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________________ णगाराधिड्या४याह कोसविसोगद माउ पाउषगया गदिनो सिलाएसगरोत्थूढा ११ मराइकरम हो पाउसविसेसो घीउरायगिह मिल ष्यसणमालारदिवत्तो ९५ कुनकारफले नग रेख दें पासा सात पीठ या एषषिहेक्ररिङ्यदृअह सहियंत्रस्समीसेहि ९६ तहसाना घुष्ट गीए सठियस्ससमुयाण तो निगमिजह कोष्टुं निविणेकन्हे ९१ मराङमुरखम को सपरी महे उसधि से सो घीउरोयहिं मिउष्णमालारदिठतो ९५ श्यंनकारक नगरसाधत्थी जियससप्तणउजिस्कमणपछि कमतण फासिवारियपधियक चणकुसले संकट स ९९ चपामुपदविपसाऊ दुगुत्यातल्लख उरगे की सबिज सब निस्कमण बेयण साऊ पठिषाए + १ मऊराइड समारोपायत्ळपणवठा जप्ताहासकाला सागरखमणोयदिठतो २ नाणे समताचे खनगुनीची निि नद्दो उसणपरीसम्म वासामईच्छापरिया ३ परियापमरणमिउसमुह णपारोसहोममणी मना जिण मय मुइइप्पाण ४ उस्सगासपयाणमणहत्यि विषयसुमरियमणस नामकर गद ५ उष्पहारामहिहि उकोलागिउससतो किघातिमुमाएजिण गणधरोरसबिएम । की सम्मद्दिष्ठीकरांत उत्पा हिसिरिएहि विदुरण धराकहिविष्णुपात धम्मोपविष टुमि होषग्रहिसन्तिकालो सम्सन्विसवेगमावणो ८ सम्ममितिदशोर लाडिक, गजल धीरा परेश For Grap दम महियास मापसेवियया विहं विपरी
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
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