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विषय और प्रश्नादि
पत्राक
विपय और प्रसनादि
पत्राक | याग निराध समय निढपणाधिकार
८४५ -शोलशिकालनिरूपणाधिकार -चार कमप्रकृप्ति युगपत् खपाय औदारिक सैजस - फार्मण त्यजे जुधणि पाके अस्पृशद्गप्ति हो
के मुक्त होय सिछ होय ८१७ | अशरीर जीवधन इत्यादि सिटु पक्षणनिइपण ८१७ | निच्छिमास दुस्का सिदत्व निरूपण लक्षण गापा ८१८
(समुदधात पद ३६ पूर्ण कहा)
' चतुर्प उपाग प्रज्ञापना सूत्रानुक्रमणिका ।
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