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________________ पत्राक विषय और प्रवनादि विपय और प्रश्नादि पत्राक फवलदर्शनी इनमें कौन फिस्से घोडा घणा है | १७० | इत्यादि | १७१ (११ द्वार पूर्ण जया) (१४ वा द्वार पूर्ण कथा) ॥ १२ द्वार कहै है॥ ॥ १५ वा द्वार कहै है ॥ जीय सयत श्वसयत सयतास यत नो सयस नो जीय नासक अन्नासक मैं फोन फिस्से घोगा | १७१ असयत नो सयतासयत इनमे कौन फिस्से घो| (१५ धा द्वार कहा) का इत्यादि १७०n 98 वां वार करते (१२ या द्वार कथा) जीय परित परिष्ठ नो परित्त नो थपरित में ___॥१३ या द्वार कहै है। फोन फिस्से थोमा घणा| १७१ | यह जीय साफारोपयोगी शनाफारोपयोगी में | कौन किस्से घोफा घणा इत्यादि प्रश्न | १७१। (१६ द्वार कथा) १७ द्वार कहते हैं। (१३ या द्वार पूर्ण कथा) 198षांद्वार कहते । कोनाकस धान पण जीव शाहारक अनाहोरेक में कौन किसी १७द्वार ऊधा)
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
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