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________________ पिसायाण देवाण तिरियमसंखिता नोमेज्या नगराधाससय सहस्सा द्वषतीति मस्कायं तेणं जवणा अहा died aण तय जाणियो भय पछि त्यदाद्विगिल्लाण पिसायाण दधाण पाठापा साप ठाणा पाता । तिसुत्रि लोगस्स ष्ासखेज्य उजागे तत्यण यह दाहिणिल्ला पिमाया देषा परिवसति महिष्ट्रिया जहा चहिया जाव विहरति काले जत्य विनायक विसायराया परिवसति महद्वि० जाव पन्ना सेमाणं संण सत्य तिरियमसखेयाण नोमेज्जा मगराया मसय सहस्सा ण चउरह सामाणियसाहस्सीण चउराई arrafai सपरिवाराण तिगृह परिसाण सप्तरह अणियाण सप्तगृह यणियाहिण सोलसरहं छायर कदेवसाहस्सीण ष्यन्तंसिच षकूण दाडिजिल्लाण याणमतराण देषाणय देषीणय खाद्देषञ्च आय विहरति । सरलाणं पुच्छा गो० ! अहेय दाहिणिल्लाण वप्तया तष उप्तरिल्लाणपि नवरं मदरस्स पइयस्स उच्चरे ti महाकाले जय पिसायद पिसायराया परिषसति जाव विहरति एवं जहा पिसायाण सहा भूयाणंपि श्रीमनगराबाहलाबि भवतीति समाक्यातम् । ते प्रद वार्ना मित्राचा देवमासा , AWAITETA अपीयरभावकारी मान बहनो दाहिया तमाम प्रोम मननराबाबतसहखायां चतलवानामालाह परिवाराय तिला पर्वदां समानामनीकानां समानामनीकाचितीमा बोझामा बालरकडे या बहूनां दायित्व बानसराको देवानां देवगेन पित्याबदन्ति । चौतरिया पृथवा नौवन बर्षे दाहिन या वर्षबोधरिकाचा अपि भव मन्दरोहरको महाकाली विद्यावेन्द्रः पिशाचामा परिचय बायद्विहरति एवं बचा विचा
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
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