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विषय और प्रश्नादि
पत्राक विपय और प्रश्नादि
पत्राक उस्के देश प्रदेश से नही है थाफाशास्तिकाय| | देश प्रदेश से स्पष्ट है, धिमी से स्पृष्ट नही से स्पष्ट नहीं है इस्के देश शोर प्रदेश से स्प फाल से स्पृष्ट एफ थजीय प्रदेश अगुरुलघु थ| र्श किये है , प्रसफाय से कदाचित् स्पष्ट चस्प नम्त गुरुलधुगुणसयुक्त सर्षाकाश स थनन्त है , काल के देश से स्पर्श फिए है| १३७
जागो न ४१० जम्बूद्वीप नही धर्मास्तिकाय स इस्के देश प्रदेश
॥ १५ वा पद से स्पृष्ट एष धर्म और शाकाशास्तिकाय से इद्रिय उपचय इत्यादि थर्थ सग्रह गाथा २ | ११० जी कहा, पषिधी से यापत् वनस्पति से स्प कितने प्रकार इद्रियोपचय कहा , ५ तरह का किये है, प्रस काय से कदाचित् है| १३८
इद्रिय नेद से (एष लयण समुद्र, धातकी सफ थादि जी कहा नारकी को पाचो इद्रिय का उपचय कहा, एवं
सो गाथा है १३८ वेमानिक पर्यन्त सर्व दमक मे कहना नेद यही लोफ फिस्से व्याप्त है इत्यादि जैसे थाकाशषि के जिस्को जितनी इद्रिय उतनाही का उपचय ग्गल कहा, थलोक नही धर्म अधर्म शोर था कहना , एष इद्रिय की निर्घर्तनानी पाच तर काशास्ति काय स फिन्तु थाफाशास्तिकाय के ह की कही है , नारकी से धैमानिक पर्यन्त