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विषय और प्रनादि
पत्राक
भागोन, इत्यादि यक्तव्यता ३९५
३९५
एव कार्मण शरीर भी कहना नारकी को दोनो मोदारिक शरीर है यह भी मुक्त मी है ३६९ एव वैक्रिय भी, प्रहारक शरीर भी कहना ३९७ असुरकुमार शरीर वक्तव्यताधिकार, स्तनितकु - | मार पर्यत | ३९८ पृथिवीकाय को दो श्रदारिक शरीर, क्षेत्रकाल | से निरूपण ३९८ पृथिवीकाय को दो वैक्रिय शरीर, एव शेष श
भी कहना, अकाय तेजस्काय भी कहना, वायुको दो मोदारिक शरीर, दो वैक्रिय एव घोष शरीर भी कहना, द्वीन्द्रिय को दो यदा ।
विषय और प्रश्नादि
पत्राक
रिक, एव चतुरिन्द्रिय पर्यंत कहा सवं शरीर | ४०० पचेन्द्रिय तिर्यंच भी इसी तरह कहना वैक्रिय में विशेष है | १०१
४०१
मनुष्य को दो छोदारिक शरीर है, इत्यादि (१२ वा शरीर पद पूर्ण ऊषा )
कितने प्रकार परिणाम, दो नेद जीव परिणाम पोर जीव परिणाम ४०७ जीव परिणाम, गति परिणाम यादि नेद से १० प्रकार है। ४०७ | गति परिणाम वार प्रकार है ४ गति नँद से, हद्रिय परिणाम ५ नंद है, कपायपरिणाम 8 नेद, लझ्या परिणाम ६ नेद | १०८