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________________ पत्राक विषय और प्रश्नादि पत्राक विपय और प्रश्नादि नो अमवसिझिक आहार अनाहार निर्णय ७३८ | दो प्रकार उपयोग कहा, J७५० (द्वार १) | साकारोपयोग थाठ नेद, शनाकारोपयोग धार' सही जीव हारफ अनाहारक भी है एष चैमा ने ७५१ , निझ पपन्त एफेंद्रिय विकलेद्रिय न पूछना नारको को कितने प्रकार उपयोग, साकारोपयोग ' एव प्रसन्नी मी कहना स्तनितकुमार तक ७३९ | ६, थनाकारोपयोग तीन प्रकार एव स्तमित वं मनुष्य मी, सिझ मनाहारक, सलेशी जीय कुमार पर्यन्त कहना ७५२ फा प्रश्न एकत्वपृषक से ७१० | पृथिवीकाय उपयोग प्रश्न यायनस्पतिकाय, दी। सम्पराष्ट्र जीव आहारक प्रश्न, द्वित्रिचतुरिन्द्रिय न्द्रिय प्रश्न, ७५३ छ मगा ७१२ | पर्चेद्रिय विर्यच जैसे नारको, मनुष्य जैसे शोषिक मयत भाहोरकानादारक निर्णय, एकत्व पृषक से सकपायी प्रश्न ७११/- वामद समाप्त जथा)
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
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