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विषय और प्रश्नादि पत्रांक विपय और प्रश्नादि पत्राक नारकी पर्याप्त नारकी पणे फितने काल तक रहै|
एय मन धधनकाय योगी| ५५६ हत्यादि अधिकार ५१९ योगी योगीपणे, सधेदक सवेदकपणे इत्यादि सइद्रिय सइद्रियपणे काल से कबतक होय इत्यादि| ५४९
निर्णय ५५७ एष पर्याप्त चपर्याप्त का चालाया कहा ५५० एष खी पुरुषवेद नपुसकर्वेद प्रश्न, शुधेद प्रश्न, ५५९ सकाय सकायपणे, प्रधिवीकाय धियीकायपणे, सकपाई प्रश्न, ग्य क्रोध माया मान लोन कपायी एव अप्तेजवायु ५५१
शकषायी निर्णय घनस्पतिकाय प्रश्न, प्रसकाय प्रसकायपणे, थ सलेशी का प्रश्न एव ब ले० श्योका आलाया क काय शकायपणे, एव प्रसकाय पर्याप्त थपर्याप्त
हना शुलेशी नी ५६१ तक कहा ५५२ सम्यग्दृष्टि सम्यग्दृष्टिपने इत्यादि निर्णय ५६२ सूक्ष्म पृषिषी थप्तेज वायु बनस्पति , एव वा ज्ञानी ज्ञानीपने कालसे कयतक इत्यादि प्रश्नोतर ५६३
दर जी ५५४ | विनग ज्ञानी चक्षुदर्शनी थचक्षुदर्शनी शवधिद चादर निगोद प्रश्न,
र्शनी का प्रश्न ५६५ सयोगी सयागीपणे काल से कितने काल हो
| सयत असयत संयतासयत प्रश्न