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विषय और प्रश्नादि पत्राक विषय और प्रश्नादि
पत्राका ज्ञानावरणी कर्म का जघन्य स्थिति बन्धक कौन,
(२३ वा पद पूर्ण जाथा) मोहनीय का जघन्यस्थिति बन्धक कोन, आय
___ का जघन्य स्थिति बन्धक कौन इत्यादि| ७०४ __॥२४ वा पद कहते हैं। उस्कृष्टस्थितिक ज्ञानायरणी कर्म क्या नारकी आधे थष्ट कमे प्रकृति कही, नारकी को यायद्वैमानिक फि तियथ इत्यादि, कैसा नारकी उत्कृष्ट स्थि ।
को, जीव ज्ञानायरणी (शादि) कर्म बाधता तिक ज्ञानाधरणी कर्म याधै इत्यादि निरूपण ७०५ |
ऊया कितनी कर्म प्रकृति बाधे इत्यादि निर्णय ७०८ एवं शायु को बोझ सातो कर्म के शाळावे कहना,
(२१ वा पद पूर्ण जथा) उत्कृष्टस्थितिक शायुकर्म क्या नारकी बाधै ।
॥ २५ कहते हैं। स्यादि कैसा तिर्यच उस्कृष्टस्थितिक शायु कर्म | शाठ कर्म प्रकृति कही, झानावरणी म वाघतो
वांधे ७०६ । जीव कितनी प्रकृति वेदै, एव नारकी यावद्ध फेसा मनुष्य तथा मानुषी उत्कृष्टस्थितिफ थायु! मानिफ , एव पृथत सेनी, यायत् अतराय
याधै ७०७ तक कहना, जीव वेदनी कर्म याधता कितनी|