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पत्राक
विषय और प्रश्नादि
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विषय और प्रश्नादि | एफन्द्रिय द्वीन्द्रिय शारीरी वेदना वेदे शोर नही,
पंच मनुष्य व्यन्तर जैसे नारको कहा ७९, साता छसाता सातासात एम तीन प्रकार घेद ज्योसिपी का प्रश्न, नाह, नारकी को कौन वदना है एय सब जीव
(३५ या पद कहा) याबद्वैमानिक पर्यन्स ७८९ दुख सुख मिश्र ण्य तीन प्रकार येन्ना है, नारकी
॥३६ कहते हैं। को कौन वदना यावद्वैमानिक पयन्त| ७९० वेदन कपाय मरणे मुह गाथा सग्री , फितने थभ्युपगमिकी छोपक्रमिकी पय २ प्रकार वदना
___ समठात कहै| ७९३ नारको से चौरिन्द्री तक शोपक्रमिकी है, | वेदना समुहात शसख्य त सामयिफ शान्तर्मु 1-तिग्रंच मनुष्य में दो, प्यन्तर जाप्तिपी वैमानिक र्तिक , एच थाहारक तझ , केशलिसमुहास 1. को जैसे नारकी को फही से कहा ७९० शाठ सामयिफत, चारको को पार समस्त... अनिद्रा थनिदा नेव न दो घेदना , नारकी को कौन । असुरशुमार को पारसमति यतनिता वना प्रत्याद्वितिर्णय, एवः स्वनितकमा मारतक, पाययाकार को तीन नमु०, एय पूर्वन्तः प्रविधीकार्य प्रश्न एवं चौरिन्द्री,
ति चौरिद्री पर्यत, यायुकाय को घार समु० ७९.