरनवनिमसमनिरपरिणामामा सामानवनिनिता' सुरपा भाभि AMANबना पाबमाडामाENIराविज्ञापयतुरिपतम्मितपुमा चरमसहमाकतवर्षपीठचारियो। विषिलापरणनितिमासामोलिमुगटाखावमबरवापरिक्षिता, खापरप्रवरमालापमानापुरबोन्दा माम्बवनमालाचराः। दिन बनविमेन बाबम विश्वेन पग बिम्बेग खामेन विममाथा शिखबातया रिबपानाचा बिमाबापवा दिनवापा रिमार्थिया रिबन वेग दिखबापापमा परिचारपोसमामा प्रभावनामाचारमा) नावावयाला बा निमितान Hathwad५RAHMAOth. Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जोयणसयसहस्सपाहल्लाए उवरि एग जोयणसहस्स उग्गाहिता हेठावेग जोयणसहस्सं घजिप्ता मज्के शठहप्तरिजोयणसयसहस्से एत्यण उप्तरिलाण शसुरकुमाराण देवाण देवीणय तीसनयणायाससयसहस्सा नयतीति मस्काय तेण नषणा घाहि वहा थतो चउरसा सेस जहा दाहिणिलाण जाय विहरति, यली इत्य षहरोयणिदे पइरोयणराया परियसइ, काले महानीलसरिसे जाय पन्नासेमाणे सेण तत्य तीसाए नयणा वाससयसहस्साण सहीए सामाणियसाहस्सीण तायत्तीसाए तावत्तीसगाण घउण्ह लोगपालाण पचराह ग्गमद्विसीण सपरियाराण तिराह परिसाण सप्तबह शणियाण सत्तराह शणियाहिषहण चउरह सठीण शायरस्कदेवसाहस्सीण शसि प पक्षण उत्तरिलाण शसुरकुमाराण देवाणय देषीणय शाहेयच्च पोरेवच्च जाय कुछमाण विहरति । कहिण जत ! नागकुमाराण देवाण पआत्तापज्जत्ताण ठाणा पमप्ता, काहण पपतस्य सहरम एतस्या रखमभाया प्रथिव्या अशीट्युत्तरपोवमझतहासबाटल्या । उपर्य योवनसासमवगाशापयश योखमसचा पजयित्वा मध्य Seसप्ततियोबममताले पत्र पौचरावामधुरबुमारावा दबाना दवामा च पिशवनावासासाखाणि भवतीति मयास्यातम् । तामि अवमानि बरिर्वत्तानि पन्तयतरनासिब यथा दाहियात्यद्विारम्ति । घली पवारोचनम्तो वारोबलराणा परिवमति कासो महानील सदशो यावरबाशमान सा विगत् प्रवनावासशतमाखावि पष्ठिसप्यावसामानिमालामा खियात्या वायधिवास्वामी पत्तवा सोपाला मां पनामामग्रमाक्षीदा सपरिवाराबा तिसका परिषदा सप्तानाममीकामा सप्तामाममोकाधिपतीमा चतु पष्ठिबास्मरचकदेवमामायामन्येवा रवाना मौतरियावामसुरकुमाराणा देवानां पदीमा शाधिपत्य पुरोगात्तस्व पावत्वाचा विहरन्ति । मदन्त । नाममारामा देवामा पर्याप्तापातामा स्थानानि प्रतानि च मदद । नागकुमारा दवा परिवन्ति । पौतम । एतस्या रखमनायाः पथिमा मधील्युत्तरयोजना Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यसखेडाइनागे, तत्यण यह दाहिणिला शसुरकुमारदेया देधीन परियसति काला लोहितरका सहेव ाय नुजेमाणे विहरति । एवं समस्य जाणियछ नवणवासीण , चमरे इत्य असुरकुमारिदे शसुरफुमारराया प रियसइ काले महानीलसरिसे जाप पहासेमाणे सेण सत्य च उप्तीसाए नधणावाससयसहस्साण चउसष्ठीए सामाणियसाहस्सीप तायप्तीसाए तापप्तीसगाण घउण्ह लोगपालाण पचण्ड शग्गमडिसीण सपरिवाण तिएह परिसाण सप्ताह शुणियाण सप्तरह शणियाहियइण घउगह घ चउसठीणं थायरक्रदेवसाहस्सीण धन्वेसि ध पत्रण दाहिणिलाण देवाण देयीणय शाहेषच्च पोरेषच्च जाय विहरति । कहिण जते । उप्तरि लाण अमरकुमाराण देवाण पजप्तापज्जताण ठाणा पणष्ठा । फहिण नंते ! उपरिक्षा यसरकुमारा देवा प्ररिषसति ? गोयमा ! जमुद्दीवे वीवे मदरस्स पक्ष्यस्स उतरेण इमीसे रयणप्पनाए पुढयाए थसीउतर लाई प्रस्तोतामातम् । सानि प्रवनानि परिर्वतानि बाबतुरखारि सोपेग पर्वतो पावरमविरुपा रवेषु गादिशात्यानाममुखमारदेवाला 'पतिापपोताना सानानि प्रचप्तानि । विपि चोकमावस्यामापे जानुपम दागिया मायापार समिती"लो गावर धावनमाना विधि । पुत्र मा प्रानीय पूर्वासिता अमरापुर मारला तर भरिराम परिपतति बाले महा भासमा गोस्वामान विभागादीसंग वसावादितायावसामानिकतावावा यखिो प्रतिबद्वाना चतुवा सोच पासाना पचानामग्रमस्बिा परिवाराचा तिसर्ग पारेमदो समानामनीकाना बतानामनीबानियतामा चतुर्वा चतुःषष्टिकामामालरकमदेव बना वापिसात्याना देवामा देबीना चाधिपत्वं पौरपत्वं पारिमा बलियुमरमानौतरावानपुरघुनाराबा रेबामो पर्याप्ठापर्वाधानाखानानि प्रसामिपसिन मदन्छ। जौचरादुरपुनारा वा परिषरथिबीचमा बीपी समरस Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जिप्ता मज्जे शठहप्तरिजोयणसयसहस्से एत्यण दाहिणिलाणं नागकुमाराण देवाणं चीयालीस नयणावा ससयसहस्सा हयसीति मस्काय, तेण नयणा याहि वहा जाघ पहिरवा एत्यण दाहिणिलाण नागकुमाराण पाप्तापत्रमाण ठाणा पणता, तिमुधि लोगस्स शसखेडाहन्नागे एन्यण यहवे दाहिणिलाण नागकुमारा देवा परिवसति महिहिया जाव विहरति । धरण एस्य नागकुमारिदं नागकुमारराया परिषसति महिहिए जाय पन्नासेमाणे सेण तस्य धीयालीसाए जवणावासमयसहस्साण बराह सामाणियसाहस्सीण तापप्तीसाए तायप्तीमगाण घउण्ह लोगपालाण बराह शग्गमहिसीण सपरियाराण तिराह परिसाण सप्तरह शणियाण सप्ताह शुणियाहिथईण चउवीसाए थायरस्कदेवसाहस्सीण थन्लेसि च बरुण दाहिणिलाण नागकुमाराणं देवाणय देवीणय शाहेषच्च पारयच्च जाय कुछमाणे विहरति । कहिण जते । उप्तरिलार्ण नागकुमाराण दे वायत्वा मध्येष्टसप्ततियोजनमतमास पादापिणात्यामा नागामाराणा दवामा चतुथस्यारिण्डवनावासशतमासावि नयन्तीस्याश्यातम् । तामि प्रमानि परिवतानि यावत्प्रतिरूपावि व दाक्षिणात्याना नागकुमाराणा पर्यासापोतानां स्थानानि प्रचतानि । विधपि लोबस्यासंप्ये याम पायवो दामिनास्या मागकुमारदवाः परिवसन्ति मापिका यावद्विारन्ति । परसचा मागामारम्रो मामकुमारराखा परिवसति महदियो यावत्प्रकाशमाम तपस्वारिशतवमावासशससानाबा पणा सामामिबास्राणा पवियत पायधिशबाना बना सोबपासाना पणामग्रमावोवा सपरिवाराचा तिसरी परिपदा सप्तानाममोकामा समामामनीबाधिपतीना भविंशस्यात्मरक्षादेवसहस्राणा मन्येपांय मा दातिवात्याना मागमारा देवाना देना चाधिपत्य पुरोवत्तित्व यावत्या विदरम्ति । पदन्त । चौतरिया मामलमाराणा दवानां पपोतापाताना ध्यानानि प्राप्तालिपबचनागकुमारा भौचरिबा दवाः परिवसति पौवम | बम्पनीद्वीपे मदरस्थ पर्वत BHIMERIOn: Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नते ! नागफमारा देथा परियसति ? गोयमा । इमोसे रयणप्यनाए पुठवीए शसीउप्तरजोयणसयसहस्स घाहलाए उपरि एग जोयणसहस्स पाऊण म हतरिजोयणसयसहस्से एत्यण नागफमाराण देयाण पतत्तापाताप्प घुलसीहलवणाधाससयसहस्सा हवतीति मस्काय , सेण नपणा पाहि पहा थतो चतरं सा जाब पहिरवा तत्यण नागकुमाराण पआप्तापज्जत्ताण ठाणा पणता । तिसुधि लोगस्स थसखेडाइ नागे तत्यप पहब नागकुमारा देवा परिवसति, महिहिया महजडया सेस जहा उहियाण जाप विहरति घरणतयाणदा एत्य दुधे नागकुमाररायाणो परिवसति महिहिया सेस जहा सहियाण जाप विहरति। कहिण नते ! दाहिणिलापनागकुमाराण देवाण पतापज्जताण ठाणा पणता । कहिण नंते । दाहिणिला नागफुमारादेवा परिषसति ? गोयमा ! अधष्ठावे २ मदरस्स पछयस्स दाठिणण मीसे रयणप्पनाए पुढे । वीए थसीउत्तरजोयणसयसहस्सपाहल्लाए उयरिं एग जोयणसहस्सं उम्गाविष्ठा छायेगं जोयणसहस्स वागवपरि एका पोवनमाल मामिला पुनम से पटनातिपोवन तमाले समानारामान पोशापयोतचितुरा विभागरिमामला जलाया जाति प्रमानि परिचालिततरता पात्यात पारितोगमारास पर्याप्तापर्ण MAHIMIRRITAINMENT परिमारित मातिवर्ष बोषिकामा रिक्तता मावि यौपिवाना पोवारतिपरस राश्विास देवाला पातायोप्तानी खीमाभि प्राप्तानि ।प्रसार्षिाबनीमारांबा। परिवति। नौतम बोपीय मनरल पदविवनवा रखमपपषिमा चौलचरपाचनमालामाबोवनवासामा चार पाचवा 2000 भाषमाररावानी" Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पताण ठाणा पणता । तिसुवि लोगस्स शसखेजहानागे, तत्यण याहये सुवन्नकुमारा देवा परिवसंति महिटिया सेस जहा दहियाण जाव विहरति, घेणुदेव येणुदालीय इस्य दुवे सुयमकुमारिदा सुवनकुमार रायाणी परिवसप्ति महिडिया जाव विहरति । कहिण नते । दाहिणिलाण सुपन्लकुमाराणं पज्जतापजाता ण ठाणा पणता। कहिण नते! दाहिणिल्ला सुबन्नकुमारा देवा परिवसति? गोयमा । इमीसे जाव मज्के शहप्तरिजोयणसयसहस्से एत्यण दाहिणलाण सुवणकुमाराण थठप्तीस नघणायाससहस्सा हवतीति मस्काय, तेण जयणा याहि बहा जाव पमिसया, तस्यण दाहिणिलाण सुषणकुमाराण पहातापाताण ठाणा पणता , तिसुषि लोगस्स शसखेजहन्नागे, एस्यण यहये सुवमकुमारा देवा परिषसति । वेणुदेवे इस्य सुधसिदे सुवरमकुमारराया परिवसति सेस जहा नागकुमाराण । कहिण नते । उवरिलाण सुघलकु माराण देवाण पातापजाप्ताण 'ठाणा पणता । कहिण नते ! उत्तरिला सुघणकुमारा परिवसति ? गोय अस्मासण्ययप्रायमत्र यावा मुपकुमारा देवा परिवन्ति महर्षिया शप योपियामा पावद्विारम्ति घेणुदेवो वेपदासीच पाहो सुपणमा रेन्द्रौ सुवण्बुमाररावामी पाषरपरिवमत माहिती यावहिरति । पद-त । दाक्षिणात्यामा सुपरकुमारापा देवानां पयाप्तापयोप्तामा स्था मामि प्रचतानि । प्रदस्त । दातिवाया सुपपबुमारदेवा परिवसन्ति गौतम । पतस्पा यावमध्य SHसमतियोवमशवसास मा दाक्षिणा त्यामा सुपर्वमारावामठपिशवनावासमतमामावि प्रयप्तीत्याध्यातम् । तानि भवमामि परिर्वत्तानि यावत्पतिरूपापित दाक्षिणात्याना सु पर्वमारा पर्याप्तापपर्याप्तामा त्यानामि प्रतानि चिपि मोबस्यासंख्येपमाण पत्र पावः सुपकुमारावया परिवसति पदवीप सुपर्खेतो, सुपाबुमाररावा परिवसति । प पचा मामबुमारावाम् । प्रदचौतरिकावा सुपरमारावा दवामा पर्याप्सापोसामा स्यानानि च Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ IN-15 वाण पक्ष्यतापजताणं ठाणा पसप्ता, कहिण नते । उत्सरिला नागकुमारा देवा परिवसति ? गोयमा! जषष्टीवे२ मदरस्स पचयस्स उष्तरेणं हमीसे रयणप्पनाए पुटवीए वसीउप्तरजोयणसयसहस्सयाहल्लाए उ वरि एग जोयणसहस्स उग्गाहिता हेठाधेग जोयणसहस्स वजिता मज्के थकहप्तरिसोयणसयसहस्से एत्यण उपरिलाण नागकुमाराण देवाण घप्तालीस नवणावाससयसहस्सा हपंतीति मरकाय , तेण नषणा बाहि । बटा सेस बहा दाहिणिलाणं जाव विहरति, नयाणदे इत्य नागकुमारिंदे नागकुमारराया परिवसा महि हिए जाव पन्नासेमाण सेण तत्य षसालीसाए जयणाधाससयसहस्साण थाविञ्च जाय विष्ठरछ । कहिणं भते । सवयकुमाराण देवाण पञतापजताण ठाणा पणत्ता । कहिण नते । सुषणकुमारा देवा परिषस ५ वि ? गोयमा ! इमीसे रयणप्पनाए पुढवीए जाष एव्यण सुषमकुमाराण देयाण वायष्ठरिनवणावाससय सहस्सा वतीति मस्काय, तेणं नषणा पाहि पाटा जाय पक्षिसया तत्यर्ण सवाफुमारार्ण देवाणं पजता TEASEXNG तरगतिप्राय पविष्या चीत्युत्तरमोबदमासबारस्पापा अपमानाकोपापित चिठमतियोगीताको परिचाहा अपनापन समितिलगानामिनास्पतियातन् । तानि प्रामा नि बस्तिोनि मे पापागा पारिवानगीमारी भान नाररावी परिणति । बार्षिको बाबत् प्रवासना सातुबत्वारियरमासतमानाषी पावरन्तिमदलापमाराको पर्याप्तापातामा सामामि प्रहानि च । सुपरमारा देवाः परिवन्तिमौतम । पतमा रमापा। पषिया बाबरपरमाराचा रवाना विलिनाबाबतचापूामिल सोलाखावम् । वानि प्रवनानिमित्ताविसावरप्रतिपादित हुपर्यनारामा रेवान पोहापोहावामानानिमाबिधिको Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नेशमिययाहणे पत्नजणेयमहाघोसे ॥ ७ ॥ उप्तरिप्लाण जाव विहरति, कालाशसुरकुमारा नागाउदहीयपं मुरादोधि । घरकणगणिहसगोरा होतिसुषणादिसाधणिया ॥ १॥ उत्तत्तकणगयन्ला विज्ञाश्यग्गीयहोति दीवाय । सामापियगुवया वाउकुमारामुणयहा ॥२॥ शसुरेसहोतिरत्ता सिलिछपप्फप्पन्नातहाउदही। था सासयबसणधरा होतिसुषमादिसाधणिया ॥ ३ ॥ नीलाणुरागवसणा विशम्गीयहोतिदीवाय । सज्जाणु रागवसणा वाउकुमारामुणेयझा ॥ १ ॥ कहिण नते । पाणमतराण देवाण पालापत्ताण ठाणा पणत्ता , कहिण नते । घाणमतरा देवा परिषसति ? गोयमा । इमीसे रयणप्पनाए पुढयाए रयणमयस्स कफस्स जोयणसहस्सवाहलस्स उपरि एग जोयणसय उग्गाद्विता हिठायि एग जोयणसय वजिप्ता मज्ळे शठस जीयणसएस एत्यण वाणमतराण देवाण तिरियमसखेजा नोमेजा नगरावाससयसहस्सा हवतीति मस्काय तेण नोमा णगरा वाहि बहा थतो चउरसा शहे पुस्करकलियासठाणसठिया उकिनतरवि ENSISTRAIGEECHEFZHEGDEOMISHCHANDur रिका पावद्विारमाहासागपुरणमारा मामादधीपादुरौदौसा । वरकनयमिकसगौरा मन्तिमुपपदिममतामता १सप्तकमायो वि घुदम्मीचनजन्मिहीपाच वयामा नियनुवर्णाः वायुद्धमारायचातव्या ॥२॥ असुरानवम्तिरताः सिसीम्प्रपुप्पप्रमालपोदषय पायाशतषसान परा मम्तिमुपदिक्तनिवा ३.मीलानुरागसना विपुवानी चनम्ति होपाय । सम्यानुरागवसना पायुकुमारामनुमातव्या ॥४॥ | मदन । वामष्यतराणा देवामा स्थानामि मनप्तानि व पदन्त । वानव्यन्तरा देवा परिवसन्ति गौतम । एतस्या रखमाया पपिव्या रवमय स्य कागस्य पोषमतामुबारस्यस्य उपक याजमसामनगामा अपसादेक पोखनसानं वजपित्वा मध्ये SBए योवनसाोष पायामध्य राणा देवामा विपनसवषपानि प्रोमानमरावासशसामाजिभवन्तीत्यास्यातम् मोमपा मगरा धषिवृत्ता प्रसचतुरमा पथ पसरवर्यिका Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मा । इमीसे रयणप्पनाए जाय एस्वर्ण उपरिक्षाण सुवमकुमाराणं यातच्या जणिया तहा सेसाणवि घोद सरावं इदाणं नाणिया नवरं नयणनाणसं इंदाणनाणप्नं घमण नाणत परिहाणनाणप्त प हमाहिगाहाहि थपुगतई-चोषठीयमराण पुलसीसीचेवहोडनागाण । धावप्तरिसुषणे घाउकुमाराणनमउई ॥ १ ॥ दीपदिसाउदहीण विकुमारिदपणियमग्गीण । बराहपिजयलयाण बावतरिमोसयसहस्सा ॥ २॥ चोष्ठी साचोयाला अठतीसचहोइसयसहस्साइ । पसाचत्तालीसा दाहिणठहोविनवणाइ ॥३॥ तीसाचष्ठालीसा चोप्तीसधेयसयसहस्साइ । बायालाहीसा उत्तरचोविनषणा ॥१॥चठसहीसहीखलु उच्चसहस्सा । यसरपमण । सामाणियाउएए पउग्गुणाशायरका ॥५॥ चमरेधरणेतहवे णुदेवहरिकवचम्गिसोहेय। पुखेजस्कवेय शमिययेलधेयधोसेय ॥ ६॥ बलियाणदेवे णुदालीझरिस्सथग्गिमाणयविसिष्ठे। जलप्प सातिप्राय पोचरिमा सुपरनुमाया परिवहन्तिमौतम । एवमा राप्रापा मावा,पौरिमादानुकुमारatswa framenामपि गाना मिशाचामपि प्रषितबा मगर मनानामिनामा परि पानीमा निमार हिरम पनि मानिनामा मारेपरिनीमा विद्युत्नुमारे मानतमानामा सामपिताना नातिनमानसान वितरितुत्वारिष भिमतिपतवान् । पंचायला सोचिन निवित्वारिषत् तुचितवादाविपदावारिपत्पचिरमितिभन्मानित: पाष्टपहियानुबटूसापासपुरमावान्।सामामियानुगत चतुवाचालकानगरपौत्तमा परेपरिचाचाना । पूर्वोच सवाचावा जिवापापांचालनापिरिमिला.मामाची...च Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . . - खेजाइलागे तत्यण यहवे वाणमतरा देवा परिवसति तजहा-पिसाया नया जरका रस्कसा फिन्तरा किपुरि सा नुयगवतिणोय महाकाया गधगणा य नि उणगधवगीतरहणो शणवणियपणपन्नियइसिवाइयनयवा इय कटीय महाकदीय कोहम्पयगदेवा ॥१॥ चवलचचलचितकीलणदवप्पिया गहिरहसियपिया गीयणि धरती घणमालामेलमउलकुलसच्छाविउछियानरणचारुनसणधरा सछोयसुरनिकुसुमसुरइयपलयसोहत कतवियसितचितवनमालरउयवच्छा कामकामा काममयदेहधरा नाणायियनरागयरवत्यललतचित्तचिल्ल गणियसणा विविहदसीणयत्यगहिययसा समुइयकाप्पकलहकलिकोलाहलप्पिया हासबोलयकला सि मोग्गरसप्तिकुतहत्या गणेगमणिरयणविधिहनिजुन्नधिचित्तचिधगयासुरुवा महिहिया महझुतिया महायसा महायला महाणुनागा महासोरका हारविराइययच्छा कागतुफियथनियनुया मगयकुलमठगाजुयलक सपीठधारी विषिष्तहत्याजरणा विधिप्तमालामउलिकालाणगपवरवत्यपरिहिया कल्लाणगपघरमलाणुलेवणध . gavoria-DELINE रापमा बिभरा बिम्परुपा मुनमपतयव महामाया पनपनाप मिपाधव गीतरतप अपनीपयपत्री शषिवादीबननवादी च । पन्दीप । महाबादी कोरठीचैवपतपय ॥१॥ एतेष्टो देवविक्षपाः सम्पषितबाइममिया गम्भीरसिताप्रया गीतमत्यरत्तयो वममालापीठमा रामसमपदनिवितानरबचासनपसरा सबसनिममसरचितसम्यशीनमानवाल विसितविषयममासरचितपयतः बामकामा बामपारा नामाविपक्षपरामवरवनिखि- (दीप्यमाम स्पच ) मिसमा विविपदेषीनेपथ्यगीतवपा समुदितबम्पपासाकोसको मापसमिपा पासपोसवाला सिमुदरशक्तिपुताला मफमविरबावविधनिपुत्वविचिनिता सुखपा माविमा महायुतिया पणशसो मासा मामुभावा मावास्या पारविरापिस पाठवाम्मतनुवा पकुवबहरामप्टगठपसबापीठपारिणो विचिवाखापरणा Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उलगन्नीरस्वायफलिहा पागारहालयकघातोरणपहिधारदेसन्नागा जतसयग्धिमुसलनुसंदिपरिवारिया छ उका सया जया सया गुप्ता यायालकुष्ठरयश्चकपालकपषममाला खेमा सिधा किकरामरोवररिक या लाउन्लोडयमहिया गोसीससरसरतचदणदप्तरविणापचगुलितला उवचियचदणकलसा पदणघासुफयती रणपफियारदमनागा श्वासप्तोसप्तविउबधग्धारियमलदामफलाया पचवलसरससुरनिमुशाफपुजोय यारफलिया कालागुरुपवरपाचुरुवातुमक्कघूवमघमघतगघुछुयालिरामा सुगधयरगर्षिया गयवाहिनूया थच्छ | रगपसघषिकिमा विवतुझियसहसपलदिया पागमालाउलानिरामा सहरयणमया शछा सराहा उठा घठा मठा नीरया निम्मला निप्यका निकाच्छाया सप्पना ससिरीया सउलोया पासादीया दरिसणिज्जा थनिरूया पसिया एत्यण वाणमवराण देवाण पातापताणं ठाणा पणता । सिमुवि डोगस्स थर्स PARMA संतामलिया उत्स रविपुसमभीरपातपसिबा मावारालासपाटोरविवारपेषमाया पंचमभिमुस्तषतिपरिवारिताबापोथा सदाबमा बानुमय परवारिमत्वोष्टबारपिणापत्यारिwwIME मा निवाणिरामोपवित साहोगमदिवासीधी। अनुपरवानासपनाकुमितता परितवान बनपदनुस्वारसमद्विारा मुमार पावसरमपुरधिमुलपुण्यपुजीपालापमा प्र पालानगरपोधिरामा सुगन्यवरमन्वितार वितरिम IIहितानमारम्परिपतमाहीसानिमारवयापरवाहहा पहारा बारमबो मताHिATREATMaimateuीणा बौद्योता मासासीमा सनीपा प्रिपा प्रतिरपा बाममन्तराम देवामा पोहा पोहाना खानानि मानिविपि (लाड) बोक्साबरममा बायो बामपचरा देवाः परिशिपचा-पिशाचा पूषा पहा - Pon Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खेऊनागे तस्यण यह वाणमतरा देवा परिवसति तजहा-पिसाया नया जस्का रस्कसा किनारा फिपार सा नुयगवतिणोय महाकाया गधवगणा य निउणगधगीतरडणी वणवशियपणयलियइसिवाइयङ्ग्यवा इय कटीय महाकटीय कोहफपयंगदेवा ॥१॥ वलयलधिप्तकीलणदवप्पिया गहिरहसियपिया गीयणि घरती वणमालामेलमउलकुलसच्छविउछियानरणचारुनसणधरा सहोयसुरनिकुसुमसुरडयपलबसोहत कतषियसितचितवनमालरहयवच्छा कामफामा काममयदेहधरा नाणावियलरागवरवत्यललतचिप्तचिल्ल गणिवसणा विविहदेसीणेयत्यगहियवसा समुइयकरप्पकलहकलिकोलाहलप्पिया हासर्यालयाला सि मोम्गरसप्तिकुतहत्या गणेगमणिरयणविविहनिजुतविचित्तचिधगयासुरुवा महिटिया महजुतिया महायसा महायला महाणुनागा महासोरका हारविराह ययच्छा कागतुझियथनियनुया मगयकुलमठगजुयलक सपीठधारी विधिप्तहत्यालरणा विधिप्तमालामउठिकालाणगपवरपत्यपरिहिया कालाणगपथरमलाणुलवणध PsaamtarasRERALIA | राचसा विचरा बिम्पुरुषा मुबगपतयव महावापा मयपवाय निपुवमन्यवगीतरतप पपत्रीपणपनी चपिवादावनतवादीची पादीच | महाबन्दी गठीचैवपतक एतेही देवविक्षषा , चप्सम्पप्लपितामप्रियाः मम्मीरशसिप्रिया गीतमत्यरतयो वममासापीठमफ टरकसरावद विवितानरचाहपवाराः सर्वबसरनिमपसरचितमसम्बशीप्रमाणकामाविवासतचित्रवनमासरचतवयसः बामकामा कामपदापरा नामाविषवारागवरवानिवपिन (दीप्यमाम सत्यप ) निवसना विविषवेधीमेपप्पणहीतवपाः समुदितवन्दपंक्सपोसषी सारसमिपा शासवासाला पासमुदुरपशिक्षामा पमबमपिरमावविधनियुचविधिप्रपिता मुरुपा माविमा मातिया मद्यसो मादसा महानुभावा मापाच्या हारविरावितवसा बटवाटवसम्मतनुवाः अवगवसमष्टगयपुगसक्षपीठपारिको विधिप्रसारणा Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उलगनीरसायफलिहा पागारहालयकवाळतोरणपन्धिारदेसन्नागा जससयग्धिमुसलत्तुसतिपरिवारिया छ उका समा जया सया गुप्ता शम्यालकुष्ठरइयश्चम्यालकयषणमाला खेमा सिषा किकरामरदकीयररिक या लाउलोष्ठयमष्ठिया गोसीससरसरतपदणदाहरदिपचगुठितला उपचियचदणकलसा पदणघम्सुफयती रणपडिपारद सन्नागा शासष्ठोसप्तविउलयहधग्धारियमलदामकठाया पचवलसरससुरनिमुकापृष्फपुजोय यारफलिया काठागुरुपवरकदुरझतुरुक्कपूषमघमघतगघुछुयानिरामा सुगषयरगाषिया गयवहिनया यच्छ रगणसघषिकिमा दिद्यमियसहसपलदिया फागमालाउलान्निरामा सहरयणमा शच्छा सराहा छठा घठा महा नीरया निम्मला निप्पका निकाच्छाया सप्पना ससिरीया सउज्जोया पासादीया दरिसणिज्जा थनिरूपा पठिया एयण याणमतराण देयाण पजहापजहाणं ठाणा पणता । विमुवि डोगस्स थर्स बर सावलिया जोतिरविपुतपन्नीरबामिया माबाराहासमा पाटवोरसमणिरममामा परमप्रिमुसप्तनुपरिपरिबारिता पापोथा परीपार मा वारिपत्योहणवावियतनाम मारामारोपणपति नोभी सोमनारिवल्पनामितता पिता मानपावतीप्रतिभागार गारजनमतविपुनरत्तवारिपमातारा प्रमपमपनरोपपविलिता प मपमपापनामममाभिराम भुगबबरमपिता बम्म मतता मिनिटरिगतिमिनारनिता तापमानामानिरामाः नया पचा मला सहा पृथा पहा वीरमदो निमोनिया मिटमामाचप्रमाः पनीबाबोधोता प्रावीया सनीपा प्रिपा प्रतिपासवानमाराम रेवामी पर्माता पोमानी जामानिमामि पिपि (माले)बोमनापापना बायोबापनबार देखा परिसकिज्यपा-पिसाचाता यश मसापाsthNTAL लिनी REENA Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रयणांमयस्स कस्स जोयणसहस्सग्राहलस्स उयरि एग जोयणस्य उग्गाहिता हिठावेग जोयणसय वस्ति ता मक्के वसु ओयणसएस एत्यण पिसायाण देयाण तिरियमसखेड्या नोमंख्या नगरावासराय सहस्सा जयतीति मस्काय तेण नोमेया नगरा याहि वहा जहा हि जवणवा तहा जाणियो जात्र पनिरू वा, एस्यण पिसायाण देवाण पाप्तापाताण ठाणा पणप्ता, तितुवि लोगस्स एसखेडा नागे तत्यण यह पिसाया परिवसति महिडिया जहा चहिया आय विहरति, काला महाकाला इत्य दुवे पिसाय इदा पिसायरामाणो परिवसति, महिष्ठिया महहया जाय विहरति । कहिण जते । दाहिणिल्लाण पि सायाण देवाण ठाणा परणप्ता । कहिण जते । दाहिणिल्ला पिसाया देवा परिवसति ? गो० । अधूद्दीये २ मदरस्स पञ्चयस्स दाहिणण इमी से रयणप्पनाएं पुढवीए रयणामयस्स कमस्स जोयणसहस्य बाहल्लस्स उबरि एग जोयस उग्गाहिप्ता हिठावेग जोयणस्य यजिप्ता मज्जे ठसु जोयणसएस एव्यण दाहिणिल्लाण • पक योजनशत वषयित्वा मध्ये पोचनझतपत्र पिशाचाना देवामा तिनपानि भीमेपबनगराया सातसहस्राणि प्रयतीत्याख्यातम् । ते भीमेा नवरा परिर्वता यथपियो प्रथमवडक तथा भावता पावत्प्रतिरूपा च पिशाचाना दवाना पर्यासापर्यासामा स्वामानि म मानि त्रिवि सोपस्यासस्ययनार्थ तथ यह पिशाचा' परिवसन्ति महादका यथोपिया यावद्विप्रति कालमहालासो पात्र ही पिशाचे द्रौपद्याधराजानी परिवसत महकी महाद्युतियों यावाद्वहरत । प्रदन्त दाविवाल्याना पिशाचाना देवामा स्वानामि प्रसानि मदन | दारचणात्याः पिशाचा देवाः परिवसति गोतम अभ्यूद्वीप ए मन्दरस्य पथवस्य दयितस्या रवमनाया' पृथिव्या रवमयस्य काय स्व पोजमा पोपय्यैक मोजनशतमवमाया घलेक योजनशत वर्षापित्वा मध्ये योजनझतत्र दाक्षिणात्याना पिठाचानां देवाना Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रा नासुरथोंदी पलपक्षणमालघरा विशेण धोण दिशेण गघेण दिशेण फासेण दिशेणसहाणेण विद्याए छ प्लीए विछाए जूईए विधाए पनाए विद्याए एच्छायाए दिशाए थचीए विशेण एएण दिशा ठेस्साए दसदि सा उझोषमाणा पन्नासेमाणा तेण तस्य साण२ नोमेजाणगरावाससयसहस्साण शसखियाण साण २ सामाणियसाहस्सीप साण२ चम्गमहिसीण साण२ सपरिवाराण साप२ थणियाण साण२ थणियाष्ट्रिय ईण साण २ थायरस्कदेषसाहस्सीप आणसि च बळण याणमतराण देवाणय वेवीणय शाहेवञ्च पोरेयच्च सामिप्त नाहित महप्तरगत थाणाईसरसेणावञ्च कारेमाणा पालेमाणा महयाहयनहगीयवाइयततीतलताउ तुफियषणमुङ्गपप्पवाइयरवेण दिछाइ नोगनोगाइ नुजमाणा विहरति। कहिण नते!पिसायाण देवाण पजतापाताण ठाणा प० । कहिण नसे ! पिसायादेवा परिवसति? गो० ! इमीसे रयणप्पनाए पुठवीए विधिमासामूना बस्वामवासपरिशिता बयानबरमावानुलेपमपरा मापुरबोम्दपा मसम्बतममानपरा विष्येन दर्डन दिोन पुग्ने विमेन गुमर रिव्येन बानेन वियपा घमा दिपा पुल्या दिव्या मनमा दिपा भाषा दिनारिमा विश्लेविन दिपासिएप, पनि विग पोस्यता प्रभासपा से २ भौमपनाराबासमतामा पागलपरि मानिकसाता अग्रमात पारी परिवार पार पनीचामा मोती सानिमालामम्यानपाना बानपतराव देवानां वे प्रजासत्यापूरच मात्तरबत्वमापरतावमातिवं पुर्वन्त। पासयन्तो मादायसनत्यनीतबारितम्चीतलतासटित पसरपटप्रबारिवरवा दियामि प्रोमोमामिपुत्रानो बिरकिपरतापिधापामा रेवामा पोलापोलामा खानानिहानि म रापिडाचा देवा। परिवन्तिमौतमसा रखमबाबा पषिमा बमपास पोचमाजबावकोपर्यो बोषमतवमामा RASIFA AATHAARAARAMACHAR Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ IPEDuraaNaIDITY रयणामयस्स कस्स जोयणसहस्सयाहलस्स उधार एग जोयणसय उग्गाहिता हिठावेग जोयणसय पनि सा मऊ थष्ठसु जोयणसएस एत्यण पिसायाण देवाण तिरियमसखेजा नोमेज्जा नगरायाससयसहस्सा जवतीति मस्काय तेण नोमेजा नगरा बाहि वहा जहा हिट नयणवस तहा नाणियहो जाव पशिस वा, एत्यण पिसायाण देवाण पजाप्तापजाप्ताण ठाणा पसप्ता, तिसुधि लोगस्स यसखेजाइनागे तस्यण यह पिसाया परियसति महिहिया जहा उहिया जाव विहरति , काला महाकाला इस्य टुये पिसाय इदा पिसायरायाणो परिवसति, महिहिया महजहया जाव विहरति । कहिण नते । दाहिणिलाण पि सायाण देवाण ठाणा पसता । कहिण नते ! दाहिणिला पिसाया देवा परिवसति ? गो० । जयहोवे २ मदरस्स पछयस्स दाहिणण इमीसे रयणप्पनाए पुढवीए रयणामयस्स कास्स जोयणसहस्सयाहलस्स उपरि एग जोयणसय उग्गा हिप्ता हिठायेग जोयणसय यजिता मळे वसु जोयणसएस एत्यण दाहिणिलाण -- - Hपक योवमशत वचयित्वा मध्येऽप्टसु योवनशासघन पिशाचामा देवामा तियगोपामि मोमेयकमगरावासयतमानापि प्रवतीस्यास्यातम् । तमोमया ममरा परिवत्ता यौनको प्रवनवया सापा प्रषितम्या यावत्प्रतिमपा पत्र पिशाचामा दवामा पपोतापर्याप्तामा स्थानामि मत तामि विवपि सोवस्यासम्मपनाग, तत्र यावः पिणचा परिवसन्ति महाडमा पोषिता यावद्विारम्ति बालमहामासी पानी पिलाये न्द्री पिशाचराजानी परिवसत । मागि महायुविक्षी यावहारत ।मदन! दामिणात्यामा पिशाचामा देवामा स्थानामि प्राप्तानि छ | मामा दाक्षिणात्या पिशाचा देवाः परिवसन्ति ? गौतम । सम्पदीप २ मदरस्य पवतस्य दक्षिणतोस्या रबपनाया पाचव्या रवमयस्य कारण स्थ पोजमसालवाहस्यस्पोपप्पॅक योवनवमवपासा पक्ष पोखमशव वजयित्वा मध्येऽसु पोवमशतपत्र दाक्षिणात्यामां पिशाचाना देवामा, SPARRIODIODate Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पिसायाण देवाण तिरियमसखिया नोमेजा नगरावाससयसहस्सा हवतीसि मरफाय, तेषं नषणा जहा उहिच जयणवस सहेब नाणियछो जाय पफिरया त्यण दाहिणिलाण पिसायाम दयाण पजस्ताप ताप ठाणा पसत्ता । सिसुधि लोगस्स असखेजडत्नागे सत्याप यह दाहिणिला पिमाया देवा परिवसति महिहिया जहा उहिया जाव विहरति काले जत्य पिमायडर सिायराया परिवसति मविहिप जाव पन्ना सेमाण सण सत्य तिरियमसखेजाण नोमेजा णगरावामसयसहस्साण चउरह सामाणियसाहस्सीण घठयह थम्गमरिसीप सपरिवाराण तिएन परिसाण सप्ताह शणियाण सप्तरह थणियाहिमर्डण सोउसाह शायर स्कदेषसाहस्सीण छन्लेसिष यज्ञण दाहिणिल्लाण याणमतराण देवाणय देवीणय यावच्च माय यिहरति । उत्सरिताणं पुष्छा गो० जहेय दाहिणिल्लाण यतया सहेव उप्तरिवाणपि नवरं मदरस्स पयस्स उतरे। प महाकाले जत्य पिसायइदे पिसायराया परिवसति जाप विहरति एवं जहा पिसायाणं वहा तयाणपि । - - NASADHAN +ANSATION -तिपपरोपानि प्रोमेकनाराबासमतावावि मनिपासातम् । मौनीमातिना प्रवितों या परमतिरपा बापारिवारमाना पिसापामा पासापोसामो सोनि पि सोवासस्पपमान बायो राहिला त्या. पिठाचा वा परिपसाना MAIयाबरमंप्रायजसमातमनस्यानां प्रौपनगराबासमतावादी चतता बानानिबार तीन चतुओमपरिवीको परिवारावा तिता पस समानामनीचानां समानामनीकाधिपतीना बोकमानामालरमबदेण्यासामन्येवा बानो मामाराम देवानी मां पापपल पारजितरिवासी पन्ना मौन । बर वासिालाना पत्त सवबोधरियावापि बबरमगरम मसोमारोमावासी पिचारा पिशाचरामा परिचारिपारिधि एवं बचा लिया Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ah BDOB OPPO जाध गधष्ठाण नबर इस नाणते नाणिया इमेणपि पिष्टिणा जयाण सुरुवपकिरुवा जस्काणं पुणानद माणिनव रस्कसाण नीममहानीमा किन्नराण किन्लरकि पुरुसा फिपुरिसाण सप्युरिसमहापुरिसा महोर गाण कायमहाकाया गहाण गीतरइगीतमसा जायगीयजसे विहरति-कालयमहाकाले सुरुथपकि सयपणनद्देय । शमरवठमाणन नीयतहामहानीमे ॥ १ ॥ किलरकि पुरिसेखलु सप्पुरिसेखलुतहामहा पुरिसे । श्राहकाएमहाकाए गीयरतिचयगीयजसे ॥ २॥ विहरति कहिण नसे। श्रणवलियाण देवाण ठा णा प०, कहिण जत । शणयलिया देवा परियसति गो० । इमीसे रयणप्पन्नाए पुतवीए रयणामयस्स फास्स जोयणसहस्सबाहलस्स उवरि हिठायाग जोयणमय धजिआता मज्जे शठसु जोयणसएस शल्य ___ण शणयलियाण देवाण तिरियमसखिजा नषणा घाससयसहस्सा हयतीतिमस्काय तेण जाव परिवा BDDWOODOO D PraPEPREHAT !राम-EFIBERREERU पामा तपा मतानामपि पावट्रन्धर्वापां नवरमिस्ट्रप नामाव नवितव्यममेम विधिना नतामा सुरुपतिस्पो, पहाणा पुपनदमापिनदी. रस सा नोममधानीमो विना विवरबिम्पुरुषो बिम्परुपायां सत्परुपमहापुरुपो महारगाणामतिकापमहाकापी, पन्धर्वाणं गीतरतिगीतय शाव पारित । बासवमामाला सुरुपतिसूपपनदाप । अमरपतिमाबिनद्रो प्रीमचलपामचानीमा विवारथिम्पुरुपोपस सत्परूप सनुतपामापुरुप । पप्तिकायमहाबायो गीतरसिवनीमयमा ॥२॥ विाति नक्षता पक्षहामा वाम स्थामाम प्रतामिक प्रदमा पवित्रा दवा परिवमति गौत्तम । पस्या रवानाया पाचव्या रवमयस्य कायमस्य योमनसासवारस्यस्योपरि पपक पोखनघतं बजपित्वा मध्येष्टसु पोखमझतवावपविधामा देखामा तियगयााम मानावासानमालावि भवतीति मपास्यातम् । तेच यायमतिरपार | पपायपरिक्षामा रेवानां खानानि मनमामि । यिपि सोबमासम्पय भाग पासपविधा दवा परिवम्ति महर्मिषा यथा पिठाचा पाहिए alt Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पिसायाण देवाण तिरियमसंखिता नोमेज्या नगराधाससय सहस्सा द्वषतीति मस्कायं तेणं जवणा अहा died aण तय जाणियो भय पछि त्यदाद्विगिल्लाण पिसायाण दधाण पाठापा साप ठाणा पाता । तिसुत्रि लोगस्स ष्ासखेज्य उजागे तत्यण यह दाहिणिल्ला पिमाया देषा परिवसति महिष्ट्रिया जहा चहिया जाव विहरति काले जत्य विनायक विसायराया परिवसति महद्वि० जाव पन्ना सेमाणं संण सत्य तिरियमसखेयाण नोमेज्जा मगराया मसय सहस्सा ण चउरह सामाणियसाहस्सीण चउराई arrafai सपरिवाराण तिगृह परिसाण सप्तरह अणियाण सप्तगृह यणियाहिण सोलसरहं छायर कदेवसाहस्सीण ष्यन्तंसिच षकूण दाडिजिल्लाण याणमतराण देषाणय देषीणय खाद्देषञ्च आय विहरति । सरलाणं पुच्छा गो० ! अहेय दाहिणिल्लाण वप्तया तष उप्तरिल्लाणपि नवरं मदरस्स पइयस्स उच्चरे ti महाकाले जय पिसायद पिसायराया परिषसति जाव विहरति एवं जहा पिसायाण सहा भूयाणंपि श्रीमनगराबाहलाबि भवतीति समाक्यातम् । ते प्रद वार्ना मित्राचा देवमासा , AWAITETA अपीयरभावकारी मान बहनो दाहिया तमाम प्रोम मननराबाबतसहखायां चतलवानामालाह परिवाराय तिला पर्वदां समानामनीकानां समानामनीकाचितीमा बोझामा बालरकडे या बहूनां दायित्व बानसराको देवानां देवगेन पित्याबदन्ति । चौतरिया पृथवा नौवन बर्षे दाहिन या वर्षबोधरिकाचा अपि भव मन्दरोहरको महाकाली विद्यावेन्द्रः पिशाचामा परिचय बायद्विहरति एवं बचा विचा Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ChanDawenupamumacassBBPOST जाव गघष्ठाण नयर हदेस नाणत नाणिय उमेणपि पिहिणा तयाण सुमयपफिरूया जरकाण पुमानह मापिनद रस्कसाण नीममहानीमा किल्लराण किलरकि पुरुसा किपरिसाण सप्पुरिसमहापुरिसा महोर गाण शहकायमहाफाया गहाण गीतरइगीसजसा जायगीयजसे विहरति-कालयमहाकाले सुरुषपकि सयपणनद्देय । शमरघडमाणन नीयतहामहानीमे ॥ १ ॥ किलरकिपुरिसेखलु सप्पुरिसेखलुतहामहा पुरिसे । शहकाएमहाकाए गीयरतिचयगीयजसे ॥ २॥ विहरति कहिण लते। शणयलियाण देवाण ठा णा प०, कहिण नत । शणयनिया देवा परिषसति गो० । इमीसे रयणप्पन्नाए पुढवीए रयणामयस्स फास्स जोयणसहस्सयाहलस्स उपरि हिछायएग जोयणसय वनिता मज्के थठस जोयणसएसु शत्य ण शणयलियाण देवाण तिरियमसखिया नवणा याससयसहस्सा हवतीतिमरकाय तेण जाय पमिळवा SMSTERIOUSEHOREG बामा तपा मतानामपि याष्ट्रपति भवरमिन्द्रपु मामात्व प्रपितामनेन विधिना मतामा पप्रतिरूपी, यवाणा पुण्मानिदो रख |सा प्रोममानीर्मी विवराया विरबिम्पुरूपी विम्परुपाबा सत्परुपमहापसपो महारगावामतिकायमहाकायो, गन्धर्वा गीतरतिपातय धाव पारित वासयमहामाला सुरुपतिपपपनद्राव । अमरपतिमाणितो प्रीमयतयामहानीमा १ विक्षारबिम्पुरुपोशल सत्पुरुषः सनुनपामहापुरुप । पतिकायमहावापो नीतरतिवैवगीतपशा ॥२॥ विपररात । वनदन्त । परियामा हवाली स्वामानि प्रमानिक प्रदन्त । पचविना दवा परिवसतिगौतम । पस्या रवमनाया पाचव्या रवमयस्य बाबठस्य धोशनसाखवाइल्पस्योपरि पपयेव पोखमझतं बजयित्वा मध्येप्टन पोबमझतेवपापविषामा देखामा नियमसमान मानावासघनसानामियन्तीति मपास्यातम् । ते यावरमतिरूपा भाषपविकाना देवानां स्थानामि मचमामि । विधपि सोशमासम्पय भाग वापपत्रिका दवा परिवसन्ति महावा पचा पिशाचा पाषाविष -2 Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एस्यन्तिया देषाण ठाणा प०, उपवाएको० समुग्वाल्लो० सठाणे लो० तत्यण घणयत्रिया देया परिवसति महिष्ठिया जहा पिसाया जाय विहरति सन्निहियसामाणा नृत्य दुवे छणवस्त्रिदा षणवन्ति कुमाररायाणो परिवसति महिडिया अद्दा कालमहाकाला एव जहा कालमहाकालाण दोरहपि दाहिणि लाण उतरिल्लाणय जणिया तहा सनिष्ठियसामाणापि जाणिया सगहणि गाडा-ष्णवन्नियपणवत्रिय इसियायत्तूययाइएषेr । कदियमहाकदिय कुहयपयगढ़वाय हमे इदा - सनिहियासामाणा धाहविधाय इसी सिषाले ईस्सरमस्सरेषिय त्यत्रिसालेय ॥१॥ हा से हासरईषिय सेएयनयेत हामहासेए पयगेप पषिय नेयाश्वाणुपु ] ए ॥ २ ॥ कहिण जने । जाइ सियाण देयाण पात्ताण२ ठाणा प० १ कङ्क्षिण नते ! ओष्ठसिया देवा परिवसति ? गो० ! इमी से रयणप्पनाए पुढबीए यऊसमरमणिया भूमिनागाउँ सणउ इ कोयणसए उहु उप्पवत्ता दप्तरं जोयणस्य बाहल्ले तिरियमसखिये जोइसविसए एत्यण जोइसियां रन्ति तस्मिहितसमानौ चाश्च द्वावखपखिनावच पचिराजानी परिवतो महको यथाकामा पासमानसपोचे व गङ्गवात्पयो रौतारकाणाच्या (पता) महिता तथा समितिसामानिकपोरपि पपपपत्रिका विवादों में वादी महावन्दी मोहरीचे विद्यालयहोरा सूरकिवल खेत काढावापान थे पालमपाल वरमहल प्रति महारापत तदपि भ्रातल्या चानुपूर्वा ॥ २ ॥ ] भदन्त । ज्योति ज्योतिका देवा परिवसति ? गौतम । अस्पा रखमप्रायाः पृथिवा बहुसमर भूमिधानात्वमवतियोजनमुत्पल दवोत्तर योजनमत बाइवं विशेष कयं ज्योतिष ज्योतिकाला देवानां विन * Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ देवाण तिरियमसखिज्जा जोइसियविमाणावासमयसहस्मा हवतीतिमस्काय तेण विमाणा शझकयिठग सठाणसठिया सहफालियामया शडझगयमुसियपहसियाइव यिविहमणिफणगरयणन्नत्तिधिप्ता पाउछुत यिजयबजयतीपागाच्छप्ताहच्छत्तकलिया तगा गगनतलमहिलघमाणसिहरा जालतररयणपजरुम्मीलियछ मणिकणगथूनियागा यियसियसयपत्तपोकरीया तिलगरयणचदचित्ता नानामणिमयदामालकिया तो यहि घ सराहा तवणिजसइलयालु यापत्यका सुहफासा ससिरीयरूया पासाईया ढरिसणिजा थनिरुवा पफिरूया एत्यण जोइसियाण पजाना२ ण ठाणा पसना , तिसुयि लोगस्स शससेजाइनागे तस्यण यहवे जोइसिया देवा परिवसति तजहा-यहस्सईचदासूरामुक्कासणिच्छराराऊधूमकेतुबुधाचगारगा तत्ततवणि जाकणगवना जेगहा जोऽसमि चार चरति कत्तयगतिरडया ठायीसइविहाय नस्कप्ता देययगणा ना णासठाणसठियाय पचवला तारयान वियलेस्साचारिणा थविस्साममालगई पतेय णामकपगफि सम्बयाम प्रबनावासतमानापि मवनीति मणक्यातम् तानि विमामान भरपित्यबसस्थानसस्थितानि सर्वस्मटिकमयानि पम्य तोरस, तप्रसायनामितानि विविधमविकमबरवनासाचत्रानि वामोपविजयवैजयन्तीपताकयातिमलितानि तानि गगमतलामासहिस रापि सामानररसपारोन्मीसितमिव मरियमस्त पिकानि विमितमानपत्रपयारीशतिलबरबादचन्द्र विधायि मानामषिमयदामासमूतानि मन्तवाय परवाचितपमीपसचिरवासबासटामि मनपर्धा मनीबरपाधि प्रासादीयानि दयनीयानि पनिपाधि प्रतिरूपाणि भयो सिपमा पर्याप्मापोशाला स्थानामि प्रमामि त्रिवपि लाम्पास प्राग ता वा ज्योतिपदयाः परिवसन्ति तापा-पपरपतय चम्दाः सूपो का धर्मधरा राव वो वुधा करमालमतपनीयसमय य यहा ज्योतिष पार चरन्ति पोतवो गतिरविता महाविधतिविषा areamREME Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यचिघमउमा महिद्विया जाष प्पनासेमाणा सेण तत्य साप२ विमाणायाससयसहस्साण साण२ सामाणि यसाहस्सीण साण २ छग्गमटिसीप सपरिवाराण साण २ परिसाण साण २ थणियाण साण २ शणि याहियइण साण२ शायरकदेवसाइस्सीण शरसि च बरुण जोहसियाण देवाणय देवीणय शाहेवच्च जाव विहरति चदिमसरियाय एत्य दुधे जोडसिदा जोडसियरायाणी परिषसति महिलिया जाय पत्तासमाणा ते ण तत्य साण २ जोहसियविमाणायाससयसहस्साण चउराष्ट्र सामाणियसाहस्सीण चउराह शग्गमहिसीण सपरिवाराण तिराह परिसाण सतराव थणियाण सप्ताह थणियाहियईण सोलसराई थायरस्कदेवसाहस्सी 1 णं जोइसियाण देवाणय देवीषय थाहेवञ्च जाय विहरति । फहिण नते ! येमाणियाण देवाण पाचार ण ठाणा प०१ फहिण नते ! धेमाणिया देधा परिवसप्ति ? गो० !इमीस रयणप्पनाए पुढयीए बलुसमरम (प्रावितिसाका प्रिविमाना सीखविधा) मा देवनमा नानासल्मानसखिवास पनवोनारमा (बारापस्य) अहत्यिस्तापा। धारको विमाननासपतिबा मस्येव नामाप्रपाटितमिछुदा मारिवा पापमानासमोर मामासातवाला पोलामानिमामार्ग स्वेगो पानिपी पपरिवारात स्वेपी पर्वा पो मना मिस्वाक लागाषितामा वेषा र पात्मर पावसाताबी मानव मोहिमा रिमोत्ये पति यावारिसि. नचिन्द्रमती चासो मोतिरेको मोति पारिवामिनी तो परियोति धिमानावासातगालाचा चतुका बामानिमामाचा रतु मिपापोवा सपरिवारा प्रयापमा समानामनोकानां समानामनोमाधिपतीमा योजनामामालाबाजारी नोतिबागानोगों पामा देवानां सीमामापिपल पारिभरचमानियानी दमामा पोलापहवामानानि प्रतामिलनामिया Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HamansamiroulemaDGauanian णिमा नमिन्नागा उह दिमसूरियगहनस्कप्ततारामवाण घनइ जोयणसांइ यजाई जोयणसहस्सा इ यजगा जोयणकाफी बजगा जोयणकामाकोशी उह दूर उप्पहप्ता एत्यण सोहम्नीसाणसणंकु मारमाहिदयनलोगलतगमहासृक्कसप्तस्सारशाणयपाणयशारणशच्यगेविजाणुतरेसु तत्य एस्यण वेमाणि याण देवाण चउरासीहविमाणसयसहस्सा सत्ताणउइनवेसहस्सा तेवीस यिमाणा हवतीतिमरकाय तेण विमाणा सरायणामया यच्छा सराहा लष्ठा घठा मठा नीरया निम्मला निप्पका निक्ककाच्छाया सप्पहा ससिरीया सोया पासादीया दरिसणिा शनिरुवा पफिरुवा इत्यण वमाणियाण देवाण पताप सप्ताण ठाणा प० तिमुधि लोगस्स शसखे जाहन्नागे तस्यण वह वमाणिया देवा परिवसति त०-सोह म्मीसाणसणकमारमा हतबललोगलतगमहासकसहस्सारश्वाणयपाणयश्चारणचन्चयगेवेडागाणप्तरोववाहया देया तण मियमहिसवराहसीहबगलदष्टुरहयगयव हनुयगखग्गउसनकविमिमपागझियचिधमउमा पसिढिल देवा परिवसन्ति गौतम । पस्या रवानाया पयिष्या बासमरमवीपादमिनागास चन्द्रसूययामप्रतारादपाया पनि योवनसतानि च इन पोजनमालास वनो योगमकोटयो बनो याबमकोटीकोटप असु दूरमत्पत्याच सौधर्मधामसनत्कुमारमाहवनसावासाम्रारानत मारतारणाचतवयकानुत्तरयु ततपा वैमानिकामा देवानां चतुरशीतिविमानशतमालागि सप्तमपातसहस्राशि प्रयोषिमतिविमानानि प्रव नीति मयायाधम तानि बिमामानि सवरवमपानि अचान बरतानि महानि शनि मृष्टानिमीरबासि निर्मसामि मिप्याणि निफपटव मायामि सम्माधि सोद्यातानि प्रासादोपानि पचनीयानि अनिरुपाधि प्रातरूपापि वैमानिकामा देशमा पर्याप्तापर्याप्तानां स्पानामि प्रस तालि विपिसोबायोप नागपत्र यायो मामिला देवा परिवसन्ति वया-सौधर्मशावसनकुमारमाधवग्रहप्तान्तवमुक्सासाराम Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 'यविघमा महिडिया जाव प्पना सेमाणा तेण तत्य साण२ विमाणायाससयस हस्ताण साम२ सामाणि साइस्सीणं साण २ ष्यग्गमडिसीज सपरिवाराण साप २ परिसाण साण २ छणियाण साण २ पणि यो साणं २ वायरस्कदेव साहस्सीण पोसि च बकूण जाहसियाण देवाणय देषीणय यावच्च जाव विहति चंदिमसूरियाय एत्य दुवे जोष्ठसिदा जो सियरायाणी परिषसति महिष्ठिया जाव पनासमाणा ते णं तत्य साण २ ओसियषिमाणायासस्यसहस्साण उरह सामाणियसाहुस्सीण चउगृह वग्गमहिसीण सपरिधाराण तिगृह परिमाण सतरह ष्वणियाण सतरह श्वणिया हिवईण सोलसग्रह वायरस्कदेवसाहस्सी णं जोष्हसियाण देषाणम देवीणय ष्छाहेबच जाव विहरति । कहिण जते । वैमाणियाण देषाण पाचार ण ठाणा प० ? कहिण जते ! वेमाणिया देवा परिवसति ? गो० ! इमी से रयणप्पत्ताए पुढवीए बहुसमराम कापितीमा स्वेधा २ चामर (अष्टाविइतिसस्यात्वा श्वनिचिताग्रा लोकप्रसिद्धाः मत्रा देवगणा मामास स्थानदेखिदान पचवतारणा (तारापपि), प्रा FARINI TUTANTS चारियो ऽविभ्राममण्डलपतिश्वाः प्रत्येक लामाकृतिविमुकुटा महापाप पा २ सामनिहाय त्वेषां भयमहिषीको सपरिवारायां स्वेवा पद स्वत हकदेवसहस्राचां वन्येशाज्य बन योतिषार्थी उखान रिति सूर्याचन्द्रमसौ पात्र हो ज्योतिकेन्द्र ज्योतिराम परियको हो त खप र ज्याति के विमानाबाबत सहखायां चतु सामानिकसहाबा तु मरिच परिवारायां प्रयाक पहा सप्तानामनीकाना सप्तानाममोक्षाचिपलीमा बोकानामात्मरक्षाको ज्योतिकानां देवानां नामाचिपत्यं यावद्विवरतः । भदन्त । बेनाभिकामां दमामा पापप्रावो कामानि मानि वैधानिया 1 Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ MIRLosaamnadanceTEDDINGan. णिजामिनागा उठ चंदिमसूरियगहनस्कनतारायाण घलइ जोयणसयांइ घजाई जोयणसहस्सा । इ यजगात आयणकामी यजगात जोयणकामा कामी उह दूर उप्पहप्ता एत्यण सोहम्मीसाणसणफु मारमाहिदवनलोगलतगमठासुक्कमहस्सारशाणयपाणयश्चारणश्चन्यगेविजाणतरसु तत्य एत्यण येमाणि याण देवाण घउरासीइविमाणसयसहम्सा सत्सा उडनवसहस्सान तेवीस विमाणा हयतीतिमरकाय तेण घिमाणा सहयणामया श्रच्छा सराहा लठा घठा मठा नीरया निम्मला निप्पका निक्ककच्छाया सप्पहा ससिरीया सउजोया पासादीया दारसगिजा शुनिरुवा पसिना हन्यण वमाणियाण देवाण पजाप्ताप जताण ठाणा प० तिमुवि लागस्स शसख जाहनाग तत्यण वहव यमाणिया दवा परिवसांत त०-सोह म्मीसाणसणकुमारमा िहदयनलोगलतगमहासुझसहस्सारणाणयपाणयथारणशचयगेवेजगाणुप्तरीयवाहया दया तण मियमहिसवराहसीलगलदहुरहयगयवडनुयगखग्ग उसनकविमिमपागफियचिधमउमा पसिविल देवा परिवमति गौतम । अस्या रवानापा पषिच्या यसमरमरीपादनामनागास चन्द्रसूपयानहनतारारुपामा पनि पोखमछानामिय जान पानमसालाब वनो योजनकोट्या पमा याजमकोटीकाटप उसु दरमत्पत्याच सौपमझामसमस्यामारमासम्बनझसातवावासासारामत मावतारमाध्यतमेवपकामुत्तर ततपा चैमानिकाना दवाना चतरशातिावमानसतसहस्रार सप्तमवातसमाविषयोपिशतिधमानामि नव नोति मयामयातम ताान taमामानि सवरवमयानि अचान प्रचानि लष्टानि पृष्टानि मष्ठामि मीरजासि निर्मनामि मिप्यानि मिपपटक चायानि सममापि सोचतानि प्रासादीयामि वशमीपानि पनिपाधि मातपाणि वैमानियामा देवानां पर्याप्तापर्याप्तामा स्थानामि प्रय तानि त्रियपि सोबमासस्येवं भाग वर यायो मामिया दवा परिवसन्धि वपा-सौधर्म शामसनमारमारप्रप्रमशान्तयमुपसासाराम Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ घरमउमसिरीधारिणो घरकुलमोहयाणणा मउफदिप्तसिरया रताना पउमप्पहगोरा जासेया सहवाग घफासा उत्तमषेउविणो पयरवस्यगधमलाणुलेषणधरा महिहिया मष्ठ दु या महायसा मष्ठा महाणुना गा महासोरका हारविराज्ययत्या कागतुफियपनियनुया शगठकुलमहगातलझापीढ़धारी विचित हत्यानरमा पिचिप्तमालामउलिकालाणपवरवत्यपरिहिया कलागगपघरमालाणुलेपणा नासुरयोंदी पलंयव णमाउघरा विशेष योण विशेष गघेण दिशेण फासेम विशेण सघयणण दिक्षण सहाणण दिशाए इहीए हिवाए जईए दिखाए पनाए दिवाए छायाए दिखाए शचीए विवण तेएण दिखाए उसाए दसदिसान उ जोषमाणा पन्नासमाणा तेण सत्य साप २ विमाणावाससयसहस्साण साण २ सामाणियसाहस्सीण सा ण २ वाषष्ठीसगाण साण २ लोगपालाण साण २ थग्गमहिसीण सपरिषाराण साण २ परिसाण साण मबकविका . लाLY 16STRE अग्रवारपासुम्यवेपानुचरोपपातिबा दबा ले मनमहिपबरामसिंहवनसबरपवनिमयाबमाइपिरिमाणितविपिन प्रारिखो वरगासोपोसिवानमा मुकीमधिरतो प्रास्वमिवरगन्यापधा एमएशिवरमहापदिका मापापस मामेष साहरिचिराचितवचा बटवदिततम्मितमुना पर रहत्तपमा सिप समितिविधिमा सामासिवस्याबवायरमनपाराsar पलायबरमालानुसपना पासुबोन याप्रसम्वनमासवरा रिपरि मेरमान रिमन प दिया पपवेरिन मानन दिपा जया रिनपा पुल्या रिपवा मप्रा रिपया बापया रिमेनापिया हितेन पिपापपास मिलपोतयता प्रमारपसाचो र बिमानाबापताना स्वंषा २ सामानिकपरवा बापापविनामा स्वयां जोपासाना बापमधिनी परिवाराबा रखो पद गा. ET Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 5a02-0 २ णियाण साण २ ष्पणियाहिवईण साण २ वायररक देवसाहस्सीण अन्नेसिं च यज्ञण घेमाणियाण देवाण देखीणय याच पोरं यच्च सामित्त नहिप्त महप्तरगत आणाइसरमणायच्च कारेमाणा पालंमाणा मझ्याइयनह्गीयषाढ्यतनातठता लतुहियघणमुङ्गपमुप्पबाइयरवेण दिइ इ जोगभोगाइ नुजमाण विह रति । कणि जत ' सोहम्मगढयाण पात्तापयत्राण ठाणा प० कहिण जत । सोहम्मगदंबा परिवसति ? गो० ' जबूद्दीत्रे २ मदरस्स पश्चयस्स दाहिणण इमीसे रयणप्पनाएं पुढषीए बऊसमरमगिता भूमिना गाउँ उठ चदिमसूरियगहगणन रकतताराण बहूणि जोयणसयाह यणि जोयणसहस्साइ बज्ञणि जोयण सयसहस्साइ बऊगानुं जायणकोमीन बऊगा जो यणकोला कोही उस दूर उप्पटुत्ता एत्यण सोहम्ने ना म कप्पे पक्षप्त, पाचीणपनी गायत उदीगढाहिणयिच्छिन्न श्चदस ठाणसठिए चिमालिनासरासियन्ना अमोकानां वपा २ धनीकाचितीमा स्वपा २ पामरच दवा का धन्येषा च वधूना वैमानिकानां देवानां च दीनां चाधिपत्य पुरोि स्वस्वामित्व नतृत्व महत्तरत्वमाद्यश्वर सेनापातस्य कृतः पालना विवरात महामृत्यगीतवाद मन्त्रीतलतासत्रुटित घनमुदपदुमवा दरवेस दिव्यान मागनामानि यानाविनदन्त । सोधम क देशमा पर्याप्तायतामा स्थानानि तानि भदन्त । सोचम | दया परिवन्ति । यतम । बम्बूाप २ मन्दरस्य पवतस्य दक्षिणता ऽस्या स्वपनायाः पृथिव्या बहुसमरमकीयातुमूमिभागा चन्द्रग्र हतार रूपया बहूनि पासमान वहून योजमसहस्रासि बहूनि पाचनशतसहस्वाणि बड्या पोलनकोट्या पयो योवनकाटी बोट्य दूरमुत्पत्या सौधर्म नाम कल्प प्रप्त प्राचीनतीची मायतम दोनदा विस्तीस सत्यानास स्थितमा चर्मालाप्रासारासिवन सं या पोजनकोपो ऽसस्पेया योजनकोटी कोट्य प्रायामविषम्मा म्यामसरयमा याजनकाटीकोटयः परिषपण सर्वरत्नमय मध्य पावरप्रतिरूप पत्र Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - जे एस स्वानुं ओयणकोमीन एसखेतान सोयमकोमाको छायामविरकमेण ष्ासखेान जोयण फोको परिस्त्रेण सारयणामए अच्छे जाय पहिये तस्यण सोहम्मगदेयाण यप्तीस विमाणावास सहस्सा इवतीसि मस्काय तेण विमाणा सम्रयणमया यच्छा जाघ पहिरूमा तेसिण विमाणाण यज्ञ मज्कदेसनाए पचषप्रसएया पाता, त० - सोगबस सस बन्नबस ए चपगवन सए च्यवनसए मकं तत्स्य मोहम्मममए तेण वनसया सहरयणामया त्या जाव परिकथा, एत्यण सोहम्मगदेवाण पठार ण ठाणा प०, तिसुषि लोगस्स ष्पसस्वामागे तत्यण बहवे साइम्मगदेवा परिवसति महिड्डिया जाय पद्मा सेम्णा वेण सत्य साप २ विमामाषासमय सहस्साण साप २ ष्यग्गमहिसीण साप २ सामाणियसादस्सी पण एवं जहिया सहेय एतंसिपि जाणियच जाय ष्यायरस्कदवसाहस्सीज धनेसि च वर्ण सोह म्मगकप्पयासीण बेमाणियाण देवाण देवीणय छवि पोरेबच आव विहरति । सहतेय वेषिके देव पाच 10 देहाद्विमानाबादसहखाणि प्रबोति मापातम् वाति विमानात मामा पंचावतार मताप्रमापीनवस समस्यैवावरताको मध्ये पत्र सोचत पावसवाट रकममा च सोलावस्येयं धार्यतत्र २ महिनां स्वेव बा पानी स्वामि या तंत्र स्व र बिमानाबाद महानदार परि नहानामा तमतामपि प्रतिष्प पावसात्मरक्षकदे बसहजाका मन्येषा च मचूर्णा बोचवल्यवान देन देवीन चाधिपत्य बाबो देवन्द्र देवराजः परिवयति बच्चराणि। पुरदरवाचोबचमा पाक्कायवो दीवा Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ राया परिषसह वजपाणी पुरदरे सयकाउ सहस्सस्के मघध पागसासणे दाहिणढुलोगाष्टिबई पतासायमा णाघाससयसहस्साहिया एरावणवाहण सुरिदे शरयवरयत्यधरे ष्णालडयमालमउर्फ नवहेमचारुचितचंपल फुलविलिहिआमाणगर्ने महिहिए जाय पनाममाण सेण तस्य पप्तीसाए श्रिमाणावाससयसहस्साण चउरा सीए सामाणियसाहस्सीण तायप्तीसाए तायप्तीसगाण घउराह लोगपालाण अठरह चग्गमहिसीण सपरि घाराण सिरह परिसाण सप्ताह शुणियाण सप्ताह शणियाहिवाईण चउराई चउरासीण छायररकदेवसाह स्सीण छन्लेसि च यत्रण सोहम्मकप्पवासीण येमाणियाण देवाणय देवीणय शाहे वच्च पोरेवच्च कुछमाणे जाय विहरति। कहिण त्नते। इसाणगदेयाण पजाप्तापजन्माण ठाणा प०? कहिण नते। ईसाणगदेवा परिय सति ? गो० । जयष्टीय २ मदरस्स पछयस्स उत्तरेण हमास रयणप्पनाए पुढयीए यकसमरमणिकानू मिनागा उह चदिमसूरियगहगणनस्कत्ततारायाण यइ मायणसयाइ यन्नइ जोयणसहस्साइ जात्र पति दाविहिमानावासातसाम्राधिपति रैरावपान सरेनोऽरबोम्बरवक्षधर पातमितमातम फुटो नग्मचाहवित्तवनामकुण्ठसवितिपय मानमको मादिगो पावरप्वासपम्स तत्रवाधिशादमानावासमतमात्रामा पतरशीत्या सामामिपमानामा परिवगमस्यामामा पापविश पटेवाना चतुर्मासोबपासामा पटामामग्रमभिपी सपरिवारा तिसर्व पर्यटा समानामावाना समानाममीबाधिपतीनां चतुर्ण तरक्षी त्यात्मरदेवमासाबां परपपा च मङ्गमा सोधमापवासिदगो देवीमा आधिपत्य कुवम्पमपन् यावद्विपरतिपदनाशामदेवानां प पर्याप्तापर्याप्तामा स्वामानि प्रप्तान प्रान शामरवा पारवसातामौतम । जम्मदीपद्वीपे मदरस्य पवेतस्योत्तरतोमा राप्रापाप पिव्या बासमरमपीयामिप्रागावखें चन्द्रमपणापवताराद्वपम्पो पनि पोवनशतानि यामि योजनासायाधि पावनुत्पत्पावेशाम Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सप्पईप्ता एयणं ईसापे नाम कप्पे परते, पाईणपळीणायए उदीणदाहिणविच्छिन्ले एष जहा सोहम्मे जाध पकिसख्ये तस्यणं ईसाणगदेवाण पठाधीस त्रिमागावाससयसहस्सा हुवतीप्ति मरकाय तेण विमाणा सह एपणामया जाय पकिमया तेसिण यजामदेसन्नाए पच सिगा पणता , थकवफिसए फलिहवम्सिए रेणयाम्सिए जाव सम्यवसिए मज्ळे इत्य इसाणामसप, तेण धमिसया सहरयणामया जाव पहिल्या एयणं ईसाणाण देवाण पञप्तापज्जताण ठाणा पमता। तिमुधि लोगस्स शसखेज्जइनागे सेस जहा सो छम्मगदेवाण जाध विहरति , ईसाण इत्य देविद देवराया परिवसति सूलपाणी उसनपाहणे उप्परहलो गाहियई थठावीसषिमाणावाससयसहस्साहिबई शरयवरयत्यधरे सेस जहा सकारस जाय पनासमाणे तव्य पठावीसाए षिमाणावाससयसहस्साण सीतीए सामाणियसाहस्सीम सावत्तीसाए ताप्तीसगाण घठगह छोगपाठाण यष्यद धम्गमहिसीण सपरिवाराण तिराह परिसाण सप्ताह थणियाण सप्तराई क्षणि। . नामा मामाचीलप्रवीधीनायत मुचरमिरवितीयमे यथा सोधो पावरमजिसपे परेशानातवीतोपविमतिबिमानाबाना' पवतावादिप्रवचीत्याच्याच हामि बिमानरामवरणमपानिपावरमविपाARAMANARASI M पतससटिबाबतो पवित्रूपाdes मध्ये मलामत नामसपुरबामपामाबरमतिरूपा चावामानाबाना पोलापपो । मावा सामानि महासिदाम पनी नपा विमरेगना याबवितानाच बन्नो देवराजः पारेपति पुस । पारिवानिरासोबाधिपत्ति रहाविपतिविमानाबासमतावापत परबोम्परपर पचास (चोचा तवाना पि पावलापारावितिविमानाबानमालामजीवि नामानिमामा पवित् पाहिला चतुची बोचपाखाना - ACT Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ याहिबईण चउराह शुसीतीण डायरस्कदेवसाहस्सीण श्यवेसि च यजण ईसाणकप्पवासी धेमाणियाण देवाण य देवीग य शाहयच्च पोरेयच्च कुछमाणे जाप विहरड , कठिण नते। सणकुमारदेवाण पजता पज्ञप्ताण ठाणा पणता । कहिण नत । सणकुमारा देवा परियसति ? गोयमा । साहम्मस्स कप्पस्स उ प्पि सपरिक सपफिदिसि यजइ जायणाइ बाद जोयणसयाह यहूइ जायणसयसहस्साइ यहागा जोय णकोठीच यजगा जोयणकोकाकोकीन उन्ह दूर उप्परता त्यण सणकुमारे नाम कप्पे पणते । पाईण पहीणायए उदीणदाहिणविच्छिन्ने जहा सोहम्म कप्पे जाव पहिरवे, एत्यण सणकुमाराण देवाण वारस विमाणायासस यसहस्सा हवतीति मरकाय तण बिमाणा सश्रयणामया जाय पफिरूया तसिण धिमाणाण यजमज्देसन्नागे पच वसिगा पणत्ता, सजहा-थसागयझिमए सप्तयण वझिसए चपगवमिसए चयकि - --- - -- पानामग्रमारपीपा सपरिवाराचा तिसपा पषता समानामनीबामा समामाममीबाधिपतीमा पता चतरीतिसामाणिवसानाबा मम्येपांच यामा मीशामवारपवाासदवाना दवीमा नापत्य पुरावास न्यावारात मान । समकमाराम देवाना पक्षमापोलामा स्यामा न साम व प्रदान । सनत्कुमारदा पारवसन्ति ? गौतम कोषमस्य चम्पस्यापरि सपत समातदिप पान यावमानि पनि योखमा तानि वाम यावमधतसातालिवमा पोजनमाया बड्या योजनकाटाकाट्य उस वामपन्या समस्यामार माम पापं BUR प्राचीन प्रतीची मायतमारदपिपावती पथा सौधम बरपा यातिदप सा समामाराकामा शावमामावाससाधाविन्तीति मयाच्या तम् तानि विमामामि सवरवमयामि पगानि यावस्पतिद्वपावि तेषां विमानामा मध्ये यामध्यदेवामाग पचावतसब प्रासपा-पछा बावसक सप्तपर्णावतसवयम्पाक्षमतावासको मध्य व सनामारावासा वचाववाः सवरवमया पपा पावरमावरूपा खघसम DOPAN Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1 सम्पता एयण ईसा नाम कप्पे पखते पाईप पीणामए उदीदा हिणविच्छिन्ने एवं जहा सोहम्मे जाव परुि सत्यणं ईसाणगदेषाण ठावीस त्रिमाणाश्रास सय सहस्सा हवतीति मस्कायं तेण विभाणा स रयणामया आय पमित्रा तेसिण ममक्कदेवनाए पच वसिगा परमष्ठा, ष्यकषसिए फलिहसिए रमणयसिए आध समय मिसए मक्के इत्य इसाणवमिसए, तण वहिंसया सहरयणामया जाव पछिरुवा एत्य ईसापाण देवाण पयप्तापकप्ताण ठाणा पाता । विसुत्रि लोगस्स व सखेाइनागे से जहा सो हम्म देवाण आव विहरति, ईसान हस्य देषिद देवराया परिषसति सूलपाणी उसनषाहने उतरलो गाविष्ठासत्रिमाणावास स प सहसाहिबई घरवरपत्यघरे सेस जहा सक्करख जाय पजासमाणे तस्य षष्ठीसार विमाणायाससम सहस्सा ष्यसीतीए सामाणियसाहस्सीम तावतीसाए तायवी सगाण यह लोगपाडा धठरह धम्ममहिषीण सपरिवाराण विरह परिसाण सह घणियाण सष्ठग्रहं यणि परमतिरूप विपाकात तानि विमानानि समाति प्रम पामध्ये विधिवत हवामानावास दशमागे पश्चातकाः मद्या-भ्र सर्वरणमा पारमतिपात्रमाला देवामा पर्याप्तापर्या किती मनान हो यथा सोचमकदेवानां बाहिरन्ति । दन्द्रो देवराजः परियत्ति धूल वाहन रासोबापत रहावितिविधानावासह विपत्तिः परम्परा तथा पियवा विभागाबाबत माि लाम मायोचीनायत सुतर विवि مه सा Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दयफसए एष सेस जहा सणकुमारदेवाण जाध विहरति माहिद उत्य देवि देवराया परिवसह थरयंवर पत्यघरे एव जहा सणकुमारे जाघ विहरइ नबर वठण्ह विमाणावाससयसहस्साण सत्तरीए सामाणिय साहस्सीण घउबह सप्तरीण शायररकदेवसाहस्सीण आय विहरड । कहिण जत । घनलोगदेवाण पत्र प्ता २ ण ठाणा पसत्ता । कहिण नत । यललोगा देवा परिवसति ? गो० । सणकुमारमाहिदाण फप्पा ण उप्पि सपरिक सपफिदिसि यह जोयणाइ जाव उप्पहत्ता एत्यण यनलोए नाम कप्पे पाईणपळीणा यते उदीणदाहिणविच्छिने पमिपुलचदसठाणसठिए शच्चिमालीनासरासिप्पने शयसेस जहा सणकुमा राण नवर चत्तारि विमाणावाससयसहस्सा यासगा जहा सोहम्मस्स वासया नयर मज्जे इत्य बन्नलोयष कसए एत्यण बनलोगाण देवाण ठाणा प०, सेस तहेव जाप विहरति। बने इत्य देविद देवराया परियस इश्वरयपरयत्यधरे एव जहा सणकुमारे जाय विहरति नवर चउरह विमाणावाससयसहस्साण सष्ठीए माकुमारे करप यावादपति भवरमटाना बिमामावासशतमासाणा सप्तति सामामिबसाना चतुणा (चतर्गपामा) सप्तस्यात्मरक्षणदेवसर सावा (शीत्यधिकशतापात्मरक्षक देवमासावामित्यर्थ ) पावहिरति । नवप्त । प्रासोबदेवामा पर्याप्तापर्याप्तामा स्यानामि प्रतानि, प्रदमा मझलोका देवा परिवमान्त गौतम । सनकुमारमा इन्द्रसम्पपोसपरि सपा सप्रतिाव पनि पोजनामि यावदुत्पत्या प्रमतोल नामसप Bua प्राचीमपतीचीमायतमुत्तरपिकविता प्रतिपूरचमासस्थानसस्थित पचिर्मातामाराशिमन अवशष यथा सनत्कुमारा मय र चत्वारि विमानावासयवसानाविपतमका या सौधमस्यावतसक्षा मर मध्य प्रलोचावतसबोर प्रसोबाना दवामा खानामिन पतानि शेप तव पावहिरन्ति तलाच देवन्द्रो देवराब परिवसात परबोम्बरवरपर एव पथा सनत्कुमारे यावद्विारवि नवर चतुदी वि Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सए मजे तस्य सणकुमारवफिसए तेण धमिसया सधयणामया शच्छा जाय पहिरवा तस्यण सणकुमारदे धाण पजतापजताण ठाणा पणता । सिसुधि लोगस्स शसखेजहन्नागे तत्यर्ण बहवे सणकुमारा ठेवा परिषसंति महिडिया जाय पन्नासमाणा विहरति नवर धम्गमहिसी त्यि , सणकुमार इत्य देविदे देवराया परिषस वरयबरयस्यधरे सेस जहा सक्कस्स सेण तस्य धारसग्रह विमाणावाससयसहस्साण घाथ ष्ठरीए सामाणियसाहस्सीण संस जहा सक्तस्स थम्गमहिसीधज्जनवर चउराह बायप्तरीण थायरस्कदेवसाद स्सीण नाव यिहरइ । कहिण नत ! माहिवाण देवाण पजप्तापजप्तण ठामा पसत्ता । कहिण नते। माहिदगा देवा परिवसति ? गोयमा। ईसाणस्स फप्पस्स उप्पि सपरिक सपझिदिसि बकाई जोयणाइ जाव यज्ञागा जोयणकोठाकोको उह दूर उप्पइया तत्यण माहित नाम कप्पे पणते, पाईणपाळीशायए जान एव जहेव सणफुमारे, नवर छठ विमाणाधाससयसहस्सा बन्सया जा ईसाणे नगर मतव्य माहिती الاغتصیححمممد बाराय रेवामा पर्याप्तापाताना सानानि प्रभामिबिपि सोपलासपीभगितामा दमाः परिवसन्ति मारिता पावहिरधि मदरमपरिको वसतिः अभाव A. RANIMHARATranोमारवर्ष पासवाना भिमानावासावst-मानसानानिमितान मेष पपा सागरिमार चतुर्वा तिमत्त्वालरोगालाको पात रविकारिनीको बानी पयोहापर्यापान खानाम प्रमानि ।मरन । मारना । परिवन्तिमौतम चाबला अपनापारम्पतिरिनि बोवनानि पागमा योजनबोटीवोल्न र नुपात तत्र मापदनाम प्राचीनामा बत बाबरेबवसमा सरको बिमाबाबासासारिकाचा वापर करावासा . Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वझसए एव सेस जहा सणक्मारदेवाण जाव विहरति माहिदे इत्य देधिदे वेधराया परिवसह थरयंघर पत्यधरे एवं जहा सणकुमारे जाय विहरइ नयर थष्ठरह घिमाणापाससयसहस्साणं ससरीए सामाणिय साहस्सीण घउण्ह सप्तरीण शायररकदेवसाहस्सीण जाय विहरह । कहिण नत । घनलोगदेवाण पज्जा ता २ ण ठाणा पत्नत्ता । कहिण नत । बन्नलोगा देवा परिवसति ? गो० । सणकुमारमाहिदाण कप्पा ण उप्पि सपरिक सपझिदिसि बड जोयणाइ जाय उप्पडसा एत्यण यनलोए नाम कप्पे पाईणपाळीणा यते उदीपदाहिणविच्छिने पनिपुलचदसठाणसठिए थच्चिमालीनासरासिप्पने शयसेस जहा सणकुमा राण नवर चत्तारि विमाणावासमयसहस्सा वामगा जहा सोहम्मस्स वफसया नघर मज्के इत्य बन्नलोयव सए एस्यण बनलोगाण देवाण ठाणा प०, सेस तहेव जाव विहरति । यन्ने इत्य देविदं देवराया परियस इ थरयवरयत्यधरे एव जहा सणकुमारे जाव विहरति नवर चउराह विमाणापाससयसहस्साण सहीए - - - - - - - - - मरकुमारे रप यावद्विारति भवरमष्टामा विमानावापतमानाया सप्तति सामामिसालावा तुपा (चतर्गबामा) सप्तत्यामरवदेवमा नासा (पधीत्यधिवझतापास्मरस्वदेवमानावामित्ययः) पावविरति कसरत प्रहलोवेवामा पर्याप्तापर्याप्ताना स्थानामि प्रतानि, मदन । ब्रह्मसाबा देवा परिबमामा गौतम । मनकुमारमाइन्द्रवरपपोसपरि सपत सप्रतिदिन बनि योजमामि पावनुत्पत्याच प्रमतोक नाम सप प्रत प्राचीममतावागायतमुत्तरतिपवितीय पातपूरचप्रसस्वामसस्थित पचिर्मालामारासिनन पवाद यथा समस्कुमाराव मब रवारि विमानावासतमालागि अवतमका यचा भीषमस्यावतमा नगर ममा ब्रह्मलोकावतसको प्रतीक्षामा दवामा स्थानानि, प्लामि शेष तप पावहिरन्ति प्रलाप देवन्द्रो देवराज परिपसात चरणोम्बरक्सपर एव पथा समस्कुमारे यावद्विारा मवर पतवां वि Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सामाणियसाहस्तीम चउराह यसठीण शायरस्कदेवसाहस्सीण थन्लेसि च यजण जाय विहरइ । कहिण नते! उत्तगदेवाण पजाप्तापज्जत्ताण ठाणा पमप्ता, कहिण नते ! लसगदेवा परियसति ? गोयमा ! घनडोगस्स कप्पस्स उप्पि सपस्किय सपफिदिसि बज जोयमसयाइ जाय यहुई जोयणकोसाकोसीd राहुं दूर उप्पडप्ता एस्यण उतए नाम कप्पे पमत्ते, पाईणपफीणायसे जहा बनलोए नवर पन्नासाविमाणा घाससहस्सा इवतीसिमस्काय , वासगा जहा ईसाणवफसगा नयर मजे इत्य लतगयासए देवा तहेव जाय विहरति , उतए इत्य देविदे देवराया परिवसह जहा सणफुमारे नयर पनासाए बिमाणावाससह स्साणं पन्नासाए सामाणियसाहस्सीण चउराव पक्षासाण थायरक्रदेषसाहस्सीण शोसिच घाण जाय थिहरइ । कहिप नंते ! महासकाण देवाण पञप्तापज्जाताम ठाणा पणता । कहिण नंते, ! महासकाने L मामावासबसावा सप्ततिः सामामिसाला चतुषी (वार्ता) बालाराबदेश चम्पपाच पूर्मा पाशिरति । स । सामानदेवानां पर्याप्तापाताना सानानि म साला परिवन्ति ? तम । मनसोबत पापमोपरि सप सप्रतिदिन पनि पोवनवामिपावरमावस्या माबाबा प्रचात प्राचीनप्रतीचीमायत पचा ममताबमवर पन्चायतिमानाबासनसामाबिमातिमाश्यामिरचतरवारा स्थानावका बर मसान्तबावतंबीया' सव पारिधिमा पापन.ATAIबराला परिवत्ति पचा नमारे नवरं पन्चामानाबाबतचना पन्नात्वामामिवावा जीतनशाना) पन्नावरालरवसाधा (सबालरचमोबादादा) बेबी माना पारितिभाच्च । मा रितामा सामानि ममामि परचमहाराचा देवाः परिक्वन्धि पौवन । बामपनोपरि परमविदिए बाबमुल्य Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वा परिवसति ? गोयमा । लतस्स कप्यस्स उप्पि सपरिक सपनिदिसि जाव उप्पइक्षा एव्यण महासुको नाम कप्पे पाशे, पाईणपणायते उदीणदाहिणविच्छिन्ने जहा बनलोए नवर चत्तालीस विमाणाया ससहस्सा हषतीति मस्काय, वनसगा जहा सोहम्म सगा नयर मज्जे तस्य महासुक्क सए जाव विह रह महा देविंद देवराया जहा सणकुमारे नयर चन्ताठी साए विमाणाधास साहस्सीण चप्ताली साए सामाणियसाहस्सीण चउरह चप्तालीसाण ष्वायरस्कदेव साहस्सीण जाव विहरति । कहिण नते ! सहस्सारदेषाण पयप्ता २ ण ठाणा प० । कहिण जते । सहस्सारा देवा परिवसति ? गो० ! महासुक्कस्स छप्पस्स उप्पि सपरिक सपनिदिखि जात्र उप्पहप्ता एत्यण सहस्सारे नाम कप्पे प०, पाईणपमीणायवे जहा बनलोए नगर बविमाणावाससहस्सा हवतीति मस्काय देवा तहेव बहसमा अहा ईसाणस्स वळसगा नवर मज्के इत्य सहस्सारयनसए जाव विहरति, सहस्सारे इत्य देषिदे देवराया परिवसह जहा सणकु | त्यात्र] महाशु नाम अप प्रचतम् प्राचीनप्रतीचीनायतमु सरदवितीय यथा ब्रह्मलोको मवर चत्वारिशुद्दिमानावासतसहस्रापि भवन्ती ति मयाख्यातवटा पथा सौधर्मावतसका नबर मध्ये तब महाशुक्रावतसको पावद्विहरति महाशुक्रोष देवेन्द्रो देवरायो पपा समकुमारी |नवर चत्वारिश द्विमानावास सह खाडा चत्वारिशत्सामा निवासहस्त्राचा चतुया चत्वारिशदात्मरचकदेवसहस्राबा पावद्विहरति । व मदन्त । सहखारदेवानां पर्याप्तापर्याप्ताना स्वानानि प्रप्तान प्रदन्य सहखारद्वाः पारवसति ? गौतम | महामुकस्य कल्पस्योपरि सपच समति दिव् पावदुत्पत्या सहवार नाम करूप प्राप्त प्राचीन प्रतीची मायतमु तर विविस्तीस यथा ब्रह्मलोको नवर पविमानावासझतसहस्राणि न वन्तीति मयाख्यात देवाचैवावत सभा पथा ईशावस्यावतसका मवर मध्ये पत्र सहस्त्रारावतको यावद्विहरति सहस्त्रारोज देवेन्द्रो देवरा Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सामाणियसाहस्सीण चउराह यसठीण शायरस्कदेवसाहस्सीण थन्लेसि च यज्ञम जाप विहरइ । कहिण नते । उतगदेवाण पञप्तापजसाण ठाणा पसप्ता, कहिण नते ! लतगदेवा परियसति ? गोयमा ! घनलोगस्स कप्पस्स उप्पि सपरिकय सपझिदिसि वनइ जोयणसयाइ जाय यहुई जोयणकोकाकोठी उk दूर उप्पडप्ता एस्यण लतए नाम कप्पे पमत्ते, पाईणपकीणायसे अहा घनलोए नधर पन्नासाविमाणा धाससहस्सा इघसीतिमस्काय , वफसगा जहा ईसाणवफसगा नवरं मके इस्य सतगयफसए देवा तहेष जाय षिहरति , उतए इत्य देषिदे देवराया परिवसद्ध जहा सणफुमारे नयर पनासाए बिमाणावाससह स्साण पन्लासाए सामाणियसाहस्सीण चउण्ह पक्षासाण शायरक्रदयसाहस्सीण थोसिंध पक्षण जाय यिहरइ । कहिण नते ! महासकाण देवाणं पञ्जतापजाप्ताण ठाणा पणधा । कहिण जवे ! महामुक्करदे पामावापानानां सप्ततिः सामानिमालाई तुरी (चतुर्दशाना) बयानबदेवता परिप्रणिपासवान चम्पपामार्ग पावद्विारविपदालान्तरेषाना पसोप्तापपोताना पालमा तम । प्रससोवा पसोपरिपक्षप्रतिदिए बानि परमत्पपासातजामावरच मत प्राचीमप्रतीचीमापत बचा बाधाहमानाबालपनमामिवानिमपामहिम्मतवा'पचारधामाबतचा भबरं मयेसाबाबतची रेवा साप पाटिकाविहारराव परिसतिया नमार बरं पन्चामानाबापताना पचासत्ताबानिवपाषा नानी) पन्चाधरात्मरपपरा (सवालरोगापाको) बन्दी बना पारितिपाल । | बिनोसामाणिप्रसापिसाबममा रेवा। परिवाधिौवन बालकोपरिपपतिरिवाल Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ वा परिवसति ? गोयमा । लतस्स कप्पस्स उप्पि सपरिक सपफिदिसि जाय उप्पड़ता एत्यण महासजे. नाम कप्पे पणते, पाईणपाळीणायते उदीणदाहिणविच्छिन्ने जहा बनलोए नवर चत्तालीस विमाणावा ससहस्सा हवतीति मरकाय , वफसगा जहा साहम्मवफसगा नबर मज्के तत्य महासुकापासए जाव विह रइ महामुक्के इत्य देविदे देयराया जहा सणकुमारे नघर चप्तालीसाए घिमाणायाससाहस्सीण चन्ताली साए सामाणियसाहस्सीण चउराह चप्तालीसाण थायररकदेयसाहस्सीण जाव विहरति । कहिण नते ! सहस्सारदेवाण पजाप्ता २ ण ठाणा प० । कहिण नते । सहस्सारा देवा परियसति ? गो०। महासुक्कस्स कप्पस्स उप्पि सपरिक सपमिदिसि जाय उप्पडप्ता एस्यण सहस्सारे नाम कप्पे प०, पाईणपफीणायवे जहा यत्नलोए नवर बविमाणावाससहस्सा हवतीति मरकाय देवा तहेव यासगा जहा ईसाणस्स वासगा नवर मज्जे इत्य सहस्सारयासए जाव विहरति , सहस्सारे इत्य देविदे देवराया परियसह जहा सणकु त्यात महापुड नाम रुप मचतम् प्राचामप्रतीचीमायतमत्तरदचिविस्तीच यथा ब्रह्मलाको मवर चत्वारिहिमानावासमवसहस्राणि प्रवन्ती ति मपायातमवत सबा यथा सौधर्मावरमा नवर मध्ये ता महाशावतमको यावद्विपरति महाकोष देवेनो देवराखो पणा समस्कुमारी मवर चत्वारिषदिमानावासमासामा चत्वारिस्मामानिकसानाचा चतुबा चवारिशदास्मरचकदेवसामायो पावहिरति ।हमदन्त । सहस्रारवामां पर्याप्तापर्याप्तामा स्थानानि प्रतााम घनद सासारदवा: पारवन्ति गौतम | महामुत्रस्य स्पस्सोपरि सप सपति दिए यातदुत्पापात्र सावार नाम पप प्रचप्स प्राचीनमतीचीमापतमुत्तरदषिणविसी पपा वासोको मवर पविमानावासाससाखाविन वन्तीति मपाण्यात वालवावतसबा पपाईधानस्यावतसबा मवर मध्ये पर सासारावासको यावविरचि। साखारोव देवेन्द्रो देवरा Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ मारे नवर बराह धिमाणायाससहस्साण तीसाए सामाणियसाहस्सीण चउण्हय तीसाण शायरनदेयसाह स्सीण जाप शाहेवच्च कारेमाण विहरति । कहिण नसे ! थाणयपाणयदेवाण पञप्ता २ ण ठाणा प० फहिण नसे! याणयपाणयदेवा परिषसति ? गोयमा ! सहस्सारस्स कप्पस्स उप्पि सपरिक सपफिदि सि जाय उप्पडता एत्यण थाप्णयपाणयनामेण दुवे कप्पा पत्ता, पाईणपठीणायते उदीणदाहिणविच्छि ना थक्षचदसठाणसठिया वञ्चिमालीनासरासिप्पना सेसं जहा सणकुमारे जाव पग्विा तत्यणं थाण यपाणयदेवाण चप्तारि विमाणावाससया इयतीति मस्काय जाप पहिल्या, वळसगा जहा सोहम्मे नवर मके पाणयवासए सेण वसगा सहरयणामया थच्छा जाष परिया, एत्यण थाणयपाणयदेवाणं पज तापज्जताण हाणा पन्नसा, तिसुधि लोगस्स सखेसाइनागे तस्यण यहवे वाणयपाणयदेषा परिवसति CAD • परिणपति पया समस्तुमारो मवर पो विमामावासयतमामाया बियस्सामानियादा पी बिदासरवदेवमासाना बाबदाधिप ल इन्धिारतिपाल। पानसमापदेवाला पर्याप्सापपोताना त्यानानि मासानिमा मातमारा मरिमतिमा निरस वापसोपरि सपई समतिविम् पावतुत्पत्यापासमारनामानी जोकपी भी माना जातविरक्तिी तरीमिर्माताप्राविसमेतो यो समान पामितिलपातिमादिगानी बवारि बिनामावापतवादावि M ahindi बलिपारसविट्यावर पिडिपातमायण मोजमावर भने प्रावतायतबसपातममा सबरबमयाचा दावाप्रतिषपापा मवप्रापरवामी पर्याप्तापर्याप्तानो सामानि मनमानि पिपिसोषमापन मा तानाबानतमारा परिषधि मा बाब स्प्रभावपचा नानाant पारिधि प्रापबाट देबेन्द्रोपराचा परिणति बचानकमारो बरी कि Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ महिद्विया जाच पन्नासेमाणा तेण तस्य साण२ विमाणावाससयाण जाय विहरति पाणए इत्य देविदे देवरा या परिवसति जहा सणकुमारे णयर घउरह यिमाणापाससयाण वीसाए सामाणियसाहस्सीण शसीतीए वायरस्कदेवसाहस्सीण रात्रंसिप बक्षण जाव विहरति । कहिण नते ! थारणचुयाण देवाण पता २ ण ठाणा पणता । कहिण नते । शारणच्चुया देवा परियसति ? गोयमा ! शाणयपाणयाण कल्याण उप्पि सपरिक सपफिदिसि एत्यण शारणाच्यानाम दुये कप्या पणता पाईणपकीणायगा उदीणदाहिणवि च्छिन्ना शरूचदसठाणसठिया थञ्चिमालीनासरासिवन्लाना शसखिज्जा जोयणकोफाकोझी थायामवि रकनेण शसखेमा जोयणकोफाकोसी परिस्कयेण सधरयणामया शच्छा सराहा लठा घठा मठा नीरया निम्मला णिप्पका निक्कककछाया सप्पन्ना ससिरीया सउज्जाया पासाइया दरिसणिका अनिरुवा पछि ख्वा एत्यण थारणञ्चयाण देवाण तिन्नि विमाणायाससया हवतीति मस्काय, तण घिमाणा सधरय मानावासशतामा विप्रति सामामिलामा पक्षीति पात्मरदेवमासाबामपेपा र वामा पारिति । भवन् । पारसच्युतानां दे वाना पर्याप्तापर्याप्तामा स्वामामि प्रमामि वनवा परवाच्यतया दवा परिवसन्ति गौतम । पामतमावतयोः कल्पपीरुपरि सप सम -तिद पामतमायतनामामो गोपी मसप्तो प्राचीनप्रतीचीमायतायुत्तरदायविस्तीर्ण पाचप्रसंस्थामस्थिती धिमासामाराधिसमती बसम्पया पोचकोटीकोख्य भायामविफम्माम्या पसस्पेया योजमवाटीकोट्य परिक्षेपण सवरवमपी पनी अल्लो सष्ठौ पृष्ठौ माटो मीरखसी निमसी मिप्यती मिपल्लाचायौ सम्मो समीक्षा सोपाती प्रासादीयौ दर्शनीयो मिरूपी मतिपो प्रचारयुतानां देवाना वीषिविमामा वासशवामि नवचीति मयाख्यावानि विमानानि सवरवमपानिपचानि पुरवामि सप्तानि पहामि महानि नीरवासि निर्मसानि नियंका Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ या पच्छा सरहा लठा घठा मठा नीरया निम्मला निप्पका निक्कफाच्छाया सप्पना ससिरीया समोया पासादीया दरिसमिजा शनिवा तेसिण विमाणाण यजमज्जदेसनाए पच घम्सया पसप्ता, तजहा थकम्सए फठिहयफसए रयणयासए जाय सवषासए मज्जे इत्य वचयवासए, तेण धासया सछरय णामया माव परिया, एस्यण थारणयाण देयाण पजतापरताण ठाणा पणता । तिमुधि लोगस्स सोनागे तत्यण यहवे धारणचुया देवा जाव विहरति, थचए तस्य देषिदे देवराया परिषसह। जहा पाणए जाव विहरति नवर तिरह विमाणावाससयाण दसराह सामाणियसाहस्सीण चचालीसाए थायरमन्देषसाहस्सीण शाहेवञ्च जाव कुछमाणे विहरति , घावोसठाधीसा वारसाउपरोसयसहस्सा पन्नाचवालीसा उच्चसहस्सासहस्सारे ॥ १॥ वाणयपाणयकप्पे चहारिसयारणचुएविणि । सप्ठविमापास थाई पठसुषिएएसुफप्पेस ॥ २ ॥ सामाणियसगहणीगाहा-चठवासीयसीति सावरिसीयसही नि नियमापनि प्रभावितमीबावि सोपोटानि माथाडीया कानीयानि बाम पारिदिपाशिबिमामानामध्यदेशमा पला माला जपचा-चाम्साशित पायतको मध्ये सातामय से पावरचाः सबरव मी पारावानारामी मामापर्याप्तीमाहसानानि तानि बिपिसोयाब्लेपमा वा बाबाराता रेबाप रिम्बनिसावहिरनिराकरेन्द्रों रबराच परिणति यथा प्रापतो पाबधिरति जबर बाबा विनामावगरवामाना चामा मिसापचा पत्तारिपरात्परपरेषनावावा बाधिपस्य पुरोत्तिल पाववम् विहरति हाजिरहाजितिहारबाहीबाबासादि। पन्चायनारिवलनसापिसातारचमचमासमा बजारिताबारपामुदीपिपापियामासमवे' भ REMETARA Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पन्नाचतालीसा तीसावीसादससहस्सा ॥ ३ ॥ एएचेय शायरस्का चउगुणा । कहिण नते ! हिठिमगेविख्य गर्दवाण पजप्ता २ ण ठाणा पणता ? कहिण नते । हेठिमगेयिागा देवा परिषसति ? गोयमा ! था रणनुयाण कप्पाण उप्पि जाव उह दूर उप्पइत्ता एत्यण हेठिमगेविजागाण देवाण ततो गेडाषिमाण पत्यका पन्नता, पाइणपईणायगा उदीणदाहिणविच्छिना पमिपुलचदसठाणसठिया शच्चिमालीनासरासि बनान्ना सस जहा बनलोगे जाव पसिना, तत्यण हठिमगेविझगाण देवाण एक्कारसुप्तरे घिमाणावास सए यतीति मरकाय तेण यिमाणा सघरयणामया जाव पफिरया , एत्यण हेठिमगेविगाण देवाण पज्जप्ताण २ ठाणा पसप्ता, तिसुधि लोगस्स शसखेजाइनागे तत्यण घहये हेठिमगेधिजागा देवा परि यसति सझे सममाहितीया सह समजुतीया सछे समजसा सई समयला सई समाणुनाया महासोरका य णिदा थपेस्सा थपुरोहिया थहमिदा नाम ते देवगणा पणता समणाउसो ! कहिण जते । मज्जिमगाण २०सामामिवसतिगापा-चतुरचीतिरीति दिसप्ततिः सतिषपष्टिय । पचापचत्वारिशत् शिबिमामाणि॥१॥ एते चैव चतुगुणा | स्यात्मरक्षा भदन्त । अपमानवपकदवाना पर्याप्तापर्याप्ताना त्यानानि प्रचतानि भदन्न । यस्तमयकदवा परिवसन्ति । पौतम भारताच्युतबरपपारुपरि सपप समातादक पावूखमुत्पत्यात्रा घस्तमवयकामा देवामा वयसप्रस्तदामि प्रतानि प्राचीनमतीचीनायतामि सत्त रदख्यिावस्तीमि प्रतिपूरचन्द्रसत्यामसस्थितामि अचि साताराशवर्मानानिप या प्रललाक यावत्पतिरूपाणि, बापस्तमषेपकदेवा मां एवादशातर विमानावाससत प्रवधीत मपाध्यातम् । ताम विमामामि सबरवमयामि पावत्प्रतिपापि प्रापस्तमवयबामा दवामा पर्याप्तापयोप्तामा त्यानाम प्रतानि विधपि सोपस्पासपेय भाग वा पायो घस्तनपा दवा परिवसन्ति सर्व सममयिका सवै सम aasan Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गिदेवाण पयता २ ५ ठाणा पत्ता । कहिण नते ! मज्जिमगेषिङ्गदेवा परिवसति ? गोयमा ! हेष्ठिमगेविगाण उप्पि सपरिक सपनिदिसि जाव उप्पहप्ता एत्यण मज्जिमगेषितगदेवाप्य सतोगेषिय विमाणपत्या पटा पाईणपीणायता जहा हेष्ठिमगेषितगाण नवरं सत्तुष्ठरे विमाणावाससए हव तीस मस्काए, तेण विमाणा जाव पहिया एस्यण मक्किमगेषेयाण देवाण जाव तिसुधि लोगस्स स जागे तस्य बहुवे मज्जिमगेबेागा देवा परिवसति जाव ष्यहमिदा नाम देवगणा पाष्ठा । सम पावसो ! कहिण मते ! उधरिमगेवेगा देवाण पचत्तापयप्ताय ठाणा पत्ता । कहिणं मते ! उषरिम गेगा देवा परिवसति ? गोयमा ! मज्किमगेवेगदेवाण उप्पिं जाय उप्पष्ठा तत्यण उवरिमगेत्रेज गाण देवाणं ad गेविवगविमाणपत्यका पसष्ठा पाईणपठीणाठ सेसं जहा हेठिमगेषिञ्जगाण नवर सर्वे समबस सबै महानुभावा महाक्पा अनिन्द्रा मेवा अपुरोहिवर ग्रह नाम से सदस्य मध्यमवेया पापाखानानि रेणानामुपरि प्रतिदिन माम समान पनि प्राचीनमतीचीनामसाम्युत्तरदचिण स्तम् तानि विमानानि बाबरमतिरूपाणि चत्रमध्यम मानव को मध्यमवयवा देवाः परिवचन्ति बाबरहनिन्द्रा नाम से देवाः प्रचताः | समय प्रदत | उपरिक्प्रेमेवदेवानां पर्याप्ता खानानि तानि दन्त उपनिबलदेवाः परिवन्ति ? मौन व्यमयैवेवकदेवानामुपरि बाबयुत्पत्व क्योपरिभवानां देवानरे प्रेममानि मानि प्राचीनप्रतीचीभाववामि चापि Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एगे विमाणावाससए हवतीति मस्काए , सेस तहेव जाणियच जाय शहमिदा नाम ते देवगणा पणता समणाउसो । एक्कारसुप्तरहे ठिमेसुसत्तुप्तरचमज्जिमए । सयमेगउपरिमए पचेवश्यणुप्तरविमाणा ॥१॥ कहिण नते ! थणुप्तरोषवाइयाण देवाण पता २ ण ठाणा पणता ? कहिण नते । शृणुप्तरोषयाइया देवा परिवसति ? गोयमा ! इमीसे रयणप्पनाए पुढवीए बमसमरमणिमा नमिनागा उहुंचदिमसू रियगहगणनस्कत्ततारायाण बह जोयणसयाइ बन्द जोयणसहस्साइ बद जोयणसयसहस्साइ यहा गा जोयणकोफी यजगा जोयणकोकाकोफी उह दूर उप्पडता सोहम्मीसाणसणकुमारमाहिदयन लोगलतगसक्कसहस्सारचाणयपाणयथारणश्चञ्चुयकप्पा तिणियशहारसुस्तरे गेविजयिमाणायाससए विती वडता तेय पर दूर गता णारया निम्मला वितिमिरा विसुझा पचदिसि पय शणुप्तरा महतिमहालया महा विमाणा पणप्ता , तजहा-विजये घेजयते जयते अपराजिए सबष्ठसि । तेण विमाणा सधरयणामया मा मवर एक विमामावासात प्रवतीति मपाल्पातम् , शेप वव मस्तिष्य यावदामिन्द्रा माम ते देवगणाः प्रचताः अमर पायुप्मम् । एका रघोत्तरमप-सामेषु सप्तोत्तरतुमाध्यमिके। पवमेवमीपरिमिषे पनवानसरविमाना ॥१५ पदमा पत्तरोपपातिक्षामा देवामा पर्याप्ताप योप्तामा स्थानामि प्र०प्रदम्त । पनत्तरोपपातिया देवा परिवसन्ति गौतम । अस्या रवप्रमाया पाचव्याः यसमरमयीपावनमियागासे पन्तसूपयापमहताराढपापा यानि योवनानि पनि योवनवामि पनि योबमसाम्रावि यावर्स दरमत्पत्याच सौधर्मधानसमस्युमारमा ऐन्त्रप्रहातावानुमानारामतमारवारपायुताया वीज चाप्टादशोहराधि प्रवेषपविमामावामशवामि व्यतिव्रज्य (मप्य) तेयोपि पर दूर पता नौरवसो निमसा वितिमिरा विमुदाः पचम विष्ठ पमानबरा महाविमशासपा महाविमामा प्रचता सद्यपा-विवपावेजपत्तोषपन्यो Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गैयिजगदेवाण पजता २ प ठाणा पमत्ता । कहिण नते ! मज्जिमगेषिजगदेवा परिवसति ? गोयमा! हेठिमगेविजगाप उप्पि सपरिक सपफिदिसि जाव उप्पहप्ता एत्यण मज्मिगेपिज्जगदेवाण सतोगविज गविमाणपत्यका पसता पाईणपळीपायता जहा हेठिमगेयिज्जगाण नयर सत्तुप्तरे विमाणावाससए हव सीसि मस्काए, सेण घिमाणा जाव पसिया एत्यण मतिमगेवेज्जाण देवाण जाव तिमुधि लोगस्स शस खेजहन्नागे तस्यण बहवे मज्जिमगेवेजगा देवा परिषससि जाय शहमिदा नाम देवगणा पमठा । सम णाउसो ! कहिण नते ! उपरिमगेवेज्जगा देवाण पत्तापज्जताण ठाणा पणत्ता । कहिणं नते ! उपरिम गविजगा देवा परिषसति ? गोयमा! मजिमगेवजगदेवाण उप्पि जाय उप्परता सत्यण उपरिमगेवेज गाण देवाण तळ गेविगषिमाणपत्यका पमठा पाईणपकोणा सेसं जहा हेठिमगेविनगाण नवरं , पुतिमा बमपालमा सबै समबत महापाबा मापामा पनिता अबा पुरोहिता पामिन्दानामत से रेपपड़ा मा ARE समाजन्माचा मसमपरंगला पर्याप्तापर्याप्तानां नामानि ममानिस समयपरिवावमा का सोपोगनामुपरि सपा पापिया मलमपोगा यातनाम सतानि प्राचीनतीचीमायताम्मुत्तरपनि सिपाहनवयकामबारोपप्रती सिम माविमपायातम् तानि विमानानि पास्मविपाधि मध्यमवे. बवानाधिविचापिसोसारस्पब मानवोच्चमवेपणा देवा परिषदबावमिन्द्रामामा प्रथमा) बनानाभापरिनोपयोवामां पोहा सामाणि प्रतानिएपरिमनवा परिपसचिनौतमब अवर्षवत्सरेवानामुपरिपात्पल कोपरिषदेच्या पाना पेपरचमाभि प्रसालि प्राचीनमवीचीबाववामि पवाषचण्या . बवान बिमानानि पावरप्रतिमा लगामा प म पमपमा मोगलानुपरि Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 4HradastaasARH एगे विमाणावाससए हयतीति मस्काए , सेस तहेव नाणियच जाय शहमिदा नाम ते देवगणा पणता समणाउसो । एक्कारसुप्तरहे ठिमेसुसत्तुप्तरचमज्जिमए । सयमेगउपरिमए पचेयशणुप्तरविमाणा ॥ १ ॥ कहिण नते ! शणुप्तरोयवाइयाण देवाण पजप्ता २ प ठाणा पमप्ता ? कहिण नते। शृणुप्तरोषयाइया देवा परियसति ? गोयमा ! हमीसे रयणप्पनाए पठवीए यजसमरमणिमा नमिन्नागा उह चदिमसू रियगहगणनरकत्तताराख्वाण या जोयणसयाइ बाइ जोयणसहस्साइ यतइ जोयणसयसहस्साइ यस गा जोयणकोही बगा जोयणकोफाकोफी उह दूर उप्पडप्ता सोहम्मीसाणसणकुमारमाहिदयन लोगलतगसक्कसहस्सारशाणयपाणयधारणशचुयकप्पा तिणियशठारसुप्तरे गेविजयिमाणावाससए विती वहप्ता तेय पर दूर गता जीरया निम्मला वितिमिरा विमुछा पचदिसि पच शणुप्तरा महतिमहालया महा विमाणा पणता , सजहा-विजये वेजयते जयते अपराजिए सबष्ठसि । तेण विमाणा सहरयणामया मां मवर एप विमामावासशव प्रवतीति भयास्यातम् क्षेतव मखितव्य पावदामिन्द्रा नाम ते देवगणाः मचताः यमण | पायुप्मन् । एका पषोत्तरमप-सपु सप्तोत्तरतमाध्यमिवे। तमेवमीपरिमि पनगमतरविमामा १० प्रदम्बा समत्तरोपपातिवानां देवामा पर्याप्ताप यांसामा स्यामानि प्र० प्रदत । पनत्तरोपपातिवा दवा परिवसन्ति गौतम । अस्या रवमाया प्रषिव्याः यसमरमणीयावमियागापूस चम्नसूयग्रामवनपतारावपाबा पनि पोजनानि यमि योचमझवामि पनि योवनसानापि यावर्स दूरमुत्पत्याच सौपर्मशानसमस्यामारमा प्रमझतासमानारामतमावतारापुतारपा alfa चाष्टादशोहरावि नवेपकविमामावासशवामि व्यत्तिव्रज्य (उखप्प) तेभ्योपि परं धरमवा मीरवसो मिर्मसा वितिमिरा विमुमा पचा दिल पनानवरा महातिमहासपा महाविमानाः प्रचसा नपा-विषपावेषयम्वोचयतो। Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गयिजगदेवाण पम्नप्ता २ प ठाणा पमत्ता । कहिण नते ! मज्तिमगेविज्जगदेवा परिवसति ? गोयमा! हेठिमगेविनगाण उप्पि सपरिक सपझिदिसि जाव उप्पहप्ता एस्यण मजिमगेविगदेवाण सप्तोगेषित गविमाणपत्यका पसता पाईणपझीणायता जहा हेहिमगेयिजगाण नधरं सत्तुप्तरे विमाणापाससए हव तीति मस्काए, तेण घिमाणा जाव पफिया एत्यण मजिकमगेवेजाण देवाण जाध तिसुधि लोगस्स इस खेजनागे तस्यण यह मझिमगेवेगा देवा परिवसति जाध शहमिदा नाम देवगणा परमप्ता । सम पाउसो ! कहिण मते ! उपरिमगेवेनगा देवाण पज्जत्तापजताण ठाणा पमत्ता । कहिण नसे ! उवरिम गविलगा देवा परिवसति ? गोयमा! मज्जिमगेषजगदेवाण उप्पिं जाय उप्पइया तत्यण उपरिमगेवेला गाण देयाण त गेविनगघिमाणपत्यका पणता पाईणपाळीणा सेसं जहा हेठिमगेषिजगाण नवर MARA पुतिया पर्व पयसा सर्वे समयमा मा महानुपामा मापापा भनिना चपा अपुरोहिता पामिना नामत रखे देवपदा महार मन वापुसन्। पाच । मध्यमवेपयंगा पर्वातापाताना सानानि प्रतिपक्ष ममवापारप्रसार मीतमा भनीपयोगमामुपरि पर्व समविदिए पाल्पता मुझमवषयवानो पर्दामा सानिमानिप्रतीचीमायतीन्युत्तरपति निपीपलनवयकामहरासत BASIमसामvalनि विमानामि पावरमविरपालिपपमपैले एमावापानानि पिसावधवा मध्यमवर्षका देवाः परिवन्ति बाबासबिना नाम रेवाः प्राप्ताः अमाधानन्या पायापारमयबारेबाना पर्याप्ताबामानि तानि परमा परिनवेक्षा परिक्सधि मौतम। पनवेल्मेवानामुपरिवारपाल बोपरिवेक्वानां रमानां वाचवाभिमानाचीवमतीचीबापतानि बचापचवा ' Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ बहुमज्ऊदेसनाए ष्ष्ठजोयणिए स्वेप्ते ठजीयणाइ वाइलेणं पनते, ततो नंतर चण माताए २ पए सपरिहाणीए२ परिहायमाणी २ स वरिमते मच्छियपत्तातो तणुयरी युगुलस्स सखे इजागे बाहल्ले ण पत्ता, इसीपनाराएण पुढबीए दुबालसनामधेया परणप्ता, इसीलिया इसीपनाराइवा तणूतिया तयरीतिया सिठीतिया सिद्धाउएतिषा मुप्तीडघा मुष्ठालएइया सोयम्गेतिवा लोयग्गजियातिया लोय पoियुज्कणाइया सच पाणन्नूयजी बसप्तसु हा बहा बहुषा । उसीपनाराण पुढवी सेता सखदलबिमलसोच्छिय मुणालदगरयतुसार गोरकीरहारना उताणयष्ठसठाणसठिया सणसुखमई यच्छा सराहा उरहा घठा मठा णोरया निम्नला निष्पका निक्काकमच्छाया सप्पन्ना खसिरीया सउज्जोया पासादीया दरिसणिया निरूषा पनिरूया इसीपनाराएण नीसाए जोयणमि लोगतो तस्सण ओयणस्स जेसे उधरिल्ले गाउए तस्सण गाउयस्स जेसे उबरिल्ले बनागे एत्यण सिझा जगवतो सादिया छुपायसिया शृणेगजातिजरामरणजो शमाभ्या परिशेपमाना सर्वेषु चरिमामीषु मक्षिका पत्रतोप्य वितन्वी अनुमास स्पेयमान वाहस्यन मन्ता इपत्प्राग्द्वारायाः पृथिष्या द्वादश ना मधेयामि भवतीति तद्यथा इदिति वा प्राग्नारति वा तन्वीति या धनुरीति वा सिद्धिरिति वा सिहास इति वा मुचिरिति वा मुखा तप इवि या लोकाग्र इति वा लोकाग्रसूपिवति वा सोकायप्रतिवादिनीति वा सबप्राकभूत जीवसत्वमुपावहा इति वा साचेत्याद्वारा पृथिवी ताशङ्कदल विमल सवस्तिक सुखा सदकरजस्त पारगोचीरहारधवला उत्तानकछत्र सस्थानसस्थिता सर्वाज्ये मस्वयमयी प्रच्या सरया लष्टा पृष्टा सुष्टा नीरजा नमसा निष्पट्टा निस्टकखापा सप्रमा सूचीका साद्योता प्रासादीया दर्शनीया अनिरुपा प्रतिरूपा ईपत्प्राग्नारायाः पृथिष्या नि विगत्या योजन सोमाय स्वस्य च योजनस्य यदुपरितनं गव्यूत वस्य गतस्य यदुपरितन पमान पत्र सिद्धा भगवन्तः सादिका अपर्यवसिता अनेकथा 31 1111 Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अच्छा सरहा घठा मठा जीरया निम्मला निप्पका निकाकाच्छाया सप्पना सिसिरीया सउज्जोया पासा दीया दरिसणिया शनिम्या पहिल्या एत्यण अणुप्तरोववाइयाण देवाण पतापजावाणं ठाणा प० । सिपि लोगस्स शसखेजाइनागे तस्यण बहवे शणुत्तरोवयाहया देवा परिचसति सछे सममहडिया सो समषला सझे समाणुनावा महासोस्का थणिदा शप्पेस्सा वपुरोहिया शहमिदा ते देवगणा परमसा । स मकाउसो । कहिण नते ! सिधाण ठाणा पणता । कहिण नंत ! सिझा परिवसति ? गोयमा ! सहस्स महाविमाणस्स उपरिला नियम्गातुधालसजोयणे उह श्ववाहाए एत्यण सीपनारा नाम पुतषी ५०, पणयालीस जोयणसयसहस्साइ थायामविस्कनेण एगंजोयणकोळी बायालीस च सयसहस्साह ती सह स्साई दोन्नि य एउणापन्ने जोयणसए किंचिविसेसाहिए परिक्रयेण पणता । इसीपनाराएणं पुढवीए TE पराजित तिवः । व विमामा सवरबमा मना माता पृष्ठा पटा नीरवतो निसला लिप्पानिपटापा सम सौधों EL मातादीपा पनीया प्रतिमा विकासातरोपपादिवानो देवाला पर्याप्तायोसाना सानानि महानि विवि (पासापरण) ओबाम आप का पातपतिया में परिवन समरिससमता नबतिमानुपावा मापाच्या बनिन्दा गपुरो जीव समाधिस्य महाविमानसोपरिमापा पिकाया सावधपोजनाम्पूर्व वाचया पपरप्राग्मारा नाम पायी प्रकला पंचचत्वारपयोबम तावाविपापामबियामाध्या मेवायोजनकाटी विचवारियरसाव पित्तावादिएकोमपचायोजनमते विविविवाषिक्षा नि परिशेपर प्राता परमानारामा पधिमा गुमच्यारेजमाने मोनिको बीवनानि बारला मह वानर मानना Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HIROINOmgar तानयस्कयधिमुक्का । शन्नोलसमोगाढा पुठासयिलोयते ॥ ९ ॥ फुसहचणतेसिद्ध सक्षपएसेहिनियमसो सिझा । तेविश्वसंखेजगुणा देसपदेसहिजेपठा॥ १०॥ सरीराजीवघणा उपउप्तादसणेयनाणेय । सागा रमणागार लरकणमेयतुसिधाण ॥ ११ ॥ कयलणाणुयउप्ता जाणतीसम्वनाथगुणनाये । पासतिसबम्खलु फंघालदिष्ठीहिणताहि ॥१२॥ नविश्वयिमानुसाण तसारकनत्यिसहदेवाण । जसिधाणसुस्क शहावाहउवग याण ॥१३॥ सुरगणसुहसमत्त सबछापिफियशणसगुण । नधिपायहमुतिसुहणताहिवम्गवग्गूहि ॥११॥ सिहस्समुहोरासी सबछापिझिएजह हषिजजा । सोनतवग्गनइसहागासणमाइजा ॥ १५ ॥ जहनामको कृमिच्छो नगरगुणयजविहायजाणती । णयएडपरिकहेउ उपमाएतहिशसतीए ॥१६॥ इयसिझाणसोरक थ पोयमनस्थितस्सवम्म । किचिविससेणितो सारिस्कमिणमुणहवीत्य ॥ १७ ॥ जहसहकामगुणिय पुरिसो TERTeamusamac...30 -PAPatrint भवपाइनयासिदा प्रविनामम मन्तिपरिहीया । सस्थानममित्यस्य परामरविममुतामाम् ॥८॥पप्रकासिन सत्रामम्तावपपविमुताः। अम्पाम्पसमवगाडा स्पष्टा (साना ) सर्वेपिसाबा ॥ स्पशत्यनतासिदाम सवप्रदर्मियमा सिता । तेप्यसम्पपगुवा देशमदधयेस्प हामारीराजोवघना उपयुत्तादबन तथाचाने । सावारानाकार लक्षमतसिवानाम् ॥११॥ फेवप्लवामापपुवा यान्तिसवनावगु गमावान् । पापन्निवत सम केवसदृष्टिपिरमानानि ॥ १२ ॥ नवास्तिमनुप्यापा तत्सीयमाप्तिमयदेवमा । परिसवाना सोप्यमव्यायामामुपग | तामाम् ॥१५० मुरगसुससममा सर्वाहापिविझतमनन्तगुवम् । समानातिमतिसुस भमन्तवमै चर्यागतमपि १४॥ सिस्पसुमाराशि सर्वा सापिपिकतापदि नषत्त । सोगान्तवर्गमत्त सर्वाबानोमातितरमौल्पम् ॥ १५॥ नेपियाम यपादिविजामम्यानगरगुणान् । परिवपपितुन हो स्युपमापासचामावात् प्रतिसिटामोसौम्य ममुपमनास्थितस्पोपम्यम् । किनिविपरोस्य सादृश्य मुगुतवल्पमापमिदम् ॥१७॥ Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ निसंसारकलकलोजाय पुणनघगम्नवासवसही एवते समता सासयमणागय काल चिठति, तत्यवियते वेदा यणाणिम्ममा एसगायससारविप्यमुक्का । पदेसनिष्ठितष्ठाणा ॥ १ ॥ कहिंपहियासिद्धा कहिं सिपठिया । कहियोंदीचाण कहगतूणसिकइ ॥ १ ॥ एलोएपहियासिठा सोयम्यपष्ठिया । यदी घाण सत्यगतूणसिज्जइ ॥ २ ॥ दीहवाहस्सया अचरिमन्नषेवितसठाण । ततोतिनागही जा सिझाणोगाहणानणिया ॥ ३ ॥ सष्ठाणतु नवचयतस्सचरमसमयस्मि । वासीयपदेसघण संसठाणताह तस्स ॥ १ ॥ विन्निसमाते ठोसा घणुष्ठिनागोयहोइनायो । एसाखलुसिद्धाण उोसोगाहणामणिया ॥ ५॥ वष्ठारियरयणीच स्यणितिनागूणियायबीघा । एसाखलुसिद्धाणं मक्किमोगाहणान्नणिमा ॥ ६ ॥ एगाय होवरमणी ठेवयष्ठागुठाइसाहियाईया । एसाखलुसिद्धाण जहयोगाहणानणिया ॥ ७॥ टंगाहणाएसिद्धा नषतिनागेणहोइपरिहीणा । सठाणमणिस्यत्य जजरामरणविप्यमुकाणं ॥ ८ ॥ जत्ययगोसिद्धो वत्यर्णणं दिपसरणंयोजिकारनाताबास, विहान पाच ते चर्वेद वेद निर्ममा १५ मिं विमा स्थापितका १७ बाबा बहरमध्ये नवेत्युबलान । त विदा प्रधानमविविध विहानामवनानामपिता ॥३॥ पत्यमानमिह मचत्यनववरमसममेत्र । चासीत्प्रदेशनं तत् स्थानं ॥ ४ ॥ श्रानि प्रवत्रि-मुखजावो भवतिज्ञातव्यः पायसुविदामा मुत्कष्टावपाचमानचिता ॥ चतीरपः रविचत्रियामोमाजोडव्या । एवादि हावा मध्यवाक्याहवाजविता | ६ ॥ चाचमतिरवि रहायचधानुयानिधाविधानित्युपमायतु विज्ञान अन्यायमाना मया प्राम insa Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हिया दिमानुयाएण सइत्योवा छाउकाहया पञ्चच्छिमेण पुरच्छिमेण विसेसाहिया दाहिणणं विसेसाहि या उत्तरेण विसेसाहिया , दिसानुपाए ण सम्वत्योषा तेउकाहया दाहिणप्तरण पुरच्छिमेण घिसेसाहिया पञ्चच्छिमेण विमसाहिया दिसानयाएण सहयोया वाउकाइया पुरच्छिमेण पञ्चच्छिमेण विसेसाहिया दा हिणेण विसेसाहिया उत्तरेण जिससाहिया । दिसानुवाएण सइत्योबा वणस्सहकाइया पञ्चच्छिमेण पुर छिमेण विमसाहिया दाहिणेण विसेसाहिया उत्तरेण यिसेसाहिया । दिसाणुवारण सहयावा येइदि या पञ्चच्छिमेण परच्छिमेण विसेसाहिया दाहिणेण विसेसाहिया उत्तरेण विससाहिया , दिसानुवाएण समयावा तइदिया पञ्चच्छिमेण पुरच्छिमेण घिससाहिया दाहिणेण विसे साहिया उत्तरेण त्रिससाहिया , एष चउरिदियावि, दिसानुपाएण सचत्योया णेरडया पुरच्छिमपञ्चच्छिमेण उप्तरेण दाहिणेण शसखेज गुणा, दिसानुबाएण सश्त्योवा रयणप्पनापुढयिणरइया पुरच्छिमपञ्चच्छिमेण उत्तरेण दाहिणेण शसस्ते . Man र विपाधिका! दिगमपातेम सबस्तीबा प्रणायिका पधिमेन पूर्व विधेपापिका दतियन विद्यपापिया उत्तरेण विशेपाधिका , दिगनुपातेन सवसोबा खेजस्वापिका दधिवेन पूषा विद्यपाधिक्षा परिमन विशेषाषिक्षा दिगमुपातम सवतोबा वायवापिकाः पर्वण पधिमम विधोपा पिका वषिपम विशेषापिका सप्तरेव विपापिया । दिममपातम सस्तोमा वमस्पतिवायियाः पचिमा पूर्वय विद्योपापिया पियन विज्ञोपा पिका सप्तरव विपापिया दिनुपातन हीन्द्रिया पविमन पर विशेषाधिका दचिवम विशेपाधिका उत्तर विझपाधिकाः दिगमपावेन सवतावाप्रिया पधिमेन पर्व विशेपापिया पिवमोत्तरेक विधेपापा । एवं चतुरिन्द्रिया अपि । दिगमुपातम सर्वतोबा मैरपिया पूर्वर पधिमनोचरेष पिनासंध्ययमुना, दिसमुपावन सवस्तोबा रखमपषिवीनैरपिका पवधिमेमोचरेस दक्षिणमारप्सपमुगाः, दिगनुपा Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लोत्तणनोयणकोई । ताहाबहाविमुक्को छिजजहाश्रमियतित्तो ॥ १८ ॥ जयसवकालतिप्ता उलनि धाणमयगयासिधा । सासयमझायाह चिठतिसुहीसहपता ॥ १९ ॥ सिझप्तिययुधष्ठिय पारगतत्तियपरपर गसप्ति । उम्मुक्तकम्मरया अजरामरायसगाय ॥ २० ॥ णिच्छिन्नसचदुरका जातिजरामरणयधणयि मुक्का । अछापा हसुरफ शणु होतीसासयसिझा ॥ २० ॥ यितिय पद सम्मत्त ॥ २ ॥ दिसिगइइदियकाए जोएवेएफसायलेसाय । सम्मप्तणाणदसण सजयउपगथाहारे ॥ १॥ नासगपरिष्वप जप्तसजमसणीयत्नयस्थिसे परिमे । जीवयखेप्तयघे पुग्गलमहदझएचेय ॥२॥ दिसानुपाएण सछत्योया जीया पञ्चच्छिमेण पुरच्छिमेण विसेसाडिया दाहिणण विसेसाहिया उत्तरेण विसेसाहिया दिसानुपाएण सत्योया पुढविफाइया दाहिणेण उतरेण विसेसाहिया पुरच्छिमेण बिसेसाहिया पञ्चच्छिमेण विसेसा पचासव बापमुखित पुरुषोनुकाबपोवन बीपि । वपाहपाविमुच मितिसोपानमतवता ॥सिमा सतुसंनिवामपनवाल हमा शावमाबाप तिष्ठमितिम पुसमाप्त सिमातिनाति पारमताविपरम्परना उन्मादमा अबराममेरीपर पाय ०२ . निखीसबाबा माविबरामरबपनिमुना बाबासोम मनुमEिRNETभारामनार मिनी नापि हिरषिते मनापनानुवाई पिलीय पई समाप्त wिitoriageमोनोवामपिता परम्यानरमातोपयोगीलगातार र प्रापरीतपयो मिसामीप्रमाविरमा या पदनमहादास्पादिगपातम (रिशोषिकावेली) सबसोवा बीमा पधिमेन पूर्वक विषाषिक्षा विवेम पापा हरेक विशेषाधिकार दिनुपामतोमा पधिपोषायिका विमोचरेकर विवाधिकार पूर्व विवाधिकाः परिमेक Life+EED XX Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उप्तरेण घसस्खेज्नगुणा, दाहिषेण सखेकगुणा । दाहिणिलेहितो धूमप्यनापुढविणेरहितो चउत्पीए पकपनाए पुढषी रया पुरच्छिमपञ्चच्छिमउत्तरेण व्यसखेागुणा । दाहिणेण सखेागुणा । दाहि लिहितो पकप्पना पुढषिनेर एहितो तइयाए बालुयप्पन्नात पुढविनेरडया पुरच्छिम पञ्च किमउवरेण य सखेागुणा, दाहिणेण सतगुणा । दाहिणिल्लहितो घालुयप्पन्नापुढविषेरएद्दितो घीयाए सक्करण ना पुढची रया पुरच्छिमपचच्छि मउत्तरेण सखेागुणा दाहिणण यस खेलगुणा दाहिणिल्लेहितो सारप्पनापुढविणेरइए हिसो इमीसे रयणप्पनाए पुढवीए णेरइया पुरच्छिमपञ्चच्छिमउत्तरेण असखेनगु णा । दाहिणिल्लेण सखेखगुणा, दिसानुषारण सत्योषा पचिदियतिरिस्कजोणिया पञ्चच्छिमेण पुरच्छि मेण साहिया, दाहिषेण विसेसाहिया, उत्तरेण विसेसाहिया, दिसानुषाएण सत्योवा मनुस्सा दाहि उत्तरेण पुरच्छिमेण सखेागुणा । पञ्चविमेव विसेसाहिया । दिसानुषाण सहत्योया नवणवासी देवा पुरच्छिमपञ्चच्छिमेण उत्तरेण घुसखेागुणा । दाहिणेण सखेागुणा, दिसानुषाएण सद्दत्योषा मेरयिकाः पूर्वपश्चिमोत्तरथासंख्पयनुचा दक्षिनासस्पेया, दाविवात्प्रेम्पो वालुवामभपृथिवीनेरपिकेम्पोद्वितीयायाः शरभपुचिष्या नैर विका पूर्वपश्चिमोत्तरका सख्येयमुवा दधिवेनासत्येयनुखार, दाहियात्यस्य प्रवरामपृथिवोजेर पिकज्योषमा रवमप्रायाः पृथिव्या मेरविकार पूर्व पविमात्तरेवासस्ययमुखा दवियना समययगुवा, दिगनुपातेन सबस्तोका पर्चेद्रियतियग्योमिकाः पश्चिमेन पूर्वेष विशेषाधिकार, दक्षिणम विशेपाचिकाः उत्तरेस विज्ञपाषिका । दिवमुपातेन सवतीका मनुष्या दविदोत्तरच लक्मेयमुखाः पूर्वेद पचिमेन विशेषाधिकार । दिनमुपा तेन सवतोबा भवनवासिदवा पूर्वपश्चिमेोचरडास स्पेयमुपा दधिमास कपयनुखाः दिममुपातेन वामन्यन्त वा पूर्वपक्षिमेक विशेषाधि . PANORA Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गुप्मा , दिसानुषाएण सदस्योषा सक्करप्पनापुढविणेरइया पुरच्छिमपञ्चच्छिमउप्तरेण दाहिणेण यस खेगुणा । ठिसानुवाएण सहयोया परड्या वालुयप्पन्नापुढविपुरच्छिमपञ्चच्छिमउप्तरेणं दाष्टिणेण यस खिजगामा । दिसानुयाएण सहत्योषा पप्पनापुढविणेरडया पुरच्छिमपञ्चच्छिम उप्तरेण दाहिपेण शसखे गुणा । दिसानुवाएण सहयोवा घूमप्पनापुढविनेरइया पुरच्छिमपञ्चच्छिमउप्तरण दाहिषेण इसज्ज गुणा। दिसानुयाएण सश्त्योवा तमप्पन्नापुषिनरइया पुरच्छिमपञ्चच्छिमउत्तरेण दाहिणेण शसखेडागुणा दिसानुवाएण सहयोया चहे सप्तमापुढपिनेरइया पुरछिमपञ्चच्छिमउतरेण दाहिणेहिसो थहे सप्तमापुढ विनरइएहितो ठीए तमाए पुढधीए नेइया पुरच्छिमपच्छिमउतरेण आसखेजगुणा, दाहिजेण यस खेजगुणा, दाहिणिले हितो तमापुढषिनेरइएहितो पचमाघूमप्पनाए पुढवीए नेरझ्या पुरच्छिमपञ्चष्किस andeो समरममपपिलीनरपिका पूर्वपविमोचक शिवनायोपगुगात शिपातेन गई यो औरपिालामुखमलापपिपीनरमिक पूर्वप्रविमोचरेससहिना बसेयगुण दिनुमान साममिवारा पूर्वपातिर विनायक दिवनुपातेन सरनोबा मप्रथिवी नरपिता पुर्वपक्षियोमा पौगिपति वजाबासामावपपिवीभैरपिका: पबपचिमोत्तर पातायातमाच्चीमपि परिमोतरराषिवास्येम्पो च सप्तमापाचवीभविम्यः पव्या महाविमानमवद्धिपूर्वपधिनोत्तरषासम्पपगुमा चिनासस्पेपगुवा राहिवासम्ममानापषिजी मेरपियमा पत्रमापा मप्रमा अधिमा मेरपियाः पूर्वपतिमोत्तरवाषनुमा चिनासम्पनुसार राषितात्यायो मायाधिवीनरविय बतुमा परमप्राया। पू पिबामरविवाः पूर्वपविनोहरेसारखेनुका बिमानुसार राक्सिालभ्यः पमममियरक्षिबीचाचा बाहुवामपषिची - ROSAROJah Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उप्तरेण शसखेजगुणा, दाहिपेण सखेडागुणा । दाहिणिोहितो घूमप्पन्नापुढपिणेरहएहिंतो चयए पकप्पनाए पुढवीए णेरठया पुरछिमपञ्चच्छिमउतरेण यसखेडागुणा । दाहिणेण यसखेडागुणा । दाहि णिोहितो पकप्पन्नापुढविनेरइएहितो तइयाए घालुयप्पनाए पुढविनेरडया पुरच्छिमपञ्चच्छिमउन्चरेण व सखेजगुणा, दाहिणेण यसखेजगुणा । दाहिणिलहितो वालुयप्पनापुढविणेरडएहितो धीयाए सकरप्म नाए पुढवीए पेरइया पुरच्छिमपञ्चच्छिमउत्तरेण शुसखेडागुणा दाहिणण शसखेजगुणा दाहिणिले हितो सकरप्पन्नापुठविणेरइएहितो इमीसे रयणप्पनाए पुढवीए रइया पुरष्छिमपञ्चच्छिमउतरेण शसखेज्जगु णा । दाहिणिलेण शसखेज्जगुणा, दिसानुवाएण सहयोवा पचिदियतिरिकजोणिया पञ्चच्छिमेण पुरच्छि मेण विसेसाहिया, दाहिषेण विसेसाठिया, उत्तरेण विसेसाहिया, दिसानुवाएण सइत्योवा मनुस्सा दाहि पउतरेण पुरच्छिमेण सोजगुणा । पञ्चछिमेण पिसेसाहिया । दिसानुवाएण सछत्योवा जवषयासी देवा पुरच्छिमपञ्चच्छिमेण उत्तरेण शसखेजगुणा । दाहिणेण शसखेडागुणा , दिसानुवाएण सहस्योवा मेरपिसाः पूष्पविमोत्तरवासम्यगुवा दिवानास्पयनुसार, दाधिवास्येन्यो वालुवाममपिवीमरपिकेम्पोनितोपाया। शबरमभचिव्या मेर पिथा पूर्वपविमोत्तरवासम्पनुमा दपिनासस्पेयगवा, दाहियात्पम्प अबरामनधियोनेरपिकाम्पोस्या रखपमापा पृषिव्या भैरयिका पक्षपधिमातरवास्पपगुवा दग्निा सस्येपना रिमनुपातेन सवतोष पचेंद्रिपतियापोनिबार पधिमेन पूर्व विशेषाधिकार पसिन विशेपापियाः सत्तरे विशेषाधिकार । दिवनुपातेम सक्तीचा मभुम्या दषिकोत्तरेर सस्पेयगुणाः पूर्वमा पधिमेन विशेषाधिकार दिनुपा तेम सवसोवा प्रवनवासिदवा पूर्वपधिमेबोचरपासस्पेयगुणा दधिनासत्यपगुवाः दिगनुपावेन वामप्यावरा देवाः पूर्वपचिव विशेपापि Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ८ -lessn घाणमतरादेषा पुरच्छ्रिमेण पञ्चष्क्रिमेण घिसेसाहिया, उष्ठरेण विसेसाहिया, दाहिणेण विसेसाहिया, दि साधारण सस्योषा ओहसिया देवा पुरच्छिमपञ्चच्किमेणं दाहिणेण विसेसाहिया, उत्तरेण विसेसाहिया दिसानुषाण सत्योषा देया सोहम्मे कप्पे पुरच्छिमपच्छिमेण उत्तरेण सखेागुणा, दाहिणेण विसे साहिया, दिसानुषाण सत्योषा देषा ईसाकप्पे पुरच्छिम पञ्चष्क्रिमेण उत्तरेण सखेतगुणा दाहिणे ण विसेसाहिया, दिसानुषाण सत्योषा देवा सप्पकुमारेकप्पे पुरच्छ्रिमपञ्चच्छ्रिमेण उत्तरेण व्यसखेागु दाहिणेण विसेसाहिया दिसानुषाएण सइत्योवा देवा माहिदे कप्पे पुरच्छिमेण पञ्चच्छ्रिमेण, उष्ठरेण सगुणा, दाहिणेण विसेसाहिया । दिसानुषारण सद्दत्योषा बनलोए कप्पे देवा पुरठिमपञ्चच्छि मठप्तरेण दाक्षिणेण ष्एसखेागुणा दिसानुयाएण सव्योवा बनलोए कप्पे देवा पुरठिमपञ्चच्छिमउष्ठ केण दाक्षिणेण ष्पसस्ते गुणा । दिसानुवाएण उतए कप्पे देवा पुरमिमञ्चक्रिम उत्तरेण चाहिणः थुखेगुणा । दिखानुषारण सात्योवा देवा महासु कप्पे प्रक्किमपच छिमउमरेण दाहिजेण घस विपाधिकादनि विशेषाधिकार ܝ t परपे Sistem देवा पश्चिमेन दधिवेन विशेयाचिका उत्तरेव विशे पाधिकविमनपाठन शि रेवानुवादचियेन विशेषाधिकार, दिगनुपातेन सर्वलोखा देवा ज्ञान स्वपाद्यमेोरेवा संस्थेमनुवा इथियेन विशेषाचिचाः दिननुपातेन सर्वलोका देवार सनत्कुमारे वरुप पूषपहिलेकोत्तरकाल स्वेयनु कामविशेषाचिका दिननुपातेन सबंधोका देवा मा बरु पूर्वपश्चिम उतरकालमेवनुवा दधिरोग विशेषाधिकार दिन्नुपान पोवा ब्रह्मदेवलोके देवाः पूर्वपश्चिमोचरेच दधिवेनार्थमेवमुखाः दिननुपातेन कर्मसोबा देवा सायके का पूर्व पश्चिमोत्तरेच दधिमा Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ खेझगुणा दिसाणुवाएण सष्ठत्योबा देवा सहस्सारे कप्पे पुरच्छिमपञ्चच्छिमउत्तरेण दाहिणेण संस्खे० तेण पर यजसमोववन्नगा समणाउसो। दिसाणुवाएण सष्ठत्योषा सिझा दाहिण उप्तरण पुरच्छिमेण सखेडागु णा, पञ्चच्छिमेण विसेसाहिया दार । एएसिण नत । नेरहयाण तिरिरकोणियाण मणुस्साण देवाण सिछाणय पचगइसमासेण कयरे कयरहितो थप्पाया घऊयावा तुलावा बिसेसाहिया वा ? गोयमा ! सहयोषा मणुस्सा नेरइया आसखेडागुणा देवा शसखेडागुणा सिहा शण सगुणा तिरिरकोणिया थन तगुणा । एएसिण नते । णेरडयाण तिरिरकजोणियाण तिरिरकजोणिणीण मणुस्साण मणुस्सीण देवाण सिफाणय शहगतिसमासेण कयरे कयरहितो शप्पावा ययावा तल्लाघा बिसेसाहियावा ? गोयमा । सश्त्योया मणुस्सीच मणुस्सा आसखेडागुणा । रइया आसखेडागुणा तिरिस्कजोणिणी शसखेडागुणा RodalimadHdsers. "समवर maan म्पपना दिगनपातन सवतोबा देवा महाभुक सस्पे पचपचिमोत्तरण दहिनासम्पेयगवा दिगनुपातेन सवतोबा देवा साम्रार परपे पूर्वपधिमाप्तर दक्षिानासस्पपगुवा तम पर बसमोपपवना ममपायुप्मन । दिगमपातन सस्तोमा सिदा दक्षियोत्तरेण पूर्व सरपेयग का पधिमेम विशेषाधिका द्वारम् । १। एतपा दन्त । नरयिताया तियापामिक्षामा मनुष्याणा देवामा सिधामान्य पम्मपतिसमासेम बतरन्योल्पा वा बाबा वा तुझ्यावा विळपापिका वा गौतम | सखस्ताहा ममुप्या नैरपिपा पसरपेयगुणा दवा पसस्पेपगुणाः पिडा समन्च गमा तियापामिया अनन्त गुणाः । एतेषा प्रदान । मैरपिवा तियम्पोमिकामा विर्यग्योमियीमा ममुप्याचा मानपीना दवामा सिखामा चाट पतिसमासमवतरबतरेयोपा वा पदावा तुस्वा वा विज्ञपाधिका वा गौतम । सवतोया मामुप्यो भमुष्या पसरपपगुणाः नेरयिक्षा सस्पयवा सिपम्पोमियाऽसस्पेपगुवा देवा परस्पेयगुवा दम' सण्ययनुवाः सिदा ममतमुवा खियापोनिया धमप्तगुवा । द्वारम् ।२॥ए Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ है। देवा शसखेज्जगुणा । देवी सखेजगुणा सिझा शणतगुणा तिरिस्कजोणिया एणतगुणा दार २। एएसिण जते । सइदियाण एगिदियाण बेइदियाण तेइदियाण धउरिदियाण पधिदियाण धणेदियाणय फयरे कयरहितो शप्पाषा यजयाया तुलाधा विससाहियावा ? गोयमा ! सचत्योवा पचिंदिया चरि दिया पिसेसाहिया तइदिया विससाहिया बेइदिया विसेसाहिया थणिदिया थणतगुणा एगिदिया था सइ दिया पि० । एएसिण नते। सइदियाण एगिदियाण बेइदियाण सेइदियाण धारिदियाण पचिदियाण शपज्जप्तगाण कयर फयरहितो थप्पावा घयावा तलावा बिसेसाहियावा ?गोयमा! सहयोवा पंधि दिया थपजतगा चउरिदिया छपाठगा विससाहिया, तेइदिया अपनठगा विससाहिया, घेइदिया शपज्जतगा विसेसाहिया, एगिदिया शापानगा शुमतगणा, सहदिया शपजतगा विसेसाहिया। एए सिण नवे । सइदियाण एगिदियाण बहादयाण तहादयाण पज्जप्तग तो परत । सेन्निवाचामवेनिपानिपानिया प्रिन्त्रिपाको पारिशरामनितिमा पर मालपानी तुस्या वा विधपारिता वापौतन सखोका पत्र HAIKSHमा विपरिबाचिया हादिया विवाधिवा जान मायामा विभाषिकमितपपिरामिपावानेन्द्रियावादीन्द्रिपाबा जीनिया तरिदि पार्वा परदिपावामपंतिमायामानामा तुला मा बिधाभिषामा मौतम । सोचा पमोनिया अपर्याप्तबा पतुरिन्द्रिपालपप्तिका विवाधिवाला पर्याप्तका माच्चिाम्पूिचा पोवा विशेषाषिया एजेभिया चपोप्ला समन्त बानिया पर्वाता विपरित । एता पाच । दिवासानेबानपा हीलिमाचा दिवानां चतुरिनिवास पाचां पो कयर Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कयरोहितो शप्पाषा घऊयाया तुलावा विसेसाहियाया ? गोयमा ! सम्बत्योया पाजतगा चउरिदिया पचिदिया पजाप्तगा विसेसाहिया, तेइदिया पजाप्तगा विसेसाहिया, घेइदिया पज्जप्तगा विसेसाहिया, एगिदिया पजात्तगा शुणतगुणा, सइ दिया पानगा सखेजागुणा । एएसिण नते । सइदियाण पजाप्ताप जाप्तगाण कयरे कयरोहितो शप्पाधा बजायावा तुलावा विसेसाहियावा? गोयमा । सम्वत्योवा सइदिया थपप्ता पत्तगा सइदिया सखेडागुणा । एएसिण नत । एगिदियाण पजस्तापाताण कयरे कयरे हितो शप्पाया १? गायमा । सहयोया एगिदिया पात्तगा एगिदिया शपज्जप्तगा यस०। एएसिण नते! यइदियाण पजाप्तापजत्ताण कयरे कयरेहितो शप्पाधा १? गोयमा ! सहयोवा येइदिया पजाता बेडदिया थपजाप्ता आसखेजगुणा । एएसिण नत । तेइदियाण पजत्तापाताण कयरे कयरोहितो थ प्यावा? गोयमा । सवयोवा तइदिया पजातगा तेइदिया शपज्जतगा शसखेजगणा। एएसिण न्नते! -बाना स्तर तरेन्योऽपा वा मावा वा तुझ्या वा विशेषाधिका वा मौतम । सवताका पर्याप्तवाचतुरिट्रिया पद्रियाः पर्याप्तबा वि झपाधिका खोन्ट्रिया पर्याप्तवा विधेपापिका सन्द्रियाः पर्याप्तका विशेपाधिका पोष्ट्रिया पर्याप्तका अनन्तगुणाः सेन्द्रियाः पर्याप्तकाः सस्येय गुवा । एतपा प्रदन्त । सांग्याचा पर्याप्तापयोगबानी पर पतरेभ्योऽस्या वा बाबा वा तस्या वा विशेपाधिका वा गौतम । सर्वतोबा। सन्द्रिपा अपयोप्तका पर्याप्तबा मेरिद्रपाः संस्मेपनवाः । एवेपा प्रदम्त । एकेन्द्रियाला पर्याप्तापोस्तानां पतरे पतरप्योऽपा वा ४ गौतम। सषसोचा एकेन्द्रियाः पर्याप्तबा पपर्याप्तबा असल्यमुखाः । एतेपा प्रदत द्विपापा पर्याप्ततापर्याप्तवाना क्तरे गतरेभ्योऽस्पा वा पौर 7म! सवतीकाहीम्पिाः पोतका अपर्याप्तता पसरपयगुणा, पपा प्रदा वीन्द्रियाला पर्याप्तवापो० सतरेपरम्पोजया वा४सर्वतो Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हैं। देवा शसखेगुणा । देवी सखेनगुणा सिहा शणतगुणा तिरिस्कजोणिया एणतगुणा दार २। एएसिण नते । सहदियाण एगिदियाण बेइदियाण तेइदियाण चउरिदियाण पचिदियाण थर्णेदियाणय फयरे फयरहितो शप्पावा यऊयाया तुलावा विसेसाहियाया ? गोयमा ! सहयोवा पचिंदिया चार दिया पिसेसाहिया तइदिया पिसेसाहिया येइदिया विसेसाहिया श्चणिदिया थणतगणा एगिदिया था सइ दिया धि०। एएसिण नसे । सइदियाण एगिदियाम घेइ दियाण तेइदियाण घरिदियाण पचिदियाण अपनगाण कयर कयरेहितो थप्पावा वज़यावा तुलाषा विसेसाहियावा ? गोयमा ! सहयोवा पचि दिया अपनवगा घरिदिया अपजटगा विससाहिया, तेइदिया थपजतगा विसेसाहिया, येदिया शपजतगा विसेसाहिया, एगिदिया थपज्जतगा शुणतगुणा, सहदिया थपत्तगा विसेसाहिया एप सिण ते ! सइदियाण एगिदियाण बेइंदियाण तेइदियाण धउरिदियाण पचिंदियाण मजदगाणं कयरे हेवा मदच । सन्धिबाबामनिया सन्द्रिपानुपा पुरिलिसाला पहिराममिनिसावरियत पुलामा प्राधिका बार पौषम । माया पायावर पिकाचीनिया विवाषिता होमपा विधाषिता पनि यो पन्दिया बगानमा विवाहित सेवा प्रान्त । बेन्द्रियावानेन्द्रिपाल दिपायांचीनिवाचतुरािण बापावामपतिगा र तरेयोपागुका तुला का विशेषाधिका मानतातो पोन्द्रिय अपबोहवा बासिनपा पोलवा बिवाधिवाभिमपोसवा शिवालिसन्द्रिया पीलवा बिवापिसा एपेनिया पोला बमन्त बोरिट्रियाप हा विषाविचारामिपाचानिया मिमा पित्तो पतुरिनिवासी परिपाको पर्चा Kord Sarsh pta Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ याण पुढयिकाइयाण थाउकाइयाण तेउकाइयाण वाउकाइयाण वणस्सइकाइयाणं तसकाइयाण थकाइ याण कयरे कयरोहितो शप्यावा? गोयमा ! सछत्योया ससफाइया तेउकाइया शसखेजगुणा, पुढषि काइया विसेसाहिया , थाउकाइया विसे साहिया, वाउकाइया विसेसाहिया थकाइया शणतगुणा , वणस्सइकाइया थणतगुणा , सकाइया विसेसाहियावा । एएसिण नते ! सकाइयाण पुढधिकाइयाण थाउकाइयाण तेउकाइयाण याउकाइयाण वणस्सइकाइयाण तसकाइयाणय आपआप्तगाण कयरे कय रोहितो थप्पावा ? गोयमा ! सम्बत्योवा तसकाइया थपज्जतगा , तेउकाइया थपज्जत्तगा आसखे आगुणा, पुढयिकाइया पजाप्तगा विसेसाहिया, थाउकाइया पात्सगा पिसेसाहिया , घाउकाइया थपजाप्तगा विससाहिया, घणस्सइकाइया थपजप्तगा शणतगुणा । सकाइया थपजाप्तगा विससाहिया पयोगका विज्ञापारिवाः । हारम् । एतपा प्रदा बायिकामा पषिीमापिकाना अप्वायिकाना तेबस्थापिकानां वायुवायिबाला वन स्पतिवापियामा प्रसापिसानामवापिकामा कवर पसरन्यो अपा वा ? गौतम | सवस्तोवाजमनायिका सोवस्थायिबा असस्पेयगुणाः पधि पीवापिका विशेपारिवा अप्कापिबा विद्यपाधिका वायुवापिका विझेपापिता पवापिबा पमन्तगुवा वनस्पतिकायिका समगुवाः समापिका विद्यपाधिया । एतेपा प्रदय । समापिकामा पपिीवायिकामा प्रकापिडामा तेवस्थापिकामा वायुवाायबामा वमस्पतिवायिकामांसवापि पानामपर्याप्तवाना इतर पतरप्योऽसपा वा ४ौतम । सर्वसोवासबायिका पपर्याप्तवा सोवस्थायिका प० पसम्पयगुवाः पृथिवीवापिका प० विझपाधिका पप्कापिया विशेषाधिका वायुवायिका पप विक्षपाधिका पमस्पतिवापिया अप० भनठगुणाः सहायिका अपर्याप्त विक्षेपाषिता । एवंपा प्रदाचा सवामिवाना पथिवीवापिक्षाना प्यापिबामावस्थायिकामा वायुवायिकामा बनस्पविवापिकामा बसमापि Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिदियाण पजप्तापजसाण कयरे कयरहितो थप्यावा ?? गोयमा ! सवयोवा परिदिया पजप्त गा घउरिदिया पजतगा आसखेजगुणा । एएसिण नसे! पर्चेदियाण पजतापजताण कयरे कयरेहिती थप्पाधाप ? गोयमा । सहयोवा पचिदिया पज्जतगा पचिंदिया थपज्जप्तगा शसखेजगुणा। एएसिण लते ! सइदियाण एगिदियाण येइदियाण तेइदियाण चउरिदियाण पचिदियाण पठापजताण फयरे २ हितो थप्पाषा ? गोयमा ! सहयोया चउरिदिया पजत्तगा पथिदिया पजतगा घिसेसाहिया , बेइ दिया पळसगा घिससाहिया, तेइदिया पजप्तगा विसेसाहिया, पचिदिया थपजठगा शसखेजगुणा चरिदिया थपज्जत्तगा विसेसादिया, तेइदिया अपजतगा विसेसाहिया, येइदिया शपज्जतगा पिसे साहिया, एगिदिया थपत्तगा आणतगुणा, सइदिया थपजतगा विसेसाहिया, एगिदिया पजचगा संोजगुणा , सइदिया पज्जतगा बिसेसाहिया, सइदिया पिसेसाहिया दारं ३६ एएसिणं न ! सकाई पालीविया पोरका अपर्याप्सका अर्थक्येवमुत्रा मार्गा भवन निरोपाचा पूर्ण भार पारध्यो ऽस्याको विसावा वेतु पास पर्यातका अपर्याप्तवास्येषगुवा प्रवर्गामा पर पोमवा पपर्याप्त संस्पपपवेपोमा पुर्यासपापपोरेगरपाबा पौतम । सतोषाः पद्रियाः पीपका चर्पयहिबापस्यापतातापाबामनियागारियागंजीनिया तरिदिपापी पद्रियाची पर्याप्तापबोता माताधापतिमलितोमा बतुरिन्द्रिमा पर्याप्तमा पीपा पर्याप्तमा सिमाधिमा दिपा पर्याप्तवा विसपाश्चिाद यो पर्याप्तमा शापिया' पाइया पर्याप्तवा असत्यममुकायतरिमिमा पर्याप्तका विधिवादिषा प्रपोमा विचालित द्विपापपर्यावा विजयाचा एदिपा पोलमा समानुपाडिया पर्याप्तका विवाधिवा विवाः पयोहावारिपार म लाकात UARU Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3111 या पुढयिकाया खाउकाइयाण ते काश्याण वाउकाइयाण वणस्सइकाइयाणं तसकाइयाण ष्यका याण कयरे कयरेह्नितो छप्पाघा४ ? गोयमा ! सत्योवा तसकाइया तेउकाइया सखेागुणा, पुढषि काइया विसेसाहिया, छाउकाइया बिसेसाहिया, घाउकाइया विसे साहिया पकाइया खणतगुणा, वणस्सइकाइया अपसगुणा, सकाइया विसेसाहियाषा । एएसिण जते ! सकाइयाण पुढयिकाइयाण पाउकाइयाण ते काइयाण धाउकाइयाण वणस्सइकाइयाण तसकाइयाणय ष्पष्ठगाण कयरे कय रेहितो ष्यप्पावा ? गोयमा ! सङ्घत्योवा तसफाइया छपज्जतगा, तेउकाइया पत्ता सखे गुणा पुढषिकाया पातगा घिसेसाहिया, छाउकाइया ष्पात्तगा विसेसाहिया, घाउकाइया पाठगा विससाहिया, वणस्स इकाइया पतप्तगा खणतगुणा । सफाइया छपतगा विसेसाहिया " पर्याप्तता विशेपाचिका । द्वारम् । इ । एतपा प्रदन्त । समापिकामा पृथिवीवापिताना धन्यायिकानां तेवस्थापिकामां वायुकायिकाना वन स्पतिकायिकामा जसकायिकानामताधिकाना कतरे कवरेज्यो अपा था ? गौतम । सर्वलोकात सकायिका स्तेवस्थापिका गुणाः पचि वोबादिका विशेपाधिका चस्कायिका विज्ञपाधिका वायुवापिवा विशपाधिका प्रकापिका धनमुखा वनस्पतिकायिका धनलगुहाः समापिका विपाचिका । एतेषा प्रदत | सहायिकाना पृथिवीकायिकानां चकाधिकानां तेजस्कायिकामा वायुवापिकानां वनस्पतियायिकानां इसकायि कानामपर्याप्तवान कतर कतरेभ्योऽसपा वा ४ नौतम । सस्तोका कायिका अपर्याप्तका स्तेयस्कार्यिका अप० असम्ययगुवा पृथिवीवापिता o विपाचिका प्रकायिका ० विशेषाधिका वायुकायिका चप० विश्वपाथिका वनस्पतिकायिका चप० अनन्ताः क्षायिका अपर्याप्तका विशेषाधिका । एतेषा प्रदन्त । तथाविवाना पृथिवीकायिकामा छापिद्यामा वेषस्कायिकामा वायुकायिकामा बनस्पतिकायिकामा जसकामि Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एएसिण नते । सफाइयाण पुढविफाहयाण शाउफाइयाण तेउकाइयाणं वाउकाइयाणवणस्सइकाइयाणं तसकाइयाणय पआप्तगाण कयरे फपरेहितो एप्पाषा ? गोयमा ! सहयोवा तसफाइया पजागा , सेउकाहया पसाप्तगा आसखेडागुणा, पुढधिकाइया पजष्ठगा विसेसाहिया थाउकाइया पजष्ठगा घिसे साहिया, वाउफाहया पाप्तगा पिसेसाहिया, वणस्सइकाइया पजप्ता शणतगुणा, सकाइया पमष्ठगा विससाहिया। एएसिण नते । सफाठयाण पडतापजताण कयरे कयरोहितो थप्पावा बजायाषा तुलाया सिसेसाहियावा ? गोयमा! सवयोवा सकाइया अपज्जप्तगा, सकाइया पाचगा सखगुणा। एसण नते । पुढविकाइयाण पजतापाताण कयरे कयरोहितो थप्पावा पक्रयाया तुलावा पिसेसाहियाषा ? गोयमा ! सछत्योषा पुढषिकाहया थपजष्ठगा , पुठविकाइया पजप्तगा सखिजगुणा। एएसिणं नंते ! शाउफाइयाण पजप्तापञप्ताणं फयरे फयरहितो थप्पावार ? गोंयमा1 सहव्योवा छाउकाईया' थप जानां च पर्याप्साको बारे बारेभ्योऽल्पा मारा। गोषम् । पर्वको ना निकायका पदारनामा कर पोवाचनाना पापीनी पिया चिठीपापिया गप्पायिवा बिपाधिका पिवयका-पपोमबारबरामरंपतिवारपासपोप्ता बनवा सबाबका पपात का विधेपाधिका । एवा मासिकान पर्याप्तवापासवाना तर मरम्मोत्या मामौतम । सबलोका बाविया अपर्याप्त या पोसबारपगाएतेषां बरसाधि वापिकानां पर्याप्तबापर्याप्तवाना तर रवी पवावा मौतम । योबापावधी नायिका अपापिया रोपा । एता प्रपन्च । पा० अपा० बप्पापियामा परे दीपा मौन । गोमा प्रचापिया अहिवार पर्याचा स्वमुताः । एवमा प्रायवेवाविवाना पदा० सपोरेसमोअपामापौवन । सोचा कला Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अत्तगा, थाउकाडया पजप्तगा संखिजगुणा । एएसिण नंते ! सेउकाइयाण पळाप्तापजताण कयरे कयरहितो शप्पाघार? गोयमा । सहयोवा तेउकाइया शपजाप्तगा, तेउकाइया पजाप्तगा सखेजगणा एएसिण नते। वाउकाइयाण पज्जतापजताण कयरे कयरहितो छप्पाषा ४ ? गोयमा । सछत्योवा वाउ काइया थपत्तगा, घाउकाइया पतप्तगा सखेडागुणा । एएसिण नते । वणस्सहकाइयाण पप्ता२ण कयरे कयरेहितो शप्पाया? गोयमा । सइत्योवा यणस्सहकाहया आपाप्तगा, वणस्सहकाइया पज्ज तगा सखेजगुणा । एएसिण नते । तसकाइयाण पजाप्तापजत्ताण कयरे कयरहितो शप्यावा १ गोय मा । सम्बस्योषा तसकाइया पाप्तगा, तसकाइया पाप्तगा थसखेजा० । एएसिण नते । सकाइयाण पुढधिकाइयाण चाउकाइयाण तेउकाइयाण वाउकाइयाण वणस्सइकाइयाण तसकाइयाण पजाप्ता २ ण कयर कयरहितो थप्पावा?? गो० ! सवयोवा तसकाइया पजात्तगा, तसकाइया चपात्तगा शसखे जागुणा, तेउकाइया आपत्तगा शसखेजगुणा पुढधिकाइया थपजाप्तगा विससाहिया, थाउकाइया थ मयमा अपर्याप्त का पर्याप्तका सस्पेपगुणा । एतपा प्रदम्त । वायुवापिकाना पर्याप्तापर्याप्तकामा पार पतरप्योऽसपा वा ४ गौतम । सर्वतो |बा वायुवापिका अपर्याप्तमा पर्याप्तकाः सरपेयगवा । एतपा प्रदन्त । वनस्पतियायिकामा पो०२ बितरे २ योऽपा वा ४१ मौतम ! सबसतोका वनस्पतिवापिका अपर्याप्तबा पर्याप्तमा सम्पपगुवा । एतेषां मदन्त । असमायिकामा पर्याप्त मा कतरे २ म्योऽसपा वा ४१ गौतम । सव सावायसवापिका पर्याप्तका अपर्याप्तबा पसत्यपगुणाः । एकपा प्रवास | समापिकामा पृषिवीकापियामामफापिकामा तेजस्था पिचानां वायुवापिकामा वनस्पविवापिकामा असमायिकामा पर्याप्स्लपर्याप्तकामा परे कतरेयाऽस्पा वा पक्षावातल्या या विशेपाधिका वा। Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एएसिण नते ! सफायाण पुढषिकाहयाण थाउफाहयाण सेउफाइयाण धाउकाइयाण वणस्सइकाइयाण तसफाइयाणय पजप्तगाण कयरे फयरोहितो छप्यावा ? गोयमा ! सवयोषा तसकाइया पज्जप्तगा , तेउकाठया पजप्तगा शसखेज्जगुणा, पुढयिकाइया पजप्तगा विसेसाहिया थाउकाइया पजाप्तगा विसे साहिया, घाउकाडया पडतगा यिसेसाहिया, धणस्सइकाष्ठया पजता यणसगुणा, सकाइया पज्जतगा विससाहिया। एएसिण नते ! सफायाण पजतापजताण कयरे फयरोहितो थप्पाषा यज्ञयाषा तुलाया सिसेसाहियावा ? गोयमा ! सदस्योवा सकाठया शपजतगा, सकाइया पाचगा सखेजगुणा। एएसिण नते । पुढधिकाइयाण पज्जप्तापजताण कयरे कयरोहितो थप्पावा पक्रयाया तुलावा पिसेसाहियावा ? गोयमा ! सछत्योवा पुरविकाया थपजतगा , पुढविकाइया पागा सखिजगणा। एएसिणं नते। थाउफाइयाण पजतापजताण कयरे फयरोहितो थप्पावार ? गोयमा ! सवयोवा थाउकाइया थर्प बायां च पोतानां कतरे कमरेभ्योऽल्पा धा । पौतम । सर्वकोपा अपवामित पंपारण its भोवलपेपा पोषक पिक विधयापिका पापिया निपानिया पोवारको पति वियोगी विकास ANTERTAINME पारिक पपा मडा गामिवाना प्रयोगपतिवात तरतरयोअपामा वम । सर्वखोला सवापिया अपर्याप्त परिवारीजा पवित्रापिधाना पतिवापर्याप्तवानां बतरे २ यी परवा मौतन । पासोमा पत्रिी विबाप पश्यना एवषा प्राची पर्वा पर्यापणापिकाना बरेमोअपामारोशन लोया प्यापिला अपर्याप्तबार पोमबार रवमुलायात्रा प्रायवेवसानियानी पजपा परेचरबोसावापीपणाचोकमा Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ lammaNGanaraswate अत्तगा, थाउकाहया पजप्तगा संखिसागुणा । एएसिण नंते । सेउकाइयाण पहातापाताण फयरे कयरहितो शप्पावा? गोयमा । सहयोवा सेउकाइया शपजाप्तगा, तेउकाइया पातगा सखेजगणा एएसिण नते। वाउकाइयाण पज्जतापताण कयरे कयरहितो शप्पाया ४ ? गोयमा । सम्वत्योवा वाउ काइया अपात्तगा, याउकाइया पङ्माप्तगा सखेडागुणा । एएसिण नते! वणस्सइकाइयाण पजाप्ता२ण कयरे कयरेहितो छप्याथा ? गोयमा । सइत्योषा वणस्सहकाइया आपाप्तगा, घणस्सहकाइया पज्ज लगा सखेडागुणा । एएसिण नते । ससकाइयाण पजाप्तापजात्ताण कयरे कयरहितो शप्पावा १ गोय मा । सदस्योवा तसकाइया पजाप्तगा, तसकाइया थपजाप्तगा थासखेडा० । एएसिण नते । सकाइयाण पुढधिकाइयाण चाउकाइयाण तेउकाइयाण वाउकाइयाण वणस्सइकाइयाण तसकाइयाण पहप्ता २ ण कयर कयरहितो थप्यावा? गो० ! सम्वत्योवा तसकाइया पजात्तगा, तसकाइया चपात्तगा शसखं गुणा, तेउकाइया आपत्तगा शसखेजगुणा पुढधिकाइया थपजाप्तगा विससाहिया, थाउकाइया थ Hom..BeautampRDERDosagacaropita या अपर्याप्त का पर्याप्तका सस्पेयगवा । एतपा मदन्त । वायुवापिकाना पर्याप्तापर्याप्तबामा बर बतरन्योपा वा गौतम । सर्वतो" वा वायुवापिका अपर्याप्तबा पर्याप्तबा समयेयगता । एतपा प्रदन्त । वमस्पतिवापिकामा पर्या० २ मा खतरे २ भ्योऽसपा वा ४ गौतम ।। सवस्तीका वनस्पतिवायिका पपर्याप्तका पर्याप्तबा सम्पपगुवा । एतेपा मदन्त । प्रसायिकाना पर्याप्तामा कतरे २ म्योरपा वा ४" पोतम । सवसाकायसवापिका पर्याप्तवा पपर्याप्तका असत्यपगुवा । एतपा मदत | सकापियामा पृपिवीकापिबामामप्यापिकामा तेजस्का | पिचानां वायुचापिवाना वनस्पविकापिकाना वसायिकाना पोलपर्याप्तकामा वावरे प्रेन्योपा वा चावा तस्या वा विशेपाधिका वा i n Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पत्तगा बिसेसाहिया, पाउकाइया एपजठगा विसेसाहिया, तेउकाइया पाप्तगा सखेजगुणा, पुढाव फाढया पजप्तगा विसेसाहिया, थप्पकाइया पञप्तगा विसेसाष्ट्रिया, वाउकाहया पडात्तगा विसेसाहिया, शपाप्तगा घण० अनन्त० पज्जतगा सखेजगुणा, सकाहया छपज्जतगा विसेसाहिया, सकाइया पज्जत गा सखेजगुणा सकाइया विसेसाहिया। एएसिण नसे । सुजमाण सुजामपुढधिकाइयाण सुजामशाउकाह याण सञ्जमतेउकाइयाण सुजमवाउकाइयाण सजमवणस्सहकाइयाण सज़ामणिठयाणय कयरे कयरोहितो शप्पा ? गोयमा! सहयोवा सजामत उकाइया, सजामपुटविकाइया विससाहिया सुजमथाउकाइया बिसे साहिया, सुजमवाउफाइया विसेसाहिया, सशामनिगोदा शसखेजगुणा, सुजमवणस्सइकाइया थणत गुणा, सजमा विसेसाहिया। एएसिण नते ! सुझमछपाचगाण सुहमपुढविकाइयाण थपज्जतगाण सुज्ञ मथाउफाइयाण थपस्यप्तगाण सजामवेउकाष्ठयाण शपजष्ठगाण सुजमवाउफाहयाण शपजतगाण सुजाम गौतम ! सवलोबाडमवापियाः पयोमा अपर्याप्तमा बसोयमुना बस्थापिका अपंयोतया सोयगड पिया अपर्याप्तता अपापिया अप्पापिया अपोतमा विशेषाधिवा वायुवापिकाबमोसंवा विमानस्यामा पनि नगुमा पधियोगाय मा पर्याप्तवा पिपारिता शासिबारे प्राविािप्तिाविपर्याप्तवानरपतिबायिका नित पुषा पर्याप्त मुगपतियार्षिक सामिपतिनापमुमा । एतेबा परत । नूपना पूमपषि भाखिाना समाप्पोरिकलाभूनामिवाना पुलवामुजापिताना तूमबनरपतिमाथिबाना नूमनिनीदानां च चतर बतरेयोपा वा Bertainोषाः नमवलापिलाः पूमाधियोपिका विशेषाधिका सूनाप्पाविका विवादिता मूलबाबुबापिता विशेषारिता Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ म यणस्सहकाउयाण थपजप्तगाण सहमनिगोदाण थपजत्तयाणय कयरे कयरहितो थप्पावा? गोयमा सहयोया सहुमतेउकाडया आपआप्तया, सुऊमपुढधिकाइया शपजाप्तगा बिसेसाहिया, सुजमशाउका० पशुपजाप्तया बिसे साहिया, मुजमवाउकाहया चपळाप्तया बिसेसाहिया, सुझमनिगोदा चपजतगा व सखजगुणा, सुजमवणस्सइकाइया शपमध्वगा शणतगुणा, सुजमा शपजागा विससाहिया। एएसिण जते । सुऊमपजाप्तगाण सुऊमपुढविकाठयपळाप्तगाण सुजमशाउकाहयपजाप्तगाण सुजमते उकाइयपत्र प्तगाण सुऊमयाउकाइयापात्तगाण सुजमयणस्सकाइयापजत्ताण सुऊमनिगोदपजाप्तगाणय कयरे कय रोहितो शप्पाया?? गोयमा । सहयोषा सुऊमते उकाइया पाप्तगा, सुजमपुढविकाइयापाप्तगा वि से साहिया, सुजमशाउकाइया पज्जप्तगा घिसेसाहिया, सुऊमवाउकाहया पजातगा विसे साहिया, सुजा मनिगोदा पाप्तगा थसखेडागुणा , सुजमषस्सहकाइयापज्जत्तया शणतगुणा , सुहुमापजाप्ता विसंसा | हिया दार ३ । एएसिण नते । सुहुमाण पजाप्ता २ ण कयरे कयरोहितो थप्पाया? सच्चत्योघा सुहुमा मृत्मनिगोदा पसम्पगमा मत्मवमस्पतिवायिका पनसगुवा मत्मा विशेषाधिका । एतेपा प्राप्त । मुत्मापर्याप्तमामा समपपिवासायिका पर्याप्तवाना ममाप्यापिकापर्याप्तामा ममतेवरवायापर्याप्तवामा मत्मापर्णप्तवायनायिकामा मृत्मापर्याप्तवमरपतिबापियामा सुत्मापयो प्समिमोगमा तरे २ योऽपावा गौतम । सवतोय सूत्मापर्याप्ता सोपवापिबा परमपथिवीवापिसा प० विशेषाधिकार सूत्माप्यायिका अपर्याप्तमा विशेपाधिका मुकमवायुवायिका प० विद्यपाधिका पुस्मनिमोदा प० पायगुण सूक्ष्मतमस्पतिवापिका प० पनन्तगुणा' मुहमा अप० विधेपापिका। एसपा भवन सूक्ष्मपर्याप्तवाना परमपिवीक्षायपर्याप्तामा मामाकायिकपर्या०वामा एमवेषस्थायिकपर्या०कामास Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पस्तत्तगा बिसेसाहिया, वाउफाइया अपप्गा विसेसाहिया, तेउकाइया पजाप्तगा सखेजगुणा, पुढवि फाहया पाप्तगा घिसेसाहिया, छप्पकाष्ठया पाप्तगा बिसेसाहिया, धाउकाइया पत्तगा विसेसाहिया, पसप्तगा वण० शनन्त० पजप्तगा सखेनगुणा, सकाहया छपाप्तगा विसेसाहिया, सकाहया पहाट गा सखेडागुणा सकाहया घिसेसाहिया। एएसिण नसे । सुकमाण मजमपुटविकाइयाण सन्जमछाउकाइ याण सुजमतेउकाइयाण सुजमवाउकाइयाण सुजमवणस्सहकाहयाण सजमणियाणय कयरे कयरहितो शप्पाया? गोयमा सहयोवा सुझमत उकाइया, सऊमपढधिकाइया विसंसाहिया सहामध्याउकाइया पिसे साहिया, सझमयाउकाइया विसेसाहिया, सजमनिगोदा यसखेडागुणा, सुजमवणस्सइकाइया छणत गुणा, पक्षमा विसेसाहिया। एएसिण नते । सुशामथपत्तगाण सहुमपुढधिकाठयाण थपजाप्तगाण सुत्र मथाउफाहयाण थपसाप्तगाण सुकमतेउकाइयाण थपञ्जतगाणं सूझमधाउकाइयाण थपजागाणे सुचाम पौवम । सस्तोबासमवायमा पर्याप्तमा अपातथा अन्मनु बार्षिी याबाबत अनुशापागायचपोतका व अंपापिय मामिका अपर्याप्तका विभिन्न मापवापिपासवा नवापिना पर्याप्तकासपमुगाः पपिपीवापि saleोपारिताबापत प्रतिको विवादिता पायपि पप्तिका विवापिका अपर्याप्तका बनस्पतिवापिका समय मेवा यायिनपति विशेषाधिका सवापिका। पर्याप्तमा यमुना । एतेषां पास । लामो नमाथि नतेवस्थापिबामा पुश्मवापुवापियामां सूक्ष्मवनस्पतिवापिबामा सूक्ष्ममिनीरामांबतातरम्पोापापा मौषम । वसोवाः भूमतेक्वापिका चूमाधिोवापिका विवादिताः सूनापापिचा विषाषिषा पूलबानुगापिका विवानिया Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Badan 201 सखेडा० । एएसिण नते ! सुहुमवणस्सइकाइयाण पवता २ ण कयरे कयरेहिंतो धप्पावा४ ? गोयमा ! सङ्घत्योषा सुकुमषणस्सइकाइया व्यपक्षप्तगा, सुकुमवणस्सइकाइया पयप्तगा सखितगुणा । एएसिणं जते । सुहुमनिगोदाण पाप्ता २ ण कयरे कयरेहितो प्यावा ? गोयमा ! सत्योवा सुऊमनिगोदा छपता, सुहुमनिगोदा पत्तगा सखेागुणा । एएसिण नते । सुऊमाण सुकमपुढविकाइयाण सुतुम च्याउकाइयाण सुऊमतेउकाइयाण सुहुमवाउकाइयाण सुहुमयणस्स इकाइयाण सुहुमनिगोदाणय पतप्ता २ प्प कयरे कयरेह्रिती वप्पाया४ ? गोयमा ! सङ्घत्योया सुजमते काइया पाप्तया, सुकमपुढयिकाइया ष्पवत्तया विसेसाहिया, सुहुमछाउकाइया पतत्तया विसेसाहिया, सुकुमवाउकाहया पतत्तया विसेसाहिया, सुहुमतेउका या पतत्तया सखेागुणा, सुहुमपुढविकाइया पाप्तया विसेसाहिया, सु मष्ट्याउकाइया पयत्तगा बिसेसाहिया, सुहुमबाउकाइया पतत्तगा विसेसाहिया, सुऊमनिगोदा गुणतगु पेपा । पतपा सूक्ष्मत्रमस्पतिका पिकामा पर्यापन करे करेज्योऽस्पा वा ४१ पौतम । सर्वस्तोफा सूक्ष्मवनस्पतिकाधिका पर्या |लका पर्याका सपगुवा एतेपां सूक्ष्ममियोदामा पर्यापर्याना कतरे कतरेभ्योऽपा वा ४१ गौतम । सर्वलोक्षाः सूरमभिगोदा अपर्या काः पर्याοकाः सस्यमुखा । एतेषां प्रदन्छ । सूक्ष्माचा सूक्ष्मपृथिवीसायिकाना सूक्ष्माप्यायिकाना सूक्ष्मतेजस्कायिकाला सूक्ष्मवायुकायिकामा सूक्ष्म | वनस्पतिकायिकामा सूक्ष्मानिगोदामाय पर्याοपर्यायानां कतरे बवरम्योऽल्पा वा ४ १ गौतम । सवस्तोबा सूक्ष्मतेचस्कायिका अपर्याप्ताः सूक्ष्म पृथिवोकायिका अपर्याप्ता विशेपाचिकाः सूक्ष्माप्यापिका अप० विशेपाधिकाः सूक्ष्मवायुवापिका अप० विशेपाधिका सूक्ष्मवेषस्कायिकाः पर्या० का सम्यगुणाः सूक्ष्मपृथिवीकायिका' पयो० विशेपाधिकाः सूष्माप्यायिकाः पर्या० विशपाचिकाः सूक्ष्मवायुकापिकाः पर्या० विशेपापिताः सूचम TATE---- ----- Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ छापजप्टमा सहमा तगा URNगुणा । ... ... . . . . .हितो छप्यावा ? गोयमा । सइत्योधा सहुमपुढषिकाहया अपनतया , सुहमपुटविकाइया पत्तगा सखेसागुणा । एएसिण नते । सुहमथाउकाइयाण पञप्ता२ ण फयरे२ हिसो थप्पाषा गोयमा ! सह त्योघा सुकुमशाउकाइया आपत्तया, पुऊमचाउकाइया पाप्तगा सखेनगुणा । एएसिण नते ! मुश मतेउफाइयाण पञप्ता २ ॥ कयरे कयरहितो शप्यावा ? गोयमा ! सधयोवा सुजामतेउकाइया थप जप्तगा मुझमवेउकाइया पत्रलगा सखिजगुणा। एएसिप नते! सामधाउकाइयाण पञ्जष्ठा २ ण कयरे२ हितो थप्पाया ? गोयमा ! सखस्योषा सझमवाउकाइया थपजागा, सुजमवाउकाइया पज्जतगा सवायुवाविषपर्यायाना दामवनस्पतिचापपोषात सूधमानिनौरान परे रेमोसपा वालम | सर्वतीका मवेलम्बा पिका 40 सूरमपिवीवापिका प० विशेषापिका सूहमायापिका प० विक्षेपाश्मिा मूमधामपिता पर सिपापि मुहमतितोवर पा पमप्याला सूक्ष्मदरस्पतिवापि प० चमाचमुकाममा पोवार विषाधिकारमः1. ए क मुरमा पर्यापपर्याप्तानी mm.EALTRAYषपाण्पपाप्ताना तरातरम्या अपावा पातमा साधारमा पुष्पबामण पाप्तबासपातमा भदन्त । सरमपचिवीयायिका नो पोग्पाको तरे कतरेम्पोजपा सब जोवरमपचिवालयका अपर्याचा नामपिवीकापिया पर्या० सेपम् पाः । पोपा म गरपिापानामप०पना तर तरेम्यानपा /मौतम बसोबा पूमा पप्यापिका प० पर्याचा सं भोपपता नामवेवस्थापपरोपकार्ना पसरे हरपापा 10 मौतमा बसोबा मतेवस्थापिका प० पाoया। संस्मनु जरिवेषो मूरमायुपापियामा पर्याध्यापर्याप्चामा ररप्पोपा बाबीवनातोकापूस्मापाच्या बाबाविया पाप्यार Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ WebabeaaaaEERMERIAL सखे । एएसिण नसे! सहमवणस्सइकाइयाण पाता २ ण कयरे कयरेहिंतो शप्पावा? गोयमा ।। सवत्योवा सुजामघणस्सइकाइया थपजाप्तगा, सुजमवणस्सइकाइया पजाप्तगा सखिजागुणा । एएसिण नते ! सुहुमानगोदाण पखप्ता २ ण कयरे कयरेहितो थप्पावा? गोयमा ! सछत्योवा सुझामनिगोदा थपजता, सुहमनिगोदा पजत्तगा सखेडागुणा । एएसिण नते । सुझमाण सुजमपुढधिकाइयाण सुहुम शाउकाइयाण सुऊमतेउकाइयाण सुहुमवाउकाइयाण सुहुमयणस्सइकाइयाण सुहुमनिगोदाणय पजतार प्प कयरे कयरहितो शप्पाया ? गोयमा। सहयोया सुजमतेउकाइया थपजाप्तया, सुडामपुढधिकाइया थपजत्तया विसेसाहिया, सुहमछाउकाइया शपज्जत्तया विसेसाहिया, सुऊमयाउकाइया पात्तया विसेसाहिया, सुहुमतेउकाइया पत्तया सखेआगुणा , सुहुमपुढधिकाइया पळाप्तया विसेसाहिया, सुजन मथाउकाइया पज्जतगा यिसेसाहिया, सुहुमयाउकाइया पज्जत्तगा विसेसाहिया, सुजमनिगोदा थणतगु सम्पेयगुमा । पतपा सूत्मवमस्पतिवापियामा पर्यापनांतरे कतरेभ्योऽसपा पा ४१ पौतम | सर्वलोका एमवनस्पतिकापिया पपर्या प्तका पोका सस्पयगुणा एतेषा मुहमनिपोदाला पर्या०पर्या०ना कतरे कतरेयोपा वा ४ गौतम । सर्वतोबा सूक्ष्मनिगोदा अपर्या० का पर्या०वा सत्यमुगा । एतेषां प्रदता सूपमावा सुषमपपिवीवायिवामा सदमाप्कापियामा सुत्मतेजस्वायिकामा सूक्ष्मवायुवापिक्षान मुहम बनापतिवापिकामा मुममिपोदामात्र पर्यापयोबाना बतरे सतरन्योऽस्पा वा पौतम ! सपस्तोला समतेघस्थापिक्षा पपर्याप्ताः सक्षम पपिवोकायिका अपर्याप्ता विशेषाधिकार समाप्यायिका पप विशेपापिया मत्मवायुवापिका अप० विद्योपापिया समवेयरबापिका पर्या० का सस्पगुणाः समपषिवीकापिका पौ० विशेषाधिका सुषमाप्हायिका पो० विशपाधिकाः एमवायुवापिका पो० विशेपाधिका माम Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व्यपस्तप्तगा सुद्दुमा पज्यष्ठगा सखे गुणा । एएसिण नते ! सुहुम पुढषिकाइयाण पाता २ ण कयरे २ हितो चप्पाषा४ ? गोयमा । सत्योषा हुमपुढविकाया यपस्तप्तया, सुहुमपुढषिकाद्वया पयत्तगा सगुणा । एसि जसे ! सुहुमच्याउका इयाण पप्रप्तार ण कयरे२ हिती पप्पाषा४ गोयमा ! सह त्योषा सुकमश्वाउकाइया पतत्तया, सुमष्याउकाड्या पाष्ठगा संखेचगुणा । एएसिण नते ! सुऊ माइयाण पयप्ता २ ण कयरे कयरेहितो प्यावा ? गोयमा ! सत्योषा सुऊमतेठकाइया प ठगा मते काइया पाष्ठगा सखियगुणा। एएसिष जते ! सऊमवाठकाइयाण पाष्ठा २ णं कयरे २ हितो अप्पावा ४ ? गोयमा ! सत्योषा सुकुमवाठकाइया पाष्ठगा, सुकुमवाउकाइया पचत्तगा तर म । सर्वलोक सामा मवायुवापिञ्चपपश्वानां सूक्ष्मवबरपतिकायपयो काम सूक्ष्मनियोदयकानां च बरे धिक्कार पर सूश्मपृथिवीच्चापिकाः प० विशेबालिकाः सूहमाप्यायिका पहिले काषिणा ११ विशेषामिषा मानि संस्पयुताः सूक्ष्मबनस्पतिकायिका पानाव एत पारद सूक्ष्माय पपापप्तानों कटारे कवरेभ्यो अपाया ४ ? गौतम | सर्वोपरी पोतिका समय एतेषा मदन्त । सूक्ष्मपृथिवोकाधिका पपपपपपगीतम। सब लोकरम प्रथिवी कामिका अपर्या०काः सूहमपथिवोकाविया पर्यायाः संख्य मोर येते वा दिन समाप्यानामपर्यापमा कतरे तरेभ्याऽपा वा ? गौवन | सबस्तीका सूक्ष्मा] चम्बादिका चप० पर्या०का सं । पतेवा सूक्ष्मतेजस्काय पर्या०प०यान कतरे लोकाः दूरमतेबस्थापिका च० पोका प गोवा नश्लवाद पापामा पर्याप्तानां बार बर्बोचा। वृश्मापय०या मानुषाविकास पर्या पापा का ? गौतम रेम्पीपा वा पौवन Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ----_-_-_-_-20 सखेज्ज० । एएसिण नते ! सुहुमवप्णस्सइकाइयाण पतप्ता २ ण कयरे कयरेहितो ष्यप्पावा? ? गोयमा ! सङ्घत्योया सुऊमयणस्सइकाइया पतगा, सुकमवणस्सइकाइया पतगा सखिगुणा । एएसिण जते । सुहुमनिगोदाण पाप्ता २ ण कयरे कयरेहितो ष्यप्पाषा४ ? गोयमा ! सत्योवा सुकमनिगोदा छपाप्ता, सुहुमनिगोदा पयत्तगा सखे गुणा । एएसिण नते । सुऊमाण सुकमपुढविकाइयाण सुहुम ष्याउकाइयाण सुकमतेउकाइयाण सुहुमवा उकाड्याण सुहुमयणस्सइकाइयाण सुहुमनिगोदाणय पाता २ ण करे करेहिती पप्पाया४ ? गोयमा । सत्योया सुकुमते उकाइया पाया, सुकमपुढधिकाइया धूपतत्तया विसेसाहिया, सुहुमाउकाइया पात्तया विसेसाहिया, सुकुमवाउकाइया पतत्तया सुऊ विसेसाहिया, सुहुमतेउकाहुया पतत्तया सखेागुणा, सुहुमपुढविकाइया पयतया विसेसाहिया, मश्याउकाइया पयत्तगा घिसेसाहिया, सुहुमयाउकाश्या पात्तगा विसेसाहिया, सुऊमनिगोदा णतगु | सम्पेबुचा । पतपा सूक्ष्मत्रमस्पतिवायिकामा पर्यापर्याना कतरे इतरेभ्योऽस्पा घा ४ १ गौतम ! सर्वस्तोका सूक्ष्मवनस्पतिकापिका अपर्या काः पर्याका रुपेयगुवा एतेषा सूक्ष्मनिमोदाना पर्यापर्याना खतरे सतरेभ्योऽपा था ४१ गौतम | सर्वस्तोका सूक्ष्मनिगोदा पो का पर्याया सख्यगुणा । एतया प्रदन्त सूक्ष्माया सूक्ष्मपृथिवीकायिकाना सूक्ष्माण्डाविकाना सूक्ष्म ते लस्कायिकामा सूक्ष्मवायुकायिकानां सूक्ष्म धनपतिका पिकामा सूक्ष्ममिमोदानाचा पर्या०पयोοवामां कतरे कवरम्योऽपा वा ४१ मौतम । सवस्तोमा सूक्ष्मते प्रस्थापिका अपर्याप्ताः सूक्ष्म पृथिवोकायिका अपर्याप्ता विशेषाधिकार सूक्ष्माप्यायिका थप विशेपाधिकाः सूक्ष्मवायुकायिका चपर विशेपाचिचाः सूक्ष्मतेलस्थामिक्षाः पर्या० का सस्यमुखा सूक्ष्मपृथिवीकायिका पर्या० विशेपाधिका सूष्माच्या विद्याः पयो० विपाचिताः सूक्ष्मवायुचायिका पर्या० विशेपाधित्वा सूचम Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ . . णा, सुटुमा थपप्तगा विसेसाहिया, सुकमा यणस्सहकाहया पहात्तगा सखेडागुणा, सुजमा पज्जप्तगा पिसेसाहिया। एएसिण नते ! पादरगाण बादरपुठयिकाइयाण चादरशाउकाठयाणं यादरतेउकाठयाण चादरपाउफाइयाप यादरवपस्सष्ठकाठयाण पत्तेयसरीरयादरवणस्सइकाइयाण चादरनिगोदाण धादरतसका इयाणय कयरे२ हिसो थप्पाया ययावा तुलाषा विसेसाहियावा ? गोयमा। सहयोया यादरतेसफाइया यादरतेउकाइया यसखेजगुणा, पप्तेयसरीर धादरवणस्सष्ठकाइया शसखेजगुणा धायरनिगोया यसखेज गुणा , बादरपुठविकाइया सखिज्जगुणा , धादरछाउकाइया यसखजागुणा यादरवाउफाइया शससे ज्जगुणा वावरयणस्सइकाइया आणतगुणा पादरा विसेसाहिया, एएसिण मते । यादरापज्जप्तगाण याद रपुढवीकाइया थपज्जप्तगाण पादरथाउफाइया थपञ्जप्तगाण यादरसेवकाइयायपज्ज्ञचगाणं यावरवाउ फाइमा थपज्जष्ठणाण यादरवणस्सइया थपज्मष्तगाण पतेयसरीरवणस्सइकाइया थपज्जालगाणं पावरति . AN मनिपोदा चपनुमा मुभमनिमोदर पार पापनामा स्पविगापिका स माजपयोगी सिपापियाम देसी पविवामिदा पो सेक्स मा पहिलो विवामितपरिमरम बाराको बारपपिपीकापियानो पाराकादिवाना भारजस्वाला बागपशापिसाबावरवनस्पतिबापियामा प्रत्येवारीरवादरवनस्पतिवापिकाना बादरनिनोरामा पारमारिवा मातरम्योरपाबा१नौतम सर्वतोबा पारपरबापिका पाररवेपत्तापिता पल्पमुषा प्रत्येपरवापरबमस्पतिवाविया परमानुषाबारमिनोरा पमुसा माररचिरीमापिका भानुचा वापराप्यामिवानुमा बादरापापिया मनावरण स्पतिवापिका सचमुक पाररा विवाधिकार । एका बालबाबरपल्यानां बापरापो कृषिदीयापिचाना बापरापा०श्चिामा Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ L awRONAGDasammeonmnmnment गोदा छपाप्तगाणं यादरतसकाइयाछपमत्तगाणय कयरे कयरोहितो शप्पावा यजयावा तुल्लावा वि ससाहियाया? गोयमा। सचत्योया यादरतसकाइया शपज्जप्तगा, यादरतेउकाहया चपातगा थसखेज गुणा, पत्तेयसरीरयादरयणस्सहकाइया थपजाप्तगा सखेडागुणा, बादरनिगोदा पाप्तगा चसखेड़ा गुणा, बादरपुढवीकाइया पाप्तगा शसखजागुणा, यादरशाउकाहया थपजाप्तगा शसखजगुणा , धादरयाउकाइया शपजत्तगा शुसखेडागुणा, यादरवणस्सहकाइया आपमत्तगा शुणतगुणा, वादरचप जाप्तगा विममाहिया २। एएसिण नते ! यादरपऊत्तयाण यादरपुढायिकाइयाण पजातयाण, थादरथाउ काहयाण पातयाण यादरतउकाइयपतयाण यादरयाउकाडयापाप्तयाण यादरवणस्सहकाहयाण पड़ा तयाण पत्तेयसरीरयादरवणस्सइकाइयापजायाण बादरनिगोदपजाप्तयाण यादरतसकाइयपजाप्तयाणय कयर कयरहितो शप्पाषा यजयाषा तलावा विसेसाहियावा गोयमा । सम्वत्योया वादरतउकाडया प वादराप० तमस्कापिकाना वादरापा० नयवापिकामा वादरापा०वमस्पतिवायचाना बादरापर्या० प्रत्यक्झरीरवनस्पतिहापिकानां वावरमि गादानामपर्यावामा वादरापर्या प्रसायिकामा बतरे २ म्याऽल्पा वा ४ , गौतम । सवताका वादरश्रमकायिका पपका पादरतलस्वायि का सप० पम्पयगुणा प्रत्यकशरीरवादरवनस्पतिवायिका प० असरये यगुणा वादरमिगोदा पर्याप्तका घसस्पेपणया वावरपपिवीयायिका अपपातका सम्पगुवा वादराप्तापिका अप० सस्पगुणा वावरवायुवापिका सप० पसम्पगण वादरवमस्पतिवायिका पपर्या पमतगणा या दरापपाका विद्यपाधिका ।२। तपा० । वादरपोकामा वावरपायीकापपयाकामा पर्याप्रषादराप्कायामा पर्यावादरतेवरहापिका मा पर्याप्तवादरवायुवायाना पर्यायवादरवनस्पातकापिकामा पर्याप्त प्रत्येकवरीरवादरवनस्पतिशायिकामा पर्याप्तवादरनिगोदाना पर्याप्तवादरपस Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णा, सुहुमा पतगा विसेसाहिया, सुकमा यणस्सकाया पचत्तगा सखेागुणा, सुनमा पललगा बिसेसाहिया । एएसिण नते ! बादरगाण यादरपुढयिकाइयाण यादरष्ट्याउकाड्यानं घादरतेडकाष्ठयाण यादरञाउकाइयाण यादरयणस्सष्ठकाष्ठयाण पन्तेयसरीरयादरवणस्सङ्गकाइयाण यादरनिगोदाण यादरतसका इयाणय करे२ हितो ष्यप्पात्रा बक्कयाषा तुल्लाषा विसेसाहियावा ? गोयमा । सत्योया बादरतेउकाइया यादरतेउफाडया ष्एसखेड्यगुणा, पप्तेयसरीर बादरवणस्वष्टुकाया सखेागुणा घायरनिगोया घुसखेडा गुणा, बादरपुषिकाया वसतिगुणा यादवाउकाइया यमखेयगुणा यादरषाउकाइया यसखे अगुणा वादरणस्काइया ष्णवगुणा बादरा विसेसाहिया, एएसिण नवे ! घादापत्रगाण घाद काइया पष्ठगाण बादरयाठकाइया पब्जप्तगाण घादरतेठकाइयापजतगाणं यादवाउ काष्ट्या स्परप्रष्णाण यादरवणस्वष्ट्या छपजठगाण पत्तेयसरीरक्षणस्सकाया पजष्ठगाणं यावनि तिचा सूक्ष्मनियो विशेषाधिकार बूक्ष्म " कार्यकाः पर्यापासून पूर्ण बारवैवस्यार्मिवानां भागणार्य प्रधान शोवर वरपर थिमीकायिकानां बादरा कामकामां (वादरवनस्पतिकाविकाना बादरमिमोदामा मादरवचाविका गौवन । सर्वलोका बादरजसथापिका बादरतेयत्वायिया चपगुवा प्रत्येक शरीरमादवनस्पतिकारिया ममुखा बादरविनोदा मनुका बादरपृथिवी का मिश्रा अगुवा बाहराध्यापिका अर्थमनुवा बाहरवायुवाविद्या भवनुषा बादरम रपतिकामिका जनमुखा बादरा विशेषाधिकार एवचरं मन्य । बादरवचनां बाद। पर्वा पृथिवीकायिकानां वादरायचो० प्रक Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ PRRBandanamamaln यादरतेउकाइयाण पजप्ता २ ण फयरे कयरेहितो थप्पाषा यजयावा तुलावा विसेसाहियावा? गोयमा! सछत्योवा बादरतेउकाइया पातया बादरतेउफाहया शपजप्तया संखेजगुणा । एएसिण नते! याद रबाउकाइयाण पजाप्ता २ ण कयरे कयरोहितो शप्पावा १? गोयमा। सहयोवा घादरयाउकाइया पडा तगा। यादरवाउफाहया शपज्जतगा आसखेगुणा। एएसिण नते। यादरवणस्सइकाइयाण पजाप्ता२ ण कयरे कयरोहितो थप्पाषा १? गोयमा ! सहयोवा बादरवणस्सहकाहया पजप्तगा। बादरवणस्सहकाइ या थपज्जप्तगा शसखेजगुणा । एएसिण नते । पत्तैयसरीरवादरवणस्सइकाइयाण पजाप्ता २ ण कयरे फयरहितो थप्पावा ? ? गोयमा ! सहयोवा पत्तेयसरीरवणस्सइकाइया पजाप्तगा। पप्तेयसरीरवादरव णस्सइकाइया थपात्तगा शसखेडागुणा । एएसिण नते। यादरनिगोदाण पजात्तार ण कयरे कयरोहितो थप्पावा ११ गोयमा! सहयोया वादरनिगोदा पत्तगा। यादरनिगोदा थपत्तगा यसखिजगणा। पिका पर्याप्तवा पर्याप्तबा पसस्यगुवा । एतपा मदत । वारसायामा पर्याप्तापर्याप्तताना सतर पतरेभ्योऽस्पा वा गौतम ! सपनो पा वाररतवस्यापिका: पपोतका अपर्याप्तवादरवेवस्थापिका पसस्पेयगमा । एतेषां प्रदन्त । वादरषायुवापिकामा पर्याप्तापोहाना कतरेस तरेप्यास्या वा गौतम । सवसोवा वादरवायायिकाः पपोतका अपर्याप्तवादरवाज्ञापिका पसस्येयगुणा । एतेषां प्रदत । वावरवमस्प तिवापिकामा पर्याशापर्याप्तवाना बतरेयरम्योऽस्या वा ४. पौतम । सवलोम वापरवमस्पतिकापिया पर्याप्तबा पपासवादरवनस्पति कापिया बसस्पेपमुयाः । एतेपा भरमा प्रत्येबपरीरवादरवनस्पतिकापियामा पर्याप्तापर्याप्सामा बसरे बतरन्योऽस्या वा गौतम । सव सोसा' प्रत्याभरीरवादरवमापविधायिका पपोतबार अपर्याप्तमस्पेबारीरवाररबनस्पतिबापिया पसरपपगया। एवेपा पदावादरनिगो Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ APP जलया , चादरतसकाइया पज्जतगा शसखेडागुणा । पसेयसरीरयादरयणस्सइकाइया पज्जतगा यस खेडागुणा । वादरनिगोदा पजप्तगा सखेजगुणा । धादरपुढषिकाहया पहातगा आसखेडागुणा । यादर थाउकाडया पञ्जतया यसखेनगुणा । बादरखाउकाइया पज्जत्तगा शसखेनगुणा । घादरवणस्सइकाइ या पज्जतगा यसखेडागुणा । पादरा पजप्तगा विससाहिया ३ । एएसिण नते! धादराण पजाप्ता २ ण कायरे कयरहितो थप्पाषा बगावा तुलाया विससाहियाधा? गोयमा। सचत्योषा यादरा पत्तगा। या दरा शपज्जतगा थसखेडागुणा । एएसिप नते ! यादरपटविकाइयाण पजप्ता २ ण कयरे कयरहितो थप्यावा ? गोयमा! सहयोवा बादरपुढाविकाइया पज्जतगा । वादरपुठविकाइया थपजायगाथ सरगुणा। एएसिण नवे ! बादरछाउकाडयाण पाठार ण कयरे फयरोहितो थप्यावा ११ गोयमा। सहयोवा बादरपाउफाइया पजागा पावरहाउकाइया थपजष्ठगा थसखेगुणा । एएसिणं ते! जापियानो परे परम्पीया 18 मौतम । सवेतोबा पोस्वारनायिकए पुसिलाइरसपापिय पर्वमनुवापासमस्या अगरलापरतापनि प्रापिमा परिवार निनोमा स्वा प्रामपॉप गायमुवा पर्याप्तबापरापापियार पीतमारमा गायिका प्रतिभापति विपासा पर्याय विभाषिणाः ।।। एतेषां मर पतिपिपोतामीर तरजीअपातमातम । सोका बाबरा पर्याप्तवा चपाल सगुगा । एतवा बदबा जापवार्मा पर्यापोवा रेस्तरेयोपाबाबौतम बसोबा बाबरपूषिबीमारिबार पोसबा१बादरपूषियी अपोतबा परम्परा बरखाबादरावाबाना पोटापपीहानी परेवरेनोपाबाबोलचोमा बादराया Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Doose-DarsPHO.1 यावरतेउकाइयाण पज्जप्ता २ ण फयरे फयरेहितो शप्पाषा बजायावा तुलावा विसेसाहियावा ? गोयमा! | सम्वत्योषा यादरतेउकाडया पजप्तया बादरतेउकाठया थपजप्तया संखेडागुणा । एएसण नत ! बाद रखाउकाइयाण पजाप्ता २ ण कयरे कपरेहितो थप्पावा ? गोयमा । सवयोवा धादरयाउकाइया पड़ा त्तगा। पादरवाउकाहया शपजाप्तगा शसखेजगुणा। एएसिण नते । यादरवणस्सइकाइयाण पजाप्ता२ ण फयरे कयरोहितो थप्पावा १ ? गोयमा ! सहयोया यादरवणस्सहकाहया पजप्तगा। यादरवणस्सहकाइ सनगा सखजगणा । एएसिण नत । पत्तयसरीरवादरवणस्सहकाइयाण पजाप्ता २ ण कयरे कयरहितो शप्पावा १? गोयमा । सष्ठाया पत्तेयसरीरवणस्सहकाया पन्नगा। पप्लेयसरीरयादरव णस्सइकाइया थपज्जत्तगा शसखेज्जगुणा । एएसिण नते। यादरनिगोदाण पत्ता२ ण कयरे कयरेहितो शप्पाया १ ? गोयमा! सइत्योया वादरनिगोदा पात्तगा। यादरनिगोदा थपज्जत्तगा शसखिजगुणा। पचा पर्याप्तवा अपर्याप्तका समयमुवाः । एतपा प्रदन्त 1 वादरवस्थायामा पर्याप्तापर्णतक्षामा पतर बतरेभ्योऽपा वा ? गौतम ! सपनो पा वावरतपस्कापबा पर्याप्तवा अपर्याप्सवादरतेवस्थापिका समस्येपगणाः । एतपा मदन्त । वादरवायुवायिकामा पर्याप्तापयोप्लाना पसरेतरम्याअपा पापौतम । सर्वसोबा वादरायुवापिसार पर्याप्तका अपर्याप्तवादरवायुवापिया पसरपेयगुणा । एतेषां प्रदन्त । वावरवमस्प तिवायिकामा पर्याप्तापोकामा तरेयरम्योऽस्या बा४ पौतम । सवसोवा बादरवनस्पतियापिबा पर्याप्तबा अपर्याप्तधादरवनस्पति बापिका सपेषगुवाः । एषा प्राचा प्रत्येकापरीरवादरवनस्पतिकायिवाना पर्यासापोलामांतरे पतरप्योऽस्पा वा ४१ पौतम | सव खोबा प्रत्ययशरीरवादरवनस्पविवापिका पर्याप्तवाः अपर्याप्तमत्पधरीरषादरवनस्पविवापिका प्रसस्पयमुना। एवेपा पदावादरमिगो Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एएसिण नसे ! यादरनसकाइयाण पत्ता २ ण कयरे फयरहितो थप्पाया ११ गोयमा ! सहन्योवा यादरतसकाइया पञ्जप्तगा । यादरतसकाइया थपज्जतगा शसखेजगुणा । एएसिण नते। यादराण चादरपुढविकाइयाण वादरम्याउकाइयाण धाटरते उकाइयाण वादरवाउकाहयाण वादरयणस्सहफाप्ठयाण पत्तेयसरीरयादरवणस्सइकाइयाण पादरनिगोदाण चादरतसकाठयाण पजता २ ण फयरे कयरोहितो थप्याषा यायावा तुलावा बिसेसाहियाषा ? गोयमा ! सछत्योवा पादरतेउफाहया पाचया १। घाद रतसकाइया पहजतया शसखेअगुणा २ । यादरससकाया थपज्जप्तया शसखिज्जगुणा ३ । चादरपत्तेय घणस्सहकाइया पाप्तगा थसखेजगणा १ । यादरनिगोदा पजाप्तगा शसखेजा०५। पादरपुढधिकाइ या पत्रवगा शसखेज्गुणा ६ । वादरम्याउकाइया पजतगा आसखेजगुणा ७. यादरवाठकाइया पजन वामा पर्याप्तापर्याप्सामा बतरे कतरेभ्योऽपा बा : मौतम । सर्वतीचा वावनिगोगा पासवर मोमवारणिता प्रसंगमा एषा भरा वादरवनयापानां पर्याप्तापपोपमा परे सुपरमोडrarta सर्वोमारवसायि पक्षमा दिनवापी अपर्याप्तमा अहंस्पेयमुखाः ।।। एतेषां रोमादिरापाबाना बादरायांनी वैदिरतेजस्वापियामा बादरापुवापिकाना वादरवनस्पतिवापिबारी मेरभरणाररवनस्पतिबापिबामा बादरनिगोदरानो वादायिबामा पर्याप्तापर्याप्तामा तर बतरम्पीऽरपा वापौवमा समाजवादरवस्थापिका पता. वादरससमापिका। पर्याप्तमा सस्पगबारबारबबायिका पर्याप्तबा सस्पेमा पर्याप्तबाररमत्येकवनस्पतियापिचा पायगुवा पर्याप्तवादरमिमोदा समयनुजा पोवारपचिनीवापिया पर अपेपर्णाः । पोबारामापिथा मानुस । पोबारमानुपापिया जनुका ८ पावापरबानापिया बगा । - 1 Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तगा खितगुणा ८ । वादरतेउकाइया छपतप्तगा यसस्येागुणा ९ । पत्तेयसरीरयादरवणस्सइका इया छपजाप्तगा घुसखेागुणा १० । धादरनिगोदा पस्तप्ता सखेागुणा ११ । बादरपुढ विकाइया पतप्तगा श्रसखेड्यगुणा १२ । बादरच्या उकाहया पात्तगा सखेागुणा १३ । यादरबाउकाइया ० सखेागुणा १४ । वादरवणस्सइकाइया पयप्तगाणतगुणा १५ । वादरपातगा विसेसा हिया १६ । वाद्वणस्सइकाइया छपजात्तमा असखेागुणा १७ । बादरा पाष्ठगा विसेसाहिया १९ । यादरा विसेसाहिया २० । एएसिण जते । सुऊमाण सुऊमपुढविकाइयाण सुकुमाउकाइयाण सुऊमतेउ काइयाण सुऊमत्राउकाइयाण सुमषणस्सइकाइयाण सुमनिगोदाण यादराण वादरपुढविकाइयाण बादरश्याउकाइयाण व्यादरते उकाइयाण बादरया उकाइयाण यादरयणस्सका इचाण पत्तेयसरीरयादरवण पर्याप्त प्रत्येक शरीरवाद वनस्पतिकायिका असम्यगुणा १० । अपर्याप्त वा दर मिगोदा असमयगुणाः ११ । अपयश्वादरपथिवोकायिका असस्यगु | वा १२ पर्यायादरा प्यायिता बसपा १३ । पर्याश्वावर वायुकापिका असमयगुफा १४ । पर्या०वादरवनस्पतिकापिता घनन्यगुणाः ९५ । पर्याप्ता वादरा विझपाधिका १६ । अपर्याप्तवादरवनस्पतिहायिका सरुपगुवा १७ । अपर्याप्ता वादरा विशेषाधिकार १८ । वादरा विशेपाषि का । एतेषा प्रदन्त । सूक्ष्माचा सूक्ष्मपथिवोकायिकामा सूक्ष्माप्कायिकाना सूक्ष्मतेजस्थापिकामा सूक्ष्मवायुहायिकामा सूक्ष्म वनस्पतिका यिकानां सूक्ष्ममिगोदाना वादरावां वादरपृथिवीवायिकामा वादरायायिकाना वादरतेच स्थायिकामा वादरवायुकायिकाना वादरवनस्पतिका पि कामा प्रत्येक शरीरवादरवनस्पतितायिवाना वादर मिगोदामा वादरवसायिकामा च कवर कतरन्योऽल्पा वा ४ १ गौतम । सबलोधा वादरत्र कामिका १ । वादयेबस्थापिका असक्यगुवाः २ मध्यकारीरवादरवनस्पतिद्याविद्या प्रसस्यगुणा । वादर निगोदा प्रसस्य ४ । वाद Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एएसिण नंते । धादरमसकाइयाण पखात्ता २ ज कयरे कयरेहितो प्याया १ ? गोयमा । सत्योवा यादरतसकाइया पज्यष्ठगा । बादरतसकाइया छपाप्तगा यसखेागुणा४ । एएसिण नते । वादराण वादरपुरधिकायाण बादरष्ट्याउकाइयाण वाट रतेउकायाण वाढरषाउकाढयाण धारयणस्सष्ठकाइयाण पप्तेयसरीरश्रादरवणस्सइकाइयाप बादरनिगोदाण यादरतसकायाण पजाप्ता २ ण कयरे कयरेहितो छप्पाषा बभाषा तुल्लाषा विसेसाहियाषा ? गोयमा ! सत्योघा वादरखेउकाष्ठया पज्यत्तया १ | याद रतसकाझ्या पयप्तया ष्ट्छ्सस्खे तगुणा २ । बादरतसकाइया पाप्तया एसखियगुणा ३ । घादपतेय वपस्सबधाइया पाप्तगा सखेागुणा 8 । बादरनिगोदा पाष्ठगा एस० ५ । वादरपुढविकाइ या पयष्ठगा ष्यमखेयगुणा ६ । वादरष्ट्याउकाइया पाप्तगा यसखेडागुणा ७ । बादरवाठकाइया पा दान पर्याप्तपर्याप्ताना कवरे कवरेज्या था ? गौतम । सर्वतीका वानिया पर्यायावर निमोदा पाएप नवृत्त । बाहरष्वसृचाद्यानां पर्याप्तापर्यासन बन्यो पापा है। शोष सुर्वको दरखवाविना पर्याप्ताः वाकये अपर्याप्तवा वसंख्येयमुखाः । 8 पर्व वानवादकायामावादरते स्वामी बाँदर वायुवामिवाना यादवनस्पतिकापिकामध्ये खादरबनस्पतिका विकानां गोदान धारकामिवाना पर्याप्तापर्याप्ताना तर इतरम्योपा श्रीहरी गौतम सर्वोपदरतेबस्थापिकाः पर्याप्तकाः १ वावरत्रतचायिकाः पर्यामा असक्यमुखाः २ । बादरवचकायिका अपर्याप्तथा च स्वपनुषा ३ पर्यासवावर प्रत्येकमनश्पतिकामिया अटकपेपमुखाः । पर्याप्तबादरभिगोदा चचपगुवा ए पर्यायावर पथिवीद्यापिया मेखा । पर्वावादाप्याविया अवस्पयुक्त । पयो०वादर बाबुकाचा अनर्थावादरतेचस्वाविया पवनुखाः । Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HOMEMADHOPRAHAarmITION वगा शसखिजगुणा ८ । धादरतेउकाइया शपजाप्तगा शसस्वेआगुणा ९ । पत्तेयसरीरयादरवणस्सइको छया छपज्जतगा शसखेडागुणा १०। यादरनिगोदा थपजता श्वसखेडागुणा ११ । यादरपुढधिकाइया थपाप्तगा शसखेडागुणा १२ । यादरथाउकाइया थपजात्तगा शसखेड्मगुणा १३ । यादरवाउकाइया थप० शसखेजगुणा ११ । वादरवणस्सहकाइया पज्जतगा शणतगुणा १५ । वादरपज्जतगा विसेसा हिया १६ । वादरयणस्सइकाइया थपजत्तगा असखेजगुणा १७। यादरा शपजनगा घिसेसाहिया १९। यादरा विसेसाहिया २० । एएसिण नते । सुजमाण सुऊमपुढधिकाइयाण सुजमशाउकाइयाण सुजमतेउ काठयाण सऊमघाउफाइयाण सुजमषणस्सइकाहयाण सुजमनिगोदाण बादराण यादरपुढविकाइयाणं यादरशाउकाइयाण यादरतेउकाइयाण चादरवाउकाइयाण यादरयणस्सइकाइयाण पत्तेयसरीरवादरवण अपर्याप्त प्रत्येकशरीरवादरवमरपतिबापिका समयगुणा १० । अपर्याप्तवादरमिगोदा पसरपगुवाः १९ । अपर्याश्वादरपिवीषापिता असम्यग बा १२अपर्याश्वादराप्यायिका पसरपगुवाः १३ । पपर्या०वादरवायुवापिका प्रसस्पगुणा १४ । पर्या०वादरवनस्पतिकामिक्षा प्रमन्तगुवा।१५। पर्याप्ता वापरा विझपाधिमा १६। अपर्याप्तवादरवमस्पतिवापिका प्रसस्पगुणा १७। अपर्याप्ता दादरा विपापिया १८वादरा विधोपाधि बार। एतेपा प्रदस्त । ममापा मुमपिवीक्षामिवाना समाप्कापिवानां मतमतेजस्कायिवामा सुत्मवायुवापिवाना अहमषमस्पतिवा यिकामा सुधमानमोदाना वादरा बादरधिशेषायिकामा वादराप्यापिक्षामा वादरतेजस्थापिकामा वादरवायुवापिबामा वादरवनस्पतियायि बामा प्रत्येसारीरवादरवनस्पतिकापियामा वादरनिगादाना वादरवसकापिकाना चकतर बतरप्योऽसपा वा ४१ पौतम | सबसोमा वावर समापिका वादरवेवस्थापिका प्रसस्पगुवाः । मस्पशरीरवादरवनस्पतिवापिसा असल्यगुणावादरमिपोदा पसरपगणाः ४ावाद Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स्तइकाइयाण पादरनिगोदाणं बादरतसकाइयाणय कयरे फपरेहितो थप्पांवा?? गोयमा ! सहयोवा यादरतसफाइया ।। पादरसेउकाइया आसखेडागुणा पोयसरीरयादरयणस्सइकाइया आसखेजगुणा । पादरनिगोदा असखिजगुणा । बादरपुढधिकाइया शसखेजगुणा ५। धादरधाउकाइया आसखेडागुणा बादरवाउफाइगा सखेजगुणा । समतेउकाइया आसखेडागुणा । सुजमपूटविकाइया पिसेसाहिया । सुमधाउफाइया पिससाहिया । सामवाउफाइया विसेसाहिया । सुझमनिगोदा शसखेगुणा । बादरवणस्सइकाइया थपतगुणा यादरा पिसेसाहिया । सुजमवणस्सइकाइया आसखेडागुणा १५ । सकमायिसेसाहिया १ । एएसिण नते! सजमथपजयाण सुशामपुरविकाइयाण थपन्जप्तगाण सुझाम शाउफाइया पन्जतयाण मुक्रमतेउफाइयाण शपज्जत्तयाण सजमवाटकाया थपज्जष्ठयाणं सुकामयण , स्सइकाइयाण थपजप्तयाण असममिगोदा थपज्जधयाणं यादरा थपज्जत्तयाणं यादरपुदयिकाइया थप , रविवापिका संस्मनुवा बावराणाविका प्र मादरवायामिवामपनमतस्यापित सूमपविधवायिय विवाविना लावाnिaneyापिकामानि मूलनिमोरा भवानुमा १५ । बाबरवत्पतिवामिला प्रमरोगवारि विवाधिकारापूरपतिबापिता परस्पनुबा १५मा बिपापिया एवेषां पान्छ । ममाप्तिबानी पवितीमारिवानां अपर्याप्तवानां पूमाप्यापिधानानपर्याप्तानां पूजतेजस्वादिलानामपर्वाहाना- पूना पुवापिकालीमपर्याप्तामा नबनस्पतिवापिसाबामपर्याप्तामा जनिनोदानामपर्याप्सानी बारापोहचानानपाचारविचारितामापा समारोबाविधानां बापरवासिाधावपाहाबामपहिवारपाचाविधानानपर्वालबारबालविवादिवानापर्वाहमलेर बाबर C4 w Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ G स्तन्तयाण बादरच्या उकायष्णुपत्तप्रयाण बादरतेउका इयाष्ठपयप्तयाण बादरयाउकाष्ठयष्य् पातयाण बादरघणस्सइकाष्ठुयष्य्पतप्तयाण पत्तेयसरीरयादरवणस्सइकाइयश्च पाप्तयाण धादरनिगोदा पा शयाण यादरतखकाष्ठया पागाणय कयरे कयरेहितो प्यावा ? गोयमा ! सत्योबा यादरत सफाइया श्वपतप्तगा । घादरतेउकाइया छपत्तगा सखेागुणा, पत्तेयसरीरयाद्यणस्सइकाइया चपातगा सखेागुणा ३ । बादरनिगोदा अपातया सगुणा । आदरपुढविकाइया छपय तगा श्वसखंडतगुणा । बादरच्या उकाइया पातगा एस० ६ । बादरवाउकाइया ष्यपजाप्ता यस गुणा, सुमते काइया खपातगा सखेागुणा । सुमपुढं विकाइया पतप्तगा विसेसाहिया ९ सुकमश्वाउकाड्या पतगा विससाहिया १० । सुऊमषाउकाढया पज्जतगा विसेसाहिया, सुकम निगोदा पतगा सखागुणा, बादरवणस्स इकाइया पागा णतगुणा, बादरा ष्पज्जतगा वनस्पतिकायिकानामपर्याप्तवादभिगोदामा पर्याप्त वादरत्रसका पिकामाच्या कतरे व्रत रेज्योऽपा वा ४ गौतम सर्वतोवा अपर्याप्तवा सायका १ अपवादरत जरकायिका सपना २ । अपर्याप्त प्रत्येक शरीरवादरवनस्पतिकाधिकार प्रयगुणाः । अपर्याप्तवा दरमिगादा पका । अपर्याप्तवादरप्रथिवीकायिका असल्यगुणाः । अपर्याप्तवादरा प्यापिका असस्यगुफा ६ । वादरवायुकापिका अप यतका सया अपर्याप्तमवस्कायिका प्रसस्य मुखाः पर्याप्तसूक्ष्मपृथिवीयायिता विशेपाधिकाः ए। अपर्याप्तसूक्ष्मष्ठायिका विशेषा १० । अपर्याप्तसूक्ष्मवायुकायिका विशेष घिका ११ । अपर्याप्तसूक्ष्म मिगोदा प्रसस्यगुणा अपर्याप्तवाद र वनस्पतिकापिका अनन्तगुवा वा दरा अपutoer विशेषाधिका अपयो सूक्ष्मवनस्पतिका पिता असस्यगुणा अपर्याοका सूक्ष्मा विश्लेपााघचा २ । एतेपा मदन्द सूक्ष्मपर्या० चामो ॥ Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विसेसाहिया , सुजमयणस्सहकाइया छपजतगा शसखिजगुणा, सजमा शपजप्तगा यिसेसाहिया २। । एएसिण नते । सुजमपञप्तयाण सजमपुर विकाठयपजाप्तगाण सुजमश्चप्पकाहयपत्तगाण सुजामते उका इयपहप्तयाण सुक्रमवाउकाइयपज्जप्तयाण सुझमयणस्सहकाठयपतयाण सुकामनिगोयपज्जतयाण पादरपज्जतगाण बादरपुढाधिकाठयपत्रप्तयाण यादरश्चाउकाठयपतप्तयाण बादरतेउकाइयपजत्तयाण चादरवाउकाइयपजप्तयाण पादरवणस्सहकाहयपज्जतयाण पत्तयसरीरयावरयणस्सइकाइयपात्तयाण वा दरनिगोदपजतयाण बादरप्तसकाठयपजप्तयाणय कयरे फयरहितो थप्याया४१ गोयमा! सछत्योषा वा दरतठकाइया पाठगा । पादरससकाइया पजत्तया शसखिजगणा । पत्तयसरीरयादरयणस्सहकाडया पाचगा आसखेडागुणा । बादरनिगोदा पजपया यसखेडागुणा, चादरपुढधिकाइया पज्जतया यस० यादरथाउकाहया पयतया शसखेडागुणा , यादरवाउकाइया पक्षगा थसंखेत्रगुणा । सुकमतेउकाइ पुलपवियपिचपोबाना पोप्तचूमाप्यापिपाना पलवस्थापिकाना समोरवालवामिनोखलनपतिएपिवानी मिर्मनिपोवान, बाबरपर्याचामा पोलारप्रथिवीपाला मोकारावारिपारितापामा पारिवार्षि - निरपतिबाथाना पुणेमारी बारिकप्रतिनिधि पारमिनादानी पोकोदरजवासियामां बार त योजयालीमा तात्पर्याभारतबीपिका पादरवचाविका पल्पमुवा पा०प्रत्येकारोबारबरपतिमा विदा पर्दाबादरनियोदा पस्सनुबा पोवादरविवापिका समुबार पोग्बारराप्पायिवाक्यमुखाः पप बाबरवापुवादि नुवा पर्यापूमवावा मनपाः पापूमाथिवीवाविया fate पाबूलाप्चाविका विश्विा पोपुरण Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ HENaaODOILARADA या पजप्तया यसखेडागुणा, सुजमपढयिकाहया पत्तगा घिसे साहिया, सुजामशाउकाइया पाप्तगा यिससाहिया, सुजमघाउकाइया पत्तगा विमसाहिया । सऊमनिगोदा पहात्तया शुसखआगुणा, घाद रखणस्सहकाहया पजप्तया शणसगुणा, यादरपजतया घिससाहिया, सुऊमयणस्सइकाहया पक्षप्तगा शसखगुणा । सुऊमपञप्तया विससाहिया ३ । एएसिण नते ! सुजमाणयादराणय पत्ता २ ण कयरे कयरहितो प्याथा ? गोयमा । सहयोवा बादरा पळाप्तया, यादरा शपत्तगा सखगुणा सुजामा अपजाप्तगा चसखगुणा, सुजमा पजाप्तगा सखगुणा । एएसिण नते ! सुजमपुढधिकाइयाण यादरपुढषिकाहयागय पजाप्ता २ ण कयरे कयरहितो शुप्यावा १? गोयमा । सहयोवा बादरपुषि काहया पजप्तया बादरपुढविफाहया थपजाप्नया शसखेजगुणा, सुजामपुढधिकाइया थपजतगा शस खसागुणा, सुजमपुठविकाइया पञप्तगा सखेजगुणा । एएसिण नते । सुजामशाउकाइयाण यादरशाउ - - - वायकायिका विशेषाधिका पपा०मममियोदा पसरपगुवा पर्या०वादरवमस्पतिवापिका समसगुवा पर्याप्ता बादरा विधेपापिहा पर्या० रमदमपतिकापिका सस्पगुवा सरमा पर्याचा विपाधिका ३ । एतेषा प्रदान । ममावा याबरावास पर्याप्तापर्याप्तामा बतरे ठरे म्योपा वा ४ गौतम । सवस्तोबा वाढरा पर्यावा अपयो०वा वादरा पसरपगुमा सामा पपो०वा पसरपगुवा मामाः पर्या०४ाः सम्प पा । गतपा परत । सुक्ष्मपत्रिीकापिकामा चादरपधिववापियामा पो०पी०मा कतरे कसरन्योऽपा वा गौतम । सवतोका पर्या सवादरपचिवाबापिका अपर्यावादरपपिवीवापिका पसगुना अपर्या०मरमपचिवीनायिका पसस्पगमा पर्यापसूक्ष्मपपिवीकापिका समय गुवा । एतेपा प्रदान मामायापिकाना वादाप्यायिवाना पर्या०पयोगमा बारपतरम्योपा वा गोतम | सर्वतोबा पोख्वादराप्का Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ काइयाण पप्ता २ ज कपरे कयरहितो थप्पाशा? 2 गोयमा ! सहयोवा घादरशाउकाइया पजतया यादरशाउकाहय शुपजत्तया शसखगुणा, सुजामशाउकाइया थपज्जप्तया शसखगुणा, सुजामशा उफाहया पत्तगा सखगुप्मा । एएसिण जते । सुझमतेउफाइयाण यादरतेउफाइयाणय पज्जष्ठा २ ण फयर फयरेहितो शप्पावा ? गोयमा ! सवयोवा धादरते उकाBया पाप्ठया , घादरतेउकाइया थप चया थसखजगुणा, सजमतेउफाइया थपजाप्तया शसखगुणा, सुजामतेउकाइया पतगा सखज्जा गुणा । एएसिण नत ! सऊमयाउकाइयाण बादरवाउकाइयाणय पज्जष्ठा २ ण कयरे कयरेहिसो थप्पा या ? गोयमा । सहस्योषा बादरवाउकाइया पज्जतया चादरवाउकाइया थपज्जासया शसंखगुणा । सुजामवाउकाष्ठया थपजप्तया शसखे० । सकामवाउफाइया पजप्पया यसखगुणा । एएसिणं नंते! सकामवणस्सकाायाण चादरवणस्सइकाइयाणय पज A WHAIRAT FE RELES या पूर्मालारापापिया सम्पनुमा अपपोरनमायापिका अस्पोमाभागापा वापतका पामतेजस्था ANS . प वापिकालो पोपप्रतिरेष्यजितनाबगरतेमस्वायिका पोबाररतपस्वा पिपिपिएम पिंकी पनुबा पया०मामतेजस्वापिका सपनुवाः । पलेवा प्रासापरमबाबुबापियामी गारवा पशायमा पर्याप तर कतरेयोऽपामा ४१ मौतम । पाला पर्या०वादरवापुवायिका पपर्यावादरवापुवाविया परपमुलापपोमबालापिया परस्पेयमुबार पी०मापुवाया बसस्पेपनुवाः । सेवा प्रान्सा कमवनस्पतियाबिचाना वापरमपवित्राधि पाना पोपपन्न सरकारमा अपाबाबौनमाजोपा पपोoranrपतिमाधिना mubunrouteवाbिeen Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ AME सत्योत्रा घादरवणस्मइकाइया पयसया, बादरवणस्सकाया छपयप्तया सखिगुणा, सुक्षम घणस्सइकाइया छपद्व्यतया एस खिज्यगुणा । सुकुमवणस्सइकाइया पततया सखियगुणा। एएसिण नते ! सुहुमनिगोदाण बादरनिगोदाणय पप्ता २ ण कयरे कयरेहितो पप्पाषा४ ? गोयमा । सत्योधा बाद निगोदा पयतया, बादरनिगोदा पतया सखे०, सुजमनिगोदा छ पातया सखिज्जगुणा, सुमनिगोदा पद्धतशया सखेज्जगुणा १ । एएसिण नत । सुऊमाण सुकमपुढविकाइयाण सुकमष्याउका इयाण सुऊमते उकाइयाण सुकुमवाउकाइयाण सुकुमवणस्स इकाइयाण सुऊमनिगोदाण यादराण बादर पुढविकाइयाण यादरम्याउकाइयाण बादरते उकाइयाण यादरवाउकाइयाण बादरवणस्सइकाइयाण पत्ते यसरीरयादरवणस्सहकाष्ठयाण यादरनिगोदाण बादरतस्सकाइयाण पज्जतार ण कयरे कमरेहितो छप्पा घा४ ? गोयमा ! सङ्घत्योया बादरतेउकाइया पज्जत्तया १ । बादरतसकाइया पाष्ठया सखगुणा २ अपर्या०सूक्ष्मवनस्पतिकायिका असमयगुडा पर्या०सूक्ष्म वनस्पतिकायिकाः सङ्ख्यगुणाः । एतपा प्रदन्त । सूक्ष्ममिगादामां दादरमिमोदानां पर्या तापर्याप्ताना कतरे बतरेभ्योऽपा वा ४१ मौसम सवस्ताका पर्याοका वादरनियोदा अपर्याप्तवादानगोदा असल्यगुवा अपर्याप्त सूक्ष्म नियो दा असल्यगुणा पर्याप्तसूक्ष्मनियोदा सम्यगुताः । एतेषा प्रदन्त सूलाका सूक्ष्मपृथिवोकायिकामा माप्ायामा सूक्ष्मतजस्यायिकाना सूक्ष्म वनस्पतियायिकानां सूक्ष्मवायुकायिकाना सूलानयोदामा वादराचा वादरपथिवीकायिकाना वादराप्यायिकानां वातरतेबस्थापिकामा वादरवा युकायिकामा वादरवनस्पतिकायिकाना प्रत्यकशरीरवाद रवमस्पतिवासिकाना वादर निगोदानां वादस्वसायिकानां पर्याप्ता पर्याप्तानां कतरे क पाल्पा वा ७१ पौतम | सवतोका वादववस्वायिकार पर्याप्तका १ पर्याप्तवादरत्रसन्तामिका प्रसस्येयगुणाः । अपर्याप्तवादरत्र सकायिका Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ घादरतसकाढया थपषप्रत्तया शसखिजगुणा ३ । पत्तेयसरीयादरवणस्सहफाइया पण्जत्तया यसखिज्ज गुणा ।। यादरनिगोदा पज्जप्तया शसखिज्जगुणा ५। पायरपुढधिकाइया पञ्जत्तया शसखेज्जगेणा ६ । चादरश्चाउकाइया पउजत्तगा खसखिज्जगुणा ७। बादरवाउकाइया पजत्तगा थसखेउजगुणा८यादरतउ काइया शपजत्तया शसखिजगुणा ९ । पतंयसरीवादरयणस्सहकाइया थपज्जतया यसोज्ज०१०। बादनिगोदा थपत्तया यसखे० ११ । घादरयाउकाहया शपज्जप्ता शसखे० १२ । धादरयाउका हया थपतया यसखे० १३ । बादरयाउकाइया चपळत्ता शसस्ने० ११ । सुकामसेवकाइया थप प्तया यसले गुणा १५ । सुचामपटविकाइया थपत्तगा विसेसाहिया १६ । सुमधाउकाझ्या थप जत्तगा विसेसाहिया १७। सुझमबाउकाइया चपजाप्ठया विसेसाहिया १८ सुडामतेउकाड्या पंज्जष्ठया सखि०१९ । राजमपुढविकाड्या पाजत्तया बिसेसाहिया २०। हुमशाउँकाइया पज्जनगा विसेसाहिया सुखमयाउकाइया पत्तया बिससादिया सुझमनिगोंदी चपजजया स हमहुमेनिंगों। बसस्पेपणा । पर्याप्रमाऽपरेरणपतिवापि गोपिया या पतिजामिनोवो पतिव्यमुखाः ५। पर्याप्तमारपधि चापिका नागपर्याप्तवादरमिनो अलर पसन्मेपनुवाः । पोबारावीचसस्पेपगुण पिर्याप्तवादरवायुवापिका पापपनुवाः पाप्तबावरतेबस्थानिया पर पासप्रबिरीरबावरवनस्पतियामिना सवनमा। अपर्याप्तवाररनियोहा पमुख पर्याप्तबाररपचिनीवापिंवा परसपना १२ । अपर्याप्तवापरापापिया अवस्यामा पोहचापरवापुवापिका समयमुषा १ पासपूमनमामिला न्य पिपोपवनपचिपाविणा पिपालिकामाविला पाnिmomenture कि + AANTEDOAda Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ दा पतया सखि ०२४ । बादरवणस्सइकाइया पत्रा णतगुणा २५ । बादरपात्ता घिसेसाहिया २६ बादरयणस्सइकाइया उपात्तमा सखियगुणा २७ । बादरपयतया विससाहिया २८ । बादरा विमसाहिया २९ । सुऊमयणस्सष्ठकाइया पता सखि ०३० । सुमष्पाप्तगा विससाष्टिया ३१ सुऊमषणस्सष्टुकाष्ठया पतप्तगा सख० ३२ । सुकमपन्नगा विमसाहिया ३३ । सुकमा सिसाहिया ३४ दार ४ । एएसिण जते । जीवाण सजोगीण मणजोगीण ययजोगीण कायजोगीण जोगीणय कयरे २ हितो ष्णुप्पावा यऊयावा तुम्लाषा विसेसाहियाथा ? गोयमा । सइत्योवा जीवा मणजोगी घयजोगी ‍ सखेतगुणा जोगी श्वणतगुणा कायजोगी णतगुणा सजोगी विसेसाहिया, दार ५ । एएसिण जते ! जण दगाण इत्यीवेदगाण पुरिसवेदगाण नपुसगघदगाण वेदगाणय कयरे २ हितो छप्पावा ४ 0 का १८ । पर्याप्तमतेजस्कामिका सख्ययगुवा १८ । पर्याप्तसूक्ष्मपृथिवीकायिका विपाचिका २० | पर्याप्तसूरमाहायिका विशेपापिष्ठाः २१ पर्यातमवायुकायका विपक्ष २२ । पर्याप्तसूरममिमादा पसरूपगुवा २३ । पर्याप्तमनिगादाः साः २४ । पर्याप्तवादरवनस्पति कायिकाला २५ पर्याप्ता बावरा विशेपालिका २६ पर्यासवाट रवनस्पतिकायिका चसमा २७ पयोमा दादरा विद्येपाचि बा २ वादरा विज्ञापिका । अपर्याप्तसूक्ष्म वनस्पतिकाविका प्रसहा ३० मूहमा पर्याप्ता विशेषाधिका ३१ । पर्याप्ता सूचमवन Seafootfuer: terrवा १२ । पर्याप्ता मा विपाचिका ३३ । सूक्ष्मा विपाधिका ३४ द्वारम् । ४ । वपा प्रदन्त । जीवाना सयोगिनां मनोयोजना वाग्यागिना काययोगिमा प्रयामिना च तर कतरेभ्याऽल्पा वा ४ गौतम । सुवस्तोष्ठा जीवा मनोपामिनो वाथ्योगिमा स्पेय गुवा प्रयोगमाऽनन्तगुफा कापपाणिमो मन्तगुवा सयोगमा विशेपाधिकाद्वारम् । ५ । एतेया प्रदन्त । चोवाना सवेदताना जीवेदनामा I Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ : यादरतसकाउया थपजत्तया शसखिज्जगुणा ३ । पत्तैयसरीयादरवणस्सहकाडया पज्जत्तया शसखिज्ज गुणा । यादरनिगोदा परमतया शसखिमगुप्मा ५ । बायरपुठविकाठया पत्तया शसंखेज्जगेणा ६ । बादरशाउकाइया पज्जत्तगा शसखिजगुप्मा ७। बादरवाउकाइया पज्जतगा शसोज्जगुष्पा ८। यादरतेउ काइया एपज्जप्सया शसखिजगुणा ९ । पत्तयसरीषादरयणस्सहकाइया थपज्जत्तया शसखेज्ज०१०। घादनिगोदा थपत्तया शसखे० ११ । यादरयाउकाहया शपज्ञप्ता शसखे० १२ । यावरयाउका हया थपअप्ठया आसखे० १३ । बादरघाउकाइया आपत्ता शसखे० ११ । सुजामउकाष्ठया थप तया यसखेनगुणा १५ । सझमपुढविकाइया चपात्तगा विसेसाहिया १६ । सुजामथाउकाइया थप आचगा विसेसाहिया १७। सुजमबाउकाइया थपऊप्पया विसेसाहिया १८ सामवेतकाच्या पंञ्जठिया संस्सि०१९ । मनमपुढषिकाहया पजत्तमा पिसेसाहिया २० । सुमधाईकाइया पजतगाविससहिया सुचमवाउकाइया पज्जत्तया प्रिंसेसादिया स्वासुकामनिगोदा पज्जतया मुखसखसराप भनिगोष्ठ [संपा । पासपोपपरवारीपतियाविका सम्मानमा पतिवादरनियोरा सपगुवाः ५। पर्याप्तवाररपपिचापिया पासवादरामाविका मस्येपनुशापर्याप्तबाहरबाभुवापिका संपनुषा । पर्याप्तबारितेवस्थापिका सस्पनु अपर्याप्तमस्यधारीरबारिवनस्पतियाविया परस्पबार अपर्याप्तबादरनियोरा पसपमुखा पर्याप्तगरपाबाविद्या रेयगुवा १२पर्याप्सबाररापापिया सम्यनुनाबपोतबादरवापुवापिका बारपनुवा। पोसपूमतेचस्वाक्विा पक्ष अपर्यापूमपचिळवामिया मिचापिकापोतपूजामानिमा विशेषाधिकाचोमवानुवार्षिा विपाधि R vNA Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सम्मामिच्छदिष्ठीण घ कयरे कयरोहितो छप्पावा ? गोयमा । सछत्योया जीवा सम्मामिच्छविठी, सम्म दिठी आणतगुणा मिच्छदिष्ठीशणतगुणा, दार ९ । एसिण नते । जीयाण शानिणियोहियणाणीण सुयणाणीण चहिणाणीण मणपझावनाणीण केवलनाणी णय कयर कयरेहितो शप्पावा? गोयमा । सछ स्योया मणपजवनाणी महिनाणी अस० यानिणियोहियनाणी सुयनाणी दोयि तुला विसेसाहिया केव लनाणी आण । एसिण लते । जीवाण महशणाणीण सुयशणाणीण विनगनाणी गय कयर कयरहितो शप्पाया। गोयमा । सहयोवा जीवा विनगनाणी महशुन्नाणी सुयशनाणी दोषि तल्ला शणतगुणा। एपसिण नते । जीयाण शानिणियोहियनाणीण सुयनाणीण हिनाणीण मणपावनाणीण कंवलनाणी ण मतिश्शनाणीण सुयशलाणीण विनगनाणोणय कयरे कयरहितो थप्पाया४ ? गोषमा । सहयोवा भ्योऽश्पा वा ४. गौत्तम । सस्तोका जीवा सम्पग्मियाप्पिन सम्यग्दृष्टिमोमगुवा मियादृष्टिकोनमापुणा द्वारम् । एतेपा प्रदन्त ।। जोवानामामिमियोपबचानिमा मतानिनामपिचामिना मम पयवामिना केवलचानिमा चक्तरे पतरप्योऽम्पा वा" गौतम । सषस्तोता, मम पर्यपधानिमो ऽषितानिनोऽसस्पगुवा पाप्रिमिषोभिवतामिम अनचानिमय द्वापि तम्पो विद्यपाधिको केवमचामिनोऽमसयपाः। एते पा प्रदन्त । मत्यचामिना जीवाना भुताचानिमा विभचामिनायतरे तरंम्योऽस्पा वा ४१ पौतम । सवस्तोवा जीवा विनमचानिनो मत्य शामन मुतामानिमयावपि तस्यौ भनागौ। एनेपा प्रदन्त । जोवाना पाानियोपिकमानिनो चुतचानिमामवपिचामिना मनापययात्रा मिमा मानिना मत्यजामिना भूताचालिना विचामिनाम पतरबतरण्याऽस्या वा गोतम । सवस्तोका जीवा मम पययचामिनोव पिमानमोऽसस्पगुमाः पानिामबोधिषशामिनः मुषचामिनयोपि तस्यौ विशपाती, विमचानिनो ऽसव्यपगुवाः फेवसानिमालय Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ? गोयमा । सहयोषा जीवा पुरिसवेदगा इत्यावेदगा सखेनगुणा , वेठगा शणतगुणा नपुसगदगा शणतगणा सधेयगा पिससाहिया , दार ६ । एएसिण जते । जीवाण सकसाईण कोहझसाइण माणक साइण मायाकसाइण लोनकसाईप कसाईणय कयरे कयरेहितो छप्यावा? गोयमा । सहयोया जीया श्वकसाई माणफसाइ शपतगणा, कोहफसाई बिसेसाहिया, मायाकसाइ विससाहिया, लोनकसाई थिसेसा हिया, सकसाई घिसेसाहिया, दार ७ । एएसिण नते । जीवाण सलेसाण किराहलेसाण नीललेसाण काउ लेसाण तउलेसाण पम्हछेसाण सक्कालेसाण थलसाणय फयरे फयरेहितो थप्पाधाप? गोयमा। सदस्योषा जीचा मुक्कालेसा पम्हलेसा सखिज्जगुणा तेउलेसा सखिज० शलेसा थणतगुणा फाउलेसा शणतगुणा नीठ प्लेसा पिम्साहिया फराहलेसा विसेसाहिया, दार ८। एएसिण नसे ! जीघाण सम्मदिठीण मिच्छादिष्ठीण पुरुपवदवाना नपुसवदवानामवेदवानाच पतरे बतरेयोपा पा ! गौतम । पर्वखोजा बीया पुष्पवेदना जीवेदना संगपगुमा प्रवेषा घमन्तपुवा नपुंसक्यपणा अनन्तगुवाः सवेदमा विशेषाधिका द्वार । एका मदन । जीवानां पामिना पापिलो मानवपाषामा पाचपापना सोमववापिना पबवापिना बारे बरेभोपाल मौतम { सोct पापा मादयत मलगुलान पपापिनो विवाषिता मापाचपायिती मिल पायाभेषाषिया मालयिनी चार्षिका बारम्।। एतवा परन। जीबाबा पसापानी जमरणजीनीयमिबिगितलीयामा तेबोधिामा पर्वतापानी मायामा बसोपान र तरबतरेयोऽत्पा वा सोचावाची नासपा पटोसोयाः संग मोलाचा तपशुबा पोपा अनन्तनुका बायोतमेपा बनानुबाबा स्वेदयानिधिका उपापा विवाधिकारोबारम् ।। पवेरा प्रपन्च । सम्पष्टिना मिथ्याशिमा परिचाहिनां सरेवर - - Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सम्मामिच्छदिष्ठीण घ कयरे कयरोहितो थप्पावा ? गोयमा । सम्छत्योवा जीवा सम्मामिच्छदिछी, सम्म दिठी शणतगुणा मिच्छदिष्ठीशणतगुणा, दार ९ । एसिण नते । जीयाण थालिणिवाहियणाणीण सुपणाणीण चहिणाणीण मणपज्ञाधनाणीण केवलनाणीणय कयरे कयरोहितो शुप्पाघा? गोयमा । सछ त्योया मणपजावनाणी डिनाणी स० शानिणिघोहियनाणी सुयनाणी दोषि तुल्ला विसेसाहिया केव लनाणी शण । एएसिण जते । जीवाण मइशणाणीण सुयशपाणीण विनगनाणीणय कयरे कयरेहितो शप्याया? 2 गोयमा । सहयोवा जीधा यिनगनाणी महशनाणी सुयशनाणी दोवि तम्ला शणतगुणा। एएसिण नते । जीयाण शानिणियोहियनाणीण सुयनाणीण हिनाणीण मणपडावनाणीण कंवलनाणी ण मतिशनाणीण सुयशलाणीण विनगनाणीणय कयरे कयरहितो शप्पाया? गोममा । सहयोवा RRENI.CARRomamarapaem भ्योऽस्या वा ४१ पौत्तम । सवतोबा चौवा सम्पग्मियादृष्टिन सम्पवृष्टिमोमसगुणा मिथ्यावृष्टिमोमम्तमुणा वारम् ।। पतेपा प्रदन्त ।। वीवामामामिनियोपियामिमा प्रतवामिनामपिचामिमा मम पयवसानिमा केवलचानिमा चक्सरे तरन्योऽश्या वापौतम । सपनोवा मन पयपचामिमो ऽवापानिमोऽसस्पगुवा पानिमियाषिवचामिम मनचानिमहावपि तम्या विद्यपापिकी फेवसानिमोऽमन्तगुणाः। एते। पा प्रदप्स । मत्यचामिना बावामा मुताधानिमा विभचामिना चकतरे बत्तरप्योऽस्पा वा ४१ पौतम । सवतोबा जीवा विप्रमचामिनो मस्य जानम' मताचाममायपि तुल्यौ मनसगो । एतेपा प्रवन्त । पोवामा पानियोषिक्षचानिना चुतचानिमामवपिशामिमा मनापययात्रा = मिना बायमचानिमा मत्यचामिना बुताचामिमा विनवामिनाम पातर इतरेज्याऽस्या वा ४, पौत्तम । सवस्तोया जीवा मन पपयवामिनोऽव चिचामनाऽसस्यनुगा पाप्तिानयोपियामिमः खुपचामिमवोपपि तस्यो विषपााची विनमचानिमो ऽध्ये पमुगाः वसधानिमोमल Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ fter मनाणी dहिनाणी बसवितगुणा, ष्वानिणियोहियनाणी सुयनाणीय दोषि तुल्ला विसेसाहि या विज्ञगनाणी खेज्व० केवलनाणी छणतगुणा महस्राणी सुयष्यन्नाणीय दोषि तुल्ला विससाहि या, विन्नगनाणी छसखेत०, केवलनाणी प्रणतगुणा महस्राणी सुयष्याणीय दोषि तुल्ला खणतगु णा, दार १० । एएसिण जते ! जीवाण चस्कुदसणीण चरकुदसणीण तहिदसणीण केवलदंसणीणय क यरे कयरेहितो ष्वष्पावा४ ? गोयमा ! सत्योषा जीवा चहिदसणी धस्कुदसणी ध्यासखेड्यगुणा, कंवलदंस णी वतगुणा चस्कुदसणी णतगुणा, दार ११ । एएसिण नते ! जीवाण सजयाण सजयाणं सज मासप्रयाण नोस जयाज नोट्सजयाण नोसजयार जय कमरे२ हितो पप्पावा ४ १ गोयमा ! सस्पोषा जीवा सजयासजया ष्पसजया ष्टासखेागुणा, नोसलता नोटाजता नोसलतासजसा खणतगुणा, खसन ता ध्वणतगुणा, दार १२ । एएसिण नवे । जीवाज सागारोवउत्ताण घृणागारोवठष्ठाणय कयरे २ हितो नामनि दिनिमोमन्तसुखाच बुवा बस्यानिनः सुताचानिलो डामपि तुपावनम् ॥ ९९ ॥ एतेषां ज्योऽल्पा था। पौटन वर्षको जीना प्रवि मोः। द्वारम् । १ ते बरे a संतानतानां मोघवं बतानां मोतायत सर्वतोवा जीवाः समता संपतातयता धक्यमुखाः मोहबता मो संपता मो बंगतायता [पतामचा: । द्वारम् । १२ । यसमा घटत जीवानां शाकारोपधीनयुवामा मनाकाशं पयोगयुक्तानां च कतरे कतरेयो रोमा १ पौष । लोका जीवा बनावापयोऽयुच्या काकापोचखाः [धनुषा] १३ । एतेषां दीवार Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ थप्पावार ? गोयमा ! सवत्योधा जीघा शणागारोषउष्ठा सागारोषउता सखिमगुणा, दारं १३ । एए सिण नते ! जीवाण थाहारगाण आणाहारगाणय कायरे२ हितो थप्पावा? गोयमा! सहयोषा जीवा शमाहारगा थाहारगा शसखिजगुणा, दार १४ । एएसिण नते ! जीवाण नासगाण शनासगाणय क यरे कयरहितो थप्पावा यमयावा तुल्लाया विसेसाहियाया ? गोयमा ! सहयोषा जीया नासगा थाना सगा शुणतगुणा, दार १५ । एएसिण नते । जीवाण परिप्ताण परिप्ताण नोपरिष्ठा नोयपरित्ताणय कपरे कयरेहितो शप्पावा ? गोयमा ! सहयोवा जीधा परिक्षा नोपरिप्ता नोवपरित्ता थणतगुणा शपरिप्ता शणतगणा. दार १६ । एएसण त्नते! जोधाण पजाताण छपाप्ताण नापजात्ता नायपत्ता णय कयरे कयरोहितो थप्पाया?? गोयमा ! सइत्योबा जीया नोपजतगानोशपजाप्तगा थपत्तगा श्रणतगुणा पत्तगा सस्तेजगुणा । एएसिप्प नते ! सुजमाण यादराण नोसामाण नोवादराणय कयरे२ बामामनाचारचामा बत्तरे तरेभ्योपा वा ४१ पौतम । सर्वतोमा बीवा पनाहारवा पाहारवा असस्पषणा । पारम् ।१४। एतेषां मद म्त । बीमामा प्रापबामामप्रापचामा चतरे उतरेयोपा वा तुस्या वा विशेपापिया वा गौतम । सवसोबा श्रीवा मापका समापबाम मसगुणाः । द्वारम् । १५ । एतेपा प्रदन्न । जीवामा परीतानामपरीतामां नो परीतामा मो परीक्षामां चतरे पतरेयोपा वा गौतम | सातोबा बोवा परीता नोपरीता नो पपरीता बसनुमा पपरीता पसगुवा ।द्वारम् । १६ । एतेपा भवन्त । जीवाना पर्याप्तानामपर्याप्ता मा मोपर्याप्तामा मोबपर्याप्तामा चतरे गतरेयोपा वा ४ौतम । पर्वतोबा खीवा नोपयोप्तवा नो अपर्याप्तका अपर्याप्तमा आमन्तगया। पर्याप्तमा सत्यगुवा । एतेपा प्रदा ममाता बादरारा मोसूक्ष्माना नोवादराम चबारे पवरम्योपा वा ४ापौतम | सवनोबा जीवा Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ हितो थप्याया?? गोयमा ! सइत्योया जीवा नोसुजामा नोयादरा, यादरा एणतगुणा सुजामा शसखे ज्वगुणा , दार १८ । एएसिण नते । जीवाण सक्षीण शसन्नीण नोसन्नीणनोशसनीय कयरे कमरे हितो थप्पाषा ? गोयमा ! सचत्योषा सन्नी नासन्नी नोसन्नी शणतगणा, सन्ती छणतगुणा । दारं १९ । एएसिण नसे ! जीवाण नसिछियाण शनयसिझियाण नोनवसिथियनोचनवसिरियाणय फयर फपरेहिलो शप्पाषा ? गोयमा ! सदस्योषा एनसिझिया मोलवसिठिया, नोयनवसिधिया थपसगुणा नबसिछिया थपतगुणा , दार २० । एएसिण नते । धम्मत्यिकायश्चम्मित्यिकायचगास यिफाय जीवत्यिकाय पुम्गलत्यिकाय थक्षासमयाणं ववठयाए फयरे कयरेहितो थप्पावार ? गोयमा! घम्मत्यिकाए थधम्मस्थिकाए यागासयिकाए एए तिविधि तुला वठ्याए संहस्योषा जीवत्यिकाए वध को सूक्ष्मा नो पावरा, बारा बनवयुवा पूजा बलमपुर । प्रारम् । १५) पोको प्रवन्ध लीवाना बलिया भूमियो को दो पसचिनाज मरें कतरेभ्योऽपामा पोवन । पसंतोषा मितो गोवामानो नो xeimegमानोपनहारना पवेषां प्रपद वामा प्रतिनिधानानामगिग की मासिक नोपामितिमा नरेन्योअनौतम । सो जमवविसिवानोपवसिरिया तोचविवि विविधतीहारम् कारवेषा मरताप तिवायापाखिवाया पाबालियापीपालिकापतीतिबायारासमपाना मामा कतरे परयो अपाबा, मौतम । पोखिचापोचोतिबाप भावाशा सिकाए सुला मावा खोला, चौमास्चिायोमायतमानानुस पदलासिवापोद्रमाचपाउनसमुचीमाबममी माता भुका पता भरच पोचियापापनारिखवावाचायाचियापचीपारिवायापाचिकामाबाबममाना मदेवाचा परेवरेन्यो A Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ठाणन्तगुणेपालत्यिकाए दष्ठष्ठयाए छणतगुणे पासमए दया छतगुणे । एएसिण नंते ! धम्मत्यिका यष्यधम्मस्थिका यया गासत्यिका यजीवत्थि काय पोग्गल स्थिकायष्यासमयाण पदंसष्ठयाए करे कथहितो ष्यप्पावा४ ? गोयमा । धम्मत्यिका धम्मत्यिका एएसिण दोषि तुल्ला पदेसठ्याए स स्योवा जीवस्थिकाए पदेसठया वणतगुणे पाग्गलस्थिकाए पदंसठयाए णतगुणे श्रद्धासमए पदेसठ याए प्रणतगुणा वागासत्यिकाए पढ़सठाए णतगुणा । एएसिण जते ! धम्मत्यिकायस्स दइयाए पदे सष्ठयाए कयरें कयरहितो प्यावा बऊपाया तुल्लावा विमसाहियाया ? गोयमा ! सइत्योया एगे धम्म यिकाए दाए सोचष पदसठयाए ष्ठास खिजगुणा । एएसिण जते । श्वधम्मस्थिकायस्स दवठयपठे सठया करे कपरेहिती अप्पावा४ ? गोयमा । सत्योत्र एगे धम्मत्यिकाए दयाए सोचेत्र पढ़े सष्ठयाए सखिगुण । एतस्सण जन । यागासत्यिकायरस व पदसठयाए कयरे कयरहितो पप्पावा४ ? गोयमा । त्योव एगे वागासत्विकाए दइयाए सोचेय पदंसष्ठयाए नतगुणा, एतस्सण नते ! seपा वा ? पौतम । धर्मातिकायाधमकियों द्वाप्येतौ तस्य प्रदेशार्थतया सर्वलोको जीवाशिवाय प्रदेशातयामप्तगुवा पुस्तास्ति कायदा पास गुवो ऽङ्घा समयः प्रदेशातयामतपुर काकासालवायः प्रदझार्यतयागतगुढ । अस्य भदन्त । धर्मास्तिवापत्य च याचतथा प्रदेशातमा कतर कतरम्योऽपा वा ४ गौतम सवस्ताब एको धर्मान्तकाय प्रदार्थतया स एवानन्तगुरुः । थस्प प्रदन्त धर्मास्तिकायस्य द्रव्याचतया प्रदेशातया कतर कतरज्योऽरूपा वा ४ गौतम सवतोच एकोऽयमतिवायो द्रव्याचेतमा सव प्रदेद्यातपा सस्यमुच । एवस्य प्रदन्त । प्राकाशास्तिकायस्य द्रव्याममदशा तथा कवर कवरेज्योऽस्पा वा ४ गौतम | सब लोक एक भाकाशाखिकामो Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जीविका दपदे सहमा कपरे कमरे हितो छप्पाषा ? गोयमा । सइत्योषे जीवत्यिकाए दक्ष सांधे पसाए सखियगुणा, एतस्वण जसे । पुम्गउत्यिकायस्स दठपदेसठ पाए कयरे २ हितो वप्पात्रा४ ? गोयमा । सत्याया पुम्गलत्यिका पाए सोधेव पदे सहयाए एस खिगुणा शाम ण पुच्छित पदसानाषा । एएसिण जते । घम्मत्थिकाय घम्मत्यिकाय यागासत्यिकाय जीय त्यिकाय पोग्गलत्पकाय वासमयाण दहयाए पदेस याए कमरे कयरेहितो पप्पावा४ ? गोयमा ! धम्मस्थिकाए ष्यधम्मस्थिकाए श्वागासत्यिकाय एएण विशिषि तुल्ला, वठया सइत्योवा धम्मस्थिकाएँ ष्य्धम्मस्थिकाएय एएण ढीस्पिषितुल्ला पदेसठ्याए यसस्तेयगुणा, जीवस्थिकाए दयी पतगुणे सो 'चय पदसठमाए एसखिङ्गुणे पोग्गल स्पिकाए दष्ठपाए जसगुण सोय पठाए यसखेागुण ब्यापतया सव प्रदेशाचंतयाऽमन्तमुख एतस्य प्रदस्त जीवास्तिकायस्य ferer को इवार्थमा सएव मायेच्या उपमुखः । पव भदन्त । | मौतम । सर्वस्तीक पुलातिका व्यापा featureर्माशिकायामालिका गावि पति तथापि लालिम सर्वो तज्य mistettunt तर यो अपा ४ ? मौत | य प्रदेशः चतयाऽसमय । पुद्रसातिवायो इयायेतामन्तः पथ प्रदेशा चर्मातापोषनाशवाय पतौ हापि तुलौ प्रदेशार्थ समय पार्थप्ररेक्षाचतपाऽमुखः । श्राशादिका मतल Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ छहासमा दक्षठपदेसष्ठया शुणतगुणे शागासत्यिकाए पदेसष्ठयाए शणतगुणा दार २१ । एएसिण नते। जीवाण चरिमाण शुचरिमाणय कयरे कयरेहितो शुप्याया? गोयमा । सहयोवा जीवा शुचरिमा च रिमा शुणतगुप्मा दार २२ । एएसिण नते । जीयाण पोग्गलाण थक्षासमयाण सछदछाण सहपएसाण सहपाबायण कयरे कयरोहितो शुप्पावा ? गायमा । सम्वत्योया जीवा पोग्गला शणतगुणा शहास मया शुणतगणा सचदमा विसेसाहिया सन्चपदसा शणतगुणा सापडावा शणतगुणा दार २३ । खित्ता णुयाएण सम्म त्योबा जीवा उठलोयतिरियलोए शहोलोय तिरियलाए यिसेसाहिया तिरियलाए यसखि आगुणा तेलुक्क शमखेागुणा उहलोए शसखेडागुणा शहोलोए विसेसाहिया, खेप्शाणुवाएण सहयोवा नरडया तलुको थहोलीगतिरियलोग सखेज० थहोलोए शसखेडागुणा । खेत्ताणुषाएण सछत्योवा DN020 मा परमादामघरमावा चकमर बतरेभ्योऽपा वा ४१ पौतम । सवस्तोमा जीवा पचरमाचरमा समाप्तगुवा द्वारम् । एतेपा मदत जीवामा पुदनानामहासमयाना सवतव्याचा सवप्रदशामा सवपयवाना चबतरे गतरेयोऽस्पा दा ४.गौतम । समस्तोबा जीवा पुदमा प्रन भगवा पदासमपा पमन गुणाः सवद्रशापि विशेषापबानि सवप्रदेगा चमतगुणा सवपयवा पनसगुणा । द्वारम् २३ । क्षेत्रामपातन सबस्तो बाजी सावलियम्साघमोलाबतियमा विज्ञपापियास्तियम्साघे सस्पमया सापऽसस्पगुणा असतोऽसपगुवा समाप्तोश वि. अपाधिका शानुपातम पस्तोमा नैरपिकालाप पोलारतियाखोस ऽसपपगुवा अचानोक पसरयगुवा । पेत्रामुपातम सबलाबारत पग्यामिक्षा अर्जुनातिपेसाबमालाबत्तियम्सोकावधपापवयम्सोकसमगुणा सोक्प सरपगणा असुमो पसस्पगवा घोसो विक्षेपाश्मिा । जानुपातेम सवस्तोबास्सयपामिका असलोनसावायम्सोके पसरपणा सोक्ये ऽसम्पगुसा अघोप्तोतियस्तो सध्ये Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तिरिस्कजोणिया उद्द्वलोयतिरियलोए होलोगतिरियलोए बिसेसाहिया तिरियलोए यसखेड्यगुणा, ते लुक्के व्यसखयगुणा उदुलोए यसस्थि० छहोलोए विससाडिया, खेप्ताणुषारण सत्योवा तिरिरक्कजो fund उलए उठलो सिरियलोए सखेा०, तलुक्क यस खेज्ज० होलोयतिरिठोए सखितगुणा ष्यडोलोए सखज्यगुणानुं तिरियलोए सखिनगुणा स्वप्ताणुवाएण सत्योषा मणुस्सा तलुक्क उदुलोयतिरि यलोए सखेखगुणा ष्टाहोलोयतिरियलोए सखिनगुणा थडोलोए सखेागुणा तिरियलोए सखेळ गुणा । खेष्टाणुषाण सहयोवाच मणुस्सीच ते उप्लोयसिरियलोए संखेलगुणात होतोयति रियलोए सखे गुणा उप्पलो सखेनगुणा छडोलोए सखज्ज० तिरियठोए संखेत, खंत्ताणुवाएणं सत्योवा देवा उटुलो उडलोयतिरियलोए सगुणा तेलुको यमखेयगुणा घोलोए तिरियलोए यसंखेज्ज० यमुखा ऋषीलो संख्पगुवा स्तियलोके समतुकाः। क्षेत्रामपातेन सर्वतोबा मनुष्याल न्लोड सक्ष्येपयुवा अथोसोके संक्या मिलोस क्युवाचानुपान मनम श्रीमतिस्तोये सममुखा हसीचे संतीचे भोपाली उत का देवी ही होता है अगुवा सीपे स्वियम प्रपात सर्वतोप्रथममथिदेवा लोच लोकति वेम्पो ऽपवा चोलो पनुवार चायुपायेन परीक्षा भवनानि सोदिय तोबा देव लोके सोबत विमुखा तिकोणे शक्यमुखाः । चत्रानुपात बबस्वो अमोलोब तिम्लो कपडा चोलोके लोकलियमलोके उसका रिव विषयमा सोच Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ F छहोलोए सखिजगुणा तिरियलो सखिजागुणा खेताणुयाएण सहयोया देयो उहलोय उद्दलोए तिरियलोए शुसखेगुणा तेलुक्के सखेजगुण छहोलोयतिरियलोए यसखेजगुणा शहोठोए संखे जगुणा तिरियलोए सखिजगुणाल खेमाणुयाण मम्वत्योषा नषणयासीदेवा उहलाए उहुलोयसिरियलोए यसखेझगणा तेलुक्क सखिजागुणा शहोलोयतिरियलाए शसखेडागुणा , तिरियलोए शसखिजगुणा थहोलोए सखेत, खप्ताणुयारण सहयोवा नषणवासिणो दयी उहलोए तिरियलोए यसखि०, सेलक्क सखे जागु'मा शहोलोए तिरियलोए सखेस०, तिरियलोए शसखिका. थहोलोए शसखिज० खेसाणवाएण सहयोषा वाणमतरादेवा उप्नुलोए उहलोयतिरियलोए श्वसखिआगणा, तेलक्के वसखिका. थहोलोए तिरियलोए यसखेजगुणा शहोलोए सखेडागुणा तिरियलोए सखिजा, खेप्ताणुवाएण सइत्यो पपासोतियो- सम्पमुखातियातोब Seपगुणा ज्योसोब पसरपगुवा । जानुपातन सस्तोबा वामपतरादा घरमो कालो तपासो ऽसम्पमुखा बसोक्ये ऽसमका पालामतिपम्लोक सस्यमुपा ज्योतीचे सत्यगुणालियम्सो सम्यगुणा । त्रापान सर्वतो' बाबाममों दब बसुलोष सातियता पस्यमुषा लेसोक्ये सम्पगुणा पथोलोवायलोके पाल्पा पासो सम्पगवा शिप सो कम्पपुवा सेवान पातम सबकोला पोतिया दवा कासोने कासावतिर्यम्सोड सस्पगुवास्पैमोरपे सरपगुणा पासोतियालाय ऽसनुसा पोसाकम्पयगया तिर्यग्नोक पक्षस्पगणारा खानुपातेन सर्वशोका पतिपय कईसो खासाकतियप्लोब सरपगुणा बजे साप सापमा पचासातिपासोक सायगुणा पोतोक सस्पगुवा लियासोने पसस्पगुण । सामुपातम मसाबा वैमानिका देवा पर ताविपतो तोप सम्यगुण पालोकापरसोडे सस्पा पोशासपगुष्ठा सिपमा सस्पेपगुलामखो अपणुवयवान Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ तिरिस्कजोणिया उडलोयतिरियलोए छहोलोगतिरियलोए यिसेसाहिया तिरियलोए यसखेडागुणा, ते लुके शसखेलगुणा उहलोए शसखि० छहोलोए पिससाहिया, खेताणुवाएण सहयोवा तिरिस्कजो णिणी उहलोए उप्लोयतिरियलोए सखेज०, प्लुक्के शसखेज वहोलोयतिरिलोए सखिजगुणा । शहोलोए सखजगुणा तिरियलोए सखिजगुणा खप्ताणुवाएण सछत्योषा मणुस्सा तंलुक्क उहलोयतिरि । यलोए इससेनगुणा छहोलोयतिरियलोए सखिजगुणा शोलोए सखेगुणा तिरियलोए सखेजगुणा। खेप्ताणुषाएष सहयोवान मपुस्सी तेलुको उहलोयतिरियलोए सखेजगुणा शहोलोयतिरियलोए ससे जगुणा उहलोए सखेडागुणा छहोलोए सखजज० तिरियलोए संडा० , खंचाणुवाएणं सहयोवा देवा उप्लोए उहलोयतिरियलोए शसस्त्र अगुणा सेयुक्ने सखेगुणा बहोलोए तिरियलोए थसंखेका पण पीसा पगुवा स्तिपम्तीचे सस्पगुमाए । भानुपातेन सस्तोबा मनमा लोप, अरेसीपतितो संपए मोतीदिन होम हस्येवममा पोसीसंख्या सिरप्शवण्मुसार चानुपाते पेवरसतिया रिपोच सोबतिसोचे समपमा साये संस्मता भाजप पारितोय मापनपतिस्तोबा देवालो गासोबति सोलार उसपनुमा सोको जालो तपोवन बालकनुमा क्लिपबोथे सवपनुपाः सनुपातम पस्तो कारवर कामाशीपतियातीसगवासोक्यमुच्चीसोबासपम्होरक्यनुवा चोहोचेपमुकास्तकोष मनु नुपातमतोमा भवनवासरेवा खाना नोतियोऽयमुना खोये सपनुवा चोखोतिबन्सोको मनुवा वित पुप्तांग आमुचा चोक पपपुवामामुपागमतीमा मानवाधिम्बोरेनबो विषयाचे मग सोने चला . ASAN.. Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ • सत्योषा एगिदिया जीधा उहलोए तिरियलोए, छहोलोयतिरियलोए घिसेसाहिया, तिरियलोए स खेडागुणा, तलकं स० उष्टुला सगुणा होली विममाहिया । स्वसानुयाएण सत्यवा गिया जीवा पानगा, उहुलायसिरियलीए छहोला ए सिरियलोए विससाहिया, तिरियलाए यस स्वगुणा तक्के प्रसखेागुणा, उहुलाए सखिप्रगुणा महालाए त्रिमसाहिया । खेत्ताणुयाएण सत्याया एशिया जीवा पचत्तगा, उहुलोयसिरियलोए होलोयतिरियलाए विमसाहिया, सिरियलोए श्वसस्वज्यगुणा, तलुक्क ष्य सखेागुणा, उटुलोए सगुणा, हालीए विमसाहिया । संप्ताणुषा एण सत्याया बहूदिया उदुलाए उद्बलायसिरियलोए यस आगुणा, तलुक्क अस०, अटोलीए तिरियलाए मगुणा पटोलाए सखगुणा, तिरियलोए सखगुणा । खेत्ताणुत्राएण सत्योया बेहदिया ष्य पप्तया उटुलाए । उठलाय तिरियलोए सस्वगुणा, तलुक्क सखे गुणा, हालायसिरियलोए स खजगुणा, पालीए सखे०, तिरियलोए सस्खे ० । स्वेताणुयाएण सत्यावा बेहदिया पज्यतया उहलीए उ हुलायतिरियलोए ष्पसस्वज्यगुणा, तलु श्रमखागुणा, छहोलोयतिरियलाए प्रसज्यगुणा, यहोली ए सखेागुणा, तिरियलाए सखेागुणा । स्वत्ता गण समस्याया तद्वदिया उदुलोए उलोयतिरियलो गया थालोकातपग्लाफ ऽसयनुवा प्रधानो मस्तियन फ मगवाः । देवानुपान सर्वताका दीन्द्रिया अपर्याप्तकावशा अध्यावलियामा एक्यबाला सक्ष्यमुवा पासोलियम के उमक गया अपोलोक सहन या स्तिर्यलोके समवाः । क्षेषामुपाम बस्ताका द्रापयातका अध्यलाक अध्यक्षा कवियग्लामा सफा लोकपक्षपगुवा प्रधालोकविर्यलोके सरूपगुवा अपोलोके समय " , , Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ घानुं षाणमतरोनुं देवी उहुलोए उलोयसिरियलोए सखिखागुणात ते सखिज्गुणाच घडोलोए तिरियलोए ष्यसखित' होलीए सखि० तिरियलोए सखितगुणा स्वप्ताणुयाएण सत्योवा जोइ | सिमा दया उदुलोए उहुलोयतिरियलाए श्वसस्थित तेलुक सगुणा होलोएतिरियलोए सखिय गुणा छ होलाए सम्बेगुणा तिरियलोए एसखवगुणा खेप्ताणुयाएण सत्योत्रा ओइसिणी देवी उलोए उठायतिरियलाए सखा गुणान वेलुक सखेखगुणाच यहोलोयतिरियलोए सखेड़ा, यहो लोए सखि० तिरिपलोए सखे प्लाणुत्राण सहयोया घेमाणिया देवा २००० उडलोयतिरियलोए सेलुक् सरखेज्ज० छहोलोपतिरियठोए सखिय० घडोडोए सखेागुणा तिरियलोए सखेखा० उष्ठोए यस खिल० स्खेसाणुधाएण सत्यवान घेमाणिणीच देवीच उठायसिरियलोए तलु सखेागुणाचे ‍ होलोर्याप्तिरिमलोस् सखिड्य॰ घोषोयसखेडा० तिरियलोए सखेा० उपलोए एससि० खेष्वाणुयापूर्ण क्यान्स 1 पाम पोका वैमानिक्यों देयलोसिस बुखावलोक्यमुखाना 1 वडा सोपे का ● द्विपीयोके धर्मोलोनगव एकेन्द्रिय बीमा का मोब स्वायमुवा जोग उतरपमुवा अधोलोके विशेाः । शेषा कपोताचे पोलाकालयका विद्याथिका तिमलोके उपणुका शोध प चोलोके विशेषपान कर्षखोका द्वीन्द्रिया सोविन्द्यो वा C Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ - - - -- - सवत्योषा गदिया जीवा उहलोए तिरियलोए, शहोलोयतिरियलोए विसे साहिया, तिरियलोए शस खेमगुणा, तलक्के शुस०, उहलोप शसखेजगुणा. शुहोली विमसाहिया। स्वत्ताणुवाएण सहयोवा एगिया जीवा शपज्जनगा, उहलोयसिरियलोए होलोए तिरियलोए विससाहिया, तिरियलोए शस ख आगुणा, तालुके आसखेजगुणा, उहलोए शसखिजागुणा , थहोलोए विमसाहिया । खेत्ताणुधाएण सश्त्याया एगिया जीवा पत्तगा, उहछोयतिरियलोए थहोलोयतिरियलाए धिमसाहिया , तिरियलोए शसखागुणा, तलुक्क शसखेडागुणा, उहलोए थसखेडागुणा, शहोलोए विससाहिया । खैताणुवाएण सइत्याचा बदिया उहलोए उहलायतिरियलोए शसखे गुणा, तलुक्के श्वस० , अहोलाए तिरियलोए शसखेडागुणा, शहोलोए सखेागुणा, तिरियलोए सखागुणा । खेत्ताणुवाएण सष्ठत्योधा येहदिया थ पजप्तया उहलोए । उहलायसिरियलोए सखागुणा , तलुक्क आसखेडागुणा, शहोलायतिरियलोए शस खजागुणा, पहोलोए सखे०, तिरियलोए सखे। खेताणुयाएण सहयोवा घेइदिया पजप्तया उहलीए उ हुलायतिरियलोए असखेडागुणा, तलुक्क शमखजगुणा, शहोलोयतिरियलोए शसखेडागुणा, शहोलो ए सखेजगुणा, तिरियलाए सखेडागुणा । खत्ताण धारण सत्योषा तेइदिया उहलोए उडलोयसिरियलो पुणा सामोपातपाताके SHyा पचोमोये सपनुका स्तियम्भक मस्पगमा । त्रानुपात सयेताजा वीन्द्रिपा पर्याप्तका अवलाव उपसालिसा सस्पग्णालाय Sमस्या पपासोतिपम क असर गा पपोतोब सरपगा सियम्सोधेसम्पनन । क्षेत्रामुपातम सबस्सोफावीन्द्रयाः पपातका ससाक ऊथसावठियम्सोकसमुवा लोपडसरपमा पासोतिर्योो उसयपगता अपोलो समय mpoNDREHORIODISED ADAR Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एस० । तेलुक्के शसखेजगुणा, शुधोलोए सखेगमा , सिरियलोए सखेजगुणा । खेताणुवाएण स छस्योया सेइदिया थपजप्तगा उहलोए उन्लोयसिरियलोए शसखेनगुणा, तेलुक्के शसखेनगुणा , थ होलोयतिरिपालोए छसखेडागुणा, शहोलोए सखेजगुणा, तिरियलोए सखेत्रगुणा । खेसाणुवाएण सह स्योषा तहदिया पसप्तगा उहलोए उहलोयतिरियलोए शसख गुणा , तेलुक्ने असखिल्गुणा, थडोलो एसिरियलोए यसखिजगुणा , थहोलीए सखिजगुणा, सिरियलोए सखिचगुणा । खेप्ताणुवाएणं सछ त्योषा घउरिदिया जीया उहलोए उहलायप्तिारपठोए सखेजगणा । तेलुको संखेगुणा, थहोलो यतिरिपठोए यसोजगुणा, थहोलोए सनेजगप्पा, सिरियडोए सस्त्रजागुणा । खेवाणुवाएप्प सहस्यावा घरिदिया जीवा अपवगा उहलोए, उहलोयसिरियठोए वसंखेनगुणा, तेलुको आसखेडागुणा, थ होठोमप्तिरियलोए शससंकगुणा, बहोठोए सलेमगुणा, सिरियलोए संखेजगुणा । खेवाणुधाएण सह गलिचो संसपुगानुपान लोबानीनिया पालो जामवादिलो तो आपापी नुका सिलीचे सोपवानुमान वीमनोसामा गाविसमा बुदलीयबासीसोवियेतो घर पर नित RSSयार पर्याप्तमा बसोचे समोर लापामासावरल्यनुनानियोलोसम्वेवामानामतोमा परिणि पानिपातोतियारिमामला चोलोतिर्यपसी सम्पनुवापोलो अपेपगुवा nिi) सपनुस । पावावेन बसोमावतुरिन्द्रिया भीमापोवा को बोलावतोपोनुवा तो भरमा Ans . 2947 स Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स्थोवा घउरिदिया जीवा पक्षात्तगा उन्नुलोए उहलोयतिरियलोए शसखेज्जगुणा , तेलुके थसखे जगुणा छहोलोयतिरियलोए शसखंडागुणा, शहोलोए सखेडागुणा, तिरियलोए सखे । खेत्ताणुवाएण सहयो या पधिदिया तलुक्क उहुलायसिरियलोए यसखेसगुणा, थहोलोए तिरियलोए सखेजगुणा , उहुलोए सखेडागुणा, थहोलोए सखेडागुणा , तिरियलोए शसखेडागुणा । खैताणुषाएण सहयोवा पचिदिया थप तया, तेलोक्त उद्गुलोयतिरियलोए शसखेडागुणा, शहोलोयतिरियलोए सखेजगुणा , उहलोए । सखेडागुणा, थहोलोए सखेनगुणा सिरियलोए सखिझगुणा । खेप्ताणुवारण समस्योवा पचिदिया पज्जता उप्लोए उहलोयतिरियलोए शस०, तलुक्त यस०, शहोलीयतिरियलोग सखेज० शहोलोए सखेडा० तिरियलोए यसखेडा० । खेत्ताणुयाएण सहयोवा पुढविकाइया उद्दलोयतिरियलोए थहोलोयतिरियलोए | घोसोबतियन्मोस पमस्सगुवा पपोतोके सरपपगुणा स्तियन्मोले सम्पपमुपा । बामुवातन सस्तोमावतारन्द्रिया वीषाः पर्याप्तगा कार्य साके अचसोतियनमा प्रसस्यगुवा सेलोको परस्यगुणा चपोसावतियानोक प्रसस्पेयगुवा पपासोबसंस्थयमुना लियबलोबेसम्पेयमणा । हामवातन सवलोमा पोन्द्रिपा सोपे उर्जुसोतियमोके प्रसस्पेपगुमा पाप्तोसतियवसाये सस्पेपगुणा ससुसी सरपेपपुवा ति पमा सस्पेयममा । क्षयानुवान सस्तोमा पचन्द्रियाः अपर्याप्तगा सैलोप बसलोबतियनोबे पसस्पेषगणा प्रपोमोतियकमा सस्पपगुवा बसाके सरपपगुणा प्रपोतोके सध्यपमुवा सिपमोक समयपगुणाः । क्षेत्रामुवातम सवतोमाः पदोन्द्रयाः पर्याप्ता ससुमो अनुमातियवसाय पसत्येपपुण सोये पसायपपुवा पीसोचातयशोव सम्पेयमुखाः पपोसाके सरपयगुणा तियालो घसस्पेयपु पात्रामवावन सपनोमा पचिवीजापिता बसोवतियवसाळे पपोसारतियनाक विशेषाापा, वियकृतोष असल्पगुवा लोक्ये Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | विसेसाहिया, सिरियलोए आसखेजगुणा, तेलको संखिजगुणा, उहलोए सखेनगुणा , अधोलोए विससाहिया । खेप्ताणुवाएण सहयोया पढषिकाहया चपळाप्तया उडलोयत्तिरियलोए शहोलोयतिरिय लोए बिसेसाहिया, तिरिमलोए छसखेजगुणा, तलक श्वसनेजगुणा, उहलोए यसखिजगुणा, थहो लोए विससाहिया। खप्ताणपाएण सहयोषा पुढधिकाढया पजप्तया उहलोए तिरियलोए सिरियलोयश्च होलाए विसेसाहिया, सिरियलोए शसखिज्जगुणा, तलुक थसखिमगुणा, उनुलोए शसस्त्रिजगुणा, यहो लोए विससाहिया । खेत्तामुवाएप सहयोवा छाउकाहया उडलोयतिरियलोए शहोलोयतिरियलोए वि संसाहिया तिरियलोए यसअगुप्मा , सके यसख नगगा , उहलोए शसखेजगुणा , थहोलोए विसे साहिया । सेवाणुधाएण सवयोवा घाउकाइया थपज्जत्तया उहलोपतिरियलोए थहोलोयविरियालीए पि सम्पनुका बलोब अमस्येपमुका मोतीये विश्वासानुवान पूर्वयोमा पमिवामिता मोता वीडतिर्षदीये । पोलोचत्तिपबलोच विमाविका विर्यबसोय पादपका सोपे अपना जनताले अपनबासी मानिस पान सर्वतोमा पवित्रीकापिका पोसतपा मनोचे तिमोज सिवनोबालोद जिला चमोगाचा पंपपुवा बनतो ग तिलोम प्राय जसोधातयक्तीचे चालोबतियन्तो विषावि तिरलोभनमोलको बनाया बोलीचे विवाहितेन तबतोमा पायोमतवा मनोविदलीय वातातियो विश्वाविया तिपल्लाचे अपेपनुवार तोक्मे पेपनु परसोये मोसोबोवारिका जानुपान पोबा माविका पोसवमा मनोतिनो विचमा मोसोपविष 20465 Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ साहिया तिरियलोए यसखेागुण, तेलोक्को ष्यसखेडागुणा, उहलोए श्वसख गुणा, छहोठोए बिसे साहिया । खप्ताणुवाएण सत्योषा ष्याउकाइया पतप्तया उडलोयतिरियलोए छहालोयतिरियलोए वि साहिया, तिरियलोए सख गुणा, तेलुक् श्रसख जगुणा, उहुलीए सस्ते गुणा, ष्यहोलोए विसे साहिया । स्वप्ताणुघाएण सत्याया तेउका हुया उदुलोयतिरियलीए होलोयतिरियलोए बिसेसाहिया, तिरियलोए ष्षसख गुणा, तेलुको प्रसख ज्य०, उहलोए सखित०, होलोए विसे साहिया । ख ताणु तिरि वाएण सइत्योषा तेउकाडया अपातया उठीयतिरियलोए होलोयतिरियलाए बिसेसाहिया, सगुणा, तेलुक् श्वसखियगुणा, उहुलोए सखे ज्यगुणा, खहालोए बिसेसाहिया । खप्ता जुवाएण सत्योत्रा तेउकाइया पज्यतया उहुलोयतिरियलोए होलोयतिरियलीए बिसेसाहिया, तिरि लाक विशेपाचा तियकलाने घसरूपेयगुवा खेलोको रुपया अलोके यसस्यपगुवा अधोलोक विज्ञपाधिका । त्रानुवासन सवस्ता महायिका अलोकतियक्लोकाकोलाक विधेयाचिका तिर्यक्लोके सवपयमुखा मेलाका सश्यपखा असलीके स evere were foक्षपापिका । देवानुवातेन सवतोमा स्तत्र काया अपर्याप्ततथा अलोकतियक्ला के चोलाकतियब्लाक विशेषाधि ar reunite अपपमुख प्रेलोक्पे असल्ययनुखाः अतुला असरूपयगुवा प्रधालोके झपाधिका । हत्रानुवातेन स्वस्तोमास्तव काय कापर्यातया लोकालयक्लाथ पालोकतिया के विशेषचका लोक प्रसस्येयगुण बेलोक्य पसवयेपगुवा ऊसुतोष सपेय लोकलिलोक प्रचालोक निर्यत्नाके विशेषाधिकार तियसला गया अपोलो पाrचका सर्वस्तामा वायुकाचिका अस्पताल सश्पयनुषा अलोके प्रससमयनुपा घालावे विचपा क्षेत्रानुवासन सर्वतोमा धायुकापिका अपर्याप्ततय PR* WIN DÐ BERUFSBEEF BEDECIN WE HENRI Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यलोए थसख गुणा, तेलुक्के शसखे आगुणा, उहलोए छसखे गुणा, छहोलोए विसेसाहिया । खेता णुवाएण सछत्योषा वाउकाइया उहुलोयतिरियलाए थहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया । तिरियलोए थ सखे जगुणा, तेलुक्के असखिजगुणा उहलोए यसखे गुणा , पहोलोए घिसेसाहिया। खताणुधाएण सष्ठत्योथा घाउकाडया शपञप्तया उहलोयतिरियलोए शहोलोयसिरियलोए विसेसाहिया । तिरियलोए शसख जगुणा, तेलुक्के शसख जगुणा, उहलोए शुसखिचगुणा, शहोलोए पिसेसाहिया। खेत्ताधारण सहयोषा याउकाइया पज्जतया उन्हलोपसिरियलोए शहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया । तिरियलोए यसखे ऊगुप्मा, तेलुकंथसखे गुणा, उद्गुलोए शसख गुणा, शहोलोए घिसेसाहिया । खप्ताणुयाएण सहयोषा वणस्सइकाइया उद्गुलोयतिरियलाए थहालोयतिरियलोए पिसेसाहिया। तेलुक्के यसख गुणा अनुसाबतिपक्सोको पीसोपतिर्यबसोवे विशेषापिका तिवसोय , प्रसवोपपुवा होने परपयेपणा नसोचे अम्पायर तो विपापिणा जानुमा सर्वसामा बामुखायिका पर्याप्तवया मातीतिर्योको प्रयोगोषविकलो बियाणे विपकनीक पर | पावेतोये पसरपना नसोपवेबनुवाको देवामावर्वरोमा बरपतिबाwिsपरावतिसा पासोवियेतोब विडेवाधिदातोय. सम्पुरोपियनMERE विवाधिपतयREसोबत बालाजलागतमा बिबाधित पिपनुषा सोपे परमपनुवा बरसोने पतापुतोब नितिन गोगोरखपत्तिापिषों पर्याप्त तथा बसोवतियबोध पोलोवतिपक्लोने दिये मापिका वितीय वनुषाविदोस पिनु मायालेबनुमा सोलो विवाधिमा जानुमावेन सोनाम S tud. d. ALY Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ उप्रलोए शुसखेजगणा, शुहोलोए विसेसाष्ट्रिया। खेताणघाएण सम्वत्योया वणस्सहकाइया छपाप्तया उहलायतिरियलाए शुहोलोयतिरियलो विमसाहिया, तिरियलोए शुमखिजागुणा, तलुक्कं शुमखिजागु णा, उहलाए शुसखजगणा, शहोलाए विमसाहिया । खेत्राणुवारण सत्याचा वणस्सहकाइया पड्डा नया उहुलायतिरियलो थहालायतिरियलो विनसाहिया, तिरियलोए शुसखेजगणा, तलकं शसख जगुणा, उहला शसखिजागुणा, शहालोए विनसाहिया । खनाणुवाएण सहयोवा तस्सकाहया तलको उहलापनिारयला शसखिआगुगा, शहोलायतिरियलाए सखजगुणा, उहलाए सखागुणा, शहोलोए सखेागुणा , तिरियलाए शुसखिजगणा । खप्ताण वारण सन्न त्योबा तस्मकाइया चपात्तया तलुक्क उह लायतिरियलाए शमखजगुणा, उद्गुलोरा मखिजगणा, शहालोए साखागुणा , तिरियलोग शसखेडा गुणा । खे नाणपारण सत्याया तमकाहया पळत्तया नलुक्क उहला यतिरियलोए शसखिजगुणा, शहो ला यति रियलाए सखेडागुणा, उडलोए सखिकागु गा, शहोलाए सखि जागुणा , तिरियलोए शसखेागु सामBROBAROBORDERMOOOMNEL नायका प्रेमाप उडाबातपकलोक सस्पे पगमा अघालाकातयकबाक सभ्य पगमा उजुनाफे सम्प यगणा धामोश सपणवासियाला कस यगमा । मानपातन सवस्तामाखामकापिका पपयातया घनाक्य नाकातयनाके पसयगुका अनुलोशे सत्पगुणा अधोलोये पगवास्तियनाक सयगवा । मानवातम सवतोमासमाया पर्गमा खोलाक्प असुनाक तयनाम सम्पयगुवा प्रपालाकातय ग्ल क सम्पपगुग बसु नोक सस्येवगा पासाके सम्पपगुजा स्तियनाफ उसस्पगुण । हारम् २४ । तपा मदत । जीवामामायुप्य इमधन्स 4 पवनानामपनाना पाप्ताना सुप्ताना वापता समझतामामसमानामा सातावेकानामसातावदामामिान्त पापयुताना ना इन्द्रियो । epal Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यलोए थसख जगुणा, तेलले शसखे जगुणा, उहलोए यसख गुणा, छहोलोए विसेसाठिया । खेता णुवाएप सहत्योषा बाउकाइया उडलोयतिरियलाए थहोलोयसिरियलोए विसेसाहिया। तिरियलोए थ सखे गुगा, तेलुळे शसखिजगणा उहलोए सखे जगुणा , थहोलोए थिसेसाहिया । खप्ताणुयाएण सहयोया घाउफाइया शपजप्तया उन्हलोयतिरियलोए थहोलोयसिरियलोए पिसेसाहिया । तिरियलोए शसस गणा, सेलुक्के शसख जगुणा, उहलोए छसखिजगुणा, होलोए विसेसाहिया। खेत्ताणवाएण सश्त्योवा घाउकाइया पजप्तया उहलोयतिरियलोए वहोलोयतिरियलोए विसेसाहिया । तिरियलोए यसखे गुणा, तेलुको यसखे गुणा, उहलोए थसख अगुणा, शहोलोए विसेसाहिया । खलाणुयाएण महत्याया वपस्सइकाइया उद्दलायतिरियठाए थहोलोयसिरियलोए पिसेसाहिया। तेलुके थसंखजगुणा वसीबतितो अपोलोवतितोके विवापिणा तिमी पतंत्रप्रेमापोतोक्मे भवयनुवा पदोये पेमगुवा मोतोको पापिकाबाबातेन सर्वतोमा वायुनापियाः पसिनया भगोडवितोपरी पोहोचविलो पिपरिया निमार, पणुमारोप संपेपनुका सोको प्रतिवपनचोडोन किमानि पुलोमा ईप्रति विमतिकतों मोतिहतो विवाविवाहोरक्योस निधी अपपोतमा रतीबालीकालोनियला पावियना नयापनका लोक्य बनाये पमुवा प्रलोके बस्सपायोलोनियमानुपातमा नमिानस्पतिपिका पोलतमा पदसोपतिमयोग बोसोयातिपत्रलोचे बिये wirmi Aadो यमुना म नुवा बालोचे विवाधिमा । चानुमाते बसोबास ALL ...मनापानातनचपणा.. ON: SANDESIRakshOS Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ लोयतिरियलो विमसाहिया, तिरियलोए शुसखेनगुणा उद्लोए शसखिजागुणा शहोलोए बिसेसाहिया मिाण वाण मन्वयोवा पोग्गला उदिसाए शहाढिमा विमसाहिया उत्तरपुरच्छिमेण दाहिणपञ्चच्छि मेणय दापि तुल्ला शसखेडागुणा । दाहिण परच्छिमण उत्तरपञ्चच्छिमे गय दोषि तुवा विमसाहिया पुरच्छि मण शुमखंजगणा पच्छिमण विससाहिया दाहिण ण विम साहिया उत्तरेण विसमाहिया खेप्ताणुयाएण सत्याया दबाइ तलुक्क उम्सलोयतिरियलोए शुणतगुणाइ शुहोलोयतिरियलाए घिसंसाहियाइ उहुलोए शुमखन थहोलो शुणतगुणा तिरियलाए सस्विगुणा दिसाणुमाएण सष्ठत्योवा दवाइ शहटि सा उहृदिमाए शुणतगुगाइ उतरपुरच्छिमेण टाहिणपञ्चच्छिमेण दोषि तुलाइ शसखेडागुणाइ दाहिण पुरच्छिमण उत्तरपच्छिमणय दावि तुल्बाइ विसेसाहियाइ पुरच्छिमम शसखजागगाइ पञ्चच्छिमेण वि ससाहियाइ दाहिणेण विसेसाहियाइ उप्तरण विसे साहियाइ। एएसिण नत । परमाणपोग्गलाण सखेजप EDIOPIEDOTOSpeani.00am-म | विपारिता उत्तर दिशेपासता । मानुगतेन सवतामानि तव्याविनाक्ये वसुमातियकमा प्रमामि पालातियकमाफे विश पाहतानि शुलाके सस्पयगुवान प्रयोलाक चमसमुपामि तियफवा पसम्यगाम दिशामवातेन सस्तोमानि यानि पाहिशाया महामायाममनगवान सप्तरवस्था वा पधिमाथा पाराप तस्यान्यसम्यपगणानि दास पयस्याम तरपाचमाया श्योरपि तस्यानि वि सपानानि । यतपा प्रदन्त । परमार पदलामा सम्पपप्रादाबामामसम्पपप्रादावामानाममन्समादेशबामा च स्यामा व्यापतया प्रदेशा पतया शापादेवापतया तर० । मौतम सवस्तीमा पमतदायबा स्वया यातया परमाय पदमा द्रव्याचतपा मन्तगया सस्प पपदायका स्कपा द्रव्याचतपा सस्पेपगुणा सस्समदशिका स्वधा द्रव्यापवया उसस्पेयमुपा प्रदशावया सखोमा पमन्यप्रदेशका सी Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णा । दार २१ । एएसिम नो । जीयाण शाउस्स कम्मस्स बधगाण शयधगाण पत्ताण पजाताण सत्ताण जागराण समोहयाण समोहयाण सातावदगाण शुमातावेदगाण इदियउपउत्ताण णोइदियउव उप्ताप सागारोव उप्ताण शुणागारोघउन्नाणय फयरे कयरोहितो शप्पावा बकृयावा तुल्लावा विसेसाहिया था? गोयमा । सहस्यावा जीवा छाउस्स कम्मस्स बघगा थपजप्तया सखिजगुणा , सप्ता सखिागु पा, संमाया सखिजगुणा, सातादगा सखिजगुणा, इदियउवउन्ना सखिचगुणा, शणागारोषउप्ता सस्त्रजगुणा, सागारोषउप्ता सखिजगुणा, नोइदियउपउता विससाहिया, असातावेदगा विससाहिया, समाहिया विसेसाहिया, जागरा विससाहिया , पज्जतगा विससाहिया, थाउस्स कम्मस्स शयघगा विससाहिया, दार २५ । खेप्तापुषाएष सहयोवा पोग्गला तेलुको उहलोयतिरियलोए शणतगुणा हो Ans. al पोपहाडियपूगाव पपचाना साबारोपयुतानामनाचारोण्युताना बरे २ पापावापुसा वा तुला वा विशेषाधिका वामौतम । शोमा जी सायक! अशी बापमा पर्याप्त सम्पनुमा HD सोपगुण बापत् सम्पनुमा मयता सपना सापाला मेपापिया। र सम्पयनुपए पनाबारीपयुत्ता सस्पेयपुवामाबामपचर दिप पारिता परमीहिता विपपिवाठी Meीवात्मपतिय अर्पक माधवन्या विवादितारम् ५५. शनिवदेन मामासपेपरमातिय बचिन्मगुवा पासोतियनीय विवाहिताः विपवलोकचक्पपनुबा पो PERS तोपारिता दिवानतिन तोमा पतला पायामधीविधापा पोषाविचार उत्तरपूर्वमा रति पबिमार्ग मोरपि विता चपनुका ति पूसामुत्तरपरिमापा मोरपि तुला विवाहिता पूषना नस्पषनुषाः परिमापा बिवारिवा सी Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ करे २ हितो ष्णप्पाषा४ १ गोयमा । सष्ठत्योया एगपदेसोबगाढा पगला दष्ठयाए सुखेप एसोयगा ढा पगला दठाए सखिगुणा सखित पदेखा गाढा पाग्गला दष्ठया ए सखिजागुणा पदसठयाए सच्चत्यावा एगपदसांगाढा पाग्गला पदेसच्याए सखियापदे सांगाठा पोग्गला पदेस घ्याए सखेागुणाष्‍ सखेपदसांगाढा पोग्गला पदं सहयाए एस खंडागुणा दवठपदसठया सत्योवा एगपदसोगाढा पोग्ग ला दचव्यपदेसठ्याए सखेापदेसोगाढा पाग्गला दबठाए ससगुणा तत्र पएसठयाए सखे गुणा सखिप एसो गाढो पोग्गला दष्ठयाए ष्णसखेल गुणा तचय पण्ठयाए सखिगुणा । एएसिण जन एगसमयष्ठितयाण सखिजासमय द्वितीयाण सखिका समय द्वितीयालय पोग्गलाण दष्ठयाए पदे सहयाए दचष्ठपदसङ्ख्याए कयरे २ हितो छप्पाया४ ० गोयमा । सत्यावा एगसमयहिझ्या पोग्गला दष्ठया" सखग्रासमयष्ठितीया पोग्गला दष्ठयाए सखागुणा सखिया समय ठिईया पोग्गला दष्ठयाए [प्रदाता] सस्यपदावगाढा पुढला प्रदेशातया सख्ययनका प्रमुख्यय प्रदेशमा पटुला प्रदझायतया प्रसस्येपगुवा द्रव्यप्रदद्याथ तया सवामा एकदशावगाडा पुद्गला याच प्रदशाचतया समझा। पुद्धला द्रव्यमाचया सरापपप्रदक्षावगाता। पुला व्यायतपास से चैव प्रदाता] सस्यपगचा सस्यपदावगाव पुल माघतपा परपपगुवात चेत्र प्रदशाचतया सप गुना। यहां प्रदत्त समयस्थितिकामा सख्यमसमयात्पतिका मामसरूप यस मयास्पतिकाना पट्टयामा द्रव्याचतया प्रदेशातया द्रव्याचप्र दशाचतथा कलरे२२ । गौतम सवस्तामा एक्सनपस्थितिका पट्टला द्रव्याचतथा समय समपास्पतिवा पुला द्रयार्थतया सरपेपगुवा च मस्तिका पुद्गला द्वयार्थव्या अद्यापपा सवस्तामा एकसमपस्थितिवाः पुद्गलाः प्रदेशाचतया सबपसमपस्थिति VDEO 55050DBGOOS Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | देमिया सखिपदेसिया प्रणतपदेदियाणय स्वघाण दष्ठयात पएसठया दक्ष पदेसठयाए कपर२ हितो ष्यप्याया४ गो० | सत्योषा अणतपदेसिया खधा दष्ठयाए परमाणुपोम्गला उठाए पतगुणा सखापदेसिया खधा दठ पाए सखलगुणा धूस खेलपदसिया स्वधा दया सखेागुणा या सहयोया णतपदेसिया स्वधा पदमप्रयाए परमाणुपोग्गला छणतगुणा सखेापदेखिया स्वधा पाए सज्यगुणा सखेापरसिया स्वधा पदेसठयाए सगुणा दक्षपदे सहयाए स त्योवा णतपदेसिया स्वधा दइयाए लेवेत्र पढेसष्ठयाए णतगुणा परमाणुपोग्गला दष्ठपदंसहपाए णतगुणा सखिपदेसिया खधा दइयाए सखिजागुणा तेवेश्रय पदेसष्ठपाए सखिजागुणा सखिय एसिया स्वधा पाए सखिप्रगुणा तेघेष पदे सहयाए सखेगुणा । एएसिण नव ! एगपदेसो गाढाण सखापदे सोगाढाप सखिपदेसोगाढाणय योग्गलाण वचयाए पदसठया ववपदेसष्ठयाए 1 व्याः प्रदेधार्यतपः परमाणुपुतला अनन्तमुका संस्थेयप्रदेशिकामा देि येयाः पार्थमचता सर्वेसोमा धमा अनन्तपुवा संप॑पमेदेशिका हदिमेप्रयुवा दिवा PO पेटीयम वयप प्रदेशस्त 雙 प्रदशनी मदिविगा हानामसंस्थम प्रदेशानाडामा च पुन मिसाल बता देना माढा पुटुमा माधवदा प्रक्यमुवा प्रह्मामा बसोमा एकमा बगाड" पुनला Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ छह नते । सधजीवप्पऊ महादम्य वत्तहस्सामि सइत्योषा गलयकतियमणुस्सा मणुस्सी सखेजगुणा चादरत उकाडयापासया शसखिजागुणा शृणुप्तरोषवाइया देवा शसखेजगुणा उयरिमगेवेजागा देवा सखज्जगुणा मज्झिमगेवेगा देवा सखेनगुणा हेठिमगवेजागा देवा सखेडागुणा चच्चएकप्पे देवा सखे उनगुणा धारण कप्पे देवा सखेडागुणा पाणए कप्ये देवा सखेडागुणा थाणएकप्पे देवा सखिजागुणा शहे सत्समाए पुढषीए णेरडया शसखेजगणा बहीए तमाए पुढपीए नेरइया शस० सहस्सारे कप्पे देवा व सखिजगुणा महासुक्क कप्पे देवा छसखिजगुणा पत्रमाए धूमप्पनाए पुढवीए णेरइया शस० लतए कप्पे देवा श्यसखेागणा, धउत्पीए पकप्पनाए पुढबीए नेरडया आसखेजगुणा बनलाए कप्पे देवा शसखेज गुणा सच्चाए वालुयप्पनाए पुढयाए रइया आसखेडागुणा माहिद दवा सखिजगुणा सणकुमारे कप्पे पप प्रमा। सबनीवाल्प वय महादया वतयिष्यामि सवतोमा गनgaiमियममष्या मामुप्प सण्यातगुणा वादरतेनवापिका पर्याप्ततया || प्रसम्पपपुवा मुत्तरापपातिमा देवा पसमयमा पारतवपदा दवा सम्पयगमा मध्यमवयका दवा सस्पषगुणाः पयसनवयमा देवाः सरपपगायुत कम्पे दवा सरपयगमा पारव्ये रुप वा सम्पपगया पानये करप देवा सस्यपगणा चामत एपे देवा सस्पेपगणा पच सप्तमाया पाचव्या नैरपिका प्रसस्येयगमा पष्ठतमार्ण पपिव्या नरायबा पस साम्रार रूप देवा सम्पपगुणा महामुक कल्प देवा । वस्येवगवा पत्रमापा पमपनाया पाचव्या मरायका पसभ्ययमणा लामापे देवा सम्यगणा पतुप्या पत्रमार्या पाचव्या मरयिमा समय पगमा प्रमलाक स्पे दवा पसरप यगमा वनीपस्या वासानाया पधिष्य। मरपिका पसमय यगुणा माटे देवा पसस्य यगया सन मार स्प दवा सये पगा दिनीपस्या करममाया पपिया मेरपिका पसस्य यगुष समाचमममप्या प्रसस्य यगुणाः शाम पाएप देवा Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सगुणा पदेस याए सइत्योवा एगसमयठिया पोग्गला पदेस याए सखे समय ठिईया पोग्गला पासष्ठपाए सखितगुणा सखिय समयठिझ्या पोग्गला पदेसष्ठयाए एस खियगुणा दष्ठयपदेसष्ठयाए सत्यावा प्रगसमयठिया पुग्गला दबठपएस याए सखे समय ठिईया पोम्गला दठयाए सखेवगुणा सच्चत्र पदसठ्याए सखेनगुणा वस खितसमपठिईया पोम्गला ववष्ठयाए एस खिज्वगुणा तेचेष पदेस ठया वसविज्वगुणा । एएसिण नत ! एगगुणकालगाण सखिज्यगुणकालगाण सखेागुणकालगाण गुणकालगाणच पोग्गलाण दवव्याए पदसष्ठयात ठपदेसठया कयरे कयरहितो अप्पामा ४ ? गोयमा । अहा परमाणुपोग्गला सहा जाणिया, एव सखेागुणकालयाणवि एव सेसाणवि वारस गधा जाणिवा, फासाणं कस्कमउयगरुयलयाण जहा एगपदसोगाढाण नणिय वहा नाणियच छष सेखा फासा जहा बखा जणिया तहा जाणियचा दार २६ ॥ , A u " " मदेशाच कम पुस महातपा सस्ययमुवा अवस्थेयतमयस्थितिका पुद्गता प्रदेशातया अमेयगुवा न्यार्थमदेद्यार्धतमा सर्वतोम एवम दिवा पुलाः दुष्पाद्यमदेवाता संपेपशमयत्रिविष्यात 'पुसापावया भवमे वास्तेषु मदेशी यामागु कार 'देचा प्रति मेगाव स पनों का मेभूषिता या प्रतिमा द्वारम् । १६ मह तम । यचा परमा पुनला यदुकमुरुलघुकायां पद्येकमया В " Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रिदिया पञ्जत्तया संखेआ० पदिया पजाप्तायिसेसाहिया घेहदिया पलता मिसेसा । पचिदिया थपज्ज तया शसखिज्जगुणा बउरिदिया थपजत्तया विसेसाहिया तेइदिया थपजाप्तया विसेसाहिया येइदिया शपज्जप्तया विससाहिया पत्तेयसरीरयादरवणस्सइकाइया पात्तगा शसखेजगुणा वादरनिगोदा पजा तगा सखेजगुणा बादरपुढसिफाढया थपज्जप्तगा आसखेडागुणा यादरथाउकाइया पज्जत्तया शसखिजा गुणा धादरवाउकाइया पजाप्तगा शसखिजगुणा पादरतेउकाहया थपजाप्तणा शसखे जागुणा पत्तेयसरी रघादरवणस्सहकाहया थपज्जतगा असखिऊगुणा धादरनिगोदा पाप्तया सखिमगुणा बादरपुदाय फाइया शपजाप्तगा शसखेडागुणा यादरशाउकाइया थपजाप्तगा शसखिजगुणा यादरताउकाइया शप ज्जप्तया शसखेजगुणा सुझमत उकाइया थपआठगा शसखेजगुणा सुजामपुढविकाइया छपमतगा पिसे विधेपासता हीन्द्रिमा पर्याप्ता विधेपा० । पन्द्रिपा पर्याप्तना सस्येपगुमाः चतुरिन्द्रिपा अपर्याप्ततया विद्यपाश्विा । सीन्द्रिया थप यांततया विधेपाहता हाम्नया अपर्याप्ततया विशेषाहिता प्रत्येबाहरीरवादरवनस्पतियापिका पर्याप्तगा पसस्पेयगुणा पावरभिगोदा पर्याप्त मा असम्पयमुना बादरपपिवीचापिका अपर्याप्तमा पसस्ये० चादराप्तापिता पर्याप्तमा पस० थावरवायुवापिठाः पर्याप्तमा पस० पादरवेज बापिका अपर्याप्तना पस० प्रत्यकारीरवादरवनस्पतिवायिकाः अपर्याप्तमा पस० चादरमिमोदा अपर्याप्ता। सरप यादरपपिवीकापिका अपर्या | प्समा पम पाराशायबा अपर्याप्तमा पसा यादरवायबापिका अपर्याप्तगा प्रसस्ये० सूत्मतेचकापिया अपर्याप्तगा पस० मृत्मपथिवीनायिका पपोतमा पारिताः मृत्मापायिका अपर्याप्तमा विधे० समवायुवापिक्षा पर्याप्तगा विपा० सूक्ष्मतः हापिका अपर्याप्तगा प० सूक्ष्म । पथिवीकापिकाः पर्याप्तमा विशे० सूत्माप्कापिका पाठपा विधेपा० मूलवायुवापिसा पर्याप्तगा विश० मूत्ममिपीदा अपर्याप्तगा अस० मूल Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ देवा शुसखेज्जगणा दोचाए सकारप्पनाए पुढयीए णेरइया अस० समुच्छिममणुस्सा आसखेम० ईसाणे कप्पे देषा अस० ईसाणे कप्पे देवी सखे०, सोहम्मे कप्पे देवा सव० सोहम्मे कप्पे देवी सखेज गुणा नयणयासीदेवा शसखेजगुणा नवणवासिणी देवी सखिज्वगुणा । इणीसे रयणप्पनाए पुट पीए णरठया शसखिजागुणा खहचरपधिदियतिरिक्रजोणिया परिसा थसखेजगुणा वहघरपचिदियति रिस्कचोणिणी सखिजगणा घलयरपचिदियतिरिकजोणिया पुरिसा आसखेडागुणा घलयरपचिदियति रिस्क्रजोगिणी सखिज्जगुणा जलयरपचिदियतिरिक्रजोणिया पुरिसा सखेडागुणा अलयरपषिदियतिरि स्फणिपोट सखिम्गुणा वाणमतरा देवा सखेजगुणा धाणमतरी देवी सखेज जोहसिया देवा सखेजगुणा जोहसिणी देवी सखिवगुणा सहयरपपिदियतिरिक्रजोणिया नपुंसया सखिज० थल यरपचिदियतिरिस्कमोणिया नपुसया सखेज० जलयरपधिदियतिरिक्रजोणिया नपुसया सखेज पर पायाने आपे देव्या सस्पे यमुखाः सोचने पे देखा जातोप पर रेया सेना प्रबन्यामि देश बना img (सियारोपपुणा । पवमा रखपायो पुषिमा नेमिया परपति सोनिया पायावर दिलिपपोनिमा (खिम) रिपयिलियम्योहितोपर चस्या अ चान पासपोभिता प.) } पप्पोनिक निकायोमि Engो बानमन्तरादेवारको पनुवाः बामवन्तों मग मातिtation पचरपनियति पीमिया नपुतबा ये सचरपनिधिय It तोरवा पसरविधिमोनिकापुर या परिन्द्रिमा पर्याप्तवमा पाषा पनि योमबार Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रिदिया पडत्तया संखेज पदिया पजाप्तायिसेसाहिया घेडदिया पजाप्ता बिसेसा । पचिदिया थपज तया शसखिजगुणा घउरिदिया शपजत्तया घिससाहिया तेइदिया पजाप्तया विसेसाहिया येइदिया शपज्जप्तया विससाहिया पत्तेयसरीरयादरवणस्सइकाइया पात्तगा शसखेडागुणा वादरनिगोदा पड़ा तगा शसखंजगणा यादरपुढासकाइया थपज्जप्तगा शसखजागणा यादरथाउकाइया पत्तया यसाखडा गुणा बादरवाउकाइया पञप्तगा शसखिजगुणा बादरतेउकाइया थपजाप्तणा शसखेडागुणा पत्तैयसरी रथादरवणस्सइकाइया पजाप्तगा शसखियगुणा पादरनिगोदा पसप्तया सखिजागुणा बादरपुढयि काश्या पाप्तगा शसखजागुणा यादरथाउकाइया थपजप्तगा शसखिजगुणा पादरताउकाइया थप तया शसखेजगुणा सुजमत उकाइया पागा शसखेागुणा सुजमपुढयिकाइया अपजाप्तगा विसे - पाहता दीप्रिया पर्याप्ता विशेषा। पमप्रिया अपर्याप्तमा पसस्पेयगुणा चतुरिन्द्रिया अपर्याप्ततया विद्यपारिता । खीन्द्रिया पप पोसतया विधेपापिताम्या अपर्याप्तवया विधेपारिता मत्येवसरोरवादरवनस्पतिशायिकाः पर्याप्तगा पसस्पयगुणा धादरमिगोदा। पर्याप्त १ मा सम्पपमुवा पादरपपिवासायिकाः पपर्याप्तमा बसस्पे० बादराप्कापियाः पर्याप्तगा स० बादरवायुवायिकाः पर्याप्तगा पस० पावरतेष गायिका अपर्याप्तमा पस० प्रत्यकारीरपादरवनस्पतियायिकाः अपर्याप्तपा पस० यादरमिगादा अपर्याप्ताः समय० धादरपपिवीवायिका प्रपों सपा पस० वाररावाायका पपर्याप्तमा पसवादरवायचापिका अपर्याप्तगा पसरये सूक्ष्मतेच वायिका पपर्याप्तगा पस० सत्मपथिवीनायिका अपर्याप्रगा विशेपापिता समाप्क्षायिका अपर्याप्तगा विधे० सुत्मवापुवापिका अपर्याप्तमा विपा० मुस्मत हायिका पपर्याप्तगा पस० सूक्ष्म पषिवीवापिका पर्याप्तमा विशे० सूक्ष्माप्यापिकाः पर्याप्तगा विशेपा० समवायुवापिकाः पर्याप्तगा वि० सत्मभिपोदा अपर्याप्तगा असा सूल । Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ देवा शसनेजगुणा दोच्चाए सरप्पनाए पुढयीए णेरड्या अस० समुच्छिममणुस्सा आसखेज० ईसाणे फप्पे देवा शस० ईसाणं कप्पे देवी सखे०, सोहम्मे कप्पे देवा सखा. सोहम्मे कप्पे देवी सखेज गुणाच नयणघासीदेवा यसोजगणा नवणवासिणी देवी सखिजगणात राहणीसे रयणप्पनाए पुढ थीए णेरडया सखिजगणा खहचरपपिदियतिरिक्रजोणिया परिसा आसखेजगणा खष्ठचरपचिदिपति रिस्क्रघोणिणी सखिजगणात घलयरपचिदियतिरिक्रजोणिया पुरिसा यसखंगुणा घलयरपधिदियति रिस्कजोणिणी सखिज्जगुणा जलयरपपिदियतिरिरमजीणिया पुरिसा सखेडागुणा जलयरपचिदियतिरि स्कणिणी सखिजगुणा वाणमतरा देवा सखेागुणा याणमतरीत देयीत सखेम लोहसिया देवा सगुणा जोडसिणीच देवी सखिजगुणा सहयरपचिदियतिरिक्रजोणिया नपुंसया सखिज० पल यरपंचिदियतिरिस्कजोणिया नपुसमा सखेज जयरपधिदियतिरिकजोणिया नपुंसया संखेज० पठ पयाापे रमाबाडोसपेरेबाधासौधर्मापेरेज सिया रकमेनुमा । एतस्मा रखममाया पवित्रा रमिमा परेपनबापरेपलामोमिनपुरानो धाः परपणे निरतिवपीमिया (सिपा) यितिपयौनियापुरुषारयनुना लापरपायत्तियग्पोनिया (शिवा). सापनीनियतियोगिता पारस्पेयपानाचरपबितिचोमिया (किपा)पसी बामनन्दरादेवापनुवापानमन्चार्ज समातिषायामोतिषिपालचरपणितिन्पीमिया नया सालारपपिक्षिय पीमिया खुल्या पक्षनुसार परममिसिनोमिलापुरापापरिनिया पोहवा स्पेषनुपात मा चोखा MPS HALUKापियामाजिबनी न Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ द्विसेद्यणाकाया पाशेहिकायाजेहियमिघि ७ मोजोगउपरिणामउदसण चरितष्ठाईयारो बाणम्यप्तरोषा षि ८ उजनाघपरिणउ रागोसचपयणुप्रऊण तित्रिणउरिया गुरुपामूलेष्ठगूष्ठितो ९ नवस सत्यं त्र विसच दुप्प उच्चकुणइयपालो अतयतुप्पउल सप्पुचएमा उ १० अंकुणजायसल प्रणुहिय उत्तम कालमि दुलह बीहीयत सससारियत ११ तोउटर सिगारव रहिया मूलपुणयलयाण मिळाद सणसल्ल मागासल्लष्य्या १२ रागेपव दोसे नए महासेनद्वएमाएण रागेणायकेषध चप्ती इयरानिउगेण१३ गिज्याय परिण वसयस्कपरघम्मि उग्गेण विरियाजोणिगएण इडियम सोवसग्गेण १४ उग्रही यह धनियनीय वसहस्राव पयतिएणषपरेण पप्पा तरण कय पर सदापुषती १५ सहसकारमणाजोग उष्पवाहिगारेण सन्निकरजेविसोही पुणागारोययळ ता १६ उक्कणमालोइटो करणपरिणाम जोगपरि सोपयणुपदृक्कम सुग्गडमम्मापत्तिमुद्दे १७ उद्यही निय पिठो साहिजकुप्पहसोगहकामो माहपल्लिकुवतो परेषं दुल्यियमूढो १८ झालो पणाइदे से दस दोगाइ वधणे चिन्हालाइये सायमुनिसोनं १९ जेमेवा सिजाका खवराजे सुटा सही थालोमी हिं बसतात्रेण २२२ वटा अस्पति पाठोपाठ विरुषस्स प्रतित्रिविविस्सरियंस, २१ 'पहुउ तहविष्ठा गरिव परिकर णामनिया ईगडे सिड्सधारी सद्दङ्गगोमुष्टिमग्गस्थ २२ व्यासेयमायजुमाणा ५ राम भर्नुपतिसिंह बहादुर का ज्ञान संग्रह भाव १० । Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पदिठयायरघसुहमध बनसहाउलग धनाजणशवप्लसस्सेवी २३ थालोयणाहदोसे दसदुग्गवहणायसूतण छालोहामुतिहि गारयमायामयविकणो२४ततोपरियागबल यागमचकालकरणच पूरिसायधतहा खित्त परिसवणविहिप २५ जोगपायबिप्ततम्मयका यत्तियशायरिया दसणनाणचरित्ते तयणमप्पमायति २६ शुणसणउमोयरिया यलिस्ये उधारसस्सपरिचा कायस्सपरिफिले सोबठोसलीणयाचेघ २७ विणएघेयाषच्चे पा यतियिषगसम्झाए थन्नितरतवविई छठकार्णाययाणाहि २८ घारसविहम्मितये थन्नितरयाहिरकसलदिन विशत्यिनषिय होहीसजायसमतयो कम्मरजेपयणुनत्तपाणासुय हेउसेतपस्सिगोसमए घोचतघोसुयहीणा घाहि रमोसोबुहाहारी ३० बछठमदसमदयाले सेहिशषजसुयसजासोही तप्तोयजतरगुणिया विजजिनियस्सनाण स्स ३१ फल्लकालपियरशा हारोपरमिउश्वपत्तो नयखमणोपारण पयजपऊतरोषज्ञपिहोय ६२ एगाहेणतवस्स हयिनत्यिस्यससउको एगाहेणसुयहारो नहोइधतपितरमाणो ३३ सोनामश्चमसणप्तधो जेगमणोमगुलनतेइ । अपनइदियहाणीजे पयोगानहायति ३१ जशलाणीकमखवेह घशाइवासाकाझीहि तनाणासिहिगातो खा पाऊसासमितण ३५ माणछाउप्तरणनाणी णनाणजोगताण कोनिजरतुलिका चरणयपरकमठाण ३६ नर पणयाणिज पजिवइयरणि नाणीजाणइकरण कक्षामफज्मयपनि ३७ नापसहियपरित नाणसएयागं Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 7 गुणसया एसजिणाचाणी नत्पिवरिष्ठविणाणाप ३८ नाणसुचिरिकयच नरेललईपोडं ओइत्यइनाउ जीवषिसोहणामग्ग ३९ नाणणसनाषाणयती सहजीवलोच्य मि तम्हानाणकुसले सिकिय पयत्रेण ४० नकसचा मासउं नागपरहवासियलोए वेषन्नासेपुरीसा नागायच्चरिषज्यत्ताय ४१ वधमुरकगहरागयंच जीवा पजीवामि जाणतिय समिठा आणसासणचे यविहणू ४२ नहं सुसुया पसलए यत्ये सुपुत्यणिस्याप नापे लोग सिरु पिसि सु १३ किंड्सोलटपर ठरयरवसुदरतरवा चदमियस लोगा बसुसुपसुई पा | उयति ४४ चंदाउनी इममहायज्ञ मुपमृडानी हञिणायम असोजपत्रिडिया भरसिससारकवार ४५ चउदसपु धारा समाज पंच लोगुत्रमपुरिसाव से सिनामा जिना ४६ माजविणाकरण नहोष्टनापिकरण दीप नापेणकरपेलपा दाहियिस्करकहोह ४१ दसुटसुलमहाण मिषिवरमेगोषिसुय सीलसपणो मोहसुयसी विग्गो साहिसिमाज वयमि ४८ तमहासुयमिबोगो का पोहोदयष्यमतेण जेणपारपरपिय दुकसमुद्दाउ मारे ४९ परमत्यं मिसमिसृदिधे यविष्ठेसुःचय सक्षमगुप्पेषु उपहगढ़ विसुद्धा सरीरमारेविष्ठमि ५० ि जिस्मपंहमिडितिहिविगुशीहिंवय इयगोसे तस्सचरिहरु ५१ को सरिक्षाविप परि वह बिना कपूर- किंपुन सम्म दिठी परारा धम्ममिव ५२: म्हामादासु विफाउंज उमायत्तिर्ण सम ד 3 Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्तमचरिते करणमिष्यमाएमाएछ ५३ जायसईनतासह जायजोगानतेपयपत्ते'म सहावजापनहाय-इदियजी गाशुपरिहाणा ५४ जाधयफेममुरक शायरियाजायशस्यिनिजायगा हीगारधरहिया नाणचरणदसणमिरया५५ ताखमफाउजे सरीरनिरकपणविउपसत्य समयपागाहरण सुधिष्ठियठनियमआत्त ५६ हदियणघासझाजाह यजोगाय दियाम तम्हाण्यनाउ पिहरहतपसजमुजप्ता ५७ तातेएयनाऊण उवायनाणदसणपरित धीरपुरीसा णुचिल कारसिसोहि सुयमामधी ५८ धन्यप्तरयाहिरिय शहतकाऊणशपणो महिप्तिविणतिविहकरण तिषिहे फालरियानामा ५९ परिमाजोगसुझा उहिधिवगनगणयिसगोय समायउघस्सयवाणच विगविगघ ६० उग्गमउप्यायगाए गणाविसृछेधपरिहरणसुछि सप्तिहिसतिवयमि यतवयाकरणय ६१ एषकरतुसोहिनयसार प सलिलतहमश्वगलसनाधा कमकालदछपज्जव शत्रपरजोगकरणय ६२ तानकयासोहीया पाठिस्तफासिएजहा घाम उप्फावस्निगस्मिय तवमिजत्तामहासप्ता ६३ तोइदियपरिकम्म करितिसयसुहनिग्गासमत्या जयणा शुप्पमता रागद्दोस ययणुयंता ६१ पुचमकारियजोगा समाहिकामोविमरणकालमि ननवतिपरीसह सहाधिसयसु हपमोइ छप्पा ६५ इदियसुहसाउल घारपरीसहपराश्यपरसो छफयधरिफम्मकीया सुम्नाथाराणाकाले ६६ चाहसिइंदियाइ पुष्ठितुसियामयप्पयाराई थफयपरिफम्मकीय मरणेसुष्यसपउत्तपि ६ शगममयप्पनावप इंदि Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यसमालोलुयापस जहथिमरणेसमाही जमानसाहोडयक्रपाण ६८ छममममपथिममा हिमपपरिछम्म परित्यो समममियमपाल सामन्चहि उसमणेई १९ नवयतिर्फिचिकाउ पुधिमफयपरिकम्मनोगम्म मोरपणे हमु घायलपराश्यामरणे ७० तोनत्रिपुवघरमा जयणाजोगसगावि मानेफरमियमम परिनमा नाय माहेउ ७, आपुधनापियाकारहोइ सुइचरणदमणेयजलाष्ठा साहोरपीयनया कपपरिकम्मम्मम्मरणाम ७२ न फामहिधरित नुमपिसुहसीलयपकतेण सवपरीसहचतं शहियासतोधिष्टपलेप ७३ सहश्यमपरसप फासेपम पिरिजजहि साधेसुझसाएसु छनिग्गहपरमोसयाहिं ७४ ससेयपणीए निरूहेसपतलुधिएमयरे यूपड़ा। पए सलिचप्पगफमसो ७५ सलेहणाययिता थनितरियायफहिराधेय थलितरियकसाए पाहिरिणाहोयसरीर ७६ सम्गमउप्यायगए सणाविसईणयमपणे मियषिरसलुरुलूहयो दुधापूनम लीगोली जयहिवनातवमार्याससिंसारमेयवासायपियपतोपतोरणपोगा हारंगवतोमुखएण III.५५भुक्षानहाइएसपाहिय विविधिलिग्रहेरिग्गेरिजमबिगाह' जहाउसालासरीरवियफमा वलवारियजाय गोपुरताच मिनबारिता AaHD हववकिम कामाच्या . म८. मामिपानाचा भोपाबारिवारकानावबानीया Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समधालसेहि नहिचिप्तकठेहि मियलकथाहार करेहिशाययिलयिहिणा ७३ परिवष्ठि उहाणे राहारुबिग पियाफासलिककी सलिहियतणुसरीरो शसप्परउमुणीनिच्च ८१ एघसरीरसलेहणा विहिपञ्चधिहिपिफासितो अनयसाविसुछि खाणपिसोमापमाहत्यो ८५ थप्नवसाणविसुझी वियजियाजेतवयिगहमयि कुम्चतिधाललेसा न रोइसाकेवलसष्ठो ८६ एयसरागसलेहणा विहिंजईसमायरइ शप्नप्पसजपमई सोपायहकेवल सही ८७ निसिना फासपक्ष सरीरसप्लेटणाविहीण हत्तोकसायजोगा सप्पपिहियरमयुब ८८ कोहम्बमाइमाण महवयाशजायेण मायच सतोसेणयलोह निजिणिवत्तारिविकस्साए ८९ कोवस्सयमाणस्स यमायालोनेसमानएएसिघाइ ९० जाध सिकेकाणा उदोरगाजतिलकसायाण सउसयाविजितो वियप्तसगोमणीविहरे ९१ सतोवसप्तधिइम पसहघिहि घसमहियासप्तो निस्सगयासुविहिया सलिहमोहेकसाएय ९२ इहाणिसुसयासह फरिसनगंधहिं सहदुरकनि हिसेसो जियसगपरीसहोधिहरे ९३ समिहसुयंचसमिउ जिणाहितएदिएमछु तिपिहिगारवेष्टि रहिउहोइतिगुप्तो यदहि ९१ सन्नासुशासवे सुयशवेरुदेशप्तयिसुझप्पो रागहोसपबचे निम्मिणिउसोजतो ९६ कोदुस्कंपावि जाफम्मय सुरकेहिविमहउमाका कोधिनलनिसामु रक रागहोसोजहनदुजा ९७ निषतकुणइथमितो सुविरादि उसमस्योवि जदोषियनिग्गहिया करितिरागोयदोसोय ९८ तनुयहरागदोसेयेय पितहथप्पणोनिच्च जंतहिंद Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पसहमहलोल्यापउस्स जइयिमरणेसमाही जमानसाहोऽयज्ञयाण ६८यसमप्तमुपविमुणी विसुझयपरिकम्म परिहत्यो सजममियमपरन्त सहमञ्चहि उसमणे ६९ नषयतिकिंचिकाउं पुधिसुफयपरिकम्मजोगस्स खोईपरीस हुशम् घायलपराश्यामरपे ७० सोनविपुचघरमा जयणाएजोगसगह विहीहि तोतेकरसिदसण चरित्तसइनाय पाहउ ७, जापानापियाकारहोइ सुइचरणदंसणेघलाहा साहोपीयनया कयपरिकम्मरसम्मरणमि ७२ स | फामरिधरित नमपिसहसीलयपकोण सपरीसत्पत्त थहियासप्तोधियलेप ७३ सहेगवेगघरसेय फासे यम बिहिनहिं ससकसा सुनिग्गहपरमोसपाहि ७१ सधेसेयपणीए निरहेऊमयतलुधिष्ठि शनयरे गवहा Mण ससिहयप्पगकमसी ए सलेहणायनुविधा थनिसरियायकष्ठिराधेय शजिप्तरियकसाए बाहिरियातोहयसरीरे | ७६ उम्गममप्याय'मए समाधिसईणशपप्पणे मियविरसलुस्कलहेणो दुखलपुमसथप्पाण ७७ सालीपोनीपहि य छानण्गसषमाहि सलिप्सरीरमेय साधारविहिपययतो ७८ सप्तोष्टपपणा हारंउपष्टिं सोयएसेणं | बिस्तासम्मेहिय इदियविकिपल्पिाहि ७५ विविहाईएसपाहिय विविहे हिंथनिग्रहविमोदि संजमविवाहित हायलिसिपथविदामियपहिमाहि प्रचारिपजय गोसहवाना विनवाहितीज हक्कामस THATAमियाजामा उहो सायारिसववारसा शायबिलमहेसी तत्यपउनोसयचितिन . . Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समदुषालसेष्टि नप्तेर्हिचितकठेहि मिलकंशाहारं करेहियायविलबिहिणा ७३ परिवठि उघडावे हारुतिरा furere लिकी सलिहियतणुसरीरो ष्यसप्परउमुनीनिच ८४ एषसरीरसलेहणा विहियषिहिपिफासित विद्धि खमपिसोमामात्यो ८५ खाणविसृठी विम्रप्रिय। जे तब यिगष्ठमथि कुंसियाललेसा न डोइसाकेश्लसुठो ८६ एयसराग सलेहा विहिजईसमायरष्ट छष्णप्पसजयमई सोपानुकेबल सुद्धा ८७ निखिता फासयक्षा सरीरसलेष्टण बिही हप्तोकसायजोगा सप्पबिहिंयरमयुद्ध ८८ कोहम्वमाइमाण मद्दव या श्वावेम माय सोसे लोह नितिभिश्वत्तारिविकस्साए ८९ को स्वयमाणस्स यमायालोने सुधानए एसिइ ९० जावं सिकेष्ठ ठाणा उदीरगाऊ तिकसायाण तउसयाविक्तितो वियुक्त सगोमुनीविहरे ९१ सनोवसतधिम पसह विहि घसमडियासतो निस्सगयासुविहिया सलिहमोहेकसाएय ९२ इहा णिठेसुसयासद्द फरिसगंधर्हि सुहदुरकनि सेिसो जियसग परीस होषिहरे ९३ समय समिउ जिणाहित एदिएमुहु सिथिहिगारघेष्ठि रहिउ होइसिगु यदेह्नि ९४ सन्तःसुष्यासवे सुष्वष्यद्देरुद्देश्यसंधि सुरुप्पो रागद्दोसपबचे नितिणिउस गोजतो ९६ कीदुरक पावि वाफम्म सुरकहिंश्रिमहा को विनष्ठ निमुस्क रागद्दोसोजना ९७ निघतकुणइयमितो सुघुविराहि उसमस्योषि जदोषिष्वनिग्गहिपा करितिरागोपदोसोय ९८ तसुयहरागदोसेयेय चिंतहप्पणोनिञ्च जतहि Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यसमालोलुयापउहस्स जहथिमरणेसमाही जनसाहोडयजयाण ६८ यसमप्तमुपयिमुगी पक्षिसफयपरिकम्म परिशस्यो सजमनियमपाल सहमच्चहि उसमणे ६९ मधयसिफिंचिकाउ पुधिसुफयपरिकम्मोगस्स खोईपरीस हवम घायलपराहुयामरणे ७० तोनत्रिपुचरणा जयणा मोगसगह विहीहि तीतेकरतिदमण परित्तसइनाय पहिउ ७१ लापहनाश्रियाकागदोह सुइधरणदसणेयजलाहा साहोपीयनया कयपरिकम्मरसम्मरणाम ७२ त फामहिचरितं नमपिसासीलयपजतेण सहपरीसहचत्त थहियासप्लोधियलेण ७३ सम्वेगघरसेय फासेयम चिहिनाणेहि सवेसफसाएमछनिग्गहपरमोसपाहि ७१ ससेयपणी निस्सहेजणयतलुधिहि अभयरे मवाहा पसंसिहयप्पंगफमसी ५ सलेहणायनुविधा थनितरियायष्ठिराधेय शनिप्तरियफसाए पाहिरिपाठोयसरीरे उम्गमतप्यायमए सणाधिसई परामप्पणे मियघिरसलुरकलहेणो दुखलपुणसध्यप्पाप्प ७७ सालीपोशीयेहि। नसझमामेहि सलिसिरीस्मेय याहारविहिपययतो ७८ तातोयणपुवेणा जारंवष्टि सोमवएसे वियोमेहिय इदियविक्पिलियादि ७९-विषिहाईएसणादिप घिविहिंपनियहेतिम्रो समविगाह हो जाउंसलिसिरियावहास्यिपुर्णिमाहि चपटवारिपजहरी संगीत महतोलाविनाहितीज हकमस उहतमिमामियाजहों उनोसारिसेवारिसाई यायपिठमहसी तत्य पउलोसयमिति ८२ उमर Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समवुबालसेद्वि नप्तेष्टि्रिश्चिष्त्रकठेहि मिलकष्टाहार करेहिंष्टायलिबिहिणा ७३ परिषद्विमे रहारुबिंग फिफास लिकी सलिव्हियतणुसरीरो एसप्परउमुनीनिश्च ८४ एषसरीरसलेणा विहियषिहिपिफा सितो विद्धि खपितोमामा त्यो ८५ खत्राणविसृठी वियतिय | जेतवगिष्ठमयि कुतियालले सान डोइसाकेश्लसुठो ८६ एयसरागसलेला विहिजईसमा परतु श्रनप्पस जप मई सोपाय केवलसुद्धा ८० निखिता फाया सरीरले विहीर हत्तोकसायजोगा सप्पबिहिंयरमधुन ८८ कोहखमाइमाण मद्दव पावावे मायच सोसेघलोह निष्विणिश्वत्तारिधिकस्साए ८९ कोवरसयमाणस्स यमायालोने सुयान एएस ३ ९० जाप सिकेष्ठ ठाणा उदीरगातिकसायाण तउसयाविज्झितो वियुतसगोमुगीविहरे ९१ सनोवसतधिम पसह विहि वसमष्ठियासतो निस्सगयासुबिहिया सलिष्ठ मोहकसाएय ९२ इहा णिठेसुसयासद्द फरिस गंधहि सुहदुरकनि ! इिसेसो जियसगपरीसहोषिहरे ९३ समिः सुयं समिउ जिणाहितएदिएमुठु तिमिहिगारहि रहिउडोइतिगुप्तो यदमेहि ९४ सन्वासुवास सुरुद्देश्तबिसुप्पो रागद्दोसपघचे निश्चिणिउस गोजतो ९६ को दुरक पावि ज्याकम्मय सुस्कंहिंत्रिमहउऊया कोषिनल निजामुरक रागद्दोसो अहनदुड्या ९७ निघतकुणइयमितो सुघुविराट्रि उसमत्योषि जदोषिष्वनिम्गहिपा करितिरागो यदी सोय ९८ तसुबहरागदोसेयेय वितहप्पणोनिञ्च जतहि । Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ स्यागुण सघुमाइपसरपल्या ९९ इहलोएडायासश्चय सथकरिसिगुणविणासंध पसर्वतियपरलोए सारीरमपोगए दुरले २०० धिष्ठीयहोशफज नाणतोविरागटोसहि फलमउलकनुपरस तचेघनिसेवएजीयो १ तजइहबसिगतुती र नसायस्मघोरस्स तोतषसजमनसु विहिपगिणहाहितूरंतो २ बजनयकरदोसाण समतपरिप्तगुप्मविणासाम मजयसमागतच रागहोसाणपाषाण ३ जनल हाइसमाप्त लणविजनहोइघेरग्ग विसयसुहेसुयरस सोदोमोरागष्ठो साण १ नरसयसहस्सदुलहे जाहजरामरणागरप्तारे जिणघयणमिगुणा गरसमधिमाकाहिसिपमाय ५ दहि पहनाहिय समप्तसगहिसुकृषिजयथ्या निप्पणयपेमरा गोजासम्म मेहमुरकस्यं ६ एवषयसलस अनितरबाहिरमि | सले संसारमुगलो शनिमाणोदोस्सविहराहि ७ एवफाहियसमाही तहमिहसखगकरणगतीरो छाउरपञ्चरका भुषाविसीशयलोमण ८ नजमापूणरुत्तविही जोसगकरेइनमती शायरपच्चरकाणे सेवकहाजोइयाज १ संझारेमिप्रणामति ध्यराणशणुत्तगहण सहसिधजियाण सिहाणसंजयाणघ १० जफिचविदुचरियेत महनिदा मिसळापामाहाप्तिविक सिथिहाफमणागारं ११ निसरंघप्ताह पादिरंधाउपड़ीसरीरसाहार मधा किरणसमोइसिधिएपरेमियाउनुहरिमाइंडीपालसंतसाग मिस घिसामजसगावचपी अम रागणवदोनेणव सहवाश्यकतुपक्षिनिघण जोमकिंचिपिणि तिमतिविहेणखामेमि १७ ससु Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पदक्षेसुर्य ष्टिउएहिं निम्ममा वालवणचथाधा दसणनाचरितेय १५ छायापचरकाने थायामे समेत भी जिणवपणविद्विविलग्गा ससुविहिंतुदहिं १६ मूलगुणनुप्तरगुणे जेमेनाराहियापमायण तेसचे निर्देर्म पनिमेष्वागमिस्सम १७ एगोसमा छाया मे नाणदसणवलरको सजोगलस्कणाखलु सेसामोयाहिराजाषा १८ पत्राणिदुइसयाइ सजोगस्साणपणजीवण सम्हाणदुरक क्यासिस जोगसबघ १९ एस्सममणाण मिच्छ सम्ठप्तमच जीवे सुष्णजी त्रसूय तंनिदेशच गरिहामि २० परिमित्त सासजमा करियच सङ्घषेधममत ध यामिसचस्वामि २१ जमे जाणसिजिणा वराहाजे सृजे सुठाणेसु तदृष्ट्यालोएमी उपठिउसनायेण २२ उ प्यन्वाषुप्पना भाषाष्णुमम्ग उनि झालोयणनिदणगरिणा हिनपुणाप्तियामि २३ जङ्घघालो जपतो क मकस्तच उज्जयनणड सतहवालोयन मायमुतणनिस्सस २४ कबपिन घसल्लो पालो पऊणगुरुसगास मिं निम्म लसंधार उबहुष्वाराइउहाङ २५ ष्वप्यपित्तात्र सल्ल जेगलोय तिगुरुसगासमि धतपिसुयमसिहा नतंश्वाराइगाऊ | ति २६ नबितसिवत्यच उदुप्पउतुञ्चकुण्डवेयाला जतत्रदुप्पउत्तस प्पुष्पसायऊषित २७ जनाब सल्ल‍ हिपठतम कालमि दुल्लडयो ही यत्तष्य सत सारियल २८ तोउश्रतिगारत्र रहियामूल पुणक्कलयाण मिलादस समयोस नियाणच २९ कयपायोधिमणूसो घाटीइयमिदिप गुरुसगासे होइ घइरेगल हरियनरुष्टनार 4 Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ । व्यगुण मक्कापकतरपस्या ९९ टहलोएडापासश्चय सथकरिसिगुणधिणासंघ पसर्वत्तियपरलोए सारीरमणोगए दुस २०० घिठीशोथफज नाण तोविरागदोसहि फलम उलकनुयरस तचेवनिसेधएजीवो १ तजइबसिगतुती र नवसायस्मघोरस्स सोतवसजमनासु घिहियगिणहाहितरतो २ बजनयकरदोसाण समतपरिप्तगुणयिणासाप झयसमागतञ्च रागष्ट्वासापपावाण ३ जनल हाइसमप्त लणविजनहोइवरम्ग विसयसुहेसुयराइ सोदोसोरागहो साण १ मवस्यसहस्सदुलहे जाहजरामरणगागरुतारे जिणवयणमिगुणा गरखमधिमाकाहिसिपमाय ५ दहि पसायोहिय समप्तमगेहिमुविजपथ्या निप्पणयपेमरा गोजहसम्ममइमुस्कत्य ६ एवम्यसलस थनितरबाहिरमि सवेरे ससारमुफबुझो शनियाणोदोस्सविहराहि ७ एषकहियसमाही तहबिहसखगकरणगतीरो छाउरपक्षमा | सुपरषिसीमायलोपण ८ नजसापूणरुतविटी जोसधेगकरेइनणती थायरपच्चरकाप्पे पकहाजोइयाजो ९ एसधारेमिपणामसि स्याणणुप्तगहण सहसिघञ्जिमाण सिझाणसंजयाणध १० जफिचषिच्चरियत महनिदा मिसळावेग सामाइयचतिषिक्ष सिपिहेणफरमणगार १ शनिसरंचतह थाहिरचउवहीसरीरसाहार मपया मुकाति:करणामुशोसिधिएपमिIOR.मनहरिमाइली पसंतापमार्ग मोमयिमान कुसुगनावधप । माम गणवदोस्रणव अहवाकयुत्पतिमिसंघेम जोमाचियिताणतमहातविहेणखामि १७ समु Page #349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जिणहिपन्तप्त सुझोउसिल्ली पाउगमपरी हामि ४६ ससारषषाले त्रियदुगालाम एकमो वाहिरियोप परिणामि यायनयत सुतिन्नोष्ट ४७ इरनिमित्रेण मत्यात्रत्यत गुप्तारतरय सचिप्ताहारविष्ठितण उमणसाविनि च्छामि ४८ त कणष्णुग्गी लण समद्दोनइ सहस्सेहि नइमोजी बोसका तिप्पेउकामनोगेहि ४९ लवण्यसह सह सामाणो दुप्पूरोध उपरमिको नऊसक्कातिप्पेउं जोषां ससारियमुहे हि ५० कप्पतरुसत्रे सुया देवप्रकुरुवसंय सूपसु परिगणन नप्ता नरविकारमुरं ५९ देविदवहित्रणा रजाई उत्तमानोगा पनोणतखुनो नय हतिनिगते ५२ पयरकी चुरसे सुय उसासमहोदही सुख साथि उघवन्नोनतहास्थि न्नाप्ते सीयल जलेहि ५३ षिणविहमउल जम्हाका मरसिय सुरकाण बऊमोविसमगु नृपनयतुहन्हा परिष्निा ५४ अकोइत्यण्ण उ कमे० रागदामघमएम पबिधेण वषिहा प्तनिदत्त गरिहामि ५५ इतूणय मोहजालस्थित णयष्टकम्म स क लिय अम्ममरणरहद्द नि भूणाषाणमुच्चिहिनि ५६ पचय मलाइ तिविहति बिहेणारहऊण मगवय कायगुनो स स्मरणमित्पिडा ५७ को मामलोह पितष दोसच घऊणप्पमप्तो रस्कामिमहयएपंच ५८ कल हिं न्यस्काणपेसुन्नं पियपरस्स परिषाय परिवतितोगुप्तो रामिमपच ५९ किमहानीलकाउले सकायाणि प्पसत्यापि विपरिचितो गुतो रस्कामिमहइएपंच ६० ते उपनहसुलेखा काणाणि सुप्प सत्याणि उपसंपन्नो Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यहो३० तस्सपपायबित्त मगाविऊळगुबहसति सतहणुचरियछ थपपत्यप्पसँगलीएण ३१ दसदोसयिप्प मुक्कंसम्हासश्चमम्गमाणप जफिधिकयमफज शालोएसहायत्त ३२ सहपाणारत्न पच्चरकामितिष्ठालियषयणच | सवधदिन्नदाप्प अपनपरिग्गडोह ३३ सपश्चसणपाण चउबिहजावयोघिराउयही शनिप्तरघउवाहि जावड़ी घयोसिरामि ३१ फंतारेटुनिस्के शायकेवामहारयासमुष्पन्ले जपालियननग्गंत जाणमुपाठणासु ३५गगेणय दोसेणव परिणामेणवनदूसियजतु संस्खलुपञ्चरकाणं नाघिसुसमुयछ ३५ पीयर्थणचत्यीरसागरसलिलाध्य पाससारिससरसोमाकर्णचन्नमाणे ३७ मत्यिकिरसोपएसो लोम्याटग्गकोमिमितोषिसंसारसंसरंतो। नत्यनजाउमज्यायि ३८ धुष्ठसीफिरलो जोणियमुहेसयसहस्सइ इक्विक्वमियष्ठत्तो शपंतसुतीसमुप्पत्तो ३९ उमविरियमि यमयापियालमरणापितोणिप्तोताणिसंगरंदो पझियमरणमरीहामि मायामिप्तिपियामे नयोजाष्टिपतधूपाय एयाणियधिर्तताभमिसमरणम हामिभायामिश्यहि समारोहिपूरीउलोगो घज जोषिनिवासी दिनयताप्रसरमा सोनामइमरहाइकोणहयइदुक्कयविधाग- इकोचपुसरहजिन 'जर मरणयउगइमुशिल इ. उच्चय गर्यजमणे मरणरंपसुयेयणायापयाणिसनरसोपक्रिपमरणमरोहामि ५४ कप नियमरणदिइजाइसमाणिंबीयाणि-तमरणमरियत्त जणममुम्मउदोहाइपाधतमरणा पछिपमरण Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इपराइजीयो ७६ पुधिकारियलोगो शनियाणीहहिजसुहनायो साइमलिकसा सोमरणपफिस्थिजाधि कारियजीगोसमाठि समाहिकामोयमरणकालमि होइपरीसहसाहोयि सुयसुहनियारिऊजीधो ७८ पाघाणंपावा पारमाण छप्पासकम्माप सक्कापलाउ जेतशेणसमपउप्तण ७९ हकपमियमरणं पमियाइसुपुरिसोधसतं तो सिप्पसोमरणाप कहइश्शपत्तशपताण ८० कितपमियमरणकाणिव यालयणाणिनणियाणि एयाइनारुण फि छापरिणापमप्ति ८१ शणसणपाउषगमण थालवणसाणनाथणा एयाइनाऊणपहिय मरणपसससिट इदियसहसाउल घोरपरीसहपराइयपरजो शकयपरिकस्मकीयो सुसइशाराहणाकाले ८३ लाइगारवेणयज्ञ समयेणधाषिञ्चरिय जेनकहितिगूरुम नशतेधाराहगाऊति ८१ सुसइदुक्कारकारीजा णइमम्गतिपायएफित्ति विणिहितोनिदत म्हाशालीयणासेय ८५ थग्गिमियउदयसियपाण सुयपाणठीयहरियम होहमउसथोरो पछि घाइजोयसनंतो ८६ नविझारणतणम सधोरोनवियफासुयानमी शप्पोखलुसघोरो होइषिसुशीमरतस्स ८७ जिणवयणमणुगया मोहोउमाकाणखोगमल्लीणा जहतमिदेसकाल छमूसलीवश्वेष्ठ ८८ जाहहोइपमत्तांजिणय र षपणरहिउधणायत्ती ताइदियोग करविधवसजमविलोम ८९ जिणषयापमणुगमई जवेलहोइसपरपषिष्टो थानीययायसहित समूखकालाइकरम ९० जहाहवायसहि वग्गीहरिएविरुरासघाए वहयुरिकारसहित नोर Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ |बली रस्क्रामिमाएपप ६१ पचिदिएसवरण पपेषनिन्निऊणामगुणे पछासायणधिरन रस्कामिमहधएपष ६२ सत्सनविप्पमकोषप्ता रिनिनिऊणयफसाए छठमयठाणज8ो रस्कामिमहापच ६३ मणसामणसम्वधिक पायासमिकर मसण तिमिहे मछप्पमता ररकामिमाछापष ६१ एषतिदाविरत प्तिकरणसष्ठीतिसबनिसालो सिधिहषचप्पमत्तो रस्फामिमहछएपच ६५ समासेममिनगमी उन्नाषणाउनाणच उयसपनोजसो रस्कामिमाए पंघ ६६ सगंपरिजामिसाल पियउहामितिविहेण गुमाउसमिइ उस ताणघसरणष ६७ अहस्खुस्यिवधालो पोय यणचरिंयमसुदाम लज्जामयाधरिता कपरयमायुरुसपना ६८ तपोधगुणनरिय परीससहम्माधिणियमा धाराहितिथिक उपएसघलयगाधीरा ६९ ममावससपुरीमो शारोयपियनरामिरमयरका गिरिधरकंदर या साइसियशप्पणोछह ७० अइसावंसाधयाकुछ गिरिफदरविसमतुम्गमम्गेसु धिष्ठधणियपघगना साहतिथे समयठ ७, किपणपगारमहोयगाणा घरम्गसंगठघलेण परलोपणयकास सारमाहोदहिवरित ७२ जिणयय सामेय मनारमधामयंभुगतामाकोसोफामसी साहित्यप्पणीचष्ठ अधीरपुरिस्पवा-समरिसतिसाव। सिंधीर चलासिलावलगमा माहितीयणोपासाहेइस्थियाई पुरमकारियपाठपारिस्स कपपारि किमार्थव-मरणसुधसउत्तम ७५ पवनकारियांगो समाहिकमोमिमरणकाउमि ननवपरीसहसहोवि सपस । Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पमरणं ६ ष्टपत्थिममिकाले परियमतित्य परदेसियमुयार पत्योनित्यय पत्याउवेष्ट इयं मरण ८ बष्ठी समग्र हि । पाहि कमजोगी सगद्दयलेण उच्चमिऊबारसविहे यतवनियमाणेण ९ ससाररगमसेथिइ बलसन यकत्या तू मोमल राहिष्या राहणपाग १० पोराण यच क्रम्म खबे एवनबघायाइ कम्मकलकलायति बिदरसधार माढो ११ धीरपुरीष्टिकठिण सपुरीसनिसेषिय परघार उप्तिस्पामिऊरग हरामियाराहणपफाग १३ धीरप प्रागाइरणकरमि जहतमिद से कालमि सुप्रत्यमणगुणितोधिक निमूलकत्या १४ चप्तारिकमाए तिन्तिगारवे पचइदिपग्गामा जिणिउपरीसह महेष्ठ राहिष्वाराहणपनाग १५ नयमणसचितिजातीय मिविरमरामिबलकति सितरि प्रेस सारमडोष्ट हिमरण १६ जइह बसिनी सरीउ सधेसिवेषपावकम्माण जिणषयणनाणदंसण घरि तनाबुत उअग्गा १७ दसणनाणचरितसर्व ष्पाराहणाच उस्कघाउ सोवेषहोतिषिहा उको सामसिमहजहणा १८ घ्याराहे उणयिऊ उक्को साराहणघउखध धम्मरयविप्पसुझो तेणेबनबेपसिसिया २० प्राराहेऊन घिउमसि मया राहणच उबंध उक्लोसेणयच उरो जसग सिसिज्या २१ धीरेणधिमरिया का उरिसेणाविष्ठ षस्समरिया म्हा ष्षसमरणेवर खुश्रूधीरष्ठणेमरि २२ एयंपञ्चस्काणष्णुपले कणसुविहितसम्मं खमापिठावोह विवाविि सिप्पा २३ एसोसधियारकउट धक्कमो उमष्ठकालमि होउपुणोवुल्य जोसकमोहोत्रियार २४ साल Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जीयममखयह जागिंसिवपपल स्वम्पूलियस्थिप्पमेषसामेइ सहनाणीधिसकम्मलये इऊसासमिप्लेण ९२ न |मरणमिउपम्गेस कायारसघिटोमुयखघो सहोथणुचितेवघत पिसमत्यविण ९३ इक्वामिविजमिपए सधेगऊ पइपापगगमए महष्टमरोशठिग्गस मषणमुप्तव ९५ इक्कमिविजमिपए सगफुणइवीयरागमए सोतेणमोह ] जालं स्पिंदहथशप्पउगेण ९५ जेमयिरागोजायइत्तत्तसहायरेण फरणियसमणोहितियपठम घीयसवसजमि तिसईचयो सिरामाजिहिजजपठिफुह ९६ मणसायिचिप्तणित साधनासइनासणिजच कारणयकरिणिध सिरितिविहेणधोपल ९८ शस्सजमवासिरण उपहिविवेगोप्तहाउवसामोश पहियोगपिरत स्वप्तीमुप्तीधेग्मे ॥१५- एयपच्चरकाण शाटरप्रणयावदानाषेण धन्सतरपत्रिन्नो अपम्रीपावइसमाहिं २०० गममगठमरिहता सिहासाशसुपंचधम्मोय तेसिसरणोवगः सायजामोसिरोमिप्ति १ सिझेउवसपन्नो थरिहत्तेकेएलीयनायेण हचे प्राप्तरणपिए एपधाराहठहोइ २ समुहलवेयणोपुणसमको हियर्यमिफिनयसिखा थालंयषपाई फाळणमणी सहइ ३ नरएपुणुप्तरेसुध अणुधराधेशामा उपप्तान पहलेषपसाएमा उविषयसोपप्तो पयंसियायमेरिपाई, कापसापान चमहसमामासमिमनियमिजारलाशानिपटरकोहिय समुइलेहिउस्सम्मसंहणिजज नय भीवोमीयो क्रयपुद्रशेययभाडाखच्युडूविहार इत्यं जिर्णदेसियविउपसत्यनाउमहापुरिससेविय जमनुज RANG Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ राजालपागासरीरो फित्याहियपरिहत्यो परिइरहकलेवरमाहे १० पञ्चस्काइयना यकसमाहियत्तियमिति तिविणाहारविष्ठि दियमुग्गइफायपगईए ११ इहलोएपरलोए निरासउजीधिएथमरणेय सायाणनावेजोगीज स्मयशपठुणाहए १२ निम्ममनिरहकोरो निरसेयायाकिचणोधपफिफमो घोमहविसठगो चप्तवियत्तेणदेहेण ५३ । हेयसहमाणी परिसहेदूसहेयउसग्गे बिहरिचवीसयराहा रयमलमसुनधिकृणमाणो ४१ नेहरकहछदीयोजहखमु । । धणइदीवहिमि वीमाहारसिणो होसरीरहितहखवइ १५ एचपरज्जाशसहय रक्कमोपचनणियमरीण पासंमि सत्सम कज्जासोएसपरिकम्म १६ यागरसमुठियतह शानसिरयागसणपप्तक:एय क जिपनिप्पकप्पमि १७ निस्सघिणोसणमिषसह पमिलेहेणजहपसत्येण सधारो० कायको उत्तरपुस्सिरीयाधि । ८ टोमृत्यशप्पमाणे शधकारसममिणिसह निरुबाहयमिगुणमणे वामगुत्त यसपारी ५९ उत्तपमाणरह उन्न कालपमिलेपणासुझो विहिावहिउघसपारी याहिययोतिगुप्तेण ५० शारुहिपरितन्नरो शत्रसुउपरमगुरुस गासमि वसुपजायसुप खिसेकाले यसक्षमि ५१ एहसुवेषठाणेसु घउसुसहोचउथिनाहारो सवसजममुलिपिहावी सिपियवातिगुप्तेष्ण ५२ थहवासमाहिउं कायझोपाणगस्सथाहारो वापाणगमिपबायो सिरियछमहाकाले ५३. सिसिरिवाशप्पाणसवगुप्प समचियमिनिझवए सघारगसनिविष्ठो थनियोणोघेषधिहरिया ५४ इहलीस्परली Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ झेषि जियपरीसहफसायसवाणो निजवएमम्गिल्या सुयरयाणसहस्सनिम्माए २५ पचसमिएतिगुत्ते थापास्सिए सगदोससपरहिए कामोगीकालणू नामचरणदसणसमिछे २६ मरणसमाहिफुसालइ मियपत्यियसन्नावषेधारो घपहारविहिषिहणू शम्नुछ यमरणसारिणो २७ उवएसहेउकारणगुण निसणायकारणयिहण पिणाणनाणकरणो घयारसुपधारणसमत्या २८ एगसगुणरहियाबुहाइ पविहाउघवेया बद]पछाया पच्चस्काणमियषिष्ठप्प २९ दुबह शायरियाण दायाधचकरणाप्तगुप्ता पाणगयाघच्चे तपस्सिोयसिदोपता ३० उच्चवणपरिषप्तप्प उचारु | मासकरमयोगेसु देवायगठिणमोश्च मुमकरणेजहन्वेण ३१ शम्हणधेयणाए पायबितेपफिकम्मष्णएय जोगा | पमहानोगे पञ्चस्काण यशायरि ३२ कप्पोकप्पविहनू दुशालसगसुपसारही बत्तीसगुमोघेया पच्छिष्टवियारिया -धीरा ३३ एएसेमिषयापरिकहिया थठवष्ठमठमि जेसिगुणसखाण मसमस्याणतययापु ३१ परिसयाणसेम् रोण प्रथयणप्पयाण पश्यिस्विमायस मणोष्यवक्षयमरण ३५ शायरियसषसाए सीसेसाहम्मिएफुटगपीठ बेम | किग्राफसाया सझेविधिहेपाशामेमि-३६ पाहतमणसघस्स नायथजाठिकरेसीसे खदखमापहचो खमानिसहरस, इति३याशिवायसाप पामारंभिकमिष्तष्णः जापांसिसशनि अपरिधाजोगाइयरिय-३ तोसीलगुण अमिगो शवमारवषयामच विहरिधववसमग्गों थनियागोमागमसहा ३९ मयसोमियगमगीत पिसि Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ शपस्सनापंधवष्टियंजणा जोयाबहाइफाठो शणगउहत्यशासिन्दा ७० जेसुधिस्थविहरिश्चानसामकाम, मीक रो देहेमिस्सदेहेपिए विसुमतणनस्यि ७१ उलझोसिहिपष्टोनय अणुविणीपमायदे सेण हाजीवधार य नमे एयनतप्पिहिड ७२ नात्ययतसथयणघाराय परीसहायमिरया ससारोयशसारो शहप्पमाउधतंजी ७३ कोहराहकसायाखलपीय समारनपदहाण तेसुयमत्तेसुसया कत्तोसुरकायसुरकोया ७१ जाउपरवसेणं ससारे यणाजघोराउ पनाउनारगते शनणाप्ताउनिधितिजा ७५ इन्हिसयवसिस्सउनिरुष ममुरकायसाणमहफदूयं क प्लाणमोसपिट परिणासुहनतदुरक ७६ सयधियधवेसुशुनय गणराउखणपिकायचा तिधियजसिष्यमिता जहज पणोबनदस्स ७७ वसिउणय सहमिसेवचा पगाणि उडमाजीयो मुतणसरीरधार जराहामरणकालमि ७८ । रिहषम ऊत्तण गोसोयसुएयशहरप्लेषा अस्सनदाह बेला कदिवसगबउजीयो ७९ एवमणुचिंतयंता नाषणुनाया पुरतसियलेसो तविषसमरिउकामो बहोहकाणमिउक्कमो ८० नरगतिरिरकगहसुय माणुसदेयप्तणेयर्सतण जेसुध दुखं पञ्च तशणचितिजसपारे ८१ नरपमधेपणाच शणोघमासीय उराहवरान फायनिमित्तंपताण थतखतोयला बिहार ८२ देवत्तेमाणस्सेप्रराहिट गचणउवगएण दुस्कपरिकेसधिहा शणतनुप्तोसमणुनया ८३ निन्नदेयपधि दियतिरिय क्रियायमिोगसठाणे मम्मरणरहष्टुं शणतस्नुतोगउजीयो ८१ सुधिहियाइकाले थणतकाएसते Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ एष्यनियाप्पो जीविपयसरणोय घासीषद कप्पो समोयमाणावमाणेषु ५५ हमऊरफुद्रवियां वहप्पसायकरणि स्वविषयक हकहनियो सूई समता हरण से ५६ इहलोएपरलाए नाणचरणदसणमिय एवायद संहनिया पणं मियमायामित्यसले ५७ घाउमरमेष्यावायतः यउघायथ्यालमरणमि उस्सा सरावेय हाणसेय तह गठप या ५८ हसलो सल्लमरण कोइमरिऊण दसणनाणविज्ञण मरतिष्णुसमाहिमरणेष ५९ अहसायर गिलिय छह कारपात्र सुयमा उसतमाखमरणा नमसिससारकंसार ६० हमितता मामासवेणज इससलाय जहनियाणससलामरति यसमाहिमरणं ६१ जज्ञेय पावसहामरति अहकेइईदिपसहा जयकसय महा मरतिष्ठा समाहिमरणेण ६२- जहसिद्धिमग्गदुमाइ सग्गगाठमोळणाणिमरणाणि मरिक केहसिद्धि अवितिसु समाहिमरण ६३ एषषऊप्परंतु या महुकालमि दसतिष्यायण धिहियाणं ६४॥ दितिमस्ि उपसगुरुणो चाणः बिहेव्हिहिं जे ग्रहयतोस घारसयहु उहो ६५ प्ते सुषेय पसलुषोषिमिनिंदा प्राणिदेहेमप्रास विविधिता ६६ स्यमई इस्पायसुतए धूवे जोर सुरककालो नमोषिष्टुमितिका प्रज्ञो ६७ तिल विशशोद श्रोत शिर दिसइजगमिपञ्चक नपेजवर इउमत्यो जिउ चिरंनेवप आइ ६८ सन्नइमसरी बोहइममणमिठाविज्ञा जसविरेणविमोच देहेकोतत्यपठिषधो ६९- दूरत्वं विवि Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परशाचा ससारमिछणते माईणयणमणाण १०० नयणोदगंपितासि सागरसलिलांउवउयरमा गठनसूयमा पीण माईणशणमणाण १ निस्यिलयमरणसम अमणसरिसनिषिजएदुख तम्हाजरमरण करबिदममत्तसरीराज २ शवहमसरीर श्वस्पोजीवतिनिनियमईच दुस्कपरिकसकर बिदममत्तसरी ३ जावइयकिचिहं सरीरंमाण सबससारं पत्तश्चमातस्तु तो कायस्सममतदोसेण १ तम्हासरीरमाइ शनित्तरघाहिरनिरविसेस बिदममतमुधि हियजई इबसिमच्चिउदहाप ५ सछेउयसगापरीसहेय तिविहेणनिजिणाह हिलझाएमनिधिए मुहोहिसियाराहट मरप्पे ६ माजपसरीरसताविउ छतकाहिथहरुदाइ सुधिषियलिगो वियहरुद्दाणिज्ञप्ति ७ मिष्तसुयधधधाई छागिठेसहदियाबेसु रागोवादोसोधाई सिमोणनकायहो ८ ऐगायकेसुपुणो विउलासुयवेयणामहन्तासु सम्म शहियासतोइ पमोहियएणधितिजा ९ यापलियसागराइ सढाणिमेमरयतिरियजाईस फिपुणसुहासाणइ णमो सारनरहसि १० सोलसरोगायकासहिया जहविक्तिणाच उत्येण धाससहस्सासप्तउसा गणधरथचठगएण ११ तहत समठफाले देहेनिरवस्क्रयउपवाएप सिलच्छितलावगाइ वश्यायकाधिसहिया १२ पारियछायगनती रायोप हीसठिणोमूढो थषुगइंपरमनदा सीयसुझोषियमणुस्सा १३ सायसखिलुछलोहिय मसवसापेसिधिग्गलधित उ प्पाइयापहीन माइजहरकसपनाह १४ तणयनिधियणगतूण तुसुषिहियसगास थारुहियचरित्चनरो सीहोरमिय Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ पञ्जीवेण जम्मणमरणमरतं धनवगणसमजुत्य ८५ घोरम्मिश्पवासे कलमलजघालासुद्दवीजत्ये वसिष्‍ ततो जीषोकम्मापनावेण ८६ जोणीसुद्दनिग्गत्य से संसांरेइमेणजीत्रेण रसियष्ठधीनस्य कमीकाहतरग एव ८७ अपिधीत्य सुघोरम्मिगभ्यसमि तचितिऊ सय सुरक मिमइनिषेसिया ८८ चमिरुणविमा मुपजीधा पसरतिमणिमहेसु षसिउ पुणोषिसुचिय ओणिसहस्वधयारेसु ८९ वसिऊणदेवेलोए निम्नुएसए सञ्जीचा वसालवेगकलम बिलबलया मुहे धोरे ९० वसिऊणसुरमर सरषमीयररिद्धिमाहरे तनिरनि रस रठयत्नंरब्पजरजीबो ९१ वणिविधिप्तेषु विमाणम मनघणसोलसिहारमु घसइसिरिए गिरिगुह विव रमाकदरदरी ९२ पण वनोगसुह सुरनरखपरेतुपुण्यमाएण पिट्ठनरएसु मेरषफल कलम उतयपापाह ९३ सोळ मुद्दयारवड नषेश्वषयसमगलरघोघं सुमइनर एसुदुह पराक्रनुद्दाइसाई ९४ निहपहपगिरहद पय उचिधयधरुधादि फालेटोले घोलघूरो खारेहिसमत ९५ षयरपिनाकलिमल बेसलकसष्ठरक्रयकुलेस यसिउनरप पुष्ठि उद्देषु ९६ सिरिएसुधनेरव सद्द परणयास बसिउउति प्रमाणोजी घोष द्विमिस सरि - सम्म प्राविषिङ्गविषिविकासहस्वजे सघमि जोगप्रिय साजयतु ष सिउजयपंजरेजी वा १८ बसिबद समुसिप गिरिसुषुश्चिममसृद्दमेवेषु मोसुयवसिय संसारेस सरते में ९९ पोमय ग्क्षीर सागरखति ठाउपत्र Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यरजहा समारंमिशणते माईणचप्पमणाण १०० नपणोदगंपितासि सागरसलिलाउयउयरंसंचालियसममा जीण माईणचणमणाण , नित्यित्नयमरणसम जमणसरिसनिविएलख तम्हारमरण करबिटममत्तसरीरा २ वनहमसरीर श्वस्योजीवतिनिबियमई दरकपरिकंसकर बिदममस्तसरी ३ जावडयकिचिदह सरीरंमाण सबससारे पत्तछपातसुप्तो कायस्सममप्तदोसेण १ तम्हासरीरमाइ शनित्तरबाहिरनिरषिसेस बिदममप्तसुधि हियजई इबसिमुच्चिउदहाण ५ सछेउयसगापरीसहेय तिविहेणनिजिणाह हिलज्जएमनिधिए मुहोहिसियाराहठ मरणे ६ माजपसरीरसताविउ शतकाहिचहरुद्दाइ सुधिरपियलिगो वियहरुदाणिकवप्ति ७ मिष्ठसुयघघवाई इछामिछेसहदियास रागोवादोसोवाई सिमग्णनकायहो ८ ऐगायकेसुपुणो विउलासुयवेयणामुहन्नासु सम्म । अहियासताइ णमोहियएणधिसिका ९ यापलियसागराइ सढाणिमेमरयतिरियजाईसु फिपुणसुहासाण णमो | सारंनरदहति १० सोलसरोगायफासहिया जहविक्षिणाचउत्यण पाससहस्सासप्तउसा गणधरथचठगएण ११ तहत | मठकाल देहेनिरवस्कयउप्रधाएप सिलच्छितलावगाइ यथायफाधिसहियदा १२ पारियछायगनतो रायोप ठीहसहिमोमूढो घुगहपरमसदा सीयसुकोषियमणुस्सा १३ सायसटिलुकलोहिय मसघसापेसिधिग्गलचितू उ प्पाइयापट्टी माइजहरकसपञ्जाव १५ तणयनिधियणगतूण तुसुधिहियसगासे शाहियचरिचनरो सीहोमिय Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समाम्तो १५ तमियमतिहरसिहरे सिलायलेमहानागो योसिरहविरयइन्लो सछोहारमातणय १६ तिपिहोवस गास पझिमसाएदमासियधीरो घाइयपुश्वानि सहोप्तमधिइनन्तसजुप्तो १७ सायएगलंतलोहिय मेयवसामसलप रीपष्टी खजास्वहिंदूसह निसरपुष्पहारहिं १८ मसएहिमबियाहिय कीमिष्ठिविमसपलगाहि खज्जतोधिनक पह फम्मविशगगणेमाणो १९ पत्तियपयइषिह मियसियालियाहिं निरणुफपाहिउपसग्गिजपधारो नाणाविह झवधारीहि २० वितइयसरफयशासी पजरखगामगारपहाउ णमोनाकठयरंदुल मिरयग्गिदुस्का २१ एघच गठपस्कोचीउपस्को यदाक्षिणविसा सावरणविपस्काषिय समइक्तोमहोसिस्स २२ तह उक्षणपरफनगर्घ थषिक पमाणसोसहा पमियउदमासने नमोनियोतनिजिदाण २३ फयणपुरमिसिष्ठी जिणघम्मोनामसायउयासि तस। मचरियपर्य सउपयफिप्तिममुग्मियम २१ नविनत्यमणिणाउ घसम्गापरमदूसहासहिया सहठयसगोसुविहिप छासहिपसाउनमष्ठमि २५ निफेफियाणिदुणिघिसी साधेठेणजस्सध्यत्वीणि सबसलमाउपलिट मेधकोसदागिः हिर खोफुधगापिराहे पाप्पिदयाकुधगपिमाहरजीवियमणुपेई मेयकरिजिनम् सामि जोतिहिपएहिध | म्म समगदसंबामसमान्द्रो यधुसुमविगएमबिलापुप्सनमसामि १८ साएहिथगयाउ लोहियगमजस्य कीहीठ खायतिउतमग हारकारयवदे २९ देहोपिपिलिपाइ विठोइपुबसावलणिहाच तणाविमणएएसोन Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यजाउसस्ससाणरि ३० धोरोथिलाइपलस्स बालणिचकन णवयधम्माउचलित तदुक्करफारयवंदे गमकमा लमहसी जइदठोपितषण मिसमुरेणनयधम्माउचलि तदुक्करकारयवदे ३२ सई हिननसेणशागतूण सिरप्तीसपहन पार्षणोपोरे० ३३ जोयम्मखमातइयाजो नाघोजायदुक्करापमिमा त्तयणगारगुणा गरसुमपिहियाणधिनहि ३१ सोऊगमिसासमए नलिणिविमाणस्सधणणधीरो सन्नरियादेवलो उझोणिशवतिसकुमालो ३६ पितणसमदिरक निएमझियसाहदिमछाहारी पाहिवसफुगेया यवगमणतिघना ३७ घोसहनिसहगोनहि सोनुलफियाइसह उउ मदरगिरिनिक्कप सरकारफारयवंदे ३८ मरण मिजस्समुक्क सुकुममगधोदयचदेवेहि छज्जयिगधवह सात्तच फळगारठाण ३९ जहणतत्यमुणिमा सम्मसमणेणइगिणीतिराहा तहसरह उल्लमह तचमणसनिवसेठ १० जी तित्यएणगिण हाइ देख्छाएविनशठियकुणड सोसाहेइसकहऊ जहचदवभिध उराया ११ दीवानिग्गहधारीदूसह घ णविणयनिचलनगिदे जहसोतिलपरणो तहतरहतुमपहवाम ४२ अादमदतमहेसापाय कोरवमुणीयधूयगरहि छ छासिसमोदुण्हपि जयसमाहसघस्य १३ जहख दगसीसेहसुक्क महासाणससियमाणहि नकउमणप्पउसो पीलिजत सुजताप ११ सहधलसालिरयशणगारा दोषितवमहिष्टीया धनोरगिरिसमीधे नालदाएसमीपंगि १५ जयलसिलासथारेमय धगमपउयगयाजग सासणूणगंते वासहविसहमहंगा १६ सीयायवनक्रियगाल शुछि Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ समारूढो १५ समियमहिहरसिष्ठरे सिलाय लेमहानागो यो सिरहविरयइन्नो सोहारमहसणूय १६ विषिहोय स गासह पनिमसाख मासियधीरो वामपुचानि सुहोप्तमधिजन्नस जुठो १७ साय एगलतठोहिय मेयवसामसलप पट्टी खहखगेहिंदूसह निसषुष्पहारहि १८ मसए हिमबियाहिय की द्विष्टिषिमस पलगाहि खवतोषिनक पड कम्म षिवागगणेमाणो १९ वत्तिपयद्दषिह सियसियालिग्राहि निरणुकपाहिंउवसग्गियपधीरो नाणाविह वारी २० वितयस्वरकयवासी पजरखगामगारपहाउ णमोनकप्रयरंदुक निरयग्गिदुरका २१ एव ★ स्फोषीउपरको यदाहिणवितात वरेणविपस्काविय समतोमोसिस्स २२ सहस्रणयरक्रनगष विक इouse नमोतिषोमुजिजिदाण २३ कयणपुरमिसिष्ठी जिणघम्मोनामसाधउष्योसि वसई यं तउपयकिष्ठिममुणिस्व २४ वर्णविभत्यमुणिणार वसग्गो परमदू सहासहिया सहउवसगो विहिय स उमठमि २५ निष्फे प्रियाणिदुणिधिसी माणजस्सात्यणि सवसजमाउलित मेोमदगि जोकुश्चगाङ्घ्रिराहु पाणिद्रयाकुचमपिमाह जीविभ्रममुपे वमेयरिसिनम सामि २७ जीवहि पुए हिं जमलमारूढो घर्वसमधिग्रचिला पुनम्सामि २८ साएहि गयाउ लोहिमगंधेणजस्त हिमगदुरारय वदे २९ देहोसिमा विलोपुसावल कि तनषिमणएएसो न Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यजाउतस्ससामुपरि ३० घोरीथिलाइपलस्स वालणिक णवयधम्माउचलिच तदुक्करफारयपंदे ३१ गयमकमाई लमहसी अइदष्ठीपिप्रवण मिसमुरेणनयधम्माउचलि तदुक्करकारयवदे ३२ सईहिननसेणशागपूण सिरतोसपहस पईणोचोरे० ३३ मोयम्मस्वमातइयाजो नावोजायकरापमिमा सचणगारगुणागरतमपिहियाणचिनहिं 80% सोऊगनिसासम नलिणिधिमाणस्सवणणधीरो सन्नरियादेवलो उणिशसिसकुमालो ३६ यितणसमदिरक नियमुजियसवदिवशाहारो बाहिवसकुम्गेया यवगमणतियक्षा ३७ घोसहनिसहगीमहि सोनुलूफियाउखह उउ मदरगिरिनिक्कप सक्करकारयवंदे ३८ मरणमिजस्समुक्क सुकुममगधोदयचदेवहि शामिगधवह सातच कुकगीसुरहाण ३९ जाणतत्यमुणिणा सम्मसमणेणइगिणीतिराहा सहतरह उल्लमह तपमणसनिवसेठ १० जी प्तिस्यएणगिमहइ देख्छाएविनश्यष्ठियकुण सोसाहे इसकहरू जहचदवमिचउराया ४१ दीधानिग्गहधारीसह घ परिणयनिच्चलनगिदे जहसोतिलपहणो तहतरहसमपहवाम ४२ अहदमदतमहेसीपमय कोरवमुगीयथ्यगरहि छासिसमोदुण्हपि एमसमाहसघत्य १३ जहस दगसीसहसक महासाणससियमाणहिं नकउमणप्पउसो पीलिजातसुजताप ११ सहधनसालिरयशणगारा दोषितवमहिष्ठीया पत्तोरगिरिसमीधे नालदाएसमीपगि १४ जयलसिलासधारेणय वगमपंउयगयाजगष सासणणगते वासहतिसहसाईगा १६ सीयायवनंझियंगाउछि Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यससणहारुणिषिणष्ठा दोषिष्णुतरघासी महेमिणा रिसिपणा ४७ छत्येरयंचलोएता तिहिंदेषयामुनावेण विष्ठिनिषेस पसिनामगाहस्थी ४८ अहते समसचमो दुवाल विलम्गेषिणोयप लिया होततघोकिलतंषी सामेऊ विषयवचाग उषष्ठपुणपावा फाय सुमहं करेसीह ५० सुगहियसावगघम्मा जिप्पमष्टिमाणे सुजिप्पयसोइया हरमुजिणोपासे निस्कताविहगा ५१ सुगिहिब जिणघयणा मयवरिष्ठासी सुरहिगष्ठा विहरियगुरुस गास जिगर सुपुष्छ सित्यमि ५२ कणगाव समुप्तावलि रयणावलिसी हकीलियफलता काहीयससवेगा प्रापि मा ५३ पाखरियायमणोहर सिहरतरवरं पुरकरहय ष्याडकरचणपकय सिर सेवियमाहिमवत ५४ महिरपलरुवर परश्वसिनमरमऊपरषिलोलो एयरगिरिविस्यमण हरविप्णवपणसुकाणुस ५५ संमि सिलापुहषी पचविदेह ठिसुणियत्या कालगयाउवषणा पंचविश्व पराजियविमाणे ५६ ताऊ हरूप नारह सससरित पशुमरावितणया जायोजयलबिनष्ठारो ५८ तेकहमर दूसष्ट दुरकममुप्पन्वति सवेगा सुहिय गोसे मिकताकायकितीय ५९ जिठोष दासपुछी घटरोकारसगवीष्यासी विहरियगुरुसगाव जसपछि नखशियलो ६०० सविहरिकृशमिहिषा जवरिमुरहकमे प्रशसन्ता - षोउझिणनिवाणु नष्टमरिल करे सोय 'घो रानिगा ष्टारीजीमो तुगाहिप्र निखार्थं सतुज्बुसोसिहरे पाउयगय गनायोघो ६२ पुछ विराहियश्वर उच्च Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अगसहस्समारुयमिगिदो छविकंपीठादिमुणी नाईमइकपासमि ६३ दोमासेसपुणेसम्मधिइ धणियघेष्ठकत्याच नायउपसग्गिठन सोभाव उपरिनिपुउनगव ६५ सेसावियदुपलापाउ घगयाउनिवुयासोए वधिहसपन्या धणेषि दुष्ठाउमुञ्चति ६५ दधियोशणगारो थापाथणनूमिससिउधारो सहिउणपाणपाय समपरिनिघुउन्नग ६६ सेल मिविलाने कोसलोमुष्ठिउउपझिमाए निपजणणीएखइ उपग्छीना उधगयाए ६७ पझिमागशमुणी लायन घिउपजसवाणेसु तहवियाऊलक्षणनायो साजाखमासठसारण ६८ एकपरियुझपावह ररिसीपचपहायष्ठे मुतू पत्रहगकिरष्ठ नगिरिमम्मिाउसुजसो ६९ सत्ययसोयउलतलेपगा गीधीरनियमई वोसिरिऊणसीररं उहमि ठिउयियप्पाणो ७० ससोथाइसकुमोलोदिण यरफिरणग्गिप्ताधियसरीरो हविपिदुच्चविष्लीणो उपप्रणोदेयलोययि ७. सबस्सयसरीरपूयकासीय ररहेहिलोगपालाह तेणरहायप्तगिरी शहाविसोषिउलोए ७२ नगपिषहरसा मीपिइ यगिरिदेवपाइहठ पूनसपूहउदमरण कुपरनणिएणसक्कण ७३ पृष्ठयमुविहियदेहो पयाहिणेकुजरेणतं सेल कासीपसुरयरिदा तम्हासोउकुचराषप्तो ७१ तनोयजोगसगहउ घहाणखाणयमिकोसधी रोहगमवतिसेप्पो. रुकामणिप्पनोनासो ७५ धम्मगसुसीसजयल धम्मजसेतत्यरगदसगि जन्नपच्चस्काइय सेसमिठवबलातीरे निम्ममनिनिरहकारो पगागीसेठवंदरसिलाए कासीयउत्तमठं सोनावोससाझ ७७ उराहमिसिसावजाहल्लंथ Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ यससामपिविष्ठा दो विष्वणुतरवासी महेमिणा रिसिपणा ४७ ष्एस्पेरयंचलोएता पुतिहिंदेवयानावेण छ विष्ठिनिषेस पसिनामगावी ४८ अहसेसमसचमो दुवालषिठग्गेषिणोयच लिया ते सतघोकिलसंघी सामेळ विजय चाग उषष्ठपुणपाषा फास्यमई करेसीह ५० सुगहियसाघमघम्मा जिणमहिमाणे सुजिप्पयसोहया हरमुजिणोपासे निस्कतातिगा ५१ सुगिहियजिणवयप्पा मय परिपृष्ठा सील सुरहिगधठा विहरियगुरुस गाव जिगर सुपुष्कृसित्यमि ५२ कणगाव समुप्तावलि रयणावष्ठिसी फीलियकलता काही पसरावेगा छाययि उमा ५३ पासरिपायमणोहर सिहरतरवरंसपुरकरष्ट्य ष्याहकरचणपचयसिर सेवियमाहिमवत ५४ हिरवर परश्वसिनमरमऊपरविलोलो एयरगिरिविवयमण हरविणधपणसुकाणुस ५५ समि freeread पचविदेह ठिसुणियत्या कालगया उवत्रणा पंचविश्वपराजियविमाणे ५६ ताऊ पहऊपहई नारह सारठ पहुमराहियतणया जायोजयल बिजारो ५८ तेकहमर दूसह दुरकममुष्पन्वति सवेगा सुहिय रसगोसे निस्कताकायकिचीय ५९ खिघोष ठदपु । चचरोकारसगषीष्ठासी विहरिगुरुगार प्रकि "नशियलोए-६तविहारिक अश्रिहिणा जब रिमुरहं कुमेश सपन्ना खोउं जिष्णु निवाण त पुरिन्तु करेसीय ६१ घो रानिगाहारीजीमो वगागरिन जिखार्थं सतुज्युसोलसिंह पाउन गावोघो ६२ पु विराहियत्रतर उप " Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णगाराधिड्या४याह कोसविसोगद माउ पाउषगया गदिनो सिलाएसगरोत्थूढा ११ मराइकरम हो पाउसविसेसो घीउरायगिह मिल ष्यसणमालारदिवत्तो ९५ कुनकारफले नग रेख दें पासा सात पीठ या एषषिहेक्ररिङ्यदृअह सहियंत्रस्समीसेहि ९६ तहसाना घुष्ट गीए सठियस्ससमुयाण तो निगमिजह कोष्टुं निविणेकन्हे ९१ मराङमुरखम को सपरी महे उसधि से सो घीउरोयहिं मिउष्णमालारदिठतो ९५ श्यंनकारक नगरसाधत्थी जियससप्तणउजिस्कमणपछि कमतण फासिवारियपधियक चणकुसले संकट स ९९ चपामुपदविपसाऊ दुगुत्यातल्लख उरगे की सबिज सब निस्कमण बेयण साऊ पठिषाए + १ मऊराइड समारोपायत्ळपणवठा जप्ताहासकाला सागरखमणोयदिठतो २ नाणे समताचे खनगुनीची निि नद्दो उसणपरीसम्म वासामईच्छापरिया ३ परियापमरणमिउसमुह णपारोसहोममणी मना जिण मय मुइइप्पाण ४ उस्सगासपयाणमणहत्यि विषयसुमरियमणस नामकर गद ५ उष्पहारामहिहि उकोलागिउससतो किघातिमुमाएजिण गणधरोरसबिएम । की सम्मद्दिष्ठीकरांत उत्पा हिसिरिएहि विदुरण धराकहिविष्णुपात धम्मोपविष टुमि होषग्रहिसन्तिकालो सम्सन्विसवेगमावणो ८ सम्ममितिदशोर लाडिक, गजल धीरा परेश For Grap दम महियास मापसेवियया विहं विपरी Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्पणएणसुफुमाल विग्यारियसरीर अणुचिंतिकानमुबाह ७८ गुवरयाउवगळसुपछि णाणिग्रिणेणधाणकोदधी नयसपण्ठिसा घिचित्तणिजात ७८ सहसोविसप्परासीवा सहुनिसिहचता घसीपुलहिविनिगा एहिया गसमुस्क्रिप्टो ७९ जसायनोसघायो सठसत्तादेहगोधीरा पापणउदावण्ण विगलमिउठाया ८० जतेप्पकरक पण सत्येहिषसावर्णहविधिहेहि दहेषिहस्मसेडसिपि शुकप्पणाममणो ८१ पाणीययाहकसि धम्मसखीलहहि मिहणिप्ता मघयमस्क्रिपदेश पिपल्यिामप्तदिकाहि ८२ जेणविरागोजयइ ततसझायरेणकरणित मुच्चाहसस घा इत्यचिलाइपुप्तदिठता ८३ समुरणे सुयसुधिहियघोरे सुपरीसस्यसमग्गोषणमिकोण पायहरोसवरण विल्लगन्नि स्काचणसरेस ८५ सस्येवयषणमिता घेलगमरणनहइतन्हाए चित्यिणेसुणजष्ठ पिठयषिस्सारणकासि ८६ मणि । पदिणधिदिपस्स रायगिपरीसहोमहाघोरो अत्तोहरिषसविक नणस्सात्यक्षिणिदस्स ८७ रायगिहनिम्गपाखलु। पनि पहिषलगामुलीचउरी सायविज्ञकामेण पहारेपहरेगयासिहं ८८ उसिणसगररईनगचं पायसएसुसमणन हरिसी समसमणधकारस्किया उछाचलउओणी ९९ थरईयजायमूय फरोफानयोष्णदुलहापाहीउ कोसचीएक पित हटियफ्यूउन्नशिसी १० कुलइरमियदनी परियाइसहेसममा सिक्षिसुयतिमुव्यणत्याशुगदी योयवास। मिसमपरफराम उनि एमाधम पश्मिाए गोषिकुधिएणवटोगइ सकुमालोजहानगय ९२ सोय || Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णगाराधिनायाइ कोसधिसोगदप्नाउ पाउवगयागविणो सिज्जाएसगरोत्यूढा ९१ मजराइमकारखम कोर । सपरीसाहउसविसेसो बीउरायगिदमित शसणमालारदिवत्तो ९५ कुनकारकनगरेखद गसासागजसपीलरण || या विधिहकरिजमह सहियप्तस्समीसेहि ९६ तहसागन्नाणवुप्त गीएसठियस्मसमुयाण तप्तोशलान्नगमिजह || कोहनिजिकन्हे ९७ मजराहमुझरखम शक्कोसपरीमहेउसयिसेसो बीउरोयगिहमिउ असणमालारदिठतो ९ । नकारकनगरमावस्यी जियसत्ततणउनिस्कमणपति कमतणफासिवारियपधियक चणकुसलेसण सहण' . ९९ धपामुपदगवियसाझ दुगुत्यालखउरगे कोसधिजसथनिस्कमण पणसापभिवाए १ मजराइडवदली ' सकारोपाययणबठा अप्ना सफाठग सागरखमणोयदिहतो २ नाणेशसगासा वनगनीघाणिहियामणे नहो वसणपरीसहम्मि यासाफनई उशायरिया ३ परियापमरणमि उसमुइ णपारोसहोयमणीयंना वितिष्ठ णजिष्ण मयउधए समुईइश्प्याप १ उस्सगासपयाणमणदत्य विसयसुमरियमणत नाणफुसेणधीरो घरेहदितंपिया गइद ५ एए उचहाथूरामहिहि उकोननाणिउससत्तो किधातिमूत्रमारजिण गणधरहेरचधिएमु ६ किषितंजनों णी सम्मधिष्ठीरति तउत्याहितिरिएहि विदुरणुवराफहिविश्वणपानधम्मो ७ शरणसिंबटूर्ण सत्योसणीमहामु ६मि होपगहित्तिकालये समन्दिसवेगमावणी ८ थप्पाणनिदधोउन्नरिउप शहनवाजलानुसायाजोगविरमा Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ रहणएणसुफमाल विग्यारियसरीर अणुधितिजातमुबाष्ठ ७८ गवग्याउधगठसपछि पाणिग्रिपेणयाप्पकदषो। नयसवलि उसात घिचितणिजान ७८ जाहसोत्रिसप्परासीधा सहुनिसिहपता घसीपुलहिंपिनिगा एहिया गसमुस्किलो ७. जसायप्तीसघायो सठप्रसादे गोधीरा वापण उदायाण विगतमिलाया ८० असणफरक पणय सत्यहिषसावर्णहवियिहि दहेषिहस्मतेहमिपि छकप्पणाममणो ८१ पाणीयपाहमि धम्मस्वीस निहणिला मघयमस्किपदेश पिपलियालमटिकाठि ८२ जेणविरागोजयइ समझायरेणफरणिल मचाएसस अगा इत्यधिलाइपुनविष्ठता ८३ समुपसुयसुमिहिपचार सुपरीसत्यसमग्गोषणमिकण पायहरोसघरण विवगति स्काचणारे ८५ तत्येवयथाममिता घावगमरणमाइसन्हाए घित्यिणेसुणज घिठपषिस्सारणकासि ८ मणि। वदिषधिदिणस्स रामगिठपरीसहोमहायोगे जत्तोहरिवंसबिजनस्सपस्यक्षिणिदस्स ८७ रायगिहनिम्गपासणी पनि पहिषलगामुलीचउरी पायविज्ञकामेण पहारेपहरंगयासिहि ८८ उसिणसगररहनय पायससुखमयन । हरिसी खमसमपचारिफया उपचचलाउनेणी ९९ थरईयज्ञायमूय फरोशनवोचढउहायाहीउ कोसचीएक हित इयिफ्यूछन्नमी लाइमियदयी परियाहमहेसमरका सिरिसतिमध्यपत्थं गुलदावोगवास मि. रामपाकरघुतमुनिसी हायफायदेसपनिमाए गोविधिएणवहागइ समालोजहानगव ९२ तोच || Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ णगाराधिनायाह कोस घिसोगदनाउ पाउषगयागविणो सिज्जाएसगरीत्यूढा ९९ मजराइमकारखममर्थको सपरीसाहसषिसेसी घीउरायगिहमिठ असणमालारदिवत्तो ९५ कुन्नकारफनगरेखद गसासापर्जतपीलरणः या एधिकरिजाह सहियंनस्समीसेहि ९६ तहसाणलाणवत गीएसठियस्मसमुयाण ततोशालानगमिजह कोहनिजिणकन्हे ९७ मऊराहमुजरखम शक्कोसपरीमहे उसमिसेसी घीउरोयगिहमिउ यसणमालारदिठंतो एज धनकारकनगरसावत्यी जियससप्तणउनिरकमणपफि कमतणफासिधारियपयियफ चणकुसलेसणकहणसणं १९ चपाममदगविपसाज दुगत्याज्जलख उरगे कोसयिजसघनिरकमण घेयणसाजपरिवाए १ महाराहददतो सकारोपाययणबठा जनाइसफाठग सागरग्वमणीयदिछतो २ नाणशसमझता खनगनीधीचणिहियामणे नहा सणपरीसहम्मि शासाफनई उडायरिया ३ परियापमरणमिउसमझ णपारोसहोयमणीधना विविध जिण मयउपएसमुइइशप्याण ! उस्सगासपयाणमणहस्थि विसयसुमरियमणत नाणसेणधीरो घरेइदित्तंपिध गइद ५ एए उछाहापूरामहिष्टि उफोपनाणिउससत्तो फिवासिम अमाएजिण गणधारपविएमु'६ किचित्तजहना णी सम्मधिष्ठीकरति तरत्याहिप्तिरिएहि विदुरणुषराफहिविक्षणपाउधम्मो ७ शरणसिवटूर्ण सत्योसणीमहामुह मि होणगहिउत्तिकालये असन्निसधेगमावणी ८ थप्पाणनिर्दयोउन्नरिवणं गहनजला सायजाज़ोयविरमा Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नत्तपरिन्लफरेसीप ९ गत्तानिन्नदेहोह सामूरग्गियाषिपसरीरा कोलंफाऊणसुरो उयउठोपयसहिणि.. - सेबोनरुजवइफतारे मुधिहिणणुपाए नासुरवरदिधरो दयोगमाणिउजा तसाहसेणगयघरपरिय सोळय । दुस्कररण कोरपतषेपमायकर जाउमणुस्सेमु १२ जयगपुराहियउकोराया मरिकणमात्रायणमि मुपसत्यगंध एस्था पजनयनलमोमा ३१ सोमीहपदमुणियर पनि मापानयाहिउसुसधगो पाणयहालिपायोरिय थम्चनयरिय हमियतो ११ गगहोसनियता बठस्क्रमणस्सपारणेताहो शाससिकपपा शापयत्त प्रलपासी ५१ समगप्तान मंसोपणि सिराजालश्यतयसरीरो विहरियणप्पप्यामी मुणिउपएसपिषिततो १६ सोयन्लयाणिदाहो पास खोयनिरुस्याहा विरघेरिएणदिठो फुकासप्पेपघोरेण १७ जिणषयणमणुगणितो साहेसहपठयिहाहार योति रिकणगड दोनाघेपषिणेनमसीय १८ वव्ययषणयरसुरषर पिम्हिपकीरतपूपसकारो मशव्योपासीकिर फाउहेम जसरिजचे १९ समसहिषप्तहो कालगउसप्तसमिणमि सिरितिउरमिषमाणे उकोसथिईमुगजात २० सुम विहिबायकाहिय एयंवराणयनिसामिचा पंझियमरणमिनई दढयसिप्पनाषण २१ जिणययणमपुरमहादीसि यंगामदामिनघोरासीमकोसिश अग्रहसमुनचमहंगा २२ एगोपरिमाणवासीजा उपरपिज्जयंजरसगि बाउनेंदणकूलेगा प्तिमस्माहिद २३ हिपलमुरुग्यहीनदग रिसोयपूटनंह य घरायसमेकापा सरनामेदव || Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ नमको २१ माधीसमाणपछि तिरस्क्रममयाविनिसणहाए विसयाणुकंपस्क णरिदयाउउवम्ग २५ संघयणक्षित हतो नदसपुछीएणशगात्रा इगिणिपाउवगम पनिवजाहपरिसोसा २६ निझातिप्पमिकम्मो निखियएन। जाहजहाग पयपाउगमस मिहारियायनीहारि २७ पाउवगमन्नणिय समविममयायपुछजहपकिन नवरवर प्पउगा फपिजहाफलसरुझ २८ तसपाणघीपरहिए वित्यिणप्रियारथगिलपिसद्ध एगनिहोसे वितिष्ठान यमरण २९ पुनधियवरण दषोसाहराकोविवायाले मासोचरिमसरीरो मधेशपफिविपाविजा ३० उप्पले उ यसग्गे दिमाणुस्सएतिरिस्कछ सोयराजिणिप्ता पाउधगयाएविहरति ३१ जहनामशमीयकोसी असीविखलुथ लोइयमचन्लोजीबो यन्तोदेजजिसिवाए ३२ पुहावरदाहिण उतरणारहिछावनहि जहनविकपइमेव एकमाउनविघलांत ३३ पठममियसघयणे बहससलकुसमाणा तसिपिययुच्छे उ प उदसपुछीणच्छेच ३१ पुढवि । दगछगणिमारु चसे सफाइसाहरड पासठपत्तद हो थहाउयतपरिखिसा ३५ देयोनेहेणग्देवा मरणहदमग पषा जाहयाठीकता इसहाकसि सहनाषा ३६ उपसग्गेतिरिहोषिप चाणुफलेचेषधहयपशिफूले सम्नहियास सो कस्सस्क्रयकारछोइ ३७ पयपाउपगमइ गिणिपफिक्कामगियसुचे तित्य यरग्ग गहरे हियसाकायसेवियसमा २३८ ससछठाए सहनसकामतूमी सहगलसहिया सहमे थाहमिचो२९,सहहिविलशाह सखिपेरी। Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ महेपराइता सप्तिपतित्यपरा- पारधगयासिधिगया ४० पयसाधणगारा सीपपप्पलपोगया सहकर्षण सघगया पश्चकाम्पिगिणिक, सविनाशकाठ महषियपढघण्णया मयदेमयिग्या पसरामणयम रति १२ सहसहप्पन्नाव जीषियसाससाणगान छादारावरयण नमिमसोय। पिम्पाटमपसि केस लडागामजत्तियाजीचा समावस्याहारज्ञविशाउता १५ समाग्सिगरयो सारसमसमोपणास परिणाप्ता माघगहयाएराषटति १५ एयपाउयगमनिप्पल कम्मलिणाष्ट्रपन्न समाप्समम यषमायपरक भामा १६ धारपरिसपन्नत ? सप्पुरिसतियएपपरमधम्म धणामलायलगपा मिरायपापियामि ७९ असिग्रशष्ठयारा सुत्नयाणियामुष्याधीस गिरि हरफंदासप पिजणापक्रईस १८ पीपापपयरुपव्यानी प्रारमरजामपसमाप सेलसिलामयणव्या साहसिष्ठसप्तमठाइ ५९ दीवारहिरणेसपाहिया रायडियासपण, सतिग्रमासु फसलसिटी महिलादिसुनवपरिताकपाधी ५० जमुताषयाकुलगिरि फेदरयिसमयासु साहिति अधिनाणियसहायगा किपुनशणगारसहाय येणाणावसंग्रहयम परखोनसकामाधम HANBI समइलेसुधमुसिरिय समरमुर्विष्टिमीयपशिक्षिा पनि मनमो शविली DEBाशिम सि विरिणत पाएगागिउरणे. ५४ वरिउपविजणमने वशमागि Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इमोजीषो मतणसारीराम मुमुक्षाकति उससते ३५ जहवीइतिष्ठाजीपा धिविहाणघिसगारवीतइन्सबारगड जीवहिधिष्ठिसयाशले ५६ 'साययत्नयाजिनूई पचासुशुमधोमुनिरनिरामासु रहरिहरिणमम्ह सापकर मोक सस्कन याम ५३ गयगवयखग्गगम्य धाग्एप्तरस्यत्यनवपरिणाम तिकिझकदायिय 'सनवसभ्यायकिणासु ५८ सप्तगइदनिघानिय निल पुलिदायकुझियविणासु यसिउनतिरिपते ? नासणससारघारमि ५९फत्ययमुशमिगतेथ न सोश्यावीसुश्य इायममासु घग्घमहाझियण रसिय साहनीयएप्प ६० 'कम्यदुशहाय्यस्को नोसणधिगरा घोरप्रय गोह शासिमहवियघोरु रुमहिसवराहविहान ६१ कत्यिदुछिरिणहि पक्रसंघचालनपशेहि बलि उपष्ट्रिउयच्छह मणस्स जम्ममिनिम्मारो६२ क्यइकुमिलमिकत्या ससारपााधऊ'गनूग्रत पासोउझियमाणो मय घे घोषियासिन्सो ६३ घिरसछारसमाण फेस्यहरणसुघाइउशाहय सायन्यगहेणमिवण नेयनीजम्युनिययिष्ठीह ६४ पतविधिप्तबिरस दुस्क ससारसागरगयण रसियशसरणण कयसदप्ततरगाण ६५ तई यावषगणमिवफा सनम पाजीयो जईयासुमागमविललुकिककवायससहिए सुट्टोकिएदेह ६६ -साप्त निजिणिकयं देहमुतणयचएजीयो श्वषिणासाचणित सेलुकोसीहि सजवायनमुच्चइजीयो मरणस्सउनियतोपियशाप्लोथि तम्ह मज्जवजजाइ दालणासप्रशासपुषसपुरिचयमा प्रिमियजरमरपाचायियमइयापापतिकायमयता मारणसमाहिमही Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ जाग ६९ एवंजावियथितो सर्धारवरमुमिहियसयाधि नायेहिनावमा पारसविषयपदिठान ७० एप्सोप रंगोषठस्थ मगऊसुसाधम्ममि तन्वङजावपाच पारसिमोपारसगयिक ७१ समयोपयसाघपपया जायनि पिनावणिजत दसवेगकरीत बसेस उत्तम मि७२ पढममिचनात्र सरयगयखत्त ससारममनया पिय विविहलोग सहावच ७३ कम्प्रस्वासघ सवरधनिवरणमुप्तमेयगुण जिप्पसासमियोहिप दुलह घिन०म दृष्य ७४ रुद्राणाई सासभा इवेषद लागेव सुरासुरनराइट रिद्दिषिसह ७५ मयापि हम ठिएहिपुत्रदाराराष्ट्र एगयउ सहवासोपी एमउविष्ववाि १६ नव उपयपष्ट्रिय सपासप वाप्यवाह महि जोगाविष्याणि तपरलो गिहिसवष्टि ७७ वल घिरिपत्र शोषण सामग्गीबुगपादपूसाना दम्प म छासमंत्रीषियंवेष ७८ अम्मतरामरणजए निहित वोग मिथि सरपनिदिवरसास मृतु १९ सिडिपीडि पञ्चपमिवेहिं निमिषेष्टि साधरणयद्वरणेहिय घटपथमतेहिमोहिं ८० महपाठ जागरण कारण श्वविषयाणामवू नपचिप पुच्चोके पड्डू नीइषले पापिषोगमि ८१ विव्हिडिमांडम विज्ञा सत्येमागे नविसका मामिलासोएहिं ८२ पुम्वासिष्ठाप्यपिपासयोः वघयशपोहचव्योप समसमस्या सामऊः ममा विद्या विष्ठणा-८३:भ्रमण समग्र गानि प्रकियो:पशाविद्या मंडी Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ईनास ८३ मनमिषधषाण कोमरकलुणसयसाण नयष्यन्त्वेतिष्टष्ठ बंधुवदा गई ४४ कोकरे कम्म फलमषिप्तस्सेच समपुष्टको जाय मरठपरलोक उजाय ८५ पतेयपत्तेयनियम कम्मल बताण कोकस्समसयभो कोकस परजणेपिच ९६ कोरकेण समजाय कोकण समच पर नवजा यह कोयाकरेकिं वा कसको नियते ८७ छणुसोअमजण तनयनरगसुधालजणो नविसोयहष्यप्पाण किलिस्समाण जघसमुद्दे ८८ श्छन्नइमसरीरन्नोह पथवाविमेष्यस्ना एवन्नाऊणखम कुसलस्सनजस्त्रमका ८९ हाजहमोहिय महणा सुग्गइ सग्गश्व जाणमाषेण जीमेनवसमारं सुबिरधत्रिमियनयकरमि ९ जोणिसमसहस्सेसूय ययजाय मणगासु सजोगष्ठिप्पउगी पप्तादुस्काणिपथणि ९१ सग्गेसुयनरगेमुयमाणु स्मतहतिरिस्कजोणी सुजायम पंचग्रसोस सारस सरसय ९२ निरपसुणाय मागण वयवमरुषणावणविणा णंगायरोगसोगा पष्ठाशाह सहस्से सु ९३ सोनस्पिड होगा सोलोए यालम्गको मिमित्रोषि जम्मणमरणाणच हा ष्पणेगसोजस्थनयपता ९४ सङ्घाणिस ठोए भीदञ्चापिप्रन्वपुञ्चाणि देहोष स्वरयरिजोगयाउ दुस्सुबऊस ९५ सद्यधिबघवत जीवणंगसोमर्स विषण्डवेरजपया दासासा मीयमेछासी ९६ लोग सहाबोधीधी जत्य घमायामयाहबघूया पुत्रावियाहीपियो पियाचिपुरावे ९७ प्रतिमपिसपुष्यस्यषि मायावायानयत्प्रायस्स: तुहा स्राइमस सीकिकह परम ५६ Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ घोमसोमरि नयाजशपाउपरमसंगठिया मारकणलोयइकिमी वयेषफलेयोरेनपा ९९ पलामोधनमाई पईयफालमिसावटुस्काड पाविष्ठिछपुगोस्क नमरहिजोजणोधम्म १०० घम्माधिणादाम पनबन्यछन्धि क्रिषिमुः कामयारुम्वास दवामणु यासरेखोए , सत्यधम्मकाममाभिप कहनामिाप्तन्निमिठमि समस्यामा पुनमियराप्पिसुनापि २ शायासहिलेसाण घेरामशागरोन करीर यज्ञराणग्य करा सन्याममछपव्याप फिल्याहिताविपजे पमायनपफिलेसकरा तक महायजा सकारयिषहणकरमा ४ मत्यिसमारहाण झित्रिनिरुपयनाम ससुरासुरेसुमणुए निग्य सुतिरिस्क जागीर ५ पकायस्कपीठिया महमठापासप्पप्णयसाप सिरियाणन यह नरयाणवव ६ पणनथासजम्मम पाहिजरामरणरोगास्संग अनिजागरसे पकादो अधिनसहमस्यि ७ मठियसघारा मुसमुणसाचरियाविनि थमुहरिस्तासम्मरीमियत्यिक पिप्पलमो. अषणामयपश्देषष्ठोयन पारिमानिसगो देवाधिदुहानांप्रति परिमादोरुपमयकोहलोहदो। पहासमाईदिदेवानिसमनिया-मशिसमवष्यत्यि १० अधिसयदो पुतीमारमापोजीशी अशामिल किठिासहवासबउधमईयोसपनोइंदिपायसरफरमाईशानदारी मात्र गतिविणकर यो पिकामोशेषिमापा मकवानामिप्रिया विजापागययापम Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गणे पक्षेतस्य धिरत्युञ्जना मसह सोषि' साधेसुनाउरविको श्यामश्वष्ठियपि छइलोहे विपस्सल सबु जहा गलगलिन १५ सत्यधम्म कामं तिण विद्युाणो परिचय ताक बहुजडिउ फिल्स्सइइड परिवेय १६ ऊतिष्व रूसविणा सगाणि पचिदिपाणिपुरिसेस्स उराउ विसा गहि यामतोसही। इचिणा १७ सदहिसपा हिसाइए हिकम्प्रमासह जहनाषाइषिणा सत्यहुहिल पहिले १८ कम्मासषदारा निनिष्ठ दियाइच हसायकसाया तिथितिविद्वेणमुस्कत्य १९ निम्गहि कोहि खास समूलउयाकृति वहियारेमुक्की रोगापष्ट्याउरजणस्स २० माणणयसामेयय तोषले बलानि सनप्ति इदिय विलयकसाया घरियासुरगावरहि २१ ऊतिगुणकारगाइ सुइरजूहिषनियंतियमियाह नियगाणिड़ दिया- जह गोमुदत २२ मपत्रयणका सोगा जंनपियाकरणवपिया सिणिवेजतस्वगुण करातिशुक्षमस्व दोसफ /२३ सम्मन्नृमाङपासइ नएप्पल कम्प्रमले न लिप्यइ सोसवरिप्रासयवार २४ घणासहियाण सि छपाकर मुसिगिया प्रणो सुम्गहमर मरविषयागयासिद्धि २० घणाकलन नियहि विष्फमुक्कामुत्तस्रजष्ठा या श्रीप्रवरा सारा बथानीउवितिप्रिय : २६। प्रशानकर तितवस- जमजोगेहिकम्ममय तसलिलेप्मुषिणो! घु विकरमशः नापास पत्रास हि सीधा उमाकरणघीयं ददर्गीषणरासिं Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इणमीमुगडपहोस देसिनउकाउजिणवरहि वेपन्नाजेपयपह मणयापवजति २९ मेहेययायिपाइं इहपरसोय | होइकालाण तापयजिपकहियं पहियजाइनाघउधम्म ३० जहाहटोसोचरमो जहजेहविमएसुरीश्वरगंवहरवि णय शासनसएयपरम ३१ दुग्गोलपकप्तारे जममाणेहिसुविरपहेहि दिठोजियहोमोहमुग्गहमग्गेकासिमोस माणुस्सदेमकुष्ठफाठ जाइदिपयठाययाणध विक्षाणसिझादेससणष दुलहसुसाझाण पसेसुयिपरसु मोरस्सुदरण दुलोमुपोपकमजपप्तमेणय विसयसुहण पडोनण ३४ सोयपहोउपलको जएघाहिरोसोयज्ञ सपत्तियिपत थिर तम्होनखमोपमाउमे ३५ अहमहदढप्पणीसमणोपेरग्घनावणफुगाह तहतम्हणसुतयाय यह पसीमरखपम् | इ२६ एगछटोरलेपषिढ परिणामाशणुतरजति फारिउ पुरित श्यहरगईउहरामणेम ३७प्यारमिनावणास एखसम्यवसभप्ताउ साधेसाणोजीषो आवसमापइयेरग्ग ३८लाषिजनायो पापियाइरयणमरिसाइ प पाणावखम धारासिफिलिमापनि महसुसमाच्छानिरजवामहवाई दुरककच्छइतिरियसरित्य माणु समाई प्रवितिचा पुणेविर्थप्पमुईमाणस्स णेगटी घसजन सुविउियमुबाठ कनेनमुगोउमटमणा ।। जइनामपट्टणगढ सोसुल मिमूढलावण मलाइदिनराठाह मानुस्सन्नावतहापमा ४२ सपशेषलविरपस पायपरि सापजाणती जलाविपीहिलान दस्गमगावपावति ५३ सम्मापिपरोनाया नसाक्षावरीरबत्योय नासा ।। Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गरंमिघोरे नऊतिताणचसरजच ४४ नविमायानबिय पिया मपुष्प्तदाराचेश्यधजणो नविषधणनबिंधत्तं दुरकसु इन्नउषसमति ४५ जहया स्यणितगनं दुरकतोस गणबधु परिहीणो उच्चत्तम् परियप्तह उरगोजहष्यग्गिममि ष्वसुइसरीररोगा जम्मणसयसादृणबुहात पढाउराहसी यवाउए हाजिघयोयणगषिष्ठा ४७ सोजरामरणाइ परिस् मोदीरणयायदारिद्द तहय वेपियविप्पमाउ प्पियजण सपउगाय ४८ पयाणियहोसोणिमाणुस्स बद्धविद्दाणि स्काणि पञ्चस्कपिरकप्तो कोनमरइतविचितप्नो ४९ दणाणुस सुदुल्लाह कइकम्मयो सेण साहा सुणमणुरता मरी | समुद्देविगाहिति ५० ते उठलोग सुह सुनूणम्मान समियम विरतिरकमरणनीउ फूलोग मूईकरण दोगुच्छ ५१ दारिद्ददुरकत्रेयणषक विहृतन्ऊन्हखुप्पिवासाण खरजय सोगसामिय तक रदु निस्कमरण हूं ५२ एएस ण पस्किसुहतितलोए नपुणश्वचनसुहत्तस्स परुरको समालोए ५३ जम्मन बुहा:तासीउ वहपिघदुरकमुक्ति 5 नयश्वसुइयसरीर तस्ससणाईसुकिका ५४ जहनियदुमुप्पन्नो जंजोकमुपपिमन्नएमकर सहमुरकहरुका ससारदुहत इबिति ५५ जेकमुपदुमुप्पन्ना कीफाबरकप्प पायघ परुरका तेसिविसालवल्लीधि ससग्गीश्रमुरकोय ५६ तहपरतित्थियकीनाषि सर्याविरविमूढ दिठीया जिण सासणकप्पत हूवर पारुरकरासाकिलिस्सवि ५७ वाम स्क्रमहातरुणासय विषफलयसुरकसष्ठेण मुतू लोगसणं पनियरणेणमरियल ५८ जिणमयताविष्टचिठी लोग Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | इणमीसुगडपटोस देसिउउस्क उजिमघहितेपलाजेपयपा मणयपति २९ हेपणाषिपच परमोण्य होइफलाण सापयजिष्पकहिय पमियजइलाघउपम्म ? ० जाजोखोचरमो जहाविमायग्ग्गं सारथि पय श्यामन्नसायपरम ३१ दग्गोलपकप्तार लममाणेहिमधिरपटहिं दिछोजियाठोपामुम्माइमम्साथिमको ३ माणम्मद मलकाल जाइदिपयलाप पाणच विषाणमिहादेममणच दुलाससामा ३ समयिपण्म मोहम्मदएप दालमोसुपोऊपझपजपतपय विसयसुहप चलोनण 2४ मोपपहो उपलको जएवाहिरोसोमजान ममिपियन विर सम्होमखमोपमाउमे ३५ अहमदनप्पणोसमापेरग्घनावणफुणा तहतम्हासुनथाप यापपीसपम् 15६६ एगछोरोपविदट परिणामाधारणप्ति फरिउ पुरिट यारगाहगमणेमु ३७ पाहायचायणांस | एक्सप्रेषउसमप्ताउ नाघेमालोजीपो जाउसमाचहधेरग ३८ जाषिजनाधणा पालिजपयाईरपणसरिसाई पिपावसमषे धारासिरिधिपाषदिहि ३९ मुहंसुरसमफच्छद निरठयमहबह पुरळकष्छादिरियसरिमाण | सगाईयवितिक्षा १० कुपोग्रियप्पसुरमामुस्स पेगदोपसज वितिसम्मलेनमारना जड़तमपहपग सम्वमिमूरजापालविवाहाला माणसनातहीपमा २ पटेमालविरपस च्यायपरि धतीनशतिपोष्टिान दगमगंवपापति सम्मापिपरोनाया नमापुतासरीरकल्पोप नाता | Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गरमिघोरे नजतिताणघसरणच १४ नविमायानवियपिया मपुतदाराचेचजणो नविषधणनविपन्न वरकस इन्ल उयसमति १५ जइयासयणिज्जग दुस्कप्तोसयणयपरिहीणो उच्चत्तइपरियप्तह उरगोजहग्गिमसॉम असुइसरीररोगा जम्मणसयसाणबुहात णहाउराहसीयवाउए हानिघयोयणगविहा १७ सोजरामरणाएपरिस्स मोदीरणयायदारिद तहयवेपियविप्पमाउ थप्पियजणसपउगाय १८ पयाणियहोसोणिमाणुस्स बसविहाणि रकाणि पश्चकपिरकप्तो कोनमरइतविचितमो १९ दलूणविाणुससुलह कहकम्मवासेण साहासुणमणुरता मरी | णसमुद्देविगाहिति ५० तेणउहाहठोगमुह सुतूणम्माणससियमह घिरतिरफमरणनीउ लोगाईफरणदोगुच्छ ५. दारिद्वादस्कवेयषयक विइतन्कन्हखप्पिवासाण चारहजयसोगसामिय तकरदुनिस्कमरणाइ ५२ एएसितदह णं जपविरक्रमहतितलोए जपणचच्चतमहत्तस्स परुस्कोसयालोए ५३ जम्मनबहातासीउ वहपिघदरकमुक्ति छ नयशसहयसरीर सस्ससणाईसुकिक ५१ जहनि पदमप्पन्नो जंजोकपपिमन्नएमकर तहमुरकसुहपका ससारदुइंसायिति ५५ जेफपटुमुप्पन्ला कीफायरकप्पपायवपरुरका सेसिविसालवल्लीघि ससगोत्रमुरकोय ५६ वहपरतित्यियकीमावि सयधिसफरविमूढदिछीया जिणसासणकप्पतइयर पारुकरासाफिलिस्सति ५७ स्वाम स्कमहातरुसासय सिवफलयसुस्कसलेण मुतलीगसण पझिमरणेषमरिया ५८ जिणमयताविषिष्ठी लोग Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इमलविरेशप काउधम्ममिप्तसाणे मुक्कोपमहधिवेमेष्ठ ५९ सणहमहमिनिणप्रय मामपनापिप एपसाणवाय फरपिछोसमषेण कापे मुसायछ ६० इतिश्रीमरणयित्नप्तीपइन्न समस्त । स यत् १९१२ पोप २ ३ सीप सियो कारमा जैनप्रनाकरनाम्नियन्प्रे मुद्रित । श्रीयुत रायधनपतिसिह पाहादुरस्य ध्यागमस ग्रह ३३ माग समान 0 मि० Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ A DIRDERSTAR ५९ सुणहजहमिमिणत्रय मामपनायिय एणसाणवाय PERINTERARAM नप्तीप३लमत्त ४ सवत् १९१२ पोप शुम । समीप भी मपर मुधो सा Sunitiatantrackस्य आगमसय ३३ भाग समान श्रीयुत राय धनपतिसिह यहादु समयपासी सदेपिसप पपि मारपदरबार पर पत्तपरीचामा ३० पनि ___-inerpreANDOEcum॥हातदशपयन्न ५०० राय पनपविधिपहार ५०० विनरसापटी hathaerat दरवायोरीशीवापक्षीयबारम है पापी बर्मन्गुवा जोसीरिवाज Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ..... एणसाप्रया सती भी पधर सुधर्मा PASHRASAROSAHESH *~-domitratorneaaree morean श्रीयत राय घनपातासह यहा सदसवयानी शमिश पनि का मामल पारपरबार भत्तपरीधाम 30gtonei ption Doपापणापतिlan फा अंगाराममय: धस 1 50 राप धनपतिमिव पहार 1520 जेमपुष्पुबापती से / Trias नलसिंत्रसम FACEAKIST पाबायोरी सीबासकीय वाया स्पायाभोगी मानवारणीभीमार कम्पकाoppapayaFRIE. रायोपितोरीता ] मनात प्रभार मे una