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________________ - जे एस स्वानुं ओयणकोमीन एसखेतान सोयमकोमाको छायामविरकमेण ष्ासखेान जोयण फोको परिस्त्रेण सारयणामए अच्छे जाय पहिये तस्यण सोहम्मगदेयाण यप्तीस विमाणावास सहस्सा इवतीसि मस्काय तेण विमाणा सम्रयणमया यच्छा जाघ पहिरूमा तेसिण विमाणाण यज्ञ मज्कदेसनाए पचषप्रसएया पाता, त० - सोगबस सस बन्नबस ए चपगवन सए च्यवनसए मकं तत्स्य मोहम्मममए तेण वनसया सहरयणामया त्या जाव परिकथा, एत्यण सोहम्मगदेवाण पठार ण ठाणा प०, तिसुषि लोगस्स ष्पसस्वामागे तत्यण बहवे साइम्मगदेवा परिवसति महिड्डिया जाय पद्मा सेम्णा वेण सत्य साप २ विमामाषासमय सहस्साण साप २ ष्यग्गमहिसीण साप २ सामाणियसादस्सी पण एवं जहिया सहेय एतंसिपि जाणियच जाय ष्यायरस्कदवसाहस्सीज धनेसि च वर्ण सोह म्मगकप्पयासीण बेमाणियाण देवाण देवीणय छवि पोरेबच आव विहरति । सहतेय वेषिके देव पाच 10 देहाद्विमानाबादसहखाणि प्रबोति मापातम् वाति विमानात मामा पंचावतार मताप्रमापीनवस समस्यैवावरताको मध्ये पत्र सोचत पावसवाट रकममा च सोलावस्येयं धार्यतत्र २ महिनां स्वेव बा पानी स्वामि या तंत्र स्व र बिमानाबाद महानदार परि नहानामा तमतामपि प्रतिष्प पावसात्मरक्षकदे बसहजाका मन्येषा च मचूर्णा बोचवल्यवान देन देवीन चाधिपत्य बाबो देवन्द्र देवराजः परिवयति बच्चराणि। पुरदरवाचोबचमा पाक्कायवो दीवा
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
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