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विपय और प्रश्नादि
पत्राक विषय और प्रश्नादि
पत्राक ॥ चीथा पद थारम्भ ॥
| पर्या० थपर्या० सक्ष्म पधिषीकाय की स्थिति । २१२ नारकी को कितने काल की स्थिति
चपकाय स्थिति प्रश्न
२१३ पर्याप्त तथा पर्याप्त नारकी की कितनी स्थिति २०५ पर्या० पर्या० थपकाय की स्थिति २१३ रत्नप्रभादि सात नरक के पर्याप्त शुपयात नार यादर शप्काय तथा पर्या० चपर्या० वादर थ की की स्थिति का प्रश्न| २०६
पूकाय की स्थिति २१४ देवता की किसने काल की स्थिति
२०८ एव वायुफाय वनस्पतिकाय पर्या० थपर्या० की पर्याप्त अपर्याप्त देयता की कितनी स्थिति
२०९ सदन यादर श्यादि की स्थिति का प्रश्न । २१४ एव भयनवासी शादि देवता देवी पर्याप्त अप द्वीन्द्रिय तथा पर्या० अपर्या० की स्थिति २१५
र्याप्त का की स्थिति का निर्णय २०९ , एष त्रीन्द्रिय चतुरिन्द्रिय पर्या० शपर्या० स्थिति २१६ पथिवीकाप की कितने काल की स्थिति २१२ पर्चन्द्रिय तिर्यञ्च यानिफ की स्थिति
२१६ एवं पर्याप्त थपर्याप्त पृथिवीकाय की स्थिति का एव पर्या० थपर्या० पञ्चेन्द्रिय तिर्यच की स्थिति २१७
प्रश्न| २१२ समूझिम पवेद्रिय तिर्यच की तथा पर्या० थप । सूक्ष्म पृधिषीकाय की स्थिति का प्रश्न | २१२ र्या० समृझिम पचेद्रिय तिर्यच की स्थिति २१७